उग्र का विलोम शब्द ugra ka vilom shabd

उग्र का विलोम शब्द ugra ka vilom shabd, उग्र का उल्टा

‌‌‌आइए जानते हैं उग्र शब्द और इससे जुड़े अर्थ के बारे मे ।

शब्द (word) विलोम (vilom)
उग्रसौम्य
UgraSaumy
  

उग्र का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌उग्र का मतलब होता है भयानक से माता काली का रूप उग्र होता है। उग्र रूप का मतलब एक तरह से होता है जो काफी खतरनाक अंदाज मे  नजर आता हो । हाथ मे तलवार लिए हुए या फिर एक तरह से क्रोधित इंसान को भी उग्र रूप मे माना जाता है।

उग्र का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌जैसे कि किसी ने आपको थपड़ मार दिया तो अचानक से आप उग्र हो सकते हैं और और उसके बाद आप हिंसक भी हो सकते हैं। उग्र रूप का मतलब यही होता है। आपने देखा होगा कि कई बार लोग आंदोलन करते रहते हैं लेकिन अचानक से यदि उनको कोई भड़का देता है तो वह उग्र हो जाते हैं और तोड़फोड़ करने लग जाते हैं। ‌‌‌और उसके बाद पुलिस उनके उपर लाठी चार्ज करती है।

सौम्य नाम का अर्थ और मतलब

उग्र का विलोम शब्द होता है सौम्य । सौम्य का मतलब शांत होता है। जब आप शांत होते हैं तो आपके लिए सौम्य शब्द का प्रयोग किया जाता है। एक तरह से रात का मौसम काफी सौम्य होता है। सौम्य मतलब शांति । कुछ इंसान स्वाभाव से ही सौम्य होते हैं।‌‌‌यदि आप इस प्रकार के इंसानों को यदि आप एक बार गाली मे देदेंगे तो यह उग्र नहीं होंगे ।लेकिन इसके विपरित कुछ इंसानों के स्वाभाव सौम्य नहीं होते हैं। वे सदैव उग्र हो जाते हैं। और बात बात पर मारने की बात करने लग जाते हैं।

‌‌‌खैर सौम्य और उग्र दोनों ही प्रकार के इंसानों का होना बहुत जरूरी होता है।यदि आपके घर के अंदर सारे ही इंसान सौम्य हैं तो उग्र इंसानों का मुकाबला आप नहीं कर पाएंगे । इसके अलावा यदि आप सारे ही उग्र हैं तो फिर भी समस्या हो जाएगी ।

‌‌‌असल मे जो सौम्य इंसान होते हैं उनको सौम्य कार्यों के अंदर लगाया जाना चाहिए । जैसे किसी कि देखभाल करने मे या डॉक्टरी क्षेत्र के अंदर इस प्रकार के इंसान काम आते हैं। इसके अलावा उग्र इंसान रक्षा के क्षेत्र मे बहुत ही उपयोगी साबित होते हैं। यह दुश्मन की खाट खड़ी कर सकते हैं।

‌‌‌क्योंकि लौहे को लौहा ही काट सकता है। यदि किसी बुरे इंसान को समाप्त करना है तो आपको उसी के जैसा एक बार बनना होगा । छल को छल से और बल को बल से समाप्त किया जाता है।

‌‌‌वर्ण व्यवस्था का कमाल कहानी

दोस्तों आपको पता ही होगा कि प्राचीन काल के अंदर वर्ण व्यवस्था चलती थी।यह वर्ण व्यवस्था आज भी काफी उपयोगी है लेकिन भारत के अंदर राजनीति ने इसका विक्रत रूप कर दिया है। इस व्यवस्था के अंदर वर्ण के आधार पर चुनाव होता था।

‌‌‌प्राचीन काल की बात है। एक राज्य के अंदर अनुज नामक एक राजा राज्य करता था।और वह राजा चारो ओर से दुश्मनों से घिरा हुआ था। कारण यह था कि उसके पास रखने वाले राज्य काफी खराब राजा के हाथो मे थे । उसे हमेशा यह डर बना रहता था कि पता नहीं कब कौनसा राज्य आक्रमण करदे ।

‌‌‌इसलिए वह कुछ ऐसा करना चाहता था कि उसके राज्य की रक्षा हो सके ।इसलिए उसने अपने मंत्री को बुलाया और बोला ……मंत्री हम चाहते हैं कि हमारे राज्य के लिए एक शक्तिशाली सैना तैयार की जाए जिसको परास्त करना काफी कठिन हो । कोई उपाय बताइए ?

——– ‌‌‌महाराज  मैंने इस पर कई विद्धानों से सुझाव मांगे थे । तो यही निष्कर्ष निकल कर आया कि हम वर्ण का चुनाव करें । हर घर के अंदर ऐसा व्यक्ति मिल सकता है जोकि काफी उग्र स्वाभाव का है और उसके अंदर क्षेत्रियों के गुण हैं। बस इसी तरीके से हम एक ताकतवर सैना तैयार कर सकते हैं। 

———- ‌‌‌सही बोला । नपुसंकों की फौज तैयार करने से अच्छा है बहादुर लोगों का चुनाव करना और उनको आगे की तरफ रखना और प्रशीक्षण देना । कल से ही लोगों का चुनाव करो ।

‌‌‌और उसके बाद राजा का आदेश पाते ही ।मंत्री ने दूसरे दिन पूरे राज्य के अंदर से 1000 ऐसे लोगों को उठाया जो काफी डेंजर थे । मरना और मारना उनके लिए एकदम से आम था। और उनको प्रशिक्षण दिया जाने लगा । काफी महिनों के प्रशिक्षण के बाद उनको उतना अधिक उग्र और खुंखार बना दिया गया कि वे दुश्मन के सिर ‌‌‌ काटकर उसकी माला अपने गले के अंदर घारण करते थे ।और उन 1000 लोगों को दो टुकड़ियों के अंदर बांटा गया और उसके बाद सीमा के उपर भेज दिया गया । लेकिन पास के राज्य को इसकी भनक नहीं थी।

‌‌‌वैसे तो दुश्मन राजा अनुज की भूमी को थोड़ी थोड़ी कब्जा कर रहा था । कारण यह था कि अनुज के अंदर दुश्मन राजा की विशाल सैना का मुकाबला करने की क्षमता नहीं थी।

‌‌‌लेकिन इस बार जैसे ही दुश्मन सैना आगे बढ़ी उग्र सैनिकों ने बहुत ही तेजी से दुश्मन सेना पर उसी की भाषा मे आक्रमण कर दिया । दुश्मन सेना पूरी तैयारी के साथ नहीं थी और समझ नहीं पाई । तो हजारों दुश्मन सेनिक मारे गए और सेना पीछे हट गई।

‌‌‌उधर उग्र सेनिक दुश्मन सेना के इलाके के अंदर दाखिल हो गए और पूरे राज्य के अंदर अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया । और दुश्मन सेनिकों को यह भी समझ नहीं आ रहा था कि आक्रमण किधर से होगा । और अंत मे दुश्मन राजा के दुर्ग को घेर कर उसके उपर भी अधिकार कर लिया गया ।

‌‌‌और इस प्रकार से राजा अनुज और अधिक ताकतवर हो गया । और अनुज के अचानक से हुए इस आक्रमण से दुश्मन राजा के मित्र काफी बोखला गए और उनके अंदर हिम्मत नहीं रही कि वह किस तरह से अनुज पर आक्रमण करें  । ‌‌‌क्योंकि दुश्मन राजाओं ने यह सुन रखा था कि अनुज ने एक बहुत ही शक्तिशाली सैना तैयार की है। और यह सेना इतनी खतरनाक है कि एक ही झटके के अंदर कई हजार सेनिकों को मौत के घाट उतार सकती है। ‌‌‌उसके बाद अनुज को कभी भी दुश्मनों का डर नहीं रहा । क्योंकि दुश्मन उनके नाम से ही कांपते थे ।

इस प्रकार से उग्र इंसान भी काफी काम आते हैं।

उग्र का विलोम शब्द ugra ka vilom shabd, उग्र का उल्टा लेख के अंदर हमने विलोम शब्द और इसके अर्थ के बारे मे जाना । इसके अलावा विलोम शब्द से जुड़ी एक कहानी को पढ़ा ।

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