‌‌‌बादल का पर्यायवाची शब्द क्या होता है

दोस्तो आपको यहां पर बादल का पर्यायवाची शब्द badal ka paryayvachi shabd या बादल का समानार्थी शब्द badal samanarthi shabd देखने को मिलेगा । साथ ही बादल के बारे मे कुछ ऐसी बाते पता चलेगे जो आपको पहले नही पता होगी ।

बादल का पर्यायवाची शब्द या बादल समानार्थी शब्द { badal ka paryayvachi shabd / badal samanarthi shabd}

शब्द {shabd}पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd}  
बादलबदली, अंबुद, मेघमाला, वारिधर, नीरधर, घनश्याम, तोयद, पयोद, अंबुधर, मेघ, जलधर, घनमाला, मेघावली, जलद, नीरद, बलाहक, कादंबिनी, धाराधर, घटा, अब्र, पर्जन्य, तोयधर, वारिद, जीमूत, अभ्र, घन, पयोधर, सारंग, आकाश, आसमान, गगन, नभ, व्योम ।
badalAmbud, meghamala, varidhar, Nerdhar, ghanashyams, Toyad, Payod, Ambudhar, Megh, Jaldhar, Ghanmala, Meghavali, Jalad, Neerad, Balahak, Kadambini, Dharadhar, Ghata, Abra, Parjanya, Toyadhar, Warid, Jimut, Abhra, Ghan, Payodhar, Sarang, akas, asam,ana, gagana, nabha, cyoma abhra,.
cloudAmbud, cloud Nerdha, ghanashyam, mass, overcloud, maze, tangle, complication, mix, patchwork, sledgehammer, sky, overcloud, darken, dyed, up sky rain clouds, visible clouds, White clouds, black clouds, blue clouds, blue sky, Cirrus Clouds Cumulus Clouds, Nimbus Clouds, Stratus Clouds, high clouds, medium clouds,low clouds .

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‌‌‌बादल का पर्यायवाची शब्द क्या होता है

बादल क्या है –

धरती से उपर जाने वाली वाष्प की मात्रा मे जल होतो है जो आसमान मे जाकर ठंडे हो जाते है और एक दूसरे से चिपकने लगते हे । जिसके कारण से बादल का निर्माण होता है । अब जो जल के कण होते है वे बहुत ही छोटे होते है ।

बादल का पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग badal ka paryayvachi shabd ka vakya me prayog

  • आज तो बादल बडे ही खुबसुरत दिख रहे है ।
  • देखने से पता चलता है की बादल आज पुरी तरह से पानी से भरे हुए है जरूर आज तो वर्षा होगी ही ।
  • आज बादल इस तरह से दिख रहे है की मानो किसान अपने खेत मे हल चला रहा हो ।
  • आसमान मे बादल की खुबसुरती दिखने से धरीती ‌‌‌पर भी बडा खुबसुरत लगता है ।
  • मैंने तो पहले ही कहा था की आज मेघमाला लग रहा है जरूर वर्षा आएगी और वही हुआ ।
  • तुम्हारे तो बादल दिखने लगे है ।
  • आज जरूर वर्षा हो जाती मगर हवा के तेज प्रवाह ने बादल को उडा कर दुसरी और ले गई ।

बादल के बारे मे रोचक तथ्य baadal ke bare me rochak tathya

  • ‌‌‌बादल पानी से मिलने वाली बूंदो से ही बनता है मगर एक बादल का वजन 5 लाख के करीब होता है ।
  • अंटार्कटिक हिंद महासागर एक ऐसा स्थान है जहां पर बादल सबसे अधिक पाए जाते है ।
  • बादल की गति बहुत अधिक होती है जिसके कारण से वह कुछ ही समय मे दूसरी जगह मे चला जाता है । यह गति 145 फीट प्रति सेकंड तक होती है ।
  • बादल का रंग लाल भी हो सकता है इसका कारण बादल के साथ मिली हुई लाल मिट्टी के कुछ कणो का है ।
  • ‌‌‌जब पृथ्वी का जल वाष्प बन कर उपर चला जाता है तो वह ठंडा होकर बादल बन जाते है । अब बादल मे पानी भी होता है जो वापस वर्षा के जरीय धरती पर आ जाता है ।
  • जब गर्म हवा चलती है तो वे सबसे अधिक नुकसान बादल को करती है जिसके कारण से बादल फट जाते है और पृथ्वी पर बहुत अधिक मात्रा मे बारीस हो जाती है ।
  • शुक्र ग्रह में भी बादल पाए जाते है जो मुख्य रूप से सल्फर डाइऑक्साईड के बेने होते है । ये बादल दुसरो की तुलना मे काफी अधिक ‌‌‌मोटे होते है।
  • बादल के कारण से आसामन से दोडने वाली हवाई जहांज को सही तरह से दिखाई नही ‌‌‌देता है जिसके कारण से हवाई जहांज को एक निश्चित स्थान पर पहुंचने मे बहुत अधिक समय लग जाता है ।
  • भाग्यशाली के प्रतिक के रूप मे भी बादल को जाना जाता है । इसे इस रूप मे मानने वाला ईरान है ।
  • मंगल ग्रह से बादलो से बर्फ के गिरने का पता नासा ने लगया था ।
  • एक बादल फटने से लगभग 100 एमएम वर्षा हो जाती है । यह वर्षा इंच मे 4 इंच होती है ।
  • पानी से भरे हुए बादल देखने मे काले व मोटे दिखाई देते है ।
  • ‌‌‌जब बादलो मे पानी नही होता है तो उनका रंग सफेद दिखाई देता है । इसका कारण बादल का प्रकाश को प्रतिबिबित करना होता है ।
  • क्षोभ मंडल मे बादल सबसे अधिक पाए जाते ‌‌‌है ।
  • बादल मे जब अधिक मात्रा मे पानी होता है तो वे अपने सामने आए अवरोध से बरसने लगते है साथ ही कभी कभी वे फट भी सकते है।
  • ‌‌‌ बादल से वर्षा होती है जिसके कारण से पृथ्वी पर पानी गिरता है । मगर कभी कभी बादल से वर्षा के साथ साथ बर्फ के छोटे छोटे टुकडे भी गिरते है ।
  • बादल के निर्माण मे उपयोग होने वाली पानी की बूंद का आकार 1 माइक्रोन होता है ।

‌‌‌बादल के कारण से होने वाली घटनाएं badal ke karan se hone wali ghatnayen

  • अक्स सुनने को मिलता है की बादल फटने के कारण से इतनी अधिक वर्षा हुई की आस पास के इलाको मे बाढ आ गई । यानि बादल से सबसे अधिक घटनाए बादल फटना ही होता है । क्योकी एक बादल फटने के कारण से 4 इंच तक वर्षा हो जाती है । जिसके कारण से आस पास का इलाका पानी से भर ‌‌‌जाता है । इसी तरह की कुछ घटनाए है –
  • गंगा डेल्टा 8 जनवरी 1966 मे एक ‌‌‌बादल फटने की घटना सामने आई । जिसके कारण से गंगा डेल्टा में बाड आ गई थी ।
  • अमेरिका के वर्जीनिया मे 24 अगस्त 1906 को एक बादल फटा था जिसके कारण से लगातार 50 मिनट तक वर्षा हुई । इस घटना के बारण से वर्जीनिया मे पानी पानी हो गया । इसे एक तबाही का रूप दिया गया ।
  • 2016 मे उतराखंड मे भी एक बादल फटा था जिसके कारण से करीब 1970 एमएम वर्षा हुई थी ।
  • ‌‌‌भारत के उत्तराखंड के चमोली मे 19 जुलाई 2018 को बादल फटने से 4 लोगो की जान चली गई । साथ ही कुछ लोग पहाड के मलबे मे दफन हो गए । जिन्हे समय पर निकाला गया ।
  • ‌‌‌भारत के जम्मू और ‌‌‌कश्मीर के लेह मे 6 अगस्त 2010 मे एक बादल फटने की घटना का पता चला । घटना के अनुसार लगातार वर्षा होती रही और कुल वर्षा 1.9 इंच हो गई । यह वर्षा कुल 1 मिनट तक होती रही ।
  • 24 अगस्त 1906 को अमेरीका के वर्जीनिया शहर मे एक बादल फटने से लगातार 40 मिनट तक वर्षा हुई जिसके कारण से वहां के लोगो को नुकसान पहुंचा । क्योकी यह वर्षा कुल 9.20 इंच के करीब थी ।

  • 7 जुलाई 1947 को रोमानिया मे भी 8.1 इंच वर्षा हुई । जब इस बारे मे छानवीन की गई तो पता चला की यह घटना भी एक बादल फटने ‌‌‌के कारण से हुई है । क्योकी बादल की यह एक ऐस घटना थी जिसमे कुल 20 मिनट मे इतना अधिक पानी वर्षा के रूप मे हो गया ।
  • पनामा के पोर्ट बेल्स शहर मे 5 मिनट तक लगाता वर्षा होने से कुल 2.43 इंच वर्षा हो गई । यह घटना भी एक बादल फटने की थी जो 29 नवम्बर 1911 को हुई थी। इस घटना मे पनामा के पोर्ट बेल्स ‌‌‌शहर के लोगो को नुकसान पहुंचाया ।
  • 12 मई 1916 को जमैंकाके प्लम्ब पॉइंट मे भी 7.9 इंच वर्षा कुल 15 मिनट मे हो गई थी । जो विश्व की प्रमुख बादल फटने की घटनाओ मे से एक रही थी । इस घटना के कारण से वहां के लोगो का काफी नुकसान सहना पडा ।

‌‌‌बादल का निर्माण कैसे होता है badal kaise banta hai

दोस्तो हमारी पृथ्वी पर बहुत ही अधिक मात्रा मे पानी पाया जाता है । यानि 70 प्रतिशत तक हमारी पृथ्वी पर पानी जाया जाता है जो सूर्य की रोशनी से तपने लग जाता है जिसके कारण से पानी गर्म होना शुरू हो जाता है । और इस तरह से गर्म होते हुए पानी वाष्प बन कर उपर उठने लग ‌‌‌लग जाता है ।

अब पानी समुद्रो और अन्य नदियो से उठ कर आकाश की तरफ जाने लग जाता है क्योकी अभी वह गर्म होता है जिसके कारण से वाष्प के रूप मे ही रहता है । मगर जैसे ही आसमान में पहुंचता है तो वहां पर ठंडी हवा के कारण से पानी वाष्प से पानी की ‌‌‌बूंदो के रूप मे जमा हो जाता है। साथ ही आसमान मे ठंड के ‌‌‌कारण से कुछ ‌‌‌बूंदे हिंम मे बदल जाती है ।

इसके साथ ही वहां पर धुल के छोटे छोटे कण भी पाए जाते है । अब ये धुल के कण और पानी की ‌‌‌बूंदे व हिंम एक साथ मिलना शुरू हो जाते है । जिसके कारण से एक बादल का निर्माण शुरू हो जाता है । जब एक बादल बनता है तो कई पानी की बूंदो का प्रयोग होता है क्योकी पानी की ‌‌‌बूंद इतनी सुक्ष्म होती है की उन्हे देखने पर भी पता नही चल पाता है । यानि लगभग एक माइक्रोन जितनी छोटी पानी की बूंदो से मिलकर बादल बनता है ।

बादलो को उंचाई के आधार पर तीन भागो मे बाटा गया है जो है

उच्च बादल – ये बादल पूरी तरह से बर्फ से बने होते है और इन्हे देखने पर सफेद दिखाई देते है । इन बादलो की उच्चाई 20,000 फिट होती है ।

मध्य बादल – 2000 से 6000 मीटर उच्चाई पर पाए जाने वाले बादलो को मध्य बादल के नाम से जाना जाता है । इन बादलो के कारण से ही पृथ्वी पर वर्षा होती है । क्योकी बादल पूरी तरह से ‌‌‌पानी से भरे हुए पाए जाते है । जिसके कारण से जैसे ही यह किसी अवरोध से टकराते है या गर्म हवा के ‌‌‌सम्पर्क मे आते है पृथ्वी पर बरसने लग जाते है । इन बादलो का देख कर ही अनुमान लगाया जा सकता है की आज वर्षा हो सकती है । इन्हे वर्षा वाले बादल के नाम से भी जाना जाता है ।

निचले बादल – 2000 मीटर नीचे की और पाए जाने वाले बादलो को ही निचले बादल के नाम से जाना जाता है । ये बादल भी वर्षा के होते है मगर पर्याप्त वर्षा के नही होते है । बादलो को देखने से ऐसा लगता है की इनमे पानी की मात्रा है । साथ ही ये बादल धुवे की लहरो के समान दिखाई देने वाले भी होते है । ये बादल आसमान मे सबसे निचे ‌‌‌पाए जाते है ।

‌‌‌बादल के फटने की घटना badal ke phatne ki ghatna

बादल फटने घटना पृथ्वी पर अलग अलग जगहों पर देखने को मिलती रहती है । मगर इस बारे मे किसी को पता नही की बादल आखिर फट क्यो जाते है । इस घटना के बारे मे कुछ लोग समझते है की जैसे बर्फ के टुकडे होकर पृथ्वी पर आ गिरते है तो इसे बादल फटना कहा जाता है । मगर बादल एक पानी से भरे ‌‌‌गुब्बारे की तरह होता है जो फट जाने के बाद काफी अधिक मात्रा मे वर्षा करता है । यह एक प्रकार की घटना है और इसके कारण से बहुत से लोगो को नुकसान भी सहना पड जाता है । आखिर यह घटना किस कारण से होती है इसके दो तर्क है

मार्ग मे अवरोध आने से बादल फटना marg me avrodh aane se badal phatna

बादल हवा के सहारे गति करते रहते है ‌‌‌और इनकी गति इतनी तेज होती है की यह कुछ ही समय मे दूसरे स्थान में पहुच जाते है । मगर उपर आसमाने मे ठंड होने के कारण से बादल मे उपस्थित पानी की बूंद एक साथ जुडी रहती है । मगर जब इनके मार्ग मे कोई अवरोध आ जाता है जैसे पहाड, दूसरा बडा बादल इस तरह के अवरोधो से टकराकर बादल फट जाते है ।

अब बादल फट ‌‌‌जाने से जीन पानी की बूंदो से बादल मिलकर बना होता है वह पानी की बूंद आसमान से पृथ्वी पर गिरने लग जाती है । यह क्रिया बहुत ही तेज गति से होती है जिसके कारण से जिस स्थान पर बादल फटता है उस इलाके मे पूरी तरह से पानी भर जाता है । क्योकी एक बादल मे बहुत अधिक मात्रा मे पानी होता है जिसके कारण ‌‌‌से उस इलाके मे बाढ तक आ सकती है ।

एक बार बाढ आ जाने के कारण से इलाके के लोगो व उनकी संपत्ति का बडा ही नुकसान होता है । इस तरह की घटना विश्व के बहुत से देशो मे देखने को मिल ही जाती है ।

गर्म हवा से बादल फटना  garm hva se badal phatna

वातावरण मे गर्म हवा चलने के कारण से आस पास के पेड पोधे पूरी तरह से नष्ट होने लगते है‌‌‌ क्योकी गर्म हवा पानी को नष्ट करने का काम करती है और पानी को वाष्प बना देती है । इसी तरह से नदियो मे होता है वहां पर भी गर्म सूर्य की किरणो और गर्म हवा के कारण से वाष्प बन कर पानी उपर की तरफ जाने लग जाता है ।

‌‌‌इस तरह से जब बादल को गर्म हवा लगती है तो उनमे उपस्थित हिंम के कण नष्ट होने लग जाते है और बादल मे उपस्थित पानी पूरी तरह से पृथ्वी पर आ गिरता है । इसे हवा से बादल फटना कहा जाता है । इस तरह की घटना वहां देखने को मिलती है जहां पर अधिकतर गर्म हवा चलती रहती है ।

इस तरह से दोस्तो गर्म हवा जो होती है वह जब ठंडी हवा से मिलती है तो बादल जो होते है वे गर्मी से जिस पानी को अपने अंदर समा रखा था वह छोड़ देते है और इसके कारण से होता यह है की बादल जो होता वह फट जाता है ।

आदल के फटने के पीछे केवल गर्म हवा ही नही होती हे बल्की कुछ अन्य कारण भी होते है और वह आपको उपर बताया गया है ।

वैसे दोस्तो इस लेख में आपको विशेष रूप से बादल के पर्यायवाची शब्द के बारे में जानकारी दी गईहै । मगर जब आप बादल के बारे में अधिक से अधिक जानलेते है तो यह पर्यायवाची शब्दो को याद करना आसान बना देता है और आशा है की आपको अभी तक पर्यायवाची शब्द याद हो चुके है।

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