तितलियों पर शायरी तितली titli par shayari in hindi के उपर हम कुछ शानदार शायरी को लिख रहे हैं। और उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा प्रयास काफी अधिक पसंद आने वाला है। यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तितली पर शायरी से जुड़ा हुआ तो हमें कमेंट करके बताएं । शायरी में “तितली” (Butterfly) और “परवाना” (Moth) अक्सर प्रेम के रूपक के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। तितली खूबसूरत लेकिन बेरहम प्रेमिका का प्रतीक होती है, जबकि परवाना उसका आशिक, जो अपनी जान देने को तैयार रहता है। “जालिम” यानी ‘क्रूर’ या ‘बेरहम’।butterfly shayari in hindi
तितलियां मंडरा रही हैं
फूलों के आगे पीछे ,
कुछ मेरा हो जाए
यह सोचे ।
……..
फूलों और तितलियों का
गहरा नाता है ,
दोनों को प्यार निभाना
अच्छे से आता है।

……
फूल खिलता रहा ,
चुपके से तितलियों से
मिलता रहा ।
यह जीवन कुछ
इसी तरह से चलता रहा ।
……
तितलियां भी थोड़ी जवान थी ,
फूल भी थोड़े शैतान थे ,
दोस्ती हो गई तो क्या करें
आखिर दोनो ही नादान थे ।

……
इन तितलियों को कहदो
कि वो फूलों पर आकर ना बैठें ,
क्योंकि हम तो दिल देचुके हैं शनम ।
……..
वह तो तितलियों की तरह है ,
जो कभी एक फूल पर टिकी नहीं ,
देखना चाहती है स्वाद चखकर
कहीं सबकी मुहब्बत मेरी तरह
फीकी तो नहीं ।

…….
उस तितली को गरूर है
अपने रंग बिरंगे होने का ,
मगर क्या करें हमें डर
है उसको खोने का ।
……
तू भी आजकल तितलियों
की तरह फुदकती है ,
कभी कभी सबसे बड़ी
बेवफा तू ही लगती है।

……..
सोचा था तितली को छू
कर एक बार देखलूं ,
कैसा होता है नशा मुहब्बत का
किसी का होकर देखलूं ।
……
ना उड़ा कर यूं हवाओं मे
तितली बनकर ,
शिकारी बैठे हैं हर जगह
ले जाएंगे सब कुछ छीन कर ।

……..
तेरा हवा मे उड़ना हसीन है ,
तेरे पंखों का रंग रंगीन है ,
तू है मेरी मैं हूं तेरा ,
यही तो मूवी का सीन है।
……
धूप की कली खिली ,
फूलों की खुशबू मिली ,
फिर तितली घर से निकल पड़ी ।
……..
सुंदर सुंदर तितलियों
की रानी है तू ,
जो बदले ना कभी
वैसी कहानी है तू ।

……..
चल एक घूंट शराब हो जाए ,
ना उड़ा कर तितली बनकर
कहीं आदत खराब हो जाए ।
…….
तितली बनकर तुम उड़ती रहो ,
मगर शिकारियों से डरती रहो ,
इसी तरह लाखों दिलों को
रोशन तुम करती रहो ।

………
रंग-बिरंगे ख्वाबों सी लगती है तितली,
हर फूल से मोहब्बत करती है तितली।
……
हवा की बातों में बहक जाती है,
तितली भी इश्क़ में महक जाती है।
……
तितली ने कहा फूलों से मुस्कुरा ले ,
कल का क्या पता ,जिदंगी जीने का
मजा आ जाए ,
इतना खुद को खुश बना ले ।

……
इश्क और तितली मे कोई फर्क नहीं ,
अगर पकड़ोगे तो उससे बड़ा कोई नर्क नहीं ।
…….
दूर से सुंदर लगती है ,
फूलों और तितली की जोड़ी ,
मगर पास जाने पर बैचेनी
भरी है थोड़ी ।
……
वो तितली की तरह आती है ,
मगर ट्रेन की तरह जाती है ,
यही इश्क है उसका ,
बस बहाने बनाती है।

……
तितली सी हूँ मैं, बस रंगों से प्यार है,
कहीं रुकना नहीं, उड़ना मेरा किरदार है।
……
ना क़ैद करो इसे किसी जाल में,
तितली है… उड़ने दो इसे ख़याल में।
…….
मैं तितली थी रंगों में उड़ने वाली,
वो इश्क़ था खून में डूबो देने वाला।
ना फूल बचे, ना पंख मेरे,
यही है किस्सा दिल को सुखा देने वाला ।
……
तितली की तरह दिल रंगीन था मेरा,
वो आया तो सब कुछ सुर्ख़ कर गया।
फूलों से खेलती थी जो कभी,
वो सब कुछ मेरा कुर्क कर गया ।

……
तितली हूँ, मगर अब उड़ती नहीं,
तेरे इश्क़ ने परों में ज़हर भर दिया।
रंग मेरे बिखर चुके हैं सब,
इस तरह तूने बरबाद तितलियों
का शहर कर दिया ।

…….
इश्क़ के रंगों में रंगी थी तितली,
उसे क्या पता था, ये रंग लाल होंगे…
वो समझी थी ख़्वाबों का बाग़,
मगर वहां निकले खून के दाग ।
…..
इक तितली बनकर रहना चाहती हूं ,
सुन बे करीब आजा तू
तुझ से कुछ कहना चाहती हूं ,
मैं तेरे दिल मे रहना चाहती हूं ।
……..
तितलियों का रंग बिरंगा
संसार होता है ,
देखकर इनकी सुंदरता को
हर कोई जलन से बीमार होता है।

……..
तितली मेरे दिल की रानी है ,
वह फूलों पर बैठती है तो
बैठने दे ।
तुझे क्यों परेशानी है।
…….
तितली सा मन है तेरा ,
तरासा हुआ तन है तेरा ,
यह चैन सकून छीन लेता है मेरा ।

…….
धीरे धीरे प्यार हुआ ,
अब उस तितली को
भी गुलाब का इंतजार हुआ ।
……
पंखों मे रंगीनिया लिये ,
दिल मे बैचेनिया लिये ,
तितली चली लाखों
की परेशानिया लिये ।
……
यह संसार बैचेन करता है ,
यह दिल परेशान करता है ,
जी करता है होलूं तितली के साथ ,
बहुत मन करता है।
……
बिना तितलियों के यह
जीवन बेरंग हो जाता है ,
बिना उनके जिदंगी का
बुरा ढंग हो जाता है।
…….
तितलियों को भी प्यारी
होती है अपनी आजादी ,
मगर कभी कभी यह
भी लेकर आती है बरबादी ।
…….
तितली चली उड़ने को ,
उसका भी मन है नए
नए फुलों के संग जुड़ने को ।
…….
न थकने की शिकायत न मंज़िल का ग़म था,
बस उड़ने का शौक था मगर उसका सफर कम था ।
……..
तू तितलियों की तरह उड़ती फिर रही ,
फूल पसंद नहीं आया कोई भी ,
लाखों फूलों से घिरी रही ।
…….
काली तितली
लाल रंग के पंख ,
धीरे धीरे चल रही है
वो मेरे संग ।
…….
हसीन है तितली का
उड़ना ,
अच्छा लगता है,
एक फूल से दूसरे
फूल की तरफ मुड़ना ।
….
जो बेवफा हो जाए ,
उसे हम प्यार नहीं करते ,
हम तितलियों का शिकार नहीं करते ।
……..
तितलियों की तरह
जगह जगह मुंह मारना छोड़ दे ,
अगर नहीं छोड़ सकती ,
तो हम से नाता तोड़ दे ।
……..
तितली एक पल की मेहमाँ, फिर उड़ जाएगी,
जी भर के देख लो उसे, ये छन बिछड़ जाएगी।
……..
बचपन मे हमने खूब
तितलियां उड़ाई थी ,
तू क्या जाने तेरी
दोस्ती भी हमने तूड़वाई थी ।
…….
दिल लूट लिया तितली
तेरी अदाओं ने ,
हमें बरबाद ही कर डाला
तेरी फिजाओं ने ।
…..
तितली की उम्र बहुत छोटी होती है ,
मगर फिर भी वह जिदंगी मे ,
सबसे मस्त होती है।
………
दिल तेरा सकून देता है ,
मैं बन जाउं फूल और
तू तितली बन जा ,
यही ख्वाब हमे
जीने का जनून देता है।
……..
इक शराबी होने से अच्छा
हम फूल होते ,
कम से कम तितलियां
तो मंडराती ।
……
तितली की तरह उड़ना है मुझे,
खुशबुओं के पीछे-पीछे दौड़ना है मुझे।
जिंदगी की हर बंद कली को,
एक पल में महकाना है मुझे।
……
तेरा दिल तेरी कहानी है ,
तितलियों की तरह तेरी
यह जवानी है ,
इश्क करना इसमे बेमानी है।
……
ऐ तितली
अपने रंग दिखाकर क्न्फयूज ना कर ,
कर्मों का फल लौट कर आता है ,
किसी को यूज ना कर ।
……..
तितली का सफर मैं बन जाउं,
उसे जो खुशी दे वह खबर मैं बन जाउं ।
…….
तितलियों का साथ जान से प्यारा है ,
दोस्ती उसकी जैसे नदी और किनारा है।
……….
काश हम भी तितलियों के संग उड़ जाते ,
फिर खुशी के फुव्वारे छुट जाते ।
……..
तेरी दोस्ती मेरा सहारा ,
अपनी मुहब्बत को
जिंदा कर रहा है दुबारा ।
यही तो है तितलियों का इशारा ।
…….
तितली बन के उड़ना है तो,
दिये की लौ से दूर रहना।
जिंदगी है बस एक पल की,
इसे खुशियों से भर के रहना।
……
नज़ारा क्या था जब वो परवाज़ में थी,
हवा के झोंकों से भी आगे निकली।
तितली ने रंग बिखेर दिए हैं,
जब वो अपने अंदाज मे थी ।
………
किसी का साथ प्यारा नहीं होता ,
प्यारा बनाना पड़ता है ,
तितलियों की तरह बार बार
उनके करीब आना पड़ता है।
…….
फूलों से उसने रंग चुराए हैं,
खुशबुओं के दामन को सजाया है।
ज़िंदगी है तो एक तितली सी ही ,
जो पल भर में ही उड़ जाया है।
……..
एक को छोड़ दूसरे के पास गई ,
दूसरे को छोड़ तीसरे के पास गई ,
यह हसीना नहीं असली तितली है ,
जो कइयों को चाट गई ।
…….
दिल करता है उस काली
तितली को गोली मार दूं ,
अच्छी नहीं लगती हमें वह बेवफा ,
उसे आसमां से नीचे उतार दूं ।
…….
इन तितलियों का भरोशा ना करें ,
अलग अलग फूलों के संग
जाने की आदत है इनकी ।
…….
कहते हैं तितली बेवफा होती है,
हर फूल को चूमकर उड़ जाती है।
कई दिवानों की यादें कुछ
इसी तरह से पीछे छुट जाती हैं।
……
जिस फूल से वह मुहब्बत करेगी ,
मुरझा जाने पर उसी से वह
एक दिन डरेगी ।
……
रंग-बिरंगे पंखों वाली मासूम सी दिखती है,
पर इसका दिल किसी पत्थर से कम नहीं।
आज जिस फूल पर है ये मेहमान,
कल उसी को छोड़कर जाएगी ,
इसे कोई जाने का गम नहीं ।
……..
हर फूल तितली संग अपनी
कहानी लिखना चाहता है ,
दिन और रातों की जवानी लिखना
चाहता है।
…….
तितली के पास ढेरों आप्सन होते हैं ,
आप अकेले नहीं हैं
जिसका दिल टूटा हो ।
…….
इंस्टाग्राम पर गंध मचा रखी है ,
गर्मी हो या सर्दी ,
आज की तितलियों ने
तो हद करदी ।
……..
एक दिन फूल ही लिखेंगे
तितलियों की बरबादी की कहानी ,
कितना भागेगी इन फूलों से
मेरी रानी ।
…….
जवानी कमल सी हसीन लगती है ,
पास मे हो एक तितली ,
तो हर वक्त यह रंगीन लगती है।
……..
फूलों की तरह एक दिन
तेरी भी जवानी खिल जाएगी ,
तितलियों के संग रहा कर
तुझे भी एक दिन कोई ना
कोई मिल जाएगी ।
…….
तेरा और मेरा सफर
जिसका कोई नाम नहीं ,
यह तितलियों की कहानी है ,
जिसका यहां कोई काम नहीं ।
…….
ईशारों मे मत समझाया कर ,
हम पहचान नहीं पाते हैं ,
तितलियों के संग मत आया कर ।
……….
तितलियों के बिना
दिल का बाग सूना हो गया ,
वह जालिम तितली
हमारी जिदंगी मे क्या आई
जिदंगी भर का रोना हो गया ।
…….
अंधेरे से तितलियों को प्यार नहीं होता ,
क्योंकि रोशन है उनकी जिदंगी
अंधेरा उनका संसार नहीं होता ।
……..
फूल कहीं पर जाते नहीं ,
वे अपने अपनी चाहने वाली
तितलियों को दूर से ही
अपने पास खींच लेते हैं।
………
हरामी तितली
दिल मेरा ले गई ,
बदले मे बेवफाई
यह दे गई ।
…….
दिल है तितली
का नाजुक सा ,
मैं तो मर ही चुका था ,
एहसास हुआ जब देखा
मेरे नाम का ताबुक सा ।
…….
तेरे ख़यालों की तितली, दिल के फूलों पर आई थी,
पर न जाने क्यूँ इस दिल का, इक काँटा भी न चुभा पाई थी।
………
तितली तो किसी के ख्याल मे जीती थी ,
रोज शाम को दारू के ठेक पर जाकर पीती थी ।
……..
शेर की दुश्मनी ,
और तितलियों की दोस्ती
पर कभी भरोशा नहीं करना चाहिए ।
…….
जालिम तितली, इश्क़ बुझा गई, शमा रोती है,
तेरे बिना अब यह जिदंगी सब कुछ खोती है ।
……..
चेहरा किसी का देखा नहीं ,
तितलियों की तरफ कभी कागज फेंका नहीं ,
कुछ ऐसी थी मेरी जिदंगी जिसका
कुछ लेखा नहीं ।
………
शेर हो या तितली ,
दोनो ने मिलकर
दुनिया सारी जीतली ।
…..
तितली बनी उड़ती फिरूँ, तेरे ख़्यालों के बाग़ में,
पर तूने तो मुझे दिया ही नहीं कोई फूल उस रात मे ।
…….
तितलियों को पाने की तमन्ना किसे नहीं होती ,
मिलती नहीं हैं इतनी आसानी से ,
वरना फना किसे नहीं होती ।
…….
दिल तोड़ के हंसती है वो
नए नए लौंडों के चक्कर
मे अक्सर फंसती है वो ।
…….
इक तितली ने सारे शहर
जला डाले ,
अपने हुस्न के जाल मे
न जानते कितने परवाने
फंसा डाले ।
……
चलती है तितली पीछे उड़ता है गर्दा ,
जाते उसको देखकर कइयों का
सपना है बिखरता ।
…..
दुनिया से बाहर करके ,
मौसम मे सुधार करके ,
आज फिर वो तितली
आई है किसी से इकरार करके ।
…..
हम दर्द कोई नहीं है दुनिया मे हमारा ,
यह तितलियां भी दर्द दे जाती हैं ,
मर्द करे तो क्या करे बेचारा ।
……
कुछ रिश्ते खूनी होते हैं ,
कुछ रिश्ते जनूनी होते हैं ,
और जो दोस्ती करले तितलियों से ,
वो रिश्ते अक्सर अंदरूनी होते हैं।
…….
ऐ तितली इतना गर्दा मत उड़ाया कर ,
हम फूल हैं तो फूल ही रहने दे ,
हमारे उपर अपने होंठों से शराब मत
गिराया कर ।
………
हम भी तितली तेरी
तन्हाई का हिस्सा बन जाएं ,
मगर कभी कभी डर लगता है ,
ड्रम मे मरने वाला किस्सा
न बन जाएं ।
……
रेड लिपस्टिक पर 101 सुंदर दिलों पर राज करने वाली शायरी
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