इंद्रधनुष का पर्यायवाची शब्द

दोस्तो इस लेख में इंद्रधनुष का पर्यायवाची शब्द या इंद्रधनुष का समानार्थी शब्द {indradhanush ka paryayvachi shabd ya indradhanush ka samanarthi shabd} के बारे में बताया गया है  इसके अलावा इंद्रधनुष से जुडे रोचक तथ्य और इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी विश्तार से बताई गई है तो लेख को देखे 

इंद्रधनुष का पर्यायवाची शब्द या इंद्रधनुष का समानार्थी शब्द  {indradhanush ka paryayvachi shabd / indradhanush ka samanarthi shabd}

शब्द {shabd}इंद्रधनुष का पर्यायवाची शब्द या इंद्रधनुष का समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd}  
इंद्रधनुषइंद्रायुधशक्रधनुसप्तवर्ण‌‌‌ऋतुरोहित, शक्रचाप, सुरधनु, सुरचाप, ‌‌‌इंद्रचाप, राम-धनुष, सप्तवर्ण, इंद्र की चापबरसात की चाप ।
indradhanush in hindiIndrayudha, Sakradhanu, Saptavarna, Riturohit, Sakrachaap, Surdhanu, Surachap, Indrachap, Rama-Dhanush.
Rainbow in Englishrainbow, rainbow trout
इंद्रधनुष का पर्यायवाची शब्द

12 इंद्रधनुष के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट, 12 List of synonyms for rainbow

1.            इंद्रायुध – Indrayudh

2.            शक्रधनु – Shakradhanu

3.            सप्तवर्ण – Saptavarn

4.            ऋतुरोहित – Riturohit

5.            शक्रचाप – Shakrachap

6.            सुरधनु – Suradhanu

7.            सुरचाप – Surachap

8.            इंद्रचाप – Indrachap

9.            राम-धनुष – Ram-Dhanush

10.          सप्तवर्ण – Saptavarn

11.          इंद्र की चाप – Indr Ki Chap

12.          बरसात की चाप – Barsaat Ki Chap

इंद्रधनुष का हिंदी में अर्थ // rainbow meaning in hindi

‌‌‌जब वर्षा होती है तो आसमान की तरफ एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र दिखाई देता है जिसमें लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी वर्णो के रूप देखने को मिलते है । इस वक्र को इंद्रधनुष के नाम से जाना जाता है । इंद्रधनुष का हिंदी में अर्थ होता है –

  • ‌‌‌सात वर्णो से मिलकर बनने वाला वृत्ताकार वक्र यानि सप्तवर्ण ।
  • ‌‌‌इंद्र का चाप यानि इंद्रचाप ।
  • ‌‌‌वर्षा के बाद दिखाई देने वाला सप्तवर्ण वृताकार आकृति ।

‌‌‌इंद्रधनुष शब्द के वाक्य में प्रयोग, Use of the word rainbow in a sentence

  • ‌‌‌रमेश वर्षा देखना नही चाहता है और इंद्रधनुष देखना चाहता है आखिर दोनो ही बात कैसे हो कसती है ।
  • जब जब वर्षा होती है तब तब इंद्रधनुष बने जरूरी तो नही ।
  • राम को ऐसी बिमारी है की वह इंद्रधनुष तक को नही देख पाता है ।
  • अंधा होने के कारण से मेरा तो इंद्रधनुष को देखने का सपना ही रह जाएगा ।
  • महावीर प्रसाद ‌‌‌एक ऐसा कलाकार है जो हूबहू इंद्रधुनष के समान ही बडी पेंटीग बना देता है जिसे देखने वाला इंद्रधनुष ही समझता है ।

‌‌‌इंद्रधनुष के पर्यायवाची शब्दो कें वाक्य में प्रयोग, use of synonyms of rainbow in a sentence

  • जब राघव ने अपनी मां से पूछा की इंद्रधनुष क्यो दिखाई देता है तो उसकी मां ने बताया की यह भगवान इंद्र के द्वारा वर्षा करवाने के बाद में उनके द्वारा ही दिखाया जाता है तभी इसे इंद्रचाप के नाम से भी बुलाते है ।
  • जब वर्षा ऋतु आती है तो ‌‌‌ऋतुरोहित दिखाई देता है जिसे इंद्रधनुष के नाम से भी जाना जाता है ।
  • भगवान इंद्र युद्ध करने के लिए इसी धनुष का उपयोग करते है जिसके कारण से ही इसे इंद्रायुद्ध के नाम से भी जानते है ।

इंद्रधनुष के बारे में रोचक तथ्य // Interesting facts about rainbow in hindi

  • ‌‌‌इंद्रधनुष वर्षा के बाद में बनने वाला सात वर्णो का एक वृताकार चाप होती है जिसे इंद्र की चाप या बरसात की चाप के नाम से भी जाना जाता है ।
  • इंद्रधनुष कुल सात प्रकार के वर्णो से मिलकर बना एक वृताकर चाप होता है जिसका रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी होता है ।
  • ‌‌‌आपको जान कर हैरानी होगी की इंद्रधनुष के सात रंग माने जाते है वही चीन की संस्कृति में माना जाता है की इंद्रधनुष कुल पांच प्रकार के रंगो से मिलकर बना होता है ।
  • सूर्य की रोशनी जब बारीश की बुंदो पर पडती है तो एक वृताकार चाप दिखाई देती है जिसमें सात रंग भी दिखते है इसे ही इंद्रधनुष के नाम से जानते ‌‌‌है ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की इंद्रधनुष वर्षा के समय ही नही बल्की प्राकृतिक झरने के आसपास बिना वर्षा के भी दिखाई दे जाते है ।
  • René Descartes नामक एक व्यक्ति ने दुनिया के सामने इंद्रधनुष की पहली आकृति बनाकर रखी थी ।
  • हवाई इसलैंड्स ‌‌‌एक ऐसा स्थान है जहां पर दुनिया का सबसे बडा इंद्रधनुष बनता है ।
  • ‌‌‌आपने अक्सर इंद्रधनुष को अर्ध वृत के रूप में देखा होगा मगर असल में इंद्रधनुष की आकृती पूर्ण वृताकार होती है जो की आधा जमीन पर बनता है तो आधा आसमान की ओर बनता है ।
  • ‌‌‌इंद्रधनुष हमेशा ही सूर्य की विपरीत दिशा में ही बनता है और ऐसा कभी नही होगा जब सूरज और इंद्रधनुष एक ही दिशा में हो ।
  • ‌‌‌आपको जान कर हैरानी होगी की अमेरीका दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां पर सबसे अधिक इंद्रधनुष को देखा गया है और ये इंद्रधनुष अमेरीका के प्लेनो से देखने को मिलते है ।
  • पृथ्वी पर खडा एक व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी इंद्रधनुष को छू नही पाता है क्योकी इंद्रधनुष आकाश की और काफी दूरी पर बना ‌‌‌दिखाई देता है ।
  • झरनो के पास नमी होने के कारण से जब सूर्य की रोशनी उन पर पडती है तो दूर खडे व्यक्ति को इंद्रधनुष दिखाई दे सकता है ।

‌‌‌इंद्रधनुष कैसे बनता है // How is a rainbow formed in hindi ?

‌‌‌इंद्रधनुष एक दिन मे दो बार देखा जा सकता है यानि सुबह के समय में पश्चिम दिशा मे इंद्रधनुष बना दिखाई देता है और शाम के समय पूर्व दिशा में इंद्रधनुष बना हुआ दिखाई देता है । एक इंद्रधनुष में सात प्रकार के रंग दिखाई देते है जिसके कारण से इसे सतरगी इंद्रधनुष भी कहा जाता है । एक इंद्रधनुष के बनने ‌‌‌के पिछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा होता है जो है –

अगर कभी दिन में सुबह या शाम के समय मे वर्षा होती है तो वर्षा की कुछ ऐसी बुंदे वातारण मे मोजुद रहती है जो की सामन्य आकार से कुछ ‌‌‌छोटी व गोल होती है । ये बूंदे वातावरण में रहती है तो जाहिर होगा की सूर्य की रोशनी भी इन पर पडती है ।

यही कारण है यानि जब ‌‌‌सूर्य की रोशनी बादलो से होती हुई जब इन बुंदो पर पडती है तो धरती यानि पृथ्वी पर खडे व्यक्ति को सात अगल अलग प्रकार के रंग दिखाई देते है जो की एक वृताकार आकृति में होता है । इसे ही इंद्रधनुष कहा जाता है ।

‌‌‌विज्ञान के अनुसार इंद्रधनुष का बनना, science of rainbow

विज्ञान कहता है की सूर्य की रोशनी में कुल सात प्रकार के रंग होते है जो की एक प्रिज्म से सूर्य की रोशनी को गुजारने पर देखे जा सकते है । यानि जब सूर्य की रोशनी प्रिज्म से गुजरती है तो सात प्रकार के रंगो में बदल जाती है ठिक इसी तरह से जब सूर्य की रोशनी ‌‌‌वर्षा के बाद वातावरण में मोजूद बुंदो पर पडती है तो सात प्रकार का रंग दिखाई देता है जो की एक वृताकार आकृति में दिखता है ।

इस तरह से इंद्रधनुष का बनना वर्षा की बूँदों से अपवर्तित तथा परावर्तित सूर्य की रोशनी का होना है । मगर इस में भी एक तथ्य यह है की सूर्य हमेशा ही इंद्रधनुष को देखने वाले ‌‌‌व्यक्ति की पिठ की ओर होता है ।

‌‌‌दो इंद्रधनुष का एक साथ बने दिखाई देना, formation of two rainbows

‌‌‌वातावरण में कभी कभार एक साथ ही दो प्रकार के इंद्रधनुष एक साथ ही बने हुए दिखाई देते है इसका कारण वर्षा की बूंदो और सूर्य का प्रकाश ही रहता है । क्योकी जिस तरह से एक इंद्रधनुष बनता है उसी से जो प्रकाश निकलता है वह पानी की अन्य बुंदो पर जाकर गिरता है जिसके कारण से वह भी ‌‌‌रंगीन रोशनी को ‌‌‌बिखेर देता है इस तरह से दो प्रकार के इंद्रधनुष बन जाते है ।

मगर इसमें भी तथ्य है की दोनो इंद्रधनुषो का रंग हमेशा ही उल्टा होता है यानि एक का लाल से बैंगनी तो दूसरे का बैंगनी से लाल होता है । ‌‌‌इस तरह से दूसरा इंद्रधनुष बनता है ।

सबसे पहले किसने इंद्रधनुष की खोज की थी ?, Who first discovered the rainbow?

रने डॅकार्ट नामक एक व्यक्ति ने 1637 में पता लगाया की इंद्रधनुष सूर्य की रोशनी जब पानी की बूंदो पर पडती है तब बनता है ।

‌‌‌इंद्रधनुष आकार क्या होता है, what is rainbow shape

जैसा की हमने बात की इंद्रधनुष सूर्य की रोशनी जब पानी की बूंदो पर पडती है तब जाकर बनता है । मगर असल में एक व्यक्ति को जब यह इंद्रधनुष दिखता है तो उसे आधा ही नजर आता है क्योकी बाकी का अधा इंद्रधनुष पृथ्वी पर बनता है जो किसी व्यक्ति से छिपा रह जाता है ।

‌‌‌इसका मतलब यह नही की इंद्रधनुष का आकार गोल नही है बल्की इंद्रधनुष का आकार तो गोल ही होता है अगर कोई व्यक्ति आसमान में उच्चाईयो तक चला जाता है तो उसे पूर्ण इंद्रधनुष नजर आ जाता है । जिसके कारण से पता चलता है की इंद्रधनुष का आकार गोलाकार होता है।

इंद्रधनुष आखिर गोल ही क्यो होते है, why are rainbows round

‌‌‌इंद्रधनुष के बनने की परिघटना में प्रकाश के परावर्तन और अपवर्तन से जुडा है । इसके अलावा इंद्रधनुष के बनने में पानी की बूंदो का भी बडा महत्व होता है । क्योकी पानी की बूंदो का आकार गोलाकार होना बहुत ही आवश्यक होता है तभी इंद्रधनुष गोल होता है अगर पानी की बूंद गोल नही होती है तो इंद्रधनुष नही बनता ‌‌‌है ।

यह तो आपको पता ही होगा की जब प्रकाश एक माध्यम से होकर दूसरे प्रकार के माध्यम के अंदर प्रवेश होता है और तब प्रकाश अपने सिधे पथ से कुछ मुड जाती है यही घटना प्रकाश का अपवर्तन होता है । इसी घटना से इंद्रधनुष के गोल होने की बात होती है ।

यानि जब इंद्रधनुष बनने के लिए प्रकाश किसी गोल पानी की ‌‌‌बूंद में प्रवेश करता है और फिर वह दूसरी पानी की बूंद में प्रवेश करता है तो इस बिच प्रकाश कुछ मुड जाता है । क्योकी पहली बुदं मे प्रवेश करने के बाद में हवा भी होती है जो की दूसरे माध्यम के रूप में काम करती है ।

इस तरह से प्रथम माध्यम पानी की बूंद और दूसरा माध्यम हवा है और इन दोनो से जब प्रकाश ‌‌‌निकलता है तो वह अपने मार्ग से कुछ मुड जाता है । और अब मुडी हुई किरण या प्रकाश दूसरी बूंद में प्रवेश करता है तो पानी की बूंद मे सिधा रहता है मगर बहार निकलने के बाद मे वापस मुड जाता है । इस तरह से आगे बढते रहने के बाद में अंत मे एक गोलाकार इंद्रधनुष बनता है । यही महत्वूपर्ण कारण होता है की ‌‌‌इंद्रधनुष गोल होता है ।

गोलाकार इंद्रधनुष क्यो दिखाई नही देता है ?, Why is the circular rainbow not visible?

बहुत से लोगो ने देखा होगा की जब वर्षा होती है तो उसके कुछ समय के बाद में सात रग का एक धनुष के आकार का इंद्रधनुष दिखाई देता है । मगर आपने इंद्रधनुष को केवल अर्दगोलाकार आकार मे ही देखा है क्योकी बाकी का इंद्रधनुष पृथ्वी पर खडे ‌‌‌एक व्यक्ति को दिखाई नही दे पाता है ।

इसका मुल कारण है की बाकी का आधा इंद्रधनुष पृथ्वी पर ही बनता है जो किसी न किसी कारण से छिपा रह जाता है । मगर जब इस इंद्रधनुष को आसामन से देखा जाता है तो यह पूर्ण आकार मे दिखाई दे सकता है । मगर पूर्ण इंद्रधनुष को देखने के लिए आसमान मे बहुत ‌‌‌उच्चाईयो तक जाना होगा ।

हिंदु धर्म के अनुसार इंद्रधनुष, rainbow according to hinduism

‌‌‌हिंदु धर्म के एक देवता का नाम इंद्र है जिन्हे वर्षा के देवता के नाम से भी जाना जाता है । हिंदु धर्म कहता है की वर्षा कराने का काम केवल इंद्रदेव का ही होता है और जैसा की हमने बताया की वर्षा के बाद ही इंद्रधनुष बनता है । यही कारण है की इंद्रधनुष को इंद्र का धनुष कहा जाता है । इसके अलावा इंद्र ‌‌‌धनुष के नाम में भी इंद्र देव का नाम जुडा है । जिसके कारण से समझा जाता है की इंद्र देव ही इस धनुष को बनाने का काम करते है ऐसा हिंदु धर्म के लोगो का मानना है ।

‌‌‌इंद्रधनुष मे कितने रंग होते है ?, How many colors are there in rainbow?

‌‌‌जब से इंद्रधनुष की खोज हुई है तब से हर कोई जानना चाहता है की आखिर इंद्रधनुष मे कितने रंग होते है । क्योकी आसमान मे दिखाई देने वाले इंद्रधनुष में रंगो का पता नही लगाया जा सकता है । मगर विज्ञान की इस दुनिया मे कोई भी मुश्किल काम नही है और यही कारण है की विज्ञान ने वर्तमान में इंद्रधनुष के रगो ‌‌‌की गणना करते हुए बताया की इंद्रधनुष में कुल सात प्रकार के रंग होते है । इन 7 रंगो का इंद्रधनुष को रगो का जनक कहा जाता है । मगर असल मे सूर्य के प्रकश मे ये सात रंग होते है जो इंद्रधनुष बनने के समय दिखाई पडते है ।

‌‌‌इस बात की पूष्टी इस बात से की जा सकती है की जब किसी एक प्रिज्म में सूर्य का प्रकाश गुजारा जाता है तो प्रिज्म से गुजरने के बाद मे सूर्य का प्रकाश सात रंगो मे दिखाई देता है । मगर बिना प्रिज्म के यानि केवल सूर्य का प्रकाश श्वेत रंग का ही होता है जो की सभी रंगो के मिलने के कारण से बनता ‌‌‌है और हमे दिखाई नही देता है ।

मगर जब प्रिज्म या फिर इंद्रधनुष के साथ प्रकाश बिखर जाता है तो यह कुल सात प्रकार के रंगो के रूप मे दिखाई देने लग जाता है । इस तरह से दो घटनाओ के साथ बताया जा सकता है की इंद्रधनुष में कुल सात रंग होते है ।

‌‌‌इंद्रधनुष के सात नही पांच रंग होते है ?, There are five colors in the rainbow, not seven?

‌‌‌दोस्तो इंद्रधनुष मे कुल सात नही बल्की पांच रंग होते है और यह कोई और नही बल्की चीन का मानना है क्योकी चिन की सस्कृति में अभी भी पांच ही रंग है और यही कारण है की चिन दुनिया से अलग कुल पांच रंगो को ही इंद्रधनुष बनता है बताया जाता है ।

क्या इंद्रधनुष मानव के जीवन में उपयोगी है

दोस्तो अगर हम इंद्रधनुष की बात करते है तो यह आपको पता है की यह एक ऐसा धनुष होता है जो की रंगो से मिलकर बना होता है । वैसे अगर मानव जीवन में इसके उपयोगी की बात की जाए तो आपको बात दे की यह नही कहा जा सकता है की मानव के जीवन में इसका उपयोग है की नही । क्योकी इसके बारे में अगर बात की जाती है तो विज्ञान और काल्पनीक दोनो तरह की बातो पर विचार करना होता है ।

वैसे देखा जाए तो यह इंद्रधनुष मानव के जीवन में अगर न तो तो भी कुछ फर्क नही पड़ता है । और आपको भी पता है की इंद्रधनुष हमेशा नही होता है बल्की कभी कभार ही होता है ।

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