जिन का चिराग कहां मिलेगा ? जाने हैराने करने वाले रहस्य को

जिन का चिराग कहां मिलेगा – अला​दीन का जादुई चिराग की कहानी तो आपने सुनी ही होगी । इसके कहानी पर आपको कई सारे विडियो भी मिल जाएंगे । इस कहानी मे यह बताया गया है कि चीन की राजधानी में मुस्तफा नाम का एक दरजी  रहा करता था और उसके पुत्र का नाम अलादीन हुआ करता था।  कहा जाता है कि मुस्तफा अपने बच्चों का पेट काफी मुश्किल से पालता था ।वह काफी गरीब इंसान था ।

अलादीन उस वक्त कोई काम नहीं करता था । जब वह बड़ा हुआ तो पिता ने उसको अपनी दुकान पर बैठाने के लिए कहा लेकिन वह नजर बचा कर भाग जाता है और पूरा दिन खेलता रहता था । और अलादीन का पिता इस बात से काफी अधिक नाराज होता था और कहता था कि मेरे मरने के बाद यह क्या करेगा । और इसी सोच के साथ अलादीन का पिता एक दिन बीमार हो गया और मर गया । बा​कि की कहानी हम आपको नीचे बताएंगे । असल मे इस कहानी मे अलादीन को एक चिराग मिल जाता है। और फिर वह उस चिराग की मदद से काफी अमीर इंसान बन जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर हर कोई यही चाहेगा कि उसको भी एक जादुई चिराग मिल जाए और वह अमीर बन जाए ।

जिन का चिराग कहां मिलेगा

जिन का चिराग कहां मिलेगा

अलादीन के जादुई चिराग को हम सभी पाना चाहते हैं। लेकिन यह सब संभव नहीं है। इसका कारण है कि रियल मे ऐसा कोई जादुई चिराग नहीं होता है। और होता भी है तो इसका हमारे हाथ लगाना संभव नहीं है। अब आपके दिमाग मे आएगा कि भला फिर यह कहानी क्या काल्पनिक है ? तो आपको बतादें कि यह सत्य भी हो सकती है। और काल्पनिक भी । इस संबंध मे आपको एक रियल घटना बताता हूं । हमारे पास एक शहर मे एक ऐसी दुकान थी । जिसके बारे मे यह कहा जाता है कि जिन्न उस पर मिठाई लेने के लिए आते थे । और रात के अंदर वह दुकानदार बहुत सारी मिठाइया बनाकर रख देता था । और सुबह उसके गले के अंदर बस पैसा मिलता था । सारी मिठाइयां गायब हो जाती थी।

और यह मिठाइयां कैसे गायब हो जाती थी ? इसके बारे मे कोई भी नहीं जानता है। लेकिन कहा जाता है कि जिन्न उन मिठाइयों को लेने के लिए आते थे । आपको बतादें कि जिन्न की दुनिया होती है। और उसी के अंदर वे रहते हैं। इतना तक क​हा जाता है , कि वे पलभर मे आपको माला माल कर सकते  हैं। लेकिन उनकी एक लिमिट होती है।

इस तरह की घटनाओं को देखकर यही लगता है , कि अलादीन का जादुई चिराग होता था । और जिसको वह अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करता था । लेकिन सच क्या है ? इसके बारे मे किसी को भी नहीं पता है। हो सकता है , कि यह एक कहानी हो।

उसके बाद अलादीन की मां को पता था कि उससे यह दुकान नहीं चल सकेगी । तो उसने यह दुकान को बेच दिया और फिर सूत खरीद लिया । सूत कातने का धंधा वह करने लगी । लेकिन अलादीन को इस बात का भी कोई असर नहीं हुआ । यदि उसकी मां उसको कुछ भी काम करने के लिए कहती तो वह झगड़ा करने लग जाता ।

अलादीन अब 14 साल का हो चुका था । और पूरे दिन खेलता रहता था । और उसे इस बात की कोई चिंता नहीं थी कि अपने मां का पेट पाले । लेकिन वह तो बस खेलने मे मस्त रहता था । एक दिन अलादीन बाजार मे खेल रहा था ​, तो एक परदेसी की नजर उस पर पड़ गई। परदेसी ने पूछा कि वह किसका लड़का है ? तो यह जो परदेसी था , वह एक प्रकार का जादूगर था और उसको कई सारी विधाएं आती थी। वह एक खास उदेश्य के लिए चीन मे आया हुआ था ।

असल मे वह उसको सहायता देने के लिए आया हुआ था । फिर अजनबी ने अलादीन से कहा कि बेटा तुम मुस्तफा के लड़के तो नहीं हो ? तो अलादीन ने कहा हां मैं उनका बेटा हूं । लेकिन उनकी मौत तो कुछ साल पहले हो चुकी है , तो उस अजनबी ने अलादीन को अपने सीने से लगा लिया ।और अलादीन कुछ समझ नहीं पा रहा था , कि यह सब क्या हो रहा है।

उसके बाद उसने कहा कि तुम्हारा पिता मेरा बड़ा भाई था । मैं इसलिए यहां आना था कि उनसे मैं मिल सकूं । लेकिन तुम्हारे मुख से उनकी मौत का समाचार सुनकर काफी अधिक दुख मुझे हुआ ।अब मेरा यहां पर आने का उदेश्य तो मिट्टी ​मे मिल गया और मेरा पूरा परिश्रम ही व्यर्थ चला गया ।

अब भगवान तुमको लंबी उम्र दे । जब मैंने देखा कि तुम्हारे हाव भाव मेरे भाई से मिलते हैं , तो मैंने पूछ लिया । उसके बाद उसने जेब से कुछ पैसा निकाला और अलादीन को देते हुए कहा ? बेटा तुम्हारी मां कहां पर रहती है ?और तुम्हारी मां से कहना कि मैं कल तुम्हारे घर आउंगा । और फिर उसी जगह पर बैठूंगा जिस जगह पर मेरा भाई बैठता था ।

इस तरह से मैं अपने मन को संतोष देने मे सक्षम हो जाउंगा । इतनी बात कहकर वह वहां से चला गया ।

उसके बाद अलादीन अपनी मां के पास पहुंचा और बताया कि क्या मेरा कोई चाचा भी था ? तो मां ने कहा तुम्हारे पिता का कोई भाई नहीं था । उन्होंने इस बारे मे कुछ बताया नहीं । एक ही भाई था जो उनके जीवन काल मे ही मर गया । उसके बाद अलादीन ने कहा ……..मगर एक जादूगर आया था और मुझे गले से लगाकर बोला कि वह तुम्हारा चाचा है। कल फुर्सत मिलेगी तो मिलने आउंगा ।

दूसरे दिन जब अलादीन बाजार मे अन्य लड़कों के साथ खेल रहा था , तो उसको वही जादुगर मिला और उसको अशर्फियाँ  दियां फिर गले से लगाया और कहा …….. मैं तुम्हारे घर पर आउंगा । और फिर कहा कि इन पैसों से तुम अपने घर का सामान खरीद लेना और तुम अपने घर का पता ठीक तरह से बताओ ताकि मैं शाम को तुम्हारे घर आ सकूं । उसके बाद अलादीन ने फिर से अपने घर का पता ठीक तरह से बता दिया । और फिर अपनी मां के पास गया और कहा ……..मां आज फिर वह चचा आए थे । और मुझे यह सिक्के देकर कहा कि खाना वैगरह बनाकर रखना सब साथ मे खाना खाएंगे । वे शाम को घर आने वाले हैं।

जिन का चिराग कहां मिलेगा

उसके बाद मां ने भोजन तैयार कर लिया । और भोजन के तैयार करने के बाद अलादीन ने कहा कि हो सकता है ,कि मेरा चचा भोजन के लिए इंतजार कर रहा है मैं उनको देखकर आता हूं ।उसके बाद अलादीन ने जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि जादुगर हाथ मे दो बोतल शराब और फल लेकर आया है।उसके बाद जादुगर ने उन दोनों चीजों को अलादीन को देदिया और पूछा कि मेरा भाई कहां पर बैठता है , तो जादुगर को वह जगह बताई गई ।

उसके बाद जादुगर ने उस जगह को कई बार चूमा और कहा कि मैं काफी दूर से अपने भाई से मिलने के लिए आया था । लेकिन मुझे क्या पता था कि मेरा भाई मेरे मिलने से पहले ही दुनिया से चल बसेगा ।

उसके बाद वह वहां पर काफी अधिक रोया और फिर अलादीन की मां ने उनको बैठने के लिए कहा और फिर बातचीज शूरू हो गई ।

उसके बाद जादुगर ने कहा कि भाभी मुझे देखकर तुझे आश्चर्य तो हो रहा होगा , लेकिन मैं इसी नगर के अंदर पैदा हुआ था और यह 40 साल पहले की बात है।और उसके बाद मैंने शहर को छोड़ दिया फिर मिस्र और अफ्रिका गया था ।और मुझे यहां पर अपने परिवार की याद आती थी ।फिर मैंने अपने कारोबार को अपने लोगों को सौंप दिया और यहां पर आया तो यह कुसमाचार मिला ।खैर मुझे अलादीन को देखकर काफी तस्लली हुई कि कम से कम यह मेरे भाई की निशानी है। और उसके बाद मैंने इसको अपने गले से लगा लिया ।

उसके बाद अलादीन की मां ने कहा कि यह बहुत ही अधिक निकमा है। इसके पिता ने बहुत अधिक कोशिश की की यह कुछ सीख जाए । लेकिन ऐसा नहीं हुआ । और अब  यह आवारा गलियों के अंदर खेलता रहता है। अब आप ही इसको समझाएं कि इसका बाप कोई जायदाद छोड़कर नहीं गया है। और इसलिए खूब अपने काम मे मन लगाएं ।मैं घर मे चरखा चलाने का काम करती हूं । कई बार इसको घर से बाहर निकालने की कोशिश की ताकि यह भूखा रहेगा तो कुछ काम वाम कर लेगा ।

उसके बाद वह रोने लगी । फिर जादुगर ने कहा कि अलादीन तुम बड़े हो गए हो , तुम को अब काम करना चाहिए । और अपने मां का काम मे हाथ बंटाना चाहिए ताकि घर की आर्थिक समस्याएं दूर हो सके ।

कोई जरूरी नहीं है कि तुम यही काम करों । जिस काम के अंदर तुम्हारा मन लगता है , तुम वही काम करो । और यदि तुम्हारे मन मे कोई बात है , तो मुझ से कहों मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा ।

उसके बाद अलादीन यह बात सुनकर चुप रहा । फिर जादुगर ने कहना शूरू किया । यदि तुम चाहों तो मैं तुम्हें बजाजी का काम करना चाहिए । यदि तुम चाहों तो मैं तुमको बजाजी की बड़ी दुकान खुलवादूं । वहां पर तुम को कुछ नहीं करना है। बस तुम को वहां पर कपड़े बेचने हैं। और इस तरह से तुम धन भी कमा सकते हो । यदि तुम्हारे मन मे कोई बात है , तो हमें बता सकते हो ।

उसके बाद अलादीन ने कहा कि मुझे बजाजी  का काम पसंद है। और मैं यही करना चाहता हूं । क्योंकि इस काम को करने वाले काफी अच्छे कपड़े पहनते हैं और काफी स्वादिष्ट भोजन भी करते हैं।उसके बाद जादुगर ने कहा मैं तुमको कल अच्छे कपड़े खरीद कर दूंगा और फिर एक ​दुकान किराये पर लेकर दूंगा और किसी बड़े व्यापारी से मिलवा

 देता हूं । इस तरह से तुम काम शूरू कर सकते हो । कोई समस्या भी नहीं होगी ।

उसके बाद अलादीन की मां काफी अधिक खुश हो गई और अलादीन की मां ने दोनों को भोजन परोसा और सभी ने फल खाए । उसके बाद जादुगर ने कहा कि अब रात बहुत अधिक हो चुकी है । मैं जाता हूं और कल फिर आउंगा ।

उसके बाद अलादीन को दूसरे दिन जादुगर कपड़ों की दुकान पर लेकर गया और कहा कि यहां से कोई भी कपड़े पसंद कर लो जोकि तुमको अच्छे लगते हों । उसके बाद अलादीन ने एक जोड़ा पसंद किया और फिर उसको पहन लिया । वह काफी अच्छा दिख रहा था । फिर अलादीन को जादुगर व्यापारियों के पास लेकर गया और कहा कि तुम यहां पर अक्सर आया करो और इनके तौर तरीके तुमको सीखने चाहिए

उसके बाद जादुगर अलादीन को अपने उस सराय के अंदर लेकर गया जंहा पर वह ठहरा था । वहां पर कई सारे व्यापारी भी ठहरे थे । अलादीन की उन सभी व्यापारियों से भेंट करवाई और उसके बाद सभी ने भोजन किया । रात अधिक हो चुकी थी तो अलादीन को अपने घर छोड़ने के लिए जादुगर आया । अलादीन की मां ने जब अपने बेटे को अच्छे वस्त्रों मे देखा तो वह बहुत अधिक खुश हो गई ।

और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कोई उनकी इतनी मदद करेगा । और उसके बाद अलादीन की मां ने जादूगर का धन्यवाद किया ।

उसके बाद जादुगर ने कहा कि कल शुक्रवार है तो कल सब काम बंद रहेगा । लेकिन अगले दिन इसके लिए एक दुकान लेकर देदूंगा और इसकी मदद से यह व्यापार कर सकता है। इसे काफी अधिक फायदा होगा ।

अलादीन काफी अधिक खुश था कि उसको शहर के कई सारे बाग देखने को मिलेंगे । अब तक वह बस शहर की गलियों के अंदर ही घूमा था।  फिर दूसरे दिन अलादीन पहले ही तैयार होकर बैठ गया और फिर अपने चचा का इंतजार करने लग । कुछ समय बाद जब जादुगर आया तो अलादीन उसके साथ चल दिया ।

जादूगर ने उसके बाद अलादीन को कई तरह की जगह की शैर करवाई जंहा पर काफी सुंदर बाग और बगीचे थे । और ​कई तरह की ईमारते थी ।उनको देखने के बाद अलादीन काफी अधिक खुश हो गया था ।

जिन का चिराग कहां मिलेगा

उसके बाद जब वे काफी दूर तक चले गए तो वे थक गए और एक जल के स्त्रोत के किनारे पर बैठ गए । वहां पर जादुगर ने अपनी पोटली निकाली और उसके अंदर कई तरह के फल आदि थे तो वहां पर दोनों ने खाये । बीच बीच मे जादुगर अलादीन को उपदेश देता रहा कि देखो बेटे तुम काफी बड़े हो चुके हो । अब तुम को खेलना कूदना शौभा नहीं देता है। अब तुमको बस काम करना चाहिए । ताकि अधिक से अधिक धन घर मे आ सके । और काफी फायदा हो सके ।

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