अपशकुन का विलोम शब्द
अपशकुन का विलोम शब्द ,अपशकुन का उल्टा ,और अपशकुन का विलोम शब्द क्या है?
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
अपशकुन | शकुन |
apshakun | shakun |
Badluck | goodluck |
अपशकुन का विलोम शब्द और अर्थ(badluck)
दोस्तों अपशकुन वर्ड बहुत बार प्रयोग मे लिया गया है। अपशकुन का मतलब होता है। बुरा संकेत । असल मे भारत के अंदर कई प्रकार के शकुन अपशकुन प्रचलित हैं। हालांकि विदेशों के अंदर भी यह प्रचलित हैं। अपशकुन एक प्रकार की मान्यता होती है। जो हमारे विश्वास से जुड़ी होती है।जैसे भारत के अंदर किसी के आगे से बिल्ली रस्ता काट जाती है। खास कर काली बिल्ली तो उसे अपशकुन माना जाता है। हालांकि इसके पीछे बस विश्वास काम करता है। हालांकि बहुत से लोग इस प्रकार के अपशकुन को नहीं मानते हैं।

भारत के अंदर शकुन और अपशकुन पर किताबें भी लिखी गई इस प्रकार की किताबों के अनुसार अपशकुन होने पर कार्य नहीं करना चाहिए ।यदि आप कहीं पर जा रहे हैं और बुरा संकेत मिल जाता है तो उस काम को नहीं करना चाहिए । इस प्रकार के शकुन और अपशकुन पर आप क्या सोचते हैं। इस बारे मे भी हमे बताएं ।
बहुत से लोग यह कह सकते हैं कि इस प्रकार के अंधविश्वास भारत के अंदर ही हैं तो वे मात्र अल्पज्ञानी ही हैं। विदेशों के अंदर भी यह मान्यताएं प्रचलित हैं।
शकुन का अर्थ(goodluck)
शकुन का उल्टा अपशकुन होता है।शकुन का मतलब होता है। अच्छा संकेत ।जिस प्रकार से अपशकुन होते हैं। उसकी प्रकार से कुछ ऐसी मान्यताएं भी होती हैं। जिसको शुभ माना गया है। जैसे घर से किसी काम जाते समय हरे पेड़ के पत्तों को तोड़े हुए किसा का सामने मिलना । इसी प्रकार से सफेद बिल्ली को देखना भी शकुन माना जाता है। वैसे यदि शकुन का अर्थ देखें तो यह संकेत होता है।लेकिन अपशकुन का उल्टा अच्छा संकेत होता है।
इस प्रकार से आप समझ गए होंगे कि शकुन और अपशकुन क्या होता है।इस प्रकार की मान्यताएं हर घर और परिवार के अंदर प्रचलित हैं। और हम खुद भी इन मान्यताओं को मानते ही हैं।
अपशकुन का चक्कर कहानी bad luck story
पुराने जमाने की बात है।एक गांव के अंदर 5 चोर रहते थे । उन्होंने बहुत अधिक चोरियां की थी लेकिन कभी भी वे पकड़े नहीं गए थे । और चोरी करके उन लोगों ने इतना अधिक धन एकत्रित कर लिया था कि वे आने वाले 10 साल तक आसानी से खा सकते थे ।
लेकिन उनको इस बात का डर था कि इस गांव के अंदर उनका धन चोरी हो सकता है। इसलिए सभी एकत्रित हुए और यह निर्णय लिया कि वे किसी दूसरे गांव के अंदर चलते हैं।अंत मे सभी ने सहमति भरी और रात के अंदर पांचो चोरों ने पांच गधे के उपर अपने अपने सोने चांदी को बांधा और निकल पड़े । दिन के अंदर उन्होंने जाने का निश्चय इसलिए नहीं किया क्योंकि पकड़े जाने का डर था कि इनके पास इतना धन कहां से आया ।
सारे चोर अपने अपने गधों को पकड़ा और आराम से चल ही रहे थे कि पांचों गधों ने एक साथ कान फड़फड़ाए । यह सुनकर एक चोर बोला …….यारो यह एक अपशकुन है। हमें नहीं जाना चाहिए । गधों का कानफड़फड़ाना अच्छा नहीं होता है।
इनते मे दूसरा चोर बोला ………अरे कुछ नहीं होगा । यह सब बकवास बाते हैं। इन पर यकीन नहीं करना चाहिए ।उसके बाद बाकी चोरो ने भी यही किया कि यह सब बेकार की बातें हैं। और सारे चोर आराम से चलने लगे । वे कुछ ही दूरी पर गए थे कि गांव से बाहर निकलते ही एक काली बिल्ली उनके आगे से गुजर गए । यह देख वही पहला चोर बोला ………..अरे भाइयो अभी भी समय है कि वापस चलो नहीं तो कुछ भी गड़बड़ हो सकती है।
………..अरे कुछ नहीं हमने पहले ही बोला था कि यह सब बकवास की बांते हैं। इनको लेकर शंका नहीं करनी चाहिए । इन सब से कुछ नहीं होता है। हम जानते हैं बिल्ली का रस्ता काटना अपशकुन होता है।
—— लेकिन मैं तो नहीं जाने वाला ?
………….लेकिन क्यों नहीं जाना चाहते हो ? दूसरे चोरों ने पूछा ?
……..हां एक काम कर सकता हूं ।अपना धन यहीं पर छुपा देता हूं और उसके बाद तुम्हारे साथ चलता हूं । क्योंकि फिर यदि कुछ गड़बड़ हो भी गया तो मेरा कुछ नहीं होने वाला ।
——– लेकिन ऐसा करने से तुमको फिर यहां पर आना होगा । बाकी चोरो ने कहा ।
…………कोई बात नहीं है। आ जाउंगा ।और उस बुद्धिमान चोर ने बिना देर किये अपने खजाने को कहीं पर छुपा दिया और खुद गधे पर चढ़कर चलने लगा ।
वे सभी चोर कुछ ही दूरी पर चले थे कि उनको पास मे ही बहुत सारी आवाजें सुनी । और उन्होंने कान लगाकर सुना तो पता चला कि बहुत सारे लोग इधर ही आ रहे हैं। लेकिन चोरों को यह समझ नहीं आ रहा था कि इतनी रात गये लोग क्यों इधर आ रहे हैं।
अब चोरों के लिए और अधिक मुश्बित पैदा हो गयी ।
………लगता है कि बहुत सारे लोग इधर आ रहे हैं। यदि हम उनके सामने गए तो निश्चय ही पकड़े जाएंगे तो क्या करना चाहिए ?
…….एक काम करो तुम लोग जितना जल्दी हो सके । अपने धन को अपनी पीठ पर बांधो और भागों यहां से यदि कुछ बच जाता है तो उसे यहीं पर छुपा देना चाहिए ।लेकिन अब हमारे पास समय नहीं है। सामने हमे पहाड़ पर छुपना होगा । और पहाड़ पर चढ़ने में भी समय लगेगा ।बुद्धिमान चोर ने कहा था।
उसके तुरंत बाद सभी ने बुद्धिमान चोर की आज्ञा का पालन किया और गहने की कठरी बांध कर भागे हालांकि वे इतने गहने को बांध कर अपने साथ नहीं ले जा सकते थे तो कुछ यहीं पर छिपा दिया ।
चोर आधे ही पहाड़ पर चढ़ पाए थे कि बहुत सारे लोग चोर चोर करते हुए इधर आ गए ।जबकि चोर सच मुच डर गए कि उनको देख लिया गया है। वे किसी तरह वहीं पर छुपे रहे । चार चोरों के छिपाए हुए धन को लोगों ने खोज कर लूट लिया और गधों को अपने साथ ले गए ।
बेचारे चोर यह सब देखकर हैरान रह गए ।और सोच रहे थे कि यदि बुद्धिमान चोर की बात मान जाते तो आज उनका धन कहीं पर ना जाता । बुद्धिमान चोर ने अच्छा किया अपना धन छुपा दिया ।अपशकुन का विलोम शब्द apshakun ka vilom अपशकुन का उल्टा उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा ।