‌‌‌यह था राधा जी के पति का नाम ? और राधा के जन्म के रहस्य

राधा के पति का नाम radha ke pati ka naam kya hai राधा जी के बारे मे कौन नहीं जानता है ? हम सभी राधा के बारे मे अच्छी तरह से जानते ही हैं आपको पता ही होगा कि राधी जी भगवान कृष्ण की एक प्रेमिका के रूप मे याद ‌‌‌किया जाता है और कहा जाता है कि राध कृष्ण से प्रेम करती थी लेकिन दोनों की कभी भी शादी नहीं हो सकी थी। इसके पीछे कई सारे कारण थे । लेकिन आज भी राधा को भगवान की पत्नी के रूप मे माना जाता है और उसके बाद कई मंदिरों के अंदर राधा को ही भगवान के साथ दिखाया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना ‌‌‌चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं ।और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

राधा के पति का नाम radha ke pati ka naam kya hai

ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड 2 के अध्याय 49 के श्लोक 39 और 40 के अंदर यह लिखा गया है कि राधा जी के पति का नाम रायाण नामक एक वैश्य था । इसके बारे मे यह कहा जाता है कि राधा का विवाह कभी भी इससे हुआ नहीं था । वरन राधा को तो भगवान पसंद थे । इसलिए राधा जी ने अपनी छाया को इसके साथ विवाह करवा ‌‌‌ दिया था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कहा जाता है कि इसके साथ राधा जी का संबंध बचपन के अंदर ही तय कर दिया था ।

भगवान श्रीकृष्ण की माता यशोदा का वह रायाण सगा भाई था । और रायाण को रापाण अथवा अयनघोष भी कहा जाता था। पिछले जन्म में राधा का पति रायाण गोलोक में श्रीकृष्ण का अंशभूत गोप था। इस तरह से आपको पता ही चल गया होगा कि राधा का विवाह किससे हुआ था ?

class="wp-block-heading">‌‌‌किस तरह से हुआ था राधा को कृष्ण से प्रेम radha ji ke pati ka naam kya tha
राधा के पति का नाम

दोस्तों आपने सुना होगा कि जब चोट कृष्ण को लगती है तो पीर राधा को होती है। इसके बारे मे । असल मे  पुराणों में श्री राधारानी को कृष्ण की शाश्वत जीवन संगिनी कहा जाता है । लेकिन क्या आपको पता है कि इस प्रेम की शूरूआत किस तरह से हुई थी ? इसके बारे मे ‌‌‌हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं इसके बारे मे।

‌‌‌इसके बारे मे यह कहा जाता है कि जब कृष्ण मात्र एक दिन के थे जब उनका जन्मोत्सव मनाया जा रहा था उस समय कृष्ण और राधा की मुलाकात हुई थी। राधाजी अपनी मां कीर्ती के साथ नंदगांव आई थीं । और उस समय राधा जी काफी अधिक छोटी थी।

गर्ग संहिता नामक एक किताब के अंदर यह उल्लेख मिलता है कि दूसरी बार राधा जी और कृष्ण की मुलाकात तब हुई थी जब नंद बाबा के भांडीर वन से कृष्ण गुजर रहे थे ।उसके बाद ज्यौति रूप मे राधाजी प्रकट हुई और उसने कहा कि वह कन्‍हैया को उनको देदे और उसके बाद नंद बाबा ने कन्‍हैया को राधा जी को देदिया ।

‌‌‌उसके बाद यह कहा जाता है कि जैसे ही कन्हैया को राधा रानी को सौंपा गया । उसी समय कन्हैया  ने बाल रूप का त्याग कर दिया । और फिर कहा जाता है कि ब्रह्रमा जी प्रकट हुए और उन्होंने कृष्ण जी और राधा जी का विवाह करवाया कुछ दिन वे उसी जगह पर रहे ।उसके बाद कृष्ण फिर से बाल रूप मे आ गए । इसके ‌‌‌बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।

‌‌‌कहा जाता है कि यह कहानी संकेत नामक स्थान पर हुई जोकि नंद गांव और बरसाना जो कि राधा जी की जन्मस्थली थी उसके बीच में है।इस स्थान के बारे मे यह का जाता है कि यहां पर राधा जी और मुरलीधर की एक प्रेम कहानी शूरू हुई थी। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌कब दिया था श्रीकृष्ण ने राधा जी को शाप

सृष्टि से पूर्व दिव्य गो लोक धाम में  निरंतर वास विलास करते हुए । राधा जी के मन के अंदर एक पुत्र पैदा करने की इच्छा प्रकट हुई । उसके बाद क्या था ।उनकी इच्छा से ही उनका एक पुत्र पैदा हो गया और वह भी एक तरह से परम सुंदर था।

एक दिन उस पुत्र ने जम्हाई ली। उस के पंच भूत, आकाश, पाताल, वन, पर्वत,वृक्ष, अहंतत्व, अहंकार, प्रकृति, पुरुष सब दिखाई देने लग गए । उसके बाद राधा को काफी अधिक बुरा लगा और उन्होंने उसको जल मे रख दिया । उसके बाद वही विराट पुरूष ब्रह्रमांड हुआ ।

‌‌‌उसके बाद राधा जी को अपने पुत्र के साथ इस तरह का व्यवहार करते हुए देखकर भगवान ने उनको शाप दिया कि वह भविष्य के अंदर कभी भी पुत्र पैदा नहीं कर सकेगी ।

‌‌‌राधा के मंदिर कहां पर हैं ?

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि कई ऐसे स्थान हैं जंहा पर राधा जी के मंदिर बने हुए हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।  और आप इस बात को समझ सकते हैं। यहां पर हम आपको कुछ मंदिर के बारे मे बता रहे हैं।

  • श्री राधा कुण्ड मंदिर, बरसाना, उत्तर प्रदेश
  • श्री राधा श्याम सुंदर मंदिर, शमली, उत्तर प्रदेश
  • श्री राधाराणी मंदिर, पोखरा, नेपाल
  • श्री राधा मधन मंदिर, जयपुर, राजस्थान
  • श्री राधा रामण मंदिर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश
  • श्री राधावल्लभ मंदिर, जयपुर, राजस्थान
  • श्री बनके बिहारी मंदिर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश
  • श्री राधा कृष्ण मंदिर (इस्कॉन मंदिर), दिल्ली
  • श्री राधाकृष्ण मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश
  • श्री राधा बिहारी जी मंदिर, पटना, बिहार

‌‌‌राधा जी के अन्य नाम क्या हैं ?

‌‌‌वैसे तो आपको बतादें कि राधा जी के बहुत सारे नाम हैं और सभी का वर्णन करना यहां पर संभव नहीं है। लेकिन हम यहां पर कुछ नाम आपको बताने जा रहे हैं। जिससे कि आपको पता चलेगा कि राधाजी के 1000 नाम थे ।

  • राधा
  • राधिका
  • राधेश्यामा
  • राधारानी
  • राधाप्रिया
  • राधिकापति
  • राधामधव
  • राधिकानाथ
  • राधावल्लभ
  • राधारमण
  • राधाकृष्ण
  • राधासारंग
  • राधारञ्जन
  • राधाराज
  • राधाविनोद
  • राधासहचरी
  • राधाजीवन
  • राधानायक
  • राधानाथ
  • राधाश्याम
  • राधासुधा
  • राधानगरी
  • राधातिलक
  • राधाकान्त
  • राधाधीश
  • राधामाधवी
  • राधावल्लभा
  • राधाकल्याणी
  • राधावृन्दावन
  • राधामोहन
  • राधासर्वेश्वरी
  • राधामधुरी
  • राधासखी
  • राधारसिका
  • राधानाथी
  • राधामधवी
  • राधाश्यामा
  • राधाकृपा
  • राधापद्म
  • राधादासी
  • राधाप्रणयिनी
  • राधाकानन
  • राधापालिनी
  • राधाकान्ता
  • राधापाण्डु
  • राधामधुमधन
  • राधावल्लभी
  • राधाप्रेम

‌‌‌राधा की मौत किस तरह से हुई थी ?

दोस्तों आपको बतादें कि राधा के बारे मे यह कहा जाता है कि अपने अंत समय के अंदर राधा ने अपने घर को छोड़ दिया और उसके बाद वह कृष्ण से मिलने के लिए द्धारका चली गई । उसके बाद वहां पर दोनों मिले । लेकिन बाद मे राधा को यह लगा कि वह कृष्ण के पास रहकर उतना ‌‌‌अधिक सुख प्राप्त नहीं कर रही है जितना की वह उनको मन से चाहने पर करती है। उसके बाद एक दिन उसने बिना बताए ही महल को छोड़ दिया और फिर एक सुनसान स्थान पर चली गई कृष्ण ने उनकी तलास की तो अंत समय राधा का आ चुका था । राधा ने कृष्ण से यह मांग की कि वह बांसुरी की मधुर तान सुनाए ।

‌‌‌और उसके बाद कृष्ण ने ऐसा ही किया । और अंत मे राधा कृष्ण मे विलिन हो गई कहा जाता है कि उसके बाद कृष्ण ने बांसुरी को फेंक दिया था । इस तरह से राधा की मौत हो गई।

‌‌‌राधा के बारे मे वर्णन कहां पर मिलता है ?

radha ji ke pati ka naam kya tha

वैसे आपको बतादें कि भागवत के दशम स्कंद  के अंदर ही राधा के बारे मे वर्णन मिलता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।और आपको बतादें कि अगल अलग ग्रंथों के अंदर राधा और कृष्ण की अलग अलग गोपियों का वर्णन मिलता है।

कृष्ण की 64 कलाएं ही गोपियां थीं । और कहा जाता है कि इन कृष्ण की शक्तियों ने ही स्त्री का रूप लेलिया था ।गर्ग संहिता के रचयिता यदुवंशियों  के कुल गुरू गर्ग मुनि थे ।

गर्ग संहिता में राधा और कृष्ण की लीलाओं  के बारे मे वर्णन मिलता है और यहीं से राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी के बारे मे उल्लेख मिलता है। इस तरह से यह सत्या साबित होता है कि राधा कोई काल्पनिक चित्र नहीं थी । वरन यह सच मे मौजूद थी।

‌‌‌कृष्ण ने राधा से फिर आने का वादा किया था

दोस्तों कृष्ण के बारे मे यह कहा जाता है कि उनकी जिदंगी का एक मकसद था । और जब वे राधा को छोड़कर जा रहे थे तो उसके बाद राधा ने काफी दुखी मन से उनको जाने के लिए कहा और फिर कृष्ण ने कहा कि वे फिर से आएंगे । उसके बाद वे चले गए ।

‌‌‌उधर रूकमणी के बारे मे यह कहा जाता है कि वह खुद लक्ष्मी का अवतार थी और मन ही मन कृष्ण को अपना पति मानती थी। जब रूकमणी के भाई ने किसी और जगह पर उसकी शादी करने की बात की तो रूकमणी ने मन ही मन कृष्ण को याद किया और इस तरह से रूकमणी और कृष्ण की शादी हो सकी ।

कृष्ण के वृंदावन छोड़ने के बाद से ही राधा का वर्णन बहुत कम हो गया था । और उसके बाद कृष्ण दूसरे कामों के अंदर व्यवस्थ हो गए । कई राक्षसों का वध किया और भी बहुत सारे काम किये ।

‌‌‌क्या मिल पाए थे राधा और कृष्ण

दोस्तों कृष्ण के जीवन के कई सारे ऐसे रहस्य हैं जिसके बारे मे कोई भी ठीक ठीक तरह से नहीं जानता है। और माना जाता है कि राधा और श्रीधामा के श्राप के कारण हुआ था कि राधा और कृष्ण को 100 सालों का वियोग झेलना पड़ा था

राधा और कृष्ण 100 साल बाद सूर्य ग्रहण के दौरान होने वाले एक यज्ञ में मिले थे । और उस समय इस यज्ञ के बारे मे यह कहा जाता है कि यह कुरूक्षेत्र के अंदर हुआ था । जिसके बारे मे यह उल्लेख मिलता है कि यहां पर राधा कृष्ण की पत्नी के रूप मे थी। तो इसका मतलब यह होगा कि राधा की छाया शरीर से रायान गोपा ‌‌‌से शादी हुई थी। असल मे छाया शरीर एक अलग प्रकार का शरीर होता है जिसका तंत्र प्रक्रियाओं के अंदर विकास किया जाता है। यह एक विधि होती है जिसके अंदर अपने छाया शरीर को जीवंत बनाया जाता है। तंत्र का यह विषय होता है।

‌‌‌राधा का जन्म किस तरह से हुआ था

ब्रह्मपुराण के अंदर राधा के जन्म के बारे मे उल्लेख मिलता है आपको बतादें कि जब श्रीदामा और देवी राधा ने एक दूसरे को श्राप दिया तो श्री कृष्ण ने आकार बताया कि पृथ्वी पर तुम्हें गोकुल में देवी कीर्ति और वृषभानु की पुत्री के रूप मे जन्म लेना होगा । और जिस इंसान से तुम्हारा विवाह होगा वह मेरा ‌‌‌ही अंश होगा ।

‌‌‌उसके बाद राधा से कहा गया कि तुम मेरी ही प्रिया बनकर रहोगी । मगर कुछ समय के लिए आपको और मेरा बिछोह होगा ।अब तुम वृषभानु  के घर मे जन्म लेने की तैयारी करो ।

संसार की दृष्टि में राधा की माता कीर्ति गर्भवती हुई  तो कहा जाता है कि राधा ने गर्भ के अंदर प्रवेश नहीं किया था और उसके बाद गर्म मे वायु थी । उसके बाद जैसे ही गर्भ से वायु बाहर आई वैसे ही राधा अपनी शक्ति से लड़की के रूप मे प्रकट हो गई । ‌‌‌इस तरह से यह कथा कहती है कि एक तरह से राधा गर्म से पैदा नहीं हुई थी।

‌‌‌किस तरह से मिला था शाप

तो दोस्तों इसके बारे मे एक कथा का उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार एक बार गो लोक के अंदर कृष्ण अपनी एक अन्य पत्नी विराजा के साथ विहार कर रहे थे । उस वक्त राधा कहीं पर गई हुई थी। जब राधा को पता चला तो वह वहां पर आई और उसके बाद वह कृष्ण को ही भला बुरा ‌‌‌कहने लगी ।श्रीदामा को कृष्ण का अपमान सहन नहीं हुआ और श्रीदामा  ने  राधा का अपमान कर दिया । उसके बाद राधा ने श्रीदामा  को राक्षस कुल के अंदर जन्म लेने का शाप देदिया । उसके बाद श्रीदामा  ने भी राधा को धरती पर जन्म लेने का शाप देदिया ।

‌‌‌इस तरह से कहा जाता है कि राधा का धरती पर जन्म हुआ था।

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