diclofenac gel ip uses in hindi or side effect

diclofenac gel ip uses in hindi .diclofenac gel ip का उपयोग कई तरह के दर्द मे किया जाता है। इसके बारे मे एक लिस्ट हम आपको नीचे दे रहे हैं। यह एक प्रकार की क्रीम होती है। जिसको दर्द वाले स्थान पर लगाया जाता है। यदि आपको नीचे दिये गए दर्द के प्रकारों मे से कोई समस्या है तो आप इस क्रीम का उपयोग कर सकते हैं।

‌‌‌वैसे तो इस दवा के किसी तरह के दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन कुछ लोगों को इस दवा से एलर्जी हो सकती है। जिनको इस तरह की दवा से एलर्जी होती है। उनको चाहिए कि इस दवा का प्रयोग अपने डॉक्टर के परामर्श के बाद ही करें । तभी फायदे मंद होगा ।

diclofenac gel ip uses in hindi

diclofenac gel ip के उपयोग के बारे मे हम जानते हैं। इसकी लिस्ट के बारे मे हम नीचे जानकारी दे रहे हैं।

  • सपेशियों में दर्द
  • दांत में दर्द
  • गठिया संबंधी दर्द
  • दर्द
  • अन्य लाभ
  • सिरदर्द
  • जोड़ों में दर्द
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस
  • स्पॉन्डिलाइटिस
  • गाउट
  • माइग्रेन
  • टांगों में दर्द
  • बदन दर्द
  • साइटिका
  • पैरों में दर्द
  • कंधे में दर्द
  • मोच
  • एड़ी में दर्द
  • कलाई में दर्द
  • आंखों की सूजन
  • आंखों में जलन
  • वैरीकोसेल
  • वृषण में दर्द
  • जोड़ों में अकड़न
  • पैर में फ्रैक्चर
  • आंखों में दर्द

diclofenac gel ip uses in hindi ‌‌‌मांसपेशियों के अंदर दर्द

‌‌‌दोस्तों diclofenac gel ip uses  का उपयोग मांसपेशियों के अंदर दर्द के लिए किया जाता है। मांसपेशियों के अंदर दर्द कहीं पर भी हो सकता है। क्योंकि शरीर के कई हिस्सों के अंदर मांसपेशियां हैं। वैसे तो मांसपेशियों का दर्द बहुत ही आसानी से गायब हो जाता है। लेकिन कई बार क्या होता है कि लंबे ‌‌‌समय तक दर्द मांसपेशियों के अंदर ठहर जाता है जिसकी वजह से आपको काफी परेशानी होती है। और कई बार किसी तरह की अंदरूनी चोट वैगरह लगने से भी मांसपेशियों के अंदर दर्द होने लग जाता है। आपद इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌वैसे आपको यह बतादें कि मांसपेशियों के जो दर्द होते हैं वे चार प्रकार के होते हैं और यह जीवन के अंदर किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके बारे मे कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। मांसपेशियों का दर्द कुछ समय के लिए रूक सकता है या फिर यह लंबे समय तक बना रह सकता है।

  • एपीडेमिक मायलजिया (Epidemic Myalgia) के अंदर मांसपेशियों के अंदर दर्द जो होता है वह संक्रमण की वजह से होता है। संक्रमण का यह दर्द छाती के उपर या फिर नीचे या किसी और हिस्से मे हो सकता है।
  • पोलिमायलजिया आमतौर पर गम्भीर जोड़ों का दर्द होता है जोकि पीठ या घुटनों के अंदर हो सकता है। यह दर्द काफी अधिक परेशान करने वाला होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ट्रैपिजियस आमतौर पर मांसपेशियों के अंदर किसी भी तरह की खराबी की वजह से होता है। यह मांसपेशियों के अंदर लंबे समय तक चलने वाला दर्द होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • फाइब्रोमायलजिया एक इस प्रकार का दर्द होता है जोकि शरीर के दोनों तरफ के भागों को प्रभावित करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसके अंदर जो दर्द होता है वह कभी कम या अधिक गम्भीर हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌अब यदि हम मांसपेशियों के अंदर दर्द के ‌‌‌कई कारण बात करें तो यह कई सारे कारण प्रकट कर सकती है तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे विस्तार से
  • किसी प्रकार की चोट
  • नरम ऊतकों में संक्रमण
  • शरीर में कहीं पर सूजन आना

‌‌‌यदि किसी के मांसपेशियों के अंदर दर्द हो रहा है और वह काफी लंबे समय तक वहीं पर बना हुआ है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी होगा ।

diclofenac gel ip uses दर्द मे

diclofenac gel ip uses in hindi

दोस्तों diclofenac gel ip uses दर्द मे सबसे अधिक किया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । ‌‌‌दर्द आपके दिमाग का एक बुरा अनुभव होता है जिससे कि आपके शरीर के उत्तकों को काफी बुरा नुकसान होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

दर्द की सटीक परिभाषा अभी तक कुछ भी नहीं है। यह किसी अंदरूनी समस्याओं की वजह से होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि दर्द के किसी भी तरह के कोई लक्षण नहीं होते हैं। यह अपने आप मे ही एक प्रकार का लक्षण होता है जिसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।यदि हम दर्द के कारणों की बात करें तो इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं। जिसकी वजह से बाहरी और अंदरूनी जगहों पर चोट लग सकती है। ‌‌‌जब आपके शरीर के अंदर कहीं पर भी चोट लगती है तो यह संकेत रीढ़ की हड्डी तक जाता है और रीढ की हड्डी दिमाग तक संकेत भेजती है। जिसके बाद आपको पता चल जाता है कि आपको दर्द हो रहा है। यदि दिमाग का कनेक्सन काट दिया जाए तो आपको किसी तरह का संकेत नहीं मिलेगा ।

एसिटामिनोफेन, ओपिओइड्स और नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दर्द के ईलाज के अंदर काम मे आती हैं। इसके अलावा कई तरह की घरेलू दवाएं भी आती हैं जिसकी मदद से आप दर्द का ईलाज कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । हालांकि यदि आपको शरीर के किसी भी हिस्से के अंदर दर्द हो रहा ‌‌‌ है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌इसके अलावा आप योगा कर सकते हैं इसकी वजह से भी दर्द से राहत मिल सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं।

diclofenac gel ip uses in hindi दांत दर्द मे

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि दांत दर्द तब होता है जब दांत के आस पास और जड़ों के अंदर सूजन होता है तो इसकी वजह से दांत मे दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।लगभग सभी लोगों को जीवन के अंदर कम से कम एक बार तो दांत के अंदर दर्द हुआ ही होगा ।दांत के अंदर दर्द होना काफी परेशान करने वाला ‌‌‌होता है। और कई बार दांत के अंदर मौजूद दर्द सिर दर्द को भी जन्म दे सकता है। और यदि दांत का दर्द जबड़े तक चला जाता है तो यह सूजन पैदा कर सकता है। और यदि इसका सही समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो यह फोड़े का कारण भी बन सकता है।

‌‌‌आपको बतादें कि दांतों के अंदर जो दर्द होता है वह दांत के उपर चिपकी गंदगी की वजह से होता है। और दांतों पर बैक्टिरिया हमला कर देते हैं और इसकी वजह से दांतों की उपरी परत नष्ट हो जाती है। और उसके बाद संक्रमण नसों तक पहुंच जाता है जिसकी वजह से दांतों के अंदर दर्द होने लग जाता है।

‌‌‌इसके अलावा जब दांतों की उपरी परत नष्ट होती है तो फिर दांतों अंदर ठंडा और गर्म लगने लग जाता है। जिसकी वजह से दांतों मे संक्रमण होता है। दर्द करने लग जाते हैं। मसूड़ों के अंदर तक यह संक्रमण फैल जाता है। और जबड़े की मांसपेशियों के अंदर भी यह संक्रमण फैल सकता है। इसलिए इसका जितना जल्दी हो सके ‌‌‌ईलाज करवाया जाना चाहिए । यदि आप ईलाज नहीं करवाते हैं तो समस्या कम होने की बजाय काफी तेजी से बढ़ती रहेगी आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।इसके अलावा मुंह के अंदर जो लार होती है। यदि वह कम होती है तो फिर दांतों के अंदर संड़न की समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है। ‌‌‌और लार आमतौर पर बैक्टिरिया के हमले को बेअसर कर सकती है।

‌‌‌दोस्तों दांतों के अंदर कई तरह से दर्द हो सकता है। इस वजह से दर्द को अलग अलग प्रकार के अंदर बांटा गया है। और उसके हिसाब से इसका उपचार भी अलग अलग तरीके से होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌यदि दांतों की उपरी परत नष्ट हो जाती है तो उसके बाद दांतों के अंदर ठंडी और गर्म लगने लग जाती है जिससे कि दांतों के अंदर रूक रूककर तेज दर्द होता है। खास कर ठंडी और गर्म चीजों के खाने की वजह से ऐसा होता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार दांतों के अंदर काफी पुराना दर्द होता है। इसका कारण यह होता है कि दांतों की नसों का नष्ट होना होता है। और दांतों की नसें यदि नष्ट हो जाती हैं तो उसके बाद दांतों के अंदर दर्द होने लग जाता है।
  • ‌‌‌यदि दांतों से भोजन को चबाने की वजह से दर्द हो रहा है तो इसका कारण यह हो सकता है कि दांतों के अंदर फैक्चर हो गया है या फिर उनके अंदर सड़न हो सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार मसूड़ों के अंदर भी सूजन आ जाती है और इसकी वजह से दांतों के अंदर दर्द हो सकता है। मसूड़ों मे सूजन आ गई है तो इसके लिए एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन करें ।

‌‌‌यदि हम दांत दर्द के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसकी वजह से दांत मे दर्द हो सकता है तो आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे मे पूरे विस्तार से ।

‌‌‌जब दांतों के अंदर ठंडा और गर्म लगने लग जाता है तो इसकी वजह से भी दांतों मे दर्द होने लग जाता है। और इसकी वजह से सूजन बढ़ सकता है। और दांतों के अंदर दर्द होने की समस्याएं हो सकती हैं।

  • ‌‌‌कुछ चबाने के दौरान दांतों मे दर्द होना
  • ठंडी और गर्म चीजों की वजह से दांतों मे दर्द का होना ।
  • दांतों के मसूड़ों के अंदर सूजन का आना
  • दांतों पर किसी तरह की चोट लगना ।

‌‌‌कई बार क्या होता है कि दांत के अंदर नसों मे संक्रमण हो जाता है। और उस स्थिति के अंदर यदि संक्रमित दांत को हिलाते हैं तो उसके अंदर काफी अधिक दर्द होने लग जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर दांत के डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह संक्रमित नसों को साफ करता है और दांत को सही करने का काम करता है।

‌‌‌यदि हम दांत के दर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से दांत मे दर्द हो सकता है। डॉक्टर समस्या का ईलाज करने से पहले इसके कारण को पहचानने की कोशिश करता है। उसके बाद ही ईलाज किया जाता है।

  • ‌‌‌दांतों के अंदर जो दर्द होता है। उसका पहला कारण यह है कि दांतों के उपर एक कठोर परत होती है। और यदि यह परत काफी कमजोर हो जाती है तो उससे दांतों के अंदर ठंडा और गर्म लगने लग जाता है जिसकी वजह से दांतों मे दर्द हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा मसूड़ों के आस पास यदि संक्रमण फैल जाता है तो उसकी वजह से दांतों के अंदर दर्द होता है। और एक फोड़ा बन जाता है जो दर्द का कारण बनता है।
  • अक्ल दाढ़ यदि किसी को निकलती है। तो इसकी वजह से मसूड़ों पर काफी अधिक दबाव बढ़ जाता है जिसकी वजह से दांतों के अंदर काफी अधिक दर्द होने लग जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌दोस्तों कुछ लोगों को दांत को पीसते रहने की आदत होती है। और यदि आप अधिक दबाव के साथ दांतों को पीसते हैं तो उसकी वजह से दांतों के अंदर फैक्चर आ जाता है। जिसकी वजह से दांतों पर दबाव बढ़ जाता है और फिर ‌‌‌दांत काफी अधिक दर्द करने लग जाते हैं। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • दांतों में फ्रैक्चर, गड्ढे और अन्य खांचों को भरने के लिए डेंटल सीलेंट किया जाता है। लेकिन कई बार क्या होता है कि डेंटल सीलेंट वहां से हट जाती है जिसकी वजह से दांतों के पार्ट बाहर दिखने लग जाते हैं जिसकी वजह से दांत मे काफी दर्द पैदा होता है। इस स्थिति के अंदर डॉक्टर को दिखाना बहुत ही ‌‌‌ जरूरी होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • मुंह मे हल्का दर्द, मसूड़ों का लाल होना, मसूड़ों से खून निकलना आदि मसूड़ों के रोग होते हैं। और इन मसूड़ों के रोगों की वजह से भी दांत दर्द करने लग जाता है। और मुंह के अंदर संक्रमण हो चुका है तो उसे रोकने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। ‌‌‌इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • दांतों में फोड़ा या इन्फेक्शन होने के चलते दांतों का क्षय हो जाता है या फिर वे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। तो उसकी वजह से भी दांतों के अंदर दर्द होने लग जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • अक्सर ब्रश और फ्लॉस करते समय बहुत ही कम लोग दबाव पर ध्यान देते हैं लेकिन यदि आप ब्रश को अधिक बार जबड़ों पर रगड़ते हैं तो इसकी वजह से दांतों के अंदर खून निकल सकता है। और फिर समस्या काफी अधिक बढ़ सकती है।

 diclofenac gel ip uses ‌‌‌सिर दर्द

diclofenac gel ip uses  सिरदर्द के अंदर भी किया जाता है। आपको पता ही है कि सिरदर्द एक प्रकार की समस्या होती है। जोकि किसी के साथ भी हो सकता है। सिरदर्द आम होता है। और कई बार यह सामान्य कारण जैसे सर्दी जुकाम की वजह से हो सकता है। और फिर यह अपने आप ही ठीक भी हो जाता है।

‌‌‌सिर दर्द आमतौर पर कई प्रकार के होते हैं। कुछ सिर दर्द अचानक से भयंकर हो जाते हैं। यदि सिर के अंदर किसी तरह की चोट लग जाती है तो उसकी वजह से अचानक से भयंकर सिरदर्द होने लग जाता है।इसके अलावा कई बार सिरदर्द लगातार होता रहता है। माइग्रेन सिर दर्द कुछ इसी प्रकार का होता है। जिसका ईलाज करना ‌‌‌ भी उतना अधिक आसान नहीं होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

‌‌‌सिर दर्द आमतौर पर तनाव की वजह से भी हो सकता है। यदि आप किसी वजह से बहुत अधिक तनाव मे होते हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । इसके अलावा अधिक शराब का सेवन करने की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है।इसके अलावा यदि आप सही तरीके से नींद नहीं ले पा रहे हैं ‌‌‌ तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।इसके अलावा कई बार गर्दन की अकड़न की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है।आइए अब जान लेते हैं कि सिरदर्द कितने प्रकार का होता है आमतौर पर जब डॉक्टर के पास आप सिरदर्द की शिकायत लेकर जाते हैं तो वह सिरदर्द के ‌‌‌प्रकार के आधार पर इसका उपचार करने की कोशिश करता है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा ।

  • माइग्रेन आमतौर पर एक प्रकार का सिरदर्द होता है जोकि अपने आप ही शूरू हो जाता है यह अधिक प्रकाश या फिर शौर की वजह से हो सकता है। इस तरह का सिर दर्द अपने आप ही रूकता है। और इसके कारण के बारे मे सही सही किसी को पता नहीं है। हालांकि यह सिरदर्द काफी भयंकर हो सकता है।
  • क्लस्टर (cluster) सिरदर्द  आमतौर पर अचानक होने वाला सिरदर्द होता है। यह लगातार 3 घंटे तक रह सकता है। और कभी शूरू हो सकता है या फिर अचानक शूरू नहीं हो सकता है।यह कुछ सप्ताह और महिनों के लिए गायब भी हो सकता है। यह आमतौर पर लंबा भी चल सकता है।
  • टेंशन सिरदर्द आमतौर पर धीरे धीरे शूरू होने वाले सिरदर्द होते हैं और यह कई महिनों तक भी चल सकते हैं। हालांकि आपका इसके अंदर हल्का हल्का सिरदर्द होता है। और यह काफी दिनों बाद या तो दवाओं से या फिर कई बार अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।
  • रीबाउंड सिरदर्द आमतौर पर किसी दवा की वजह से भी हो सकते हैं। और यह पूरे दिन चलता रहता है। यदि आप सिरदर्द की दवा लेते हैं तो उसके असर रहने तक यह शांत रहता है। लेकिन जैसे ही दवा का असर खत्म हो जाता है यह सिरदर्द भी ‌‌‌फिर से चालू हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • एलर्जी सिरदर्द यदि किसी के साइनस के अंदर एलर्जी जैसी समस्या होती है तो इसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। हालांकि यह सिरदर्द उतना अधिक भयंकर नहीं होता है। लेकिन उसके बाद भी सिरदर्द कुछ समय के लिए जारी रह सकता है।
  • इग्ज़र्शन सिरदर्द आमतौर पर शरीर मे पानी की कमी से होता है। यह तब होता है जब शरीर के अंदर अधिक पानी की कमी हो जाती है तो यह सिरदर्द अपना प्रभाव पैदा कर सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • सेविकोगेनिक सिरदर्द मांसपेशियों के अंदर ऐंठन और जकड़न की वजह से हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यह जो सिरदर्द होता है। वह कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाता है।

‌‌‌यदि हम बात करें सिरदर्द के लक्षणों की तो इसके आम लक्षण होते हैं और आम सिरदर्द को तत्काल उपचार की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है। यह अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि सिरदर्द काफी लंबा चल रहा है तो उसके बाद उसको उपचार की जरूरत होती है।

  • ‌‌‌यदि तनाव की वजह से सिरदर्द हो रहा है तो सिर के दोनों हिस्सों के अंदर दर्द हो सकता है। और इसकी वजह से हल्का सिरदर्द होता है। काफी तेज सिरदर्द नहीं होता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि माइग्रेन सिरदर्द है तो यह सिर के एक हिस्से के अंदर दर्द रहता है और यदि प्रकाश और ध्वनी के प्रति काफी संवेदनशील होता है तो इसका मतलब यही है कि माइग्रेन सिरदर्द है।
  • क्लस्टर सिरदर्द काफी भयंकर होता है यह आंख और कान के आस पास हो सकता है। जिसकी वजह से आंख का लाल होना आंख मे पानी बहना और नाक का बहना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं।
  • थंडरक्लैप (thunderclap) सिरदर्द  आमतौर पर अचानक होने वाले सिरदर्द होते हैं। यदि किसी को इस तरह का सिरदर्द हो रहा है तो उसे अपने सिर की जांच करवानी चाहिए वैसे भी यह काफी भयंकर सिरदर्द होता है।

‌‌‌यदि हम सिरदर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। आमतौर पर सिर मे चोट लगने की वजह से सिरदर्द हो सकता है। खोपड़ी, माथा, सिर का ऊपरी भाग, गर्दन और सिर की मांसपेशियों, सिर की प्रमुख धमनियों और नसों, साइनस आदि मे किसी तरह की समस्याएं आती हैं तो फिर सिरदर्द हो सकता है।

‌‌‌सिरदर्द आमतौर पर तब होता है जब सिर की आस पास की नसों मे सूजन संक्रमण हो जाता है। और ऐंठन होने की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। कई बार यदि आप ठीक तरह से नहीं सोते हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

diclofenac gel ip uses in hindi or side effect
  • शराब पीने से होने वाला हैंगओवर
  • ब्रेन ट्यूमर
  • खून के थक्के
  • मस्तिष्क में या उसके चारों ओर रक्तस्राव
  • कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता
  • काला मोतियाबिंद
  • बुखार
  • दर्द की दवा का अधिक सेवन करना ।
  • थकावट
  • भूख लगना
  • शराब का अधिक सेवन करने से ।
  • सही तरह से नींद नहीं लेने से सिरदर्द हो सकता है।

‌‌‌उपर दिये गए कारणों की वजह से सिरदर्द हो सकता है। यदि आपको सिरदर्द हो रहा है तो आपको इसका कारण भी बहुत ही आसानी से पता चल जाता है तो आम सिरदर्द का ईलाज करवाने की जरूरत नहीं है लेकिन सिर के अंदर यदि किसी तरह की चोट वैगरह लग गई है तो ‌‌‌जल्दी ही डॉक्टर से संपर्क करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।

diclofenac gel ip uses in hindi ऑस्टियोआर्थराइटिस

ऑस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर गठिया का ही एक रूप होता है जोकि जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन पैदा करता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यह आमतौर हडडी के जोड़ों के अंदर पैदा होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना चाहिए ।

‌‌‌यदि किसी को यह रोग हो जाता है तो उसके बाद उसके हिलने डुलने की क्षमता काफी कम हो जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।ऑस्टियोआर्थराइटिस  होने की वजह से जोड़ों के बीच पाये जाने वाले उत्तक कार्टिलेज नष्ट होना शूरू हो जाते हैं जोकि झटकों को अवशोषित कर लेते हैं। इसके बारे मे ‌‌‌ आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । खैर ऑस्टियोआर्थराइटिस दर्द, अकड़न, सूजन जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। और जो लोग 60 साल से अधिक उम्र लेलेते हैं उनको इस तरह की समस्याएं होने लग जाती हैं। और इस उम्र मे इनका ईलाज करना भी संभव नहीं हो पाता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं। जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और इन लक्षणों को देखकर ही डॉक्टर पहचान सकता है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस हुआ है तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌इसकी वजह से जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन काफी अधिक बढ़ जाता है। और दिन के समय दर्द काफी अधिक हो जाता है।इसके अलावा दर्द सोने मे भी काफी अधिक परेशानी पैदा करता है।
  • यदि आप कुछ समय के लिए बैठ जाते हैं तो फिर जोड़ों के अंदर अकड़न काफी अधिक बढ़ जाती है। और उसके बाद जैसे ही उठने का प्रयास करते हैं। ‌‌‌वैसे ही दर्द अधिक होने लग जाता है। आपको इसके बारे मे अच्छे से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसी को इस तरह की समस्या है तो जोड़ों के आस पास जो मांसपेशियां होती हैं वह काफी अधिक कमजोर हो जाती हैं और जोड़ों के अंदर सूजन खास तौर पर देखा जा सकता है। हडडी आवाज भी करने लग सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा मौसम के अनुसार भी बदलाव हो सकते हैं जोकि जोड़ों की समस्या को काफी अधिक बेकार बना देते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा अधिकतर मामलों मे दर्द मे किसी तरह का बदलाव नहीं आता है और दर्द नींद के अंदर काफी परेशान करता है। और उठने और बैठने मे भी यह काफी अधिक समस्या पैदा करता है।कुर्सी पर बैठने या फिर सीढ़ियों पर चढ़ने आदि की वजह से भी समस्या हो सकती है।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस में हड्डियों के सिरे पर बने सुरक्षात्मक कार्टिलेज टूट जाते हैं वैसे आपको बतादें कि इस रोग का सही कारण पता नहीं है। इसको वंशुनुगत से जोड़कर भी देखा जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

रूमेटाइड आर्थराइटिस मे diclofenac gel ip uses in hindi

रूमेटाइड आर्थराइटिस भी एक प्रकार की समस्या होती है। जिसके अंदर होता यह है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही शरीर के उत्तकों को नुकसान पहुंचाने लग जाती है। और यह खास तौर पर जोड़ों की परत को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाती है। ‌‌‌जिसकी वजह से जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन होने लग जाती है।और इसकी खास बात यह है कि यह दोनों जोड़ों को एक साथ ही प्रभावित करता है जैसे कि दोनों घुटने दोनो कलाई आदि और महिलाओं के अंदर यह समस्या काफी अधिक देखने को मिलती है।

‌‌‌और आपको यह बतादें कि यह जो समस्या है इसकी वजह से शरीर के अंदर विकलांगता भी आ सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए समय रहते इसका ईलाज करवाना बहुत ही जरूरी हो जाता है।

रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसकी मदद से हमे यह पता चलता है कि यह समस्या मौजूद है।

रूमेटाइड आर्थराइटिस  की वजह से जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन हो सकता है।रूमेटाइड आर्थराइटिस आमतौर पर दर्द ही होता है जोकि काफी तेज भी महसूस हो सकता है।और काफी ‌‌‌देर आराम करने के बाद इसकी स्थिति और अधिक बदतर हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

रूमेटाइड आर्थराइटिस से यदि कोई प्रभावित होता है तो उसके जोड़ों के अंदर अकडन काफी अधिक बढ़ जाती है। जैसे कि हाथ के उंगलियों मे होता है तो फिर मुठठी पूरी तरह से बंद नहीं हो पाएगी । और जोड़ों के अंदर अकड़न काफी अधिक बढ़ जाएगी और दर्द भी अधिक होगा । सूजन, लालिमा आ सकती है। इससे प्रभावित भाग के अंदर सूजन आने लग जाती है। और लालिमा आ जाती है। और दर्द होने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • थकान व एनर्जी में कमी महसूस होना
  • भूख नहीं लगना
  • वजन घटना ।
  • सीने मे दर्द
  • आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारणों की बात करें तो इसके बारे मे सही सही किसी को जानकारी नहीं है कि यह क्यों होता है। बस संभावनाएं ही बताई जाती हैं। और यह भी कहा जाता है कि जो इंसान मोटा होता है। उसे रूमेटाइड आर्थराइटिस के विकसित होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं।

‌‌‌इसके अलावा यदि आप धुम्रपान करते हैं तो फिर भी आपको यह रोग विकसित होने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

रूमेटाइड उन महिलाओं के अंदर अधिक विकसित होने का खतरा होता है जोकि बच्चे को जन्म नहीं देती हैं। जो महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं उनके अंदर यह विकसित होने का खतरा कम हो जाता है।

मेटाइड अर्थराइटिस के कारण आस पास की मांसपेशियां कमजोर होने लगी हैं, तो व्यायाम उन्हें मजबूत करने में मदद कर सकता है। और यदि किसी को यह समस्या है तो उसे चाहिए कि वह व्यायाम करते रहे । जिससे कि उसे काफी अधिक फायदा हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

रूमेटाइड आर्थराइटिस का निदान करने में समय लग सकता है । और यदि आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसके बाद डॉक्टर आपसे कई सारे सवाल पूछ सकते हैं। हालांकि भारत मे ऐसा कम ही होता है। और उसके बाद आपके कई सारे टेस्ट कर सकते हैं। ‌‌‌और फिर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं जिससे कि पता चलेगा कि आपको दवा काम करती है या नहीं ।

diclofenac gel ip uses in hindi माइग्रेन

‌‌‌वैसे माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द होता है। जिसके अंदर सिर के एक हिस्से या फिर सिर के दोनो हिस्सों के अंदर काफी भयंकर दर्द होता है।माइग्रेन के शूरू होने का कोई फिक्स समय नहीं होता है। यह कभी भी शूरू हो सकता है। और उसके बाद काफी लंबे समय तक चल सकता है। आमतौर पर यह एक प्रकार की ‌‌‌ न्यूरोलॉजिकल बीमारी होती है। माइग्रेन का सही समय पर उपचार करवाना जरूरी होता है। नहीं तो फिर यह समस्या पैदा कर सकता है। और आपको हर काम के अंदर डिस्टर्ब करने लग जाता है।माइग्रेन का दर्द आमतौर पर पहले हल्के दर्द के रूप मे शूरू होता है। और यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो उसके बाद ‌‌‌यह भयंकर रूप से दर्द पैदा हो जाता है। दोस्तों माइग्रेन के अंदर सिर के अंदर कंपन महसूस हो सकता है। यदि बात करें माइग्रेन के उपचार की तो माइग्रेन के लिए आपको आयुर्वेदिक उपचार लेना चाहिए । यह बिना किसी साइड इफेक्ट के काफी फायदेमंद होता है। आप एक बार ट्राई करके देख सकते हैं माइग्रेन के लक्षण की यदि हम बात करें तो माइग्रेन के कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । माइग्रेन की वजह से सिर के एक हिस्से मे दर्द शूरू होता है। और सिर फड़कता हुआ सा महसूस होता है।

  • आंखों में दर्द, मतली और उल्टी जैसी समस्या भी माइग्रेन की वजह से हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • यह लोग प्रकाश ध्वनी और गंध के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
  • इसके अलावा दिन भर उबासी आती रहती है।
  • सुईयां चुभने जैसा एहसास होता रहता है।
  • माईग्रेन का दर्द होने पर नींद अच्छे से नहीं आती है। थकान महसूस होती है लेकिन नींद नहीं आती है।
  • इसकी वजह से आंखों मे दर्द हो सकता है। और पलके झपकाने पर काफी जलन का सामना करना पड़ सकता है।
  • इसके अलावा बार बार मूत्र त्याग की समस्या होती है।
  • सीढ़ियों को चढ़ने की वजह से माइग्रेन की समस्या काफी अधिक ‌‌‌बदतर हो जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा माइग्रेन की वजह से कुछ लोगों की खाने की लालसा काफी अधिक बढ़ जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि हम माइग्रेन के कारणों की बात करें तो कई सारे कारण हैं जोकि माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। वैसे इसके सही सही कारण के बारे मे अभी भी कुछ ज्ञात नहीं है।लेकिन ऐसे बहुत सारे कारण हैं जिसकी वजह से माइग्रेन का दर्द आ सकता है तो आइए जानते हैं इन कारणों के बारे मे ।

  • तेज प्रकाश
  • गंभीर गर्मी
  • निर्जलीकरण
  • तेज आवाज की वजह से
  • नींद के पैटर्न में बदलाव
  • असामान्य गंध का होना ।
  • सीगरेट पीना
  • शराब का सेवन करना ।

‌‌‌इन सभी कारणों की वजह से माइग्रेन का दर्द हो सकता है। हालांकि यदि आपको माइग्रेन का दर्द शूरू होता है तो फिर आपको इसके बारे मे अपने डॉक्टर से बताना होगा कि किस वजह से यह दर्द शूरू हुआ है ताकि इसका उपचार बहुत ही आसानी से किया जा सके ।

‌‌‌अब आइए जानते हैं माइग्रेन से बचाव के उपाय मे आप कुछ कर सकते हैं ।

  • जिसकी वजह से माइग्रेन शूरू हुआ है उससे बचने का प्रयास करें। जैसे कि आपको अधिक शौर की वजह से माइग्रेन हुआ है तो अधिक शौर से बचने का प्रयास करें ।
  • अधिक से अधिक नींद लेने का प्रयास करें नींद लेने से दिमाग हल्का होता है।
  • ‌‌‌तनाव को कम करने का प्रयास करें।
  • रोजाना रिलेक्स रहने का प्रयास करें।
  • सीगरेट पीना छोड़ दें।
  • रोजाना व्यायाम करें ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तों यदि किसी को माइग्रेन की समस्या है तो उसे अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । वैसे माइग्रेन काफी डेंजर होता है। यदि किसी को यह हो जाता है तो फिर वह आसानी से कोई काम नहीं कर पता है।इसका समय पर ईलाज करना जरूरी है।

diclofenac gel ip uses in hindi गाउट

गाउट एक प्रकार का रोग होता है जोकि शरीर के अंदर यूरिक ऐसिड के स्तर की बढ़ोतरी होने से होता है।यदि किसी को गाउट की समस्या है तो उसके पैरों के अंदर दर्द होगा और जोड़ों मे सूजन आ जाएगा ।

‌‌‌गाउट के अंदर पैर मे काफी तेज दर्द होता है और ऐसा लगता है जैसे कि पैर मे आग लगी है। यह दर्द कई बार काफी असहनिय हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

अचानक जोड़ों में तेज दर्द होना, जोड़ों में लालिमा और कोमलता और खास कर पैरों के अंगूठे के अंदर दर्द होना गाउट की पहचान होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।गाउट का अटैक अचानक से हो सकता है। और इसकी वजह से आपको यह एहसास हो सकता है जैसे कि पैर मे आग लगी है और रात को अचानक से नींद ‌‌‌खुल सकती है।इस स्थिति के अंदर बेड सीट का भार भी आपके लिए असहनिय हो जाता है।

‌‌‌यदि हम गाउट के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं गाउट के कुछ लक्षणों के बारे मे जिससे कि आपको आसानी से यह पता चल जाए कि यह गाउट ही है।

  • ‌‌‌जोड़ों के अंदर काफी दर्द और जलन होना ।
  • जोड़ों के अंदर गम्भीर दर्द होना ।
  • इसके अलावा जोड़ों के आस पास सूजन होना ।
  • इसके लक्षण कुछ घंटों में तेजी से विकसित होते और यह सीधे तौर पर पैर की उंगली को प्रभावित करता है।
  • पहली लक्षण महसूस होने के 12 से 24 घंटों में यह सबसे गंभीर होते हैं।
  • इसके अलावा यदि प्रभावित भाग हो हल्के से सपर्क भी कर लिया जाता है तो इसकी वजह से गम्भीर दर्द हो सकता है।
  • प्रभावित जोड़ की त्वचा लाल, चमकदार होना व इसकी खाल का उतरना।
  • वैसे आमतौर पर यह समस्या पैर की उंगली मे दिखाई देती है। लेकिन ‌‌‌शरीर के किसी अन्य जोड़ के अंदर भी यह समस्या हो सकती है।
  • रीढ़ की हड्डी, कंधों या कूल्हों आदि को गाउट बहुत ही कम प्रभावित करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि किसी को गाउट होने का पता चलता है तो डॉक्टर से इसका ईलाज करवाना बहुत अधिक जरूरी हो जाता है।

‌‌‌दोस्तों यदि हम गाउट के कारणों की बात करें तो इसके अंदर यूरिक ऐसिड आता है। यूरिक ऐसिड आमतौर पर शरीर के अंदर अधिक हो जाता है तो फिर गाउट की समस्या होने लग जाती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । खैर यूरिक ऐसिड का शरीर के अंदर बढ़ना कई कारणों से हो सकता है।

  • ‌‌‌यदि आप मूत्रवर्धक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो गाउट हो सकता है।
  • गुर्दे की क्षमता के अंदर कमी आने की वजह से ऐसा हो सकता है।
  • इसके अलावा इसके लिए अनुवांशिक कारण भी होता है। जैसे यदि माता पिता को गाउट है तो बच्चे को भी यह समस्या होने का खतरा रहता है।
  • ‌‌‌कई बार सर्जरी की वजह से भी गाउट की समस्या हो सकती है।
  • आपको अधिक समय तक भूखे नहीं रहना चाहिए नहीं तो यह समस्या हो सकती है।
  • आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की उम्र के बीच पुरुषों में गाउट होने की संभावना अधिक होती है और नर के अंदर गाउट होने की संभावना इसलिए अधिक होती है क्योंकि उनके अंदर यूरिक ‌‌‌ऐसिड का स्तर अधिक होने से होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • भोजन में लाल मांस, समुद्री आहार  और चीनी युक्त चीजें यदि आप अधिक खाते हैं तो फिर गाउट का खतरा काफी अधिक बढ़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • कीमोथेरेपी की वजह से जो कोशिकाएं नष्ट होती हैं वे गाउट का खतरा पैदा करती हैं।
  • यदि आप अधिक मात्रा के अंदर शराब का सेवन करती हैं तो इससे भी ‌‌‌गाउट होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है इसके बारे मे आपको अच्छे से पता होना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌यदि आप गाउट से बचना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि आप अपनी जीवन शैली के अंदर बदलाव करें। जिससे कि गाउट होने का जोखिम काफी कम हो जाएगा तो आइए जानते हैं कि आप किस तरह से अपने जीवन शैली के अंदर बदलाव कर सकते हैं।

  • लाल मांस, बासी खाना, तेल से बनी हुई मछली, समुद्री भोजन आदि का सेवन आपको कम करना चाहिए । इससे गाउट होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌अपने शरीर के वजन को बनाए रखें लेकिन अधिक मोटा होने पर यह खतरा बढ़ सकता है।
  • जो चीनी युक्त आहार हैं उनको सेवन आपको कम कर देना चाहिए क्योंकि इससे गाउट होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप पानी कम पीते हैं तो इससे भी गाउट होने का खतरा होता है तो आपको रोजाना अधिक पानी पीना चाहिए ।

diclofenac gel ip uses in hindi टांगों में दर्द

टांगों में दर्द के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रकार की क्रीम होती है जिसको उपरी तौर पर काफी अधिक इस्तेमाल किया जाता है। दोस्तों टांगों के अंदर जो दर्द है वह किसी बीमारी या चोट की वजह से हो सकता है। जिससे कि सूजन लालिमा सुन्न होना आदि लक्षण प्रकट हो सकते हैं।

रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों, जोड़ों, नरम ऊतकों या हड्डियों  आदि मे किसी तरह की चोट लग जाने की वजह से भी यह दर्द हो सकता है।इसके अलावा खेल के दौरान किसी तरह की चोट लग जाती है तो उसके बाद यदि उसका सही समय पर ईलाज नहीं किया जाता है तो वह काफी अधिक दर्द पैदा कर सकती है। और समस्या धीरे ‌‌‌विकराल रूप धारण कर सकती है जोकि आपके लिए बहुत ही बड़ी मुश्बित बन सकती है।

‌‌‌वैसे तो यदि सामान्य रूप से टांग के अंदर दर्द होता है तो उसका उपचार आसानी से घर पर ही किया जा सकता है। लेकिन यदि टांग मे किसी तरह की चोट लगने की वजह से काफी गम्भीर दर्द हो जाए तो फिर समस्या हो सकती है। और उपचार करने मे दिक्कत होगी तो अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए आपके डॉक्टर आपको ‌‌‌जो निर्देश देते हैं आपको उनका पालन करना चाहिए यही आपके लिए अधिक सही रहेगा ।

  • सुन्न होना
  • ऐंठन
  • दर्द
  • झुनझुनी की उत्तेजना
  • टांगों मे सूजन हो सकता है।
  • इसके अलावा चलते समय दर्द महसूस हो सकता है।
  • यदि टांगों के अंदर कुछ दिनों बाद दर्द बदतर हो जाए ।
  • ‌‌‌टांग यदि लाल हो जाती है
  • टांग पीली पड़ जाती है।
  • टांग मे कहीं पर कट लग जाए ।
  • दोनों टागों में सूजन आना

और यदि टांगों के अंदर काफी लंबे समय से दर्द बना रहता है तो इसको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए । वरना यह आपके लिए घातक हो सकता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क ‌‌‌करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌दोस्तों यदि हम टांगों के दर्द के कारण की बात करें तो इसके अंदर कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से आपकी टांगों के अंदर दर्द हो सकता है तो डॉक्टर भी आपका ईलाज उन कारणों के आधार पर करता है जिसकी वजह से आपको दर्द हो रहा है।

  • ‌‌‌आमतौर पर टांगों की मांसपेशियों के अंदर ऐंठन हो सकता है। और मांसपेशियों के अंदर ऐंठन होने की वजह से टांगों के अंदर दर्द हो सकता है। तो यदि आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो फिर डॉक्टर इसके हिसाब से ईलाज करता है।
  • ‌‌‌यदि किसी वजह से मांसपेशियों के अंदर चोट लग जाती है तो फिर इसकी वजह से टांगों के अंदर दर्द हो सकता है। यह एक तरह की आम स्थिति होती है।
  • डन मोटे तार होते हैं, जो मांसपेशियों को हड्डीयों से जोड़कर रखते हैं । और कई बार इनके अंदर सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से दर्द की समस्या हो सकती है।कई बार क्या होता है कि रक्त की जो धमनियां होती हैं। उनके अंदर रूकावट आ जाती है। जिससे कि पिंडलियों के आस पास खून की सप्लाई ठीक तरह से नहीं हो ‌‌‌पाती है। इसकी वजह से टांगों के अंदर दर्द होने लग जाता है। आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार यह होता है कि टांगों के अंदर जो नसे होती हैं उनके अंदर खून का थक्का जम जाता है जिसकी वजह से दर्द होने लग जाता है। और यह समस्याएं पैदा हो जाती हैं। आपको पता होना चाहिए ।
  • टागों के ऊतकों या हड्डीयों में संक्रमण हो जाता है तो उसकी वजह से भी टांगों मे दर्द होने लग जाता है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

diclofenac gel ip uses in hindi ‌‌‌ बदन दर्द मे

‌‌‌बदन दर्द आमतौर पर एक तरह का दर्द होता है जोकि पूरे शरीर के अंदर हो सकता है। बदन दर्द के बारे मे अक्सर यह कहा जाता है कि उसका बदन दर्द कर रहा है। बदन दर्द आमतौर पर अधिक थकान होने की वजह से भी हो सकता है। कई बार जब हम अधिक काम करते हैं तो फिर हमारे शरीर के अंग अंग दर्द करने लग जाते हैं।

‌‌‌बंदन दर्द अचानक से भी हो सकता है। और यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह गम्भीर हो सकता है। और अधिकतर केस के अंदर मामूली उपचार की वजह से बदन दर्द बहुत ही आसानी से समाप्त हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

यह दर्द आमतौर पर कई सप्ताह और महिनो तक भी रह सकता है। ‌‌‌इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

क्रोनिक बदन दर्द एक अलग प्रकार का बदन दर्द होता है जोकि बिना किसी कारण के लंबे समय तक बना रह सकता है यह किसी चोट या फिर बीमारी की वजह से नहीं होता है। यह आम प्रकार का दर्द होता है जो बाद मे अपने आप ही ठीक हो सकता है। इस दौरान आपको कमाजोरी भी महसूस हो सकती है।

‌‌‌यदि हम बदन दर्द के कारणों की बात करें तो बदन दर्द के कई सारे कारण हो सकते हैं। जिनकी वजह से बदन मे दर्द हो सकता है तो आइए जानते हैं इन कारणों के बारे मे विस्तार से ।

  • थयरॉयड
  • खून का खराब संचारण
  • लुपस
  • आर्थराइटिस
  • चकत्ते
  • मांसपेशियों में कमज़ोरी
  • थकान
  • तनाव
  • अवसाद
  • और विटामिन डी की कमी की वजह से हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप भारी वजन को उठाते हैं तो उससे भी आपका बदन दर्द हो सकता है।

‌‌‌यदि हम बदन दर्द से बचाव की बात करें तो आपको उचित आहार का सेवन करना चाहिए और अपनी मांसपेशियों को लचीला बनाये रखना चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं तो इससे बदन दर्द को बहुत ही आसानी से रोका जा सकता है। यदि आप भारी वस्तु उठा रहे हैं तो आपको सही तरीके से उठाना चाहिए । जिससे कि बदन दर्द ‌‌‌नहीं होगा । इसी प्रकार से बैठने और खड़े होने के लिए सही आसन का प्रयोग करना चाहिए । उंचाई से कूदने आदि का प्रयास ना करें नहीं तो झटका लग सकता है। कुल मिलाकर अपने शरीर को काफी मजबूत रखें। यही आपके लिए सही होगा और इससे बदन दर्द होने की समस्या कम हो जाएगी ।

‌‌‌यदि आपको बदन दर्द की समस्या है तो उसका कई तरीके से डॉक्टर ईलाज करते हैं। जैसे कि डॉक्टर मरीज को योग करने के लिए दे सकते हैं। बदन दर्द की दवाओं की मालिस करने के लिए बोल सकते हैं। इतना ही नहीं । इंजेक्सन भी दिया जा सकता है बदन दर्द को दूर करने के लिए ।

साइटिका

साइटिका एक प्रकार का नर्व होता है जोकि आपके रीढ़ की हड्डी से शूरू होता है। और उसके बाद नीचे तक यह जाता है।और यह आपके शरीर की सबसे लंबी तंत्रिका होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।साइटिका का दर्द आपके नितंबों और पैरों के अंदर हो सकता है। यह किसी तरह की चोट लगने की वजह से हो सकता ‌‌‌ है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और इसकी वजह से पैरों के अंदर सुन्नता भी आ सकती है।

‌‌‌यदि हम साइटिका के लक्षणों की बात करें तो इसके अलग अलग लक्षण होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए यदि आप अपनी पीठ के नीचले क्षेत्र से पैरों तक बहने वाले दर्द का सामना करते हैं तो यह आमतौर पर साइटिका होता है।यह दर्द आमतौर पर किसी तरह की तंत्रिका चोट की वजह से हो सकता है। इसके बारे मे ‌‌‌आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌आपको इस प्रकार का दर्द हो सकता है जोकि आपके हिलने डूलने के अंदर भी काफी बदतर हो सकता है।
  • आपके टकने या फिर पैरों के अंदर सुन्नता और काफी कमजोरी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसके अलावा इसकी वजह से पैरों का हिलना डुलना भी काफी कम हो जाता है।
  • ‌‌‌इसकी वजह से आपको सूई चुभने जैसा एहसास हो सकता है जोकि आपके लिए काफी दर्दनाक हो सकता है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • आप नित्य कर्म पर नियंत्रणहीनता का अनुभव कर सकते हैं। और यह एक तरह की अमरजेंसी स्थिति है जिसके अंदर आपको डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

‌‌‌साइटिका दर्द का जो सबसे बड़ा कारण होता है वह चोट की वजह से ही होता है। यदि रीढ की हड्डी के अंदर किसी तरह की चोट आई है तो उसकी वजह से यह दर्द हो सकता है।

  • स्लिप डिस्क की समस्या से ऐसा हो सकता है।इसके अंदर रीढ़ की हड्डी कार्टिलेज  के टुकड़ों से अलग हो जाती हैं।कार्टिलेज एक गाढ़े, साफ पदार्थ से भरा हुआ रहता है। और इसकी वजह से अंगो के अंदर सुन्नता आ जाती है।
  • स्पाइनल स्टेनोसिस के अंदर रीढ़ की हड्डी के अंदर असामान्य संकुचन होता है। जिसकी वजह से आपकी रीढ़ की हड्डी और आपके साइटिक तंत्रिका की जड़ों पर दबाव डालता है। और इसकी वजह से दर्द का सामना करना पड़ता है।
  • पिरिफोर्मिस सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोमस्कुलर विकार है । इसका कारण यह है कि यदि आप किसी तरह की दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं तो फिर आपको यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा यदि आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं तोभी आपको इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

diclofenac gel ip uses in hindi कंधे में दर्द

‌‌‌जब कंधे मे दर्द होता है तो उसकी वजह से कंधे का हिलना डूलना काफी कठिन हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।कंधे के अंदर दर्द आने पर उसके हिलने मे काफी समस्या होती है। और कई बार हाथ उपर की तरफ नहीं होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए।इसके अलावा कई बार कंधे के अंदर दर्द तब भी हो ‌‌‌ सकता है जब आप एक ही बार मे एक ही मूमेंट को लंबे समय तक करते हैं। वैसे आपको बतादें कि कंधे के अंदर दर्द का होना हानिकारक नहीं होता है। और यह अधिकतर केस मे अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि ठीक नहीं होता है तो फिर समस्या हो सकती है। हालांकि यदि कंधे के अंदर चोट लगने की वजह से दर्द हो ‌‌‌ रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।

‌‌‌और आपको बतादें कि उम्र के बढ़ने के साथ ही कंधे के अंदर जो दर्द होता है वह काफी अधिक विकट होता चला जाता है। और इसका कारण यह है कि कंधे के आस पास के जो उत्तक होते हैं वे नष्ट हो जाते हैं।

‌‌‌अब यदि हम कंधे के दर्द के लक्षणों की बात करें तो यह कई सारे लक्षणों के साथ आता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

  • बाजू या कंधे को इस्तेमाल करते समय दर्द बढ़ जाना,
  • हाथ लगाने पर झुनझुनी, सुन्नपन, कमजोर महसूस होना
  • कंधे को हिलाने पर काफी तेज दर्द होता है।

‌‌‌यदि कंधे के अंदर किसी चोट की वजह से दर्द हो रहा है। कंधे के आस पास कि उत्तकों के अंदर सूजन आ चुकी है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से मिलें यही आपके लिए सही होगा । हालांकि कई बार कंधे के अंदर होने वाला अचानक दर्द हार्ट अटैक का भी संकेत हो सकता है। ‌‌‌यदि आपको कंधे के दर्द के साथ बुखार हो तो डॉक्टर से संपर्क करना बहुत ही जरूरी है।

यदि आपको कंधे के दर्द के साथ चक्कर आ रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें ।

यदि कंधे का दर्द घरेलू उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।

  • ‌‌‌अब यदि हम कंधे मे दर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। जिसकी वजह से कंधे मे दर्द हो सकता है
  • यदि कंधे मे किसी वजह से झटका लग गया है तो उसकी वजह से भी कंधे मे दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • टेंडन्स के अंदर सूजन की वजह से कंधों मे दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • इसके अलावा कंधे के अंदर दर्द आमतौर पर गर्दन के अंदर चोट लगने की वजह से भी हो सकता है।
  • इसके आवा कंधे की नसों का दब जाने या फिर कंधे की किसी हडडी मे चोट लग जाने की वजह से भी दर्द हो सकता है।
  • कंधे की हड्डी का स्थान से हट  जाने की वजह से भी दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए
  • रीढ़ की हड्डी में चोट लगना या दिल का दौरा आदि भी कंधे में दर्द का कारण बन सकती हैं।

diclofenac gel ip uses in hindi  ‌‌‌मोच का होना

दोस्तों मोच के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। असल मे लिगामेंट मे किसी भी तरह की चोट लगने को मोच के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए लिगामेंट  आमतौर पर नरम उत्तक होते हैं।यह दो हडियों को जोड़ने का काम करते हैं। इस दौरान इनके अंदर चोट भी लग सकती है।

घुटने, टखने, कलाई और अंगूठे आदि के अंदर पड़ सकती है। और यह मोच तब पड़ती है जब किसी जगह पर आमतौर पर अधिक दबाव पड़ जाता है तो इससे मोच लग जाती है।यदि हम इसके लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं

  • मोच लगने पर वहां पर काफी दर्द होने लग जाता है।
  • सूजन व नीला पड़ना और छूने पर दर्द महसूस होना।
  • त्वचा जहां से लाल व सूजन ग्रस्त है, वहा से गर्म होना।
  • इसके अलावा प्रभावित भाग से वजन उठाना कठिन होता है। या दबाव डालना कठिन हो जाता है।

‌‌‌यदि आपको मोच के बाद निम्न लिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको देर नहीं करनी चाहिए अपने डॉक्टर को दिखाने मे तो आइए जानते हैं।

  • ‌‌‌जोड़ों के आस पास सुन्नापन होना
  • इसके अलावा यदि जोड़ों के आस पास दर्द 2 से 3 दिन तक नहीं जाता है।
  • यदि आपको वहां पर पहले किसी तरह की चोट लगी है उसी स्थान पर और अब दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • ‌‌‌यदि आपके मोच वाले हिस्से सुन्न हो चुके हैं तो आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को दिखाना होगा ।
  • आप अपनी मांसपेशियों को बिल्कुल भी नहीं हिला पा रहे हैं तो यह समस्या हो सकती है।
  • यदि कुछ लक्षणों के साथ आपको बुखार भी है तो यह समस्या हो सकती है।

‌‌‌यदि आप मोच से बचना चाहते हैं तो आप कुछ उपायों को आजमा सकते हैं। हालांकि यह उपाय आपको मोच से पूरी तरह से नहीं रोकते हैं। लेकिन आपकी मदद कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌यदि आप एक छोटे बच्चे हैं तो खेलने और भागने के दौरान अधिक ध्यान दें आपको मोच आने के चांस अधिक होते हैं। यदि जरा सी असावधानी हुई तो मोच आ सकती है।
  • खिलाड़ी को मोच आने के चांस अधिक होते हैं क्योंकि वे भी अपने मांसपेशियों को अधिक इस्तेमाल करते हैं। तो यह समस्या हो सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि कोई इंसान पहली बार खेल रहा है तो उसे इसके बारे मे ठीक से जानकारी नहीं होती है । इस वजह से उसको मोच आने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप अधिक वजन लेकर चलते हैं दौड़ते हैं तो फिर आपको मोच आने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • यदि आप उबड़ खाबड़ रस्तों पर दौड़ रहे हैं तो आपको पैर मे मोच आने के चांस काफी अधिक होते हैं।

diclofenac gel ip uses in hindi ‌‌‌एडी मे दर्द होने पर

‌‌‌दोस्तों एडी मे दर्द होने पर भी इस क्रीम का उपयोग किया जाता है। एडी मे दर्द एक तरह की आम समस्या होती है। और यह कई बार हल्की होती है तो कई बार काफी अधिक परेशानी पैदा करती है। एडी के अंदर दर्द आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाता है।आपको बतादें कि एडी की हडडी इस तरह की बनी होती है। कि जब हम चलते ‌‌‌फिरते हैं तो यह झटकों को सहन कर लेती है। लेकिन कई बार जब हम अधिक वजन लेकर चलते हैं तो फिर समस्या होती है। और हमारी एडी दर्द करने लग जाती है। हालांकि यह दर्द स्थाई नहीं होता है। और अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि एडी के अंदर किसी तरह की चोट वैगरह लग जाती है तो दर्द अधिक समय तक रह सकता ‌‌‌ है।

‌‌‌यदि हम एडी के लक्षण की बात करें तो आमतौर पर एडी का जो दर्द होता है वह बिना किसी चोट के यूं ही शूरू हो जाता है। और कई बार जब हम पतले तले वाले जूते पहनते हैं तो जूते एडी के अंदर चुभने लग जाते हैं। जिसकी वजह से भी हमारी एडी दर्द करने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌कई बार एडी की हड्डी के अंदर अधिक खींचाव आने की वजह से भी एडी मे दर्द होने लग जाता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।और जब एडी मे दर्द होता है तो यह चलने पर कुछ आराम दे सकता है। और बैठने के बाद दर्द काफी अधिक बढ़ सकता है तो आइए जानते हैं एडी के अंदर दर्द के लक्षणों के बारे मे ।

  • ‌‌‌एडी के अंदर सुन्नता का होना
  • एडी मे दर्द के साथ बुखार होना ।
  • अपने पैर को नीचे की ओर मोड़ने मे समस्या का होना ।
  • सही तरीके से चलने मे असमर्थ होना
  • इसके अलावा यदि एडी का दर्द काफी लंबे समय तक होता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं। ‌‌‌उनका पालन करना आपके लिए बहुत ही जरूरी होता है।

‌‌‌आइए अब हम जानते हैं कि एडी के अंदर जो दर्द होता है वह किस वजह से हो सकता है। यदि आपको एडी मे दर्द होता है तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं जोकि आपको पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌कई बार क्या होता है कि खेलते समय या किसी और वजह से एडी मे मोच आ सकती है और मांस फट सकता है जिसकी वजह से एडी मे चोट लग सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि एडी मे चोट लगी है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि एडी कि किसी तरह की  हड्डी टूट जाती है ।तो इसके लिए आपको जल्दी से डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । वैसे भी यह बहुत ही जरूरी होता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा एडी मे कोई चीज के चुभने की वजह से भी दर्द हो सकता है। जैसे कि एडी मे चोट लग जाने की वजह से दर्द का होना ।
  • अचिल्लेस टेन्डिनाइटिस  में पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी से जोड़ने वाली शिरा के क्षतिग्रस्त होने की वजह से दर्द पैदा हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि हम एडी मे दर्द के बचाव की बात करें तो इसके लिए आप कई कदम उठा सकते हैं जोकि आपको एडी मे दर्द से बचा सकते हैं तो आइए जानते हैं एडी मे दर्द से बचाव के कुछ उपाय के बारे मे ।

  • ‌‌‌यदि आप खेल रहे हैं तो आपको अच्छी किस्म के जूतों को पहनना चाहिए । यही आपके लिए जरूरी भी है। क्योंकि खेल के दौरान एडी मे जूते गड सकते हैं और काफी अधिक परेशानी हो सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप एडी के दर्द से बचना चाहते हैं तो आपको अच्छे किस्म के फुटवियर पहनना होगा । उनके तले काफी आरामदायक होने चाहिए । हमने देखा है कि कुछ जूतों के तले आरामदायक नहीं होते हैं। इसकी वजह से वे पैरों मे खासकर एडी मे चुभने लग जाते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप जमीन पर नंगे पांव चल रहे हैं तो आपको ऐसा करने से बचना होगा । क्योंकि ऐसा करने से एडी के अंदर किसी तरह का कांटा या फिर कंकड चुभ सकता है।

‌‌‌कलाई का दर्द मे भी diclofenac gel ip का उपयोग किया जाता है

‌‌‌दोस्तों कई बार क्या होता है कि कलाई के अंदर भी दर्द होने लग जाता है। यह दर्द किसी तरह के फैक्चर या फिर किसी तरह की चोट लगने की वजह से होने लग जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।जैसे कि बार बार दबाव पड़ने की वजह से या फिर गठिया की वजह से भी ऐसा हो सकता है।

‌‌‌दोस्तों यदि कलाई दर्द के लक्षणों की बात करें तो किसी के अंदर इसका हल्का दर्द होता है तो किसी के अंदर इसका भारी दर्द होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अलावा कलाई मे दर्द की वजह से सूजन लालिमा भी हो सकती है। झनझनाहट भी हो सकती है।

  • ‌‌‌इसके अलावा वस्तुओं को पकड़ने मे काफी अधिक समस्या हो सकती है।
  • कलाई को हिलाने आदि मे दर्द का एहसास हो सकता है।
  • इसके अलावा कलाई घूमाने पर चटकने की आवाज भी आ सकती है।

‌‌‌इस तरह के शूरूआती लक्षण काफी हल्के होते हैं। लेकिन आमतौर पर समय के साथ यह काफी अधिक गम्भीर हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कलाई सुन्न पड़ सकती है जिसकी वजह से किसी चीज का एहसास नहीं होता है। ठंडा गर्म लगना बंद हो जाता है।

‌‌‌आपको बतादें कि कलाई के अंदर आठ हडियां होती हैं यह एक तरह की जटिल संरचना होती है। इसके अंदर किसी तरह की समस्या आने की वजह से कलाई मे दर्द होने लग जाता है।

‌‌‌जैसे कि आप कहीं पर खडे हैं और अपने हाथ से किसी वस्तु को खींच रहे हैं और अचानक से आपकी कलाई किसी दिवार या किसी दूसरी वस्तु से टकरा जाती है तो इससे हडियों के अंदर चोट लग सकती है। और यदि चोट हल्की फुल्की है तो यह अपने आप ही ठीक हो जाती है ।

‌‌‌लेकिन इस केस के अंदर यदि हड्डी टूट गई है तो फिर आपको समस्या का सामना करना पड़ेगा और आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा । आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा कई बार आप जब लंबे समय तक मोबाइल चलाना कम्प्यूटर पर टाइप करना और भी बहुत सारे ऐसे कार्य करते हैं जिससे कि कलाई पर दबाव पड़ता है तो यह समस्या विकसित हो सकती है और कलाई के अंदर सूजन आ सकता है। और दर्द भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कुछ समय तक ‌‌‌ब्रेक लेते समय यह काम करते रहें ।

‌‌‌ diclofenac gel ip क्या गर्भवति महिलाएं प्रयोग कर सकती हैं।

diclofenac gel ip को यदि गर्भवति महिलाएं उपयोग करना चाहती हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यह जेल गर्भवति महिलाओं के लिए नुकसानदायी हो सकता है। बाकि ‌‌‌यदि आप इसके बारे मे अधिक जानना चाहते हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से बात करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी होगा । बिना डॉक्टर की अनुमति के गर्भवति महिलाएं इसको ना लें। नहीं तो समस्या हो सकती है।

diclofenac gel ip क्या स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है ?

यदि आप एक स्तनपान करने वाली महिला हैं तो आपको चाहिए कि आप इस दवा का उपयोग ना करें। क्योंकि हो सकता है कि आपके बच्चे के मुंह मे चली जाए । या फिर यदि आप इस दवा का उपयोग करती हैं तो एक बार आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करें। ‌‌‌ और इस संदर्भ मे आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए बहुत अधिक जरूरी होगा आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

diclofenac gel ip का गुर्दे पर क्या प्रभाव पड़ता है

दोस्तों यह एक त्वचा पर लगाने की क्रीम है तो इसका गुर्दे पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि यदि आप इस तरह की दवा का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से गुर्दे पर बुरा असर पड़ सकता है। बाकि आप सही सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपने डॉक्टर ‌‌‌ से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी है। और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ भी सकते हैं।

Diclofenac Gel जिगर पर क्या असर डालती है

दोस्तों यदि आप क्रीम का यूज करते हैं तो फिर यह आपके जिगर पर कोई भी तरह का असर नहीं डालती है। क्योंकि यह बाहर यूज होती है। आपकी त्वचा जोड़ों के दर्द के उपर लगाने का काम आती है। इसलिए जिगर पर यह किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करती है। बाकि आप अपने ‌‌‌डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन किया जाना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी हो जाता है।

Diclofenac Gel  की कितनी डोज लें

दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया है कि यह दवा सिर्फ त्वचा पर लगाने के लिए आती है। यह एक तरह की क्रीम है। तो आप इसको त्वचा पर ही लगाएं । और आप अपने हिसाब से इसको लगा सकते हैं। उपर दिया हुआ है कि यह किन किन समस्याओं के अंदर प्रयोग होती है। इसके अलावा आप एक ‌‌‌ बार अपने डॉक्टर से बात करें आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।

Diclofenac Gel  को किन चीजों के साथ नहीं लेना चाहिए

आप कुछ भी इसके अंदर खास सकते हैं। क्योंकि यह जो क्रीम होती है वह बस आपकी त्वचा तक ही जाती है। और त्वचा से अंदर नहीं जाती है तो आप कुछ भी सेवन कर सकते हैं। और आप एक बार अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। और आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं ‌‌‌उसका आपको पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।

Diclofenac Gel  का उपयोग करने के बाद शराब पी सकते हैं ?

देखिए इसके बारे मे हमें तो कोई जानकारी नहीं है। लेकिन अधितकतर लोग पीते हैं। फिर भी आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी होगा । ‌‌‌और हो सकता है कि शराब पीने के बाद आपको नुकसान हो जाए तो आपको इस दवा का उपयोग करने के बाद शराब का सेवन नहीं करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।

Diclofenac Gel  के नुकसान क्या हैं ?

दोस्तों Diclofenac Gel   के वैसे तो कोई भी नुकसान नहीं है। लेकिन इस क्रीम के उपयोग करने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। जिसकी वजह से यह समस्या पैदा हो सकती है। तो यदि आपको भी इस दवा के उपयोग से एलर्जी होती है तो आपको चाहिए कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क ‌‌‌ करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना बहुत ही जरूरी हो जाता है आप समझ सकते हैं।

Diclofenac Gel  से लत लग सकती है ?

नहीं Diclofenac Gel   का उपयोग करने से किसी भी तरह की लत नहीं लगती है। क्योंकि यह एक तरह से मुंह के अंदर खाने के लिए दवा नहीं होती है तो यह किसी भी तरह से लत का कारण नहीं बनती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यह किसी भी तरह से नसे के जैसी नहीं है जिससे ‌‌‌की लत लग जाए तो आप समझ सकते हैं। यह किसी भी तरह से नुकसान नहीं करती है।

Diclofenac Gel  का उपयेाग करने के बाद क्या गाड़ी चलाना सुरक्षित है ?

Diclofenac Gel   का यदि आप  उपयोग करते हैं तो उसके बाद गाड़ी चलाना काफी सुरक्षित होता है । क्योंकि यह क्रीम किसी भी तरह से आपके दिमाग को प्रभावित नहीं करती है। यह आपके दिमाग पर दबाव नहीं डालने की वजह से आप गाड़ी चला सकते ‌‌‌ हैं। बाकि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।

Diclofenac Gel   का ओवर डोज होने की दशा मे क्या करें

दोस्तों यदि Diclofenac Gel    का ओवर डोज वैसे तो होने के चांस नहीं हैं। कारण यह है कि यह क्रीम है और आपको क्रीम लिमिट की लगानी चाहिए । आपको दिन मे दो बार क्रीम लगाने के बारे मे बोला जाता है तो फिर आपको दिन मे दो बार ही क्रीम का उपयोग करना ‌‌‌चाहिए । यदि आप इससे अधिक बार क्रीम का उपयोग करते हैं तो फिर आप अपनी समस्या को बढ़ा रहे हैं या अपनी दवा को खराब कर रहे हैं।

Diclofenac Gel   को कहां से खरीद सकते हैं ?

Diclofenac Gel    को आप किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से खरीद सकते हैं। लेकिन यदि यह आपको मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती है तो फिर आप इसको किसी भी ऑनलाइन स्टोर से भी खरीद सकते हैं। वहां पर यह आसानी से आपको मिल जाएगी । आप बात को समझ सकते हैं।

Diclofenac Gel   एक्सपायरी होने के बाद क्या करें ?

दोस्तों Diclofenac Gel    यदि एक्सपायरी हो जाती है तो आपको इसका यूज नहीं करना चाहिए यदि आप एक्सपायरी के बाद इस दवा का उपयोग करते हैं तो उसके बाद आपको भयंकर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।

azithromycin 500 mg use in hindi and side effect

सपने में चमगादड़ देखना sapne mein chamgadar ko dekhna

सपने में भूरा भालू देखने के 10 अर्थ sapne me bhura bhalu dekhna

aristozyme syrup uses in hindi aristozyme syrup

सपने में काली बिल्ली देखने के 23 अर्थ sapne mein kali billi dekhna

सपने में मृत बिल्ली देखने के 15 महत्वपूर्ण अर्थ Sapne mein Mari hui Billi Dekhn

metronidazole tablet uses in hindi and side effect

सपने में सफेद बिल्ली देखने के 20 अर्थ sapne mein safed billi dekhna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *