मोहन नाम की राशि और व्यवहार ,शुभ अंक के बारे मे जानकारी

मोहन नाम की राशि बताइए , mohan naam ki rashi ,मोहन नाम कई लड़कों का होता है। और मोहन काफी सुंदर नाम होता है। कई लड़के इस नाम के साथ माहन कार्य कर चुके हैं।मोहन नाम के लड़कों का प्रेम काफी सराहनिय होता है और इनके अंदर नेत्रत्व करने की अच्छी क्षमता होती है। यह  शाही अंदाज वाले होते हैं और दूसरों पर अपना प्रभाव भी आसानी से छोड़ देते हैं।

‌‌‌मोहन नाम की राशी mohan naam ki rashi

‌‌‌मोहन नाम की राशी सिंह होती है।और इनका नाम सूर्य होता है।वैसे आपको बतादें कि मोहन नाम के लड़कों का सबसे बड़ा खास गुण यह होता है कि यह हमेशा राजा बनने के सपने देखते हैं। इनको किसी के अधीन रहना पसंद नहीं होता है। ‌‌‌यदि शरीर के रोगों की बात करें तो इन लोगों को हर्ट की समस्याएं हो सकती हैं या फिर दिल की समस्याएं हो सकती हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लड़कों को कई रोग परेशान कर सकते हैं लेकिन इनकों के अंदर ईमानदारी कूट कूट कर भरी होती है।

mohan naam ki rashi
नाम‌‌‌मोहन
‌‌‌अर्थआकर्षक ,दिलचस्प ,गम्भीर ,उदार  और हंसमुख
‌‌‌लिंग‌‌‌लड़का
‌‌‌धर्महिंदु
‌‌‌शुभअंक1
‌‌‌राशी‌‌‌सिंह
‌‌‌स्वामीग्रह‌‌‌सूर्य
‌‌‌शुभरंगसुनहरी, लाल और क्रीम रंग 
‌‌‌शुभदिन‌‌‌रविवार
‌‌‌शुभरत्नमाणिक्य
‌‌‌सामान्यरोगगला, पेट, आंखों में तकलीफ, रक्त विकार, कान का दर्द, चर्मरोग, वातरोग

‌‌‌मोहन नाम का अर्थ mohan naam ka arth

यदि आपका नाम मोहन है तो आपको अपने नाम के अर्थ के बारे मे सही सही जानकारी होनी चाहिए क्योंकि नाम के हिसाब से ही इंसान के अंदर गुण आते हैं।

  • ‌‌‌मोहन का मतलब आकर्षक होता है। जो आपका ध्यान खींच ले और आपको काफी अच्छा फील करवाएं वही आकर्षक होता है। इसका मतलब ऐसा लड़का जो दिखने मे काफी सुंदर है। वही मोहन है।
  • ‌‌‌मोहन का मतलब दिलचस्प भी होता है। कुछ ऐसा जो आपको दिलचस्प या मजेदार लग सकता है। मोहन मतलब जो आपको मजेदार लगता है। वही मोहन होता है।
  • ‌‌‌मोहन का एक अर्थ गम्भीर भी होता है जो इंसान गम्भीर रहता है उसके लिए मोहन शब्द का प्रयोग किया जाता है। या जो अपने कार्य के प्रति काफी गम्भीर रहता है उसके लिए मोहन शब्द का प्रयोग होता है।
  • ‌‌‌मोहन का अर्थ उदार भी होता है। असल मे उदार इंसान के लिए मोहन शब्द का प्रयोग होता है जो दया करने वाला हो सबकी सुनने वाले उदार इंसान को मोहन कहा गया है।
  • ‌‌‌हंसमुख इंसान या जो सदैव हंसता रहता हो । अच्छाई के अंदर अपना जीवन बीताता हो उसके चेहरे पर कभी शिकन नहीं आती हो वह होता है मोहन
  • ‌‌‌एक भाग्यशाली इंसान के लिए मोहन शब्द का प्रयोग किया जाता है। इस तरह से मोहन का मतलब होता है जो भाग्यशाली हो वह मोहन है।
  • ‌‌‌सक्षम करने वाला या जो कुछ करने मे सक्षम होता है। जीवन को बेहतर तरीके से जीने मे सक्षम है उसे मोहन कहा गया है। ‌‌‌वैसे सक्षम भी एक सकारात्मक शब्द होता है। या सकारात्मक अर्थ मे प्रयोग होता है।
  • ‌‌‌सक्रियता जिसके अंदर मौजूद हो वह मोहन है। सक्रियता का मतलब यह है कि वह हाथ पर हाथ धरके बैठा नहीं रहता है। वरन उचित समय पर कुछ ना कुछ करता रहता है। वही तो सक्रियता होती है।
  • ‌‌‌मैत्रीपूर्ण रहने वाले इंसान को मोहन कहा गया है जो इंसान मैत्रीपूर्ण रहता है। सभी के साथ उसके अच्छे संबंध रहते हैं वह मोहन है।
  • ‌‌‌मोहन नाम का अर्थ अस्थिरता भी होता है। वैसे यह नगेटिव अर्थ के अंदर आता है। इसका मतलब यह है कि मोहन नाम के लड़के थोड़े अस्थिर किस्म के हो सकते हैं।

                 ‌‌‌वैसे उपर हमने मोहन नाम के अर्थ के आधार पर गुणों को बताने का प्रयास किया है। लेकिन असल मे यह जरूरी नहीं होता है कि हर मोहन नाम के लड़के अपने नाम के अनुसार ही व्यवहार करें । क्योंकि यह देखा गया है कि कई लड़कों का नाम सिंह होता है लेकिन वे डरते चूहे से ही हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों के रिश्ते

दोस्तों मोहन नाम के रिश्ते काफी अच्छे होते हैं। यह काफी आकर्षक इंसान होते हैं।प्यार के अंदर यह शरीरिक संबंध बनान जायज मानते हैं।यह काफी रोमांटिक भी होते हैं।यह काफी प्यार होते हैं और अपने पार्टनर का पूरा ध्यान भी रख सकते हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों की सबसे बड़ी खास बात यह होती कि यह हमेशा चलने वाले प्यार के रिश्ते को पसंद करते हैं। और यह मानते हैं कि प्यार मे सब जायज होता है। जल्दी से बदलना इनके बस की बात नहीं होती है। वरन यह धीरे धीरे बदलाव के पक्ष मे होते हैं।

‌‌‌यह काफी सामाजिक भी होते हैं। यह किस से कितना प्यार करते हैं। इसके बारे मे यह किसी को भी बताते नहीं हैं। क्योंकि प्यार का दिखावा करना इनको पसंद नहीं होता है।

‌‌‌यह स्वाभाव से भावुक किस्म के होते हैं और प्रकृति से प्रेम करने वाले होते हैं।लेकिन इनका रैवया कई बार विवेकहीन हो जाता है। यह अपने जीवन साथी से काफी अधिक प्रेम करने वाले होते हैं।यह अपने परिवार के सदस्य के साथ खराब व्यवहार को पसंद नहीं करते हैं। और यदि ‌‌‌कोई इनका विश्वास तोड़ता है तो फिर यह उससे दूरी बना लेते हैं । यही इनका सिद्धांत होता है।

‌‌‌मोहन नाम के लोग काफी अच्छे होते हैं और अपने बच्चों के लिए प्रेमपूर्ण होते हैं। एक पिता के रूप मे मोहन नाम के लोग खुशमिजाज और चंचल होते हैं। इसके अलावा यह अपने बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करते हैं और इनके बच्चे भी काफी स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं। उनको प्रतिबंधों मे रहना पसंद नहीं ‌‌‌होता है।

‌‌‌मोहन नाम के बच्चों का स्वाभाव

मोहन नाम के बच्चे काफी सुंदर होते हैं। इसी वजह से  बहुत से काफी लोग इनको लाड़ प्यार करते हैं। जिससे यह बिगड़ भी जाते हैं।लेकिन यह अभिमानी नहीं होते हैं। अपनी बुद्धिमता की वजह से कभी गलत रस्ते पर  नहीं जाते हैं। अच्छे व्यवहार, अज्ञाकातिा, बहादुरी, अपनेपन और भरोसे के चलते वे आत्मविश्वास से जीवन में आगे बढ़ते हैं और प्रसिद्धि पाते हैं, पर इनको अनुशासन के अंदर रखना माता पिता का काम होता है।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों के गुण

दोस्तों यदि आपका नाम मोहन है तो आपको अपने गुणों के बारे मे भी अच्छी तरह से जान लेना चाहिए । यदि आप मोहन नाम के लोगों को समझना चाहते हैं तो जानें ।

‌‌‌भरोसेमंद

दोस्तों मोहन नाम के लोगों की सबसे खास गुण यही होते है कि यह काफी भरोसेमंद होते हैं और यदि आप इनको अपना मित्र बनाते हैं तो यह आपका भरोशा नहीं तोड़ते हैं। हालांकि सभी मोहन नाम के लोग इस प्रकार के नहीं होते हैं।

‌‌‌नेत्रत्व का गुण

सिंह राशी के लोगों के अंदर नेत्रत्व का गुण होता है। इसका मतलब यह है कि यह किसी के नीचे रहना पसंद नहीं करते हैं। इनके अंदर एक अच्छा लिडर बनने की काबिलियत होती है। यह अपने जीवन के अंदर नेता या फिर अन्य नेत्रत्व वाले कार्य करते हैं।

‌‌‌साहसी होते हैं मोहन नाम के लोग

मोहन नाम के लोग काफी साहसी होते हैं।साहस का मतलब यह होता है कि यह बड़ी बड़ी परेशानियों से डरने वाले नहीं होते हैं वरन उनका आसानी से मुकाबला कर सकते हैं। साहस पूर्ण कार्य करना इनकी आदत होती है। यह काफी बेहतरीन इंसान होते हैं।

दृढ़निश्चयी होते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोगों की एक खास बात यह होती है कि यह दृढ़-निश्चयी होते हैं। यदि यह किसी कार्य के बारे मे एक बार कुछ निश्चित कर लेते हैं तो उसके बाद उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। यह उन लोगों मे नहीं होते हैं जो कार्य को बीच मे छोड़कर भाग जाते हों ।‌‌‌जब यह कार्य को एक बार आरम्भ कर देते हैं तो फिर उसे पूरा करके ही दम लेते हैं।

आकर्षक इंसान होते हैं मोहन नाम के लोग

मोहन नाम के लोगों की एक खास बात यह भी होती है कि यही काफी आकर्षक इंसान भी होते हैं। और जब यह किसी से मिलते हैं तो फिर उस पर अपना प्रभाव अवश्य ही छोड़ देते हैं। आकर्षक होने की वजह से कई लोग इनको पसंद भी करते हैं।

रोमांटिक पार्टनर होते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोगों की खास बात यह भी होती है कि यह रोमांटिक पार्टनर भी होते हैं। अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक पल बिताना इनको काफी पसंद होता है। और यही कारण है कि इनके साथी इनको काफी पसंद भी करते हैं।

‌‌‌बातूनी होते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोगों की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि यह बातूनी होते हैं।इसका मतलब यह है कि यह अधिक बात करने वाले होते हैं। हालांकि यह उनको कई मामलों मे फायदेमंद होता है। लेकिन असल मे कई मामलों मे यह उनके लिए काफी नुकसानदायी भी हो सकता है।

सच्चे साथी साबित होते हैं मोहन नाम के लोग

मोहन नाम के लोगों की खास बात यह होती है कि यह सच्चे साथी साबित होते हैं । यह अपने पार्टनर की हर समय हैल्प करने को तत्पर रहते हैं और उनका साथ कभी भी नहीं छोड़ते हैं।

‌‌‌अतिआशावादी होते हैं

मोहन नाम के लोगों के अंदर अतिआशावादी का गुण होता है। इसकी वजह से यह बहुत बार असफल भी हो जाते हैं। अति आशा की वजह से इनके कार्य करने की रफतार के अंदर कमी आती है जिसकी वजह से यह असफल होते हैं। हालांकि इनका अतिआशावादी पन कई बार इनके लिए काफी उपयोगी भी साबित होता है।

परोपकारी होते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोगों का सबसे बड़ा गुण होता है कि यह परोपकारी होते हैं इसका अर्थ यह है कि यह दूसरों का भला करने पर यकीन करते हैं।‌‌‌और यदि कभी भी इनको किसी का भला करने का मौका मिलता है तो यह उसकी मदद जरूर करते हैं। इनको दूसरों का भला करने मे काफी सकून मिलता है।

दयालु होते हैं मोहन नाम के लोग

मोहन नाम के लोग दयालू होते हैं । इसका मतलब यह है कि यह दया करने वाले होते हैं। बिना किसी वजह से किसी को परेशान नहीं करते हैं। और जानवरों से अधिक प्रेम करते हैं। यह काफी दया करने के गुण के चलते इनको बहुत पसंद किया जाता है।

‌‌‌आत्मविश्वासी

मोहन नाम के लोग काफी आत्मविश्वासी होते हैं। यह जो भी कार्य करते हैं वह आत्मविश्वास होने पर ही करते हैं। यही कारण है कि हर कोई इनको डिगा नहीं सकता है। दूसरों की बातों पर यह आसानी से नहीं भटकने वाले होने की वजह से अपने लक्ष्य को पा लेते हैं।

‌‌‌खरी बात कहने के लिए जाने जाते हैं

मोहन नाम के लोगों का स्वाभाव यह भी होता है कि यह खरी खरी बातें कहने के लिए जाने जाते हैं। यह अगले के मुंह पर ही खरी बातें बोल देते हैं। हालांकि यह इस बात की चिंता नहीं करते हैं कि अगला उनके बारे मे क्या सोचेगा लेकिन बोलने वाली बातें सच होती हैं।

‌‌‌गुस्सैल होते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोगों की यह भी खास बात होती है कि यह गुस्सैल होते हैं।कई बार इनको गुस्सा आ जाता है और बाद मे कंट्रोल नहीं होता है। वैसे आप इसको खराब आदत नहीं कह सकते हैं। क्योंकि कुछ ऐसी जगह होती हैं जहां पर गुस्सा जरूरी होता है।

‌‌‌आक्रमक हो सकते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोग दुख मे काफी आक्रमक हो सकते हैं । हालांकि इनका आक्रमक होना इनके खराब गुणों के अंदर आता है लेकिन कुछ जगहों पर इनकी आक्रमकता का प्रयोग किया जा सकता है।

जिद्दी किस्म के होते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोग काफी जिदृी किस्म के होते हैं। यह कई बार किसी बात को लेकर अड़ जाते हैं और भले ही वह गलत को किसी की भी मानने को तैयार नहीं होते हैं। जो इनके स्वाभाव का एक हिस्सा है।

‌‌‌खुले विचारों वाले होते हैं मोहन नाम के लोग

मोहन नाम के लोग खुले विचारों वाले होते हैं । जिसकी वजह से यह आधुनिक चीजें करने मे परहेज नहीं करते हैं। जैसे पार्टी के अंदर जाना या फिर कई ऐसे कार्य कर सकते हैं जो समाज मे वर्जित होते हैं। इनका मानना होता है कि इन कार्यों मे कोई बुराई नहीं होती है।

‌‌‌अपने साथी के प्रतिकाफी वफादार होते हैं

दोस्तों मोहन नाम के लोग काफी वफादार होते हैं। इनको अपनी साथी की वफादारी पसंद होती है। और यह सामने वाले से ही अपने जैसी ही उम्मीद करते हैं। कुल मिलाकर यह एक अच्छे इंसान होते हैं।

स्वार्थी भी हो जाते हैं मोहन नाम के लोग

असल मे यह हमेशा से ही स्वार्थी नहीं होते हैं लेकिन अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बार दूसरों की अनदेखी भी कर देते हैं। हालांकि यह एक बहुत ही आम बात होती है।

‌‌‌प्यार मे बेरूखी वाले होते हैं

हालांकि मोहन नाम के लोग प्यार व्यार को अधिक पसंद नहीं करते हैं लेकिन एक बार यदि प्यार मे पड़ जाते हैं तो अपने साथी के लिए सब कुछ लूटा देते हैं लेकिन असल मे यह अधिक समय ते अपने प्यार को बनाए रखने मे सक्षम नहीं होते ।

‌‌‌कमर्ठ और न्याय प्रिय होते हैं मोहन नाम के लोग

दोस्तों मोहन नाम के लोग कर्म करने मे भरोशा करते हैं।और कर्म को काफी पसंद करते हैं। इनका मानना होता है कि इंसान को सफलता उसके कर्मों से ही मिलती है। इसके अलावा वे न्याय प्रिय होते हैं। किसी के साथ अन्याय हो यह उनको पसंद नहीं होता है।

   ‌‌‌मोहन नाम के लोगों का कैरियर

जैसा कि हमने आपको बताया कि मोहन नाम के लोग काफी रोबदार होते हैं।जिसकी वजह से इनका दाम्पतय जीवन उतना अधिक सफल नहीं होता है। लेकिन लाइफ के अंदर यह काफी बड़े पदों पर रहते हैं। यह अधिकतर उच्च प्रशासनिक नौकरी, राजनेता, जज, चिकित्सक, मार्गदर्शक, संस्था प्रमुख, कारखानों के स्वामी ‌‌‌बन  सकते हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों का राशी चिंह

मोहन नाम के लोगों की राशी चिंह शैर होता है।इसका स्वामी सूर्य होता है और इसका संबंध अग्नि तत्व से होता है।यह बेहद ही ताकतवर है।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों के शरीर की बनावट

  • इनके पैर लंबे होते हैं और कद भी काफी लंबा होता है।
  • इनके हाथ छोटे होते हैं लेकिन हथेलियां काफी बड़ी होती हैं।
  • इनका माथा काफी विशाल होता है।
  • ‌‌‌इनके गले पेट , या पैर के उपर तिल के निशान होते हैं।और बार बार गिरने की वजह से इनकी हडि्डयां काफी कमजोर होती हैं।
  • इनके दांत भी देखने मे अच्छे नहीं होते हैं लेकिन इनकी आवाज काफी गहरी होती है।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों के शौक

दोस्तों मोहन नाम के लोगों को कई तरह के शौक होते हैं। जैसे सैनिमा देखना , सोना और अच्छे कपड़े पहनना ।अच्छा भोजन करना उपन्यास पढ़ना आदि हो सकते हैं।आभूषण बनाने की कला, नृत्य, गृहसज्जा, खेलकूद आदि के अंदर इनकी रूचि हो सकती है।सामाजिक मेल-जोल, शिल्पकला, चित्रकला आदि के अंदर इनकी रूचि होती है।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों का आर्थिक पक्ष

दोस्तों मोहन नाम के लोगों का आर्थिक पक्ष काफी मजबूत होता है। इनको जरूरत से अधिक धन आसानी से मिल जाता है।और यह कर्ज लेने से डरते हैं। और यदि कर्ज ले भी लेते हैं तो वे पाई पाई चुका देते हैं। और यह जातक यदि पैसा दे भी देते हैं तो इनको पैसा वापस नहीं मिलता है।‌‌‌इसके अलावा मोहन नाम के लोगों को भूलने की बीमारी होती है।इनको याद नहीं रहने की वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। और इनके पास खुद की कार भी होती है।

    ‌‌‌मोहन नाम के लोगों का शिक्षा और व्यवसाय

दोस्तों मोहन नाम के लोगों को शिशु रोग और हृदय रोग विशेषज्ञता, साहित्य, पत्रकारिता, राजनीति शास्त्र, ज्योतिष आदि के अंदर सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।वैसे मोहन नाम के लोग कौनसी क्षेत्र के अंदर अधिक सफलता हाशिल करेंगे। यह तो कुंडली देखकर ही पता ‌‌‌लगाया जा सकता है।

‌‌‌मोहन नाम के लोग यदि ईमानदारी से कार्य करते हैं तो भी उनको सफलता मिलती है।यह धातु से जुड़े कार्य के अंदर सफल हो सकते हैं। इसके अलावा यह एक अच्छे वकील भी बन सकते हैं। कला के क्षेत्र मे यह अधिक सफल रहते हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों का वैवाहिक जीवन

मोहन नाम के लोग अच्छे पति सिद्ध होते हैं। यह दूसरों को काफी खुश देखना चाहते हैं।लेकिन इनके विवाह के अंदर बाधा आने की संभावना अधिक होती है।सगाई टूट सकती है। इसके अलावा यह काफी क्रोधी होते हैं।और एक बार यदि इनको क्रोध आ जाता है तो फिर यह नियंत्रित नहीं ‌‌‌हो पाते हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों का घर परिवार

मोहन नाम के लोगों के दिल मे माता पिता के लिए विशेष सम्मान होता है।मोहन नाम के लोग हर्ट से कोमल होने की वजह से सुख और दुख इनके दिल पर झलक जाता है।इसके अलावा इनको अपने भाई बहन से उचित सम्मान नहीं मिल पाता है।‌‌‌हालांकि मोहन नाम के लोगों का अपने पिता से थोड़ा विरोध हो सकता है।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों के मित्र

मित्रता भी सही और सोच समझ कर ही करनी चाहिए नहीं तो यह नुकसान पहुंचा सकती है।

  • ‌‌‌मोहन नाम के लोगों की मेष, कर्क, मिथुन, वृश्चिक, धनु, कन्या और मीन राशि वाले लोगों से अच्छी मित्रता रहती है।
  • वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले व्यक्तियों  से इनको हानि हो सकती है।
  • मोहन नाम के लोगों के काफी अधिक मात्रा मे मित्र होते हैं और इनको मित्रों का स्नेह मिलता है।
  • ‌‌‌मेष राशी के लोग मोहन नाम के लोगों के लिए अच्छे मार्गदर्शक हो सकते हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों मे रोग

वैसे मोहन नाम के लोग दिखने मे काफी कमजोर होते हैं।लेकिन इनके अंदर काम करने की ताकत बहुत अधिक होती है। गला, पेट, आंखों में तकलीफ, रक्त विकार, कान का दर्द, चर्मरोग, वातरोग या शीत ज्वार पीड़ा जैसी समस्याएं इनको हो सकती हैं।‌‌‌इनको जुकाम काफी जल्दी हो जाती है। और जल की मात्रा इनको अधिक रखनी चाहिए ।छाछ, दही, पपीता, गोभी, आलू, टमाटर इनकी सेहत के लिए विशेष रूप से काफी उपयोगी होते हैं।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों के लिए भाग्यशाली अंक

मोहन नाम के लोगों के लिए  अंक की श्रृंखला1, 10, 28, 37, 46, 55, 64… एवं 4 अंक की श्रृंखला 4, 13, 22, 31, 40, 58, 67, 76….इनके लिए शुभ होती हैं। इसके अलावा 6, 7, 8 अंक अशुभ होता है।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों के लिए भाग्यशाली रंग

सुनहरी, लाल और क्रीम रंग भाग्यशाली रंग होता है। मोहन नाम के लोगों को हमेशा अपने पास लाल रंग का रूमाल रखना चाहिए । और शुभ अवसरों के उपर आप इस रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं। जो आपके लिए काफी फायदेमंद होगा ।

भाग्यशाली दिन

मोहन नाम के लोगों के लिए अच्छा दिन रविवार ही होता है। यदि आप कोई कार्य आरम्भ करने जा रहे हैं तो उसे आपको रविवार को ही आरम्भ करना चाहिए । यही आपके लिए अच्छा रहता है।‌‌‌इसके अलावा  गुरुवार शुभ, मंगलवार अशुभ और शनिवार मध्यम होता है।

‌‌‌भाग्यशाली रत्न

मोहन नाम के लोगों के लिए भाग्यशाली रत्न माणिक्य होता है। सूर्य खराब होने की वजह से इनको पहना जाना चाहिए । 3 रत्ती का माणिक्य सोने में जड़वाकर रविवार के दिन शुभ मुहूर्त में सूर्यदेव की उपासना के बाद धारण करें तो यह आपके लिए काफी उपयोगी होता है।

‌‌‌मोहन नाम के लोगों की समस्याएं

  • मोहन नाम के लोग अपने ही बारे मे कष्ट पैदा करते हैं यह वर्तमान की बजाय भूत और भविष्य के अंदर उलझे रहते हैं।
  • ‌‌‌मोहन नाम के लोग काफी शंकालू होते हैं।
  • मोहन नाम के लोगों की यदि शादी नहीं हो रही है तो उनको रविवार के दिन उपवास करना चाहिए यही इनके लिए फायदेमंद होता है।
  • ‌‌‌मोहन नाम के लोग प्रसंशा के भूखे होते हैं।प्रशंसा मिलने पर यह काफी उदार हो जाते हैं।
  • मोहन नाम के लोग दूसरों पर आवश्यकता से अधिक विश्वास करते हैं जिसकी वजह से इनको धोखा मिलता है।
  • ‌‌‌मोहन नाम के लोगों का प्रमुख तत्व आग होने की वजह से यह काफी अधिक क्रोध करते हैं।
  • ईर्ष्या और लालच इनके अंदर होने की वजह से यह कहीं पर मार भी खा जाते हैं।
  • गुरुवार का उपवास, राम, कृष्ण, हनुमान आदि की उपासना करने से मोहन नाम के लोगों की कमियों को दूर किया जा सकता है।

‌‌‌मोहन नाम के फेमस लोग

दोस्तों मोहन नाम के कई लोग काफी फेमस हर चुके हैं।आइए जानते हैं मोहन नाम के कुछ फेमस लोगों के बारे मे ।

मोहन (अभिनेता)

By Silverscreen Media Inc. (https://silverscreen.in)

मोहन राव , जिसे मोहन या माइक मोहन के नाम से भी जाना जाता है।यह एक भारतिये अभिनेता हैं जोकि तमिल फिल्मों के अंदर काम कर चुके हैं। कन्नड़ , तेलुगु और मलयालम फिल्मों में मे भी यह काम कर चुके हैं।मोहन को बी वी कारंत ने थिएटर की दुनिया में पेश किया। इन्हें दिल्ली जैसी जगहों पर नाटक के अंदर काम किया ।उन्हें  फिल्म कोकिला में बालू महेंद्र ने 1977 में तमिल अभिनेता कमल हासन के साथ काम किया था ।

1980 में मूडु पनी की रिलीज के बाद से वह तमिल सिनेमा उद्योग के सबसे बड़े सितारों में से यह एक बन गए थे ।मोहन को 1980 के दशक में ‘सिल्वर जुबली हीरो’ के रूप में इंडस्ट्री में बुलाया गया था।मोहन ने गौरी से 1987 में शादी की। दंपति का एक बेटा आकाश है, जिसका जन्म 1989 में हुआ था।

‌‌‌इन्होंने कई फिल्मों के अंदर काम किया उनमे से कुछ फिल्मों की लिस्ट को यहां पर दिया जा रहा है।

सालफ़िल्मभूमिकाभाषा: हिन्दी
1977कोकिलाभास्करकन्नड़
1978अपरिचितशामू ह्वेलकन्नड़
1978मदालसाचंद्रूमलयालम
1979तोरपु वेले रेलूरमन्नातेलुगू
1979भूलोकदल्ली यमराजसुरेशकन्नड़
1980नम्मनमाना सोनटराजकन्नड़
1980मूड़ु पाणिभास्करतामिल
1980नेनजथै किलथेरामतामिल
1981गाली माथुचिंतामणिकन्नड़
1981मुनियाना मदारीमारकन्नड़
1981हेंनिना सेडुगुरुकन्नड़
1981किलंजलगलबाबूतामिल
1982पयानंगल मुदिवथिल्लईरवि कुमारतामिल
1982थम्भीथम ओरु संगीथम तामिल
1982नजन ओन्नु परायतेमाधवंकुट्टीमलयालम
1982गंधारगोलम तेलुगू
1982कातरुकेन वेली तामिल
1982पोनमुडीराजूमलयालम
1982ऐराधा विलायट्टु पिल्लईकन्नन / शेखरतामिल
1982लॉटरी टिकटवासुतामिल
1982इणियावाले वैप्रभुतामिल
1982कदलीथु पार तामिल
1982गोपुरंगाल शिवतलाईमुरलीतामिल
1982चिन्नन चिरसुगल तामिल
1982अर्चनाई पूकलकार्तिकतामिल
1983हावड़ा होवुमोहनकन्नड़
1983अन्ता सिला नटकलगोपीतामिल
1983ज्योति तामिल
1983थोंगाधा कन्नेंद्रु ओंरूरवितामिल
1983नेनजमालम नीयेमोहनतामिल
1983इलमई कलांगलरघुतामिल
1983शरणालयमप्रभुतामिल
1983मनैवि सोले मंथिरामथ्यागूतामिल
1983नालु पेरुकु नांद्रीबाबूतामिल
1984कुवा कुवा वथुगलमोहनतामिल
1984विधिराजातामिल
1984नूरवथु नालरामकुमारतामिल
1984वेंगायिन मितानेंराधा का पतितामिल
1984नान पाडुम पाडलआनंदतामिल
1984नालम नमालरिया अवल तामिल
1984सटथई थिरथुंगलचिरंजीवीतामिल
1984शांति मुहूर्तम्राजातामिल
198424 मणि नेरमराजतामिल
1984मगुडीअमावसईतामिल
1984अंबे ओडी वामहेशतामिल
1984रुसीरवितामिल
1984निरबरथीइंस्पेक्टर राजातामिल
1984अम्बिगई नेरिल वांथालरवितामिल
1984ओह माईने माणेमहेशतामिल
1984ओसाईराजातामिल
1984वै पंडालधीवरकरतामिल
1984उननाय नान संथथेनविजयतामिल
1984नेनजथाई अल्लथावेणुगूतामिल
1985श्रवणार्थीचिरंजीवीतेलुगू
1985अनबिन मुगावरीबालूतामिल
1985थेंड्रेल एन्नै थोडुरघुनाथतामिल
1985आनीराजातामिल
1985मपिल्लई सिंगमनर्तकीतामिल
1985उदय गीतम्अरुणतामिल
1985देवीपिरवीराजातामिल
1985पिल्लई निलामोहनतामिल
1985कुंगुमा चिमिलरवितामिल
1985श्री राघवेंद्रशिष्यतामिल
1985इदेवा कोविलशंकरतामिल
1985उनकगा ओरु रोजाबालूतामिल
1985नान अनगल रसिगनसुब्रमणितामिल
1986दिसंबर पुकलचंद्रूतामिल
1986आलापणशिवुडुतेलुगू
1986उइरे उनाकागाबालुमुरलीतामिल
1986अय्यरम पुक्कल मलारट्टमअरुणतामिल
1986मौना रागमचंद्रकुमारतामिल
1986मिले थिरंधथु कढावुसुब्रमणितामिल
1986परु परु पटनम परुमोहनराजतामिल
1986उन्नाय ओन्ड्रू केटपेन तामिल
1987रिटटई वाल कुरुवीगोपीतामिल
1987आनंद आराधनाईमोहनतामिल
1987इधु ओरु थोदर कथईरवितामिल
1987पाडु निलवेबालाकृष्णनतामिल
1987कृष्णन वंदनराजातामिल
1987अथार्थ कराइनाइलगणेशन (राजा)तामिल
1987निनइक्का थेरिन्था मनमीबाबूतामिल
1988कुंगुमा कोदूरामूतामिल
1988चोपुलु कलासीना सुभेवलाआनंद मोहनतेलुगू
1988पासा पारीवालडॉ। शंकरतामिल
1988मपिल्लई सरड्राइविंग मास्टरतामिल
1988सहदेवन महादेवनसहदेवनतामिल
1988वसंथीराजातामिल
1988आथम कथारवितेलुगू
1989नालैया मनिथनमेज़बानतामिल
1989पुलिस रिपोर्टश्रीनिवासतेलुगू
1989सोंधम १६वरुधुतामिल
1989ओरु पोन्नू नेनाचा तामिल
1989थलाइवानुकोकोर थलाइवीशिवतामिल
1989मणिधन मारिवट्टनविश्वनाथनतामिल
1989इधाय धापमग्रांड चोरीतामिल
1989पासा मझाईअशोकतामिल
1990सारदम्बाश्रीकांततेलुगू
1990वलिबा विलायाट्टुराजातामिल
1990जगतपालप्रथपनप्रतापतामिल
1991उरुवममोहनतामिल
1999अनबुल्ला कधालुकुप्रेमतामिल
2008सुत्त पझमनंदकुमार (नंदू)तामिल
2009गौतमरघुरामकन्नड़
2016अब्बायथो अम्मायिअभि के पितातेलुगू

Mohan (director)

एम मोहन एक है भारतीय के निदेशक जो मलयालम फिल्मों मे काम करते हैं।एंगीन ओरु अवधिक्कलथु , पाकशे , इसाबेला , ओरु कथा ओरु नननक्था , इड़ावेला , विदा परयूम मुनपे , रान्डू पेनकट्टिकल और शालिनी एन्टे कूटटुकरी जैसी कई फिल्मे यह कर चुके हैं।

पटकथा लेखक जॉन पॉल के साथ उनके जुड़ाव ने हमेशा समीक्षकों और व्यावसायिक रूप से सफल फिल्मों को जन्म दिया है। 1980 के दशक मे इनको प्रमुख सफल निर्देशकों मे से एक माना जाता है।

  • ‌‌‌इनकी कुछ फिल्मों का नाम कुछ इस प्रकार से है।
  • वडाका विदु (1978)
  • शालिनी एते कुट्टुकरी (1978)
  • Randu Pen Kuttikal (1978)
  • सूर्य दाहम (1979)
  • कोचू कोचु थेटलुक (1979)
  • विदा परयूम मुम्बे (1981)
  • कठेरियायथे (1981)
  • निराम मरुना निमिषंगल (1982)
  • इल्क्कंगल (1982)
  • Idavela (1982)
  • अलोलम (1982)
  • रचना (1983)
  • मंगलम नेरुन्नु (1984)
  • ओरु कथा ओरु नूननक्था (1986)
  • थीथम (1987)
  • श्रुति (1987)
  • इसाबेला (1988)
  • मुखम (1990)
  • पक्शे (1994)
  • साक्षीम (1995)
  • एंगीन ओरु अवधिक्कलथु (1999)
  • द कैंपस (2005)

मोहनलाल

‌‌‌इनका जन्म जन्म 21 मई 1960 के बीच माना जाता है।यह एक भारतिय अभिनेता निर्माता और गायक हैं।तमिल , तेलुगू और हिंदी भाषा की फिल्मों के अंदर इन्होंने काम किया है।वर्तमान मे 340 से अधिक फिल्मों मे यह काम कर चुके हैं।मोहनलाल ने 1978 में मलयालम फिल्म थिरनोत्तम में 18 साल की उम्र में अपने अभिनय की शुरुआत की  थी। लेकिन इस फिल्म के रिलिज होने के अंदर काफी देरी हुई थी। 1980 की रोमांस फ़िल्म मंज़िल विरिन्जा पुक्कल में हुआ था , जिसमें उन्होंने प्रतिपक्षी की भूमिका निभाई थी।‌‌‌के दशक तक इन्होंने बैंकेबल लीडिंग एक्टर के रूप मे खुद को स्थापित कर लिया था।1986 तक उन्होंने कई फिल्मों के अंदर काम किया था।

मोहनलाल विश्वनाथन का जन्म  एलान्थूर में पथानामथिट्टा जिले , केरल पर 21 मई 1960 वह विश्वनाथन नायर के यहां हुआ था।मोहनलाल तिरुवनंतपुरम में अपने पैतृक घर मुदवनमुगल में पले-बढ़े । उन्होंने गवर्नमेंट मॉडल बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल , तिरुवनंतपुरम से पढ़ाई की और बैचलर ऑफ़ कॉमर्स की डिग्री हासिल की थी।

1977 और 1978 के दौरान वह केरल राज्य कुश्ती चैंपियन थे।

By Prathyush Thomas – Own work, GFDL 1.2, wiki

मोहनलाल ने 1978 में फिल्म थिरनोत्तम से अपने अभिनय की शुरुआत की थी। जिसे मोहनलाल और उनके दोस्तों- मणियानपिला राजू , सुरेश कुमार, उन्नी, प्रियदर्शन , रवि कुमार और कुछ अन्य लोगों द्वारा निर्मित  था।

‌‌‌इस फिल्म के अंदर मोहन लाल ने कुट्टप्पन नामक एक भूमिका निभाई थी जोकि मानसिक रूप से विकलांग था।

‌‌‌इनका जन्म और मृत्यु 16 अक्टूबर 1952 – 10 जून 2019 ई के अंदर हुआ था।यह क्रेजी मोहन के नाम से जाने जाते हैं।एक भारतीय अभिनेता, हास्य अभिनेता, पटकथा लेखक और नाटककार थे।

‌‌‌इन्होंने टेलीविजन धारावाहिक और फिल्मों के अंदर काम किया था।मोहन ने 30 से अधिक नाटक लिखे, 40 से अधिक फिल्मों में काम किया, प्रत्येक फिल्म में कैमियो भूमिकाएं की और 100 लघु कहानियां लिखीं।तमिलनाडू सरकार ने उनको कालिमणी से सम्मानित किया था।

मोहन , गुइंडी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एक छात्र थे , जहाँ उन्होंने 1973 में मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में स्नातक किया ।फरवरी 1972 में, इंजीनियरिंग कॉलेज, गिंडी में, उन्होंने पहली बार ग्रेट बैंक रॉबरी लिखा था , जो गिंडी इंजीनियरिंग कॉलेज के भीतर एक इंट्रा क्लास प्रतियोगिता के लिए एक स्किट था , जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ लेखक का पुरस्कार मिला ‌‌‌था।

चेन्नई के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद कॉलेज में उनके छोटे भाई मढ़ू बालाजी के नाटक मंडली के लिए स्क्रिप्ट के लिए भी इन्होंने काम किया था।इन सबके बाद मोहन ने स्वयं की मंडली मे काम करने का निश्चिय किया और 1979 में क्रेजी क्रिएशंस की स्थापना की थी।

‌‌‌इन्होंने अभी तक 30 से अधिक शो के अंदर काम किया और 6500 से अधिक शो के अंदर इन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी।चॉकलेट कृष्णा का इन्होंने 3 साल के अंदर 500 से अधिक बार मंचन किया था।

उनके द्वारा काम की गई पहली फीचर फिल्म के । बालचंदर की पोइक्कल कुदरही थी जिसके लिए उन्होंने संवाद लिखे थे। फिल्म खुद मोहन के ड्रामा मैरेज पर आधारित थी जो सैलून में बनी थी ।

1989 में, उन्होंने टेलीविजन कॉमेडी श्रृंखला का निर्माण भी शुरू किया। उनके द्वारा निर्मित धारावाहिकों में हियर क्रेजी , कल्याणथुकु कल्याणम  जैसे धारावाहिक प्रमुख हैं।यह काफी अच्छे चले थे ।

‌‌‌कुछ लोकप्रिय नाटक हैं जिनके लिए इन्होंने काम किया था

  • माधु
  • जुरासिक बेबी
  • शादी सैलून में हुई
  • मीसै आनालुम मनैवी
  • अलाउदेवेनम 100 वॉट बुलबम
  • पागल किष्किन्ता
  • पागल चोरों की वापसी
  • ओरु बबियिन डायरी कुरिप्पु
  • कथालिक्का माधु अंडु
  • मढ़ू मिरंडल
  • मधिल मेल माधु
  • चॉकलेट कृष्णा
  • सैटेलाइट समियार
  • पल्लवक्कम में पागल चोर
  • ओरु सन्तो विदु वदगै वेदिगिरथु
  • अय्या अम्मा अम्मम्मा
  • Google गदगोत्जन
  • क्रेजी प्रीमियर लीग
  • गुम्माला गोकुलम
  • वीताई मैत्री कट्टीपार

‌‌‌इसके अलावा इन्होंने कई पटकथाओं का लेखन किया था।

  • पोइक्कल कुदिराई (1983)
  • कथा नायक (1988)
  • अपूर्वा सगोधरगल (1989)
  • माइकल मदना काम राजन (1990)
  • उन्नाई सोली कुत्रमिलई (1990)
  • इंद्रन चंद्रन (1990)
  • चिन्ना मेपिल्लई (1993)
  • मगलिर मटुम (1994)
  • वियतनाम कॉलोनी (1994)
  • चिन्ना वाथियार (1995)
  • इंगिरुंधो वंदन (1995)
  • सथी लीलावती (1995)
  • अव्वै शन्मुघी (1996)
  • मिस्टर रोमियो (1996)
  • अरुणाचलम (1997)
  • शिश्या (1997)
  • रत्चन (1997)
  • थेडिन वन्थाथु (1997)
  • आआहह ..! (1997)
  • कैथल कैथल (1998)
  • कन्नोडु कंबाथेलम (1999)
  • एन्द्रेंद्रम कधल (1999)
  • पूवेल्लम केट्टुप्पार (1999)
  • तेनाली (2000)
  • लिटिल जॉन (2001)
  • पंचंथीराम (2002)
  • पम्मल के। सांबंडम (2002)
  • वसूल राजा एमबीबीएस (2004)
  • इध्या थिरुदन (2006)
  • जेरी (2006)
  • कोला कोलाया मुंधिरिका (2010)
  • मनमाधन अम्बु (2010)
  • नान ई (2012)

Mohan Agashe

23 जुलाई 1947 को इनका जन्म हुआ था यह भारतिय मनोचिकित्सक और अभिनेता हैं।इन्होंने 1996 ई के अंदर संगीत के अंदर संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जीता था।उन्होंने अपनी एमबीबीएस और मनोचिकित्सा में एमडी की डिग्री के लिए बीजे मेडिकल कॉलेज, पुणे में अध्ययन किया । अभिनेता बनने से पहले वह बाद में प्रोफेसर बने।

अगाशे ने पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज और ससून अस्पताल में मनोचिकित्सा के प्रोफेसर के रूप में कार्य आरम्भ किया था। उसके बाद उन्होंने नैदानिक मनोविज्ञान के अंदर मनोचिकित्सा के अंदर भी काम किया था।यह भारत के पुणे के अंदर मनोचिकित्सा के अंदर कार्य कर चुके थे ।

अगाशे ने 1991 में महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा शुरू किए गए 1993 के लातूर भूकंप के आघात पर अगाशे ने पांच साल के अध्ययन का नेतृत्व किया था।

प्रैल 1997 से अप्रैल 2002 तक, वह फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया , पुणे के महानिदेशक थे ।और उन्होंने कई नाटकों के अंदर अभिनय भी किया था।

‌‌‌इनको अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

सालपुरस्कार
1990पद्म श्री
1996फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार
1996साहित्य अकादमी पुरस्कार
2002जर्मनी के संघीय गणराज्य का ऑर्डर ऑफ मेरिट
2004गोएथे मेडल
2017थेस्पो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
2018विष्णुदास भावे पुरस्कार
2018प्राइड ऑफ प्लेनेट अवार्ड
2019लोटू पाटिल थिएटर अवार्ड

Mohan Babu

‌‌‌मोहन बाबू इनका प्रसिद्ध नाम है।तेलुगु सेनिमा के अंदर यह काफी अधिक प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा यह 500 से अधिक फिल्मे कर चुके हैं।मोहन बाबू का जन्म मर्चु नारायणस्वामी नायडू और मांचू लक्ष्मम्मा के रूप में स्वर्णमुखी नदी के किनारे मोधुगुलपलेम गाँव में हुआ था ।

 मोहन बाबू अपने तीन छोटे भाइयों, मांचू रंगनाथ चौधरी, मांचू रामचंद्र चौधरी, मांचू कृष्ण और उनकी बहन विजया के साथ बड़े हुए ‌‌‌हैं।तिरुपति के अंदर इन्होंने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की थी।‌‌‌मोहन बाबू ने मात्र 14 साल की उम्र के अंदर ही नाटकों के अंदर अभिनय करना शूरू कर दिया था।

मोहन बाबू ने कई वर्षों तक शारीरिक शिक्षा के वाईएमसीए कॉलेज में शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था।मोहन बाबू ने अवसरों की तलास के लिए चैन्नई स्टूडियों के अंदर यात्रा शूरू की थी।

1969 में, उन्हें निर्देशक लक्ष्मी दीपक के साथ एक प्रशिक्षु के रूप में काम करने का अवसर मिला जिसके बाद उनका फिल्म उधोग के अंदर प्रवेश मिल गया ।उसके बाद मोहन का परिचय दसारी नारायण राव से हुआ, जो उस समय टॉलीवुड में एक पटकथा लेखक थे।‌‌‌एक अभिनेता के रूप में मोहन बाबू को पहली बड़ी सफलता दशरी नारायण राव द्वारा निर्देशित 1975 को रिलीज हुई थी।

शिवाजी गणेशन द्वारा तमिल फिल्म उद्योग में शुरू किए जाने के बाद , उन्होंने मोहन बाबू फिल्मोग्राफी में 20 से अधिक तमिल फिल्मों में काम किया और अपनी भूमिकाओं के लिए भूमिका निभाई थी।

Mohan Babu
CC BY-SA 4.0, wiki

रायलसीमा के लोग जब गम्भीर सुखे के चपेट मे आए तो मोहन बाबू ने सूखे क्षेत्र का दौरा किया और उसके बाद वहां के लोगों को आर्थिक मदद प्रदान की । इसी प्रकार से स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर के रूप मे भी इनका चुनाव किया गया ।

‌‌‌शिक्षा के अंदर भी इन्होंने अच्छा योगदान दिया ।मोहन बाबू ने 1993 में श्री विद्यानिकेतन एजुकेशनल ट्रस्ट की स्थापना की।  आज, श्री विद्यानिकेतन श्री विद्यानिकेतन इंटरनेशनल स्कूल, श्री विद्यानिकेतन डिग्री कॉलेज, श्री विद्यानिकेतन इंजीनियरिंग कॉलेज, श्री विद्यानिकेतन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, श्री विद्यानिकेतन कॉलेज ऑफ नर्सिंग ‌‌‌आदि की स्थापना की थी।मोहन बाबू की शादी विद्या देवी से हुई, जिनके साथ उनका एक बेटा मांचू विष्णु और एक बेटी मांचू लक्ष्मी प्रसन्ना है – दोनों फिल्म उद्योग में अभिनेता हैं।।

  • ‌‌‌इनको कई सारे फिल्मी ऑवार्ड से सम्मानित किया गया ।
  • फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड – साउथ (2016)।
  • फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार (तेलुगु) – पेद्दारायुडु (1995)
  • साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्ड्स
  • SIIMA विशेष प्रशंसा पुरस्कार (2017)
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के CineMAA पुरस्कार – Yamadonga (2008)

Mohan Baidya

‌‌‌यह नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के अध्यक्ष हैं।1985 मे जब उस पार्टी का गठन हुआ, तब बैद्य नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी  के नेता बने ।1986 में, मोहन बैद्य सीपीएन (मशाल) के महासचिव के रूप में कार्य कर रहे थे, जब उन्होंने बीरेंद्र के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का आह्वान किया था।

Mohan Bam

Mohan Bam
By Sajan Subba – Website Maintenance of Mohan Bam, CC BY-SA 4.0, wiki

‌‌‌मोहन बम को मोहन जुड़ो के नाम से भी जाना जाता है।इनका जन्म 12 June 1991 को हुआ था।8 से 10 अगस्त 2014 को ऑस्ट्रेलियाई जूडो फेडरेशन द्वारा आयोजित दक्षिणी क्रॉस इंटरनेशनल ओपन जूडो चैम्पियनशिप में पदक भी जीता था।वे गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं।

Mohan Bhagwat

Mohan Bhagwat
By vishal dutta photo’s – Flickr: RSS Chief Mohan Rao Bhagwat in Jammu. Pix by Vishal Dutta 1, CC BY 2.0,

‌‌‌मोहन भागवत का जन्म 11 सितंबर 1950 ई को हुआ था।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अध्ययक्ष के रूप मे वे चुने गए थे ।‌‌‌यह एक ब्राहा्रमण परिवार के अंदर पैदा हुए थे ।उनके पिता मधुकर राव भागवत , चंद्रपुर क्षेत्र के लिए सचिव और बाद में गुजरात के लिए प्रांत प्रचारक थे । उनकी मां मालती आरएसएस महिला विंग की सदस्य थीं ।‌‌‌भागवत ने अपनी शिक्षा लोकमान्य तिलक विद्यालय से पूरी की थी। उन्होंने गवर्नमेंट वेटरनरी कॉलेज, नागपुर से पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में स्नातक किया। और 1975 ई के अंदर आरएस एस के संस्थापक बन गए ।

2017 में, राज्य संचालित पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने नागपुर में अपने दीक्षांत समारोह के दौरान मोहन भागवत को विज्ञान के मानद डॉक्टर (डीएससी) की डिग्री से सम्मानित किया जा चुका है।

Mohan Bhandari

‌‌‌मोहन भंडारी की जन्म और मृत्यु 31 July 1937 – 24 September 2015 को हुई थी।यह कई लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों के अंदर काम कर चुके हैं।इनकी मौत ब्रेन टयूमर से हुए थी।चुनुती , मुजरिम हजीर , परम्परा , अभिमान , बाबुल की दूबने लेती जा , किटी पार्टी , सैट तेरे: सलोनी का सफर  जैसे धारावाहिकों के अंदर यह काम कर चुके हैं।1980 के दौरान यह सबसे व्यवस्थ अभिनेताओं मे से एक थे ।‌‌‌इन्होंने भारतिय स्टेट बैंक के अंदर काम किया था।

Mohan Chand Sharma

मोहन चंद शर्मा का जन्म और मृत्यु 23 सितंबर 1965 – 19 सितंबर 2008 को हुई थी।यह दिल्ली पुलिस के विशेष निरिक्षक थे ।2008 में नई दिल्ली, भारत में बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे।इनके मरने के बाद इनको अशोक चक्र से सम्मानित किया गया । इसके अलावा इनको वीरता पदक से भी सम्मानित किया गया ।

‌‌‌यह मूल रूप से उल्मोडा उतराखंड के मूल निवासी थे ।1989 मे दिल्ली पुलिस मे सब इंस्पेक्टर के अंदर शामिल किया गया था।सन 2008 मे मूठ भेड़ के अंदर पेट और जांघ के अंदर गोली लगने और अधिक खून बहने से इनकी मौत हो गई।शर्मा को फरवरी 2007 में दिल्ली के डीडीयू मार्ग पर एक मुठभेड़ के बाद चार जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।

Mohan Choti

मोहन चोती एक फिल्म अभिनेता हैं।इन्होंने हिंदी फिल्मों के अंदर एक हास्य अभिनेता के रूप मे काम किया था। मोहन चोती का नाम 1963 की फ़िल्म ब्लफ़ मास्टर के एक काल्पनिक चरित्र से आया था ।मोहन चोती का जन्म मोहन रक्षकर के रूप में 1933 में अमरावती, अमरावती जिला महाराष्ट्र में कांस्टेबल आत्माराम रक्षका के यहां पर हुआ था।

1 फरवरी 1992 को 57 वर्ष  की आयु मे इनका निधन हुआ था। और इन्होंने अपने पूरे जीवन काल के अंदर 280 से अधिक फिल्में की थी । उनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं।

  • 1995 विश्वामित्र 
  • 1994 डू फंटूश
  • 1994 मेरे डेटा गरीब नवाज
  • 1993 बदी बहेन
  • 1993 काला कोट
  • 1993 शूरुआत
  • 1992 सरफिरा
  • 1992 नसीबवाला
  • 1991 अजूबा 
  • 1990 मजबूर
  • 1990 शँडार
  • 1990 दुध का करज़
  • 1990 मुकद्दर का बादशाह
  • 1990 थानेदार
  • 1990 ज़हरेल्ले
  • 1989 दाना पानी
  • 1989 महादेव
  • 1989 टोहेन
  • 1989 तेरी पायल मेरे गीत
  • 1989 बडे घर की बेटी
  • 1989 हम इंतेज़ार करगेन
  • 1989 नकाब
  • 1989 ना-इंसाफी
  • 1988 औरत तेरी ये कहानी
  • 1988 मार धाड़ी
  • 1988 चिंतामणि सूरदास
  • 1988 कातिल
  • 1988 जंगल की बेटी
  • 1988 पैघम
  • 1988 फलक (द स्काई)
  • 1988 शिव गंगा
  • 1988 विक्रम और बेटा
  • 1987 कलयुग और रामायण
  • 1987 हमरी जंग
  • 1987 प्यार करे डेखो
  • 1987 दादागिरी
  • 1987 हमरी जंग
  • 1987 खुनी दरिंदा
  • 1986 ज़िंदा लश
  • 1986: नाचे मयूरी
  • 1986 चंबल का बादशाह
  • 1986 काला धन्धा गोरे लॉग
  • 1986 इंसाफ की आवाज़
  • 1986 सदा सुहागन
  • 1986 जयल
  • 1986 बेगाना
  • 1985 सुर संगम
  • 1985 हम डॉनो
  • 1985 अलग अलग
  • 1985 घर द्वार
  • 1985 एक चिट्ठी प्यार भरी
  • 1985 पटल भैरवी
  • 1985 इंसाफ मेन करौंदा
  • 1985 पिया मिलन
  • 1984 धर्म और कानून
  • 1984 ज़िन्दगी जीने के लिये
  • 1984 बॉक्सर
  • 1984 तोहफा
  • 1984 हम हैं लाजवाब
  • 1984 राजा और राणा
  • 1984 राज तिलक
  • 1984 आज का विधायक राम अवतार
  • 1984 फुलवारी (1984 फ़िल्म)
  • 1984 नया कदम
  • 1984 अबोध
  • 1984 यादगारी
  • 1984 मांग भरो सजाना
  • 1983 दौलत के दुश्मन
  • 1983 मेहंदी
  • 1983 बेकरार
  • 1983 जय बाबा अमरनाथ
  • 1983 हमसे ना जीता कोई
  • 1983 संत रविदास की अमर कहानी
  • 1983 जानी दोस्त
  • 1983 फिल्म हाय फिल्म
  • 1983 जाँवर
  • 1983 हुमसे ना जीते कोइ
  • 1982 चोरनी
  • 1982 तेरी मांग सितारोन से भर दून
  • 1982 अशांति
  • 1982 अपना बाना लो
  • 1982 आदत से मजबूर
  • 1982 सुंबंध
  • 1981 ज्वाला डाकू
  • 1981 हम से बडकर कौन
  • 1981 गुरु सुलेमान चेला पहलवान
  • 1981 नसीब
  • 1981 बंदिश
  • 1981 कमांडर
  • 1981 फ़र्ज़ और प्यार
  • 1981 Be-Shaque
  • 1981 नई इमारत
  • 1981 मान गाय उस्ताद
  • 1981 जय बाबा अमरनाथ Amar
  • 1980 फ़िर वोही राट
  • 1980 निशाना
  • 1980 चुनाओटिक
  • 1980 Saboot
  • 1980 बामनुष
  • 1979 मान अपान
  • 1979 खांडन
  • 1979 हर हर गंगे
  • 1979 हमरे तुमारे
  • 1979 जनता हवलदार
  • 1979 बॉम्बे बाई नीट
  • 1979 शैतान मुजरिम
  • 1979 भक्ति में शक्ति
  • 1979 सुल्तान ई हिंद: ग़रीब नवाज़
  • 1979 किशोर चेह्रे
  • 1978 ख़ून का बिल्ला ख़ून
  • 1978 आज़ाद (1978 फ़िल्म)
  • 1978 अपना खुन
  • 1978 परमात्मा
  • 1978 चक्रव्यूह
  • 1978 ध्यानू भगत
  • 1978 फांसी
  • 1978 टोफानी ताकर
  • 1977 ड्रीम गर्ल
  • 1977 अंगारे
  • 1977 दिलवाले
  • 1977 हंटरवाली
  • 1976 खलीफा
  • 1976 बैराग
  • 1976 शंकर दादा
  • 1976 प्ले-बॉय
  • 1976 नूर-ए-ईरानी
  • 1976 सिक्का
  • 1976 भगवान सामे संसार में
  • 1976 नूर ई इलाही
  • 1975 एक गाँव की कहानी
  • 1975 बीवी किरया की
  • 1975 वारत
  • 1975 बालक और जनवर
  • 1975 अप्पन दुश्मन
  • 1975 जग्गू
  • 1975 आखरी दाओ
  • 1975 आग और तोफान
  • 1975 धोती लोटा और चौपाटी
  • 1975 डाकु और भगवान
  • 1975 तूफ़ान और बिजली
  • 1974 कसौटी
  • 1974 जय राधे कृष्ण
  • 1974 अमीर ग़रीब
  • 1974 दूसरी सीता
  • 1974 गंगा
  • 1973 Yauwan
  • 1973 जैसे को तैसा
  • 1973 गाय और गोरी
  • 1973 धर्म
  • 1973 इंतजार
  • 1973 टैक्सी ड्राइवर
  • 1973 आलम अरस
  • 1973 झूम उठा आकाशी
  • 1973 नाग मेरे साथी
  • 1972 विक्टोरिया नंबर 203
  • 1972 तांगेवाला
  • 1972 शहज़ादा
  • 1972 अनोखी पहचान
  • 1972 अच्छा बुरा
  • 1972 रावत का पत्थर
  • 1972 डबल क्रॉस
  • 1972 परचियान
  • 1972 दो चोरो
  • 1972 बीस साल पहले
  • 1972 एक खिलाड़ी बावन पट्टी
  • 1972 अमर प्रेम
  • 1971 मेरा गांव मेरा देश
  • 1971 ऐसा भी होता है
  • 1971 अमर प्रेम
  • 1971 हसीनों का देवता
  • 1971 प्यार की कहानी
  • 1971 एक नारी एक ब्रह्मचारी
  • 1971 लाखोन मी एक
  • 1971 प्रीत की डोरी
  • 1971 संसार
  • 1971 एक दिन आधि राते
  • 1971 माता वैष्णो देवी
  • 1970 यादगारी
  • 1970 भाई-भाई
  • 1970 काब? कयून? और कहां?
  • 1970 शराफत
  • 1970 गुनाह और कानून
  • 1970 पगला कहिन का
  • 1970 ट्रक चालक
  • 1970 तुम हसीन मुख्य जवान
  • 1970 रात के अंधेरे में
  • 1969 अंजना
  • 1969 एक श्रीमन एक श्रीमती
  • 1969 पथार के ख्वाब
  • 1969 करो राज करो
  • 1969 अंजन है कोय
  • 1969 चंदा और बिजली
  • 1969 तुमसे बिछुड़ी है
  • 1969 जियो और जीने दो
  • 1969 सपना
  • 1968 कहिन दिन कहिन राट
  • 1968 राजा और रंक
  • 1968 अभिलाषा
  • 1968 आदमी
  • 1968 ब्रह्मचारी
  • 1968 जंग और अमन
  • 1968 आंचल के फूल
  • 1968 लुटेरा और जादुगर
  • 1967 उपकार
  • 1967 औरता
  • 1967 फरज
  • 1967 आग
  • 1967 रावत अंधेरी थी
  • 1966 टोक्यो में प्यार
  • 1966 सावन की घटा
  • 1966 आखरी खत
  • 1966 करो बदन
  • 1966 दाड़ी माँ
  • 1966 दादा
  • 1966 लाल बांग्ला
  • 1966 शंकर खान
  • 1965 भूत बंगला
  • 1965 ख़ानदान
  • 1965 श्रेमैन फंटूश
  • 1965 रुस्तम-ए-हिंद
  • 1965 एक साले पेहले
  • 1965 बेखबर
  • 1965 जहान सती वाहान भगवान
  • 1965 गोपाल – कृष्ण
  • 1964 बॉम्बे में मिस्टर एक्स
  • 1964 मेरा कसूर क्या है
  • 1964 ज़िद्दी
  • 1964 वो कौन थी?
  • 1964 सती सावित्री
  • 1964 सैमसन
  • 1964 पूजा की फूल
  • 1964 दाल में काला- हज्जाम
  • 1964 दरसिंह: आयरनमैन
  • 1964 एक दिन का बादशाहो
  • 1964 शबनम
  • 1964 टार्ज़न और जलपरी
  • 1964 माण भई लाडकी हुन
  • 1963 ब्लफ़ मास्टर
  • 1963 ताजमहल
  • 1963 जब से तुम भी हो गया
  • 1963 मुजे जेने दो
  • 1963 बीन का जादु
  • 1962 मान-मौजी
  • 1962 मुख्य चुप रहुंगी
  • 1962 बर्मा रोड
  • 1962 झूला
  • 1962 अपना बना देखो
  • 1962 शदी
  • 1962 अनपढ़
  • 1962 राखी
  • 1962 रज़ की बात
  • 1962 निजी सचिव
  • 1962 दिल तेरा दिवाना
  • 1962 प्यार की जीत
  • 1961 छैया
  • 1961 उमर कायद
  • 1961 प्यार का सागर
  • 1961 बॉय फ्रेंड
  • 1961 प्यार की दास्तान
  • 1960 एक फूल चार काँटे
  • 1960 दिल भी तेरा हम भी तेरे
  • 1960 पतंग
  • 1959 बरखा
  • 1959 कागज़ के फूल
  • 1959 दुनीया ना माने
  • 1959 नई राहें
  • 1959 धूल का फूल
  • 1959 सीआईडी ​​गर्ल
  • 1958 चलती का नाम गाड़ी
  • 1957 हम पंछी एक डाल के
  • 1957 अब दिली दरवाजा नहीं
  • 1957 मुसाफिर
  • 1957 एक गाँव की कहानी
  • 1956 परिवार
  • 1955 देवदास
  • 1954 जागृति

Lotan Baba

मोहन दास इनका नाम है।यह एक फकीर हैं और इन्होंने छोटी ही उम्र के अंदर ही घर छोड़ दिया था।30,000 किलोमीटर तक इन्होंने लुढक कर यात्रा की थी।यह अपनी यात्रा के दौरान कई बार सिगरेट पीते हुए भी देखे गए हैं।उनके पास लगभग 9,846 मील (15,846 किमी) में सबसे लंबे समय तक लुढ़कने का गिनीज रिकॉर्ड है ।

Mohan Dharia

Mohan Dharia
By Gunvant Sitaram Patil – File:G S WITH MOHAN DHARIA.JPG, CC BY-SA 4.0, wiki

‌‌‌मोहन धारिया का जन्म और मृत्यु 14 February 1925 – 14 October 2013  को हुए थे ।यह एक केंद्रिय मंत्री और वकील व सामाजिक कार्यकर्ता भी थे ।धारिया एक पर्यावरणविद् थे और एक गैर-सरकारी संगठन वनराय चलाते थे। वह पुणे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए , पहली बार 1971 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सदस्य के रूप में और राज्य मंत्री बने ‌‌‌थे ।

माणिकचंद धारिया के वर्तमान महाड तालुका , रायगढ़ जिले के कोलाबा जिले के नाटे गांव में जन्मे थे ।और इन्होंने अपनी परारम्भिक शिक्षा कोंकण एजुकेशन सोसाइटी से पूरी की बाद मे सर्जन बनने के लिए पूणे के कॉलेज मे प्रवेश लिया लेकिन बाद मे 1942 मे स्वतंत्रता आंदोलन मे भाग लेने के वजह से कॉलेज को छोड़ ‌‌‌दिया ।‌‌‌इनको कई पुरस्कारो और सम्मानों से नवाजा गया ।

Mohan Ellawala

‌‌‌मोहन सलिया का जन्म और मृत्यु 9 November 1948 – 12 May 2009।1972 में एलावाला हेक्टर कोबेकाडुवा के निजी सचिव बने थे ।सन 1991 मे उन्हें बलंगोडा चुनावी जिले के लिए श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के मुख्य आयोजक के रूप में नियुक्त किया गया था।2 अक्टूबर 2008 को राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने एलावाला को सबारागामुवा प्रांत के पांचवें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया । इस दौरान वे अपनी मृत्यु तक बने रहे ।

Mohan al-Furayji

लेफ्टिनेंट जनरल मोहन अल-फुरायजी इराकी सेना में एक जनरल हैं ।सितंबर 2007 से अप्रैल 2008 तक इन्होंने इराकी सेना के गठन के लिए काम किया था।मोहन सद्दाम हुसैन के रिपब्लिकन गार्ड में एक वरिष्ठ अधिकारी थे और 1990 मे उनको जेल के अंदर डाल दिया गया और उसके बाद 2003 में शासन के पतन के बाद उनको सेना मे ‌‌‌शामिल होने के बाद रोक लगादी गई।जनवरी 2007 में, जनरल मोहन बगदाद सुरक्षा योजना का नेतृत्व करने के लिए इराकी प्रधान मंत्री की पहली पसंद थे।

Mohan Galot

‌‌‌इनका जन्म सन 1945 ई मे हुआ था। एक केन्याई व्यवसायी हैं, जो लंदन डिस्टिलर्स के मालिक हैं ।2016 में, उन्हें और उनकी पत्नी संतोष गालोट को जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन व्यवसायी और उनकी पत्नी के खिलाफ आपराधिक आरोप दिसंबर 2016 में हटा दिए गए थे।

Mohan Gokhale

‌‌‌मोहन गोखले का जन्म और मृत्यु  7 नवंबर 1953 – 29 अप्रैल 1999 को हुए थे ।यह एक एक भारतीय फिल्म, टेलीविजन और थिएटर अभिनेता थे, जिन्होंने स्पर्श , भवानी भवई और मिर्च मसाला जैसी कला फिल्मों में काम किया है ।

‌‌‌मोहन गोखले को बचपन से ही रंगमंच का शौक था और बचपन मे ही इन्होंने कई तरह के पुरस्कार जीते थे ।पुणे में थिएटर अकादमी की स्थापना की थी।मोहन गोखले की शादी शुभांगी गोखले से हुई थी ।वह भी एक टेलीविजन अभिनेत्री है। इनकी एक बेटी सखी गोखले थी जो कि खुद भी एक अभिनेत्री है।गोखले की 29 अप्रैल 1999 को चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से नींद में मृत्यु हो गई । वह उस समय कमल हासन के हे राम पर काम कर रहे थे।

‌‌‌इनके द्धारा किये जाने वाले नाटक और फिल्मे कुछ इस प्रकार से हैं।

  • मराठी
  • माफ़िचा साक्षीदार (1986) सुनील के रूप में
  • बन्या बापू (1977)
  • आज झले मुक्त में (1986)
  • ठाकस महाथक (1984)
  • हेच माझे माहेर (1984)
  • जगवेगली प्रेम कहानी (1984)
  • हिंदी
  • स्पर्श (1980)
  • आदत से मजबूर (1981)
  • मोहन जोशी हाजीर हो! (1984)
  • होली (1984)
  • मिर्च मसाला (1985)
  • हीरो हीरालाल (1988)
  • अरण्यका (1994)
  • अजीब इतेफाक (1989)
  • अंग्रेज़ी
  • डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर (2000) एमके गांधी के रूप में
  • टेलीविजन
  • यात्रा (1986)
  • आहट (1996-1998)
  • भारत एक खोज (1988)
  • मिस्टर योगी (1989)
  • लेखू (1986)
  • सीआईडी (1998-1999)
  • अल्पविराम
  • युगांतर
  • मिट्टी के रंग
  • श्वेतांबर
  • शक्तिमान, अदृश्य आदमी के रूप में
  • मराठी नाटक
  • कस्तूरीमृगा
  • सावित्री
  • महापुर
  • मिकी और मेमसाब
  • घासीराम कोतवाली
  • सूर्याची गोली
  • Denaryache हाट हजार
  • जल्दी करो हरि
  • गिधादे
  • नारु अनी जान्हवी
  • डॉक्टर तुम्हीसुधा
  • हसा फूलनो हसा
  • मी कुमार
  • बेबी
  • छोटा रास्ता
  • सीरियल देखो मगर प्यार
  • यात्रा
  • लेखु
  • दोपहर का थेरवी
  • भंवर
  • जुनून
  • जमीरी
  • उजाले की औरो
  • शक्तिमान
  • दुनिया रंग रंगीली
  • माटी
  • कैडो
  • लिफ़्ट
  • टी यति
  • बादाम रानी चौकट गुलाम

Mohana Krishna Indraganti

‌‌‌यह एक भारतीय फिल्म निर्देशक हैं जो मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं।इनकी पहली निर्देशित फिल्म ग्रहनम थी जोकि सन 2005 के अंदर आई थी। उसके बाद इन्होंने कई फिल्मे और भी दी थी।

‌‌‌इनका जन्म एक तेलुगू भाषी परिवार में हुआ था।बचपन से ही इनके अंदर कथा साहित्य के प्रति आकर्षण था।साहित्यिक कार्यों के प्रति भी वे काफी शौकीन रह चुके हैं।उनकी परवरिश विजयवाड़ा में हुई जहाँ उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और लोयोला कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की । इसके बाद, उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी भाषा और दर्शनशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त ‌‌‌ की थी। 2006 में, उनकी दूसरी निर्देशित फिल्म मायाबाजार में भूमिका चावला और राजा मुख्य भूमिकाओं में थे।

‌‌‌इनको अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया ।

  • निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार – ग्रहणम (2005)
  • नंदी पुरस्कार
  • निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए नंदी पुरस्कार – ग्रहणम – 2005
  • सर्वश्रेष्ठ कहानी लेखक के लिए नंदी पुरस्कार – अंतका मुंडू आ तारवथा – 2013
  • गोलपुडी श्रीनिवास पुरस्कार – एक निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए – 2005 – ग्रहणम – 2005
  • सर्वश्रेष्ठ होम-व्यूइंग फीचर फिल्म के लिए अक्किनेनी पुरस्कार – अष्ट चम्मा – 2008

Mohan Joshi

मोहन जोशी एक भारतीय फिल्म , टेलीविजन और थिएटर अभिनेता हैं। उन्होंने हिंदी , मराठी , भोजपुरी फिल्मों के अंदर अपना योगदान दिया है।जोशी का जन्म बैंगलोर , कर्नाटक में हुआ था । और प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने पुणे महाराष्ट्र के अंदर अपने लिए अभिनय की शूरूआत की थी।

जोशी ने अपने करियर की शुरुआत पुणे में थिएटर से की थी। उन्हें कूर्यत सदा तिंगलम नाटक के माध्यम से देखा गया था ।जोशी को बाद में हिंदी और मराठी फिल्मों में विभिन्न भूमिकाएँ मिलीं। उनकी 1993 की कॉमेडी फिल्म सावत मांझी लड़की काफी सफल रही थी।इन्होंने ज्योति जोशी से शादी की थी। जोशी ने हिंदी फिल्मों के अंदर भी कई तरह की भूमिकाएं निभाई उनको नकारात्मक भूमिका निभाने के लिए काफी जाना जाता है। ‌‌‌इनके द्धारा की जाने वाली फिल्में कुछ इस प्रकार से हैं।

सालशीर्षक
1983एक दाव भुतचा
1987खत्याल सासु नथल सुन
1988नशीबवानो
1988एक गाड़ी बाकी अनादि
1991बालीदानी
1992हच सुनबैचा भाऊ
1992जीवलागा
1992जागृति
1993सारेच सज्जन S
1993सावत मांझी लड़की
1993भूकैम्प
1993आपली मानसे
1993एंथो
1994एलान
1994आंदोलन
1994गद्दार
1994हम दोनो
1994गुंडाराजी
1994जुआरी
1994Haqeeqat
1996एक था राजा
1996शास्त्र
1996हिम्मत
1996पापी गुड़िया
1996भीष्म:
1996माफिया
1996कृष्णा
1997सलमा पे दिल आ गया
1997यशवंती
1997मृत्युदंड
1997भाई
1997इश्क
1998आक्रोश
1998डू नम्ब्री
1998हमसे बढ़कर कौन
1998मेजर साब
1998बरूद
1998पुरानी कबरी
1998तू दशम मी
1998सालाखें
1998विनाशक – विनाशक
1998सर उठा के जियो
1998गुंडा
1998फूल बने पत्थर
1999लढाई
1999सिकंदर सड़क कास
1999घरबाहेरी
1999वास्तु
1999हसीना मान जाएगी
1999मुन्नीबाई
1999कहानी किस्मत किस
1999लाल बादशाह
1999आरजू
1999राजाजी
1999होगी प्यार की जीत
1999दाग: द फायर
2000रहस्य
2000चेहरे के पीछे
2000बेटी नंबर 1
2000डाकू दिलरुबा
2000बिच्छू
2000बागी
2000कुंवारा
2000डाकू काली भवानी
2000डाकु गंगा जमुना
2000डाकु रामकली
2000अपराधी कौस
2001रूपा रानी रामकली
2001शिव का इंसाफी
2002मसीहा
2003खंजर : चाकू
2003बागबान
2003ज़मीं
2003गंगाजल
2003श्रीमती राउत ही नहीं
2004गर्व: गौरव और सम्मान and
2004पुलिस बल: एक अंदरूनी कहानी
2005मिस्टर प्राइम मिनिस्टर
२००६यंदा कार्तव्य आहे
२००७तुला शिकविन चांगलच ढाडा
२००७मुक्कम पोस्ट लंदन
२००७जनम जन्म के साथी
2008दोघाट तिसरा आटा सगला विसरा
2009माता एकवीरा नवसाला पावली
2009तुक्य तुकविला नाग्य नचविला
2009देबु
2009दून साडे चारो बनो
2009अग्निदिव्या
2009लग्ली पैजू
2012साहेब
2012मोकला शवास
2012दम असेल तारो
2012येदयांची जात्रा
2014लव यू क्रेजी गर्ल
2015देओल बंद
2015धुरंधर भटवडेकर
2015ब्लैक होम
2015शासन
2015फेरा
2015न्याय और कमीनों
2015वृंदावन
2017ये है इंडिया
2017हमीर
2017तबडाला
2018पुष्पक विमान
2018मुलशी पैटर्न
2018अनी… डॉ. काशीनाथ घणेकरो
201966 सदाशिव
2020गोष्ट एका पैठानिचि

थिएटर

आसू अनी हसु

  • गडवाच लग्न
  • भगवान गुलाबी
  • गोष्ट जनमंतरिचि
  • कलाम 302
  • कार्ति कलजत ग़ुसाली
  • कुरयात सदा टिंगलामी
  • एम आई रेवती देशपांडे
  • नाथ हा माझा
  • नाटी गोटिक
  • पुरुष
  • संगीत मृचकाटिको
  • सुखांतो
  • तरुण तुर्क म्हातारे अर्की
  • डबल क्रॉस
  • आरण्यकी
  • श्री ताशी सौ
  • नटसम्राति

Mohan Kanda

‌‌‌मोहन कांडा का जन्म जन्म 4 सितंबर 1945 को हुआ था।यह एक भारतीय सिविल सेवक हैं। वह 1968 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।इनका जन्म चेन्नई तमिलनाडु , भारत में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री भीमा शंकरम कांडा और एक प्रमुख समाज सुधारक श्रीमती पपीम्मा के घर हुआ था।‌‌‌इन्होंने  ऑल सेंट्स हाई स्कूल, हैदराबाद से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और निज़ाम कॉलेज , उस्मानिया विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक  भी किया था।

‌‌‌इनको तेलुगु फिल्मों के अंदर बाल कलाकार के नाम से जाना जाता है।और मास्टर मोहन इनका फेमस नाम है।मोहन कांडा ने अपने करियर की शुरुआत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एक अधिकारी के रूप में की थी। आईएएस अधिकारी बनने के बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ काम करना शुरू किया । वे भारत सरकार के अंदर कृषि ‌‌‌मंत्रालय के अंदर सचिव भी रह चुके थे ।

Mohan Kapoor

‌‌‌मोहन कपूर का जन्म 27 October 1965 को हुआ था।यह एक भारतीय अभिनेता हैं जो फिल्म और टेलीविजन में काम करते हैं ।

‌‌‌इन्होंने कई फिल्मों मे काम किया उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • बेकाबू (1996)
  • ज़मीर: द अवेकनिंग ऑफ़ ए सोल (1997)
  • अंगारे (1998)
  • प्यार में कभी कभी (1999)
  • दिल ही दिल में (1999, डब फिल्म)
  • दीवानगी (2002)
  • प्रेतवाधित (2011)
  • खेल (2011)
  • अंगरक्षक (2011)
  • साउंडट्रैक (2011)
  • बिट्टू बॉस (2012)
  • हेट स्टोरी (2012)
  • जीवन अच्छा है (2012)
  • राज़ 3 (2012)
  • जॉली एलएलबी (2013)
  • इंकार (2013)
  • सोपर से ऊपर (2013)
  • प्राणी (2014)
  • नया साल मुबारक हो (2014)
  • ज़िद (2014)
  • मैं (2015, तमिल फिल्म)
  • कामसूत्र 3डी (2015)
  • मांझा (2017) ( मराठी फिल्म )
  • यमला पगला दीवाना: फिर से (2018)
  • मिट्रोन (2018)
  • मिशन मंगल (2019)
  • 377 एब नॉर्मल (2019)
  • दस्ते (2020)
  • सड़क 2 (2020)
  • लंदन गोपनीय (2020)

G. Mohan Kumar

जी मोहन कुमार का जन्म 27 मई सन 1955 ई को हुआ था।एम. गोपीनाथन नायर, एनएसएस कॉलेज त्रिवेंद्रम के सेवानिवृत्त प्रोफेसर, और सरदम्मा के बेटे, मोहन कुमार ने 1960 के दशक के दौरान सरकारी मॉडल स्कूल त्रिवेंद्रम में अध्ययन किया।सिविल सर्विसेज में चयन हो गया था। प्रारंभ में, उन्हें IPS में चुना गया और अपने अगले प्रयास में,IAS ‌‌‌चुन लिए गए थे ।

‌‌‌जी मोहन ने केंद्र और ओडिसा सरकार के लिए कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया ।मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास के मुख्य सचिव के रूप मे कार्य किया ।राज्य सड़क परिवहन निगम के महानिर्देशक के रूपमे ।‌‌‌इसके अलावा ओडिशा के राज्यपाल के रूप मे इन्होंने कार्य किया ।

जी. मोहन कुमार को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा केंद्रीय इस्पात सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि बाद मे इन्होंने इस पद को छोड़ दिया था।

जी. मोहन कुमार को मई 2015 में कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा केंद्रीय रक्षा सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।

Mohan Kumar

‌‌‌इनकी जन्म और मृत्यु 1 जून 1934 – 10 नवंबर 2017 को हुई थी।यह एक भारतिय निर्देशक और फिल्म निर्माता थे ।यह एक पटकथा लेखक थे और इन्होंने हिंदी फिल्मों मे काम किया था।‌‌‌इनका जन्म ब्रिटिश भारत के सियालकोट में हुआ था।

‌‌‌इनके द्धारा निर्देशित की जाने वाली फिल्में कुछ इस प्रकार से हैं।

  • 1961 – आस का पंछी Panch
  • 1962 – अनपधी
  • 1964 – आई मिलन की बेल
  • 1964 – आप की परछाइयां
  • 1967 – अमन
  • 1969 – अंजाना
  • 1971 – आप आए बहार आई
  • 1972 – मोमे की गुड़िया
  • 1974 – अमीर गरीबो
  • 1976 – आप बेटी
  • 1983 – अवतारी
  • 1984 – ऑल राउंडर

Mohan Kumar (serial killer)

मोहन कुमार विवेकानंद का जन्म सन 1965 ई के अंदर हुआ था । इनको साइनाइड मोहन के नाम से भी जाना जाता है।यह एक सिरियल किलर था जो शादी की तलास मे महिलाओं का शिकार करता था। कोर्ट ने इसको 20 महिलाओं को मारने के आरोप मे सजा दी थी।

‌‌‌वह उन महिलाओं को अपना शिकार बनाता था जोकि उपयुक्त पति नहीं ढूंढ पा रही थी।वह महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली के बहाने साइनाइड की गोलियां खिलाता था और उसके बाद उनके गहने आदि को लूट लेता था। धोखाधड़ी और जालसाजी में भी उसके शामिल होने के आरोप लगे थे ।

Mohan Kumaramangalam

सुरेंद्र मोहन कुमारमंगलम पहले भारतिय कम्यूनिस्ट पार्टी और बाद मे राष्ट्रय कांग्रेस के सदस्य रहे ।उन्होंने 1971 से 1972 तक पांडिचेरी के लिए लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया । उन्होंने 1966 से 1967 तक मद्रास राज्य के लिए महाधिवक्ता के रूप में भी कार्य किया था।

मोहन कुमारमंगलम का जन्म लंदन में पी. सुब्बारायण के घर हुआ था , जो नमक्कल जिले के थिरुचेंगोडे तालुक में कुमारमंगलम के तत्कालीन जमींदार थे।यह इनके तीसरे बेटे थे । कुमारमंगलम की शिक्षा ईटन और किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज में हुई थी , कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।

1941 में, कुमारमंगलम को पी. राममूर्ति , सी.एस. सुब्रमण्यम और आर. उमानाथ के साथ गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी मद्रास षडयंत्र केस के अंदर हुई थी।कुमारमंगलम को बाद मे रिहा कर दिया गया था।May 31, 1973 को यह एक फलाईट क्रेस के अंदर मारे गए थे ।मोहन कुमारमंगलम ने 1943 में बंगाली राजनेता अजय मुखर्जी की भतीजी कल्याणी मुखर्जी से शादी की थी। इनका  एक बेटा, रंगराजन कुमारमंगलम और दो बेटियां हैं।

Mohan Lal Grero

मोहन लाल ग्रेरो एक श्रीलंकाई शिक्षाविद् और राजनीतिज्ञ हैं।और लंका के संसद के सदस्य भी हैं।उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा रॉयल प्रिपरेटरी स्कूल से प्राप्त की और 1966 में माध्यमिक शिक्षा के लिए आनंद कॉलेज चले गए ।1974 में उन्होंने श्रीलंका विश्वविद्यालय के कटुबेड्डा परिसर में प्रवेश किया और 1980 में इंजीनियरिंग में ऑनर्स की डिग्री के साथ स्नातक किया।

Mohan Lal Kashmiri

‌‌‌मोहन लाल कश्मीरी एक भारतीय यात्री, राजनयिक और लेखक थे। उन्होंने 1838.1842 के प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध में केंद्रीय भूमिका निभाई थी।मोहन लाल की पत्नी हैदरी बेगम एक मुस्लिम विद्वान थीं। 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान उन्होंने एक डायरी भी लिखी थी।

‌‌‌मोहन लाल कश्मीरी पंडितों के परिवारों मे से एक थे । उनके परदादा, पंडित मणि राम, शाह आलम द्वितीय के शासनकाल में मुगल दरबार में एक उच्च पद पर थे । मोहन लाल ने दिल्ली के कॉलेज के अंदर अध्ययन किया था। और वे अंग्रेजी पढ़ने वाले पहले भारतिय थे ।उनके इकलौते भाई, केदार नाथ जुत्शी , पंजाब प्रांत के अंबाला में डिप्टी कलेक्टर थे

मोहन लाल सिंधु पर अंग्रेजों के लिए वाणिज्यिक एजेंट और प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के दौरान काबुल में बर्न्स के राजनीतिक सहायक थे।युद्ध के बाद 1844 ई के अंदर मोहन लाल ने ब्रेटेन की यात्रा की और उसके बाद यूरोप में अपने समय के दौरान उन्होंने महारानी विक्टोरिया , प्रिंस अल्बर्ट और प्रशिया के फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ से मुलाकात की ‌‌‌ थी।

मोहन लाल 32 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए।उसके बाद वे काफी निराशा के अंदर जीवन व्यतीत करने लगे और वितिय परेशानियों के शिकार भी रहे । हालांकि उनकी मौत 1877 ई के अंदर हुई लेकिन यह पता नहीं चल सका कि उनकी मौत कैसे हुए । वे डायरी भी लिखते थे लेकिन डायरी का भी पता नहीं चल पाया ।

Mohan Upreti

‌‌‌यह एक भारतीय रंगमंच निर्देशक, नाटककार और संगीतकार थे, जिन्हें भारतीय रंगमंच संगीत में अग्रणी माना जाता है।मोहन उप्रेती का जन्म 1928 में अल्मोड़ा में हुआ था और इन्होंने वहीं से अपनी प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की थी।वह पीसी जोशी जैसे ट्रेड यूनियन नेताओं से बहुत प्रभावित थे , जो बाद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( सीपीआई ) के एक प्रमुख नेता और उप्रेती के संरक्षक भी बने।

1940 के अंदर मोहन ने उतराखंड की भी यात्रा की और यहां पर तेजी से विलुप्त होते संगीतों का संग्रह किया ।मोहन उप्रेती का विवाह 1969 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक नईमा खान उप्रेती से हुआ था।

उनकी सबसे महत्वपूर्ण कृति 1980 में प्रकाशित महाकाव्य गाथागीत ‘राजुला मालुशाही’ है , जो कुमाऊँनी लोक संस्कृति में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। उनके अन्य महत्वपूर्ण नाटक हैं ‘नंदा देवी जागर’ ।

Mohan Sithara

मोहन सीथारा एक भारतीय संगीतकार हैं। उन्हें प्रियनंदन की सूफी परांजा कड़ा में गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (2009) का केरल राज्य फिल्म पुरस्कार मिला  था।मलयालम फिल्मों के अंदर यह सक्रिय संगीतकार की भूमिका निभा चुके हैं।

‌‌‌कई प्रसिद्ध गीतकारों ने इनके गीत गाए हैं। जिनमे से कुछ नाम इस प्रकार से हैं। रफ़ीक अहमद, एस रमेसन नायर , बी आर प्रसाद, विनयन ,, भरनिक्कावु शिवकुमारअनिल पानाचूरन , वयलार सरत चंद्र वर्मा  , और बिचु थिरुमाला । केजे येसुदास , पी जयचंद्रन , एमजीश्रीकुमार , केएस चित्रा , श्रेया घोषाल , सुजाता मोहन , मधु बालकृष्णन , जी वेणुगोपाल , विधु प्रताप , अफसल , मंजरी , ज्योत्सना राधाकृष्णन , शीलाणी, बिजुआन नारायण राधाकृष्णन ‌‌‌ आदि ।

मोहन सिथारा में केरल मे 1959  पैदा हुए थे और उसके बाद एक संगीत मंडली के अंदर उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।बाद मे उन्होंने कई संगीतकारों के साथ काम भी किया था।इन्होंने कई सारी फिल्मे और गाने भी दिये ।

Mohan Singh Oberoi

राय बहादुर मोहन सिंह ओबेरॉय एक होटल व्यवसायी थे । भारत की दूसरी सबसे बड़ी होटल कंपनी ओबेरॉय होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के संस्थापक और अध्यक्ष थे , जिसमें भारत , मिस्र , इंडोनेशिया , संयुक्त अरब अमीरात में 31 होटल मौजूद हैं।अखबारों मे छपी न्यूज के अनुसार इन्होंने भारतिय ब्रांड को दुनिया भर के अंदर पेस ‌‌‌ किया था।

ओबेरॉय का जन्म झेलम जिले (अब चकवाल जिला ), पंजाब , ब्रिटिश भारत के एक छोटे से गांव भाऊन में एक पंजाबी सिख परिवार में हुआ था । जब वे 6 माह के थे तब उनके पिता की मौत हो गई जोकि एक ठेकेदार थे । उनकी मां ने ही उनको पाला था।‌‌‌अपने ही गांव के अंदर ऑबराय ने इंटरमिडियट परीक्षा पास करली ।उसके बाद 1922 में, ओबेरॉय प्लेग की महामारी से बचने के लिए शिमला आए और 50 रुपये प्रति माह के वेतन पर द सेसिल होटल में फ्रंट डेस्क क्लर्क की नौकरी करने लगे ।

सेसिल के प्रबंधक, श्री अर्नेस्ट क्लार्क और उनकी पत्नी गर्ट्रूड ने एक मेहनती युवा मोहन सिंह ओबेरॉय की ईमानदारी को बहुत पसंद किया था।

श्री क्लार्क और उनकी पत्नी ने होटल कार्लटन के प्रबंधन की जिम्मेदारी इस प्रभावशाली युवक को सौंप दिया था।और बाद मे यह तरक्की करते ही चले गए ।ओबेराय समूह , 1934 में स्थापना की, दुनिया भर में 12,000 लोगों के बारे में कार्यरत और स्वामित्व में है और तीस होटल  दुनिया भर के अंदर चल रहे हैं।यह ऐशिया के बेहतरीन होटलों के अंदर तीसरे स्थान पर आते हैं।

‌‌‌अपने बाद के जीवन के दौराना ओबेरॉय कई पुरस्कारों और सम्मान से नवाजा गया ।ओबेरॉय को 1943 में ग्रेट ब्रिटेन के महामहिम राजा द्वारा राय बहादुर (पिता परिवार) की उपाधि से नवाजा गया । इसी प्रकार से 2001 मे पदम भूषण पुरस्कार से भी उनको भारत सरकार ने सम्मानित किया ।‌‌‌1898 ई के अंदर उनका जन्म हुआ था।और जब इनकी मौत हुई तो आयु 103 साल थी।

ओबेरॉय ने 1920 में ईशरन देवी से शादी की, श्री उस्नक राय की बेटी उनके गांव की थी। उनके दो बेटे और दो बेटियां थीं। सबसे बड़े बेटे राज तिलक सिंह ओबेरॉय (1924) को टिक्की ओबेरॉय के नाम से जाना जाता है और दूसरे बेटे पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय (1929) को दुनिया में बिक्की ओबेरॉय के नाम से जानते हैं।

मोहन सिन्हा मेहता

‌‌‌यह विद्या भवन समूह के संस्थानों और उदयपुर , राजस्थान , भारत में सेवा मंदिर के संस्थापक थे ।मोहन सिंह मेहता का जन्म राजस्थान के भीलवाड़ा में 20 अप्रैल 1895 को जीवन सिंह मेहता के यहाँ हुआ था। उनकी पत्नी का नाम हुलास कुमारी मेहता था और उनका एक बेटा जगत सिंह मेहता था ।

‌‌‌मेहता ने 1916 ई के अंदर आगरा मे बीए की डिग्री हाशिल की थी।उसके बाद 1918 ई के अंदर अर्थशास्त्र मे एमए किया था। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (1927) मे पीएचडी की डिग्री दी गई थी ।

‌‌‌इनको कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया ।

  • राष्ट्रीय पुरस्कार पद्म विभूषण (1969);
  • विलियम ट्रॉली अवार्ड सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी, यूएस (1969);
  • यूनेस्को संघों के भारतीय राष्ट्रीय संघ का पुरस्कार (1979);
  • एशियन एंड साउथ पैसिफिक ब्यूरो ऑफ एडल्ट एजुकेशन का विशेष पुरस्कार (1972);
  • जीडी पारिख मेमोरियल अवार्ड (1980);
  • इंडियन यूनिवर्सिटी एसोसिएशन फॉर कंटिन्यूइंग एजुकेशन, नई दिल्ली (1985)

Mohan Singh Kohli

कप्तान मोहन सिंह कोहली का जन्म 11 दिसंबर 1931 को हरिपुर में हुआ था।एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय पर्वतारोही हैं । भारतीय नौसेना में एक अधिकारी जो भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में शामिल हुए , उन्होंने 1965 के भारतीय अभियान का नेतृत्व किया  था।मोहन सिंह कोहली 1989 से 1993 तक भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन के अध्यक्ष थे । 1989 में, उन्होंने हिमालयन पर्यावरण ट्रस्ट की सह-स्थापना की थी। जिसकी मदद से बहुत से लोग हिमालय शिवरों की यात्रा कर सकते हैं।

Mohan Singh

‌‌‌मोहन सिंह का जन्म और मृत्यु 3 जनवरी 1909 – 26 दिसंबर 1989 को हुए। एक भारतीय सैन्य अधिकारी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सदस्य थे, जिन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दक्षिण पूर्व एशिया में भारतीय राष्ट्रीय सेना के अंदर काम किया था।

उनका जन्म तारा सिंह और हुकम कौर के इकलौते बेटे, सियालकोट के अंदर हुआ था और उनके जन्म के 2 महिने पहले ही उनके पिता की मौत हो गई तो उनकी मां अपने पिता के यहां पर चली गई थी।

‌‌‌मोहन सिंह ने 10 वीं पास किया और ब्रिटिश भारतिय सैना के अंदर भर्ति हो गए ।यह बात है सन 1927 ई की ।होरोजपुर में अपनी भर्ती प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद , मोहन सिंह रेजिमेंट की दूसरी बटालियन में तैनात थे, फिर उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत में सेवा कर रहे थे। सन 1931 ई के अंदर उनको एक अधिकारी के रूप ‌‌‌ मे चुन लिया गया ।

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