आकर्षण का विलोम शब्द क्या है Aakarshan ka vilom shabd kya hai ?

आकर्षण का विलोम शब्द या आकर्षण का विलोम , आकर्षण का उल्टा क्या होता है ? Aakarshan ka vilom shabd , Aakarshan ka vilom shabd kya hai

शब्दविलोम शब्द
आकर्षणविकर्षण , अनाकर्षण | प्रतिकर्षण | अपकर्षण
AakarshanPratikarshan

‌‌‌आकर्षण का विलोम शब्द और अर्थ

आकर्षण का विलोम शब्द

आकर्षण का विलोम शब्द प्रतिकर्षण होता है। आकर्षण का मतलब एक तरह से खींचाव होता है। जिस प्रकार से लड़का और लड़की के अंदर एक खींचाव हो सकता है। क्योंकि वह भी एक प्लस माइन्स की तरह होते हैं।‌‌‌तो आप आकर्षण को काफी बेहतर तरीके से समझ गए होंगे । आकर्षण एक तरह का खींचाव हो है जो किसी वस्तु के बीच हो सकता है। आपने चुंबक को देखा ही होगा और उसका प्रयोग किया ही होगा चुंबक के अंदर लौह को आकर्षित करने की क्षमता होती है।

‌‌‌जब आप चुंबक के पास लौहा को लेकर जाते हैं तो वह लौह को अपने पास खींच लेता है वह भी आकर्षण है विज्ञान की भाषा मे इसको बल कहते हैं।

‌‌‌वैसे हम ज्यादा वैज्ञानिक ना बनते हुए इंसानों के आकर्षण की बात करते हैं। आकर्षण लड़कियों और लड़कों के बीच होता है। आपने कॉलेज मे देखा होगा और बड़े शहरों के अंदर एक दूसरे को चुमते चाटते कई लोग मिल जाएंगे । असल मे यह बुरा नहीं है। यही तो आकर्षण है। यह सब नेचुरल होता है।

‌‌‌हम हर इंसान की बात नहीं कर रहे हैं लेकिन अक्सर कुछ इंसान ऐसे होते हैं जो नेचर के आकर्षण को अप्रभावी करने मे सक्षम होते हैं। इस प्रकार के लोग योगी कहलाते हैं जो इस धरती पर कुछ खास उदेश्य के लिए जन्म लेते हैं।

‌‌‌इन योगी लोगों के अंदर किसी भी प्रकार का आकर्षण नहीं होता है। बस खुद की आत्मा के प्रति यह आसक्त होते हैं। जो वास्तव मे इनके लिए काफी फायदेमंद होता है।

‌‌‌दोस्तों आकर्षण नैचर को चलाने के लिए होता है। आकर्षण से आप कई चीजें कर सकते हैं। एक तो आकर्षण से ही बच्चा पैदा होता है। यदि सारे आकर्षण को समाप्त कर दिया जाए तो ‌‌‌क्या आपको लगता है कि पुरूष लड़कियों के नखरे झेलेगा । यह संभव नहीं है। यह दोनों के बीच आकर्षण ही है जोकि सब कुछ करवाता है। वरना दोनो अलग अलग हो ही जाएंगे ।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि यह आकर्षण निकट भविष्य के अंदर समाप्त नहीं होने वाला है। वरन बढ़ता ही जाएगा । कारण यही है कि आप आजकल जो कुछ देखते हैं वह आकर्षण को ही बढ़ाने का काम करता है। वह आकर्षण को कम नहीं करता है।

‌‌‌जिस गति से आकर्षण बढ़ रहा है उसके बुरे प्रभाव भी नजर आ रहे हैं। जैसे कि रेप के बढ़ते केस चिंता का विषय बनचुके हैं। इंसान भी अब जानवरों की तरह व्यवहार कर रहा है। भले ही इंसानों के पास भेजा है लेकिन असली इंसान तो बस कुछ लोग हैं। अधिकतर लोग जानवर रूपी इंसान हैं।

‌‌‌निर्भया का नाम तो आपको याद ही होगा वैसे इस कांड के अंदर लड़की के साथ बहुत बुरा हुआ । यदि लड़की के पास हथियार होता तो वह खुद की सुरक्षा कर पाती है। बाकी आप कोर्ट कचहरी के बारे मे तो जानते ही है।

‌‌‌प्रतिकर्षण का अर्थ और मतलब

प्रतिकर्षण का मतलब होता है दूर होना । प्लस और माइनस मे प्रतिकर्षण होता है। यदि आपने कभी बैटरी के प्लस माइनस को सोर्ट किया होगा तो आपको पता ही होगा कि चिंनगारी उपड़ती है। यह बात सिर्फ लाइट पर लागू होती है। अक्सर जब किसी के साथ ब्रेकअप हो जाता है तो उससे ‌‌‌प्रतिकर्षण पैदा हो जाता है।ब्रेकअप के बाद लड़कियां काफी अधिक रोती हैं। अक्सर ब्रेकअप के कई कारण हो सकते हैं। आज एक यूजर ने क्वैरा पर प्रश्न किया की उनके साथ एक लड़की बात करती थी दोनों के अंदर काफी प्यार था लेकिन ‌‌‌उसके बाद अचानक से पता नहीं क्या हुआ लड़की लड़के को इग्नोर करने लगी और उसने बात करना भी कम कर दिया ।और उसके बाद क्या था ? यह सब धीरे धीरे और अधिक बढ़ता रहा । लड़के को समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है ? लेकिन उसके बाद किसी आपके जैसे बुद्धिमान ने समझाया की ना बात करना भी एक बात ‌‌‌न करने का मतलब होता है मना करना ।कई बार हम क्या करते हैं कि मना कर देते हैं। लेकिन कई बार परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि मना नहीं कर पाते हैं। असल मे मना नहीं करने की वजह से अलगा समझता है कि अभी आकर्षण ही है। लेकिन असल मे यह आकर्षण नहीं प्रतिकर्षण होता है।

‌‌‌प्रतिकर्षण को हमेशा बुरा माना गया है। खास कर इंसानी रिश्तों मे ।लेकिन प्रतिकर्षण सिर्फ प्यार मे ही नहीं होता है। कई बार नफरत अधिक होने पर प्रतिकर्षण से भी कुछ बड़ा घटित हो जाता है।

‌‌‌एक कहानी आपको मैं बताता हूं । एक औरत थी जिसके 4 बच्चे थे ।उस औरत का पति विदेश गया हुआ था। उस औरत को अपने पड़ोसी से प्रतिकर्षण नहीं आकर्षण हो गया दोनों के नैन मिल गए । अब उस पड़ोसी ने औरत को पति से तलाक लेने को कहा जब पति घर आया तो औरत ने तलाक मांगा पति सब स्टोरी जान चुका था तो तलाक ‌‌‌ देदिया ।उसके बाद उस पड़ोसी ने उस औरत को एक किराये के कमरे मे रखना शूरू कर दिया। कुछ दिन तो दोनों ने खूब मौजमस्ती की लेकिन आपको पता ही है कि पंछी कितना भी हवा मे उड़ने लेकिन उसको जमीन पर तो झक मरवाना ही पड़ता है। उन दोनों के साथ भी यही हुआ ।

‌‌‌जब लड़के का मन भरगया तो उसने उस औरत को छोड़ दिया और उससे किनारा कर लिया । अपनी पहली पत्नी के पास चला गया । अब बैचारी औरत आज के जमाने मे 4 बच्चों का पेट कैसे भरे ? पग पग पर पैसा लगता है।

‌‌‌औरत को भी समझ आ गया कि अब क्या करें ? पुलिस मे शिकायत दर्ज करवाई लेकिन कुछ नहीं हुआ ।वह अपने पहले पति के पास भी आई लेकिन पति उसे रखने के लिए तैयार नहीं हुआ । उसके बाद औरत अपने घरवालों से शरण मांगने के लिए गई लेकिन अब बूढ़े माता पिता ने उसको शरण दी । उसे समझ आ चुका था कि यह दुनिया ‌‌‌ कैसी है ? और इसके अंदर रहने वाले लोग कैसे हैं ? तो दोस्तों रिश्तों मे आकर्षण सदा ही नहीं रहता है। कभी कभी उनके अंदर प्रतिकर्षण भी हो जाया करता है।

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