श्मशान पर 200 बेस्ट शायरी यूनिक शायरी shamshan par shayari

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श्मशान पर शायरी shamshan par shayari के बारे मे हम आपको यहां पर बता रहे हैं। और आपको यह शायरी जरूर ही पसंद आएगी । श्मशान घाट की बेस्ट शायरी । आमतौर पर जब कोई इंसान मर जाता है , तो उसको श्मशान घाट लेकर जाया जाता है।

जब हम लेटे थे श्मशान मे ,

फिर भी वो आग लगा रही

थी दिल के अरमान मे ।

……

असली घर अपना श्मशान है ,

मौत के बाद यही एक पहचान है।

…….

मुर्दों का घर है श्मशान ,

जिदंगी का असली

सफर है श्मशान ।

श्मशान पर शायरी

……..

अगर मैं तुम्हें ना मिलूं

तो श्मशान मे आ जाना ,

बस एक बार श्मशान के मुर्दों

को मेरा नाम बता जाना ।

………

“शमशान में उड़ती राख से पूछो तो सही,

क्या वाकई ख़त्म हो जाती है मोहब्बत मरने के बाद…”

……..

दिल का हाल कोई जान नहीं पाया ,

श्मशान तक तो सब आए ,

मगर हमारे गम को कोई पहचान नहीं पाया ।

श्मशान पर शायरी

……

उसने धोखा देकर मारा हमें ,

सामने साली की औकात नहीं थी ,

मौका देखकर मार हमें ।

…….

दुनिया की सबसे शांत जगह श्मशान है ,

आ जाना अगर

किसी के दिल मे शांति का अरमान है।

shamshan shayari in hindi

………

शौक नहीं किसी को

आग मे जलने का ,

मगर क्या करें दर्द ही

जिदंगी इतना देती है ,

कि हर कोई इंतजार

करता है जिदंगी की सांझ ढलने का ।

……….

मेरा कत्ल करके हंस रही थी वह ,

जैसे खुद अमर हो ।

……..

ना गरीब देखता है ,

ना अमीर देखता है ,

यह श्मशान है जनाब ,

यह बस राख फेंकता है।

shamshan shayari in hindi

………

जल गया शरीर ,

जल गई लकड़ी ,

बहुत दुख भरी थी

लग रही थी यारो ,

वह श्मशान मे खड़ी ।

…….

ना किसी के मरने से

दुनिया रूकती है ,

ना किसी के जीने से ,

दो पल मे श्मशान मे

जला दिये जाओगे ,

कुछ नहीं होगा किसी का फ्रिक करने से ।

……….

दुनिया मेरी मौत का

तमाशा देखती रही ,

चिंता श्मशान मे जलती रही ,

और वह खुशी से चकहती रही ।

……….

कब्र जब अपनी श्मशान मे होगी ,

वह खूबसूरत परी ,

फिर किसी और के साथ आसमान मे होगी ।

shamshan shayari 2 line

……

मत आना तू मेरे जनाजे मे ,

आज भी बेवफाई है

तेरे इरादे मे ।

……

मरने के बाद भी

इस दिल को सकून नहीं ,

उसने हमें अपने हाथों से मारा था ,

और बोलती है कोई खून नहीं ।

……..

जो सामने से वार करे ,

उसे दुश्मन कहते हैं ,

जो पीठ पीछे से वार करे ,

उसे खुशमन कहते हैं।

shamshan shayari 2 line

………

श्मशान मे चिता मेरी जल रही थी ,

और कमिनी हंसते हुए चल रही थी ।

……..

सुनो बे मेरी कब्र पर रोने वालों ,

झूठे आंसू और हमदर्दी मुझे नहीं चाहिए ।

……..

श्मशान मुर्दों का महल ,

जहां आंखों से कुछ दिखता नहीं ,

मगर ​वहां बहुत चहलपहल है।

…….

सूरज तो हर रोज उगता है ,

मगर श्मशान मे वो जाता है ,

जिसका वक्त रूकता है।

………

टूटते हुए तारे को देखकर

विश वह मांग लेती है ,

उस पगली को क्या पता ,

श्मशान मे गए  लोग

कभी लौट कर नहीं आते ।

shamshan shayari status

……..

जब श्मशान मे हमें

जलाया जा रहा था ,

एक तरफ वह खूब रो रही थी ,

जब जमाने को हंसाया जा रहा था ।

……….

जब आप श्मशान मे होते हैं ,

तो लोग आपकी अच्छाई के लिए रोते हैं ।

…….

“चिताओं की आग में जलकर भी बची है एक आस,

खूबसूरत तू भले ही नहीं थी ,

मगर फिर आज भी तू हमारे लिए है खास ।

shamshan ghat shayari in hindi

………

मुर्दे इश्क नहीं किया करते ,

जो श्मशान मे जल चुके हैं ,

वो अपनों के संग नहीं ​जीया करते ।

………

ऐ बंदे जोर मत कर जवानी का ,

यह श्मशान घाट ही आखरी

पड़ाव है तेरी कहानी का ।

…….

यहाँ जलती हैं चिताएँ रोज़, मिट्टी में मिल जाता है कोई,

फिर तारा बनके आसमां मे खिल जाता है कोई ।

श्मशान पर शायरी

…….

श्मशान मे चिता जब मेरी जल रही थी ,

मगर वह इतराकर आज भी चल रही थी ।

………

श्मशान मे बैठकर भूतों के साथ बीड़ी पीएंगे ,

यही है असली जिदंगी यारो ,

बस इसी तरह अब जीएंगे ।

……..

ना कर एतबार किसी पर ,

ना कर एतराज किसी पर ,

तुझे भी एक दिन श्मशान जाना है ,

ना कर बेवजह वार किसी पर ।

………

सूरज का साथ बस शाम तक है ,

अपनी दोस्ती बस श्मशान तक है ।

………

जब जल गया शरीर श्मशान मे ,

ना कोई दोस्त रहा ,

ना कोई दुश्मन ।

श्मशान पर शायरी

……..

हम शमशान  मे बैठकर तुझे याद करते हैं ,

आज पता चला ,कैसे अपने ही

अपनों को बरबाद करते हैं।

…….

वादे सारे तूने तोड़ दिये ,

हंसकर शव सारे जामने

ने श्मशान मे ही छोड़ दिये ।

……….

श्मशान की राख को

कभी चखना मत ,

गहरी दुश्मनी कभी किसी

से रखना मत।

चिता मे तो शरीर जलता है ,

फिर दिल मे आग लगाकर रखना मत ।

……..

जल गए श्मशान मे

बड़े बड़े राजा ।

जी ले दो जिदंगी,

फिर अपने संग आजा ।

……..

असली घर तो अपना

श्मशान था ,

और यह बेरहम जमाना

कोठियां खड़ी करता रहा ,

सत्य से साला अनजान था ।

shamshan shayari 2 line

……..

ढल गया हो जिसका सूरज ,

उसे कोई बचा नहीं पाया ,

मरने के बाद श्मशान तक

कोई खुद आ नहीं पाया ।

…….

रहते हैं हम श्मशान मे ,

मस्त जीते हैं इस विरान मे ,

ना कुछ पाने की आशा ,

ना कोई निराशा ,

सब कुछ मिल जाता है दिल

के अरमान मे ।

……..

ना कोई दर्द  था ,

ना कोई सर्द था ,

सब कुछ बस श्मशान

का गर्द था ।

shamshan shayari 2 line

………

वक्त किसी का गुलाम नहीं होता ,

तुम शरीर नहीं आत्मा हो ,

और आत्मा का कोई नाम  नहीं होता ।

………

श्मशान के भूतों से डरते हैं लोग ,

मगर फिर भी खुद

भूतों वाले काम करते हैं लोग ।

………

मौत जिसकी टल गई ,

वो श्मशान नहीं आएगा ,

मगर आई जिसकी मौत ,

उसपर किसी का एहसान नहीं आएगा ।

shamshan shayari status

……..

दिल से अगर भगवान हो ,

तो श्मशान मे भी मजा है ,

दिल अगर राक्षस हो ,

तो जिदंगी भी एक सजा है।

……..

क्या उखाड़ लिया 100 साल जीकर ,

अगर जिदंगी के मर्म को नहीं जान पाए ,

तो क्या फर्क है तुम्मे और उनमे ,

जो पड़े हैं श्मशान मे पीकर ।

…….

कोई भरोशा नहीं है इस जिदंगी का ,

खात्मा नहीं होता श्मशान मे जाकर

भी इंसान जैसी गदंगी का ।

………

जान से ज्यादा चाहने वाली ने

हमारे दिल को हिला दिया ।

शराब पीकर पड़े थे श्मशान मे

किसी ने मुर्दा समझ कर जला दिया ।

……..

वह नदी ही क्या

जिसका कोई किनारा ना हो ,

वह श्मशान ही क्या ,

जिसमे मुर्दे आवारा ना हो ।

…….

सुन बे महलो मे रहने वाले ,

बोल भी नहीं सकते हैं ,

श्मशान मे जलने वाले ।

…….

दर्द फिर कभी होता है ,

कुछ वक्त के बाद कोई रोता नहीं ,

जल गया जो श्मशान मे ,

फिर वो किसी और का होता नहीं ।

………

दर्द दिल का छुपाया तुमने ,

जान से ज्यादा चहाया तुमने ,

फिर भी हमको मरते दम

तक सताया तुमने ।

…….

यहां एक कतरा भी नहीं बचा है खाने का ,

अब तो कोई रस्ता देदे मुझे श्मशान तक जाने का ।

………

लोग कहते हैं

इस जिदंगी मे बहुत मजा है ,

मगर मुझे लगता है ,

यह जिदंगी ही सबसे बड़ी सजा है।

………

श्मशान मे राख हो जाती है ,

जब जिदंगी ,

फिर कोई काम नहीं आती है बदंगी ।

……….

जीकर भी क्या करेंगे तेरे बिना ,

हम तो जल चुके हैं श्मशान मे ,

अब तुझे मालूम होगा ,मेरे बिना ।

…….

अपनी मुहब्बत ने ही

अपना कत्ल किया था ,

दूसरों से शिकायत

ही क्या करते ।

………

श्मशान मे आग

उसने लगाई ,

जिसने मेरी मौत

करवाई ।

……..

जल जाता है शरीर

रह जाती हैं यादें ,

श्मशान मे जाने के बाद

फिर नहीं होती कभी

मुलाकातें।

………

शहर के शहर जल गए ,

जो नहीं जाने थे वो भी चल गए ,

वो अब कैसे आ सकते हैं पगली ,

जो श्मशान मे जल गए ।

……

अनोखी है हर श्मशान की कहानी ,

किसी के इरादे खत्म हो गए ,

तो किसी की यादें ।

………

“चिता की आग में जल गया जिस्म,

ख़ाक हो गई सारी हस्ती।

पर न जलेगा वो नाम उसका,

जिसने छोड़ी हो दुनिया में कस्ती।”

………

जो समंदर से भी रास्ता बना लेते हैं ,

जो पत्थर को भी भगवान की तरह चाह लेते हैं ,

ऐसे लोग अगर कहीं मिलते हैं ,

तो उन्हें अपना बना लेते हैं।

……..

राक्षस तो हर युग मे मिलेंगे ,

मगर असली फूल वो होंगे ,

जो कांटों के साथ  खिलेंगे ।

……..

कोई पा नहीं सका इस जग की माया को ,

श्मशान की आग से कोई बचा

नहीं सका इस काया को ।

……..

हमारी मौत जब होगी ,

तो फूल बरसा देना ,

इस बेरहम जिदंगी से अच्छा है ,

श्मशान मे खुद को छुपा देना ।

…….

दोगली दुनिया है सारी ,

सब अकड़ धरी रह जाएगी ,

जब आएगी श्मशान ले जाने की बारी ।

…….

मिट जाएगा इतिहास तेरा ,

जला देगी श्मशान की आग

हर एहसास तेरा ,

जब रूक जाएगा सांस तेरा ।

…….

टूट जाती है श्मशान मे हर रिश्ते की जंजीर ।

वक्त के साथ मिट जाता है शरीर ।

……..

खुदा ने अगर यह दुनिया

बनाई तो खुदा गुनाहगार है ।

भरोशा करें तो किस पर करें ,

बेवफा यह सरकार है।

…….

अपने फायदे के लिए दूसरों

का गला काटने वाले ,

धर्म के लिए खुद को बांट वाले ,

श्मशान की राख एक जैसी होती है ,

भले ही तू है रक्त चाटने वाले ।

…….

उसको जिंदा होने की खबर थी मेरी ,

वह उसे नहीं जानती थी ,

जिस ​कब्रिस्तान मे कब्र थी मेरी ।

……

जब आती हैं रातें अंधेरी ,

कुछ दिखाई नहीं देता ,

लेटे हो अगर श्मशान मे

तो फिर कुछ भी सुनाई नहीं देता ।

……

मेरी कब्र से वह प्यार का

इजहार कर रही थी ,

मरने के बाद पता चला ,

कितना वह मुझसे प्यार कर रही थी ।

……..

जो आज तुम्हारी है ,

वो कल किसी और की होगी ,

लेट जाओगे जिस दिन श्मशान मे

दुनिया बस बोर की होगी ।

………

कितना भी छुपालो सच कभी छुपता नहीं ,

जो एक बार गया श्मशान मे ,

फिर वो कभी उठता नहीं ।

…….

जिनको शौक है ,

श्मशान मे मरने का ,

वो जल्दी मर जाएं ,

यहां क्यों समय खराब करने का ।

………

हक किसने दिया तुझे ,

मुझे बरबाद करने का ,

ऐ खुदा सुन ,

कितना लेगा ,

मुझे कब्र से आजाद करने का ।

………

श्मशान जैसी शांति कहीं होती नहीं ,

जिदंगी यूं ही श्मशान जाने के लिए रोती नहीं ।

……..

कब्रिस्तान मे वह कब्र पर फूल चढ़ाने आई ,

हम तो मर ही चुके हैं ,

क्यों तू मुर्दे का फिर से दिल धड़काने आई ।

……..

जिदंगी मे कभी अमन नसीब नहीं हुआ ,

दिल से कोई कभी गरीब नहीं हुआ ,

जाना सबको है श्मशान मे ,

मेरे साथ भी कुछ अजीब नहीं हुआ ।

…….

जिदंगी भले ही दर्द देती है ,

मगर श्मशान हर दर्द को खत्म कर देता है।

………

मत किया कर मेरी कब्र के पास उजाला ,

अक्सर मुर्दों को उजाले से डर लगता है।

……..

जिस दिन श्मशान मे दिवाली मनाना सीख जाओगे ,

उस दिन जिदंगी से प्यारी मौत लगेगी ।

……..

जिदंगी भर जलील किया उसने ,

कहीं वापस ना आ जाएं हम ,

इस तरह से कब्र को सील किया उसने ।

…….

मरने के बाद भी तेरी याद,

मिट्टी में महक जाएगी,

जब कोई मेरी कब्र पे आएगा,

तेरे नाम की हवा चल जाएगी।

………

खाक का है शरीर ,

एक दिन खाक मे मिल जाए ,

किस्सा तेरी प्यार मुहब्बत का ,

एक दिन यूं ही श्मशान की ,

राख मे मिल जाएगा ।

……..

तू जिसको चाहता है ,

वो भी एक दिन यहीं सोएगी ,

फिक्र मत कर उसकी ,

तेरे मरने के बाद वो खूब रोएगी ।

……….

मेरी कब्र पर दुश्मनों ने पेशाब किया ,

जैसे वो जीत गए ,

ऐसा उन्होंने एहसास किया ।

……….

दुश्मन को भी श्मशान मे

जलाकर खुश मत होना कभी ,

यहां कोई अमर नहीं है ,

खाक हो जाएंगे एक दिन सभी ।

………

मरने के बाद मेरी कब्र पर

गुलाब चढ़ा देना ,

एक बेवफा के लिए शहीद हो गए ,

यह लिखा देना ।

………

क्यों रोती हो कब्र पर आकर मेरी ,

श्मशान मे तो चैन से जी लेने दो ।

……

प्यार करना है

तो श्मशान से करो ,

दोस्ती करनी है ,

तो दिल के विरान से ।

…..

हर अच्छा काम शान से करो ,

अगर मुहब्बत करनी है ,

तो भगवान से करो ।

……..

मेरी जिदंगी है श्मशान का​ विरना ,

पता देना अगर कोई पता पूछे ,

तो श्मशान का ठिकाना ।

……..