हम आपके लिए लेकर आएं हैं। talak par shayari कुछ बेहतरीन तलाक पर शायरी । जोकि आपको पसंद आएगी । वास्तव मे तलाक एक बेकार फैसला होता है। और हर कोई नहीं चाहता है , कि उसका जिदंगी मे तलाक हो जाएग । मगर जो होना होता है। वह किसी के बस मे नहीं होता है। और होकर ही रहता है । चाहे हम कितना भी प्रयास करें ।दोस्तों कई बार हमारे रिश्तों के अंदर इस तरह के मोड़ आ जाते हैं , कि हमें तलाक लेना ही पड़ता है। और हम चाहकर भी कुछ कर नहीं पाते हैं। वैसे भी यह सही है कि जहरीले रिश्तों से बचने का यही एक तरीका है। यदि आप भी इन रिश्तों के अंदर फंस जाते हैं , तो फिर बहुत बार बचाने की कोशिश करते हैं। मगर यह बच नहीं पाते हैं। तो फिर किया ही जा सकता है। यहां पर तलाक पर शायरी दी गई हैं। यह आपके दर्द को बयां करने के लिए ही है।
तलाक के बाद कुछ बचेगा नहीं ,
दिल पर प्यार का सहरा
कभी फिर सजेगा नहीं ।
……
धोखा दिया आपने
तलाक देकर ,
खुद को बरबाद किया आपने ।

……
यूं तो तलाक रोज होते हैं ,
कुछ कातिल हसिनाओं ने
कमाई का जरिया ढूंढ लिया ।
…..
मुझ पर झूठे इल्जाम लगाकर ,
मौत का पैगाम लगाकर ,
खुद भाग गई यारों के संग ,
हम पर बेवफाई का नाम लगाकर ।

…….
होशियार लोग कभी झूंठे ख्वाब नहीं लेते ,
वफादार लोग कभी तलाक नहीं लेते ।
talak shayari in hindi तलाक पर कुछ दर्द भरी शायरी
दोस्तों तलाक के दर्द को व्यक्त करने के लिए कुछ दर्द भरी शायरी आपको दे रहे हैं। और यह काफी आकर्षक तरीके से दी गई हैं। आपको जरूर ही पसंद आएगी ।
तलाक का दर्द
हमसे लेकर तलाक
उनकी जिंदगी झुंड हो गई,
गई थी अच्छे यार की तलाश में,
जिंदगी तो और ज्यादा फंड हो गई।
नागिन सी
वह नागिन है, अक्सर डस लेती है,
शौक है उसे नए-नए मर्दों का,
बस जवानी का रस लेती है।
वफादारी
तलाक देना हमें आता नहीं,
जिसको अपना हमने एक बार बना लिया,
वो फिर कहीं जाता नहीं।
तकदीर
तलाक लेना हमारे तकदीर में नहीं,
जिसको हमने एक बार ठुकरा दिया,
तो समझो कोई खुशी उसके नसीब में नहीं।
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भले ही तलाक आज हुआ है ,
जिसने हमारी इज्जत को सेरे राह उछाल दिया ।
हमने तो उसे कब का दिल से निकाल दिया ।
……
उसे प्यार था धन और दौलत से ,
तलाक क्यों ना लेती वह ,
नफरत हो गई थी उसे
हमारी शौहरत से ।
……..
शादी तलाक लेने के लिए नहीं होती ,
भूल कर जाते हैं हम ,
कुछ हसीनाएं विश्वास देने के लिए नहीं होती ।

………
दिल जिसे हमने लगाया था ,
वह बेवफा थी साली ,
बना दिया हमारी जिदंगी को
दर्द भरी क्वाली ।
……
7 फेरों के सात
वचनों को भूल गई वह ,
लेकर तलाक ,
हद से ज्यादा वसूल गई वह ।

…..
बेवफाओं से यारो मुहब्बत
किया ना करो ,
वो घर बसाने के लिए नहीं
यूज करने लिए होती हैं।
……….
एक वफादार औरत ,
हजारो बेवफाओं से
भी बढ़कर होती है।
……
मर्द औरत की वफा
पर मरते हैं ,
वरना तवायफ
तो हर कोठे पर मिल जाती हैं।
…….
जो वफा की बात करती थी ,
वो खुद बेवफा निकली ,
लेकर हमसे तलाक ,
अपनी राह निकली ।

……
एक अच्छे इंसान के लिए
जान दो तो भी कम है ,
वो किसी एक की हो जाएं ,
बेवफाओं मे इतना कहां दम है।
…….
रिश्तों की डोर जब टूटने लगती है,
हर साँस में उदासी घुलने लगती है।
तलाक़ तो बस एक लफ्ज़ है,
ज़िंदगी की कहानी बदलने लगती है।
आंसू की खामोशी और तलाक का दर्द शायरी ।
जब किसी इंसान का तलाक होता है। तो आंसू तो आते हैं। हम उस रिश्ते को बचाना चाहते हैं। मगर हम बचा नहीं पाते हैं। और उस दसा के अंदर हमारे अंदर से आंसू निकलते हैं। हम चाहते हैं कि रिश्ता बचा रहे । मगर कुछ हो नहीं सकता है। जो होनी की मंजूर होता है। वही होता है।
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तलाक़ नाम है उस आँसू का,
जो खामोशी से बहता है।
बेवफा तू थी और रहेगी ,
यह सारा जमाना आज भी कहता है।

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झूठा हम पर इल्जाम लगाया ,
झूठा हमसे प्यार किया ,
देकर तलाक
कुछ इस कदर हमने
उससे व्यापार किया ।
…….
मोहब्बत का सफर जब थम जाता है,
रिश्तों का हर धागा बिखर जाता है।
तलाक़ की मुहर जब लग जाती है,
हर ख्वाब आँखों में मर जाता है।
……
ये भीगी पलकें, ये सूनी रातें,
बयां करती हैं टूटी हुई बातें।
तलाक़ तो बस रस्म है जमाने की,
दर्द-ए-जुदाई कहाँ कोई बांटें।

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तलाक़ वो फैसला है, जो अक्सर,
दो जिंदगियों को वीरान कर जाए।
वो मर सके ना फिर जी सके ,
कुछ इस तरह जिदंगी को श्मशान कर जाए ।
………
जिस दिन दिल से
हम निकल जाते हैं ,
उसी दिन रिश्ते सारे
नाते सब जल जाते हैं ।
…….
वफ़ा की कसमें, वादे सारे,
टूटे जब बेवफ़ाई के मारे।
तब पास आने लग जाते हैं
तलाक के किनारे ।
……
हर मौसम बेकार लगता है ,
जब अपना ही कोई
फरार लगता है ,
क्यों ना ले तलाक ,
जब दूसरा कोई
हमसे ज्यादा दीदार लगता है।

………
तुम्हारी यादों का सिलसिला भी अजीब था,
एक वक़्त था जहाँ तुम ही तुम थे,
आज सब कुछ बदनसीब था ।
…..
परवाह न थी उसे जामने की ,
भाग गई यारो के संग ,
नई नई तरकीब निकालती थी ,
वह हमें सताने की ।
……
तलाक लेना क्यों तुम चाहती हो ,
अगर मन की बदल गया है ,
तो फिर क्यों बार बार याद आती हो ।

……
कुछ दूर से कत्ल करती हैं ,
कुछ रिश्तों मे आकर कत्ल करती हैं ,
जब तक नहीं ढ़लती जवानी ,
यूं ही उछल कूद करती हैं।
…….
उसे बहाना मिल गया हमसे अलग होने का ,
उस बेवफा को क्या पता ,
गम क्या होता है , किसी को खोने का ।
…..
एक वक्त था ,
जब हमारा होने के लिए
वह मरी जा रही थी ,
और जब तोड़ा दिल
तो बदनामी पर बदनामी करी जा रही थी ।
…….
हम जोरू के गुलाम नहीं थे ,
जितने इल्जाम तुमने हमपर लगाए ,
उतने भी हम शैतान नहीं थे ।
……
हमने भी चाहा था साथ निभाने को मगर,
तुमने तो बस एक ख़्वाब सा दिखा कर छोड़ दिया…
……..
जब रिश्ते मे बेवफाई की बू
आने लग जाए ,
तलाक ले लेना तब
जब रिश्ता तुम्हें फसाने लग जाए ।

……
इश्क़ में हार तो हम भी गए हैं मगर,
तुमने तो हमें हर चीज़ से बेगाना कर दिया…
तलाक लेकर हमसे ,
खुद को ही विराना कर दिया ।
…….
शादी नाम है उम्र भर साथ निभाने का ,
मगर अफसोस कुछ हसीनाओं ने
बहाना ढूंढ लिया अमीरों को फसाने का ।
……
प्यार की कसमे खाने वाली ,
हमारे लिए जान देने वाली ,
आज हमे अदालतों मे
बेइज्जत कर रही है।
……
अगर राम जैसा पति चाहिए ,
तो खुद मे सीता होने का
दम भी होना चाहिए ।
……
जो बिकती है मुहब्बत बाजारों मे
उसकी खरीद ना किया करो ।
जिस कुत्ते के मुख पर
खून लग जाए ,
उसे वफादारी की उम्मीद ना किया करो ।

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सुन बे दिलों से खेलने वाली ,
सुन बे मेरी जिदंगी मे जहर घोलने वाली ,
रोएगी एक दिन खून के आंसू ,
झूठ पे झूठ बोलने वाली ।
…….
तू कद्र क्या जाने
शादी जैसे रिश्तों की ,
तुझे परवाह है तलाक
से मिलने वाली किश्तों की ।
……
रिश्तों मे जब घूस जाती हैं सरकारें ,
तब यूं ही चलती हैं
बेगुनाहों पर तलावारें ।
……..
मुझे छोड़ने की धमकी
तो रोज देती थी वह ,
तलाक के बाद वह भी
बदल गया जिसे मौज देती थी वह ।
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जब वक्त खराब होता है ,
तो कोई दलील काम नहीं आती ,
जब तलाक होना ही होता है ,
तो फिर वह खुशी वाली फिर शाम नहीं आती ।
……
जला दिया उसने
हमारी शादी की तस्वीरों को ,
बेहतर तलास कर रही थी ,
अब कोस रही अपनी तकदीरों को ।

…….
बेवफाई भी वह हमसे करे ,
बरबाद भी वह हमको करे ,
और हम उसे मेंटेनेंस दे
ऐसा कभी हो नहीं सकता ।
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असली अदालत है खुदा की ,
वहां पर कभी माफी नहीं होती ,
तेरी जैसी बेहुदा की ।
…..
हम डरते नहीं
कोर्ट और कचहरी से ,
कौन तलाक चाहता है ,
यह नहीं छुपा है
दुनिया के प्रहरी से ।
……..
धीरे धीरे दर्द दिल मे उठता रहा ,
कहां तक सहता मैं भी ,
दरिया तलाक का
उसके दिल मे फिर बहता रहा ।

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दिल को ना सकून कहीं था ,
सोचा था जिदंगी भर का साथ है ,
मगर मैं आज भी वहीं था ।
……
जब अपने ही छोड़ रहे हैं ,
तो दूसरों से शिकायत क्या करते ,
वो जाने को तैयार बैठे हैं ,
तो खुदा से इनायत क्या करते ।
……
मेरे हमसफर अब मेरे नहीं रहे ,
वो किसी और के हो गए ,
अब जिदंगी मे वो सवेरे नहीं रहे ।
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आज बरसात भी दर्द भरी लगती है ,
छोड़कर चले गए हमको ,
बेरूखी हर घड़ी लगती है।
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कभी हमने उसपे सितम नहीं किया ,
कभी हमने उससे प्यार कम नहीं किया ,
फिर भी लिया हमसे तलाक ,
हमपे कोई रहम नहीं किया ।
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तेरा साथ कितना प्यारा था ,
सारा हसीन नजारा था ,
मगर उन्हें तो कोई और
फंसारा था ।

……
कागज पर लिखा नाम
आसानी से मिटता नहीं ,
तलाक ले भी लोगे ,
तो भी यादों का समंदर
कभी घटता नहीं ।
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ना उनको कोई शर्म ना कोई शंका ,
लेकर तलाक हमसे ,
हम ही बेवफा थे
बजादिया दुनिया मे डंका ।
……
कहती थी पैसा नहीं है तेरे पास ,
तू भूल जा अब मेरे सारे एहसास ।
……
ना कोई अपना था ,
ना कोई मीठा सपना था ,
सब धोखेबाज थे ,
हमें ही बस तड़पना था ।
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लब अब खामोश हो गए ,
सुनकर तलाक का नाम
हम तो बेहोश हो गए ।
……
वो बादल ही किसी और के थे
बारिश ही क्या करते ।
सारा शहर बेवफा निकला ,
उनसे तो हम गुजारिश ही क्या करते ।
……..
अक्सर दूर के रिश्तों से
दीदार हो जाता है ,
मरते दम तक सहते हैं बेचारे ,
जिनको बेवफाओं से प्यार हो जाता है।
…….
जिदंगी भले ही घूठन जैसी है ,
जो किसी और की हो गई ,
वो हमारे लिए जूठन जैसी है ।
……..
हर जगह हमारा एहसास करने वाले ,
आज तलाक की बात कर रहे हैं ,
हमारे संग रास करने वाले ।
……..
कह रहे हैं हमसे
कि तुझ मे यह बुराई थी
तुझमे वो बुराई थी ,
अगर इतने ही बुरे थे हम
तो क्यों जिदंगी हमारे
संग बिताई थी।
……
आज तलाक की बात करते हैं वो ,
फिर छुप छुप कर यारों से
मुलाकात करते हैं वो ।
……..
कोई मतलब नहीं है 7 वचनों का ,
राक्षस लोग भला कहां
वचन निभाने लगे ।
……
वादा निभाएगा वो
जो सच्चा इंसान होगा ,
तलाक देगा वो ,
जो खुद बेईमान होगा ।
…….
तलाक के बाद
अपना हिस्सा लेने वह आई थी ,
बोली तुमसे सो गुना अच्छा मिला ,
यह कहकर खूब इतराई थी ।
……..
ना उसे मान मर्यादा की परवाह थी ,
ना उसे अपने रिश्ते की चिंता ,
तलाक का भी ना बोला ,
हमें बस दफनाना चाहती थी जिंदा ।
…….
कुछ हसीनाओं को तलाक मे मजा है
तब तक मुहब्बत करना भी एक सजा है ।
…….
उसने कहा शौक नहीं हमें
तेरे संग रहने का ,
फिर हमारे पास कुछ
ना बचा कहने का ।
…….
दिल मे उसके किसी और
के लिए प्यार आया ,
तब तलाक का नाम ,
हर बार आया ।
…….
अपने यारों के संग मिलकर
हमारा कत्ल करने की योजना
वह बना रही थी ,
ऐसी औरत के संग रहना ही क्यों
जो किसी और को चाह रही थी ।
…….
आसानी से तलाक के
पेपर पर उसने साईन किया ,
जैसे कुछ हुआ ही नहीं ,
उसके यारों ने उसको
आफर फिर वाइन किया ।
……
हमें जलील करती रही वह
कोर्ट और कचहरी मे ,
जैसे सारी बुराई हम मे थी ,
खुद पाक साफ थी हर प्रहरी मे ।
…….
पैसा भी उसको मेरा चाहिए ,
मगर संग किसी और का चाहिए ,
छुपते हुए का क्या करेगी ,
सूरज भी उसे भोर का चाहिए ।
……..
हमने छोड़ दिया उसको
उसके हाल पर ,
जो अपनों की नहीं हुई ,
वो एक दिन खाएगी चांटा
वक्त का अपने गाल पर ।
……..
जो आज प्यार दिखा कल वही
यूज करके छोड़ देंगे ,
फिर बात भी नहीं करेंगे ,
सारे वादे तोड़ देंगे ।
…….
अगर इतना ही प्यार था ,
तो तलाक लिया क्यों था ,
अगर इतने ही पसंद हम नहीं थे ,
तो रिश्ता किया क्यों था ।
……..
दूर से चमकती हर चीज
सोना नहीं होती ,
झूठा प्यार तो कोई भी दिखा सकता है ,
मगर हर कोई दिल की मोना नहीं होती ।
……..
बेवफाई और तलाक का जवाब
तुझे वक्त देगा ,
झेल नहीं पाओगी दर्द उसका ,
वो जवाब इतना सख्त देगा ।
…….
हम भी तलाक लेने का कह सकते थे तुझे
अगर तू हमारी अमानत नहीं होती ।
सुन ऐ बेवफा ,
उपर वाले की अदालत मे
जमानत नहीं होती ।
…….
प्यार मे हम कभी धोखा नहीं देते ,
यह अपना वसूल है ,
तलाक तो वही मांग रही है ,
वरना हमारे लिए तो जो रिश्ता बन गया ,
वह हर जन्म मे कबूल है।
……..
अगर प्यार ही नहीं था ,
तो शादी का दिखावा क्यों किया ,
अगर तलाकही लेना था ,
तो हमसे यह छलाव क्यों किया ।
………
अक्सर फंस जाते हैं ,
घाट घाट का पानी पीने वाले ,
और लुट जाते हैं उनके चक्कर मे
सीधे साधी जिदंगी जीने वाले ।
……..
प्यार तो कुर्बानी का नाम है ,
यह तलाक और कुछ नहीं ,
बस एक ढलती हुई शाम है।
……
हर रोज जिस तरह शाम ढलती है ,
एक दिन तू भी उसी तरह ढल जाएगी ।
……..
मत कर जोर जवानी का ,
ऐ बेवफा तलाक लेकर अंत करदे ,
इस कहानी का ।
…….
मेरा प्यार
तेरा धोखा
तेरा तलाक
मेरा खाक
कुछ इस तरह
जिदंगी बनी अभिशाप ।
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चांदनी रात पर 177 बेस्ट शायरी जो आपके दिल को मस्त बना देगी ।
