mitra ka vilom shabd मित्र का विलोम शब्द क्या होगा ?

‌‌‌मित्र का विलोम शब्द, ‌‌‌मित्र शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, ‌‌‌मित्र का उल्टा , mitra ka vilom shabd

शब्द (word) विलोम (vilom)
‌‌‌मित्रशत्रु  
mitraShatru
    friend        Enemy    

‌‌‌मित्र का विलोम शब्द और अर्थ

मित्र के बारे मे तो हम बहुत कुछ जानते ही हैं। मित्र का उल्टा अमित्र या शत्रू । मित्र का मतलब जो मुश्बित के अंदर हमारी सहायता करता हो या जिसकी मुश्बित मे मदद करते हों। आपने भी अनेक मित्र बना रखें होंगे । खैर मित्रता करना अच्छी बात है लेकिन सही मित्रता ‌‌‌की पहचान बहुत ही कम लोगों को होती है।और यदि आप एक सही मित्र नहीं चुनते हैं तो वह आपके लिए आपके दुश्मन से भी घातक होता है क्योंकि आप अपने दुश्मन से हमेशा सर्तक रहते हैं लेकिन जिस दुश्मन को आप अपना मित्र मान चुके हैं आप उसे कैसे सतर्क  रह सकते हैं ?

‌‌‌मित्र का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌एक सच्चे मित्र की अनेक पहचान होती है।एक सच्चा मित्र आपको मुश्बित मे साथ देता है। मित्र वह है जो आपकी मुश्बित के अंदर मदद कर सके । और मित्र मुश्बित के अंदर ही आपके काम ना आए वह कभी भी सच्चा मित्र नहीं हो सकता है।

‌‌‌इसलिए विद्धान लोग यह कहते हैं कि मित्रता की पहचान तब होती है जब इंसान दुख मे होता है। सुख के अंदर तो हर कोई आपका मित्र बन जाता है लेकिन जो दुख के अंदर आपका साथ देता है वही असली मित्र होता है और वही आपका भला चाह रहा होता है।‌‌‌लेकिन आपको बतादें कि जो नकली मित्र होते हैं वे कभी भी दुख के समय आपका साथ नहीं देते हैं। वरन वे तो बस आपका इस्तेमाल फायदे के लिए करते हैं।

‌‌‌शत्रू का अर्थ

दोस्तों मित्र का विलोम अमित्र होता है जिसका मतलब जो आपका मित्र नहीं है। जो शत्रु भी हो सकता है या फिर आप से उसका कोई कनेक्सन भी नहीं है वह भी अमित्र है। खैर बात करते हैं शत्रू की तो शत्रू शब्द आते ही आपको अपने सारे शत्रू की याद आ जाती होगी ।‌‌‌शत्रू का मतलब वह इंसान जो आपका बुरा चाहता है वह शत्रू ही है।अब कितने इंसान आपका बुरा चाहते हैं यह तो आप हम से बेहतर जानते हैं लेकिन हर किसी को शत्रुओं से सावधानी बरतने की आवश्यकता है । वरना शत्रू आपका भयंकर नुकसान कर सकते हैं। और कई बार तो यह शत्रू इस दुनिया से विदा भी कर सकते हैं।

‌‌‌इस प्रकार से आपको अपने शत्रुओं से अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।कोशिश करें कि हर किसी के साथ शत्रुता ना पनपने दें । शत्रुता घातक होती है। कुछ लोग हर किसी से दुश्मनी मोल ले बैठते हैं जोकि सही नहीं है। आप बस उन्हीं से दुश्मनी लें जो सच मायने मे आपके लिए खतरा साबित हो सकते हैं।‌‌‌लेकिन कुछ लोगों को बात बात पर लड़ने की आदत होती है जोकि शत्रुता को बढ़ाती है। अपनी आदतों को सुधारें और उसके बाद अपने दुश्मनों को कम करें ।

‌‌‌मित्रता की पहचान

एक बार 4 दोस्त जंगल के रस्ते से जा रहे थे । चारों बहुत पुराने दोस्त थे । और काफी समय से वे एक दूसरे के साथ समय बीता रहे थे । जब कुछ दूर चले तो शाम हो गई और उनको लगा कि रात मे चलना ठीक नहीं होगा तो उन्होंने जंगल मे एक पेड़ के नीचे आग जलाई और वहीं बैठ गये ।

‌‌‌उसके बाद वहीं पर मजाक करने लगे ।तभी उनको कुछ आहट सुनाई दी ।

…..यार लगता है कुछ आ रहा है हमे यहां से भाग कर पेड़ पर चढ़ जाना चाहिए ।मोहन ने कहा था।

…….कुछ नहीं ऐसे ही सुनाई दी होगी । रोहन बोला ।

…….अरे देखो भालू आ रहा है । सोहन जोर से चिलाया और दूर भागा। इतने मे टोहन भी उसके साथ भागा ।

‌‌‌मोहन और रोहन पेड़ पर चढ़ना जानते थे तो वे तुरंत ही पेड़ के उपर चढ़ गए और टोहन भी पेड़ पर चढ़ना जानता था तो वह कुछ दूर भागने के बाद पेड़ पर चढ़ गया लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था। वह आगे आगे भागता रहा और भालू उसके पीछे दौड़ रहा था।

‌‌‌कुछ दूर भालू टोहन के पीछे आया । जब टोहन को लगा कि भालू उसे मार ही देगा । और वह पूरी तरह से भाग कर थक गया तो वहीं पर गिर गया और आंखें बंद कर ली । कुछ देर बाद भालू टोहन के पास आया और कान के अंदर कुछ बोल कर चला गया ।

‌‌‌कुछ देर बाद टोहन उठा और अपने दोस्तों के पास आकर बैठ गया ।

…….टोहन भालू ने तुम्हारे कान के अंदर क्या कहा था ?

…….कभी भी ऐसे लोगों को दोस्त नहीं बनाना चाहिए जोकि मुश्बित मे तुम्हारा साथ ना दें ।

अब तीनों दोस्त शर्मिंदा थे । और फिर टोहन ने उन दोस्तों के साथ रहना बंद कर दिया ।‌‌‌क्योंकि वह जानता था कि उसके बनाए दोस्त किसी काम के नहीं हैं।

‌‌‌यह सिर्फ मोहन टोहन की कहानी नहीं है। हकीकत मे ऐसा होता है।पीछले दिनों न्यूज के अंदर आया था कि एक लड़की के भाई का दोस्त था ।वह रोजाना लड़की के भाई के  साथ घर आता था ।और वह लड़की अपने भाई के दोस्त को पसंद करने लगी थी। और बाद मे दोस्त ने भी अपने दोस्त के सीने मे छूरा घोपा और अपने ही दोस्त  ‌‌‌की बहन को भगाकर ले गया ।

‌‌‌इसमे गलती उसी भाई की भी थी। क्योंकि उसने ऐसे इंसान को दोस्ती के लिए चुना जिसे बहन और भाई के रिश्ते की कद्र तक नहीं थी। तो आप दोस्त बनाने से पहले यह सोचें की आपके दोस्त की कोई सीमाएं हैं या नहीं ? या फिर सीमाएं वह अपने फायदे के लिए बदलता है।‌‌‌लेकि दुर्भाग्य से बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अपने फायदे के लिए सीमाओं को बदल देते हैं और चीजों को सही और गलत कर देते हैं।इसलिए जब भी जीवन के अंदर आप एक दोस्त चुने तो हमेशा एक अच्छा दोस्त ही चुने वरना आपके लिए वही दोस्त काफी घातक साबित हो सकता है।

‌‌‌उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा ।मित्र का विलोम शब्द, मित्र शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, मित्र का उल्टा , mitra ka vilom shabd

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