खुले बालों पर शायरी khule balo par shayari के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। यदि आप खुले बालों पर शायरी की तलास कर रहे हैं। तो हम आपको यहां पर कुछ बेस्ट कलेकशन देने का प्रयास कर रहे हैं। जोकि आपको जरूर पसंद आएगी । खुले बालों पर यह यूनिक शायरी आपको बहुत काम आएंगी ।
लंबों पर आते हैं अक्सर ख्याल तेरे ,
बड़े कमशिन हैं खुले बाल तेरे ,
हमें जकड़ कर रखते हैं ,
यह आशिकी के जाल तेरे ।
……..
तेरे यह खुले बाल मेरी
नींद उड़ाने के लिए काफी हैं ,
मुहब्बत करते हैं तुम से ,
इसीलिए तो शराबी हैं।

………
दिल को मदहोश कर दिया ,
इन खुले बालों ने तेरे ,
हमें बेहोश कर दिया ।
…….
ना दिल को शांति है ,
ना खुद मे कांति है ,
वह खुले बालों वाली
हमारे दिल मे क्या है ,
सब कुछ जानती हैं।

……..
पहले से ही तुम बहुत
कमाल लगती है ,
हों अगर बाल खुले ,
तो कसम से बहुत ला जवाब
लगती हो ।
…….
बाल खुले थे और आंखों
मे गहरा काजल था ,
मैं उसकी आशकी मे
बस पागल था ।
…….
मैं पागल आशिक और आवारा हूं ,
तेरे खुले बालों मे सजने वाला
इक सितारा हूं ।

……..
तेरे खुले बालों मे खो जाने को
जी चाहता है ,
कभी कभी खुद को छोड़कर
तेरा हो जाने को जी चाहता है।
………
जी करता है तेरे खुले बालों मे
डेरा बना लूं ,
जहां से दिखती रहती है तू
वहीं पर अपना बसेरा बना लूं ।

………
तुझ पर शायरी लिखते लिखते
मैं शायर हो गया ,
देखकर खुले बालों को तेरे ,
पता नहीं कब यह फायर हो गया।
…….
बाल ऐसे हैं
जैसे सावन की घटाएं हो ,
देखकर सकून मिलता है तुझे ,
लगता है जैसे मस्त फिजाएं हो ।
…….
अपने खुले बालों को
समेट कर रखा करो ,
वरना आशिकों का दिल
तड़प जाता है।

………
खुले बालों से वह खूब
हसीन लगती है ,
रियल की तो बात ही क्या करें ,
ख्वाब मे भी उसके संग जिदंगी
रंगीन लगती है।
……..
जब बिखरती हैं उनकी जुल्फें ,
तो दिल मचल उठता है ,
मुहब्बत है इतनी ज्यादा की
उनकी एक आह से दिल
तड़प उठता है।
……..
महक से महकती परी है वो ,
खुले बालों वाली मस्त झरी है वो ,
दिल को सकून देने के अंदाज
मे खरी वो ।

………
बाल अपने खोल कर
जब वह मुस्कुराती है ,
तो बिना बादल
बारिश आती है।
…….
समंदर और तालाब का
कोई मेल नहीं होता ,
सुन बे खुले बालों वाली
आशकी कोई खेल नहीं होता ।

………
अगर दो इजाजत हमें
आपके करीब आने की ,
तो भी सोचें तेरे खुले बालों
मे अपना घर बसाने की ।
……..
तमन्ना तो हर किसी मे
होती है बालों को बिखराने की ,
कौन कहता है कीमत
नहीं होती तुझे चाहने की ।
……..
शराबी शराब मे मस्त होते हैं ,
और आशिक खुले बालों वाली
की आशकी मे त्रस्त होते हैं।

……..
छत पर आकर बाल सुखा रही थी ,
मगर सच मे वह हमारा
दिल दुखा रही थी ।
……..
घायल किया हमें तेरे खुले बालों ने ,
दिल का मरीज बना दिया
सालो नें ।
……..
मत पूछो हाल दिल का ,
बिना तेरी काली घटाओं के
क्या करेंगे इस महफिल का ।

……
जिस दिन आती है तू अपने बाल खोलकर ,
मैं खुश हो जाता हूं , मन ही मन
तुझे आई लवयू बोल कर ।
…….
खुले बालों की हसीन है छांव ,
इससे अछूता नहीं है शहर और गांव ।
……
बाल जैसे घटा हो सावन की ,
लगती हो बहन तुम रावन की ,
दोस्ती तेरी है मनभावन की ।
………
जुल्फें तेरी नागिन जैसी हैं ,
होंठ तेरे गुलाब जैसे ,
संग तेरे हमें लगते हैं ख्वाब जैसे ।

……….
खुश होती है वह हमें
तड़पा कर ,
खुद मस्त जीती है ,
आशिकों पर कहर बरपा कर ।
………
तेरी खुशी के लिए कुछ भी
करेंगे मेरी जान ,
बस एक बार अपने बालों की
घटा मे हमें सुला दे ,
बात मेरी मान ।

………
सावन भी गया ,
पतझड़ भी गया ,
मगर तेरे बालों का नूरू
आज भी जिंदा है।
…….
दिल आसमान मे उड़ता परिंदा है ,
ऐ खुले बालों वाली परी ,
किसी और की मत होना तू
आशिक तेरा आज भी जिंदा है।
………
तेरी जुल्फों के साये मे ,
दिल के उगाहे मे ,
कभी कभी यूं ही
सो जाया करते हैं सराये मे ।
……..
भीगे हुए बालों से
जब उसने छूआ मुझे अंधेरे ख्यालों से ,
फिर नफरत सी हो गई यारों उजालों से ।
……..
तेरी काली घटाओं ने
सब गमों को भुला दिया ,
चैन की नींद सोया मैं
जब तूने अपनी जुल्फों की
छांव मे हमें सुला दिया ।
……..
तेरे यह खुले बाल
मेरे लिए आफत हैं ,
दिल सकून कैसे पायेगा ,
जब तक यह कयामत हैं।
……..
कोई तेरे खुले बालों पर मरता है ,
कोई तुझे जान से ज्यादा प्यार करता है ,
वैसे तो तू करोड़ों दिल की धड़कन है ,
मगर हर कोई कहने से डरता है।
……….
आशिक किसी के गुलाम नहीं होते ,
मस्त जुल्मों के बिना हर कोई
यूं बदनाम नहीं होते ।
………
इश्क तो समंदर है ,
जिसमे हर कोई डूब जाना चाहता है ,
तेरे बालों के संग मस्ती ,
खूब करना चाहता है।
…….
खेल खेल मे हमें
तुम से प्यार हो गया ,
देखकर काली घटा तेरी ,
तुझ पर एतबार हो गया ।
……….
जब से देखा है उसे खुले बालों मे ,
दिल की हालत ना पूछो यारो ,
अब वही रहती है दिन और
रात ख्यालों मे ।
……..
बालों की खूबसूरती तेरी
रात मे भी उजाला करदे ,
तेरी एक मुस्कान लाखों
का दिन निराला करदे ।
…….
“वो खुले बालों की लहरें देखो,
जैसे रात का सन्नाटा भी गुनगुनाने लगे।
मगर चाहते हैं इतना खुदा से
कुछ ऐसा करो कि वो सदा मुस्कुराने लगे ।
………
“खुले बालों में छुपी है एक दास्ताँ,
हवा भी चुपके से आके इसे छू जाए।
दिल कहे उसके पास जाकर गिर जाए,
……….
तू बरबाद करे
तो बरबाद होने के लिए तैयार हैं ,
रखले हमें अपने खुले बालों की घटाओं मे ,
फिर हम तेरे संग आबाद होने को तैयार हैं।
……….
“बिखरे बालों में भी वो जादू है,
जो सुलझाने वाले को भी उलझा दे।
वो न समझेगी मेरी हालत कभी,
तेरी एक मुस्कान मेरे
सारे दुख दर्द मिटा दे ।
……..
अपने ही दिल का दोष नहीं ,
उसे तो अपने खुले बालों को
संभालने का होश नहीं ।
……….
जी रहे हैं हम बेहोशी मे ,
आंखें बहुत कुछ कह जाती हैं
अक्सर इन बालों की खामोशी में ।
……..
म से मस्त कलंदर होता है ,
स से समंदर होता है ,
जो आशिक करले खुले बालों के संग
वो अक्सर धुरंधर होता है।
…….
दिल तड़प उठता है
देखकर तेरे खुले बालों को ,
सामने आ नहीं सकते आपके
झेल नहीं पाएंगे आपके सवालों को ।
………
आशिक वो होगा मेरा ,
जो मेरे नखरे उठाएगा ,
जब खोलूंगी अपने केसों को ,
तो उसके मुंह मे पानी आएगा ।
………
यूं ही गुजर जाएगी
यह जवानी तेरी ,
कुछ शायरी लिखने दें
अपने बालों पर ,
बन जाए नई कहानी तेरी ।
………
खुले बालों का संग
इक समंदर का सफर है ,
एक बार खो गए ,
तो ना फिर खैर खबर है।
……..
नाम है तेरा यारा
समंदर की हर एक लहर पर ,
आजकल तू राज करती है ,
अपना खुले बालों के शहर पर ।
………
कुछ लोग शिकारी होते हैं ,
कुछ चाहत के दरबारी होते हैं ,
कुछ खुले बालों मे ,
सब पर भारी होते हैं।
…….
खुले बालों मे वो और
भी हसीन लगते हैं ,
ख्वाब तो उनके और
भी रंगीन लगते हैं।
…….
बहुत कुछ चाहता है
भौंरा काली से ,
अक्सर गुजरते रहते हैं हम
खुले बालों वाली की गली से ।
………
अक्सर तेरी गलियों मे
मेरा आना जाना था ,
देखा नहीं तुमने ,
तेरे खुले बालों मे मेरा
ठिकाना था ।
………
तेरे खुले बालों ने
खूब कहर ढाया ,
मर भी ना सके और जी भी ना सके
कुछ इतना सताया ।
………
वक्त ने दोस्तों को
दुश्मन बनाया ,
खुले बालों को रखकर
आती थी जब आप ,
प्यार क्या होता है ,
यह आपने सीखाया ।
……..
तेरी खुली जुल्फों मे हम
उलझ रहे ,
तपीश ही इतनी है तेरी
की हम झुलस रहे ।
……
अपने रूप की आग
हम पर ना बरसाया कर ,
खुले बाल करके
गलियों मे ना आया कर ।
……..
यूं तो आशिक को हम
मानते नहीं थे ,
बस तब तक जब तक
तेरी हसीन जुल्फों के
बारे मे जानते नहीं थे ।
……..
रोड़ पर पुलिस का पहरा है ,
तेरे इन खुले बालों का
और अपने दिल का
रिश्ता बहुत गहरा है।
……..
अगर यह खुले बाल ना होते ,
तो हम भी इतने विशाल ना होते ।
………
इन भीगी हुई पलकों से
कुछ कहानी बन जाएगी ,
ना रखा कर बालों को खुला कर
वरना मदमस्त यह जवानी बन जाएगी ।
……….
समंदर की अथाह गहराई मे
खो से गए हैं ,
आशिक इतनी है तेरे बालों से
हमें कि बेहोशी मे सो से गए हैं।
……..
सामने तू कुछ और कहती है ,
मगर दिल मे हमारे रहती है ,
कितना भी समेट ले अपने बालों को
खूबसूरती तो तेरी आंखों से
बहती है।
……..
रोको ना हमें हद से गुजर जाने से ,
देखकर तेरे खुले बालों को ,
हमे नफरत सी हो गई है ,
इस जमाने से ।
………
तू मेरी नहीं तो किसी
और की हम होने नहीं देगे ,
कितना भी बाल खुले करले
तेरे संग किसी और को
रहने नहीं देगे ।
…….
तेरे संग सफर कुछ आसान होगा ,
तेरे इन खुले बालों को पाने का
हर किसी के दिल मे अरमान होगा ।
………
तेरे खुले बालों से दिल लगाकर
बहुत पछताए हम ,
दर्द है सीने मे हद से ज्यादा
अब किसी को बताएं हम ।
……..
“बिखरे बालों में छुपी है वो नादानी,
दिल्लगी भी है, मोहब्बत भी है, थोड़ी सी शैतानी।”
……….
हम तुझे हर मुकाम पे मिलेंगे ,
मदहोश तो हर किसी को कर ही देंगे ,
जब यह तेरे बाल काले गुलाब
की तरह खुलेंगे ।
……..
यह आशकी तेरी बहुत सस्ती थी ,
जलाया जिसको तूने अपने केशों से
वहां पर अपनी इक बस्ती थी ।
………
तेरी हर अदा का मैं दिवाना हूं ,
तेरे बालों का मैं मस्ताना हूं ,
बिना दोस्ती के तेरी ,
मैं एक विराना हूं ।
……….
हर ख्वाब मे बस तू है ,
हर जवाब मे बस तू है ,
सु बे लंबे बालों वाली
मेरे दिल की हर किताब
मे बस तू है।
……….
बाल खुले और दिल खुला, ये दिल्लगी का अंदाज़ है,
जो समझे वो जाने, बाकी सब तो बस इत्तेफ़ाक है।
…….
“हवा से खेलते उसके बाल, दिल से खेलती वो नज़र,
दिल्लगी की इंतहा है ये, बस एक लम्हा है मगर
………
तेरी बालों की मुस्कान
बहुत क्यूट लगती है ,
मगर कहती है जब तू
आई लवयू
यह बात सारी झूठ लगती है।
……….
न जाने कितनी घाट का
पानी तूने पिया है ,
मगर पूछ मत तू यार ,
तेरे बिना अपन कैसे जीया है।
………
पानी मे खेलती
वह अपने खुले बालों के साथ ,
प्यार दिखा रही है आंखों से
बस कुछ सवालों के साथ ।
……..
मेरी आशकी का खून करके ,
चली गई अपने यार के साथ
अपने खुले बालों को लहराते हुए
मुझे गोलियों से भून करके ।
………
खुले बालों में उलझा है मेरा खून का प्यार,
वो जितना भी दूर जाए, मेरी रगों में बसी है उसकी बहार।
………
खून में उबाल है, बालों में हवा का झोंका,
अगर तुझे हमारी जिदंगी से जाना है तो जा
तुझे किसने रोका ।
…….
“खुले बालों की लहरों में डूबा हुआ एक ख्वाब था,
खून के आँसू पीकर भी, उसकी यादों में मैं निहाल था
………
खून से लिखी है कहानी, बालों से बुनी है मोहब्बत,
जो टूटा तो ज़ख्म बना, जो जुड़ा तो इबादत।
……..
खून गरम है, बाल खुले हैं, दिल आवारा है,
कोई कुछ भी कहे
हमे तो है तेरा साथ बहुत प्यारा ।
……..
बालों की हर लट में एक राज़ छुपा है,
आशिकी मत करना किसी से यारो
यह बस एक धोखा है।
………
खुले बालों की मस्ती में खोया हुआ
एक दीवाना हूँ,
मगर तेरे लिए तो मैं
आज भी अनजाना हूं ।
………
मस्त तेरी निगाहें
शैतानी तेरी बाहें ,
कैसे करले खुले बालों
पर एतबार हम ,
जिन्होंने बना दी
कांटो से भरी हमारी राहें ।
…….
ना सोचने का समय था
ना रोने का विषय था ,
कुछ इस तरह का
खुले बालों के संग
अपना विलय था ।
……..
सरकारी नौकरी पर बेस्ट 88 शायरी आपके लिए मस्त साबित होंगी ।
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