thar gadi par shayari थार गाड़ी पर शायरी । दोस्तों यहां पर हम आपको थार गाड़ी पर सबसे बेस्ट शायरी के बारे मे बताने वाले हैं। और यदि आपको थार गाड़ी काफी अधिक पसंद है , तो यह शायरी आपके लिए ही हैं। थार गाड़ी काफी अधिक पोपुलर गाड़ी है। तो शायरी तो इसके उपर बनती ही है।
जब हवा से बातें करती है,
अपनी थार ,
देखता रहता है पूरा संसार ।
……
मुझे आज पता चला है ,
वह मुझ पर नहीं
अपनी थार पर मरती है।

…….
कुछ गोल डिगर होती हैं ,
कुछ मस्त फिगर होती हैं ,
मगर हो जिसके पास थार ,
वो अक्सर निडर होती हैं।
…..
तेरे भाई की पहली पसंद थार है ,
जिसका हर किसी को इंतजार है।
………
चलते हैं जब हम थार गाड़ी मे ,
दुश्मन छुप जाते हैं ,
देखकर हमें झाड़ी मे ।

……
नीचे हो थार ,
अपनी हो सरकार ,
फिर कदमों मे होगा
यह संसार ।
….
थार तो हवा से बातें करती है ,
यह एक लड़की से ज्यादा ,
तो शरारतें करती है।

…….
काली थार
काले शीशे ,
भाई लोगों के
यही हैं यारो किस्से ।
…..
जब चलते हैं काली थार मे
बैठकर ।
दुनिया सलाम करती है ,
हम एक मिनट मे वो
कर देते हैं ,
जो तू सुबह शाम करती है।
……..
काली थार मे चलते हैं हम
दुश्मन कांप जाते हैं ,
जब घर से निकलते हैं हम ।

…….
देखकर अपनी काली थार ,
दुश्मन हुए बीमार ,
यही तो है अपनी ,पॉवर ।
…….
जिस दिन चलेंगे काली थार मे ,
कोई दुश्मन नहीं बच पाएगा
अपना इस संसार मे ।

……
काली थारी रेगिस्तान का जहाज है ,
यह मेरे दिल की आवाज है।
…….
तेरे यारों का सिक्का चलता है ,
जब हम निकलते हैं काली थार मे ,
दुश्मनों का जोश फीका चलता है।
……..
रेगिस्तान की रेत मे ,
घर और खेत मे ,
कहीं भी जा सकती है थार ।

……..
जब निकली थी रोड़ पर
साली दिल को छू गई ,
देखकर हमें काली थार मे
दुश्मनों की टोली भी रूक गई ।
………
काली थार हर किसी का सपना है ,
मगर उसे खरीदता वही है ,
जिसमे दम अपना है।

……..
काली थार मे सफर करते हैं हम ,
सही सलामत नहीं पूछते किसी की ,
बस मौत मे ही खबर करते हैं हम ।
…….
काली थार का तेरा रंग है ,
एक बार इसमे सवार हो गए ,
तो फिर जंग ही जंग है।
…….
काली थार वालों से
कभी दुश्मनी नहीं लेनी चाहिए ।

…….
नदियां अपना रस्ता खुद बना लेती हैं ,
जो सफर करते हैं काली थार मे ,
कलियां उनको खुद फंसा लेती हैं।
…….
काला रंग, मस्ताना अंदाज़,
थार की है ये खास पहचान।
चल पड़ी है रेगिस्तान में,
जैसे चले कोई जवान।
…….
जिस दिन निकलेंगे काली थार मे ,
कसम से आग लगा देंगे संसार मे ।

…….
लड़किया हम पर नहीं ,
अपनी थार गाड़ी पर मरती हैं।
……
उसकी चाल में जैसे जादू है,
काली थार उसका साज़ है।
रेगिस्तान की रानी है वो,
उसका अपना अंदाज है।

……
किस्मत चाहिए थार मे बैठने के लिए ,
वरना बहुत जगह है यार ,
श्मशान मे लेटने के लिए ।
……
कहती है तेरे पास थार होगी
तो साथ जाउंगी ,
हम थार भी ले आए ,
मगर अब हमें तेरी जरूरत क्या है।
……
तू थार की दिवानी है ,
और हम तेरे दिवाने हैं ,
बैठना तो बैठ अपनी थार मे ,
मगर अपनी जिदंगी मे बहुत फसाने हैं।
……
जिस दिन निकलेंगे थार मे ,
कसम से भूचाल आ जाएगा सरकार मे ।
……
दोस्ती हो तो बहार जैसी हो ,
गाड़ी हो तो थार जैसी हो ।
……
दोस्ती सितारें से हो ,
जिदंगी फिर बहारो से हो ,
अगर बैठ गए थार मे ,
तो प्यार मस्त नजारों से हो ।
……..
थार अपनी हवा से बातें करती है ,
नई नई हसीनाओं से मुलाकातें करती है।
……..
बिना रूकावट के चलती है रेगिस्तान मे ,
एक नई हंसी छा जाती है विरान मे
…….
मस्त थार के साथ ,
एक सुंदर बीबी हो ,
तो फिर यह अपनी
खूब अच्छी नसीबी हो ।
……..
बदनसीब वो हैं
जिनके पास थार नहीं ,
किस्मत वाले वो हैं ,
जिनके पास धोखेबाज यार नहीं ।
…….
थार गाड़ी शराब से भरी ,
देखकर उसकी स्पीड को
पुलिस भी डरी ।
………
मेरे दिल की जान है थार ,
यही है मेरे सपनों की कार ।
……..
थार मे बैठी खुबसूरत बुलबुल ,
उसे छेड़ने की मची है चुल ।
…….
तेरे भाई की पहली पसंद थार है ,
खूबसूरती और दम देखकर ,
तेरे भाई को इससे प्यार है।
…….
थार गाड़ी का कमाल है ,
गैंगेस्टरों ने मचाया बहुत
इससे धमाल है।
……..
एक दिन थार भी अपनी होगी ,
और सरकार भी अपनी होगी ।
…….
चलती है थार उड़ती है धूल ,
जितने लगे एक ड्राइव मे
पैसे सारे हो गए वसूल ।
……
रात के सन्नाटे को चीरती हुई ,
निकलती है जब रोड़ पर ,
हर किसी का दिल छू लेती है ,
दिलवालों से घिरती हुई ।
…….
थार की रेत पर, ऊँट की चाल में,
धूप की लूट में, रात के जाल में।
अपनी थार और हसीन हो जाती है
हर नए साल मे ।
………
दिल की गहराई मे ,
हर सहनाई मे ,
आगे निकल जाती है यह थार ,
हर तन्हाई मे ।
…….
थार गाड़ी पर हम सवार थे ,
मौसम देखकर हमें लाचार थे ,
यह लौडें बस थोड़े गैर जम्मीदार थे ।
………
थार गाड़ी का साथ ,
और उपर से बरसात ।
पैदा कर देता है नई करामात ।
……..
थार गाड़ी ना हो तो
फिर क्या हो ,
शौक पूरा करना चाहिए ,
भले ही जिदंगी बेकार क्योंना हो ।
……….
थार गाड़ी मे सफर का
मजा लिजिए ,
इसी तरह अपनी
जिंदगी हसीन कीजिए ।
…….
सफर है अंधेरी रातों का ,
लेने का फैसला थार था
अपने जज्बातों का ।
…….
हम तो हवा मे थार चलाते हैं ,
कुछ इसी तरह दुश्मनों को जलाते हैं।
……..
यह थार अपनी हसीना के नाम ,
जब हाशिल किया हमने मुकाम ,
जिदंगी हो गई है अब तिलाम ।
…….
थार के संग ,
जिदंगी मे उमंग ,
और दुश्मनों से जंग ,
यही है जिदंगी के असली रंग ।
……..
थार गाड़ी के काले शीशे ,
बंद करके लोग ले रहे हैं जिसे ।
…….
थार के संग जिदंगी मे मजा ही मजा है ,
एक बार मिल जाए ,
सपने पूरे हो जाएं ।
……
तेज हवा में उड़ती धूल, थार की आवाज़ है मस्तानी,
सर पे रुमाल, दिल में जुनून, ये जिंदगी है दीवानी।
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ये चले थार, ये चले हम, ये चले बेखुदी का जाम,
हर एक धक्का है एक नग्मा, हर एक झटका है एक पैगाम।
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बदन में कंपन, आँखों में धुआं, थार की सवारी है सैलानी,
रस्ते की हर बाधा को चुनौती देती है ये जवानी।
……
पहाड़ी रास्ते, ऊबड़-खाबड़, थार ना माने हार,
हौसलों की इस गाड़ी ने, बना रखी है अपनी मार।
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दिल की तन्हाई मे ,
सपनो की परछाई मे ,
हमें थार ही नजर आती है ,
हर लड़ाई मे
…….
सफर का मजा ,
तो थार के संग है ,
बाकी सब कुछ ,
तो बेकार का ढंग है।
…….
जीने का मजा लेना हो
तो थार खरीद लो ,
और गाड़ी से तो ना
झूठी उम्मीद लो ।
……
सुनसान रास्तों का हो सफर ,
तो होकर चलती है अपनी थार बेखबर ।
………
अपनी थार तो हवा से बातें करती है ,
अक्सर करीना के साथ मुलाकातें करती है।
…….
दिल की धड़कन मेरी थार है ,
यह है तो ना किसी की दरकार है।
………
तेरे भाई ने सिस्टम सारा फाड़ डाला ,
जब निकला थार मे ,
तो सब कुछ उखाड़ डाला ।
……..
बिना रूके कहीं पर भी चली जाती है ,
मैं थार के जज्बे को सलाम करता हूं ।
लॉंग ड्राइव पर इसमे अपनी परी
के साथ आराम करता हूं ।
…….
नीचे हो थार ,
और गर्लफ्रेंड हो चार ,
तो फिर मजा जिदंगी का
किसे नहीं आएगा मेरे यार ।
……
दिल से तू सलीना है ,
अनमोल तू नगीना है ,
क्या करेगी तू थार का ,
यही तो प्यार करने का महिना है।
……
बरसात हो या धूप ,
नहीं रहती है कभी
अपनी थार चुप ।
…….
कोई लब्जों मे बयां
नहीं कर सकता अपनी थार की खूबी ,
क्यों की यह है ही इतनी अजूबी ।
……..
कभी कभी इंसान भी
कुदरत से आगे निकल जाता है ,
तभी तो थार जैसा माल ,
रोड़ पर चल जाता है।
……..
थार के संग हो एक सुंदर हसीना ,
फिर जिदंगी का हर दिन हो जाएगा
सावन का महिना ।
…….
तेरे कदमों मे डालदेंगे ,
एक दिन थार भी लाकर ,
फिर रोएगी तू कब्र
पर मेरी आकर ।
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थार चाहिए उसे
और मुझे वह चाहिए ,
उसके लिए तो मैं कुछ भी करूंगा ।
……..
वह थार वाली हसीना थी ,
और में कार वाला बंदा ,
दिल कैसे लगा लेती मुझसे ,
वह चंदा ।
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थार मे सफर
तेरे संग करेंगे ,
जिदंगी मे नई उमंग
तेरे संग भरेंगे ।
…….
गाड़ी हो तो थार जैसी ,
दिल खूश हो जाए ,
गर्ल फ्रेंड हो तो बहार जैसी ।
…….
फूल खिलते हैं
मुरझाने के लिए ,
थार होती ही है ,
दुश्मनों को जलाने के लिए ।
……..
कोई कहता है ,
हसीनाएं भाव नहीं देती ,
मैं कहता हूं थार मे सफर किया कर ,
कैसे वो तुझे प्यार का ताव नहीं देती ।
……
दिलदार भी पैसे वाला चाहिए ,
दोस्त अगर हो ,
तो थार वाला चाहिए ।
…….
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