शिव का विलोम शब्द क्या है shiv ka vilom shabd kya hai ?
शिव का विलोम शब्द या शिव का विलोम , शिव का उल्टा क्या होता है ? shiv ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
सिपाही | अशिव, असमृद्ध |
shiv | ashiv |
शिव का विलोम शब्द क्या है shiv ka vilom shabd kya hai ?
शिव का विलोम शब्द जो होता है वह अशिव होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। दोस्तों शिव का मतलब होता है कल्याणकारी या जो कल्याण करने वाला है।शिव को पापों का नाश करने वाला बताया गया है। शिव संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है, कल्याणकारी या शुभकारी। यजुर्वेद में शिव को शांतिदाता बताया गया है

दोसतों आपको बतादें कि शिव को हिंदु धर्म के अंदर एक देव माना जाता है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा । दोस्तों जो लोग योगी होते हैं। वे शिव को एक भगवान नहीं मानते हैं। उनके अनुसार शिव एक योगी थे और अपने योग बल से तमाम उंचाइयों को छू गए थे ।और शिव को ही तंत्र का जनक माना जाता है।
वैसे आपको बतादें कि शिव जी के बारे मे उल्लेख इतिहास के अंदर मिलता है। शिवजी एक महायोगी थी और यह आज से लगभग 15 हजार साल पहले की बात है। और उस समय शिव धरती पर ही रहा करते थे । और यहीं पर उन्होंने साधना और योग किया था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों शिव ने बताया कि जीवन वैसा नहीं है जैसा कि आप इसको देखते हैं जीवन काफी अलग है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप जो जन्म लेते हैं तो आप बहुत सारी चीजों को नहीं देख सकते हैं। इस दुनिया के अंदर असंख्य लोक मौजूद हैं और वहां पर अलग अलग प्रकार के प्राणी रहते हैं। इसको आप नंगी
आंखों से नहीं देख सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन यदि आप अपने योगबल से द्रष्टि को खोल लेते हैं तो उसके बाद आप लोकों को देख सकते हैं। आप बस इस भौतिक शरीर के साथ बस भौतिक जगत का ही अनुभव कर सकते हैं आपको पता होना चाहिए कि अभौतिक जगत भौतिक जगत की तुलना मे कई गुना बड़ा होता है।
लेकिन क्योंकि हमें अभौतिक जगत को देखने के लिए ताकत अर्जित करनी पड़ती है। शक्ति चाहिए । इसको देखने के लिए तो फिर आपके पास यदि शक्ति नहीं है तो फिर आप इस भौतिक जगत के ही होकर रह जाते हैं। शिव के अनुसार आप खुद शरीर नहीं है।
जिस प्रकार से कपड़ों का नाता शरीर से होता है उसी प्रकार से आपका नाता शरीर से है। यह भौतिक शरीर के नष्ट हो जाने के बाद भी आप नष्ट नहीं होने वाले हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।मतलब यही है कि आपकी पहचान भौतिक शरीर से नहीं है।
भौतिक शरीर के अंदर होना कोई बुराई नहीं है। लेकिन जब आप इस भौतिक शरीर के साथ अपनी पहचान को जोड़ लेते हैं तो उसके बाद समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यही आपके लिए सही होगा । इस भौतिक शरीर का आपको उपयोग करना चाहिए ।
और इसका आपको पूरा फायदा उठाना चाहिए । यह भौतिक शरीर वासनाओं को पूरा करने के लिए नहीं है। आप इस बात को समझ सकते हैं। यह भौतिक शरीर यदि हमको मिला है तो उसकी मदद से आप कुछ बड़ा कर सकते हैं। अब आप सोचेंगे कि क्या बड़ा कर सकते हैं । धन कमाकर कमरे भर लिये तो जनाब आपको बतादें कि धन भी भौतिक चीज है और भौतिक चीज का साथ बस भौतिक शरीर तक ही है। इससे आपको कुछ फायदा नहीं होने वाला है। क्योंकि आप खुद अभौतिक हैं। तो आपको कुछ ऐसा करना चाहिए जोकि आपको फायदा दे । तो आप एक काम कर सकते हैं। आप अपने मन की यादों से किसी तरह से किनारा कर सकते हैं।
असल मे आपकी जो यादें होती हैं वही आपकी सबसे बड़ी दुश्मन होती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप यादों से आजाद हो जाते हैं तो उसके बाद आप स्वतंत्र हो जाते हैं। और आपको फिर किसी भी चीज की जरूरत नहीं होती है।
असल मे आप शरीर से परे होते हैं। और जब आप शरीर से परे होते हैं तो यादें ऐसी चीजें होती हैं जोकि आपको बार बार जन्म लेने के लिए विवश करती हैं। और आपको बतादें कि जन्म जो होता है वही आपके दुख का कारण होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ लें ।
अब यदि आपका जन्म ही नहीं होगा तो फिर आपको दुख होने के चांस ही नहीं होगा । इसलिए आपको अपने जन्म को रोकना होगा । अब आपके दिमाग के अंदर यह भी आता होगा कि आप किस तरह से अपने जन्म को रोक सकते हैं तो आप अपने जन्म को रोक सकते हैं अपनी यादों कें अंदर बदलाव करेके ।
और यदि हम यादों के अंदर बदलाव करने के साधन के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि शरीर ही वह साधन है जिसकी मदद से आप अपनी यादों के अंदर बदलाव कर सकते हैं। और एक बार यदि आप अपनी यादों के अंदर बदलाव कर देते हैं। अपनी सोच को इस प्रकार से बना लेते हैं कि आपके अंदर ही सब कुछ है
और बाहर कुछ भी नहीं है तो उसके बाद आपको किसी तरह की कोई भी समस्या नहीं होगी । और बार बार आप जो जन्म लेते हैं और बार बार मर जाते हैं बस आप इस बकवास से छूटकारा पा जाएंगे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
वैसे बार बार जन्म लेने का और बार बार मरने का कोई फायदा नहीं है। जो काम आप सौ साल के अंदर पूरे नहीं कर सकते हैं वेा आप हजार साल मे भी कैसे पूरे कर सकते हैं। वासना ही इसका सबसे बड़ा कारण है। अब यदि आप अपनी वासना को शांत करने मे लगे हुए हैं तो फिर आपको बार बार आना है और बार बार जाना है।