Uncategorized

‌‌‌पानी (जल) का पर्यायवाची शब्द pani ka paryayvachi shabd

थ ही पानी से जुडे बेस्ट फेंक्ट और इससे जुडी अन्य बाते देखने को मिलेगी ।

पानी का पर्यायवाची शब्द या पानी (जल) का समानार्थी शब्द

शब्द(shabd)पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd)
पानीजल, अंबु, तोय, नीर, वारि, अमृत, उदक, सारंग, सलिल, पेय, मेघपुष्प, अंभ, जीवन, क्षीर, अप ।
panijal, ambu, khilauna, neer, vari, amrt, udak, sarang, salil, pey, meghapush, amb, jivan, ksheer, ap.
WaterWater, Ambu, Toya, Neer, Vari, nectar, Udak, Sarang, Sanil, ambu, drink, Cumulus, Amba, life.

‌‌‌पानी (जल) के बारे मे रोचक तथ्य या फेक्ट pani (jal) ke bare me rochak tathya ya fekte

पानी पृथ्वी पर तिन अवस्थाओ मे पाया जाता है – तरल, ठोस और गैस । 32 ° फ़ारेनहाइट पर पानी ठोस बनता है । पानी का उपयोग बहुत अधिक होता है । क्योकी पृथ्वी पर जीवन जीने वाले छोटे से लेकर बडे तक जीव को पानी (जल) की जरूरत होती है । इसके अलावा पैड पौधो को भी पानी (जल) की जरूरत होती है। ‌‌‌जिससे पानी के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण बाते निचे दी गई है।

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 मार्च को पानी को विश्व जल दिवस के तोर पर घोषित किया था क्योकी मानव के जीवन मे पानी एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है ।
  • पृथ्वी पर पानी की मात्रा 332,500,000 घन मील है यानि पृथ्वी पर कुल 70 प्रतिशत पानी है । जिसका 1 प्रतिशत मानव के पीने योग्य है ।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के आकडो से पता चला है की एक कार बनाने के लिए कुल 39,090 गैलन पानी का उपयोग किया जा सकता है
  • 55 से 65 प्रतिशत ‌‌‌मानव के शरीर मे पानी पाया जाता है और वही शिशुओ मे 78 प्रतिशत पानी पाया जाता है और बाकी 22 प्रतिशत शिशुओ मे अन्य आवश्यक प्रदार्थ मोजुद रहते है ।
  • ‌‌‌संयुक्त राज्य अमेरिका मे पानी का उपयोग समय के साथ बढता जा रहा है वही 2017 के आकडो से पता चला है की 375 बिलियन पानी का उपयोग प्रति दिन किया गया था ।
  • 1.8 बिलियन लोग दूषित पानी को साफ कर कर दुनिया भर मे पिते है ।
  • 97 प्रतिशत पानी पृथ्वी पर उपस्थित समुद्र मे रहता है जिसे खारे पानी के नाम से जाना जाता है । यह पानी मानव उपयोग मे नही आता है बल्की 2.5 ‌‌‌प्रतिशत पानी जो भुमी मे रहता है । जिसे कुवो और हेडपंप के माध्यम से निकाला जाता है यह पानी मानव के उपयोग मे आता है जिसे ‌‌‌पीने योग्य पानी कहते है । मगर समय के साथ पानी का उपयोग ज्यादा होने के कारण से पानी भुमी मे काफी निचे की ‌‌‌ओर जा रहा है । ‌‌‌अब जो 0.5 प्रतिशत पानी बच जाता है वह ताजा पानी होता है । इस पानी का उपयोग भी मानव कर लेता है । जो पानी समुद्र मे रहता है वह भाप के जरीय आकाश मे जाता है और वर्षा से वापस पृथ्वी पर आता है । अब यह पानी पीने योग्य बन जाता है ।
  • भारत मे उपयोग होने वाले शौचालय मे प्रत्यक दिन 200 गैलन पानी बर्बाद हो जाता है ।
  • अमेरिका मे निवास करने वाला व्यक्ति प्रतिदिन 100 गैलन पानी का उपयोग करता है । और वही यूरोप मे 50 गैलन पानी का उपयोग किया जाता है ।
  • अमेरिका मे स्नान के लिए पानी का उपयोग 30 गैलन तक होता है ‌‌‌और वही भारत मे स्नान के लिए पानी का उपयोग 70 गैलन होता है ।
  • कागज की शीट बनाने के लिए भी ‌‌‌पानी का उपयोग किया जाता है । प्रत्यक शीट मे 2.7 गैलन पानी का उपयोग हो जाता है । इस तरह से सो शीट के लिए 270 गैलन का उपयोग होता है ।
  • 7 न्यूट्रल पीएच वाला पानी पूरी तरह से शुद्ध होता है जिसे मानव अपने उपयोग मे ला सकता है ।

‌‌‌ ‌‌‌विश्व में पानी से जुडी घटनाएं vishv me pani se judi ghatnaye

‌‌‌जल या पानी से जब तबाही मचती है तो बहुत कुछ नष्ट कर देती है । क्योकी पृथ्वी पर पानी की मात्रा बहुत अधिक है जो एक साथ बहने के कारण से तबाही का रूप ले लेती है । जल कभी वर्षा के रूप मे अधिक ‌‌‌पानी बरस जाता है ‌‌‌तो बाढ का रूप ले लेता है । क्योकी पानी की मात्रा अधिक हो जाने के कारण से वह उचाई से ‌‌‌निचे की तरफ बहने लगता है।

जिसके कारण से सामने आने वाले छोटे बडे सभी वस्तुओ को आसानी से नष्ट करता हुआ आगे बढता जाता है । इस तरह से लगातार वर्षा होने के कारण से तूफान का रूप भी बढ जाता है । जिससे कई ‌‌‌घर दहस जाते है जिसके साथ लोगो को भी जान का खतरे का समाना करना पडता है । इसी तरह की कुछ घटनाए ‌‌‌है –

  • ‌‌‌अमेरीका मे आय इरमा तूफान ने अमेरिका को बहुत बुरी तरह से नुकसान पहुचाया । इस तूफान को फिक्शनल कैरेक्टर नाम दिया गया ।
  • कनाडा मे 1978 मे आई सबसे बडी बाढ के कारण से कई लोगो की मोत हो गई । यह बाढ ग्लेशियर के कारण से आई थी ।
  • 1975 मे दुनिया का सबसे बडा तूफान जिम्बाब्वे मे आया था ।
  • ‌‌‌मिसौला फ्लड या स्वोकेन फ्लड के नाम से जानी जाने वाली अमेरिका की सबसे बडी बाढ के कारण से कई लोगो की जान गई । यह घटना 2003 कोलंबिया नदी मे घटी थी ।
  • ग्रेट भोला साइक्लोन – यह 1970 मे आया हुआ एक बहुत बडा तूफान है जिसने बांग्लादेश की लगभग 5.1 लाख लोगो की जान ले ली थी । बांग्लादेश के इस तूफान के कारण से ज्यादातर नुकसान गाव के लोगो और उनकी फसल को हुआ था ।
  • 2013 मे श्रीलंका मे भी एक तूफान अया था जिसे महासेन नाम दिया गया । इस तूफान ने श्रीलंका की जनता  ‌‌‌की शांति नष्ट कर दी और बहुत से लोगो को नुकसान पहुचाया ।
  • टॉर्नेडो- यह तूफान भी बांग्लादेश मे आया था । 1989 मे ‌‌‌आए इस तूफान की वजह से लगभग ‌‌‌1350 लोगो की जान चली गई और करीब 11 लाख लोगो को बडा नुकसान पहुंचा क्योकी इस तूफान के कारण से उनका घर उजड गया था । टॉर्नेडो तूफान बांग्लादेश के माणिकगंज जिले मे आया था ।
  • आइसलैंड के ग्रिम्सवॉन झील मे स्थित ज्वालामुखी 1996 मे फट गया । जिसके कारण से बर्फ से बना ग्लेशियर जिसे आज वात्नाजोकुल ग्लेशियर के नाम से जाना जाताहै । इसका एक कुछ हिस्सा खिसकने लगा था और खिसक कर ‌‌‌एक आपदा बन गया । यह हिस्सा एक नदी मे गिरा था जिसे आज स्कीयोआरा नदी के नाम से जाना जाता है । इस नदी मे ही इतनी तेज बाढ आई थी जिसके कारण से बहुत से लोगो की जान चली गई ।
  • ‌‌‌1985 मे ग्लेशियर टूटने के कारण से एक बहुत बडी घटना नेपाल मे भी घटी थी । क्योकी ग्लेशियर ने बाढ का रूप ले लिया और कई लोगो की मोत का कारण बन गया । नेपाल की यह घटना सबसे भयानक साबित हुई । इस बाढ के कारण से पेड पौधो को भी भारी मात्रा मे निकसान पहुंचा । साथ ही लोगो के घर पानी के साथ बह गए ।
  • मुरादाबाद मे 1888 मे  इतनी अधिक वर्षा हो गई की उसने तूफान का रूप ले लिया और 246 लोगो की मोत का कारण बन गया ।
  • मिस्र मे भी एक बहुत बडा तूफान आया था जिसके कारण से कुल 500 लोगो की जान चली गई । इसने बाढ का रूप ले लिया जिसके कारण से बहुत से लोगो के घर बह गए । यह तूफान 1994 मे आया था ।
  • 12 दिसंबर 2016 मे तमिलनाडु मे आया तूफान लोगो की मोत का कारण बन गया ।
  • 1927 के समय भारत के सिंधु नदी मे एक बाढ आई थी । यह बाढ भी ग्लेशियर टूटने के कारण से आई । इस घटना मे जो ग्लेशियर टूटा था वह चॉन्ग कुमदान ग्लेशियर था । इससे पाकिस्तान को भी नुकसान पहुंचा । इस बाढ के कारण से लोगो को बहुत नुकसान पहुंचा । बहुत से ‌‌‌लोगो की मोत भी हो गई । इस तरह की घटनाए हर वर्ष ‌‌‌भारत मे घटती रहती है । जिसके कारण से बहुत नुकसान उठाना पडता है ।
  • 7 फरवरी को उतराखंड मे ग्लेशियर टुट गया जिसके कारण से बहुत बडी बाढ का रूप ले लिया था ।
  • 13 दिसंबर 1941 को एक बार पेरू मे भी बहुत भयानक बाढ अई थी । जिसमे 2000 से 7050 लोगो की मोत हो गई थी । यह घटना पाल्काकोचा झील मे गिरे ग्लेशियर ‌‌‌के कारण से उत्पन्न हुई थी ।

‌‌‌पानी से आने वाली आपदाओ से कैसे बचा जाए pani se aane wali apdao se kaise bacha jaaye

‌‌‌पानी के कारण से ज्यादातर बाढ और तूफान जैसी समस्याओ का सामना करना पढता है । अगर इन समस्याओ के बारे मे सही तरह से नही पता होता है तो बहुत नुकसान पहुंचता है । मगर बाढ और तूफान के बारे मे जानकारी होने पर इनसे बचा जा सकता है ।

‌‌‌बाढ नियंत्रण के उपाय badh niyantran ke upay

  • जलाशय, लेवीज़, डिटेंशन बेसिन , वियर और बंड ‌‌‌का उपयोग करने पर जलमार्गों के बाढ के रूप लेने से रोका जा सकता है ।
  • सैंडबैग या पोर्टेबल inflatable ट्यूब  का उपयोग कर कर भी बाढ को रोका जा सकता है ।
  • कटाव नियंत्रण उपाय कर कर बाढ को धिमा किया जा सकता है । इसके लिए आस पास के क्षेत्र को पूरी तरह से खोलना होता है जिसके कारण से बाढ का पानी इधर उधर बह कर धिमा होता रहे ।
  • ‌‌‌बांध को बनाए और समय के साथ उसकी मजबुती को बनाय रख कर बाढ जैसी आपदा को रोका जा सकता है ।
  • जिस स्थान पर ज्यादातर बाढ आती है वहां पर खेल के मैदान बनाए रखना चाहिए पक्के स्थान न रखने चाहिए ।
  • नदी के निकट कच्चे मकान रखना चाहिए साथ ही उसके आस पास का स्थान भी कच्चा रखे व ‌‌‌सिंचाई कर कर पानी के ‌‌‌के बहाव को समय समय पर कम करते रहना चाहिए ।
  • ‌‌‌वुक्षारोपण कर कर पानी के बाहव को रोका जा सकता है इस कारण से जहां तक संभव हो वहा तक वृक्षारोपण करना चाहिए ।
  • मानवीय बस्तियो को नदी के निकट न रख कर दुर स्थित करने चाहिए ताकी पानी के बहाव के कारण से लोगो को नुकसान न पहुंच पाए ।
  • बाढ संभावित क्षेत्र के आस पास बडे कार्य की अनुमति प्रदान नही ‌‌‌करनी चाहिए ।

‌‌‌पानी की उत्पत्ति कैसे हुई pani ki utpatti kaise hui

पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां पानी पाया जाता है । इसका कारण सुर्य का पृथ्वी से काफी दूर स्थित होना है । क्योकी सुर्य की पुरी गर्मी पृथ्वी पर नही पहुंच पाती और पानी नष्ट नही हो पाता है ।

  • ‌‌‌ माइक ड्रेक नामक एक अमेरिकी वेज्ञानिक है जिन्होने बताया की पृथ्वी के निमार्ण के समय ही पानी का जन्म हुआ था । पृथ्वी के निर्माण के लिए सौर मण्डलीय धूल कणो का विशेष योगदान रहा था । उस समय जो सौर मण्डलीय धूल कणों का उपयोग हुआ उन कणो मे ही पहले से ही पानी की मात्रा मोजुद थी । जो पृथ्वी के ‌‌‌निर्माण के बाद मे पृथ्वी पर पानी की उत्पत्तिका कारण बन गया ।
  • रिंगवूडाइट नामक एक चटान अमेरीका मे खोजी गई थी । इस रिंगवूडाइट चटान मे पानी का काफी अधिक भंडारण मोजुद पाया गया था । रिंगवूडाइट चटान मे पानी की मात्रा इतनी अधिक थी की पूरे तिन महासागर आसानी से भरे जा सकते है । इतना अधिक पानी होने के कारण से इन वेज्ञानिको ने पानी की उत्पत्ति यही से मानी । यह चटान अमेरिका महाद्वीप की सतह के निचे पाई गई थी ।
  • करोड़ों धूमकेतुओं तथा उल्का पिंडों के कारण – अनेक वेज्ञानिको  का मानना है की उल्का पिड और धूमकेतु मे पानी मोजुद होता है । और पृथ्वी के निर्माण के बाद मे उन करोड़ों धूमकेतुओं तथा उल्का पिंडों का जोडा बन गया । जिनकी वर्षा के ‌‌‌कारण से पृथ्वी पर पानी बरसना शुरू हो गया । इस तरह से पानी की उत्पत्ति पृथ्वी पर हो गई ।
  • वैज्ञानिको के अध्ययन से पता चलता है की पृथ्वी पर  पानी उन चट्टानों से उत्पन्न हुआ था जिनसे पृथ्वी का निर्माण हुआ है। साथ ही कुछ वैज्ञानिको का मानना है की पृथ्वी पर पानी  दुर्लभ उल्कापिंडों के कारण से आया था । ‌‌‌साथ ही यह भी माना जाता है की बर्फीले धूमकेतु के कारण से पृथ्वी पर पानी ‌‌‌आया होगा । इसकी उत्पत्ति की अवधारण जो वैज्ञानिक बताते है वह है
  • खगोल-भौतिकी वेज्ञानिको के नए सोध के अनुसार बताया जाता है की पृथ्वी पर पानी धुमकेतु और उल्कापिंडों के कारण आया होगा । मगर इन धुमकेतु और उल्कापिंडों से पानी की मात्रा इतनी अधिक नही थी । वह केवल पृथ्वी ‌‌‌के कुछ हिस्सो पर नमी ही बना सकती थी । इसके बाद मे जबकी ये धुमकेतु सौरमण्डल के बाह्य किनारों से काफी दुरीपर स्थित है और पानी इन धुमकेतु के कारण उत्पन्न नही हुआ था तो सौरमण्डल के बाह्य किनारों से पानी की उत्पत्ति का कारण इन वेज्ञानिको ने माना ।‌‌‌ साथ ही यह भी बताया गया की पानी पृथ्वी पर 400 करोड वर्ष पहले ही आ गया था ।

पानी आज मानव के जीवन में कितना जरूरी है शायद ही आपको पता नही होगा । क्योकी यह सभी को पता है और इस कारण से हमे हमेशा पानी का बचाव करने की कोशिश करनी चाहिए ।

पानी जो होता है वह वर्षों के माध्यम से पृथ्वी पर आता है उसे इकट्ठा कर लेना चाहिए ताकी भविष्य के लिए पानी का उपयोग बचा रह सके । आपको बात दे की इस पानी का उपयोग करने के कारण से आप अनेक तरह के पौधे आसानी सेलगा सकते है क्योकी यह एक अच्छा पानी है और वर्षां वाला पानी ही इसमें बेस्ट रहता है ।

आपको बता दे की इस लेख में आपको हमने पानी के ही पर्यायवाची शब्दो

Recent Posts

  • Uncategorized

सांड को रोटी खिलाने से मिलते हैं यह फायदे

सांड को रोटी खिलाने से क्या होता है हिंदु धर्म के अंदर गाय को माता…

1 day ago
  • Uncategorized

धैर्य का विलोम शब्द क्या है Dhairy ka vilom shabd kya hai ?

धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…

2 days ago
  • Uncategorized

भलाई का विलोम शब्द Bhalai ka vilom shabd kya hai ?

भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…

2 days ago
  • Uncategorized

Chor ka vilom shabd चोर शब्द का विलोम है?

चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर   ‌‌‌पुलिसChor  police        …

2 days ago
  • Uncategorized

सजीव का विलोम शब्द Sajiv ka vilom shabd kya hai ?

सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…

2 days ago
  • Uncategorized

Sugandh ka vilom shabd सुगंध का विलोम शब्द ?

सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध   दुर्गन्धSugandh  Durgandh  …

2 days ago