ट्रेन पर 100 बेस्ट  शायरी सिर्फ आपके लिए सफर को मजेदार बनाएंगी ।

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train par shayari दोस्तों ट्रेन पर शायरी हम आपको यहां पर बता रहे हैं। आपने भी ट्रेन मे सफर किया होगा । और वैसे भी ट्रेन मे सफर करने का मजा ही अलग होता है। यदि आप ट्रेन पर शायरी सर्च कर रहे हैं , तो आप सही जगह पर आए हैं। हम यहां पर कुछ शायरी आपको बताने वाले हैं।

ट्रेन का सफर

जिदंगी के सफर

से भी अनोखा है ,

प्यार व्यार कुछ नहीं यारो

बस आंखों का धोखा है।

……….

वह ट्रेन की तरह चलती है ,

मदहोश हो जाते हैं हम ,

जब वह अपने पास से निकलती है।

train par shayari

………

ट्रेन मे सफर करने का

मजा ही कुछ अलग है ,

उनसे नैन मटका

करने की वजह अलग है।

………

छुक छुक कर चलती रेलगाड़ी ,

मगर क्या करें इसमे बैठने की

औकात नहीं रही हमारी ,

सरकारों ने बना दिया

सबको बेलगाड़ी ।

train safar shayari in hindi

………

दूर का सफर ट्रेन से हो ,

यह कैसी जिदंगी ,

जब जिदंगी की शूरूआत ही

क्रेन से हो ।

…….

ये ट्रेन की सीटी, ये पटरियों का संगम,

यूं ही चलता है यारो

जिदंगी मे कभी खुशी कभी गम ।

……..

ट्रेन आने का इंतजार हम करते रहे ,

वह लेट पर लेट होती रही ,

रही खही उम्मीद भी हमारी

खोती रही ।

ट्रेन सफर शायरी इन हिंदी

……..

अगर यह ट्रेन नहीं होती

तो भेड़ बकरियों की तरह

इंसान भरे जाते बसों मे ,

फिर और भी मुश्किल

हो जाती जिदंगी के फलसफों मे ।

………

दो बोगी बस जनरल डिब्बे हैं ,

गरीबों के सफर के लिए ,

ना सरकार को चिंता

ना नेताओं को ,

उनकी मुश्किल डगर के लिए ।

ट्रेन सफर शायरी इन हिंदी

………….

ऐ खुदा सलाम है तुझे

ट्रेन के शुभ सफर के लिए ,

हम सही सलामत हैं ,

शुक्रिया है इस खबर के लिए ।

……….

आजकल ट्रेन भी

आपस मे टकरा जाती हैं ,

मगर सरकारें इन खबरों

को हर बार हवा में उड़ा जाती हैं।

………

ट्रेन मे भी आजकल

रेप होने लगे ,

ना कोई सुरक्षा ना कोई सुनने वाला ,

देखकर हालत इसकी ,

हम भी रोने लगे ।

train safar shayari in hindi text

………

ट्रेन रूकती है ,

तो लोग उतरते हैं ,

जिदंगी यूं ही चलती है

कुछ गुजरते हैं ,

तो कुछ बिगड़ते हैं।

……..

धुएँ का लम्बा सिलसिला, पटरियों का सफ़र,

अलग ही मजा है ,

ट्रेन मे बैठ कर पढ़ने का खबर ।

……..

हर मौसम मे रूकता नहीं

ट्रेन का सफर ,

ट्रेन से मिलती है हर

किसी को अपनी डगर ।

train safar shayari in hindi text

………

हर सफर में कोई न कोई कहानी छुपी है,

रूकती है जब ट्रेन ,तो लगता है ऐसा

जैसे जिदंगी रूकी है।

…….

ट्रेन मे बैठने से पहले लेलिया करो टिकट  ,

वरना अगर पकड़े गए ,

तो समस्या हो जाएगी विकट ।

……..

जिदंगी हो ट्रेन की सफर की तरह ,

परिवार को अपना एक नगर की तरह ,

प्यार करें हमें हर कोई

अपनी मदर की तरह ।

train safar shayari in hindi text

……….

ट्रेन एक सेवा है यारो ,

यह मुनाफे का सौदा नहीं ,

ऐसा कोई नहीं

जिसको ट्रेन ने मंजिल तक

छोड़ा नहीं ।

………

वो टूटी हुई पटरी, वो बिखरा हुआ सामान,

कई जिदंगियों का ले उड़ा अरमान ।

………

रुक गई वो ट्रेन, जो कभी ना रुकती थी,

कितने सपने, कितनी ज़िंदगियाँ यहीं सिसकती थी…

………

पटरी पे लाशें बिछी थीं, आसमाँ रोया होगा,

कोई दोष नहीं था मासूमों का ,

कोई लाखों कमाने वाला अब भी  सोया होगा ।

………

ज़िंदगी की रेल चली, रूकी मौत के स्टेशन पर आकर,

अब तो सरकारी सिस्टम खुश है क्या ,

लाखों की जिदंगी मे तबाही लाकर ।

train safar shayari in hindi text

……….

ना ट्रेन हादसे कम होंगे ,

ना यह सरकार और सिस्टम भस्म होंगे ,

यह ट्रेनें यूं ही जिदंकियों को निगलती रहेगी ,

बस लोग एक एक करके कम होंगे ।

……….

जिस तरह से बादलों से

दोस्ती है रेन की ,

उसी तरह रफतार से

दोस्ती है ट्रेन ही ।

………

ट्रेन मे सफर करने का

दर्द अनोखा है ,

भेड़ ब​करियों की तरह

भरे गरीब लोग

और सरकार कहती है

देश चोखा है।

train safar shayari in hindi text

………

कहा जाता है ट्रेन

तो घाटे मे चलती है ,

मगर गरीबों की दुनिया

तो इसी दाल और आटे मे चलती है।

……..

जब सोई रहती है सरकार

तो देश मे क्राईम होता है,

हर ट्रेन का अपना

टाईम होता है ।

…..

ट्रेन के डिब्बों में बैठे लोग हँसते हैं,

कोई पढ़ता है, कोई सोता है

ट्रेन का सफर कुछ इसी

तरह से होता है।

……

मैं चुपचाप खिड़की ट्रेन से बाहर देखता हूँ,

दूर कहीं तेरा चेहरा ढूँढता हूँ।

मिलता कुछ भी नहीं

हर बार खाली हाथ लौटता हूं ।

……..

ट्रेन चली गई

प्लेटफोर्म पर फिर वह

खामोशी छा गई ,

कभी कभी लगता है ऐसा ,

जैसे फिर वह हमारे साथ

सफर करने को आ गई ।

…….

काश! ये ट्रेन ले चलती मुझे तेरे पास,

या तुझे ही ले आती मेरे करीब..

मगर कहां हैं इतने अच्छे

अपने नसीब ।

……

रेल की पटरियों की

किस्मत मे लिखी होती है जुदाई ,

कुछ हाशिल नहीं हुआ हमें

हमने तो तुझ पर लुटा दी

थी अपने उम्र भर की कमाई ।

…….

धुएँ के बादल, सीटी की आवाज़,

दिल में उठती है तेरी यादों की आँधी.

तेरी मुस्कान के आगे

क्या ही करेंगे सोना और चांदी ।

……..

ट्रेन तो रुक जाती है किसी स्टेशन पर,

मगर मेरा दर्द है तेरे संग रिलेशन पर ।

…….

ट्रेन तो सफर को आसान बनाती है ,

मगर दोस्ती तेरी

जिदंगी को ही श्मशान बनाती है।

……..

कहती है वह

जीने की आस लिए चल रही हूं ,

ट्रेन के सफर मे तुझे याद कर कर के

अंदर से जल रही हूं ।

……

खिड़की से झाँकता हूँ अब तनहा सफ़र में,

तेरे बगैर हर नज़ारा बेमानी लगता है।

बताएं किसको अपनी बातें

हर किसी को बस यह एक कहानी लगता है।

……..

ट्रेन तो चलती रहती है मंज़िल की तरफ़,

पर मेरा दिल तो तेरे पास ही रह जाता है।

आंखों ही आंखों मे अपना

यार बहुत कुछ कह जाता है।

…….

हर स्टेशन पे कोई न कोई उतर गया,

बस मैं ही तेरे दीदार पे मर गया।

……

ट्रेन मे हम थे

बड़े खामोश और बेदम थे ,

तूने ही दिल तोड़ दिया ,

गम देने के लिए दुश्मन

क्या कम थे ।

…….

सफर ट्रेन का स्टेशन तक ,

सफर जिदंगी का लेशन तक ,

तेरा और मेरा सफर ,

बस इनोवेशन तक ।

……

ट्रेन चली गई, प्लेटफॉर्म खाली हो गया,

कल तक मुझे जान से ज्यादा चाहती थी ,

आज मेरा बोलना ही उनके लिए गाली हो गया ।

……..

धुएँ का गुबार, सीटी की आवाज़,

ट्रेन चली और दिल में उठी एक लहर,

अब यह पार करती हुई चली जाएगी

गांव और शहर ।

……

ट्रेन में चढ़के देखा यारों,

एक सीट पे दस बैठे,

कुछ बातें कर रहे हैं

तो कुछ हैं लेटे ।

………

हम सरकार के चमचे नहीं ,

जो ट्रेन की तारिफ करेंगे ,

अच्छी हो सुविधा ट्रेन की

यही सरकार से गुजारिश

करेंगे ।

……..

ट्रेन मे सफर करने का

अंदाज निराला होता है ,

बैठा ट्रेन मे हर सख्स

​मस्ती का प्याला होता है।

……..

ट्रेन में बैठे हैं सब “एसी” के चाहने वाले,

पंखा टूटा, खिड़की जाम बस यही दिन

अब दिखाने वाले ।

…….

स्टेशन पे जब ट्रेन रुकी,

खिड़की से बाहर झाँका,

एक आदमी चाय लेकर भागा।

…….

धक्के खाए, झटके खाए,

यही है ट्रेन की सवारी यारो

कैसे कोई सफर पर जाए ।

…….

मौसम हसीन है

ट्रेन की खिड़की से झांक के देखो ,

जिदंगी रंगीन है अपने संग

सफर मे आके देखो ।

…….

बिना टिकट चढ़ गया ट्रेन में,

कुछ हसीनाओं को देखने

के लिए मजा ले रहा था ,

इस वेन मे ।

………

कुछ लोग ट्रेन मे भी

बिना टिकट सफर करते हैं ,

ना दो रूपये का खर्चा और

ना कोई कहने वाला ,

इस तरह आसान अपनी

डगर करते हैं।

……..

ट्रेन में चढ़ा बिना टिकट के,

किस्मत ने साथ नहीं दिया!

फाइन पड़ा भारी ,

विनती की मगर उसने

कोई राहत नहीं दिया ।

……..

ट्रेन का किराया भी बढ़ गया ,

बसों का  किराया भी बढ़ गया ,

चौकीदार सेवा करने आया था ,

जूतो समेत सर पर चढ़ गया ।

…….

टेक्स पर टेक्स तू लगाये जा ,

गरीबों को तू सताये जा ,

ना रहेगी सदा यह कुर्सी ,

ना ट्रेन के सफर मे तू

खुद बेईमान बताए जा ।

………

गरीबों का जीना मुहाल है ,

ना कोई जॉब है ना कोई पैसा ,

ट्रेन का किराया भी बढ़ गया

यही देश का हाल है।

………

फ्री होना चाहिए ट्रेन का सफर ,

यह सेवा है सबके लिए ,

मगर अपने तिलाम को क्या खबर ।

……..

ट्रेन आपस मे टकरा रही ,

जनता टेक्स से घबरा रही ,

फिर भी सरकार लूट मचा रही ।

…….

अपनी झोली भरने दो

जनता जाए भाड़ मे ,

आसान नहीं रहा अब ट्रेन का सफर ,

आजकल लूट रहे हैं ट्रेन को लोग

उजाड़ मे ।

……..

ट्रेन मे होती है आजकल लूट ,

सरकारों ने दे रखी है इसकी छूट ।

……..

मैं दिवाना हूं ट्रेन के सफर का ,

असली हीरो हूं इस नगर का ।

……..

ट्रेन मे सफर करने का मजा ,

और प्यार करने की सजा ,

दोनो एक बराबर हैं।

………

यह गरीबी और बेरोजगारी ,

ट्रेन के सफर को बेकार

बना रही है सारी ।

……..

यह लोकतंत्र है ,

इसमे ट्रेन का सफर

और मौत की खबर ,

कब हो जाए पता नहीं चलता ।

…….

रात के अंधेरे मे

ट्रेन का सफर करने से डरती हूं ,

कब अपराधियों को बेल मिल जाए ,

इसलिए रेप होने के बाद भी

उनकी खबर करने से डरती हूं ।

……

ट्रेन मे भी अपराधियों का

आना जाना है ,

पुलिस उनके साथ है ,

और जेल उनका ठिकाना है।

………

ट्रेन का सफर दिन के 

उजाले मे करें ,

रात मे अक्सर राक्षस

घूमते हैं।

……

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