चांदनी रात पर 177 बेस्ट  शायरी जो आपके दिल को मस्त बना देगी ।

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चांदनी पर शायरी chandni par shayari हम आपको यहां पर बता रहे हैं। प्यार मुहब्बत के अंदर चांद और चांदनी का रोल काफी अहम होता है , और ऐसी स्थिति के अंदर इनके उपर खूब सारी शायरी लिखी गई हैं। यहां पर हम आपको इसके उपर लिखी जाने वाले कुछ बेहतरीन शायरी के बारे मे बता रहे हैं। चांद  पर शायरी आपके दिल को सकून देने वाली है।

चांदनी रात का नजारा हो ,

आशिक जरा आवारा हो ,

नदी के बीच मे तुम और हम हो

ना फिर उसका किनारा हो ।

………

चांदनी रात मे तू उजाला बनकर आई ,

दिल खुश हो गया मेरा ,

जब तू खूबसूरत बला बनकर आई।

चांदनी पर शायरी

……

वह हसीन चांदनी रात थी ,

दिल से निकली बारात थी ,

मौसम हसीन हो  गया ,

जब तू साथ थी ।

…….

हर चांदनी रात मे तू

और हसीन हो जाती है ,

जब चलती है तू

तो जमीन भी रंगीन हो जाती है।

chandni par shayari

…….

बीच समंदर मे मेरा घर हो ,

चांदनी रात मे साथ हम सफर हो ,

मौसम दिलदार हो जाता है फिर ,

अगर पास पास अपना घर हो ।

…..

हमें शौक है चांदनी रातों मे पीने का ,

मजा नहीं आता है यारा ,

तेरे बिना जीने का ।

chandni raat par shayari

……..

चांद से प्यारी चांदनी ,

चांदनी से प्यारी रात ,

और रात से प्यारे ,

आपके जज्बात ।

…….

सब तेरे हुस्न की करामात है ,

यह और कुछ नहीं चांदनी

रात मे खुशियों की बारात है।

…….

चांदनी रात मैं बैठकर

शायरी लिख रहे हम ,

तेरे और मेरे मिलन की

एक डायरी लिख रहे हम ।

चांदनी रात पर शायरी 2 line

…….

आंखों ने जब चांदनी

रात मे तुझे देखा था ,

प्यार का पहला पास

हमने तुझ पर ही फेंका था ।

……

चांदनी रात मे जब वह

मुस्कुराती है ,

तो ऐसा लगता है जैसे ,

अपने को ही बुलाती है।

चांदनी रात पर शायरी 2 line

……..

चांदनी रात की खामोशी मे ,

तेरे प्यार की बेहोशी मे ,

कब पागल हो गए ,

पता ही नहीं चला ,

प्यार के भरोशे मे ।

…….

मेरे चांद आजा तूझे

अपनी जुल्फों मे सजा  लूं ,

अपना सब कुछ तुझे देकर

अपना बना लूं ।

………

जी करता है चांदनी रात मे

तेरे संग शादी रचा लूं ।

डर लगता है खोने का

जल्दी से तुझे अपना बना लूं ।

चांदनी रात पर शायरी in hindi

…….

चांदनी रात का सपना है तू ,

कभी कभी लगता है ऐसा ,

जैसे मेरा अपना है तू ।

…….

अंधेरे को कोई अपना नहीं पाता ,

चांदनी रात मे कोई आ नहीं पाता ,

दिललगी नहीं हो तो

कोई किसी को चाह नहीं पाता ।

……..

चांदनी रात की हसीन रातें ,

मदहोश कर देती हैं कभी कभी

यारा तेरी प्यार भरी बातें ।

चांदनी पर शायरी

……..

आंखों मे तेरे प्यार का

सपना लिये जी रहा हूं ।

बैठकर अकेला ,

चांदनी रात मे पी रहा हूं।

…….

चांदनी रात मे

सज रही है दुल्हन ,

हसीन सपने आंखों मे

कुछ मदहोशी सी है यारा

उसकी बातों मे ।

chandni par shayari

……..

चांदनी रात का कत्ल करके ,

वह आ गई अकेली

हमारे लिए चल करके ।

……..

चांदनी रात मे सितारों

का आना जाना था ,

मुहब्बत नहीं यह

बस एक विराना था ।

……..

चांदनी रात मे दूर उसका ठिकाना था ,

वह अपनी तो थी ही नहीं ,

बस अपने होने का उसका

एक बहाना था ।

chandni raat par shayari

……..

खुले आसमान मे ,

चांदनी रात के विरान मे ,

कसमे उसने खाई थी जीने

मरने की इसी श्मशान मे ।

……..

श्मशान मे खामोश पड़ें हैं हम ,

साली चांदनी भी अब दर्द देती है ,

मर्दे लाश पड़े हैं हम ।

…….

तेरे प्यार का जख्म

कभी भरेगा नहीं ,

आशिक तेरा चांदनी

रात मे फिर प्यार करेगा नहीं ।

chandni raat par shayari

…….

ना चांद चाहिए ,

ना चांदनी चाहिए ,

हमें तो बस तेरा

साथ चाहिए ।

…….

तुम चांदनी बन जाओ ,

चांद हम बन जाएंगे ,

तुम प्यार बन जाओ ,

एहसास हम बन जाएंगे ।

………

चांदनी रात मे

चांद का टुकड़ा नजर आती हो ,

कैसें करले तुझ से कोई मुहब्बत

जब तुम बेखबर नजर आती हो ।

……

यूं तो तू खुद चमकता हीरा हो ,

लगता है कभी कभी ऐसे जैसे

चांद चांदनी से घीरा हो ।

……

बारिशों मे चांदनी रात

की हरकते सताती हैं ,

वह क्या कर रही है

पल पल की खबर

कान मे आकर बताती हैं।

……

चांदनी रात मे तुझे देखा

तो देखता ही रह गया ,

नहीं मिली तू मुझे

पास तो मैं फेंकता ही रह गया ।

……..

चलो चांदनी रात हम बन जाएं ,

तेरे प्यार मे कुछ कर गुजर जाएं ।

…..

जब से तूने यह चांदनी का

किरदार लिया है ,

लगता है ऐसा जैसे ,

परी को खुदा ने जमीन

पर उतार लिया है।

……

तेरी मुहब्बत चांदनी की तरह है ,

रात मे​ निकलती है ,

और दिन पर सूरज की रोशनी मे

अपनी जिदंगी जलती है।

……

रात को ठंडक का एहसास

यह चांदनी देती है।

​मगर दिन मे तेरी

याद अक्सर दिल मे रहती है।

…….

जिस दिन चांद को

चांदनी से इश्क हो जाएगा ,

उसी दिन परवाना तेरा

कहीं खो जाएगा ।

……

रोज होता है चांद से

चांदनी का मिलन ,

मगर अपना आशिक

तो है एक विलन ।

…..

चांद को चांदनी का

सहारा मिला ।

मस्त खुशी भरा नजरा मिला ,

क्या कहें सबको हमें आप

जैसा साथी प्यारा मिला ।

……

खुशनसीब हैं हम जो

हमारी चांदनी से बात होती है ,

मगर बदनसीब भी हैं

बस सपनों मे यह मुलाकात होती है।

………

ना चाँद का ख्वाब है, ना सितारों की चाहत है।

हमें तूने बेवफा कहकर ठुकरा दिया ,

बस इसलिए दिल है हमारा आहत ।

……

बड़ा हसीन लगता है

चांदनी रात मे चेहरा तेरा ,

मेरे दिल पर अक्सर

रहता है पहरा तेरा ।

…….

कितना भी करले

चांदनी से इश्क ,

मगर इसमे है

बस रिस्क ।

……

देखकर उस चांदनी को

तेरी याद आ जाती है ,

तून नहीं है दिल मे

मगर फिर भी तेरी

तन्नहाई वर्षों बाद आ जाती है।

……..

आपके आगे फीके हैं चांद सितारे ,

आपकी एक मुस्कान से

दिल धड़क जाते हैं हमारे ।

आपके बिना कैसे यह

जीवन गुजारें ।

…..

तुम चांद की चांदनी

से कम नहीं हो ,

ऐसा कैसे हो सकता है कि

हमारी मुहब्बत मे दम नहीं हो ।

……

चांद कभी अपनी चांदनी

को खत्म नहीं करता ,

तू किसी और की हो जाए

यह बात दिल हज्म नहीं करता ।

……

जिस दिन चांद से चांदनी

नाराज हो जाएगी ,

उस दिन समझ लेना यारो

अपनी दुनिया बरबाद हो जाएगी ।

……..

जिस दिन टूटेगा गरूर चांदनी का ,

उस दिन लिखेंगे शायर शायरी

बरबादी का ।

……

चांदनी के संग जिस तरह

से रिश्ता हमारा है ,

जैसे चांद के पास एक

सितारा है।

…….

चांदनी रात मे

छत पर आ जाया करो ,

मुहब्बत करते हैं तुम से

कभी तो नैन मिलाया करो ।

……..

छत पर निकलती है जब

वह चांदनी बनकर ,

कलेजा मुंह को आ जाता है ,

जब चलती है वह शैतान

बनकर ।

……

चांद के लिए चांदनी जीती है ,

आपके लिए ही तो मेरी

प्रीती है।

…..

कोई मेरी चांदनी को

अपने आंगन मे उतरने ना देगा ,

बाप है उसका जल्लाद ,

उसके संग गुजरने न देगा ।

……

रात भर चांद

अपनी चांदनी को निहारता रहे ,

खुमारी प्यार की आहिस्ता आहिस्ता

उतारता रहे ।

……

आसमान मे है चांद

और जमीन पर चांदनी ,

कैसे होगी दोनों की दोस्ती

सुन बे जाटनी ।

…..

मुहब्बत थी तो

चांद की चांदनी सकून देती थी ,

कभी उसकी एक अदा

 दिल को सकून देती थी ।

…….

तेरे सामने चांद की

चांदनी भी फीकी पड़ जाए ,

तेरी मुहब्बत हमसे ना

दिखी पड़ जाए ।

…..

बैचेन इस कदर था ,

कि रात पर सो ना सका ,

उस चांद की चांदनी को

एक पल भी आंखों से खो ना सका ।

……

चांद को प्यार चांदनी से

हो ना सका ,

लाख जतन कर लिये

फिर भी तेरी याद मे

पूरी रात सो ना सका ।

……

जब चांद की आंख

चांदनी से लड़ी थी ,

तो हर जगह उसके लिए

बस वही खड़ी थी ।

……

सपने झूठे किसी को

दिखाया ना करो ,

अगर नहीं है प्यार चांदनी से

तो यूं बातें बनाया ना करो ।

…….

चांदनी रात मे

अगर आप हो साथ मे ,

तो जीने का मजा ही

कुछ और है बरसात मे।

…….

चांद को चांदनी की

कोई खबर नहीं है ,

वह जिसे ठोकर मार

कर गई है ,

वह जिंदा लाश है

मेरी कोई कब्र नहीं है।

……

चांद सितारों मे

नजर आए चेहरा आपका ,

यह हो गया है ,

जब से दिल पर हुआ

है पहरा आपका ।

……

मेरी तरह क्या तू भी

चांदनी रात मे तड़पती है ,

आग सीने मे मिलन

की तेरी भी क्या भड़कती है।

……

यह आंखों की शैतानियां ,

चांदनी रात मे तेरी मेहरबानियां ,

कैसे भूल जाएं वो कुर्बानियां ।

……

चांद अपनी चांदनी को

छिपाया ना कर ,

है अगर किसी से प्यार

तो दुनिया वालों को बताया ना कर ।

…..

कुछ चांदनी रातों के

सपने दिखाकर छोड़ देते हैं ,

कुछ बीच रस्ते मे छोड़ देते हैं।

……

जिसे चांदनी समझकर पूजा था ,

उसी के दिल मे कोई दूजा था ।

……

सीने का दर्द को पहचान नहीं पाता ,

चांदनी रात मे कोई जान नहीं पाता ।

यूं ही गुजर जाएंगे यह पल ,

जिदंगी मे कोई एहसान नहीं पाता ।

……

इश्क करना है , तो चांदनी

रातों से किया करो ,

अगर प्यार करना है किसी को

तो शूरूआत मीठी बातों से

किया करो ।

……..

चांद चांदनी की दुहाई देता है ,

प्यार कुछ भी नहीं है यारो ,

बस जुदाई देता है।

……

चांदनी रात का हसीन नजारा हो ,

फिर आप से ना कोई प्यारा हो ,

जरूरत नहीं हमे किसी की

बस आपका सहारा हो ।

…….

सीने मे दर्द लिये जीये जा रहे हैं ,

तू नहीं है साथ मे तो

चांदनी रात को बस पीये जा रहे हैं।

……..

काश हमारी किस्मत मे

भी एक चांदनी आ जाए,

देखकर चांद को वह

हमारे अंदर समा जाए ।

…….

रात को चांदनी रात मे

इक टूटता तारा देखा ,

बिना प्यार के पहली

बार तेरा सहारा देखा ।

……

चांदनी रात का खेल

रात भर चला ,

सुबह उठे तो देखा

अपना बदन श्मशान मे जला ।

…….

फूल बिछे हो चांदनी

तेरी राहों मे ।

हम चाहते हैं बस इतना

दम निकले बस तेरी बाहों मे ।

…….

एक चाहत हमारी आपके

दिल मे बस जाने की ,

एक चाहत हमारी ,

आपको अपना बनाने की ,

चांदनी रात मे आपके संग

सब कुछ लुटाने की ।

……

प्यार हो तो

चांद की चांदनी जैसा हो ,

जिदंगी हो तो अंबानी जैसी हो ।

…….

मेरी तेरहवीं पर जरा

भी वह रोई नहीं थी ,

चांदनी रात मे फिर

कैसे लोग कह रहे थे ,

कि मेरी याद मे वह सोई नहीं थी ।

…….

जिस तरह चांद आसमान

के चक्कर लगाया करता है ,

उसी तरह हमें बार बार

तेरा सपना आया करता  है।

………

ओढ़के चुनरिया

चांदनी रात मे नाचने की जी करता है ,

मेहंदी तेरे नाम की हाथों पर

राचने को जी करता है।

…….

चांदनी की हसीन रात हो ,

तेरे हुस्न मे कोई बात हो ,

दिल मचल जाए दिवानों का

आंखों मे तेरे इस तरह की

करामात हो ।

……

चांद को चांदनी ने

बहका दिया ,

प्यार करना हमें भी

तेरी खूबसूरती ने सीखा दिया ।

…….

मत कर गरूर ऐ चांदनी

अपनी खूबसूरती पर ,

दुनिया चरित्र पर मरती है

ना की बदसूरती पर ।

…..

आप वो चांद की चांदनी हो

जो दिल को सकून देती है ,

मन को कुछ ना कुछ नया

करने का जनून देती है।

……..

चांद की चांदनी मे वह

छत पर आया करती है।

प्यार से मेरा नाम

गुनगुनाया करती है।

……..

जी करता है ,

चांदनी रात मे तेरी

आंखों का काजल बन जाउं।

अगर लगे तुझे धूप

तो छांव देने के लिए

इक बादल बन जाउं ।

……

अक्सर वह शर्मा जाती है

चांद की रोशनी मे ,

दिल जिगर क्या करे ,

ऐसी सोचनी मे ।

……

यूं तो चांद मे भी दाग

होता है ,

मगर चांदनी उसकी

बेदाग होती है।

……

चांद की चांदनी मे

तू गुनगुनाया कर ,

मुहब्बत वाले किस्से

अक्सर फोंन पर सुनाया कर ।

…….

चांद की चांदनी मे

किसी की तलास है ,

बुझती नहीं जो

प्यार इक ऐसी प्यास है।

…….

चांद की रोशनी से

रोशन हर रात होती है ,

दिन सकून से गुजरता है ,

जब उससे बात होती है।

…….

चांद भी तेरी खूबसूरती का गुलाम है ,

तेरी मुहब्बत से रंगी चांदनी सी

हर एक शाम है।

……

बहकी बहकी नजरों से

बहकाया न कर ,

चांदनी रात मे आंख मारकर

हमें सताया न कर ।

……

चांदनी रात मे बेसहारा और टूटा सा लगता हूं ,

तूने दिया दर्द इतना ,

कि दुनिया के सामने झूठा सा लगता हूं ।

………

पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,

यह चांदनी रात है ,

तेरे मेरे प्यार की बरसात नहीं समझती ।

…….

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