मीठा शब्द का विलोम Mitha ka vilom shabd kya hai ?

मीठा का विलोम शब्द या मीठा का विलोम , मीठा का उल्टा क्या होता है ? Mitha ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
मीठाकड़वा, फीका
SthulKadva, Fika

‌‌‌मीठा का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌मीठा का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों मीठा का विलोम शब्द होता है कड़वा । यदि हम बात करें मीठे की तो बहुत सारी चीजें मीठी होती हैं। और सब चीजों को चीन से ही मीठा किया जाता है। क्या आपको भी मीठा खाना पसंद है ? यदि हां तो आप नीचे कमेंट बॉक्स के अंदर कमेंट करके बताएं ।

‌‌‌आजकल मार्केट के अंदर एक से बढकर एक मीठाई उपलब्ध है तो आप अपनी पसंद के अनुसार खरीदकर खा सकते हैं

‌‌‌समय के साथ मिठाइयों की मांग तो बहुत ही तेजी से बढ़ी है।और यदि आप त्यौहारों पर देखेंगे तो आपको पता ही चलेगा कि बहुत से लोग मिठाई खरीदने के लिए आते हैं। ‌‌‌भले ही लोगों ने मिठाई खाना अधिक शूरू कर दिया है। लेकिन उनकी वाणी से मिठास निकलना बंद हो चुका है।कुछ साल पहले की बात है हमारे यहां पर कभी क भार मिठाई आती थी लेकिन आज यह समय आ चुका है कि हर महिने या कहें कि कई बार सप्ताह के अंदर मिठाई आ ही जाती है।

‌‌‌इसका एक कारण यह भी है कि खर्च करने के लिए अधिक पैसा आ चुका है।और जब खर्च करने के लिए अधिक पैसा आ चुका है तो हर इंसान अधिक खर्च करेगा ही ।

‌‌‌इसके अलावा दोस्तों आप समझ सकते हैं कि मिठाइयां भी अब ऑरेजनल नहीं रह गई हैं। यदि त्यौहारों का सीजन को तो करोड़ों रूपये का मिठाइयों का कारोबार होता है जिसके अंदर ‌‌‌ नकली मिठाइयां बनाकर बेची जाती हैं।यह नकली मिठाइयां ना तो खाने मे स्वादिष्ट होती हैं ना ही किसी तरह से उपयोगी साबित होती हैं। यदि आप इनको खरीदते हैं और अपने परिवार के सदस्यों को इसे खिलाते हैं तो भी आप जहर ही उनको खिला सकते हैं। इस तरह की मिलावटी मिठाई खाने से कई तरह की समस्याएं हो ‌‌‌ सकती हैं। जैसे कि कैंसर होना और दूसरी समस्याएं ।अब हम जैसे लोगों के पास मिलावटी मिठाई को पहचानने का कोई उपाय भी नहीं होता है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि ऑरेजनल मिठाई काफी महंगी बनती है और उसके अंदर काफी अधिक खर्चा होता है। ऐसी स्थिति के अंदर सस्ती मिठाई बनाने के चक्कर मे काफी ‌‌‌ मिलावट करदी जाती है।

और आए दिन आप अखबारों मे पढ़ते ही होंगे कि मिठाई के नूमने फैल हो जाते हैं। मिठाई के नूमने फैल होने का कारण यही है कि उसके अंदर मिलावट होती है। ‌‌‌अब यदि जनता इतनी अधिक मिठाई खा रही है और उसके बाद भी कड़वा बोल रही है तो ऐसी स्थिति मे आप उसे क्या कहेंगे ?

‌‌‌असल बात तो यह है कि मिठाई उनके जीभ तक ही पहुंच रही है । आगे फिर कुछ भी नहीं पता चल रहा है कि क्या खाया है ? यही बात है कि अधिकतर लोग मीठी चीजें खाना चाहते हैं लेकिन क्या करें ? ‌‌‌वे अपने दिल पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।अपने दिमाग मे कूडा एकत्रित करते जा रहे हैं। अब आप समझ सकते हैं कि जिस इंसान के दिमाग मे कूड़ा होगा वह कूड़ा ही बाहर निकालेगा । उससे आप फूल बाहर निकालने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

‌‌‌और मीठाई तो आप कितनी ही खाएं कोई फायदा नहीं है।जब तक आप अपने अंदर से अच्छे नहीं होते हैं।

‌‌‌कड़वा का अर्थ और मतलब

दोस्तों दवाई तो आपने खाई ही होगी दवा खाने मे काफी कड़वी होती है लेकिन यह कड़वी दवा ही तो सब कुछ ठीक करती है। बीमारी को कड़वी दवा ही ठीक करने का काम करती है। ‌‌‌ऐसा नहीं है कि समाज मे कड़वाहट की जरूरत नहीं होती है। लेकिन हर जगह पर कड़वाहट अच्छी नहीं होती है। यदि आप हर जगह पर ही कड़वा बोलेंगे तो फिर समस्या हो जाएगी ।

‌‌‌हर जगह पर कड़ा बोलने के फिर बुरे प्रभाव नजर आने लग जाते हैं। जैसे कि अधिक झगड़े बढ़ जाते हैं और समाज के अंदर की शांति नष्ट हो जाती है। इसलिए कभी भी हर जगह पर कड़वाहट का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों जो इंसान कड़वा बोलता है वह किसी को भी अच्छा नहीं लगता है और सत्य तो सदैव ही कड़वा ही होता है। हर किसी इंसान के पास सत्य को सहन करने की क्षमता नहीं होती है। ‌‌‌यदि आपको यकीन नहीं आता है तो आप ट्राई कर सकते हैं।अधिकतर लोग बस यही चाहते हैं कि उनको सत्य ना सुनने को मिले वे बस झूंठ के अंदर जीते रहें। कहानी नहीं रियल घटना है। जब मेरे पापा का एक्सीडेंट हुआ तो उनको रेफर कर दिया गया । उनके सर के अंदर चोट लगी थी।

‌‌‌पापा काफी डरे हुए थे ।उनको कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि किस तरह से क्या होगा ? लेकिन मैंने उनको कहा कि आप बस सच के साथ रहिए । कुछ नहीं होगा सब ठीक ही होगा ।

‌‌‌जैसा कि भगवान ने कहा आत्मा अजर और अमर है उसका विनाश नहीं होता है।इसलिए आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। और उसके बाद वे ठीक हो गए । हालांकि ‌‌‌उनकी यदि वहीं पर मौत हो जाती तो अचानक से उनका सामना सत्य से होता । यदि आप सामना करने के लिए पहले से तैयार हैं तो फिर आप मरने के बाद भी दुखी नहीं रहेंगे । लेकिन यदि आप सामना करने को तैयार नहीं हैं तो मरने के बाद आप दुखी ही रहेंगे । आपको उस वक्त कोई भी सुखी नहीं कर सकता है।

‌‌‌आपको यह पता होना चाहिए कि सच कड़वा ही होता है लेकिन कोई समस्या नहीं है। आपको बस उस कड़वाहट को सामना करना आना चाहिए । यदि आपके अंदर दम है उसका सामना करने का तो चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। कड़वी दवा जिस तरीके से बीमारी को नष्ट कर देती है। उसी तरीके से कड़वा सच ‌‌‌आपको सीखा देता है कि आप किस तरह से समस्याओं से लड़ सकते हैं ? और किस प्रकार से आप उनका सामना कर सकते हैं। खैर हर जगह पर कड़वाहट अच्छी नहीं होती है। क्योंकि इससे रिश्ते भी खराब होते हैं। कुछ लोग होते हैं कि वे सदैव से ही कड़वे बोलते हैं।

‌‌‌इस प्रकार के लोगों के नजदिग आना कोई भी पसंद नहीं करता है क्योंकि हम को भी वहीं इंसान अच्छा लगता है जोकि सुंदर और मीठा बोलता है। लेकिन चापलूस लोग किसी काम के नहीं होते हैं वे आपकी गलतियों पर पर्दा डालते हैं और बकवास करते हैं।

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