85+ लक्ष्मी के पर्यायवाची शब्दों की लिस्ट जो आपको याद करनी चाहिए

दोस्तो इस लेख मे हम जानेगे की लक्ष्मी का पर्यायवाची शब्द [lakshmi ka paryayvachi shabd] या लक्ष्मी का समानार्थी शब्द [lakshmi ka samanarthi shabd] क्या होते है साथ ही जानेगे की लक्ष्मी कोन थी और इसके बारे मे रोचक तथ्यो पर बात करेगे । इसके अलावा लक्ष्मी के जीवन के बारे मे बहुत कुछ बताया गया है तो लेख को ‌‌‌देखे ।

लक्ष्मी का पर्यायवाची शब्द या लक्ष्मी का समानार्थी शब्द {lakshmi ka paryayvachi shabd / lakshmi ka samanarthi shabd}

शब्द {shabd}पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd}
लक्ष्मीधन, दौलत, कमला, पद्मा, पद्मालया, पद्ममुखी, पद्मसुन्दरी, पद्मासना, माया, रमा, हरिप्रिया, श्री, इन्दिरा, देवश्री, भार्गवी,  विष्णुपत्नी, हरिवल्लभी, अमला, संपदा, चतुर्भुजा, जगन्मयी, कमलसम्भवा, पद्मगुणा, पद्मनाभप्रिया, लोकमाता, मा, क्षीरोद-नना, वसुंधरा, पुष्टि, विकृति, सिंधुकन्या, समुद्रजा, विष्णुप्रिया, भार्गवी, पैसा, क्षीरसागर कन्यका, विष्णुवल्लभा, विभा, सुधा, हरिप्रिया, कामाक्षी, ऐश्वर्य, जगन्माता, चंचला, सम्पत्ति, वरवर्णिनी, सम्पदा, विभूति, धनधान्यकी, भूति, अंबुजासना, महाकाली, अनुग्रहप्रदा, सर्वपद्रवनिवर्णिनी,उच्छि, वसुप्रदा, माया शोभा, विष्णुप्रिया, नारायणी, पद्महस्ता, सिंधुसुता, वृषाकपायी, वरलक्ष्मी, धन ‌‌‌की स्वामी, नारायण समाश्रिता, परमात्मिका, वसुधारिणी, विद्या, कांता, करुणा, अदिति, दीत्य, देवी, लोकशोकविनाशिनी,  पद्मगन्धिनी, सर्वभूतहितप्रदा, स्वर्गीय, बहुतायत, आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, सन्तानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी
Laxmidhan, daulat, Kamala, Padma, Padmalaya, Padmamukhi, Padmasundari, Padmasana, Maya, Rama, Haripriya, Sri, Indira, Devashree, Bhargavi, Vishnupatti, Harivallabhi, Amla, Sampada, Chaturbhuja, Jaganmayi, Kamalasambhava, Padmaguna, Padmanabhapriya, Lokmata, Ma, Kshirod-nana, Vasundhara, Confirmation, Vikriti, Sindhukanya, Samudraja, Vishnupriya, Bhargavi, Paisa, Kshirsagar Kanyaka, Vishnuvallabha, Vibha, Sudha, Haripriya, Kamakshi, Aishwarya, Jaganmata, Chanchala, Sampada, Varvarnini, Sampada, Vibhuti, Dhanadhanyaki, Bhooti, Ambujasana, Mahakali, Anugrahprada, Sarvapadravanivarnini, Uchchi, Vasuprada, Maya, Shobha, Vishnupriya, Padmasupriya, Narayani, , Vrishakapayi, Varalakshmi, lord of wealth, Narayana, Samashrita, Paramatmika, Vasudharini, Vidya, Kanta, Karuna, Aditi, Ditya, Devi, Lokshokvinashini, Padmagandhini, Sarvabhutahitprada, Heavenly.
LaxmiWealth, money, moneybags, riches, happiness, mammon, Kamla, caterpillar, spondulics, penny, penny, mammon, affluence, affluence, Spell, Rama, Hari dear, Mr, indira, godmr,  Vishnu wife, Hari Vallabhi, manpower, estate, quadrilateral, Belongings, proprietorship, demesne, estates, moneylaundering, Mahakali, VishnuBeloved, Vishnuwife, Narayani, providential, Varalakshmi,  Lord of wealth,  Narayanadependence, Divine, discipline, Kantha, compassion, Goddess, Late, heavenly, abundance, goddess of purity, goddess of prosperity, wife of Vishnu, goddess of nectar, goddess of fortune.  

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85+ लक्ष्मी के पर्यायवाची शब्दों की लिस्ट जो आपको याद करनी चाहिए

85+ लक्ष्मी के पर्यायवाची शब्दों की लिस्ट || List of synonyms of Lakshmi in Hindi

1.            धन (dhan)

2.            दौलत (daulat)

3.            कमला (kamla)

4.            पद्मा (padma)

5.            पद्मालया (padmaalayaa)

6.            पद्ममुखी (padmamukhi)

7.            पद्मसुन्दरी (padmasundari)

8.            पद्मासना (padmaasana)

9.            माया (maaya)

10.          रमा (rama)

11.          हरिप्रिया (haripriya)

12.          श्री (shree)

13.          इन्दिरा (indira)

14.          देवश्री (devashree)

15.          भार्गवी (bhargavi)

16.          विष्णुपत्नी (vishnupatni)

17.          हरिवल्लभी (harivallabhi)

18.          अमला (amala)

19.          संपदा (sampada)

20.          चतुर्भुजा (chaturbhujaa)

21.          जगन्मयी (jaganmayi)

22.          कमलसम्भवा (kamalsambhava)

23.          पद्मगुणा (padmguna)

24.          पद्मनाभप्रिया (padmanabhapriya)

25.          लोकमाता (lokamata)

26.          मा (maa)

27.          क्षीरोद-नना (kshirod-nana)

28.          वसुंधरा (vasundhara)

29.          पुष्टि (pushti)

30.          विकृति (vikriti)

31.          सिंधुकन्या (sindhukanya)

32.          समुद्रजा (samudraja)

33.          विष्णुप्रिया (vishnupriya)

34.          भार्गवी (bhargavi)

35.          पैसा (paisa)

36.          क्षीरसागर कन्यका (kshirasagar kanyakaa)

37.          विष्णुवल्लभा (vishnuvallabha)

38.          विभा (vibha)

39.          सुधा (sudha)

40.          हरिप्रिया (haripriya)

41.          कामाक्षी (kaamaakshi)

42.          ऐश्वर्य (aishwarya)

43.          जगन्माता (jaganmata)

44.          चंचला (chanchala)

45.          सम्पत्ति (sampatti)

46.          वरवर्णिनी (varavarnini)

47.          सम्पदा (sampada)

48.          विभूति (vibhuti)

49.          धनधान्यकी (dhana-dhanyakii)

50.          भूति (bhooti)

51.          अंबुजासना (ambujasana)

52.          महाकाली (mahakaali)

53.          अनुग्रहप्रदा (anugrahapradhaa)

54.          सर्वपद्रवनिवर्णिनी (sarvapadravanivarṇinii)

55.          उच्छि (ucchii)

56.          वसुप्रदा (vasuprada)

57.          माया शोभा (maaya shobhaa)

58.          विष्णुप्रिया (vishnupriya)

59.          नारायणी (narayani)

60.          पद्महस्ता (padmahastaa)

61.          सिंधुसुता (sindhusuta)

62.          वृषाकपायी (vrishakapayii)

63.          वरलक्ष्मी (varalakshmi)

64.          धनकी स्वामी (dhanki swami)

65.          नारायण समाश्रिता (narayana samaashrita)

66.          परमात्मिका (paramaatmika)

67.          वसुधारिणी (vasudhaarini)

68.          विद्या (vidya)

69.          कांता (kaanta)

70.          करुणा (karuna)

71.          अदिति (aditi)

72.          दीत्य (deetya)

73.          देवी (devi)

74.          लोकशोकविनाशिनी (lokashokavinaashinii)

75.          पद्मगन्धिनी (padmagandhinii)

76.          सर्वभूतहितप्रदा (sarvabhutahitapradhaa)

77.          स्वर्गीय (swargeeya)

78.          बहुतायत (bahutaayat)

79.          आदिलक्ष्मी (aadilakshmi)

80.          धनलक्ष्मी (dhanalakshmi)

81.          धान्यलक्ष्मी (dhanyalakshmi)

82.          गजलक्ष्मी (gajalakshmi)

83.          सन्तानलक्ष्मी (santaanalakshmi)

84.          वीरलक्ष्मी (veeralakshmi)

85.          विजयलक्ष्मी (vijayalakshmi)

86.          विद्यालक्ष्मी (vidyaalakshmi)

लक्ष्मी ‌‌‌कौन है {who is lakshmi} –

हिंदू धर्म की प्रमुख त्रिदेवीयों में से एक देवी जो भगवान विष्णु की पत्नी कें रूप मे जानी जाती है । इन्हे धन की देवी के रूप में भी जाना जाता है और बताया जाता है की इनकी जो भी कोई पूजा करता है वह धन से धनवान बन जाता है और फिर वह बहुत ही प्रसन्न होता है। वैंकुंठ में लक्ष्मी ‌‌‌भगवान विष्णु के साथ रहती है और इनका वाहन कमल व उल्लू माना जाता है । लक्ष्मी को बौद्धों के लिए प्रचुरता और भाग्य देवी भी बताया जाता है ।

‌‌‌लक्ष्मी का अर्थ हिंदी में {Meaning of Lakshmi in Hindi} –

  1. हिंदू धर्म की एक ऐसी देवी जो धन की देवी के रूप मे जानी जाती है ।
  2. भग्य की देवी यानि भाग्यशाली ।
  3. भगवान विष्णु की पत्नी ।
  4. सोना-चाँदी, ज़मीन-जायदाद आदि की देवी ।
  5. कमल पर विराजमान रहने वाली देवी ।
  6. मनुष्य को सुखमय जीवन जीने के लिए धन देने वाली ।
  7. ‌‌‌जो भगवान हरी की प्रिया है ।
  8. चतुर्भुजा वाली देवी जिसके एक हाथ में धन का मटका होता है ।
  9. जो क्षीरसागर मे रहती हो ।
  10. एक मात्र ऐसी देवी जो धन की स्वामी कें नाम से जानी जाती है ।
  11. माता सिता व दूर्गा का ही एक रूप ।
  12. बैकुंठ में रहने वाली कमलासन देवी ।
  13. ऐसी देवी जो उल्लू की सवारी रखती हो ।
  14. ‌‌‌जिसकी पूजा से धन की प्राप्ती होती हो ।
  15. त्रिदेवियों मे से ही एक देवी ।
  16. जिसके  आठ स्वरूप होते है यानि अष्ठालक्ष्मी ।
  17. ऐसी देवी ‌‌‌जिसकी उत्पत्ती समुद्र मंथन से हुई हो ।

‌‌‌लक्ष्मी का पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग, use of synonym of lakshmi in sentence

  • ‌‌‌किशोरी जब से माता लक्ष्मी की पुजा करने लगी है तब से वह धनवान बनती जा रही है ।
  • बाबाजी ने कहा है की अगर हम विष्णुवल्लभा जी की पूजा करेगे तो हमारे ‌‌‌घर में भी धन की कोई कमी नही होगी ।
  • जब महेश के घर ‌‌‌मे लडकी का जन्म हुआ तो उसके पास बहुत सारा धन आया तब उसने माता लक्ष्मी कें नामपर ही अपनी बेटी का नाम ‌‌‌लक्ष्मी रख दिया था ।
  • कहते है की जो भी जगन्माता की पूजा करता है वह धन धान्य से परीपूर्ण हो जाता है ।
  • बेटे की नोकरी लग जाने के बाद में तो कंचन के घर में धनधान्यकी वास करने लगी है ।
  • जीस घर में लोकमाता वास नही करती उस घर में कुछ नही रहता है ।
  • तुम भगवान विष्णु के भग्त होकर यह नही जानते हो की हरिप्रिया कोई और नही बल्की उनकी पत्नी ही है ।
  • जब जब नारायण की पूजा होती है उनके साथ माता कमला की भी पुजा होती है ।
  • जब श्री राम अयोध्या लोटे तो अयोध्यावासियो ने दिपक जला कर उनका स्वागत किया और माता विष्णुपत्नी की पूजा की ।
  • आज भी दिवाली के दिन मां इन्दिरा की बडी धुम धाम से पूजा होती ‌‌‌है ।
  • कुंदन पर मा लक्ष्मी ने पैसो की बहुत वर्षा की मगर वह पैसो को अनउपयोग समझ कर उडाता चला जा रहा था जिसके कारण से लक्ष्मी रूठ गई और अब उसके पास खाने को दाना तक नही है ।

‌‌‌लक्ष्मी के बारे मे रोचक तथ्य, Interesting facts about Lakshmi

  1. ‌‌‌हिंदू धर्म मे जीस तरह से त्रिदेव होते है उसी तरह से त्रिदेवियाँ भी होती है और त्रिदेवियाँ ‌‌‌उन्ही त्रिदेवो की पत्नी होती है । इन त्रिदेवियो में से ही एक लक्ष्मी माता होती है ।
  2. ‌ऐस बताया जाता है की माता लक्ष्मी की उत्पत्ति जीवन में आनन्द पैदा करने के लिए बनाया गया है क्योकी माता जहां पर भी जाती है वहा ‌‌‌पर अपनी कृपा बरसा कर आनन्दित कर देती है ।
  3. लक्ष्मी मा के हाथों मे एक कलश देखने को मिलता है यह कलश वही है जिसमें से वह धन निकाल कर देती है ।
  4. आपको जान‌‌‌कर हैरानी होगी की माता लक्ष्मी का कलश कभी भी खाली नही होता है । इस कारण से वे अपनी कृपा हर दम बनाए रखती है ।
  5. भगवान विष्णु जो त्रिदेवो मे से एक के रूप में जाने जाते है माता लक्ष्मी को उनकी पत्नी कहा जाता है ।
  6. जीस तरह से लक्ष्मी होती है उसी तरह से अलक्ष्मी भी होती है यह अलक्ष्मी लक्ष्मी ‌‌‌की बहन बताई जाती है ।
  7. आपको जान कर हैरानी होगी की माता लक्ष्मी धन की देवी है और अपनी कृपा जीस पर भी रखती है वह धनवान हो जाता है मगर वही उसकी बहन अलक्ष्मी धन की देवी नही होती है बल्की वह तो धन को नष्ट करने वाली होती है और जहां पर भी रहती है वहा पर कुछ नही रह पाता यानि सब कुछ ‌‌‌तबाह हो जाता है ।
  8. ‌‌‌लक्ष्मी केवल हिंदू धर्म मे ही नही पूजी जाती बल्की जैन धर्म में भी इनकी पूजा होती है और जैन धर्म कें मदिरो में इनकी प्रतिमा देखने को मिल जाती है ।
  9. कुछ ग्रंथो मे बताया जाता है की माता के ऐसे आठ स्वरूप है जो सबसे अधिक प्रसिद्ध है इसके अलावा लक्ष्मी के और भी स्वरूप होते है ।
  10. आपने लक्ष्मी के पास गजराजों को देखा होगा ये गजराज लक्ष्मी माता पर पानी की वर्षा करते है और कुछ पुराणो मे तो यह भी बताया जाता है की ये गजराज माता लक्ष्मी के वाहन के रूप में भी काम करते है ।
  11. ‌‌‌जिस घर में माता लक्ष्मी की पूजा होती है वहा पर माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा ही बनी रहती है जिसके कारण से वहां पर हँसने-हँसाने का वातावरण बना रहता है ।
  12. विष्णु पुराण में बताया जाता है की माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुंद मंथन से हुई थी ।
  13. आपको जान कर हैरानी होगी की माता लक्ष्मी को हिंदू ‌‌‌में बहुत ही अधिक पूजा जाता है ।
  14. लक्ष्मी को धन लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है जो धन की कृपा करने का काम करती है ।
  15. धान्यलक्ष्मी भी माता लक्ष्मी का रूप होता है जो मनुष्य के जीवन को चलाने के लिए धान्य की आवश्यकता को पूर्ती करती रहती है ।
  16. माता लक्ष्मी को ही विद्या देने वाली कहा जाता है ‌‌‌ इसी कारण से माता लक्ष्मी को विद्यालक्ष्मी कहा जाता है ।

माता लक्ष्मी की उत्पत्ति कैसे हुई laxmi ki utpatti kaise hui

माता लक्ष्तमी के बारे मे ऐसी अनेक कथाए सामने आती है जिनसे उनकी उत्पत्ति का पता चलता है मगर सबसे अधिक समुंद मथन के बारे मे सुनने को मिलता है और बताया जाता है की माता लक्ष्मी की उत्पत्ति इससे ही हुई थी । मगर इसके अलावा भी कुछ कथाए है जिनसे माता की उत्पत्ति ‌‌‌से जुडी जानकारी सामने आती है ।

समुंदी मंथन के समय माता लक्ष्मी का जन्म, Mother Lakshmi was born during the churning of the ocean

विष्णु पुराण मे बताया गया है ऋषि दुर्वासा नाम के एक ऋषि हुआ करते थे जो शिव के अवतार के रूप में भी जानते जाते है । ऋषि दुर्वासा के बारे मे ‌‌‌विष्णु पुराण में ही नही बल्की अनेक पुराणो और ग्रंथो मे ‌‌‌भी बताया जाता है की वे बहुत अधिक क्रोधित स्वभाव के थे । ‌‌‌उनका क्रोध इतना भयानक शाबित होता की कोई देव भी उनके क्रोध का सामना कराना नही चाहता था ।

मगर एक बार इंद्र देव के पास ऋषि दुर्वासा गए थे और उन्होने बडे ही खुशी से इंद्र देव को समानिन्त करने के लिए उनके गले मे एक माला पहनाई । इंद्र ने उस माला को पहन तो लिया मगर फिर उसे निकाल कर पास खडे एक ‌‌‌गजराज पर रख दिया । यह देख कर ऋषि को अच्छा नही लगा मगर उन्होने इंद्र को कुछ नही कहा ।

तभी ऋषि दुर्वासा ने देखा की वह गजराज इस माला को जमीन पर फेंक चुका है । यह देख कर ऋषि दुर्वासा को क्रोध आ गया और उन्होने अपना अपमान महसुस कर कर इंद्र को ‌‌‌श्राप दिया की मैने तुम्हारे सम्मान दिया पर तुनमे ‌‌‌मेरे सम्मान का आदर नही किया मैं तुम्हे श्राप देता हूं की तुम्हारा सिहासन नही बच पाएगा । यह श्राप देकर ऋषि वहा से चले गए ।

मगर समय के साथ श्राप को पूरा होना ही था और हुआ यही । यानि दानवो के आतक के कारण से इंद्र का ही नही बल्की तिनो लोक का भी आसान डोलने लगा था । जिसके कारण से इंद्र और बाकी के ‌‌‌देव घबरा गए और डर के मारे भगवान विष्णु के पास चले गए ।

तब विष्णु से मदद मागी तो विष्णु जी ने कहा की आप सभी क्षीर सागर में समुंद्र मंथन करो और उसमे से अमृत निकलेगा वह पी लेना जिससे अमर हो जाओगे और कोई भी दानव आप सभी को नष्ट नही कर पाएगा । विष्णु की बात मान कर सभी देवो ने दानवो के साथ ‌‌‌कर समुंद मंथन का कार्य शुरू किया । इस समुंद मंथन में सभी देव और दानव मोजूद थे ।

जब इसका कार्य ‌‌‌शुरू से लेकर अंत तक चला तो कुल 14 रत्न प्राप्त हुए थे । इन ही रत्नों से एक से माता लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी । और इस रत्न यानि लक्ष्मी को स्वयं भगवान विष्णु ने अपनी पत्नी के रूप मे स्वीकार किया था और ‌‌‌बाकी के रत्नो को अन्य देव व दानवो नें भी स्वीकार किया । इस तरह से माता लक्ष्मी का जन्म समुंद्र मंथन से हुआ था ।

‌‌‌लक्ष्मी का वाहन क्या होता है, what is the vehicle of lakshmi

‌‌‌माता लक्ष्मी के वाहन के रूप में उल्लू को माना जाता है ‌‌‌। उल्लू के बारे मे बताया जाता है की यह माता का एक वहान है जो माता ने अपनी इच्छा से चुना है । साथ ही अपने पुराणो और ग्रंथो में भी माता के साथ उनके वाहन के रूप मे उल्लू को बताया गया है । जिसके कारण से उल्लू को इनका वाहन मानते है । मगर कुछ ग्रंथो में कमल को भी माता लक्ष्मी का वाहन बताया गया है । इसके अलावा एक और वहान बताया जाता है जो गजराज का होता है यह गजराज वही है जो माता पर पानी की वर्षा करते  दिखते है ।

उल्लू बना माता लक्ष्मी का वाहन, Owl became the vehicle of Mata Lakshmi

‌‌‌आपने देखा होगा की ज्यादातर देवो के वाहन पशु पक्षी ही होते है इसका कारण क्या है यह तो पता नही मगर सभी देवी देव ऐसे ही वाहन चुनते है।

इसत रह से एक बार लक्ष्मी जी को भी अपना वाहन चुनने का मोका मिला था । क्योकी पशु पक्षी को ही वाहन चुनना था और माता का वाहन बनना कोन पंसद नही करेगा । जिसके कारण से सभी ‌‌‌माता लक्ष्मी से कहने लगे की मुझे अपना वाहन बना लो मुझे अपना वाहन बना लो । यह सुन कर लक्ष्मी जी को समझ में नही आया की मैं किसको अपना वाहन चुनु ।

 तभी माता लक्ष्मी जी ने सभी पक्षियो को चुप करते हुआ कहा की मैं प्रत्येक वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन ‌‌‌मैं पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आती हूं । और ‌‌‌उस दिन जो भी कोई मेरे पास आएगा मैं उसे अपना वाहन चुनुगी । माता के ऐसा कहने पर कार्तिक अमावस्या के दिन सभी पक्षी लक्ष्मी का इंतजार करने में लगे थे ।

मगर लक्ष्मी जी रात्री कें समय वहा पर आई । क्योकी रात थी जिसके कारण से लक्ष्मी को पक्षी देखने मे सक्षम न थे । मगर इनके विपरीत उल्लू जो रात को ‌‌‌देख सकता है वह माता लक्ष्मी को देख कर उसके पास आ गया और लक्ष्मी से प्राथना की मुझे अपना वाहन बना लो । यह देख कर लक्ष्मी ने उसे कहा की आज से तुम मेरे वाहन हो ।

इस तरह से उल्लू के रात के समय में देखने के कारण से माता लक्ष्मी ने वाहन चुना था । इस कथा के बारे में कुछ पुराणो मे पढने को मिलती है ।

‌‌‌कमल बना माता लक्ष्मी का वाहन, Lotus became the vehicle of Mother Lakshmi

कहते है की जब माता समुंद मथन से प्राप्त हुई थी तो एक कमल भी वहा पर था  क्योकी यह प्रक्रिया एक नदी में चल रही थी और कमल वही हरता है । जिसके कारण से माता लक्ष्मी ने कमल को अपना आसन बना लिया । इसके अलावा भगवान विष्णु के हाथों में भी कमल देखने को मिलता है जिसके ‌‌‌कारण से भी माता लक्ष्मी को कमल का वाहन प्राप्त हुआ था । इस तरह से उन्हे फिर कमला भी कहा गया है ।

हाथी को भी माता का वाहन बताया जाता है, Elephant is also said to be the vehicle of mother.

आपने माता लक्ष्मी के साथ दो हाथियो को देखा होगा जो पानी से माता पर वर्षा करते है । ये हाथी ही माता लक्ष्मी के वाहन के रूप में भी काम में करते है । ‌‌‌इसके बारे में भी कुछ पुराणो मे उल्लेख मिता है । ‌‌‌इस तरह से माता लक्ष्मी का वहान गजराज या हाथी भी होता है ।

क्या लक्ष्मी मानव के लिए उपयोगी है, Is Lakshmi useful to humans

हां, माता लक्ष्मी के बोर में बात की जाए तो यह सभी को पता है की यह मानव के लिए इतनी जरूरी हैकी यह पूरे जीवन को आरामदायक बना सकती है ।

क्योकी जिसके घर में माता लक्ष्मी होती है उसे किसी तरह की कमी नही होती है । खासकर जब धन की बात होती है तो उस समय मे माता लक्ष्मी के होने के कारण से किसी तरह की कमी नही देखने को मिलती है । कहा जाता है की माता लक्ष्मी जिसके घर में होती है वहां पर धन की कृपा हमेशा बनी रहती है और यही कारण है की मानव के लिए माता लक्ष्मी महत्वपूर्ण है । वैसे इसी कारण से जीवन को अच्छा बनाने के लिए माता की पूजा करनी चाहिए ।

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