bike par shayari attitude bike shayari 2 line in hindi बाइक पर शायरी हम आपको यहां पर बेस्ट शायरी बता रहे हैं। बाइक सिर्फ़ एक मशीन नहीं, एक जुनून है, एक आज़ादी है!चाहे तेज़ हवाओं का एहसास हो या सुनसान सड़कों का सन्नाटा—ये दो पहिए हमारे दिल की धड़कन बन जाते हैं।
उसे ख्वाइस है चांद सितारों को छूने की ,
मगर मेरी तमन्ना है , बाइक के संग पीने की ।
……..
बाइक अपनी हवा से बातें करती है ,
वह हमसे मिलने के लिए हर
रोज आंखों से बरसातें करती है।
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बाइक चलाने का मन तो हमारा भी है ,
आगे हम पीछे हसीना ,
मस्त यह नजारा भी है।

………
बाइक का होर्न सुनकर
वह घर से बाहर आई ,
देखकर हमें वह
मुस्कुराई ।
……..
अक्सर बाइक फिसल जाती है बरसातों मे ,
क्या हासिल नहीं हो सकता ,
अगर जान हो इरादों मे ।
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बाइक पर आया था मेरा बलमा ,
आजा पीछे बैठ जा बाइक पर
क्या कर रही है तू सलमा ।

……..
आसमान मे बरसात हो ,
और बाइक पर तेरा साथ हो ,
तो कैसे फिर कंट्रोल यह जज्बात हो ।
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हर रात रंगीन नहीं होती ,
तेरी तरह हर बाइक
यूं हसीन नहीं होती ।
……….
मजा तो राहों मे बाइक के संग चलने का है ,
अगर फिर साथ हो तेरा ,
तो फिर इस दिल तो मचलने का है।

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हमने तो बाइक के आईने को किस्स किया था ,
वह समझे हमने उसको छेड़ा है।
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जब हम बाइक से गिर गए ,
तो वह उठाने के लिए दौड़ी आई ,
फिर आंखों मे उसके आंसू
की धार नजर आई ।
……..
हम तो नई बाइक की सवारी पर थे ,
वो महबूब हमारे बड़ी जिम्मेदारी पर थे ।
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वो सावन का महिना ,
वो नीले रंग की हसीना ,
बाइक के संग उसका था नहीं
तो जीना भी क्या जीना ।

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रहते हैं हम इक छोटे से शहर मे ,
बाइक लेकर डूब गए यारो
हम तो जिदंगी नहर मे ।
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तू बाइक अच्छे से चलाया कर ,
क्या होगा हमारा ,तेरे जाने के बाद ,
फालतू मे चट्टानों से मत टकराया कर ।
……….
अपनी बाइक बड़ी हॉट है ,
मगर तू तो जाली नोट है।
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मौका दे हमें भी एक बार
अपनी मेहमान नवाजी का ,
बाइक पर सफर करते हम,
हौसला नहीं डगमगाता ,
तेरे इस पाजी का ।
……….
मत किया कर मेरी बाइक की बुराई ,
मुझे पसंद नहीं है तेरी यह चतुराई ।

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हसीन बाइक पर
हसीन लड़की हो ,
फिर आसमान मे
कैसे न बिजली कड़की हो ।
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कभी हमें भी ले जाया कर
अपनी बाइक पर घूमाने ,
अब डर नहीं किसी का
देखलिए हमने सारे जमाने ।
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हवा में उड़ता है दिल, सड़क पे बाइक है,
ये रफ़्तार नहीं ज़िंदगी का नशा है!

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महरबानी है मुझ पर रबकी ,
वरना हाथों से बाइक फिसल
गई होती कबकी ।
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जिंदा हैं हम तेरी दुवाओं से ,
देखलिया कर एक नजर ,
अक्सर बातें किया करते हैं हवाओं से ।
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बाइक अपना नशा है ,
बाइक अपना जनून ।
मत सताया कर तेरी भाभी को ,
वरना करदेंगे एक दिन खून ।

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इक मेरी बाइक है
और एक तू ,
जिदंगी की बस यही कहानी है।
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अपनी बाइक तो किलर है यारो ,
इसके सामने सब कुछ चिल्लर है यारो ।
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बातों से हम शरीफ लगते हैं ,
बच वो जाते हैं बाइक से ,
जिनके अच्छे नसीब लगते हैं।
……….
बाइक का और अपना साथ बहुत पुराना है।
बाइक रेसर नाम से जानता हमको जमाना है।

……….
जब तू बाइक पर होती है ,
तो जिदंगी सफर मे
बड़ी रंगीन होती है।
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जिदंगी के सफर मे उड़ना भी होगा ,
जिदंगी के सफर मे मुड़ना भी होगा ,
अगर साथ है कभी तेरा ,
तो फिर बिछड़ना भी होगा ।
……..
हसीनाओं से दिल लगाया ना करो ,
पापा की परियों को बाइक सीखाया ना करो ।
……….
वह बाइक मेरे दिल की धड़कन है ,
दूर नहीं हो सकता मैं इससे ,
यह मेरे दिल की तड़पन है।

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बाइक चलाने का मजा ही
कुछ और है खराब मौसम मे ,
फिर बदल जाता है जिदंगी के चौसम ।
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बाइक हम हवा मे चलाते हैं ,
तभी तो यारो रेसर कहलाते हैं।
………..
मां बाप का सपना चाहे अधूरा हो
मगर अपना सपना पूरा होना चाहिए ।
………….
बाइक अपने दिल की रानी है ,
अगर साथ हो उसका ,
तो बदल जाती जिदंगी की कहानी है।
……….
यूं तो गांव का गवार हूं मैं ,
मगर बाइक चलाने मे सबसे होशियार हूं मैं ।

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अपनी बाइक को आंख कभी दिखाने का नहीं ,
बिना लड़की के कभी सफर पर जाने का नहीं ।
……..
थक गए हैं हम
बाइक के गियर बदलते बदलते ,
अक्सर मंजिल पर पहुंच ही जाते हैं
हम शाम ढ़लते ढलते ।
……..
दिल मे ठिकाना है तेरा ,
एक दिन तुझे बाइक पर
बैठाकर ले जाना सपना है मेरा ।
……….
कुछ बाइकरों की कहानियां बन जाती हैं ,
रोड़ पर उड़ते हैं जब वो ,
तो अक्सर परेशानियां बन जाती हैं।

……..
हम अक्सर प्यार करते हैं रफतार से ,
इसलिए तो मोह नहीं रखते
इस संसार से ।
……….
जीले अपनी जिदंगी
क्या पता कल का दिन आखरी हो ,
जीधर से तू निकले क्या पता
वो गली ही सांकरी हो ।
……
वो बाइक वाले दिल अपना ले उड़े ,
दोस्ती करेंगे तो उनसे ही ,
भले ही अपना कोई छूटे ।
……..
अगर पानी से ही प्यास बुझती
तो तेरे पास आते क्यों ,
अगर बाइक से ही सफर पूरा होता ,
तो जिदंगी मे गाड़ी मंगवाते क्यों ।

……..
बाइक पर पीछे बैठी थी इक हसीना ,
लोगों को लग रहा था ,
वो है असली करीना ।
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खुद को हदसों से बचाया कर ,
हेलमेट लगाकर बाइक चलाया कर ।
………..
पापा की परी थी वो ,
बीच रोड़ पर ,
हवाओं की तरह खरी थी वो ,
देखकर बाइक की हालत
पहली बार डरी थी वो ।
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दिल टूटा मगर आवाज नहीं हुई ,
हम उसे रोज बाइक पर ले जाते थे ,
फिर भी अपनी मोहताज नहीं हुई वो ।
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अपनी तरह
अपनी बाइक भी शराब पीती है ,
साली फिर मस्त होकर
जिदंगी जीती है।
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कैमरे मे कैद कर लेते हैं ,
जिदंगी के हसीन लम्हों को ,
हम बाइक पर थे ,
और वह कुछ कह गई दिल के
खम्हों को ।
……..
मुस्कुरा के दिल के तार
बजाया ना कर ,
हम बाइक पर सफर मे हैं ,
बार बार फोन करके
हमें सताया ना कर ।
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बाइक है मेरे दिल की चाबी ,
मगर वो है मेरे दिल की बेताबी ,
जिसका चेहरा है गुलाबी ।
……..
तू गुलाबी है दोस्ती गुलाब से कर ,
बाइक पर बैठी लगती हो हसीन ,
कहीं नजर ना लग जाए ,
दोस्ती तू हिजाब से कर ।
……..
जब बाइक पर लगते हैं झटके ,
तो वह हमारे चिपक जाती है ,
कसम से दिल को सकून मिलता है।
जब वो ओर पास खिसक जाती है।
……….
सारा समंदर छान मारा ,
सारी दुनिया ने हौसला तारा ,
दोस्ती करले हमसे
फिर देखना अपनी बाइक का नजरा ।
……..
वह कहती है बाइक पर घूमाया कर ,
आगे बैठना तू और पीछे बैठूंगी मैं,
फिर मस्ती से बाइक चलाया कर ।
……..
ना दोस्ती का भरोशा
ना दुश्मनी का ,
अब भरोशा है अंधेरे मे
बस अपनी बाइक की रोशनी का ।
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बाइक दौड़ाई सारे शहर मे ,
मगर तू हमें मिली नदी और नहर मे ।
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बाइक से दिल का रिश्ता अजीब है ,
जिस दिन मिल जाए पसंद की बाइक
तो समझना अच्छा नसीब है।
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गरीबों को गरीबी ने मारा ,
और अमीरों को अमीरी ने ,
इक बाइकर को मारा ,
राहगीरी ने ।
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कसम खा के कहता हूं ,
अपनी बाइक से कोई प्यारा नहीं ,
अपनी बाइक से कोई दुश्मनी निकाले
यह हमें गवारा नहीं ।
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सांवला सांवला मौसम का मिजाज है ,
झूम रहे हैं हम बाइक पर
यह अपना जीने का अंदाज है।
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सीधे सीधे बतादे हमें ,
तू पहेलियां ना बुझाया कर ,
आग लगी हो अगर सीने मे
तो हमें बाइक पर ना घूमाया कर ।
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जब सड़क सीधी और सपाट हो ,
तो अपने भी बाइक के संग ठाट बाट हो ।
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दिल की हस्ती मिटती नहीं हमारी ,
बाइक के संग दोस्ती पक्की है सारी ।
……..
थक गए हैं सड़क पर चलते चलते ,
काश कोई बाइकर आ जाए शाम ढलते ढलते ।
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आज खत्म हो गया लम्हा
मेरी जिदंगी का ,
बाइक भी जल गई ,
एहसान चुकाया हमने
दोस्तों की बंदगी का ।
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सवाल दिल मे बहुत हैं
मगर पूछ नहीं सकते ,
बाइक तो अपने पास बहुत हैं ,
मगर कूच नहीं सकते ।
……
सांस अपनी चलती रही ,
बाइक अपनी जलती रही ,
हम सड़क पर पड़े थे ,
किसी ने छूआ तक नहीं ,
यूं ही हमारी जान निकलती रही ।
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इस बेरहम दुनिया का तमाशा देखता जा ,
दोस्तों को चुनते जा ,
और दुश्मनों को बाइक से फेंकता जा ।
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दिल मे अगर हो प्यार
तो फिर सब कुछ कुर्बान किया जा सकता है ,
अगर बाइक ही ना हो अपने पास ,
तो कैसे जीया जा सकता है।
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बाइक के पीछे बैठने की स्टाइल उसकी गजब है ,
कैसे भूल जाउं उसे ,
वो जिदंगी मे मेरा रब है।
……..
मजा तो राहों मे बाइक संग चलने मे है ,
दिन मे कहां कुछ होता है ,
जो मजा सांझ ढलने मे है।
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टूटी कश्ती कभी किनारे आती नहीं ,
वह बाइक है ,
जो कभी खुद पर इतराती नहीं ।
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एक बाइकर का अंदाज बड़ा शायराना होता है ,
रफतार से उसका याराना होता है।
………
दिल पे रोज करने वाली ,
अपनी खूबसूरती पर नाज करने वाली ,
आज बाइक से गिरकर धूल चाट रही
हमें बरबाद करने वाली ।
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जिदंगी हो गई है साली बाइब्रेटर ,
थाम लो हैंडल, दबा दो एक्सिलरेटर।
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यह जोश और जनून बनाए रखना ,
बैठकर बाइक पर ,
दुनिया मे खुद को छाए रखना ।
………
बाइक के सफर का कभी अंत नहीं होता ,
जो हसीनाओं के बीच बैठा है ,
वो कभी संत नहीं होता ।
……….
बाइक पर दिल की हवा चलती है,
रस्तों में ख़ुद की धुन सुनाई देती है।
……
अब बस हवा की आवाज सुनाई देती है।
बैठकर जब बाइक पर चलते हैं ,
तो बस हर जगह वो दिखाई देती है।
……..
दिल की धड़कन सड़के सुन लेती हैं ,
अक्सर बाइक की खूबसूरती से ,
हसीनाएं अपने आशिक चुन लेती हैं।
……….
कुछ सफर खामोश होते हैं
कुछ सफर बेहोश होते हैं ,
मगर कुछ सफर के
जिदंगी मे बहुत अफशोश होते हैं।
……….
तारिफ निकलती है जब दिल से ,
तब जोश आता है ,
बाइकरो की महफिॅल से ।
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जिस दिन हो गई बाइक अपनी खामोश ,
उस दिन ना रहेगा अपना कोई धौंस ।
……..
रौशनी की तरह तेज़, रातों में जलती हूँ,
हर रेस है ज़िंदगी, हर मोड़ पे लड़ती हूँ।
………..
इंजन गरजता है, दिल धड़कता है,
मंजिल दूर है तो क्या हुआ ,
मगर जनून उसे पाने को तड़पता है।
………
जो रुक गया, वो हार गया,
जो चलता रहा, वो जीत गया।
……….
तेज़ हवाओं से लिपट के जाती हूँ,
डरती नहीं गिरने से, बस आगे बढ़ जाती हूँ।
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ये रेस नहीं, ज़िंदगी की रफ़्तार है,
हर पल जीने का, ये मेरा इख़्तियार है।
……..
दो बूंद जिदंगी की पी लेने दो ,
मत करना हमको बाइक से अलग ,
दो पल हसीनाओं के संग जी लेने दो ।
……..
क्या भरोशा करें बाइक के सपनों पर ,
जब एतबार ही नहीं है अपनों पर ।
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जैसे कट रही है जिदंगी कट जाने दो ,
घूमाएंगे एक दिन तुझ पर तेरी भाभी को ,
बस किसी को पट जाने दो ।
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आंगन मे क्या काम दरख्त का ,
बाइक पर क्या काम शरबत का ,
बदला जरूर लेंगे इक दिन ,
तेरी बेवफा हरकत का ।
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जो मिले उसे दिल से लगा लेते हैं ,
बाइक भले ही पुरानी हो ,
फिर भी उसे चला लेते हैं।
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हर गियर के साथ बदलती है रफ़्तार मेरी,
धुंए के बादल छोड़ती हूँ, ये है स्टाइल मेरी।
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धुएँ की लकीरें, आज़ादी की निशानी,
बाइक चलती है, तो दिल से बनती नई कहानी ।
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“पेट्रोल की खुशबू, बाइक की रूह में बसती है,
जब तक टैंक में है ड्रॉप, यह ना कहीं फंसती है !”
……
रफ्तार अगर तेज हो तो धुंआ उठेगा ,
इंसान अगर तेज हो तो रूआ उठेगा ।
……..
