आज्ञा का विलोम शब्द Aagya ka vilom shabd

आज्ञा का विलोम शब्द Aagya ka vilom shabd , आज्ञा का उल्टा

शब्द (word) विलोम (vilom)
आज्ञाअवज्ञा
AagyaAvagya
orderdisobedience

‌‌‌आज्ञा का विलोम शब्द और अर्थ ( order)

‌‌‌दोस्तों आज्ञा वर्ड के बारे मे आपने सुना ही होगा । आज्ञा का मतलब होता है आदेश । केवल अपने से उच्च पद पर बैठा व्यक्ति ही आज्ञा दे सकता है। जैसे आपकी माता आपको आज्ञा दे सकती हैं। लेकिन आप अपनी माता को आज्ञा नहीं दे सकते हैं।क्योंकि यह संस्कार है। इसी प्रकार से यदि कोई आप से बड़े पद पर काम ‌‌‌करता है तो आपको आज्ञा दे सकता है।अक्सर अधिकारी लोग अपने नीचे कार्य करने वाले कर्मचारियों को आज्ञा देते हैं कि अमुक कार्य पूरा करो ।

‌‌‌इस प्रकार से आज्ञा का मतलब आप समझ चुके हैं।आज्ञा एक प्रकार का आदेश होता है। हालांकि आज्ञा अलग अलग प्रकार की हो सकती है। आपको कोई बुरी आज्ञा भी दे सकता है तो कोई आपको अच्छी आज्ञा भी दे सकता है। यह निर्भर करता है कि आज्ञा देने वाले इंसान का दिमाग किस प्रकार का है ?

आज्ञा का विलोम शब्द

और वह इंसान खुद किस तरह की ‌‌‌ प्रव्रति रखता है।यदि वह इंसान एक अच्छी प्रव्रति को रखता है तो वह आपको कभी भी बुरी आज्ञा नहीं देगा । हालांकि बुरी आज्ञा कों पूरा करने मे आपके लिए भी समस्या खड़ी हो सकती है।

अवज्ञा का मतलब (disobedience)

‌‌‌अवज्ञा का मतलब होता है उपेक्षा या अनादर आमतौर पर जब कोई आपको आज्ञा देता है और आप उस आज्ञा का पालन नहीं करते हैं तो यह एक तरह से उस इंसान का अनादर करना होता है। या आप उसकी उपेक्षा कर रहे हैं।

‌‌‌अक्सर आजकल आपको घरों के अंदर देखने को मिलता है कि बच्चा जब से जन्म लेता है वह आज्ञा मानता ही नहीं है। इसका कारण यह है कि उसे कभी भी आज्ञा नहीं मानने पर दंडित नहीं किया जाता है। और उसके बाद वह इसी प्रकार के माहौल के अंदर बढ़ा हो जाता है। और फिर तो वह कैसे आज्ञा मानेगा ही ।

‌‌‌आज का माहौल पहले जैसा नहीं रह गया है।सब कुछ बदल रहा है। बच्चें छोटी सी उम्र मे ही अपने माता पिता की अवहेलना करते हैं और उसके बाद वे एक बिगड़ेल बच्चे बनकर उभरते हैं। और अंत मे इस प्रकार के बच्चे माता पिता को भी परेशान करते हैं। ‌‌‌तो अवज्ञा का मतलब आप समझ ही चुके हैं।

आज्ञाकारी बालक की कहानी Story of obedient boy

‌‌‌प्राचीन काल की बात है दो बालक साथ साथ पाठशाला के अंदर पढ़ने के लिए जाते थे । और एक का नाम राम था तो दूसरे का नाम रावण था। राम अपने माता पिता का आज्ञाकारी बालक था। और रावण वही करता था जो उसके मन मे जंचता था।

‌‌‌एक बार गुरू नें उन दोनों बालकों को बुलाया और कहा ………..मैं तुम लोगों को एक विधा सिखाता हूं । जिसकी मदद से तुम किसी भी प्राणी को वापस जीवित कर सकते हो । गुरू की यह बात सुनकर दोनो बालक बहुत अधिक खुश हुए । 

‌‌‌………..लेकिन तुम को यह विध्धा सोच समझ कर ही प्रयोग करनी है। यदि तुम इसका वचन देते हो तो मैं तुम को यह तरीका बताउंगा ?

और उसके बाद दोनो शिष्यों ने इसका वचन देदिया ।तो गुरू ने राम और रावण को वह तरीका बताया जिसकी मदद से वह मरे हुए किसी भी जानवर और इंसान को जिंदा कर सकते थे ।

‌‌‌इस प्रकार से राम और रावण काफी सालों तक पाठशाला मे पढ़ते रहे और जब उनकी शिक्षा पूरी हो गई तो अपने गांव को लौट आए । एक दिन गांव के अंदर एक इंसान की मौत हो गई । राम भी वहां पर गया और उसने सुना की मरने वाला इंसान  ‌‌‌बहुत ही अच्छा था । वह गरीबों के लिए सदैव दान पुण्य करता रहता था। आज उसकी गांव को जरूरत है तो राम को अपनी शक्ति को आजमाने का फैसला किया और 

‌‌‌राम ने सबके सामने बोला …………..चूंकि यह एक भला इंसान था तो मैं अपनी शक्ति से इस इंसान को दुबारा जिंदा करता हूं ।और उसके बाद उसने कुछ मंत्र पढ़े तो वह व्यक्ति जिंदा हो गया। जैसे ही उठा उसने रामके सामने हाथ जोड़े और बोला आपकी कृपा से मैं जिंदा हो गया हूं ।‌‌‌अवश्य ही लोगों के कल्याण के लिए काम करूंगा ।

इस घटना के बाद राम की ख्याति विदेशों तक फैल गई और उसके बाद रावण ने यह सुना तो उससे यह सहन नहीं हुआ । वह वैसे भी राम से जलता था।

‌‌‌उसने पूरे गांव के अंदर एक सभा बुलाई और कहा कि वह भी एक मरे हुए जानवर को जिंदा करना चाहता है। जब लोगों को यह पता चला कि रावण के पास भी शक्ति है तो वे उसे देखने के लिए आ गए । पता नहीं किसी जानवर की हडि्डयों को मंगवाया गया ।

‌‌‌राम ने चेतावनी देते हुए कहा कि तुमने गुरू को वचन दिया था कि इस विध्धा का प्रयोग सोच समझकर करोगे । पता नहीं कौन जानवर की हडि्डयों को तुम प्रयोग मे ला रहे हो सावधान रहना ।

‌‌‌लेकिन उसने राम की बात को अनसुना कर दिया और मंत्र बोलने लगा कुछ ही पल के अंदर वह जानवर जिंदा हो गया । लेकिन यह क्या यह एक खुंखार शेर था। रावण यह देखकर काफी घबरा गया । आस पास के लोग चिल्लाने लगे ।

……….अरे जल्दी से इसको नष्ट करो वरना यह तुम्हे ही मार देगा । ……..राम ने कहा था।

‌‌‌…………लेकिन मे जिंदा करने का तरीका जानता हूं मारने का तरीका भूल गया हूं । रावण गिड़गिड़ाते हुए बोला ।

उसके बाद राम ने अपनी मंत्र शक्ति का प्रयोग करते हुए । उस शेर को वापस मृत कर दिया ।

इस प्रकार से इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है। कि बिना सोचे समझे कुछ भी नहीं करना चाहिए । वरना ‌‌‌नुकसान हो सकता है।यदि राम वहां पर नहीं होता तो शेर ना केवल रावण को मार देता वरन वह आपस पास के खड़े लोगों पर भी हमला कर देता जो बहुत अधिक घातक साबित होता । अधूरा ज्ञान पतन का कारण बनता है।

आज्ञा का विलोम शब्द लेख आपको पसंद आया होगा यदि आपका कोई सुझाव है तो नीचे कमेंट करें ।

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