आय का विलोम शब्द क्या है Aay ka vilom shabd kya hai ?

‌‌‌आय का विलोम शब्द या ‌‌‌आय का वियोग शब्द, ‌‌‌आय का उल्टा क्या होता है ? Aay ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
आयव्यय
AayVyay

‌‌‌आय का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों आय का विलोम शब्द होता है व्यय । वैसे आय का मतलब आपको बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आपने आय शब्द के बारे मे बहुत ही अच्छी तरह से सुन रखा है। आय का मतलब होता है आमदनी । आप एक साल के अंदर कितना पैसा कमाते हैं वह आपकी वार्षिक आय होती है। तो आय का मतलब आप ‌‌‌समझ ही चुके हैं। इसके अलावा वर्तमान मे तो हम सभी लोगों की आय की कहानी काफी खराब हो चुकी है। भारत के अंदर वैसे भी गरीबी बहुत बढ़ चुकी है दो वक्त की रोटी मिल जाए यही बहुत बड़ी बात होगी ।

खैर आप देख सकते हैं कि जिस दर से महंगाई बढ़ रही है उसे देखकर तो यही लगता है कि गरीबों पर दौहरी मार पड़  ‌‌‌रही है। पहले नोट बंदी ने लोगों का काफी बुरा हाल किया और अब लोकडाउन ने भी लोगों का बहुत ही बुरा हाल कर दिया काम धंधे चौपट हो गए । आप समझ सकते हैं कि एक घर के अंदर कितना अधिक खर्च लगता है। और इस चक्कर मे तो बहुत सारे लोग तो कर्ज के अंदर डूब गए हैं। और कुछ लोगों की जमीन तक बिक गई है।

आय का विलोम शब्द

‌‌‌एक जमाना हुआ करता था जब लोग विदेशों के अंदर जाकर अच्छा पैसा कमाया करते थे लेकिन अब विदेशी सिस्टम भी पूरी तरह से टफ हो चुका है। वहां पर आपको अच्छा पैसा कम ही मिलता है।और जनसंख्या के मामले मे तो भारत नंबर वन बन चुका है। रोज बेरोजगारी के लिए आंदोलन होते हैं लेकिन इतने लोगों को सरकार भी ‌‌‌ रोजगार कहां से देगी । आप स्थिति को समझ सकते हैं। उपर से टेक्स को बढ़ाकर सरकारें तो अपना सिटा सेक ही रही हैं। लेकिन जो लोग गरीब तबके के हैं उनके लिए जीना हराम हो चुका है। यदि वे बीमार हो जाते हैं तो सरकारी अस्पताल मे जाते हैं वहां पर डॉक्टर उनके उपर चिल्लाते हैं बेचारे डर जाते हैं। यही ‌‌‌ सारे अस्पतालों का हाल है और यदि वे पराइवेट अस्पताल के अंदर जाते हैं तो उनके पास उतने पैसे नहीं हैं। दोस्तों आय अर्जित करने के साधन अब कम हो चुके हैं और आप किसी भी क्षेत्र के अंदर चले जाएं । आपको हर क्षेत्र के अंदर कम्पीटिशन ही मिलेगा । और यदि आपके अंदर टैलेंट है तो शायद आप कुछ अच्छा ‌‌‌ कमा सकते हैं। इसके विपरित कुछ आलसी किस्म के लोग भी होते हैं जोकि मेहनत करना ही नहीं चाहते हैं। मैं खुद इस तरह के लोगों को जानता हूं जोकि मेहनत नहीं करना चाहते हैं। भले ही उनके घर के सदस्य काफी परेशाना हो पैसा पैसा के लिए लेकिन उनको इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।

‌‌‌और यदि आप सरकारी नौकरी से आय कमाने के बारे मे सोच रहे हैं तो उसका तो और भी बहुत ही बुरा हाल है क्योंकि सरकारी नौकरी के अंदर आजकल रिश्वत चलती है। और यदि आपके पास अच्छा पैसा है तो फिर आप किसी भी सरकारी नौकरी को कर सकते हैं। आज टैलैंट की कोई भी कद्र नहीं होती है।‌‌‌इन सबको पनाह देने वाले कोई और नहीं हैं। खुद हमारी ही सरकारें हैं आप समझ सकते हैं कि स्थिति कितनी खराब हो चुकी है।

‌‌‌व्यय का अर्थ और मतलब

दोस्तों व्यय के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे । व्यय का मतलब होता है खर्च करना । जैसे कि आपके पास हजार रूपये थे उनमे से आपने 500 रूपये की कुछ चीज को खरीद लिया तो इसका मतलब यह होता है कि आपने 500 रूपये को व्यय कर दिया ।

‌‌‌और खर्च के बारे मे तो आप आजकल अच्छी तरह से जानते ही हैं। आजकल खर्च का हाल बहुत अधिक बुरा हो चुका है। आज यदि आप दिन के 500 रूपये कमाते हैं तो उनकी तुलना मे अधिक पैसा खर्च हो रहा है। इतने पैसे के अंदर आप बस अपने घर के लिए रासन ही खरीद पाते हैं और कुछ भी नहीं कर पाते हैं।

‌‌‌बस कुछ महंगा हो चुका है। और महंगाई आज के गरीब इंसान की कमर तोड़ रही है। इसके अंदर कोई भी शक नहीं हैं। और हमारी सरकारों का तो हाल ही क्या है ? उनको कोई मतलब नहीं है। वे बस अपनी कुर्सी की मलाई चाटने मे लगी हुई हैं।

‌‌‌और जो अच्छे लोग होते हैं उनको वोट नहीं मिल पाता है। और यदि वे वोट पा ही जाते हैं तो कलयुग मे हमेशा बुरे  लोगों का ही पल्डा भारी रहता है तो कुछ भी होता नहीं है। दोस्तों आप समझ सकते हैं कि स्थिति क्या है।

‌‌‌पैट्रोल के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। इस पर सरकार ने इतना अधिक टेक्स लगा दिया है जानते हैं यह टेक्स क्यों लगाया है ताकि सरकार के पास अधिक से अधिक पैसा आ सके और उससे ही तो सरकारी नौकरो की तनख्वाह बढ़ती है। और जब पैट्रोल इतना अधिक महंगा हो चुका है तो आप समझ सकते हैं कि ‌‌‌ कितना हाल खराब हो चुका है। लेकिन आम आदमी की जेब कट रही है। ना केंद्र सरकार टेक्स घटाने को तैयार है ना राज्य सरकार कोई मतलब नहीं है। लूट इस चक्कर मे जनता रही है। दोस्तों व्यय का हाल ही बहुत बुरा है।

‌‌‌आजकल खर्च काफी अधिक होता है। आप बाजार के अंदर 500 रूपये लेकर जाते हो तो समान कुछ दिखता ही नहीं है। बस पलक झपकते ही 500 रूपये खर्च हो जाते हैं। आप आप सोच सकते हैं कि महिने के 5000 रूपये कमाने वाला इंसान किस तरह का जीवन जीता होगा । बिजली की बात करें तो बिजली कंपनी तो अच्छा पैसा वसूल रही है।

‌‌‌लगातार बिजली बिल के अंदर बढ़ोतरी की जा रही है। शहर के तो नाम से ही पैसा लगता है। दोस्तों और जब मर्जी तब बिजली काट देते हैं। इसी समस्या से परेशान होकर मैंने सोलर सिस्टम लगवालिया।

‌‌‌वरना बिजली ने तो पूरा दिमाग ही खराब कर दिया था। कई बार तो काम ही नहीं करने देती थी बिजली तो एक दिन कुछ पैसा खर्च किया और सोलर लगवालिया । अब चिंता नहीं है किसी कि बिजली जाए या आए ।

‌‌‌इस तरह से आप समझ सकते हैं कि खर्च जितना होता है उतनी आमदनी नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति के अंदर आप क्या कर सकते हैं। बस रोने के अलावा । और सरकारों को कोसने के अलावा ।

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