payal par shayari पायल पर शायरी हम आपको बताने वाले हैं। यदि आप यहां पर अपनी किसी चाहने वाली को शायरी सैर करना चाहते हैं , तो आप उनके लिए कुछ अच्छी शायरी को चुन सकते हैं। और उनको यह जरूर पसंद आएगी । हम यहां पर कुछ खास शायरी आपको दे रहे हैं। उम्मीद करते हैं , कि आपको पसंद आने वाली हैं।
हम करने लगे हैं तुझ से प्यार ,
मस्त लगती है तेरे पायलों की झंकार ।
………
ना तेरी पायलों का कसूर है ,
बस तेरी खूबसूरती ही
जमाने मे बहुत मशहूर है।

……..
दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे ,
किसी दिन हम और आप ,
पायलों मे ही रह जाएंगे ।
……..
पायलों का शौर ,
तेरे हंसने का भोर ,
कसम से अच्छा लगता है
यह दौर ।
……
पायल तेरी मस्तानी ,
हसीन है तेरी जवानी ,
आजा बना लें एक कहानी ।

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शैतानियत भरी वों आंखे ,
खूबसूरती भरी बातें ,
झनकार पायलों की
करदे बैमोसम बरसातें ।
……..
पायल तेरी एक अल्हड़ सी मस्तानी,
दिल मे जगा दे यह जवानी ।
……..
पायलों की आवाज तेरी
दिल का सकून चैन ले गई ,
हम तो जाना ही नहीं चाहते थे
तेरे शहर से ,
मगर आशिकों की वेन ले गई ।

……
झम झम करती फिरे कबूतरी सी ,
आंखों को भा गई वो चबूतरी सी ,
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तेरे पायलों की आवाज
धीरे धीरे सुन लेते हैं ,
सूरत मे क्या रखा है ,
हम तो आवाज से ही
दिलरूबा चुन लेते हैं।
……..
आएं हैं तेरे दर पर ,
पैरों मे पायल ,
और अच्छा लगता है दुपट्टा सर पर ।

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ख्वाबों मे भी तेरी यह पायल
किताबों मे भी तेरी यह पायल ,
कुछ इस तरह कर रही हमें घायल ।
……..
तेरे शहर मे आएं हैं ,
मुसाफिर की तरह ,
सुना दे अपने पायलों की
आवाज एक राहगिर की तरह ।
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तेरी पायलों की अदा पर
मर जाउं मैं ,
कभी कभी जी करता है ,
यह जिदंगी तेरे नाम कर जाउं मैं ।
……..
जब तेरी पायलें बजती हैं ,
तो दिल मे खूबसूरत
यादें सजती हैं।

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डोली भी उठाएंगे ,
बारात लेकर भी आएंगे ,
तेरे पायलों की झंगार ,
साथ लेकर भी आएंगे ।
……
खूबसूरत लगती हो तुम परी सी ,
चांदी की पायलों के साथ ,
क्यों रहती हो तुम डरी सी ।
……
हमें भी दिखादे अपनी
पायलों का जलवा ,
बोर हो गए हैं शनम
बनाते बनाते हलवा ।

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काश हम हवा होते ,
तो तुझे छूकर गुजरते ,
काश हम पायल होते ,
तो तेरे पैरों से होकर गुजरते ।
……..
इक हसीना ,
एक जमाना ,
कहां है उस पायल वाली
का ठिकाना ,
जरा हमें बताना ।
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सुनने को झंकार तेरी पायलों की ,
तड़प कर रह गए ,
दूर नहीं जाना चाहते थे तुम से
सो सड़क पर रह गए ।

……..
करती है घायल
बिना हथियार के ,
आजकल पहनती है वो पायल ,
बिना झंकार के ।
……
ना चाकू की जरूरत
ना छूरी की ,
पायल है चीज
सबसे जरूरी की ।
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दोस्त हो तो अंधेरे जैसा ,
शमन हो ते तेरे जैसा ,
पैरों मे पायल हो ,
तो लगे सवेरे जैसा ।

……
बालों की खूशबू अच्छी है ,
क्यों पहनकर दिखा रही हमें पायल ,
आशकी मे अभी तू कच्ची है।
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हर कोई तुझे देखना
चाहता है जब तेरी लत लगती है ,
पहनकर पायल साली
और मस्त लगती है।
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आशिकों की लाइन लगी है ,
उसके घर के बाहर ,
हम भी खड़े हो कर
करने लगे इंतजार ,
फिर आने लगी
धीरे धीरे पायलों की झनकार ।
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पता चल जाता है
यारो दिल की खामोशी का ,
तेरी पायलों की झनकार
और कुछ नहीं नशा है
बेहोशी का ,

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बड़ी कशिश है तेरी निगाहों मे ,
सफर आसान हो जाता है ,
जब पायल की झनकार
आती है राहों मे ।
…….
हम तेरे बाहों मे ,
तू हमारी बाहों मे ,
बस तेरी पायल की झनकार है ,
जिंदगी की फिजाओं मे ।

……
ना सताया करो ,
ना रूलाय करो ,
पहनकर पायल
हमें दिखाया करो ।
……..
“कानों में पड़ी जब तेरी पायल की झनकार,
दिल ने कहा—’यही है प्यार का इजहार!
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यह दिल समंदर ना हो जाए ,
प्यार बांटने के लिए नहीं तेरा ,
डरता हूं कभी कभी ,
यह पायल की झनकार ही खंजर ना हो जाए ।

……….
हर जगह तेरा एहसास करते हैं ,
जब तू पहन कर चलती है पायल ,
ख्याल हम भी तेरा खास करते हैं।
……..
हमें सदियों से जिसकी तलास थी ,
हमें नहीं पता था पायल उसकी
प्यार का पहला एहसास थी ।
……..
तेरा यूं सजना संवरना ,
दिल को बैचेन कर जाता है ,
पहनकर पायल यूं चलना ,
हर किसी को डिटेन कर जाता है।

……..
रानी है तू मेरे ख्वाब की ,
पायलों की झनकार तो
देखो उस जनाब की ।
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हर छनक में छुपा है एक राज़,
तेरे बिन अधूरी है हर बात।”
दिल लुट लिया
और ले गई जज्बात ।
……..
मुस्कान तेरी लाजवाब है ,
होंठ तेरे शराब है ,
झनकार तेरी पायलों की
प्यार भरा तालाब है।
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दिल शैतानी ,
दिमाग शैतानी ,
आजा गले से लगा ले हमें भी
ओ मेरी पायलों की रानी ।
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जी चाहता है
तुझ से प्यार करने को ,
मगर डर जाते हैं ,
सुनते हैं जब पायलों
के झरने को ।
……
दिल से दिल मिला ले ,
होठों से होठ मिला ले ,
पहनकर आजा पायल
और गले से लगाले ।
……..
शरबत से मीठी है तू ,
गुलाबी गुलाबी सीटी तू ,
झनकार तेरी पायलों की
अनूठी है तू
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“पायल सी छनक तेरी, दिल में उतर जाए,
जैसे बारिश की बूंदें, खिड़की से टकराएं…
…….
हम तेरे गुलाम होने को तैयार हैं ,
एक बार तेरी पायलों की खनक
का हमें इतजार है
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ना निकला कर श्मशान के पास
से पहनकर पायलों को ,
कहीं मुर्दे जिंदा ना हो जाए ।
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उड़ते परिंदे से पूछो ,
बहती हवा से पूछो ,
कैसे ही झनकार तेरी पायलों की
इस दिल से पूछो ।
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देखकर तुझे हर कोई जलता है,
हर बार तेरी पायलों का जादू चलता है ।
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पायल तेरी मेरे दिल को बहकाती हैं ,
मन नहीं लगता फिर किसी मे
यह इतना इतराती हैं।
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“पायल की छनक सुनकर, दिल हुआ बेकरार,
इश्क़ ने दस्तक दी, खुल गया दरवाज़े-यार…
……….
हर किसी से दिल ना लगाया ,
झनकार अपने पायलों की
हर आशिक को ना सुनाया कर ।
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तेरी पायलों की झनकार ने
रात भर जगाये रखा ,
यह दिल भी क्या करता ,
तूने जो आलम बनाये रखा ।
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हर स्कूल और हर गली मे ,
यह पायलों की खनक
जिदंगी के हर नली मे ।
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ना गांव अछूते रहे
ना शहर अछूते रहे ,
तेरी पायलों से इतना
प्यार कर बैठे
कि तुझे भुलकर तेरी
पायलों को छूते रहे ।
……..
दूर तुझ से हो नहीं सकते ,
सपनों मे तेरे खो नहीं सकते ,
सुनकर तेरी पायलों की झनकार
चैन से सो नहीं सकते ।
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कुछ कमाल तेरी पायलों ने किया ,
कुछ धमाल शाहिलों ने किया ,
यह कैसी है तीरछी नजर तेरी
यह सवाल कुछ घायलों ने किया ।
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तरबूज चाकू पर गिरे
या चाकू तरबूज पर ,
घायल तो तरबूज को ही होना है।
……….
ना सूरत का कमाल है ,
ना सीरत का ,
बस यह तेरी पायलों
का बवाल है।
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तेरे आशिकों ने
सारे शहर मे बवाल कर दिया ,
नहीं सुनाई दी जब तेरी पायलों की आवाज ,
खुद को ही कंगाल कर दिया ।
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फनाह हो गए इश्क करते करते ,
अब सुनते हैं झनकार तेरी पायलों की
कुछ डरते डरते ।
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दिल का हाल तू सुनाया कर ,
है जो बात मन मे वो बताया कर ,
खनकाकर अपनी पायलों को
हमें ना सताया कर ।
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एक दिन तुझ से गुलजार करेंगे ,
और कुछ नहीं तो आंखे चार करेंगे ,
सुनाई देगी जब पायलों की झनकार तेरी ,
आशिक अपने आप प्यार करेंगे ।
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देकर लहू जिगर का
यह रोग हमने पाला ,
हमें क्या पता था ,
यह और कुछ नहीं
बस खेल पायलों का है निराला ।
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आजा मेरी सांस मे बस जा तू ,
आजा मेरे हर एहसास मे बस जा तू ,
सुन बे पायलों वाली दूर रहा नहीं जाता अब
आजा हमारे पास मे बस जा तूं।
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सुनते हैं झनकार तेरी पायलों की ,
दिल की खुशी के लिए ।
खुद को बैचेने रखते हैं ,
उसी के लिए ।
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जिदंगी की डोर टूट जाए तो क्या ,
साथ तेरा छूट जाए तो क्या ,
अगर साथ है तेरी पायलों का
तो फिर कुछ भी फूट जाए तो क्या ।
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मस्त अदाओं वाली ,
सुन बे काली घटाओं वाली ,
अपनी पायलों को काबू मे रख ,
सुन बे तिरछी निगाहों वाली ।
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थोड़ा थोड़ा इश्क तुझ से करने लगें हैं ,
सुनकर तेरी पायलों की खनक
हम भी तुझ पर मरने लगे हैं।
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बेताबी सांसों की कही नहीं जाती ,
यह खनक पायलों की
अब हमसे सही नहीं जाती ।
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चाँदनी रातों में पायल की आहट सुनकर,
बेताब साँसें तेरा नाम लेने लगीं।
हम कह कुछ नहीं पाय ,
वह खुद ही हमसे कहने लगी ।
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तू हमारे दिल मे कभी थी नहीं ,
यह तो तेरी पायलों का कमाल था ,
वरना तू भी ऐसी वैसी नहीं ।
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फिर वो अंधेरी रात आई है ,
साथ मे तू और तेरी
यह पायल साथ आई ।
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बिना पायल तू कुछ भी नहीं है ,
यह पायल का कमाल है
कि लाखों आशिकों का धमाल है।
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नैन मटका करते करते ,
कब दिल लगा बैठी ,
पता नहीं कब हो गया
यह नटका करते करते ।
…….
आशिकों की दुनिया मे
तेरी पायलों ने कमाल किया ,
हम कुंवारे तो थे नहीं
फिर भी तूने हमकों बेहाल किया ।
……..
रेप पर 102 दिल तोड़ने वाली शायरी दर्द भरी बेलगाम अपराध शायरी
