मांग भरने पर 150 बेहतरीन और मस्त शायरी

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mang bhari shayari मांग भरने पर हम आपको कुछ शायरी बता रहे हैं। और उम्मीद करते हैं। कि हमारा प्रयास आपको पसंद आएगा । मांग हर महिला के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको एक महिला का ख्याल रखना चाहिए ।

मांग तेरी तारों से सजाएंगे ,

बारात लेकर एक दिन तेरे घर ,

जरूर आएंगे ।

…….

कुछ हसीन पल हैं जिदंगी के ,

मांग भरने के बाद ,

उम्र लंबी हो जाएगी इस बदंगी के

mang bhari shayari

…….

मांग तेरी सदा चमकती रहे ,

जिदंगी तेरी दमकती रहे ,

खुदा खुशियां दे तुझे सारे जंहा की ,

हर पल तू खुशी से चहकती रहे ।

………

मांग तेरी एक दिन अपने हाथों से भरेंगे ,

तुझे पाने के लिए जानम सारी दुनिया से लड़ेंगे ।

………..

मांग भर दो सिन्दूर की,

खुशियाँ भर दो नूर की,

ताकि वो लगे परी हूरी की ।

mang bhari shayari

……….

जीवन बन जाएगा सुहाना,

मांग भरकर तुझे है ,

हमें अपना बनाना ।

……..

भर दो मेरी जिंदगी प्यार से,

सजा दो मेरी मांग सिन्दूर से,

फिर निहारते रहना हमें ,

दिल के नूरू से ।

……….

मांग भरोगे ,

तो भी पछताओगे ,

नहीं भरोगे तो भी पछताओगे ,

बस इसी कसमकसम मे ,

तुम एक दिन फंस जाओगे ।

mang bharna shayari

……

तू है खूबसूरत सितारों जैसी ,

मांग है तेरी बहारों जैसी ,

दोस्ती है तेरी दिलदारों जैसी ।

…….

यह जिदंगी एक दिन ,

तेरे नाम कर जाउंगा ,

तू नहीं नहीं चाहेगी ,

फिर भी तेरी मांग मैं ,

खून से भर जाउंगा ।

mang bharna shayari

……….

अपना बनाया है तुझे ,

देकर जिगर का लहू ।

तेरी यह मांग ही ,

बेवफा निकली ,

अब किसे कहूं ।

……

मांग में सिन्दूर जब सजेगा,

दिल में प्यार तब बसेगा,

हर पल खुशियों की बरसात होगी,

तेरी मोहब्बत ही साथ होगी।

mang bharna shayari

………

जब तक सिन्दूर ये रहे माथे पर,

तेरा ही नाम रहे ,

दिल के हर इक इरादे पर ।

……..

ना किसी की मुह​ब्बत अधूरी हो ,

मांग भरने की दुआ ,

मेरी भी एक दिन पूरी हो ।

……..

खुशियां देंगे तुझे सारे जंहा की ,

मगर मिटने ना देना कभी ,

मांग अपनी निगाह की ।

……..

खिली है जो गुलशन में वो खूबसूरत कली,

माथे पे सजी है जो सिन्दूर की लाली,

दोनों ही हैं मोहब्बत की निशानी,

एक है बहार की, एक है जवानी।

mang bharna shayari

………..

तू कली है बहार की ,

भरकर मांग जब निकलती है ,

खूबसूरत कली है इस ससांर की ।

………

कली की मुस्कान, मांग की शान,

दोनों ही हैं मोहब्बत की पहचान,

एक खिलती है बहार बनकर,

एक सजती है प्यार बनकर।

………

जैसे बाग़ में खिलती है कोई नाजुक कली,

वैसे ही मांग में सजता है सिन्दूर लाली,

दोनों ही दिल को लुभाते हैं,

जैसे प्यार की राह दिखाते हैं।

mang bharna shayari

………

आजा तेरी जिदंगी की ,

इक खूबसूरत कहानी बन जाउं।

भरदे मांग मेरी ,

सदा के लिए तेरी रानी बनजाउं ।

……….

मेरी यह मांग आज खास है ,

दूर रहकर भी तेरे प्यार का एहसास है।

……….

दिल से चाहेंगे तुझे ,

जिस दिन भरदोगे मांग मेरी ,

कसम से सपनों मे भी ,

तड़पाएंगे तुझे ।

………

वो मांग जो सजती थी सिन्दूर से,

वो बेवफा निकली ,

बस दिल को भा गई थी दूर से ।

मांग पर शायरी

……..

कभी सिन्दूर था माथे की शान,

आज वही मांग बन गई है जख्मों का निशान…

………

तेरा नाम लिखा था जिस मांग में,

वो हर लकीर तोड़ दूं मैं ,

वो कहीं का नहीं रहता ,

जिसे छोड़ दूं मैं ।

…….

मांग भरने वाले हाथों ने,

आज मेरी मोहब्बत को लूट लिया…

लगता है खुदा भी आज हमसे रूठ लिया ।

…………

सिन्दूर तो धोया जा सकता है,

लेकिन धो न सकूँगी तेरी यादों की लकीरें।

आज टूट गई कभी ना टूटने वाली जंजीरें ।

मांग पर शायरी

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तेरे बिना जिदंगी अधूरी सी लगती है ,

प्यार मे मांग जरूरी सी लगती है ,

…….

दिल से चाहा है तुझे ,

मांग तेरी भरकर ,

अपना बनाया है तुझे ।

……….

मेरी हर दुआ तेरे नाम कर दूँ।

फिर हो जाएगी तू मेरी ,

मांग भरकर खुशियां भरी

हर शाम करदूं ।

……

तू जरूरत है इस दिल की ,

जिस दिन भरेंगे तेरी मांग ,

रौनक बढ़ जाएगी महफिल की ।

………

जब तक है साँसें, तब तक है यही ख्वाहिश,

तेरे सिंदूर की लाली कभी फीकी न पड़ने दूँ।

मर भले ही जाउंगा ,

मगर साथ कभी न छूटने दूं ।

…….

“तुम्हारी यादों का दिया जलाए रखता हूँ,

अँधेरी रातों में खुद को तुम्हारा बताए रखता हूँ।

जब से मांग भरी है तेरी ,

कसम से सपनों मे भी तुझे अपना बनाए रखता हूं ।

………

अगर तुम जिदंगी भर साथ निभाने का वादा करो ,

​तो फिर दिल से मैं तुम्हारी हो जाउंगी ।

……..

बन जाऊँ मैं तुम्हारी हर खुशी की निशानी।

मेरी मांग प्यार से भरदो तुम ,

फिर देखना कैसे बीतेगी यह जिदंगानी ।

……….

“तेरी मांग में भर दूँ रंग गुलाल के,

खुशियों की बौछार कर दूँ प्यार के।

फिर मजे लेना तू इस संसार के ।

…….

हर पल तू नाचे, बस यही अरमान रखूँ!”

मांग भरकर तेरी ,

दिल मे तुझे हर शाम रखूं ।

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माथे पर मांग सजे और होंठो पर लाली ।

तेरी हंसी की मस्ती निराली,

ऐसे रंग में डूबे ये प्यार की प्याली!

…………

“मांग में सिंदूर, होठों पे गाना,

दिल में मेरा बस जाना-पहचाना।

………….

शराबी नज़र, मस्त अदाएँ तेरी,

दिल करे बन जाऊँ तेरी हर खुशी का सहारा ।

अपनी मांग मे सजाले मुझे

मैं हूं तेरी जिदंगी का तारा ।

…….

दिल करे तो आ जाया करूंगा ,

मौसम करे तो गाया करूंगा ,

जिस दिन मांग भरकर आएगी मेरे नाम की ,

क​सम से तुझे बहुत चाहाया करूंगा ।

……..

“मांग में भर दो खुशियों का रंग,

जीवन बन जाए ये मस्तियों का संग।

……….

इश्क तेरे संग लड़ाएंगे ,

इक दिन मांग भरकर तेरी ,

तुझे अपना बनाएंगे ।

………..

यह बेताबी सी क्यूं है ,

मौसम मे यह खराबी से क्यूं ।

मत छुपाया करो मांग को ,

हमसे ज्यादा दूसरों से मिलने मे

बेताबी सी क्यूं है।

………

“तेरी मांग पे लिख दूँ प्यार की कहानी,

तेरी मुस्कान बन जाए मेरी रूह की रवानी।

……..

“चाहे जितनी भी बीत जाए उम्र हमारी,

तेरी मांग का सिंदूर ना होगा कम प्यारी।

हर साल तेरे साथ बिताया है जैसे,

लगता है अभी कल की है शादी हमारी।”

………..

“हर बरस तेरे साथ नया रंग लाता है,

प्यार की ये डोर और भी मजबूत बनाता है।

तेरी मांग का सिंदूर और मेरी आँखों का सपना,

ये साथ हमारा उम्र भर का वादा निभाता है।”

………..

गिनती रह गई उम्र की हम तो,

प्यार के मायने समझते रहे हम दो।

तेरी मांग की लाली और मेरी मुस्कान,

ये बताते हैं हम अभी भी हैं जवां दो।”

………

मैं क्या हाल जानूं दुनिया ,

मेरी दुनिया तो तू है ,

जब से भरी है तूने मांग मेरी ,

मेरी जिदंगी का सबसे बड़ा

सवाल तो तू है।

……..

तेरी मांग में सजे हैं बादल,

ऐसे लगते हैं जैसे सपने छाए हों।

हर बूंद तेरे नाम की बरसे,

मन में प्यार की फुहार लाए हों।

………..

बादल छाए, मांग सितारों से भर जाए,

तेरी याद की रौशनी चाँद को भी मात कर जाए।

हर घटा में तेरा ही नाम गूंजे,

मेरे दिल की धड़कन तुझसे ही कुछ कह जाए।

……..

खूब दिल तुझ से लगाएंगे ,

मांग भरकर एक दिन तुझे

अपना बनाएंगे ।

……….

मत पूछो मिजाज मौसम का ,

चेहरा आज मांग से खूब सज

रहा है मेरे यार गुलशन का ।

……..

चेहरा तेरा गुलाब है ,

आंखे तेरी ख्वाब है ,

और मांग तेरी ,

सबसे लाजवाब है।

……..

इस मांग ने जोड़ दी

दो दिलों की डोरी ,

अब क्या खूब लग

रही है तू छोरी ।

………

पंछी यूं ही गाते रहेंगे ,

मांग तेरी हर जन्म मे

हम सजाते रहेंगे ,

खुद से ज्यादा तुझे

हम यूं ही चाहते रहेंगे ।

……..

मेरे दिल की धड़कन है तू पिया ,

तेरे बिना जीया तो क्या जिया ।

……..

लाखों मे इक हसीन चेहरा है तू ।

मांग तेरी खूब सज रही है ,

अब तो मेरे दिल मे बसेरा है तू ।

……….

दिल तो आवारा था पहले से ही,

तेरी नज़र ने कर दिया बेहाल।

मांग तो तेरी चांद की तरह चमक रही है ,

और पूछ रही है हमारा हाल चाल ।

…….

मेरे दिल को निढाल किया तूने ।

मांग माथे पर क्या भरी ,

तेरी खूबसूरती ने बेहाल किया मुझे ।

………

सजदे में झुकी है जो तेरी मांग,

उसमें बिजली सी तेज़ी है…

दिल तो आवारा है मेरा मगर,

तेरे इश्क में अब भीगी है..

………

हाले दिल सुनाएं तो सुनाएं कैसे ,

मांग मे सिंदूर लेकर ,

वह किसी और की हो चुकी है ,

उसे चाहें तो चाहें कैसे ।

……….

इक दिन मौसम भी बदल जाएगा ,

जिस दिन तू हो जाएगी अकेली ,

यह बंदा ही तुझे संभालने आएगा ।

………

मांग भरकर एक दिन

किसी और की हो जाएगी तू ।

फिर नहीं मिलेगी कभी ,

इस दुनिया मे खो जाएगी तू ।

………

रात भर बादल यूं ही गरजते रहे ,

तुझे अपना बनाने के बाद भी

हम प्यास से तड़पते रहे ।

…….

चाहा तो बहुत कुछ है तुझ से ,

मगर तेरी मांग ना भर सके हम ,

यह हो ना सका मुझ से ।

………

दिल तो कायर नहीं था ,

तेरी बेवफाई ने कर दिया ऐसा ,

वरना मैं भी शायर नहीं था ।

……….

जब तेरी मांग देखकर उड़ती हैं तितलियां ,

तब अपने ही गिराते हैं ,

दिल पर बिजलियां ।

……..