भिखारी का विलोम शब्द Bhikhari ka vilom shabd kya hai ?

भिखारी का विलोम शब्द या भिखारी का विलोम , भिखारी का उल्टा क्या होता है ? Bhikhari ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
भिखारीदाता
Bhikhari  Data

‌‌‌भिखारी का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों भिखारी के बारे मे तो हम सब जानते ही हैं।भिखारी का मतलब होता है जो भीख मांगता है। भीखारी  का जीवन असल मे हम समझते हैं वैसा नहीं होता है। आजकल कुछ प्रोफेसनल भिखारी भी होते हैं । जो खुद को भिखारी समझने के लिए फटे कपड़े पहन लेते हैं। और उसके बाद रेलवे  ‌‌‌स्टेशन और दूसरी जगहों पर मांगना शूरू कर देते हैं।  और उसके बाद पैसा एकत्रित करते जाते हैं। एक न्यूज के अनुसार जब एक भिखारी की मौत हो गई तो उसकी कुटिया के अंदर 14 लाख रूपये पुलिस को मिले । इतने पैसे पुलिस देखकर ही हैरान रह गई ।

भिखारी का विलोम

‌‌‌उसके बाद पुलिस ने सारे पैसों को अपने कब्जे मे लेलिया ।फिर उस भिखारी की बेटी आई और उसको सारा पैसा देदिया गया । इसी प्रकार से अनेक प्रकार के भिखारी होते हैं। कुछ भिखारी तो ऐसे होते हैं जो खुद भीख मांगते हैं और उसी पैसों से अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाते हैं।

‌‌‌पप्पू भिखारी का नाम तो आपने सुना ही होगा ।और लोग भी इनके बारे मे काफी अधिक सर्च करते हैं। दोस्तों आपको बतादें कि पप्पू भिखारी के बारे मे पुलिस को तब पता चला जब पुलिस भिखारियों को रेल्वे स्टेशनों से हटा रही था। इस दौरान पुलिस को पता चला कि इस भिखारी के नाम लाखों करोड़ों रूपये जमा हैं। ‌‌‌जिससे देखकर पुलिस भी चौंक गई ।जांच मे पता चला कि पप्पु भिखारी एक बार ट्रेन के अंदर गया था तो उसके हाथ मे चोट लगी । और ईलाज के दौरान उसका हाथ कट गया । उसके पिता ने उसे पढ़ाई के लिए डांट लगाई तो वह खुद बुम्बई आ गया । वहां पर उसने खूब मौजमस्ती की । एक दिन वह रेल्वे स्टेशन पर खड़ा था तो ‌‌‌लोगों ने उसको भिखारी समझकर पैसा देना शुरू कर दिया ।पहले दिन उसको 500 रूपये मिले । उसके बाद उसने खाना खाया और दूसरे दिन भी वहीं पर आकार खड़ा हो गया।

‌‌‌इस दिन उसको 700 रूपये मिले । उसके बाद क्या था पप्पू भिखारी का यह रोज का काम हो गया ।आज भी ऐसे अनेक लोग हैं जो पप्पू भिखारी की तरह लाचार नहीं हैं लेकिन खुद को लाचार बनाते हैं और उसके बाद भीख मांगते हैं। और फिर चुपके से जाकर खुद नए कपड़े पहन कर चले जाते हैं। ‌‌‌ऐसे अनेक भिखारी लोगों की नजर मे आ चुके हैं।ऐसी बात नहीं है कि सारे भिखारी की जालसाज होते हैं। बहुत से ऐसे भिखारी भी होते हैं जो जालसाज नहीं होते हैं। उन्हें बस खाने की चिंता होती है। यदि आप उनको खाना देदेते हैं तो वें पैसे कि चिंता नहीं करते हैं।

‌‌‌इसप्रकार के बेहतरीन भिखारी तेजी से कम होते जा रहे हैं। आपको बतादें कि साल के अंदर कभी कभार इस प्रकार के भिखारी मिल जाते हैं। लेकिन अधिकतर भिखारी ऐसे होते हैं जो भीख को अपने धंधे के रूप मे देखते हैं। कुछ लोग तो पढेलिखे होने के बाद भी भीख मांगते हैं जोकि अच्छी बात नहीं है। लेकिन यह सबको ‌‌‌आसान लगता है।

‌‌‌दाता का अर्थ

दोस्तों दाता का मतलब होता है देने वाला जो देता है वह दाता है। जैसे आप किसी भिखारी को कुछ दे रहे हो तो आप दाता कहलाएंगे । इसी प्रकार से यदि कोई और भी किसी को कुछ दे रहा है तो वह भी दाता कहलाएगा ।‌‌‌वैसे आजकल देने वाले लोगों की काफी भारी कमी है।अधिकतर लोग देने का दिखावा करते हैं कारण यह है कि वे चाहते है कि लोग उनको देखें और बड़ा माने ।

‌‌‌इसके अलावा लोग अब भिखारियों की असलियत खूब जानने लगे हैं ऐसी स्थिति के अंदर लोग हर भिखारी को उसी प्रकार का समझते हैं। इसलिए अनाज डालने से कतराते हैं। शहरों के अंदर तो कई बार भिखारी को अनाज मिलता ही नहीं है। क्योंकि शहरी लोग गेट तक नहीं खोलते हैं।

‌‌‌हालांकि अब गांवों के अंदर भी अविश्वास बढ़ने लग गया है।क्योंकि अक्सर आपने देखा होगा कि चोर भिखारी के रूप मे आते हैं और रैंकी करके चले जाते हैं। उसके बाद रात को चोरी करने के लिए आ जाते हैं ऐसी स्थिति के अंदर ‌‌‌ अपने घर की सुरक्षा बढ़ाने के लिएकुछ उपाय करना जरूरी होता है।

‌‌‌असली भिखारी कहानी

एक गांव के अंदर एक भिखारी आया था।उसका नाम सोनू भिखारी था। वह काफी अच्छा भिखारी था। सुबह होते ही मांगने के लिए निकल जाता और हर घर के अंदर जो कुछ भी मिल जाता । वह उसे लेलेता ।और उसके बाद वह अपनी कुटिया के अंदर खाना बनाता और वहीं पर अपना ध्यान वैगरह करता । गांव के लोगों ‌‌‌को भी इस प्रकार के भिखारी से कोई भी समस्या नहीं थी।क्योंकि वह बोलकर कुछ नहीं कहता था। एक दिन जब वह भीख मांग रहा था तो उसको किसी घर वाले ने पकड़ लिया और राजा के पास लेकर गया ।

…..महाराज इस भिखारी ने हमारे घर से धन चुराया है ?

…..नहीं महाराज मैंने कुछ नहीं चुराया है। यह झूठ बोल रहा है।

‌‌‌……..सैनिकों जाओ और चैक करके आओ कि भिखारी ने धन चुराया है या नहीं ।

और उसके कुछ समय बाद सैनिक आए और बोले …महाराज इसकी कुटिया के अंदर मामूली पैसा है। बाकी खाने के लिए अनाज है । इसने किसी का धन नहीं चुराया है । वैसे भी हम इसको जानते हैं।।

‌‌‌…….क्यों सच क्या है बताओ । राजा ने उस इंसान से पूछा खुद को फंसता हुआ देखकर बोला ।

……..महाराज मुझसे गलती हो गई है। किसी और भिखारी ने मेरा धन चुराया था । उसके बाद इस भिखारी को देखकर मुझे गुस्सा आ गया तो मैंने वह धन इससे वसूलने की कोशिश की महाराज गलती हो गई है। मुझे माफ करो ।

‌‌‌………एक भिखारी पर झूठा इल्जाम लगाना भिखारी का अपमान है। तो हम कहना चाहते हैं कि तुम इस भिखारी को 10 आना दो ।

अब बेचारा आदमी क्या ना करता । झूठ बोलने के आरोप मे खुद ही फंस गया और भिखारी को पैसा देना पड़ा।‌‌‌इसिलिए कहा गया है कि किसी पर इल्जाम लगाने से पहले 100 बार सोच लेना चाहिए । क्योंकि यह आपके उपर ही उल्टा पड़ सकता है।

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