patli kamar par shayari बिल्कुल! नागिन की तरह लचीली और खूबसूरत पतली कमर पर कुछ मशहूर और नई शायरियाँ पेश हैं। उम्मीद करते हैं , कि आपको यह शायरी जरूर ही पसंद आएगी । और दिल से लिखी शायरी यदि आप अपनी प्रेमिका आदि को भेजते हैं , तो उसे भी यह जरूर ही अच्छी लगेगी । यदि आपके मन मे कोई शायरी है , तो नीचे बताएं।
सारा पतली कमर का कमाल है ,
आशिकों के दिलों मे करती यह धमाल है।
………
तेरी पतली कमर पर मर मिटेंगे हम ,
चाहत तेरी छोड़ेंगे नहीं ,
चाहे हद से ज्यादा पिटेंगे हम ।

…….
दिल को सकून देता है ,
मौसम को जनून देता है ,
तेरा यह पतली कमर मटकाना ,
आशिकों को जल भून देता है।
……..
आशिकी मे लुट गई जवानी सारी ,
अब पतली कमर दिखाने की
आई है बारी ।

……
दिल मेरा लुट लिया
उस पतली कमर वाली ने ,
खूब पीटा नैनमटका करते
देख लिया जब घरवाली ने ।
……..
कमर अगर पतली हो ,
और हसीनाओं की गली हो ,
तो घर मे पड़े पड़े
चैन कैसे आएगा ।

………
उसकी पतली कमर देखकर ये दिल मचल गया,
लगा जैसे मोहब्बत का एक तसव्वुर चल गया।
…….
किस्मत ने लिखा है उसकी पतली कमर पे हमारा नाम,
उसके बिना अब तो गुजरती नहीं कोई शाम ।
…….
जब वो पतली कमर
मटका के चलती है ,
आशिकों का ध्यान
यूं भटका के चलती है।

……..
कमर पतली और
सुंदर हो ,तो सोने पर सुहागा है ,
जिसका प्यार की बदसूरत हो ,
तो समझो इंसान अभागा है।
……..
याद आता है तेरा वो
पतली कमर को लहराना ,
याद आता है तेरा वो ,
आशिकों गली मे ठहराना ।

……..
कभी वो पतली
कमर वाली मौहले मे मसहूर थी ,
लोग बोलते थे लाखों अफेयर थे उसके ,
पता नहीं प्यार था ,
या फिर आदत से मजबूर थी ।
…….
इंस्टाग्राम पर पतली कमर दिखाती है ,
यह सोसल मिडिया नहीं नचनियों का अडडा है ,
हर कोई यहां पर आशिकी सिखाती है।

…….
एक एक के सौ सौ यार मिलेंगे ,
ढूंढने जाओगे अच्छे लोग ,
तो हर कोई कमर मटकाते
हुए इंस्टाग्राम पर तैयार मिलेंगे ।
…….
इंस्टाग्राम वाली को
कभी अपने घर की रानी मत बनाना ,
उसके सौ सौ दिवाने होते हैं ,
कमर मटका कर चलने वाली के
नखरे भी मस्ताने होते हैं।

……..
वो इंस्टाग्राम की रानी है ,
दुनिया उसकी दिवानी है ,
पैसे ही पैसे होंगे ,
बस अपनी पतली कमर दिखानी है ।
……..
इस इंस्टाग्राम ने कइयों को
बरबाद किया ,
रील बनाने के चक्कर मे ,
खुद को हद से ज्यादा
आजाद किया ।

…….
जिसको लग गई लत
पतली कमर मटकाने की ,
फिर वह एक की नहीं
हो चुकी है पूरे जमाने की ।
………
किसी एक की वह हो नहीं सकती ,
कमर पतली हो और होंठ गुलाबी ,
वह यूं ही कांड किये बिना ,
दुनिया मे खो नहीं सकती ।

……
यारों के चक्कर मे
अपने घर बार सारे उजाड़ दिये ,
ना घर की रही ना घाट की ,
पतली कमर के चक्कर मे ,
आशिकों ने कपड़े सारे फाड़ दिये ।
……
वो पतली कमर मटकाती रहेगी ,
ध्यान तेरा भटकाती रहेगी ,
तू ना जा इनके पीछे ,
यह अपने आप तेरे
पीछे आती रहेगी ।

…….
वो कहती है मर्दों की
नजरें खराब हैं ,
तो फिर क्यों मटकाती हो
पतली कमर ,
आशिक देखकर तुझे बेताब हैं।
…….
दिल से तुझे चाहेंगे ,
तेरे हर काम मे आएंगे ,
मटका कर चला करो
अपनी पतली कमर ,
हम तेरे नशे मे डूब जाएंगे।

…..
कमर तेरी पतली ,
मौसम के संग सतली ,
दिल मे घर कर गई
साली कतली ।
……
पतली कमर लहराये
नागिन जैसी ,
दुनिया तेरे सामने
लगे अभागिन जैसी ।

………
पतली कमर वाली
तेरे संग दिल का वास्ता है ,
हसीन और खुशी से भरा
तेरे संग हर रास्ता है।
……..
कमर तेरी लचकदार हो ,
फिर अपनी सरकार हो ,
तू साथ हो ,
तो समझो फिर तो
बहार ही बहार हो ।
…….
कमर है पतली सी, मगर जादू है गहरा
देखने वाला हर शख्स तेरे आगे ठहरा ।
……..
सीने मे दर्द दबाया ना कर ,
अगर हम हों तेरी पतली
कमर मे हाथ डाले ,
तो फिर घबराया ना कर ।
……..
उसकी कमर पे बिखरी है रूहानी कहानी
हर कोई चखना चाहता है उसकी जवानी ।
………
नाज़ुक सी कमर है उसकी, मानो टूट जाएगी
हौले से छू भी लूं तो, सहम सी जाएगी
…….
तेरी पतली कमर का मैं
दीवाना बन जाउंगा ,
एक बार तू हां कहदे,
जिदंगी भर के लिए तेरा
निशाना बन जाउंगा ।
…….
पतली कमर तेरी ,
झुकी हुई शाम की तरह है ,
बिना पीये ही नशा हो
जाए उस जाम की तरह है।
……..
दिल मे अरमान है तुझे पाने का ,
जब मैं हाथ रखता हूं तेरी
पतली कमर पर ,
सौ मण खुन जल जाता है
इस जमाने का ।
……..
वह अपनी कमर का
दीवाना सबको बनाती फिर रही थी ,
एक ने धोखा क्या दिया ,
हर किसी से दिल लगाती फिर रही थी ।
……..
पतली कमर के साथ ,
पतला सा सूट हो ,
दिल खुश हो जाए कसम से ,
काश मैंने शादी करली ,
यह बात अगर झूंठ हो ।
…….
मौसमी मौसम मे अच्छे लगते हैं ,
तू पतली कमर पर हाथ क्या रखेगा ,
तेरे जैसे तो मेरे सामने बच्चे लगते हैं।
……….
पतली कमर खुली हुई ,
जान से प्यारी लगती है
वह सुली हुई ।
…….
कमर पतली है
और उस पर एक तिल है ,
इसी पर अटक गया
जो मेरा दिल है।
……
शैतानी तो बचपन
मे किया करते थे ,
पतली कमर वाली के संग
खूब मस्ती मे जिया करते थे ।
…….
अपना कोई घर बार नहीं ,
अपन तो आशिक हैं ,
अपना कोई संसार नहीं ,
करे तो क्या करें
किसी पतली कमर वाली पर एतबार नहीं ।
……..
दिल का खेल वह
शूरू करती है ,
कमर पतली मटकाकर ,
और कुछ नहीं तो
धोखेबाजी जरूर करती है।
……..
आंखों से ईशारे मत किया कर ,
कमर को हिलोरे लेकर मत जिया कर ,
जिदंगी यूं ही बीत जाएगी ,
बस शराब पीया कर ।
……
वो गुलाब जैसा रंग, वो कमर पतली सी
चलते ही खुशबू छोड़ जाती है, हर जगह फ़िज़ा महकती है
……..
जवानी होती है बहकने के लिए ,
पतली कमर होती है चहकने के लिए ।
………
पतली कमर और हसीन रातें,
ये ज़िंदगी की हैं रंगीन बातें।
………
हर दिल धड़कता है एक ख्वाब के लिए,
हर रात छुपाती है कितने राज़ के लिए।
…….
दिल का राज किसी को बताया ना करो ,
अपनी पतली कमर दिखाकर
हमें सताया ना करो ।
…….
तेरी पतली कमर भी एक राज है ,
अनोखा खूबसूरती का यह अंदाज है।
……
पतली कमर वाली ,
आंखें हैं मतवाली ,
दिल को कर गई खाली ।
…….
खूबसूरत जवानी तेरी ,
अनोखी कहानी तेरी ,
पतली कमर लचकाकर,
बन गई दुनिया दीवानी तेरी ।
…….
चाँदनी रातों में खो जाती है नज़र,
पतली कमर का है जादू सा असर।
……..
हमें शौक है ,
पतली कमर वाली हसीनाओं का ,
इंतजार करते हैं अक्सर ,
उनकी निगाहों का ।
……
दिल मे अगर जनून हो ,
मौसम मे अगर खून हो ,
तो कैसे पतली कमर वाली
के संग ,ना फिर मून है।
…….
वह पतली कमर वाली
कहती है सितारों से दोस्ती है मेरी ,
पूरी तरह से तेरी हो जाउं,
नजर कभी कभी सोचती है मेरी ।
…….
तेरे बिना कोई सांस नहीं ,
तेरे बिना कोई राहत नहीं ,
अपनी पतली कमर से खेलने दे ,
फिर किसी और की हो जाना ,
हम कोई आहत नहीं ।
……..
दिलों के साथ वो खेलती है
आंख मिचौली ,
हम लुट गई ,
जब पतल कमर वाली
की उठी डोली ।
……
दिल की धड़कनें बोल उठती हैं,
जब पतली कमर वाली नजदीक
से सोल उठती हैं।
…….
इश्क जैसा कुछ था नहीं ,
पतली कमर के दिवाने हैं ,
वरना उसमे कुछ था नहीं ।
……..
तेरी यह पतली कमर
सितम ढाये रखती है ,
हाशिल कुछ नहीं होता ,
फिर भी हमें सताये रखती है।
……..
इशारे करती है आंख मार मारके ,
देखकर उसकी पतली कमर ,
पछता रहे हैं जवानी यूं गुजार गुजार के।
…..
क्या कहना इस बेताबी का ,
देखकर तेरी पतली कमर ,
मूड बिगड़ जाता है इस शराबी का ।
……..
दिलोजान से चाहते हैं तुझे ,
तू हो गई है किसी और की ,
फिर भी आज निभाते हैं तुझे ,
पतली कमर का नाम लेकर ,
जो तड़पाते हैं तुझे ।
……..
हवा में खुशबू, आँखों में सितारे,
पतली कमर पे मेरी नज़र ठहरे।
……..
कुछ बातें मौसम की हैं ,
कुछ बातें रोशन की हैं ,
बड़ी खूबसूरत पतली कमर
अपनी पड़ोसन की हैं।
…….
जवानी भी लुटाएंगे ,
जान से ज्यादा चाहेंगे ,
देखकर पतली कमर तेरी ,
तुझ मे डूब जाएंगे ।
……..
दिल के रेगिस्तान मे
हल चलाया ना करो ,
दिखाकर अपनी पतली कमर
झूठा मन बहलाया ना करो ।
………
यूं तो शैतानों के शैतान हैं ,
लाखों हमारे सामने श्मशान हैं ,
लुट गए तेरी पतली कमर पर
न जाने कितने जवान हैं।
…….
पतली कमर वाली
हसीनाओं को आते हैं लाखों बहानें ,
लगी रहती हैं कोई ना कोई सतानें ।
…….
दर्द से रिश्ता है हमारा ,
देखकर तेरी पतली कमर
कलेजा पिसता है हमारा ।
……
तेरे बरबाद होने का
जश्न हम मनाएंगे ,
पतली कमर से मुहब्बत
जो कर बैठे ,
तुझे एक दिन अपना बनाएंगे ।
…….
दोस्ती तेरी जहरीली है ,
मगर पतली कमर की तरह
आवाज तेरी सुरीली है।
……
पतली कमर पे मेरी नज़र ठहर गई,
हसीन थी कमीनी इतनी
की अपने दिल मे घर कर गई ।
…….
ना सोने से चैन मिलता है ,
ना रोने से चैन मिलता है ,
सकून मिलता है बस ,
उस पतली कमर वाली का
अपनी होने से ।
…….
हर बूंद कहती है एक कहानी उसकी,
पतली कमर लेकर चलती है अक्सर ,
बरबाद ना होने देंगे जवानी उसकी ।
……
आंखों से इशारे करती है ,
कमर से हसीन नजारे करती है ,
कुछ इस तरह बेहाल
दिल हमारे करती है।
……..
उसका साथ है इतना प्यारा ,
कि कम लगता है जीवन सारा ,
अब उस पतली कमर के बिना
ना होगा गुजारा हमारा ।
…….
ऐ पतली कमर, तेरे इश्क़ में भीगता रहा,
बारिश की रातों में तेरा इंतज़ार किया।
जैसे जैसे बीती रात ,
हर सितारा यूं ही छूटता रहा ।
…….
वो पतली कमर, वो बारिश का मौसम,
दिल की धड़कनों ने कर दिया बेदम।
…….
तेरी आशिक मे बेकरार हम थे ,
तेरी पतली कमर ने जादू किया ,
वरना शराब के ठेकेदार हम थे ।
……..
सोते हुए को जगाती है ,
नींद मे भी भगाती है ,
यह पतली कमर ही है तेरी ,
जो आशकी की लत लगाती है।
……..
ना दिल मे डेरा तेरा ,
ना सांसों मे फेरा तेरा ,
यह तो कमाल है तेरी पतली कमर का ,
वरना कहीं नहीं होता बसेरा तेरा ।
…….
भीगे बालों में खो जाती है वो रात,
जब पतली कमर दिखाते हुए
करती है वो रात भर बात ।
…….
बारिश में भीगकर जब वो चली जाती है,
पतली कमर पे सजी बूंदें मोती बन जाती हैं।
यही मेरे दिल मे जम जाती हैं।
……
तुझे एहसास नहीं है
तू क्या चीज है ,
हमें ललचाती है
देखो यह पतली कमर
तेरी कितनी बतमीज है।
……
अपनी पतली कमर दिखाकर
कुंवारों को बहकाया ना कर ,
जिनको नहीं पता क्या होता है वो
उनको आशिक सिखाया मत कर ।
…….
नागिन सी कमर, मस्त चाल,
देखते ही हुआ हाल बेहाल।
इश्क़ हुआ है सच्चा उससे,
वरना हर कोई कहता है “कमाल”!
…….
आज वो फिर
मेरी जिदंगी मे धमाल
मचाने आई है ,
छोड़कर दुनिया दारी सारी ,
पतली कमर के संग ,
विकराल मचाने आई है।
…….
तेरे हर सवाल का जवाब
बन जाउंगा ,
अगर तू होगी नींद मे
तो तेरा ख्वाब बन जाउंगा ।
……..
कमर पतली तेरी
नागीन सी है ,
जिदंगी तेरी
सुहागिन सी है।
……..
लाखों दिवाने
तेरी एक आंह पर मरते हैं ,
एक हम भी हैं ,
जो सिर्फ तेरी पतली
कमर से प्यार करते हैं।
…….
न जमाने का डर रहा ,
ना सताने का डर रहा ,
जब शरीर ही ना बचा ,
तो न किसी को तड़पाने
का डर रहा ।
…….
वो पतली कमर, नागिन सी लचकती है,
देखते ही दिल का हाल बदल जाता है।
हर अदा पे मैं जान कुर्बान कर दूँ,
वो मुड़ के देखे तो जहान बदल जाता है।
……
इश्क़ की बंदिशों में बंध गया हर कोई,
देखकर तेरी यह पतली कमर ,
आशिकी मे तेरी सज गया कोई ।
….
पागल लड़की पर 130 शानदार शायरी जो दिमाग घूमा दे
दोस्तों जोरू के गुलाम पर 130 मस्त और सुंदर शायरी आपके लिए ।
चांदनी रात पर 177 बेस्ट शायरी जो आपके दिल को मस्त बना देगी ।
