सिगरेट पर शायरी cigaret par shayari के बारे मे हम आपको यहां पर बता रहे हैं। सिगरेट पर कुछ फेमस शायरी आपको बता रहे हैं। यह आपके जरूर ही काम आएंगी । यह शायरी आपके लिए सबसे अधिक बेस्ट शायरी हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार शायरी को चुन सकते हैं। हालांकि सिगरेट का नशा काफी हानिकारक होता है। मगर उसके बाद भी लोग पीते हैं।
खामोश रातों मे अक्सर सिगरेट पीते हैं ,
नाम तेरा ले लेकर अकेले जीते हैं।
…….
जब से तुम्हें देखा है ।
आजकल सिगरेट से भी नशा नहीं हो रहा है ,
……
मैं सिगरेट पीता हूं तुझे भुलाने के लिए ,
मगर फिर भी तू यादों मे आ जाती है ,
मुझे सताने के लिए ।

……..
तुझ से छुप छुपकर सिगरेट पीता हूं ,
कहीं तू नाराज ना हो जाए ,
वर्षों की मेरी मेहनत यूं
बरबाद ना हो जाए ।
…….
सिगरेट के धुंए ने तेरी तस्वीर बना डाली ,
फिर देखने के लिए तुझे करीब से ,
पूरी सिगरेट की दुकान ही जला डाली ।
……
एक तन्हा शाम हो ,
लंबों पर तेरा नाम हो ,
बिना सिगरेट के
फिर कैसे आराम हो ।

……
क्या तुम फिर लौट कर
आ सकती हो ,
सिगरेट पीते हुए देखकर ,
मुझे फिर से एक प्यारी
सी डांट लगा सकती हो ।
……
नहीं सिगरेट पीउं
तो क्या करूं ,
तू साथ नहीं देती मेरा ,
किससे प्यार सौ दफा करूं ।

…….
बिना तेरे प्यार के
रह नहीं सकता ,
सिगरेट छोड़ दूं
तुझे पाने के बाद ,
यह कह नहीं सकता ।
……
चाय हमारे दिल रानी है ,
और सिगरेट हमारी
जिदंगी की कहानी है।

…….
आज कल सिंगार के
सहारे जीते हैं ,
इसलिए तो दिन रात
खूब पीते हैं ।
……
कोई कहता है सिगरेट
से कैंसर होता है ,
मैं कहता हूं , उससे
बड़ा कोई कैंसर नहीं है।
……
दिल की गहराइयों से ,
अब डर लगने लगा है हमें ,
तेरी परछाइयों से ,
सिगरेट ही आखरी सहारा है
हमें यह बचाता है अक्सर
तन्हाइयों से ।

……
वहम कभी पालना नहीं चाहिए ,
बिना सच जाने
किसी पर किचड़ उछालना नहीं चाहिए ,
अगर साथ ना हो सिगरेट ,
तो सफर मे चालना नहीं चाहिए ।
……..
सिगरेट के हर कश मे तू थी ,
बहुत कांड किये तूने जब
मगर किसी और के वश मे तू थी ।
…….
सिगरेट का धुआं मत उड़ाया कर ,
पीकर सिगरेट कभी दूसरों का
घर मत जलाया कर ।

…..
सिगरेट के दाम कितने भी बढ़ जाएं ,
मगर दिवाने कभी पीना नहीं छोड़ सकते ।
…….
सिगरेट का धुंआ ,
और गांव के बीच मे कुआ ,
दोनो ही खतरनाक होते हैं ।
…….
तू तो कहती थी ,
हद से गुजर जाउंगी प्यार मे ,
मगर तू तो चली गई ,
और मैं सिगरेट पीता फिर रहा हूं
इस संसार मे ।

……..
हर रात को छत पर बैठकर ,
सिंगार जला लेता हूं ,
जो दिल मे बनी यादें हैं ,
उनको अक्सर जला लेता हूं ।
…….
सिगरेट का नशा भी साला
तेरी तरह होता है ,
एक बार चढ़ गया ,
तो उतरने का नाम ही नहीं लेता ।
…..
तू और मैं साथ बैठकर
सिंगार पिया करेंगे ,
बांहों मे बांहे डालकर
साथ जीया करेंगे ।

……..
सिंगार कभी धोखेबाज नहीं होता ,
दुख और दर्द मे यह नाराज नहीं होता ।
……..
हद से ज्यादा सितम किये ,
पीकर सिगरेट ,
उन्होंने अपने रिश्ते खत्म किये ।
……..
कभी पत्थर से आग जलाया करते थे ,
आजकल आग से सिगरेट जला रहे हैं ,
और नशेड़ी कहला रहे हैं।
…….
यूं तो शौक है हमे सिगरेट का ,
मगर जिसने दिल जलाया सेठ का ,
वह इंतजार नहीं करेगा लेट का ।

……..
वह हसीना भी सिगरेट पीती है ,
चार चार यारो के साथ ,
फिर मस्त होकर जीती है।
…….
सिगरेट और शराब का शौक रखते हैं ,
ताना मत दिया कर यार हमें ,
जेब मे बंदूक नाम का तोप रखते हैं।
……..
जिदंगी मे इरादे बड़े होने चाहिए ,
चाहे सिगरेट पियो या शराब ,
वादे बड़े होने चाहिए ।
…….
दिल को छू जाता है तेरा मुस्कुराना ,
फिर अच्छा लगता है हमें ,
सिगरेट के धुंए से तेरी तस्वीर बनाना ।

……..
एक दिन तुझे भगा कर ले जाएंगे ,
सिगरेट का स्वाद चखाकर ले जाएंगे ।
……
दिल को सकून देता है ,
तेरा हंस के बोलना ,
हम खूब पीते हैं सिगरेट तो ,
मगर यह भेद किसी के
सामने ना खोलना ।
…….
सिगरेट पीना भी हर किसी
के नसीब मे नहीं होता ,
सब कुछ लुटा देने का
यहाव किसी गरीब मे
नहीं होता ।
……
सिगरेट पीना है तो पीओ ,
वरना भाड़ मे जाओ ,
जिदंगी शानदार जीनी है तो जीओ ,
वरना उजाड़ मे जाओ ।
……
जवानी मस्तानी है ,
सिगरेट पीकर ,
लिखनी अपने को कहानी है।
……..
सस्ता नशा हम करते नहीं ,
बिना सिगरेट के हम चलते नहीं ,
क्या खाते हो क्या पीते हो ,
जिदंगी दो दिन की है ,
ऐसे बेहूदा सवाल हम नहीं करते ।
……..
बदमाश होंगे तुम अपने गली के ,
हम तो दुनिया पर राज करने वाले
शेर हैं। ,
हर वक्त सिंगार के साथ रहते हैं ,
लाखों दुनिया मे हमारे वैर हैं।
…….
बोलती थी क्या है तेरे पास ,
मगर उसे कौन बताए ,
सिगरेट है मेरा असली
एहसास ।
……
आजा साथ मे बैठकर
सिगरेट का कश लगाते हैं ,
फिर एक दूसरे को मुहब्बत का
रस लगाते हैं।
……..
जिस सिगरेट को तूने अधूरा
छोड़ दिया था ,
मुझे अधूरापन पसंद नहीं
उस दिन उसे ही मैंने
तोड़ दिया था ।
……
दिल की बस्ती मे ,
सिगरेट है हर मस्ती मे ,
यह प्यार का दूसरा नाम है
हर घर गृहस्ती मे ।
……..
दिल बड़ा रखो ,
बड़े बन जाओगे ,
सिगरेट से प्यार करो ,
खुद को बदला पाओगे ।
………
तेरा मेरा साथ ,
सिगरेट और धुंए जैसा है ,
सिगरेट खत्म तो धुंआ खत्म ।
……..
सिगरेट का नशा हो ,
प्यार दिल मे बसा हो ,
फिर कैसे सकून भरा न
जिदंगी का फलसफा हो ।
…….
आसमान मे तारे होते हैं ,
सिगरेट पीने वाले ,
अक्सर जल्दी भगवान
को प्यारे होते हैं।
…….
सिगरेट का एक कश,
दिल फिर कहता है
बस ।
……..
दिल का ख्याल करो ना
करो ,मगर दिलवाली का जरूर करो ,
सिगरेट का बुरा हाल करो ना करो ,
मगर हर बेवफा साली का करो ।
………
जिदंगी मे सब कुछ धुंआ
धुंआ हो जाता है ,
जब तू सिगरेट पीते हुए
सड़कों पर निकलती है।
………
सिगरेट की लत
और तेरी लत ,
दोनो एक जैसी होती हैं।
…….
सिगरेट का धुंआ बनकर
उड़ जाउं मैं ,
तेरे पास चुपके से
चला आउं मैं ।
…..
जिसे ढूँढ़ते फिरते थे लोग आईने में,
वह सिगरेट के साथ लगा था ,
खुद को महकाने मे ।
…….
हर सिगरेट पर तेरा नाम लिखकर जलाता हूँ,
दर्द की यह दास्ताँ हर बार दोहराता हूँ।
…….
जब से मेरे बिना
जीने लगे हो ,
कुछ ज्यादा ही सिगरेट
पीने लगे हो ।
…….
सिगरेट का धुंआ ,
और मौत का कुआ
दोनों एक जैसे होते हैं।
……..
दर्द की सिगरेट है और आहों का धुआँ,
तेरी यादों के सहारे जी रहा हूँ मैं
अब जिदंगी बन चुकी है जुआ ।
…….
सीने से सिगरेट लगाकर सोता हूं ,
पीकर खूब सिगरेट ,
फिर तेरी याद मे रोता हूं ।
……
एक सिगरेट बुझ जाती है ,
तो नई जला लेता हूं ,
याद मे तेरी ,
खुद को कुछ यूं
पागल बना लेता हूं ।
…….
सिगरेट की तरह जलते हैं दिन और रात,
अब सबको चाहिए रात वाली बरसात ।
…….
धुआँ बनकर उड़ जाती हैं सारी बातें ,
बिना सिगरेट के अब कटती नहीं रातें ।
…….
अक्सर लोग सिगरेट का खाली
पैकेट फेंक दिया करते हैं ,
मुश्बितों से वो हार जाते हैं ,
जो अक्सर घुटने टेक दिया करते हैं।
……
सिगरेट के जिस्म पर जो जख्म होते हैं,
उनसे निकलता वह धुआँ दर्द ही देता है ।
…….
जलात हुआ सिंगार छोड़ नहीं सकते ,
तू चली गई तो क्या हुआ ,
तेरी तस्वीरों को तोड़ नहीं सकते ।
……..
जैसे जैसे सिगरेट पीता जाता हूं ,
वो राख होती जाती है ,
जैसे जैसे प्यार परवान चढ़ता है ,
जिदंगी तेरी होती जाती है।
…….
वो हुस्न भी क्या हुस्न जो दिल न जलाए,
वो सिगरेट भी क्या जो दर्द न दिलाए।
वो दिवाना ही क्या ,
जो बेवफा ना कहलाए ।
……
तेरी पलकों की छांव मे
अक्सर आराम करता हूं मैं ,
तू नहीं होती , तो अक्सर
रात को सिगरेट का इंतजाम
करता हूं मैं ।
…….
हुस्न-ए-यार और सिगरेट का जो मेल हुआ,
दर्द के दरिया में गहरा वो खेल हुआ।
एक ने दिल चुराया, एक ने जला डाला,
रिश्ता जो बना था , वो बेमेल हुआ ।
………
यह दिल सिगरेट की राख का ढेर है ,
कुछ नहीं बचा इसके अंदर ,
बस सब कुछ अंधेर है।
……..
हुस्न तेरा भी एक सिगरेट सा क्यूँ है,
जिसे कोई मूठी मे बंद नहीं कर सकता ,
मेरा दिल भी ऐसी रेत स क्यूं है।
……..
हर कश में तेरी एक झलक दिखाई देती है,
अपने घर की छत पर अक्सर वह
पलक दिखाई देती है।
…….
सिगरेट का जिस्म जल-जल कर राख होता है,
इंसाँ का शरीर उसी तरह एक दिन खाक होता है ।
…….
ये सिगरेट नहीं, मौत का सफ़र है दोस्त,
मगर फिर भी दिल बेखबर है दोस्त ।
……..
सिगरेट का हर काश मौत की ओर ले जाता है ,
जिस तरह से घर से चुपके से धन
कोई चोर ले जाता है।
……..
हर दुख की तस्वीर है सिगरेट ,
जिदंगी मे खुशी का है यह सिक्रेट ।
…….
हाथ से जलाई जाती है
यारो को खुशी मे पिलाई जाती है ,
यह सिगरेट है , जिससे
दोस्ती निभाई जाती है।
…….
दिल का दर्द दिखाना हो या खुशियाँ मनाना हो,
या फिर किसी को दिल का हाल बताना हो ।
……..
उसके जाने के बाद सिगरेट की आदत हो गई ,
क्या करें अपने प्यार की भी शहादत हो गई ।
……….
हर एक कश के साथ धुआं बनकर उड़ जाता हूँ,
तुम्हारी यादों में खोकर, खुद को भूल जाता हूँ।
……
जलती है वो मेरे हाथ में, और मैं जलता हूँ तेरे ख्याल में,
नहीं निकल सकता , बुरी तरह फंस चुका हूं तेरे जाल मे ।
…….
हम वहशत में भी पीते हैं तो तेरा ख्याल आ जाता है,
शराब की हर बूंद पर तेरा नाम आ जाता है ।
……
“रहते थे कभी जिनके घर में पैमाने और सागर,
आज सिगरेट से भरा करते हैं गागर ।
…….
शराब से दर्द धुलता नहीं, सिगरेट से दिल जलता है,
पर इन दोनों के बिना अब ये दिल कहां संभलता है।
…….
कहते हैं सिगरेट मत पिया करो ,
फेफड़े छली हो जाएंगे ,
मगर दिल छली हो गया उसका क्या ।
……….
मेरा कोई कसूर नहीं ,
यह सिगरेट ही छीनाल है ,
धीरे धीरे धोखा देती है ,
यह तो इसका कमाल है।
…….
सिगरेट की तरह जलते हैं,
शराब की तरह उबलते हैं,
आजकल वो हमसे दूर
होकर निकलते हैं।
……..
सिगरेट जलाते हैं ,
दिल का बोझ हल्का करने के लिए ,
प्यार तो होना चाहिए यार ,
दर्द को हद से गुजरने के लिए ।
……..
सुहानी रात है, चाँदनी बिखरी है,
बस तेरे ख़्यालों में एक सिगरेट जली है ,
चल छोड़ मुझे दे यह सिगरेट ,
तू तो एक नाजुक कली है।
……..
हसीन इस सिगरेट का कश है ,
जी करता है पी लूं जीभरकर ,
मदमस्त इतना तेरे होंठों का रस है।
…….
रात सुहानी और हाथ में सिगरेट,
दिल है उदास, बस यादें हैं साथ।
……..
रात की तन्हाई मे ,
खुद की परछाई मे ,
अक्सर तू नजर आती है
सिगरेट पीती हुई ,
रूसवाई मे ।
……
चल एक कश सिगरेट का हो जाए ,
दिल गर्म हो जाएगा ,
और नशा और गहरा हो जाए ।
……….
हाथ मे शराब की बोतल
उपर से यह सिंगार ,
छोड़ दे मेरे यार ,
उस बेवफा के चक्कर मे
क्यों कर रहा खुद को बीमार ।
……..
सुहानी रात में तारे चमक रहे हैं,
सिगरेट पीते पीते ,
देखने को तेरी एक झलक ,जागते
दिन उगने तक रहे ।
…….
सिगरेट भी कभी कभी
हद से ज्यादा दिल को भाया करती है ,
अक्सर वह आशिकों का दिल बहलाने के लिए
छत पर आया करती है।
…….
सिगरेट का धुंआ ,
उड़ता है आकाश मे ,
आज भी तू है मेरे
हर एहसास मे ।
…….
साथ तेरा हो जाए ,
तो क्या कहना ,
सिगरेट और शराब हो साथ मे ,
तो आ जाएगा हमें भी
तेरा हर जुल्म सहना ।
…….
मैं सिगरेट हूं ,
टूटे दिल को सहारा देने के लिए ,
जिदंगी के दर्द मे कुछ
हसीन नजारा देने के लिए ।
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