कबूतर पर सबसे बेस्ट शायरी जो आपकी दिल खूश कर देगा । Kabootar par shayari

Author:

Kabootar par shayari कबूतर, मासूमियत और शांति का प्रतीक, शायरी की दुनिया में अक्सर प्यार, आज़ादी और सादगी से जुड़े भावों को व्यक्त करता है। यह खूबसूरत पक्षी कवियों और शायरों को हमेशा से प्रेरणा देता आया है। चाहे वह उसकी उड़ान की गरिमा हो या फिर उसकी कोमल आँखों में छुपी कहानी—कबूतर पर लिखी शायरी दिल को छू जाती है।दोस्तों कबूतर अक्सर हमें पालना काफी अधिक पसंद है। और यदि आपको भी कबूतर पालना पसंद है , तो उनको सही तरह से पालें। और रंगबिरंगे कबूतर काफी अधिक प्यारे लगते हैं।

उंची नहीं उड़ान अपनी ,

फिर लोग मारते हैं ,

यूं ही सस्ती नहीं जान अपनी ।

Kabootar par shayari

……..

यूं तो बेजान परिंदा हूं ,

बस कुछ अच्छे लोगों के

दया कर्म पर जिंदा हूं ।

……..

कबूतरों की गुटरगू ,

कभी सुनी होती ,

तू क्या जाने दर्द बिछड़ने का ,

कभी तेरी जिदंगी बनी होती ।

……….

हम कबूतर हैं आजाद रहना पसंद करते हैं ,

मगर भी भी कुछ कमीने इंसान ,

हमको पिंजरे मे बंद करते हैं।

Kabootar shayari Hindi)

………..

इक जंग हम भी लड़ेंगे ,

ऐ इंसान जब हम गिरेंगे ,

तो तुम भी गिरोगे ,

………

दूसरों की दुनिया बरबाद करके ,

कबतक रखोगे ,

,खुद को आबाद करके ।

…….

कबूतरों का दर्द कौन जानेगा ,

कर्मा लौट कर आते हैं ,

आज का कौन मानेगा ।

……..

आसियाना हमारा छीन लिया ,

खूब हमें जलील किया ,

एक बार मरने का तो बहुत दिल किया ।

……….

कबूतर की चहचहाहट सुनकर,

याद आती है मासूम ​दुनिया ।

कभी हम भी इनकी तरह

भोले हुआ करते थे ।

………

जब कबूतर इस दुनिया को छोड़ देंगे ।

तब इंसान खुद को तोड़ देंगे ।

Kabootar par 2 line shayari

………

ना किसी से वो वैर रखते हैं ,

ना किसी से धोखा ,

कुछ अच्छा करने का ,

कबूतरों को खुदा ने दिया है मौका ।

……….

तेरे आँगन का कबूतर बन जाऊँ,

खुले आसमाँ में भी तेरे पास रह जाऊँ।

………..

उड़ने दे मुझे तेरी बाहों के आसमाँ में,

जैसे कबूतर उड़ता है मंदिर की छाँव में।

……..

वो कहते हैं कबूतर को प्यार नहीं होता,

मगर ये तो हर सुबह तेरी खिड़की पे आता है।

……..

अपना भी घर संसार है ,

असली इंसान वह है ,

जिसे कबूतरों से प्यार है।

………

दूसरों के घोसले उजाड़ने वाले ,

बड़े बेरहम होते हैं ,

उनको उखाड़ने वाले ।

Kabootar par sundar shayari

……….

बात अगर गरूर की हो ,

तो इंसान पहले आते हैं ,

बात अगर दूर की हो

तो कबूतर पहले आते हैं।

……..

कबूतरी बनकर चहचहाया कर ,

दिल लगाकर ना बहकाया कर ,

आशकी हो जाएगी ,

ना हमसे नजरे मिलाया कर ।

………

जी करता है उड़ जाउं खुले आसमान मे ,

आजादी की तमन्ना होती है ,

हर जान मे ।

………

ना कोई गिले शिकवे करते हैं ,

हर शाम को वो तेरी

खिड़की से अक्सर गुजरते हैं।

………

खुशी मे वो खूब नाते हैं ,

आशिकों की अक्सर चिटठी बांचते हैं ,

हम कबूतर हैं जनाब गम बांटते हैं।

……….

दिल करता है मर जाउं मैं ,

इन कमीने इंसानों के लिए

और कितना सेक्रिफाइज कर जाउं मैं।

……….

सितारों मे छुप नहीं सकते ,

किसी के यहां रूक नहीं सकते ,

जाए तो कहां जाएं ,

खुदा के आगे भी झुक नहीं सकते ।

………..

जंगलों से पहचान है अपनी ,

पेड़ तो जान है अपनी ।

Kabootar aur mohabbat shayari

…….

जंगलों को काट दिया ,

अपने घरों को उजाड़ दिया ,

कौन पूछे कबूतरों का दर्द ,

वो इंसान जिसने खुद को बरबाद किया ।

………..

शांति चाहिए तो जंगल मे जाओ ,

अगर जंग जाए तो दंगल मे आओ ,

यूं बेजुबान पक्षियों को ना सताओ ।

………

भाषा तो अपनी भी है ,

कोई समझ नहीं सकता ,

दिल तो अपना भी है ,

मगर कोई रख नहीं सकता ।

………

“कबूतर सा बनके उड़ जाना चाहता हूँ,

इन शहरों की दीवारों से दूर कहीं।”

blank

………

दिल उनका साफ है ,

तभी तो आज हर

इंसान उनके खिलाफ है।

……….

कबूतरों को दाना गेरने ,

रोज वह जाया करती है ,

दिल खुशकरने के लिए,

हमे मुस्कुराकर दिखाया करती है।

……..

कबूतरों के संग दोस्ती तेरी ,

जान ही निकाल रही है मेरी ।

………..

बयां क्या करें दिल के दर्द को ,

कबूतर हैं हम ,

आजकल कहां दर्द होता है

मर्द को ।

…….

मौसम का हाल बुरा है ,

हमारे बिना ऐ इंसान ,

तू भी अधूरा है।

……..

जितना दर्द कबूतरों को मिलेगा ,

उतना ही दर्द ऐ इंसान ,

तू झेलेगा ।

…….

अकेले रहते रहते बोर वो होते नहीं ,

उड़ते हैं खुले आसमान मे ,

कभी वो खोते नहीं ।

………..

“कबूतर का दर्द समझो तो कहना,

पंख होते हुए भी, बंदिशों में जीना।”

……..

“उसकी चोंच में था दाना कोई दूसरा ले गया,

अब वो ख़ामोश है।

सब कुछ खोने का उसे भी अफसोस है।

……..

“तिनका-तिनका जोड़कर आशियाँ बनाया करते हैं ,

बच्चे तो उड़ गए ,

अब विरान हो गया वो घोसला ,

बस वो कभी कभी आया करते हैं।

मासूम कबूतर पर शायरी

………

इंसानों ने जुल्म किया कबूतरों पर ,

और खुद मस्ती करते हैं ,

बैठे चबूतरों पर ।

……….

दिल की दिल्ललगी मिटाई नहीं जाती ,

कबूतरों सी दोस्ती ,

हर किसी से बनाई नहीं जाती ।

……..

धोखा देना सिर्फ इंसानों की  ही फितरत नहीं है ,

जानवर भी धोखा देते हैं।

………

कुछ कबूतर दिल की आवाज होते हैं।

कुछ दिल के गहरे राज होते हैं।

और कुछ जीने के हसीन अंदाज होते हैं।

kabutar par shayari

………

“ज़ख़्म खाए हैं कबूतर भी बहुत,

पर उनकी आवाज़ इंसान तक नहीं पहुँचती।”

……….

दिल के दरिया को बहने दिया ,

जिसने जो कहा कहने दिया ,

तलास आसियाने की की उसने ,

मगर उस कबूतर को ​किसी ने

न रहने दिया ।

………

थोड़ा सा जी लेने दो ,

थोड़ा सा पी लेने दो ,

हम कबूतर हैं जनाब ,

हमें बस सह लेने दो ।

………

“तूफ़ानों से लड़ता एक कबूतर देखा है,

टूटे पंखों से भी उड़ान भरता देखा है।”

…….

“हवाओं ने रास्ता रोका, बादलों ने डराया,

पर वो कबूतर चुपचाप आसमाँ चूमता गया।”

………

“तूफ़ान कहता था, ‘तुझसे नहीं उड़ पाएगा’,

मगर वो कबूतर हर धक्के से उछलता गया।”

………

“बिजली चमकी, बादल गरजे, हवा ने मचाया शोर,

कबूतर ने कहा— ‘डरता नहीं दिल मेरा, मैं और उड़ूँगा ऊँचा और दूर!'”

kabutar par shayari in hindi

………

दिल मे अगर डर ना हो ,

तो कबूतर भी कबूतर ना हो ।

……..

बात यारो जिगरे की होती है ,

वरना कबूतरभी शेर कहलाता ।

……….

ना कोई जनून है ,

ना दो पल का सकून है ,

यह कबूतर नहीं ,

मेरी मुहब्बत का खून है।

…….

दर्द भी सहने न देंगे ,

शांति से रहने न देंगे ,

हम कबूतर हैं ,

मानवाधिकार वाले ,

कुछ कहने न देंगे ।

………..

दर दर भटकते रहे ,

आसमान से जमीं पर

पटकते रहे ,

कबूतर भी कितना सहते ,

वो भी एक के बाद एक ,

​फांसी पर लटकते रहे

।……

कुछ कबूतर सफेद होते हैं ,
कुछ कबूतर रंगभेद होते हैं ,
मगर जो भी होते हैं ,
सबके लिए निषेध होते हैं।
………
कबूतरों जैसी जिदंगी
कोई जीना नहीं चाहता ,
बिना गम के कोई पीना
नहीं चाहता ।

kabutar par shayari


……
तू कबूतर है मेरे सपनों का ,
एक बार भरोसा जीत ले यार
अपनों का ।
……..
कुछ कबूतरों की हंसी ,
किसी से दिलकसी ,
खाली नहीं जाती ।
……..
कबूतर हैं तेरे दिल के ,
रंग हैं अनोखे इस महफिल के ।
……..
कबूतर रात मे साले गुटरगू करते हैं ,
मगर कुछ इंसान तो दिन मे
ही सड़क के किनारे गुप्तगू करते हैं।
…….

उनको दाना नहीं डाला जा सकता ,
जो कबूतर सड़क को गंदा करते हैं ,
मगर उन इंसानों का क्या ,
जो रोड़ पर धंधा करते हैं।
…….
कुछ काले कोट वाले कबूतर ,
ले गए भरक​र बैग नोटों का ,
यह कहते है सूत्र ।
……
बेहरहम जमाने से उम्मीद ना किया करो ,
कबूतर हो इंसान बनकर ना जिया करो ।
……..
कबूतरों से प्रेम करने का फल ,
और आने वाला कल ,
आज तक कोई नहीं देख पाया है।
…….

कबूतरी और कबूतर इश्क
फरमा रहे थे ,
जब हम गुजरे गली से ,
तो देखकर हमें मुस्कुरा रहे थे।
……
कबूतरी के गुजर जाने के बाद ,
बस रहती है साथ याद ।
……..
कबूतरों से फेफड़ों का रोग होता है ,
अबे इंसानों तूने जो पूरी धरती को
को बरबाद कर दिया उससे
कौनसा भोग होता है।
……..
कबूतरों को दाना तुम डाल नहीं सकते ,
धर्म का काम तुम टाल नहीं सकते ,
ऐसा सिस्टम किस काम का ,
जो अपराध को ही संभाल ना सके ।
……..

यह धरती फट जाए ,
और मैं अंदर समा जाउं ,
कहता है कबूतर खुदा से ,
हे खुदा कर ऐसा कि मैं
दुनिया मे छा जाउं ।
……
कबूतरों को श्मशान पहुंचाकर ,
ऐ इंसान तू भी नहीं बच पएगा ,
ऐ इंसान हमें नुकसान पहुंचाकर ।
……..
कबूतर तेरा उड़ना ,
दिल को चीर देता है ,
तेरी दर्द भरी आवाज को सुनना ।
…….
कबूतर अगर आस पास हैं ,
तो अच्छा लगता है ,
कम से कम कमीने
इंसानों से तो बेहतर हैं।
……..

मांग भरने पर 150 बेहतरीन और मस्त शायरी

पीले सूट पर मदमस्त 101  शायरी जो दिल खुश कर देंगी

ट्रेन पर 100 बेस्ट  शायरी सिर्फ आपके लिए सफर को मजेदार बनाएंगी ।

सबसे बेस्ट 100 खुले बालों पर मस्त शायरी आपके लिए

सरकारी नौकरी पर बेस्ट 88 शायरी आपके लिए मस्त साबित होंगी ।

Kabootar par shayari कबूतर पर शायरी लेख आपको कैसा लगा हमें बताएं यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे।