निर्बल का विलोम शब्द Nirbal ka vilom shabd kya hai ?

निर्बल का विलोम शब्द या निर्बल का विलोम , भिखारी का उल्टा क्या होता है ? Nirbal ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
निर्बल‌‌‌सबल
NirbalSabal

‌‌‌निर्बल का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों निर्बल का विलोम शब्द सबल होता है। निर्बल का मतलब कमजोर होना होता है। कमजोरी कई प्रकार की होती है। जैसे शारीरिक रूप से कमजोरी और दूसरी होती है मानसिक रूप से कमजोरी । भारत के अंदर ‌‌‌शारीरिक रूप से जनता इतनी कमजोर नहीं है जितनी की मानसिक रूप से कमजोर हो चुकी है। यह असल मे जल्दी ही गुलामी का संकेत होती है। या कहें कि भारत जल्द विदेशी ताकतों का गुलाम होने वाला है। सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर कम्पनी आती हैं उसके बाद पैसा फेंक कर प्रोगगेंडा चलाती हैं फिर अपने ‌‌‌सामान को आसानी से बेच सकती हैं। भारत के लोग इन सब चीजों के अंदर कोई रूचि नहीं रखते हैं। भारत के आम आदमी को किसी से कोई मतलब नहीं है। वह पैसा बनाने मे हमेशा व्यस्थ रहता है। उसका ज्ञान एडवासं लेवल का है। इस वजह से उसे कोई समझा नहीं सकता है। यही मानसिक कमजोरी होती है।

निर्बल का विलोम शब्द

‌‌‌वैसे मानसिक कमजोरी का मतलब होता है।डरा कर अकेला इंसान कुछ भी करवा ले । अभी हाल ही के अंदर एक खबर आई थी कि कुछ रेपिस्ट महिलाओं को उठाकर ले गए और उनका रेप करने लगे । उन बेचारी महिलाओं के साथ हमेशा ही यही हो रहा है। इसको हम मानसिक गुलामी कह सकते हैं।

‌‌‌क्योंकि उन महिलाओं के अंदर इतना भी साहस नहीं बचा है कि वे उस रेपिस्ट को मार सकें। यह सिर्फ उन महिलाओं की ही कहानी नहीं है। भारत के अंदर कई प्रकार की जातियां होती हैं। नीची जाति वाले लोग अक्सर यह चिल्लाते हैं। कि उनके साथ गलत हुआ था।उनका शोषण हुआ । हम खुद नीची जाति से हैं। लेकिन ‌‌‌हमारा शोषण इसलिए हुआ क्योंकि हमारे अंदर दम नहीं था।हम मानसिक रूप से कमजोर थे । इसलिए हमारा शोषण हुआ था। यदि हम भी हथियार उठाते तो किसी की हिम्मत नहीं होती शोषण करने की ।

‌‌‌आपको यह पता होना चाहिए कि जब किसी देश के अंदर रहने वाले लोग गुलाम होते हैं तो पहले उनको मानसिक रूप से पहले गुलाम बनाया जाता है। खुद की सभ्यता और संस्कृति को घटिया साबित किया जाता है। और हमारे यहां पर यह बहुत तेजी से हुआ अंग्रेजी भाषा बोलने वाले को विद्धान समझा जाने लगा ।

‌‌‌और उसके बाद धीरे धीरे अंग्रेज हम पर अपनी संस्कृति को थोपते चले गए । उसके बाद हम यह सब अपनाते चले गए । आज आप बड़े शहरों के अंदर जाओगे तो लोगों के दिमाग मे फीड किया हुआ अंग्रेजी सिस्टम आपको नजर आ जाएगा ।

‌‌‌लेकिन आप पड़ोसी देश पाकिस्तान को देखो भले ही वो भारत से कमजोर है लेकिन मानसिक रूप से वो कमजोर नहीं है। आज भी वहां पर अपनी खुद की संस्कृति को फोलो किया जाता है। इस्लाम के नाम पर सरकारें बनती हैं इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि वो लोग खुद की संस्कृति को बेहतर मानते हैं।

‌‌‌सबल का अर्थ और मतलब

सबल का मतलब मजबूत होता है।जो किसी भी तरह से मजबूत होता है उसके लिए सबल शब्द का प्रयोग किया जाता है। जैसे आपके पास अधिक पैसा है तो आप आर्थिक तौर पर अधिक सबल हैं। सबल का मतलब ताकतवर भी होता है। इस दुनिया के अंदर जो ताकतवर होता है वह राज करता है और जो ताकतवर नहीं होता है ‌‌‌उदाहरण के लिए जीव जंतु इंसान से कम ताकतवर होते हैं। इस वजह से उनको मारा जाता है। खैर सब कुछ ताकत का खेल होता है। दुनिया के अंदर जो ताकतवर देश होता है उसका राज चलता है।

‌‌‌इसका मतलब यह है कि दुनिया मे जो सबल है।उसका बहुत अधिक महत्व होता है। उसके बाद भले ही वह एक देश हो या एक इंसान या कुछ और

‌‌‌निर्बलता की कहानी

दोस्तों प्राचीन काल की बात है।एक गांव पहाड़ियों के अंदर बसा हुआ था। और जंगलों के अंदर डाकू रहा करते थे ।डाकुओं का जब मन करता गांव के अंदर आते औ धन दौलत को लूट लैते । साथ ही सुंदर स्त्री को अपने साथ ले जातें ।

‌‌‌डाकू जब गांव के अंदर आते तो सारे गांव के लोग घरों मे दुबक जाते क्योंकि सबको अपनी मौत का डर था । भला डाकुओं से कौन पंगा लेता ।इस प्रकार से कुछ दिन बीत गए ।‌‌‌अब डाकुओं के लिए भी यह गांव सबसे आसान शिकार बनता जा रहा था।एक दिन अचानक से डाकू आ गए और गांव की कई सुंदर कन्याएं पानी भर रही थी । उनको डाकूओं से छुपाकर रखा जाता था। तो डाकू आए और एक कन्या को पकड़ लिया । जबकि बाकि भागने मे सफल हो गई।

‌‌‌डाकू उस कन्या के हाथ को पकड़ कर प्यार से सहला रहा था।तभी उस कन्या ने एक तेज चाकू निकाला और डाकू के हाथ को ही काट डाला । डाकू कुछ समझ पाता इतने मे दूसरा वार उसके सीने पर किया और डाकू वहीं पर गिरकर तड़पने लगा ।

‌‌‌उस जमाने मे गन नहीं होती थी तभी दूसरे डाकू यह देख बौखला गए और उसको मारने के लिए दौड़े लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि उसके पास आ जाए । तभी वह कन्या चिल्लाई ………अरे गांव के हिंजडों अपने आप को मर्द कहते हो थू है तुम्हारी जिंदगी पर । हाथों मे चुडिंया पहन लो । एक लड़की डाकूओं ‌‌‌ से लड़ रही है।

कुछ ही समय बाद गांव के कुछ लोगों ने मिलकर हमला कर दिया और डाकूओं को उल्टे पांव भागने पर मजबूर कर दिया । फिर क्या था वह कन्या हीरो बन गई । डाकू के जाने के बाद सारे गांव को एकत्रित किया और बोली ……..देखो ‌‌‌सब लोग अपने पास हथियार रखो जैसे ही डाकू गांव के अंदर आए उनके उपर हमला करदो बस इतने सारे लोग हमला करेंगे तो बेचारे कुछ नहीं कर पाएंगे।

 उधर सारे गांव वाले समझ गए ।उनमे हिम्मत आ गई और फिर ‌‌‌एक दिन जैसे ही डाकू गांव के अंदर दाखिल हुए गांव वालों ने चारो ओर से उनको घेर लिया और हमला करना शूरू कर दिया फिर होना क्या था। डाकूओं की अच्छी तरह से धुलाई हुई ।

‌‌‌इन बेचारे डाकूओं ने दुबारा आने का विचार ही त्याग दिया ।

‌‌‌इस कहानी की सीख यही है कि जब तक आप अपने अंदर की ताकत को नहीं पहचानेंगे तब तक कुछ नहीं हो सकेगा । आप लोगों का शिकार होंगे लेकिन जिस दिन आप अपने अंदर की ताकत को पहचान लेंगे आप लोगों का शिकार करेंगे ।

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