पीले सूट पर मदमस्त 101 शायरी जो दिल खुश कर देंगी
pila suit shayari for girl यदि आपको पीले सूट पर शायरी चाहिए । तो हम आपको यहां पर कुछ बेहतरीन पीले सूट की शायरी के बारे मे बता रहे हैं। और उम्मीद करते हैं। कि आपको यह जरूर ही पसंद आने वाली है।
हमें भी रखले अपनी बांहों मे ,
बस चूका है पीला रंग तेरे सूट का ,
दिल की निगाहों मे ।

……..
पीला सूट है तेरा कढ़ाई का ,
जब से लगा है चस्का तेरा ,
क्या करें इस पढ़ाई का ।
……
अब मन नहीं लगता इन किताबों मे ,
जब से देखा है उस ,
पीले सूट वाली को ख्वाबों मे ।

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ना सूरत से प्यार करो ,
ना जरूरत से ,
प्यार करना है ,
तो करो दिल की हसरत से ।
……
पीले फूल भी होते हैं ,
और पीला सूट ,
कहा हमने कुछ भी नहीं ,
फिर भी वह गई हमसे रूठ ।
……
मौसम का रंग नीला ,
उसका सूट है पीला ,
सब कुछ दिख रहा है ,
क्यों पहना इतना ढीला ।

…….
दुनिया सारी गोल है ,
पीले सूट वाला ,
हर कोई अनमोल है।
…….
हसरत है तुमसे दिल लगाने की ,
हर कोई तमन्ना करता है तुझे ,
पीले सूट मे देखे जाने की ।
……
पीला तेरा सूट है ,
गुलाबी तेरा रंग ,
तेरे प्यार की खातिर ,
कर रहा हूं दुनिया से जंग ।

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तेरी खातिर हम दुनिया छोड़ बैठे ,
रिश्ते खून के ,
सारे इस पीले सूट खातिर तोड़ बैठे ।
…….
अब सब्र हमसे होता नहीं ,
पीले सूट पहनकर छोड़कर यूं जाती नहीं ,
तो दिल यह यूं रोता नहीं ।
……
तारे कभी आसमां मे खो नहीं सकते ।
किसी और के हम हो नहीं सकते ,
देखकर पीला सूट तेरा ,
हम रात भर सो नहीं सकते ।

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दोस्ती रखों सितारों से ,
पता नहीं कब पीले ,
फूल मुरझा जाएं ,
और नफरत हो जाए
इन नजारों से ।
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कभी कभी गम पी लिया करते हैं ,
सूट तेरा पीला देखकर ,
अकेले भी जी लिया करते हैं।

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नीली आंखों वाली ,
पीले सूट वाली ,
मेरे दिल की है
इक क्वाली ।
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दुनिया नफरत करती है हमसे ,
मगर हमें इसकी परवाह नहीं ,
वो पीले सूट वाली मुहब्बत करती है हमसे ।
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पीला वो पतंग है ,
दिल मे उमंग है ,
यह कुछ नहीं यारो ,
बस प्यार की जंग है।
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जब आसमां खोता है ,
तो जमीं रोती है ,
कैसे बर्दाश्त करले दिल ,
जब वो पीला सूट पहनकर
किसी और की होती है।
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ना दिल की वो बूरी है,
ना मौसम की वो धूरी है ,
यह पीला सूट पहनना
भी उसकी मजबूरी है।
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रेगिस्तान मे दूर दूर
तक कोई नजर नहीं आता ,
प्यार मे आसानी से
कोई डगर नहीं आता ।

……
इस आवारगी ने बना दिया दिवाना ,
उसकी गली मे आकर हम भी ,
बनगए पीले सूट वाली ,
के नजरों का निशाना ।
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सांस कहीं अटक सी गई है ,
दिल की धड़कन
कहीं भटक सी गई है ,
जब से वह पीला सूट
पहनकर मटक सी गई है।
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आंखों ही आंखों मे प्यार होता है ,
फिर दिल बेकरार होता है ,
फिर पीले सूट वाली से तकरार होता है।
……….
जब से देखा है तुझे ,
पीले सूट और सलवार मे ,
जोश आ गया है ,
हमारी भी तलवार मे ।
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दिल को बुखार है ,
प्यार को जुकाम ,
पीला सूट पहनकर ,
क्यों लेती है तू इंतकाम ।
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नफरत अच्छी नहीं होती सेहत के लिए ,
एक बार जरा पीला सूट पहनकर आजा ,
हमारी राहत के लिए ।
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तुम्हारा पीला सूट, बारिश की बूँदों सा नज़ारा,
दिल को छू ले जैसे कोई फूल हो प्यारा ।
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बारिश की रिमझिम में तुम पीले सूट में खिले,
जैसे सूरज आसमां के गले मिले ।
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तुम पीले सूट में हो, मैं बारिश में भीग रहा हूँ,
एक रंग तेरा, एक रंग मेरा,
इसी तरह मैं होले होले मुहब्ब्त सीख रहा हूं ।
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बारिश की फुहारों में तेरी पीली परछाई,
यादों के झरोखे से दिल मे उतरआई ।
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तेरा पीला सूट, मेरी बरसाती रात,
दो रंग मिले तो बन गई मोहब्बत की बात।
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वो पीले सूट में मस्त, मैं जाम से चूर,
दो रंग मिले—एक शराबी, एक नूर।
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पीला सूट उसका, प्याला मेरा लाल,
जैसे शाम ढले कोई मस्त दिल
मे ना हो किसी का मलाल ।
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पीला उसका सूट, लाल मेरी दारू,
जब मिलते हैं दोनों, हो जाती है ,
तो हो जाती है जिदंगी बीमारू ।
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मैं शराब का प्याला, वो पीले सूट की धूप,
दोनों मिले तो जिंदगी हुई ,मस्त सूप ।
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वो पीले सूट मे मस्तानी है ,
दोस्ती उसकी दीवानी है ,
नखरे भले ही करले ,
मगर उसको नजरें ,
तो हमशे मिलानी हैं।
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वो पीले सूट में खिला था, मैंने समझा चाँद सा है,
पर वो तो बेवफा निकला, दिल उसका आजाद सा है।
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चेहरा उसका किताब सा है ,
सूट उसका गुलाब सा है ,
और मजा उसका शराब सा है।
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कितना हसीन था वो पीले सूट में,
मगर बेवफाई थी उसके झूठ मे ।
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कोमल पीला सूट भी ,
कभी कभी जख्म दे जाता है ,
कोई कितना भी अपना क्यों ना हो ,
बुरे वक्त मे वह भी गम दे जाता है।
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ना शराब से दोस्ती करो ,
ना ख्वाब मे ,
दोस्ती करनी है ,
तो करो इस पीले गुलाब से ।
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मेरे प्यार का मजाक बनाया उसने ,
पीला सूट पहनकर ,
मुझको खाक बनाया उसने ।
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वो छत पे आती थी पीले सूट में,
आज हम उसको देखते हैं ,
बस शराब की हर घूंट मे ।
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पीले दुप्ट्टे की आड़ मे ,
कमीनी बोली तू जा भाड़ मे ।
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छत पे उसकी मुस्कान, पीले सूट की चमक,
फिर भी मिला गई मेरी दुनिया मे नमक ।
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छत पे वो आई, पीले सूट में चमकी,
दिल ने कहा— “यही है वो, जिसका इंतज़ार था।”
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छत पे आई वो पीले सूट में सजकर,
शाम भी शरमा गई, रंग उसके देखकर।
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बिजली चमकी, बारिश हुई, वो पीले सूट में आई,
उस रात मेरे दिल ने कहा— यही बनेगी तेरी सहनाई ।
……
बिजली की रौशनी में वो पीला सूट निखरा,
जैसे अंधेरे में कोई सितारा जगमगाया हो।
कैसे दूर कर सकते हैं उसको अपने आप से ,
जिसे खुद की जान से ज्यादा चाहाया हो ।
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शाम को अक्सर वह छत पर आया करती है ,
पीले सूट मे बिजलियां गिराया करती है।
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बिजली कड़की तो वो पीले सूट में सिमट गई,
हमे लगा वो हमसे पट गई ।
……..