शैतानी शक्ति कैसे प्राप्त करें शैतानी शक्ति प्राप्त करने के तरीके

शैतानी शक्ति कैसे प्राप्त करें – जैसा कि जो लोग साधना करते हैं , उनको इसके बारे मे पता होता है। शैतानी शक्तियों को प्राप्त करना अच्छी शक्तियों को प्राप्त करने की तुलना मे काफी अधिक आसान होता है। इसलिए जो साधक साधना के पथ पर चलते हैं , वे जल्दी ही अपनी साधना को पूरा करने के लिए शैतानी शक्तियों का सहारा लेते हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं। लेकिन हम आपको यह भी बतादें कि शैतानी शक्तियों से किसी का भला नहीं होता है। कारण यह है कि जो खुद बुरे हैं , आप उनसे अच्छाई की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। इसलिए यदि आप भी कोई शैतानी साधना कर रहे हैं , तो आपको उस साधना से दूरी बनाने की आवश्यकता है। नहीं तो फिर आप एक बहुत ही बड़ी समस्या को मोल ले रहे हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं।

हालांकि शैतानी शक्तियों को प्राप्त करने के लिए कई तरह की साधनाएं होती हैं , जिनकी मदद से आप शैतानी शक्ति को प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन आपको बतादें कि इस तरह की साधना करने वालों का अंत काफी डेंजर होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। इसलिए यदि आप साधना कर रहे हैं। तो फिर आपको एक बार अपने गुरू से परामर्श करना चाहिए । और आपका गुरू आपको जो निर्देश देता है , आपको उसका पालन करना चाहिए ।

शैतानी शक्ति कैसे प्राप्त करें भूतनी साधना

दोस्तों शैतानी शक्ति को प्राप्त करने के लिए आप भूतनी साधना कर सकते हैं। लेकिन आपको इस तरह की साधना को करने के लिए गुरू से परामर्श लेना होगा । सबसे पहले रात 12 बजे चंपा के पेड़ के नीचे बैठ जाएं और वहां पर आपको नीचे दिये गए मंत्र का सहस्त्र बार जाप करना होगा ।आपको यह प्रयोग 5 दिन तक लगातार करना होगा । उसके बाद जब भूतनी प्रकट हो जाती है , तो फिर इसको चंदन और इत्र चढ़ाना चाहिए । जिससे प्रसन्न होकर कन्या प्रदान करती है। और सोना चांदी देती है। इस तरह की साधना करना गुरू के परामर्श से काफी आसान हो जाता है।

ॐ ह्रों क्रू क्रू क्रू कटु कटु ॐ महाभुतनी क्रू क्रू क्रू। 

सिन्दुरिणी भूतनी साधन

सिन्दुरिणी भूतनी साधन भी एक प्रकार की साधना होती है। जिसको गुरू के परामर्श से किया जा सकता है। और शैतानी शक्तियों को प्राप्त किया जा सकता है। ग्रहण काल के अंदर आपको यह साधना करनी होती है।रात को किसी पुराने सुने मंदिर के अंदर बैठकर आठ सहस्त्र बार मंत्र का जाप करना होगा ।और भूतनी पत्नी के रूप मे प्रकट होती है , और सभी तरह के सूख प्रदान करती है , और आपको वह स्वर्ण मुद्राएं प्रदान करती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

ॐ ह्रीं कृ कृ कृ कटू कटू कटू ॐ सिन्दुरिणी कृ कृ कृ ॐ श्र:

यदि आप शैतानी शक्ति को प्राप्त करना चाहते हैं। तो अपने गुरू के निर्देश के अंदर बबूल की साधना कर सकते हैं। और इसकी मदद से शैतानी शक्ति को प्राप्त कर सकते हैं। इसके अंदर आपको रात को 11 बजे एक बोतल के अंदर पानी को भरना है , और किसी बबूल के पेड़ के पास जाना है, जोकि सुनसान स्थान पर होना चाहिए । उसके बाद बबूल के पेड़ के पास बैठकर उसके अंदर पानी डालने से पहले ओम भूतेश्वरी मम वश्य कुरू कुरू स्वाहा मंत्र को 108 बार जाप करना है। फिर दक्षिण दिशा के अंदर मुख करके पानी डाल देना होता है।

उसके बाद आपको 41 दिन करना होगा । और यह प्रयोग आपको अमावस्या के दिन शूरू करना होगा । 41 दिन आपके सामने प्रेत प्रकट होगया या भूतनी होगी जोकि आपको पानी डालने के लिए कहेगी । और आपको पानी डालने से पहले उससे वचन लेलेना होगा । और उसके बाद आप बबूल के पेड़ मे पानी डाल सकते हैं। इस तरह से आप शैतानी शक्ति को सिद्ध कर सकते हैं। लेकिन आपको फिर कहना चाहता हूं कि बिना गुरू के इस तरह की क्रिया करने की गलती नहीं करनी है आपको ।

वरना यदि आप बिना गुरू के करते हैं , तो जरा भी यदि मिस्टके हुआ तो उसके बाद वह भूत आपके पीछे पड़ जाएगा । और आपके लिए काफी बड़ी समस्या हो जाएगी ।

आक के पेड़ से शैतानी शक्ति को वश मे करना

दोस्तों आक के पेड़ के बारे मे तो आप जानते ही हैं। आक के पेड़ की मदद से भी आप किसी शैतानी शक्ति को अपने वश मे कर सकते हैं। इसके लिए आपको करना यह है , कि दिन को 12 बजे पानी का लौटा लेकर जाना है। पहले लैट्रिन करना है । और बचा हुआ पानी आक के पेड़ में ढाल देना है। यह प्रयोग आपको 21 दिन करना होगा । 21 वे दिन आपके सामने भूत प्रकट हो जाएगा । और उसको अपनी अंगूली से खून देकर वश मे कर लेना होगा । और उसके बाद आप उससे मन चाहा काम करवा सकते हैं।

लेकिन आप इस प्रयोग को भी बिना गुरू के परामर्श के नहीं कर सकते हैं। यदि आप इसको बिना गुरू के परामर्श के करते हैं , तो उसके बाद यदि कोई भी मिस्टके होती है। तो आप बड़ी मुश्बित के अंदर पड़ सकते हैं। एक लड़के ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि उसने आक की साधना की और बीच मे डर गया । जिसकी वजह से उसने उसको अधूरा छोड़ दिया । उसके बाद से ही उसके जीवन के अंदर अच्छा नहीं चल रहा । वह एक गुरू के पास आया हुआ था । तो ऐसा आपके साथ भी हो सकता है। सावधानी बरते ।

भूत प्रेत शैतानी शक्ति को वश मे करने का तरीका

दोस्तों यह भी एक भयंकर तरीका होता है। जिसको बिना गुरू के परामर्श के नहीं किया जा सकता है। इसके अंदर आपको करना यह है। ​कि अमावस्या के दिन स्नान करके आपको लाल वस्त्र को धारण करना होगा ।उसके बाद किसी पीपल के पेड़ के पास जाएं और मन ही मन चिंतन करें कि भूत आपके मित्र के रूप मे रह रहे हैं।रात को 12 बजे के आस पास पिपल के पेड़ के पास जाएं और पांच हरे पतों पर सुपारी चढ़ाएं ।उसके बाद लोहबान अगरबत्ती, काले तिल व दही चढ़ाएं और फूल अर्पित करें । उसके बाद हकीक माला से 11 माला जाप करना है। उसके बाद भूत प्रेत आपके वश मे हो जाएंगे ।इस तरह से आप यह प्रयोग कर सकते हैं।

कर्णपिशाचनी साधना से शैतानी शक्ति

दोस्तों कर्णपिशाचनी के बारे मे तो आपने सुना ही होगा । कर्णपिशाचनी वह होती है ,जोकि आपके कान के अंदर किसी का भूत बता देती है। कर्ण पिशाच भविष्य को नहीं बता सकती है। आपको बतादें कि यह एक प्रकार की तामसिक साधना होती है। और हर किसी के बस मे इस साधना को करना नहीं होता है। और गलत तरीके से साधना करने से इंसान की मौत तक हो सकती है।

माना जाता है , कि यदि कोई कर्णपिशाचनी की साधना कर लेता है , तो उसके पास कई तरह की शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं। और उसके बाद उसके पास किसी भी तरह से धनआदि की कमी नहीं होती है। वैसे यह आम लोगों के लिए नहीं होती है। जो अघोरी लेाग होते हैं। वे इस तरह की साधना को करने का काम करते हैं। इस साधना को कम से कम 11 दिन तक करनी होती है। और इस साधना को करने के लिए एक एकांत कमरा होना चाहिए । वहां पर कोई भी नहीं आता जाता है। और घर के अंदर इस साधना को नहीं किया जा सकता है। रात 12 बजे के बाद यह करनी होती है। और इसके लिए कांसे की एक थाली लें और इसके अंदर एक सिंदूर का तिलक करें ।

ॐ नमः कर्ण पिशाचिनी अमोघ सत्यवादिनि

मम कर्णे अवतरावतर अतीतनागतवर्तमानानि दर्शय दर्शय

मम भविष्य कथय ह्रीँ कर्णपिशाचिनी स्वाहा।।

माना जाता है , कि जब आप कर्णपिशाचनी की साधना करते हैं , तो आपको कई तरह के अनुभव होते हैं। और अंत मे कर्ण पिशाचनी आपके सामने प्रकट होती है। और आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करती है। लेकिन तामसिक साधना होने की वजह से आपको लैट्रिंग वैगरह खाना पड़ता है। पेशाब पीना पड़ता है। एक तरह से इसको हम बहुत ही घटिया साधना के तौर पर देख सकते हैं।

और आपको बतादें कि जो भी साधक एक बार कर्णपिशाचनी की साधना कर लेती है। उसके बाद वह कभी भी उसको छोड़कर नहीं जाती है। और इस तरह के साधक की गति बहुत ही घटिया होती है। इसलिए हर कोई कर्ण पिशाचनी की साधना नहीं करता है। यदि आपको अच्छी साधनाएं करनी हैं , तो उसे आपको कोई नुकसान भी नहीं होगा । और आप कर सकते हैं।

मेरे कहने का मतलब यही है कि कर्ण पिशाचनी जैसी साधना से आपको दूरी ही बनाकर रखनी चाहिए । तभी आपको फायदा हो सकता है। नहीं तो फिर आपको लिए बहुत ही बड़ी समस्या हो जाएगी । इस साधना को करने वाले साधक अक्सर पछताते ही हैं।

इस तरह से दोस्तों कर्णपिशाचनी साधना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। यदि आप सोच रहे हैं , कि यह आसान है ,तो ऐसा नहीं है। आपको गदंगी से प्यार करना होगा । यदि आप ऐसा नहीं करते हैं , तो आप इस साधना को नहीं कर सकते हैं।

शैतानी साधना क्यों नहीं करनी चाहिए ?

यह बात सही है , कि बहुत से लोगों को शैतानी साधना काफी सरल लगती है। लेकिन इसका बहुत बड़ा नुकसान भी होता है। यह सही है , कि शैतानी ताकतें काफी आसानी से सिद्ध हो जाती हैं। जिसकी वजह से यह सब चीजें हमें काफी अधिक सरल लगती हैं। लेकिन शैतानी ताकतों के बारे मे एक कहावत बहुत अधिक मशहूर है कि यह आपको बहुत कुछ देती हैं , लेकिन उससे अधिक बदलने मे आपसे वसूल कर लेती हैं। जैसे कि किसी साधक की रियल पत्नी है , और वह कर्ण पिशाच को पत्नी के रूप मे सिद्ध कर लेता है , तो फिर कर्णपिशाचनी उसकी पत्नी को नष्ट करने लग जाती है। ऐसा हमने सुना है। इसी तरह से यदि आप किसी भूत प्रेत को सिद्ध कर लेते हैं , तो हो सकता है , कि कुछ समय के लिए वह आपका भला करें । लेकिन अंत मे आपको इससे किसी ना किसी तरह से नुकसान ही होता है।

असल मे आपने कई तांत्रिकों को देखा होगा , ​जोकि तंत्र की बुरी क्रियाएं करते हैं। और इन बुरी क्रियाओं की वजह से दूसरे इंसानों को परेशान करने का काम करते हैं। जैसे कि किसी के उपर जादू टोना करना आदि करते हैं , तो इसके लिए बुरी ताकतों का प्रयोग किया जाता है। बुरी ताकतें ही यह सब कर सकती हैं। और यदि अच्छी ताकतों की मदद से यह करवाया जाता है , तो यह सब संभव नहीं हो पाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।

दोस्तों शैतानी साधना को करना आपके लिए सही नहीं होगा । इसलिए किसी भी भूत प्रेत की साधना को आपको नहीं करना चाहिए । और यदि आप करते हैं , तो फिर आपको इसका नुकसान होगा । और बाद मे आपको बहुत ही अधिक पछतावा होगा ।

ऐसा नहीं है कि इस तरह की साधना करने वालों को इसके बारे मे पता नहीं होता है। लेकिन उसके बाद भी लोग करते हैं। और जब अनुभव होता है , तो बाद मे उनको पछताना पड़ता है। इसके अलावा उनके पास कोई और चारा बचता भी नहीं है। एक बार यदि आप इस साधना के चक्कर मे फंस गए तो फिर उस प्रेतनी या भूतनी से छूटकारा पाना आपके लिए असंभव हो जाता है , जिसको आप पहले ही सिद्ध कर चुके हैं।

और जब आपकी मौत हो जाएगी , तो इस तरह के भूत प्रेत आपको अपने ही साथ ले जाएंगे । आप कुछ नहीं कर पाएंगे । आपकी दुगति हो जाएगी । इसलिए जंहा तक हो सके आपको इन से बचना होगा ।

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