सुनसान सड़क पर 155 बेस्ट  शायरी sunsan sadak shayari in hindi

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sunsan sadak shayari in hindi सुनसान सड़क पर शायरी  के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। अक्सर जिदंगी के अंदर सुनसान सड़क पर ही काम करना पड़ता है। तभी तो हमें जीवन के अंदर सफलता मिलने के चांस रहते हैं।सुनसान सड़क पर शायरी की इंसान को जरूरत तब होती है। जब वह काफी अकेला महसूस करता है। और अकेलेपन के अंदर इंसान को इसी तरह की शायरी काफी अधिक पसंद आती हैं। यदि आप भी अकेले हैं। और अपने अकेलने पन के दर्द को बयां करना चाहते हैं तो फिर आप सही जगह पर आयें हैं। और यह आपके लिए बेस्ट साबित हो पाएंगी ।

इक अकेली सड़क है, सूनी सी रात है,

दिल में उदासी, आँखों में बात है।

………..

मर जाने को जी करता है सुनसान सड़क पर ,

अकेले जी रहे हैं यारो जिदंगी के तड़क पर ।

…….

सुनसान सड़क पर बिजलियां गिरती रही ,

हम मुसाफिर चलते रहे ,

और वह रूकने की विनतियां करती रही ।

sunsan sadak shayari in hindi

…….

अकेले आए थे

अकेले जाएंगे ,

इस सुनसान सड़कर पर चलकर ,

हम दुनिया को दिखाएंगे ।

……..

सोने को खरा होने के लिए

आग मे जलना पड़ेगा ,

कामयाब जिदंगी मे होने के लिए ,

सुनसान सड़क पर चलना पड़ेगा ।

sunsan sadak shayari in hindi

…….

यह सुनसान सड़क

और यह शैतान राहें ,

जीयें तो जीयें कैसे ,

कुछ इस तरह हैं दुश्मनों की

हम पर निगाहें ।

……

राहें सूनी हैं, मंज़िल अधूरी है,

दिल बेकरार है, पर चलना ज़रूरी है।

……..

सुनसान सड़क पर एक दांस्ता लिखदेंगे ,

मुहब्बत है हमें तुमसे ,

निभाना जरूर इसे ,

खुदा का वास्ता लिखदेंगे ।

सुनसान सड़क पर शायरी

…….

आज इस सुनसान सड़क पर

अकेला हूं मैं ,

मेरी सजा है यह ,

बहुतों के दिलों से खेला हूं मैं ।

……

चल रहा हूँ मैं अकेला, साथ है बस साया,

ये सुनसान राहें देखकर मन भर आया ।

……

सूनी सड़क​ पे उठा तूफान ,

उजड़ गई राहें ,

ले गया दिल के अरमान ।

……

जब तक जान है ,

​सुनसान राहों पर चलेगे ।

खुद को बदल डालेंगे ,

और वक्त के साथ ढ़लेंगे ।

सुनसान सड़क पर शायरी

……

सुनसान राहों को देखकर

जी बहुत घबराता है ,

मगर क्या करें ,

यही तो हर किसी को लुभाता है।

……

शौक सारे खत्म कर दिये हमने ,

रिश्ते सारे हज्म कर दिये हमने ,

जब से सुनसान सड़कों के संग

कदम कर दिये हमने ।

……..

कत्ल करना है ,

तो करो बेवफाओं का ,

अगर पानी है सफलता ,

तो सफर करो सुनसान राहों का ।

वीरान सड़क शायरी

………

सूनी सड़क पे बारिश की आवाज़,

दर्द बहुत देता है यारो ,

जीने का यह अंदाज ।

…….

सुनसान सड़क पर अकेले चल रहे हैं ,

साथी सारे पीछे छूट गए ,

और हम इस धूप मे जल रहे हैं।

…….

अब तूफान भी आए ,

तो रूकेंगे नहीं ,

अब अगर इस सुनसान सड़क पर

शैतान भी आए तो झुकेंगे नहीं ।

……….

जिस दिन छोड़ दोगे अपने डर को किनारे ,

फिर सुनसान सड़क के सफर

लगेंगे बहुत प्यारे ।

वीरान सड़क शायरी

…….

चलते हैं जो बेसाखी के सहारे ,

जो सुनसान सड़कर पर

भी कहां हारे ।

……

चुप्पी इतनी कि दिल की धड़कन सुनाई दे,

ये सूनी सड़क, ये अंधेरा कुछ भी

यहां ना दिखाई दे ।

…….

हवा के झोंके जैसे कोई साया छू गया,

यह सूनी सड़क है ,

बस मैं गलती से यहां चू गया ।

………

कदमों की आवाज़ गूंजती है इस खामोशी में,

इस सूनसान सड़क पर पी रहे हैं सिंगार

और चल रहे हैं बेहोशी मे ।

वीरान सड़क शायरी

………

जिस सड़क पर

तूने हमको भेजा है ,

वो सड़क नहीं है यार ,

सचमुच  मेरा कलेजा है।

……

डर लगता है इन सुनसान

सड़कों से ,

मगर दूर भी तो नहीं

रह सकती इन लड़कों से ।

……

यकीन नहीं था ,

इन सुनसान सड़कों पर दिल की धड़कन

मिल जाएगी ,

पता नहीं था गुलाब की तरह

हमारी जिदंगी मे खिल जाएगी ।

खाली सड़क शायरी

……

यह सुनसान सड़क है पगली

मेरा घर नहीं ,

तूने तो निकाल दिया

हमें अपनी जिदंगी से

अब हमें किसी का डर नहीं ।

……..

सुनसान सड़कर पर डर भी लगता है ,

दूरदराज मे चमकती रोशनी मे

किसी का घर भी लगता है।

…….

प्यार की भी एक हद होती है ,

अक्सर भूल जाते हैं लोग ,

जो सुनसान सड़क पर मुहब्बत होती है।

खाली सड़क शायरी

……..

आसमान मे बादल नहीं

फिर भी बरसात है।

इक सुनसान सड़क पे चल रहा हूँ अकेला,

हर कदम पर यादों का साया साथ है।

……..

खामोश हैं फ़िज़ाएँ, सन्नाटा गहरा है,

सुनसान सड़क पर जैसे

किसी का साया ठहरा है।

संघर्ष के रास्ते पर शायरी सुनसान सड़कों पर डोलते लोग ।


दोस्तों आपको पता ही है , कि जीवन एक संघर्ष है। और इस संघर्ष के अंदर हर कोई जीत नहीं पाता है। असल मे कुछ लोग ही होते हैं। जोकि इस काम को दिन रात करते रहते हैं। और वे अंत मे काफी तेजी से सक्सेस हो पाते हैं। और हो सकता है कि मेहनत करोगे तो आप भी कामयाब हो जाएंगे ।

……

जख्म अगर गहरा हो

तो भी भर जाता है ,

पा नहीं सकता वो अपनी मंजिल कभी ,

जो सुनसान सड़क से डर जाता है।

………

कोई कहता है

सुनसान सड़कों पर अक्सर भूत रहते हैं ,

मगर क्या जाने हकीकत वो लोग ,

जो अक्सर धारों के संग बहते हैं।

खाली सड़क शायरी

…….

खराब था नसीब अपना ,

वह विरान सड़कर पर छोड़

कर चली गई ,

क्योंकि दिल था गरीब अपना ।

…….

उसकी बातों को कभी

दिल पर लेने का नहीं ,

बहुत कुछ मिलता है

सुनसान सड़कों पर

मगर किसी को देने का नहीं ।

………

इस विरान सड़क के पास

चिता मेरी जला देना ,

कलेजा शेर का था ,

यह लिखवा देना ।

…….

चाँदनी रात में सड़क सोई हुई है,

मगर अपनी जिदंगी तो ,

इस विराने मे खोई हुई है।

sunsan sadak shayari

……..

गम का इलाज गम करेगा ,

बेवफा का इलाज रम करेगा ,

चलो विरान सड़कों पर

तभी कमाल जिदंगी मे

हर कदम करेगा ।

……..

सूनी सड़क पे मेरी परछाई भी साथ छोड़ गई,

फिर वो कैसे साथ आ सकती थी ।

……..

दिल की तन्हाई को

मिटा नहीं पाया मैं ,

चलता रहा विरान सड़कों पर

मगर कुछ भी गा नहीं पाया मैं ।

sunsan sadak quotes

……….

तेरी यादों ने बहुत सताया हमें ,

मगर तेरी बेवफाई ने ,

सुनसान सड़कों पर चलना सिखाया हमें ।

sunsan sadak

……….

वक्त के साथ सब कुछ

विरान हो जाता है ,

वक्त अगर खराब होता है ,

तो खूबसूरत शहर भी श्मशान हो जाता है।

……..

जो तुम्हें पसंद नहीं

उसको छोड़ दो ,

जो शीशा आपकी परछाई नहीं

दिखा सकता उसको तोड़ दो ,

मिल जाएगी मंजिल एक दिन

बस खुद को विराने से जोड़ दो ।

…….

विरान राहों का डरावना सफर था ,

मैं बस अपनी मस्ती मे चलता रहा ,

हर तरह के सायों से बेखबर था ।

sunsan sadak quotes

…….

अपनो से क्या दुश्मनी करते हो ,

अगर करनी है दुश्मनी तो शैतान से करो ।

अगर विरान राहों का करो सफर

तो शान से करो ।

sunsan sadak quotes

……

रात की हवा में सिसकियाँ गूँजें,

दूर से आती है कोई हँसी।

वो सड़क जो दिन में इतनी सुनसान,

रात को जाग उठती है जैसे।

sunsan sadak shayari और अकेलापन पर शायरी ।


दोस्तों यहां पर कुछ खास अकेलापन पर शायरी दी गई हैं। यदि आप काफी अधिक दुखी हो चुके हैं। और अकेलापन महसूस कर रहे हैं। तो फिर यह शायरी आपके काम आएगी । दिलकश अंदाज के अंदर यह शायरी प्रस्तुत की गई हैं। मनमोहक अंदाज के अंदर आपको पसंद आएगी ।

………

सुबह होते ही गायब हो जाती है वो,

जैसे कोई सपना हो जो टूट गया।

रात को फिर सुनसान सड़कर पर

मुझे नजर आएगी ,

लगता ऐसे जैसे कोई अपना रूठ गया ।

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विराने मे मनाने जाता हूं

तो दिखाई नहीं देती ,

मेरी आवाज उसको सुनाई नहीं देती ,

करूं तो क्या करूं

जीने यह तन्हाई नहीं देती ।

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उसकी आँखों में है कोई अधूरा ग़म,

या शायद वो खुद ही किसी का ग़म है।

सूनी सड़क पे मिली जो लड़की,

वो मेरी ही तन्हाई का अक्स तो नहीं?

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उसकी चाल में है कोई राज़ छुपा,

नीली साड़ी में लिपटी कोई दास्ताँ

ऐसा लगता है मेरा है

उससे गहरा वास्ता ।

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अंधेरे ने घेरा है, पर डरता नहीं हूँ,

मेरी रौशनी तो खुद मेरे अंदर है।

जब तक साँस है, जब तक दिल धड़के,

इस सुनसान राह पे मैं थमता नहीं हूँ…

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रात की चुप्पी में सन्नाटा बोलता है,

सुनसान पगडंडी पे साया डोलता है।

हर कोई सोता है, बस मैं जागता हूँ,

अधूरे ख्वाबों की कहानी लिखता हूँ…

…….

सड़कें सूनी हैं, बस हवा का शोर,

दिल में उदासी, आँखों में है ज़ोर।

……

कभी रात के सन्नाटे में सुन लेना,

कोई चल रहा है, धीरे-धीरे रो लेना।

…….

इक इतिहास की कहानी है तू ,

जो बीत गई वो जवानी तू ।

सुनसान रस्तों के लिए

बड़ी परेशानी है तू ।

………

खुदा ना करे

जिदंगी मे फिर से वो मुकाम आए ,

सुनसान सड़क पर हों हम

और फिर तेरा इंतकाम आए ।

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अंधेरे से दोस्ती कर लिया कर ,

अगर चलना ही है सुनसान सड़क पर

तो खुद से बातें कर लिया कर ।

……..

शौक तो बहुत है महंगी कारो का ,

मगर डर है सुनसान नजरों का ।

……..

कुछ राते एहसास बन जाती हैं ,

कुछ सड़के इतिहास बन जाती हैं ,

आ जाता है जिन पर दिल अपना ,

वो अपने लिए खास बन जाती हैं।

……….

तेरे लिए अकेले सड़कों पर

जी रहे हैं हम ,

ना मंजिल मिली ना किनारा ,

इसलिए खूब पी रहे हैं हम ।

……

इस सुनसान सड़क पर

प्यार की तलास करता हूं मैं ,

कभी कभी हवाओं मे

उसका एहसास करता हूं मैं ।

……..

सुनसान सड़कों मे भूल से निकल गए हम ,

हाशिल तो कुछ हुआ नहीं ,

मगर मौसम मे ढल गए हम ।

……

तेरा दीदार भी जरूरी है ,

तेरा प्यार भी जरूरी है ,

सुनसान सड़कों पर चलना

हमारी भी मजबूरी है।

……

दुश्मन मिले भले ही हजार ,

मगर बीबी ना मिले छिनार ,

वरना फिर हो जाएगा ,

सुनसान सड़कों से प्यार ।

…….

सुनसान सड़कों पर बिताया

वक्त याद आता है ,

अक्सर गम खुशी के बाद आता है।

……..

दिल का दर्द बेच देते हैं हम ,

धूप मे अक्सर खुद को सेक देते हैं हम ,

रस्ता हो अगर सुनसान ,

तो बेवफा प्यार को यूं ही फेंक देते हैं हम ।

…….

यूं तो तेरी गलियों मे मेरा

आना जाना था ,

तलास कोई नहीं कर पाया मुझे ,

क्योंकि सुनसान गलियों मे मेरा ठिकाना था ।

……..

हद से गुजर जाने वाले लोग नहीं हम ,

भटकेंगे सुनसान राहों पर ,

यूंही सुधर जाने वाले लोग नहीं हम ।

………