povidone iodine ointment usp and side effect

povidone iodine ointment usp uses in hindi  , povidone iodine ointment usp 5 uses in hindi , povidone iodine ointment usp का उपयोग संक्रमण और घाव के ईलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक काफी अच्छी दवा है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।और यदि आप इस दवा का सेवन कर रहे हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और  ‌‌‌आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा और आप समझ सकते हैं खैर दोस्तों इस दवा की जो खुराक होती है वह लिंग और उम्र के हिसाब से अलग अलग हो सकती है तो फिर आपको किस तरह से दवा का उपयोग करना है। इसके बारे मे आपके डॉक्टर ही आपको बताएंगे ।

‌‌‌इसके अलावा इस दवा के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। लेकिन आपको इस दवा के साइड इफेक्ट को अधिक समय तक झेलने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। ‌‌‌और अधिकतर केस के अंदर यह अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

povidone iodine ointment usp ‌‌‌संक्रमण मे

‌‌‌दोस्तों इस दवा का उपयोग संक्रमण मे भी किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।संक्रमण की समस्या आमतौर पर तब होती है जब कोई बाहरी जीव शरीर के अंदर प्रवेश करता है और उसके बाद वह शरीर के अंदर ही प्रजनन करने लग जाता है तो इसकी वजह से काफी समस्या होती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए।

‌‌‌कुछ संक्रमण इस प्रकार के होते हैं कि वे जरा भी गम्भीर नहीं होते हैं। लेकिन कुछ संक्रमण इस तरह के होते हैं जोकि काफी गम्भीर हो सकते हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं। यदि संक्रमण के फैलने के तरीकों के बारे मे बात करें तो यह आमतौर पर कई तरह से फैल सकता है। जैसे कि छूने से या फिर गंदगी से । ‌‌‌ और शौच करने के बाद हाथों को सही तरीके से नहीं धोने की वजह से भी संक्रमण फैल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌वैसे तो जो प्रतिरक्षा प्रणाली होती है वह संक्रमण को रोकने का काम करती है। लेकिन कई बार क्या होता है कि संक्रमण काफी बड़ी संख्या के अंदर होता है जिसकी वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली भी  संक्रमण को रोकने मे सक्षम नहीं होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि हम संक्रमण के प्रकार के बारे मे बात करें तो कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं। हर तरह के संक्रमण का अपना ईलाज होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो आइए जानते हैं संक्रमण के प्रकार के बारे मे विस्तार से ।

povidone iodine ointment usp uses in hindi

बैक्टीरियल इन्फेक्शन (Bacterial Infection) के अंदर कुछ सूक्ष्मजीवी आते हैं जोकि हर  प्रकार के वातावरण मे रहते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इनके द्धारा कई तरह के रोगों को संचारित किया जा सकता है। उनमे से कुछ इस प्रकार से हैं।

  • फूड पाइज़निंग
  • आंख के संक्रमण
  • निमोनिया
  • त्वचा के संक्रमण
  • यौन संचारित रोग
  • स्वशन तंत्र के अंदर संक्रमण
  • टीबी
  • पेट मे सूजन आदि हो सकते हैं।

वायरल इन्फेक्शन वायरस के कारण होते हैं।यह आमतौर पर सक्रिय और निष्कि्रय रह सकते हैं इनकी वजह से आपको कुछ समय के लिए यह लग सकता है कि आप ठीक हैं। लेकिन बाद मे आपको यह लग सकता है कि आप बीमार हैं।

‌‌‌कई तरह के ऐसे रोग होते हैं जोकि वायरस के कारण होते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए तो आइए इन रोगों की लिस्ट के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं।

  • गैस्ट्रोएन्टराइटिस
  • जीका वायरस
  • एचआईवी
  • सामान्य ज़ुकाम
  • इंसेफेलाइटिस
  • डेंगू
  • स्वाइन फ्लू
  • इबोला

फंगल इन्फेक्शन (Fungal infection) भी एक प्रकार की समस्या होती है। वैसे तो यह शरीर के अंदर ही रहते हैं। लेकिन यह भी कई बार भयंकर समस्या पैदा कर देते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।एथलीट फुट , दाद आदि कुछ इस प्रकार के संक्रमण होते हैं जोकि फंगस की वजह से होते हैं। इसके बारे मे आपको पता ‌‌‌ होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि हम इन्फेक्सन फैलने के तरीकों के बारे मे बात करें तो हम आपको इसके लिए कई चीजों के बारे मे बता सकते हैं। मतलब कई सारे ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से इन्फेक्सन फैल सकता है तो आइए जानते हैं इन कारणों के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌किसी भी जानवर के काटने या फिर खरोंचने से इन्फेक्सन हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको कोई जानवर काट लेता है या फिर आप किसी जानवर के मल और मूत्र के संपर्क मे आते हैं तो इसकी वजह से भी इन्फेक्सन हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही इन्फेक्सन है तो उसके बाद वह किसी दूसरे इंसान के अंदर फैल सकता है। जैसे कि आप उस इंसान के साथ संबंध बनाते हैं या फिर आप उस इंसान के साथ संपर्क मे आते हैं तो आपके अंदर संक्रमण फैल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि मां को किसी तरह का संक्रमण है तो यह संक्रमण बच्चे के अंदर भी फैल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी बहुत ही जरूरी हैं। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • कुछ कीटाणु मच्छरों, जूँ और अन्य छोटे कीड़ों के काटने से फैलते हैं। यदि आपको किसी तरह के कीड़े ने काट लिया है तो उसकी वजह से भी संक्रमण फैल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आमतौर पर मच्छर के काटने से ही तो मलेरिया फैलता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप साफ सुथरा खाना नहीं खाते हैं तो उसकी वजह से भी कीटाणू फैल सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । इसलिए भोजन करते समय आपको साफ सुथरी चीजों का सेवन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा और हाथों को अच्छी तरह से धोकर खाना खाना चाहिए ।

‌‌‌यदि हम संक्रमण से बचाव के उपायों पर चर्चा करें तो इसके लिए कई कदम आप उठा सकते हैं जोकि आपकी संक्रमण से रक्षा करने मे मदद करेंगे । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

  • ‌‌‌आपको संक्रमण से बचने के लिए एक संतुलित आहार की सेवन करने की जरूरत है। इसका मतलब यह है कि एक ऐसा आहार जोकि आपकी बॉडी को जरूरत है। आप उस आहार का सेवन करें। जिससे कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक बढेगी और आपके लिए फायदा होगा ।
  • ‌‌‌कच्चे फल और सब्जी को खाने से बचे आमतौर पर होता यह है कि हम बाजार से सब्जी को लेकर आते हैं और उसके बाद उस बिना धोए ही ऐसे ही खा लेते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर आपको चाहिए कि आप बाजार से लाने वाली सभी सब्जी को अच्छी तरह से धोकर ही खाएं ।इससे संक्रमण के चांस काफी कम हो जाएंगे ।
  • ‌‌‌घर के अंदर किसी भी तरह की गंदगी नहीं रखें । यदि आप घर के अंदर गंदगी रखते हैं तो उससे भी संक्रमण फैलने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। साफ करने के लिए क्लीनर वैगरह का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे की घर की सफाई अच्छी होगी ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप घर के अंदर गाय भैंस बकरी आदि को रखते हैं तो उनका काम करने के बाद खुद को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए । क्योंकि कई संक्रमण इस प्रकार के होते हैं जोकि जानवरों से इंसानों के अंदर फैल सकते हैं। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप खुद किसी तरह कें संक्रमण का शिकार हैं तो फिर आपको काम पर नहीं जाना चाहिए वरन घर पर ही रहना चाहिए यही आपके लिए सही होगा । आप घर पर रहकर खुद का ईलाज करें। जिससे कि संक्रमण से निजात मिल सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आप जो गाय भैंस और बकरी का कच्चा दूध खाते हैं। उससे भी संक्रमण फैल सकता है। इसके बारे मे भी आपको अच्छे से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं। इसलिए कच्चे दूध को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से गर्म कर लेना चाहिए और उसके बाद उसका सेवन यदि आप करते हैं तो यह अधिक सही रहेगा ।
  • ‌‌‌इसके अलावा मुंह के अंदर भी कई तरह के बैक्टिरिया जम जाते हैं जोकि संक्रमण को फैला सकते हैं इसलिए आपको चाहिए कि आप अपने दांतों को बहुत ही अच्छे तरीके से साफ करें और ब्रश करते समय काफी समय तक आपको ब्रश करना चाहिए । जीभ को भी अच्छी तरह से यदि साफ कर सकते हैं तो करें ।
  • ‌‌‌यदि आप किसी अनजान महिला से संबंध बनाते हैं तो आपको इसके लिए सुरक्षा का अतिरिक्त ध्यान देना बहुत ही जरूरी है क्योंकि ऐसा नहीं करने पर संक्रमण फैल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । लेकिन अधिकतर लोग इन सब चीजों पर ध्यान नहीं देते हैं जिसकी वजह से उनको काफी ‌‌‌ अधिक पछताना पड़ता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं
  • ‌‌‌यदि आपको बुखार की समस्या है या फिर उल्टी दस्त है तो फिर आपको किसी भी तरह के काम पर नहीं जाना चाहिए नहीं तो संक्रमण आप से किसी दूसरे के अंदर फैल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और यदि आपका बच्चा भी बीमार है तो फिर आपको उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आप यदि किसी भी बाहरी चीज को छूते हैं जैसे ट्रेन बस और कुर्सी आदि तो ऐसी स्थिति के अंदर अपने हाथों को आपको अच्छी तरह से धोना चाहिए । यदि आपके पास पानी नहीं रहता है तो आप हाथों को धोने के लिए हेंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं यह काफी फायदेमंद होगा । और आप इसको अपनी जेब के ‌‌‌अंदर इसको रख सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा मार्केट के अंदर कई तरह के संक्रमण को रोकने के लिए टीके भी होते हैं तो आप यदि संक्रमण से खुद को रोकना चाहते हैं तो आपको फिर टीके लगाने की जरूरत है आप इस बात को समझ सकते हैं। और सरकार भी समय समय पर बच्चों को टीका लगाती है।तो अपने बच्चे को टीक जरूर ही लगवाएं ।

‌‌‌दोस्तों यदि संक्रमण किसी के अंदर फैल चुका है तो उसे एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना होता है और उसके बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाने के लिए आपको बोल सकता है। उन टेस्ट की मदद से डॉक्टर संक्रमण के बारे मे जानता है।

  • स्वैब टेस्ट (Swab test) के अंदर शरीर के संक्रमित हिस्से का एक नमुना लिया जाता है और उसके बाद लेब मे भेजा जाता है और उसका टेस्ट किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।
  • मल का टेस्ट (Stool test) के अंदर मल के नमूने लिये जाते हैं और उन नमूनों की मदद से टेस्ट किया जाता है और जानकारी हाशिल की जाती है कि किस तरह का संक्रमण है।
  • इमेजिंग टेस्ट (Imaging test) के अंदर संक्रमण के लक्षण का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे ।
  • ब्लड टेस्ट (Blood test) एक कॉमन प्रकार का टेस्ट होता है जोकि बहुत ही आसानी से किया जा सकता है और लगभग सभी प्रकार के व्यक्तियों का ब्लड टेस्ट हुआ होगा । और इसके बारे मे आप भी अच्छी तरह से जानते ही होंगे । ब्लड टेस्ट के अंदर ब्लड का एक नमूना लिया जाता है और उसके अंदर संक्रमण की जांच की ‌‌‌ जाती है।
  • यूरिन टेस्ट (Urine test) के बारे मे आप जानते ही हैं। इसको मूत्र टेस्ट कहते हैं और इसके अंदर आपके मूत्र का एक नमूना लिया जाता है और उसके बाद उसकी जांच की जाती है। जांच करने के बाद रिपोर्ट आती है जिसको आपको डॉक्टर को दिखाना होता है। आप समझ गए होंगे ।
  • बायोपसी (Biopsy) के अंदर शरीर के अंदरूनी उत्तक का नमूना लिया जाता है और उसके बाद जांच की जाती है कि अंदर किस तरह की समस्या हो गई है। कई लोगों को डॉक्टर यह टेस्ट करवाने के लिए कह सकता है। हालांकि डॉक्टर इस प्रकार के टेस्ट के लिए तभी कहता है जब जरूरत हो । ‌‌‌यदि जरूरत नहीं हो तो आपको डॉक्टर इस प्रकार के टेस्ट करने के लिए नहीं कह सकता है।

povidone iodine ointment usp घाव

‌‌‌दोस्तों आप घाव के बारे मे अच्छी तरह से जानते ही हैं। घाव का मतलब होता है। आपके शरीर को होने वाली आंतरिक और बाहरी क्षति खैर घाव के बारे मे आपको अधिक बताने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। कारण यह है कि घाव के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। ‌‌‌क्योंकि लगभग हर इंसान ने अपने जीवन के अंदर कभी ना कभी चोट का अनुभव किया होगा । इसके बारे मे आप भी जानते हैं। यह जो चोट ही होती है वह यदि बड़ी है तो हम घाव कहते हैं। यह खंरोच से काफी अलग होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌घाव आमतौर पर कई कारणों से बन सकता है। जैसे कि किसी तरह की कार और बाइक की दुर्घटना की वजह से घाव हो सकता है। किसी तरह की सामान्य चोट की वजह से घाव हो सकता है। इसके अलावा किसी तरह के जानवर के काटने की वजह से भी घाव हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों यदि हम घाव के प्रकार के बारे मे बात करें तो घाव कई प्रकार के होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हालांकि इन सभी का ईलाज इनके प्रकार के आधार पर अलग अलग होता है तो आइए जानलेते हैं। घाव के प्रकार के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌दोस्तों एक होता है रगड़क लगने वाला घाव । मतलब यह है कि जैसे कि आप किसी कार और बाइक पर जा रहे हैं और अचानक से आपको रगड़क लग जाती है। और उसकी वजह से जो घाव बनता है यह रगड़क प्रकार का होता है। और कई बार इसी तरह से पैदल चलते हुए भी इस तरह का घाव लग सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌इस प्रकार का जो घाव होता है। उसके अंदर अधिक खून नहीं बहता है। क्योंकि यह त्वचा के अंदर अधिक गहराई तक नहीं जा पाता है। इस वजह से यह आसानी से ठीक भी हो जाता है। इससे आपके शरीर के अंगों को अंदर से नुकसान नहीं होता है।
  • ‌‌‌नुकीली चीज की वजह से भी घाव बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । नुकीली चीज के अंदर जैसे कि सुई और भी किसी तरह की नुकीली चीजें हो सकती हैं जोकि घाव पैदा करने का काम करती हैं। यह घाव काफी गहरा हो सकता है और इसकी वजह से शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप ‌‌‌ नुकीली चीजों से दूरी बनाकर रखें ।यही आपके लिए सही होगा और आप समझ सकते हैं यदि आपको कोई नुकली चीज काफी सिरियस जगहों पर चुभ गई है तो उसके बाद आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उसके बाद आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार जो नुकीली चीज होती है। उसकी वजह से काफी गहरा घाव हो सकता है। और उसकी वजह से अंगों को काफी अधिक नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।और इस तरह का गहरा घाव होने की वजह से खून भी नहीं रूक पाता है। और काफी परेशानी होती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार क्या होता है कि किसी तरह की गम्भीर दुर्घटना होती है। जिसकी वजह से त्वचा काफी अधिक फट जाती है। इस तरह की स्थिति के अंदर काफी समस्याएं होती हैं और कई बार तो व्यक्ति की स्थिति इस प्रकार की हो जाती है कि बात मौत तक पहुंच जाती है।

‌‌‌दोस्तों यदि हम बात करें घाव के ईलाज की तो घाव का जो ईलाज होता है वह आमतौर पर कई तरह से किया जा सकता है। सबसे पहला ईलाज तो घाव का घरेलू ही किया जाना चाहिए । और इसके लिए घर पर आप कई तरीकों से आप ईलाज कर सकते हैं। घरेलू तरीके आमतौर पर तब काम मे आते हैं जब घाव छोटा मोटा हो  । छोटे मोटे घाव के ‌‌‌ लिए आपको किसी भी तरह से डॉक्टर के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि आप घर पर मिलने वाली छोटी मोटी क्रीम का ही उपयोग कर सकते हैं।

‌‌‌और उसको लगाकर आप अपने घाव को ठीक कर सकते हैं। छोटे मोटे घाव का मतलब जैसे कि छोटी मोटी खरोंच होना या फिर चमड़ी उखड़ना आदि ।

‌‌‌यदि आप घाव को घर पर ही ठीक कर रहे हैं तो आपको सही चीजों को करना चाहिए । जैसे कि आप कर सकते हैं कि रोजाना अपने घाव के उपर दवा लगाएं यदि आपका घाव छोटा सा है तो दिन मे 3 बार दवा लगा सकते हैं। इसके अलावा यदि आपका घाव काफी बड़ा है तो उसके उपर रोजाना आपको पट्टी करने की आवश्यकता हो सकती है।

‌‌‌यदि घाव की वजह से चलने फिरने की परेशानी हो रही है तो फिर आपको काम पर नहीं जाना चाहिए और उसके बाद आपको घर पर ही आराम करना चाहिए।  यदि घाव छोटा मोटा है और किसी भी तरह की दिक्कत नहीं कर रहा है तो उसके बाद आप काम पर  जा सकते हैं। लेकिन पूरी सावधानी के साथ । ‌‌‌क्योंकि कई बार क्या होता है कि चोट लगने वाले स्थान पर अधिक चोट लगने की संभावना होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । इसकी प्रकार से यदि घाव काफी बड़ा है तो आपको एक बार डॉक्टर को दिखाना चाहिए । क्योंकि कई बार क्या होता है कि घाव की वजह से अंदर भी संक्रमण फैल सकता ‌‌‌ है। इसलिए आप एक बार अपने डॉक्टर के पास जा सकते हैं और उसके बाद आपके डॉक्टर को दिखा सकते हैं। आपका डॉक्टर आपको कुछ दवाएं लिखकर दे सकते हैं। जिनको आपको समय पर लेना होगा । जिससे कि समस्या ठीक हो जाएगी ।

‌‌‌आमतौर पर डॉक्टर के पास यदि आप अपने घाव को लेकर जाते हैं तो सबसे पहले आपके घाव को डॉक्टर चेक करते हैं कि इसके लिए सर्जरी की जरूरत है या फिर नहीं है उसके बाद  यदि सर्जरी की जरूरत नहीं है तो घाव को जोड़ने के लिए या सही करने के लिए डॉक्टर टांके भी लगा सकते हैं जिससे कि घाव ‌‌‌काफी जल्दी भर जाते हैं। इसके अलावा किसी नुकीली चीज से घाव हो गया तो उसके बाद टीटनेश का इंजेक्स लगाया जाता है ताकि किसी तरह की समस्या ना हो और घाव आसानी से बहुत ही जल्दी ठीक हो जाए ।

‌‌‌दोस्तों शरीर के अंदर घाव बन गया है तो उसके बाद जब घाव ठीक होता है तो वहां पर नई कोशिकाओं का निर्माण होने लग जाता है जिसकी वजह से घाव मे खुजली होने लग जाती है। यह एक आम समस्या होती है। और खुजली तब होती है जब हम घाव के उपर ठीक तरह से दवा नहीं लगा पाते हैं। इसलिए यदि खुजली घाव पर हो रही है तो ‌‌‌अपने घाव पर ठीक तरह से दवा लगाएं । और घाव के उपर खुजली को भूलकर भी नहीं करना चाहिए । क्योंकि घाव पर यदि आप नाखुन लगाते हैं तो घाव ठीक होने की बजाय और अधिक बिगड़ सकता है। इसलिए आपको ऐसा नहीं करना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा कई बार क्या होता है कि घाव भरते समय आस पास की कोशिकाओं के अंदर तनाव होता है। जिसकी वजह से खुजली हो जाती है। हालांकि इस प्रकार की स्थितियों के लिए चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। यह सब चीजें अपने आप ही सही हो जाएंगी । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

घाव में खुजली ऊतकों के निर्माण की वजह से भी होती है। घाव ठीक होने के दौरान शरीर के प्रभावित हिस्से में ऊतक बनने लगते हैं। और घाव के उपर किसी तरह का निशान ना पड़े इस वजह से घाव को ढकर रखना चाहिए यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि घाव के उपर खुजली हो रही है। और इसकी वजह से घाव हल्का पीला हो रहा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । क्योंकि यह समस्या आपके घाव को काफी डेंजर बना सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हम आपको कुछ टिप्स बताने वाले जिसकी मदद से आप घाव को सही कर सकते हैं। ‌‌‌और उसके अंदर जो खुजली होती है। उसको कम कर सकते हैं तो आइए जानते हैं । इसके बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌यदि आप घाव को अच्छी तरह से साफ नहीं करते हैं तो उसकी वजह से खुजली हो सकती है। इसलिए बेहतर यही होगा कि नीम के साबुन से या डिटोल से अपने घाव को अच्छी तरह से साफ करें और जो मरी हुई कोशिकाएं हैं उनको अच्छी तरह से हटा देना चाहिए । जिससे कि खुजली होना बंद हो जाएगी ।
  • ‌‌‌अपने घाव को किसी कपड़े से ढककर रखना चाहिए । ऐसा करना बहुत अधिक जरूरी हो जाता है। कारण यह है कि घाव के अंदर किसी भी प्रकार का कचरा प्रवेश ना कर जाए । इसके अलावा कपड़ें को इस तरह से रगड़ कर रखना चाहिए कि किसी भी तरह की रगड़क घाव पर नहीं होनी चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप खुजली की समस्या को कम करना चाहते हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप अपने डॉक्टर के पास जाएं और डॉक्टर से पूछे कि आपको कौनसी क्रीम का उपयोग करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो क्रीम बताता है आप उसका उपयोग कर सकते हैं। और खुजली को कम कर सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों अब हम घाव पर मरहम और पट्टी की बात कर लेते हैं। दोस्तों यदि घाव छोटा सा है तो उसके उपर किसी भी तरह की मरहम पट्टी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि घाव बड़ा हो चुका है तो उसके उपर पट्टी को बांधने की आवश्यकता होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि आपके चोट लगी है और उसके बाद उसका निशान पड़ रहा है तो इसका मतलब यह है कि आपकी चोट धीरे धीरे ठीक हो रही है। और यह आपके लिए एक बहुत ही अच्छा संकेत है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । चोट का निशान जाएगा या नहीं जाएगा यह इस बात  पर निर्भर करता है कि आपकी चोट कितनी गहरी लगी है। यदि ‌‌‌ आपकी चोट काफी गहरी है तो फिर इसका चोट का निशान आसानी से नहीं जा सकता है । इसक बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।और यदि घाव की आप अच्छी तरह से देखभाल नहीं करते हैं तो उसके बाद घाव काफी डेंजर हो सकता है। तो आपको अपने घाव की ठीक तरह से देखभाल करने की जरूरत है।

  • ‌‌‌अपने घाव को चोट लगने के बाद अच्छी तरह से साबुन से साफ करना बहुत ही जरूरी होता है। कारण यह है कि यदि आप साफ नहीं करते हैं तो उसके बाद संक्रमण फैलने का खतरा काफी अधिक होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा घाव को साफ करते समय अच्छी तरह से ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि यदि घाव के उपर मिट्टी आदि साफ नहीं होती है। तो उसके बाद संक्रमण होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।
  • घाव को साफ करने के बाद आप जख्म में नमी बनाए रखने के लिए कोई क्रीम या पेट्रोलियम जेली लगाएं। इससे घाव में पपड़ी नहीं बनेगी और यदि आपको डॉक्टर कोई क्रीम लगाने के लिए देता है तो आप उस क्रीम का यूज भी कर सकते हैं। यह काफी फायदेमंद रहेगा ।
  • ‌‌‌दोस्तों समय पर घाव की जो पट्टी होती है वह अच्छी तरह से बदलते रहें । क्योंकि ऐसा करने से घाव काफी जल्दी ठीक हो जाता है। यदि आप पट्टी को नहीं बदलते हैं तो फिर घाव ठीक होने की बजाय और अधिक बिगड़ सकता है। और गहरा घाव होने पर डॉक्टर खुद ही पट्टी कर देते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप घाव का घर पर ही उपचार कर रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप बाजार के अंदर मिलने वाली दवाओं का उपयोग कर सकते हैं और उन दवाओं को अपने घाव पर इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप चाहते हैं कि घाव के ठीक होने के बाद वहां पर निशान ना बने तो आपको चाहिए कि आप अपने घाव को सीधे सूर्य के संपर्क मे आने से बचाना होगा । जिससे कि वहां पर निशान नहीं बनेगा ।इसके अलावा आप घाव के ठीक होने पर सनस्क्रीन क्रीम को लगा सकते हैं। घाव पर निशान न हो।
  • ‌‌‌नियमित रूप से अपने घाव को चैक करते रहें। ऐसा करना बहुत ही जरूरी होता है। जिससे कि आपको यह पता चलता रहेगा कि घाव सही है या फिर नहीं है। यदि घाव काफी तेजी से फैल रहा है तो फिर आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।

 povidone iodine ointment usp ‌‌‌जलना

‌‌‌जलना एक आम समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।जलने की जो समस्या होती है। वह किसी तरह की बिजली आग या रसायन के संपर्क मे आने से हो सकती है। जलना कई बार छोटी स्थिति के अंदर हो सकता है। तो कई बार अधिक जानलेवा हो सकता है।

‌‌‌यदि मामूल जल गया है तो उसका ईलाज घर पर ही किया जा सकता है। लेकिन यदि अधिक जल गया है तो उसके बाद अस्पताल के अंदर भर्ती होना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि शरीर का मामूली भाग जल गया है तो भी आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । और डॉक्टर जो निर्देश देता है ‌‌‌उसका पालन आपको करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा और यदि आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसके बाद डॉक्टर आपको जले हुए पर क्रीम लगाने के लिए भी दे सकता है।

‌‌‌दोस्तों जलने को अलग अलग प्रकार के अंदर बांटा गया है।इसके बारे मे भी हम आपको बतादेंते हैं। और इनके प्रकार के आधार इनका उपचार भी अलग अलग होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • फर्स्ट- डिग्री बर्न (First-degree burn) के अंदर केवल त्वचा का उपरी हिस्सा ही जलता है और इसके बाद त्वचा काफी लाल हो जाती है। प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होती है। और इसका उपचार घर पर भी किया जा सकता है। और आपको इसमे ठीक होने के लिए दो सप्ताह का समय लग सकता है। ठीक होने का समय इस बात पर निर्भर ‌‌‌ करता है कि शरीर का कितना हिस्सा जला है।
  • सेकंड-डिग्री बर्न (Second-degree burn) के अंदर सिर्फ शरीर की उपरी त्वचा ही नहीं जलती है वरन उसके नीचे की त्वचा भी जलती है। जिसकी वजह से त्वचा के उपर छाले हो जाते हैं और काफी दर्द भी होता है। और सूजन भी आ जाता है। इस स्थिति के अंदर आपको अपने डॉक्टर को भी दिखाना बहुत अधिक जरूरी होता है। इसके ‌‌‌बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • थर्ड-डिग्री बर्न (Third-degree burn) के अंदर त्वचा की दोनों परत जली हुई दिखाई देती हैं। और यह एक तरह का गम्भीर जलन होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और इसकी वजह से तंत्रिका भी जल सकती है। और आपकी त्वचा सुन्न दिखाई पड़ती है।‌‌इस प्रकार के जलने से आपको एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करना होता है। ताकि सही तरह से ईलाज हो सके । और आपको चाहिए कि आप सही तरह से डॉक्टर की बताएं दवाएं लें ।
  • फोर्थ-डिग्री बर्न Fourth-degree burn काफी गम्भीर बर्न होता है। और इसकी वजह से आपके शरीर के अंदर की हडियां भी जल सकती हैं। और यदि यह बर्न किसी को हो गया तो उसका पूरी तरह से ठीक होना बहुत ही कठिन होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों अब हम जलने के कारणों पर बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से शरीर जल सकता है। तो आइए उन कारणों के उपर भी हम बात कर लेते हैं।

  • ‌‌‌आग के संपर्क मे आने से शरीर जल सकता है। इसलिए आग के पास काम करते हैं तो सुरक्षा रखना बहुत ही जरूरी होता है।
  • यदि आप किसी तरह के गर्म तरल पदार्थ के संपर्क मे आते हैं। तो उसकी वजह से भी आपका शरीर जल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा बिजली के करंट की वजह से भी शरीर जल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । इसलिए करंट से जुड़े आप कोई काम करते हैं तो आपको इसके बारे मे सावधानी रखनी चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा कैंसर के ईलाज के अंदर जो एक्सरे किरणें प्रयोग मे ली जाती है। उसकी वजह से भी जल सकते हैं।
  • इसके अलावा किसी रसायन से भी जल सकते हैं। जैसे आप किसी ऐसिड के संपर्क मे आ जाते हैं तो ।

‌‌‌दोस्तो जलने से बचाव करने के लिए जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए । यदि आप खुद को जलने से बचाना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठा सकते हैं और यदि आप सावधानियां बरतते हैं तो खुद को जलने से बचा सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि आप चुल्हे पर खाना बनाते हैं तो ढीले ढाले कपड़ें नहीं पहने और इस तरह के कपड़े आपको नहीं पहनना चाहिए जोकि तेजी से आग पकड़ते हों और खाने को ठीक तरह से बनाना चाहिए । खाने को उपर नहीं छोड़ना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा चूल्हे पर यदि आप किसी तरह का तरल पदार्थ पका रहे हैं तो आपको चाहिए कि उसको उतारते और रखते समय सही तरह से रखना बहुत ही जरूरी होता है। यदि आप उसे सही तरह से नहीं रखते हैं तो उसके बाद समस्या हो सकती है। क्योंकि कई बार पदार्थ चूल्हे पर ही गिर जाता है जिससे कि आग आप तक पहुंच ‌‌‌सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा गर्म तरल पदार्थों से खास कर बच्चों को दूर रखना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि बच्चों को उन तरल पदार्थों के बारे मे कुछ भी पता नहीं होता है तो वे उससे खुद को जला सकते हैं। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आग पर खाना बनाते समय इस तरह के पदार्थों को दूर रखना बहुत ही जरूरी होता है जोकि जल्दी ही जल जाते हैं। कारण यह है कि यह पदार्थ काफी तेजी से आग पकड़ते हैं। जिससे कि आग पूरे कमरे के अंदर फैल सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप बीड़ी सीगरेट आदि पीते हैं तो अपने बिस्तर के आस पास यह ना पिएं । खास कर  उन स्थानों पर आपको बीड़ी और सीगरेट नहीं पीनी चाहिए जिन स्थानों पर जलने वाला सामान रखा हुआ है। इससे आग लग सकती है। और सब कुछ जल सकता है।
  • रसायनों, लाइटर और माचिस को बच्चों से दूर रखें क्योंकि बच्चे इसका प्रयोग कर सकते हैं जिससे कि वे खुद भी जल सकते हैं और किसी दूसरी चीज को भी जला सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌किसी भी तरह की आग लगने के दौरान आपको घबराना नहीं चाहिए । वरन जितना जल्दी हो सके उस आग को बुझ़ाना चाहिए । यही सबसे अधिक जरूरी होगा और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

povidone iodine ointment usp बैक्टीरियल संक्रमण

‌‌‌बैक्टीरियल संक्रमण के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। असल मे बैक्टिरिया हमारे आत्र और शरीर के अंदर रहते हैं। और इनकी संख्या कोशिकाओं से भी अधिक है। अधिकतर केस के अंदर यह हानिकारक नहीं होते हैं। और ‌‌‌शरीर के अंदर बने रहते हैं लेकिन कई बार क्या होता है कि यह शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लग जाते हैं और संक्रमण पैदा कर देते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।बैक्टीरियल संक्रमण गला, फेफड़े, त्वचा, आंत्र और कई अन्य भागों को प्रभावित कर सकते हैं। और इसके अंदर कुछ संक्रमण काफी आसानी से ठीक हो ‌‌‌ जाते हैं तो कुछ जो संक्रमण होते हैं वे आसानी से ठीक नहीं हो पाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और संक्रमण को रोकने के लिए एंटिबायोटिक्स दवाएं काफी कारगर होती हैं।

‌‌‌यह संक्रमण संक्रामक हो सकते हैं इसका मतलब यह है कि यह एक इंसान से दूसरे इंसान के अंदर फैल सकते हैं तो यदि किसी को बैक्टिरियल संक्रमण के लक्षण हैं तो उसे दूसरे इंसानों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए  ताकि संक्रमण किसी भी तरह से नहीं फैले ।

बैक्टीरियल संक्रमण के प्रकार के बारे मे बात करें तो यह कई प्रकार के होते हैं। और इन सभी के लक्षण भी अलग अलग होता है तो आइए जानते हैं बैक्टीरियल संक्रमण के प्रकार के बारे मे ।

  • त्वचा का बैक्टीरियल संक्रमण के अंदर इस प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण आते हैं जोकि त्वचा को प्रभावित करने का काम करते हैं। इस तरह के संक्रमण कई तरह के बैक्टिरिया की वजह से हो सकते है। जैसे कि सेल्युलाइटिस, फॉलिक्युलिटिस और इम्पेटिगो  आदि की वजह से हो सकता है।
  • ‌‌‌यदि आप खाने से जुड़ी चीजों को सही ढंग से नहीं रख पाते हैं तो इसकी वजह से भी बैक्टिरियल संक्रमण हो सकता है। और उसके बाद  दस्त, मतली और उल्टी, बुखार, ठण्ड लगना व पेट दर्द होता हैं। कच्ची मछली, मीट व अण्डों से बैक्टीरियल संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए खाने पीने की चीजों को ठीक से ‌‌‌ खाएं । यह बहुत ही जरूरी है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ताकि बैक्टिरियल संक्रमण से आप बहुत ही आसानी से बच सकें।
  • ‌‌‌यौन संबंधों से भी बैक्टिरियल संक्रमण हो सकते हैं। इसकी वजह से कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप एक सुरक्षित यौन संबंध बनाएं जिससे कि संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाए तो आप समझ सकते हैं।

बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण की यदि हम बात करें तो इसकी वजह से लाली सूजन और जलन हो सकती है। और यह शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इसके कुछ लक्षण दिये जा रहे हैं जिसकी मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि बैक्टीरियल संक्रमण हुआ है। और उसके बाद अपने डॉक्टरों को बता सकते हैं। इसके बारे ‌‌‌मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

  • बैक्टीरियल संक्रमण के साथ लिम्फ नोड्स की सूजन भी हो सकती है। यह सूजन संक्रमण के आसपास की जगह पर होती है।लिम्फ नोड्स यदि हो गई है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश दे रहा है उसका पालन करना चाहिए और दवाएं भी समय पर लेना चाहिए । यह बहुत ही अधिक जरूरी हो ‌‌‌ जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • बुखार भी कई बार बैक्टिरियल संक्रमण से आ सकता है। हालांकि बुखार किसी दूसरे कारणों की वजह से भी हो सकता है। जिससे कि आपको ठंड भी लग सकता है। यदि बुखार आ गया है तो हो सकता है कि बैक्टिरियल संक्रमण हो ।
  • ‌‌‌गले के अंदर जो संक्रमण होता है वह एक आम समस्या होती है। यदि आपके गले के अंदर खुजली जैसा हो रहा है गले मे दर्द  हो रहा है तो यह किसी तरह के बैक्टिरियल संक्रमण की वजह से हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और अपने डॉक्टर से संपर्क करें ।
  • बैक्टीरियल संक्रमण से निमोनिया हो सकती है, जिसमें सूखी खांसी और सांस फूलने जैसे लक्षण होते हैं।  तो इस स्थिति के अंदर आपको एक बार अपने डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।
  • यूरिन इन्फेक्शन के अंदर होता यह है कि मरीज को बार बार मूत्र आता है और मूत्र के अंदर दर्द होता है। यदि यूरिन इन्फेक्सन हो गया है तो डॉक्टर से ईलाज करवाने की जरूरत है। आप समझ सकते हैं।

बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव के लिए आपको उचित कदम उठाने की जरूरत है जिससे कि संक्रमण कम से कम हो । और इसके लिए आप कुछ चीजों की सावधानी रख सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं कुछ सावधानियों के बारे मे जिससे कि आप अपनाकर बैक्टीरियल संक्रमण के खतरे को कुछ ‌‌‌हद तक कम कर सकते हैं।

  • ‌‌‌सबसे पहला काम आपको अपने हाथों को बार बार धोने की जरूरत है। हम कहीं पर भी जाते हैं और उसके बाद सर्वाजनिक चीजों को छूते हैं इससे संक्रमण फैल सकता है तो आपको खाना खाते समय खास कर अपने हाथों को सेनिटाइजर से साफ करना चाहिए । और उसके बाद ही खाना खाना चाहिए । जिससे कि संक्रमण का खतरा काफी कम हो ‌‌‌ जाएगा लेकिन हम लोग इस तरह से नहीं करते हैं। बस ऐसे ही चलते रहते हैं और उसके बाद जब बीमार हो जाते हैं तो डॉक्टर के पास भागते हैं।
  • ‌‌‌अपने घर और कार्यालय के अंदर आप जो कुछ भी इस्तेमाल करते हैं उनको साफ सुथरा रखने की जरूरत होती है। समय समय पर उनको साफ रखें। जिससे कि बैक्टिरियल संक्रमण का खतरा कम होता है। अपने घर के अंदर टेबल वैगरह जिनका यूज आप करते हैं उनको साफ सुथरा रखना बहुत ही जरूरी होता है। ‌‌‌ ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके । इसके अलावा अपने घर के अंदर भी आप फिनाइल युक्त पौछा लगा सकते हैं जिससे कि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति पहले से ही बीमार है तो आप उस इंसान से दूरी बनाकर रखें जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि यदि आप उसके नजदिग आते हैं तो हो सकता है कि आपके अंदर संक्रमण फैल जाए ।

povidone iodine ointment usp क्या गर्भवति महिलाओं के लिए ठीक है ?

दोस्तों यदि povidone iodine ointment usp  को गर्भवति महिलाएं लेती हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनका डॉक्टर जो निर्देश देते हैं उनका पालन करना बहुत ही जरूरी है। आप समझ सकते हैं। और यदि आप पहले से ही कोई दवा ‌‌‌ले रहे हैं तो उस दवा के बारे मे अपने डॉक्टर को बताएं । और यदि आपको इस दवा को लेने के  बाद किसी तरह की समस्या होती है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और दवा को लेना बंद करदें। यही आपके लिए सही हो सकता है।

povidone iodine ointment usp ‌‌‌क्या स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक रहेगी

povidone iodine ointment usp दवा आमतौर स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक रहती है। लेकिन इस दवा को लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए और आपके डॉक्टर जो कहते हैं उसका पालन करना चाहिए । और यदि आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं तो उस दवा के बारे मे आपको एक बार अपने डॉक्टर ‌‌‌को बताना होगा । और दवा लेने के बाद यदि किसी तरह का दुष्प्रभाव होता है तो उसके बाद इस दवा को लेना बंद कर देना चाहिए और अपने डॉक्टर को इसके बारे मे जानकारी दें ।

povidone iodine ointment usp का किडनी पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है।

povidone iodine ointment usp  दोस्तों किडनी के लिए काफी उपयोगी दवा है। और इसको डॉक्टर के परामर्श के बाद ही लेनी  चाहिए । दोस्तों यदि आपकेा किडनी की किसी तरह की समस्या है तो उसके बाद आपको इसके बारे मे दवा देने वाले ‌‌‌डॉक्टर को बताने के बाद ही दवा लेनी चाहिए ।

povidone iodine ointment usp ‌‌‌क्या लिवर को नुकसान पहुंचाती है ?

povidone iodine ointment usp दोस्तों आपके लिवर को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है। और यदि आपको लिवर से जुड़ी किसी तरह की समस्या है तो इसके बारे मे अपने डॉक्टर को बताएं । और यदि आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं तो उसके बारे मे भी अपने डॉक्टर को बताएं ।

povidone iodine ointment usp ‌‌‌का हर्ट पर क्या असर पड़ता है। इसके बारे मे बताएं ?

povidone iodine ointment usp के सेवन करने से हर्ट पर किसी भी तरह का बुरा असर नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आपको हर्ट से जुड़ी कोई बीमारी है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर को इसके बारे मे बताना होगा । इसके अलावा यदि आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं तो उन दवा के बारे मे अपने डॉक्टर को बताएं ।

povidone iodine ointment usp सेवन करने से एलर्जी होने के बाद क्या करें ?

दोस्तों povidone iodine ointment usp  के सेवन करने से एलर्जी के मामले तो काफी दुर्लभ हैं। लेकिन उसके बाद भी आपको इस दवा के सेवन करने से किसी तरह की एलर्जी हो जाती है तो दवा को लेना तुरंत ही बंद कर देना चाहिए । और उसके बाद ‌‌‌अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन आपको करना चाहिए ।

povidone iodine ointment usp ‌‌‌क्या लेना सुरक्षित है या नहीं ?

povidone iodine ointment usp को यदि आप अपने डॉक्टर के परामर्श के बाद लेते हैं तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होती है। लेकिन यदि आप बिना डॉक्टर के परामर्श के इस दवा का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

povidone iodine ointment usp दवा का सेवन क्या मनोवैज्ञानिक समस्याओं के ईलाज के लिए किया जा सकता है ?

povidone iodine ointment usp का सेवन मनोवैज्ञानिक समस्याओं के लिए नहीं किया जाना चाहिए । यह दवा इन समस्याओं के लिए नहीं बनी होती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । ‌‌‌यदि आपको किसी तरह की मनोवैज्ञानिक समस्या है तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें। और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌क्या इस दवा को खाने के साथ ले सकते हैं ?

povidone iodine ointment usp को आप खाने के बाद ले सकते हैं। और इसके लेने के बारे मे आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

povidone iodine ointment usp लेने के बाद क्या शराब का सेवन कर सकते हैं ?

povidone iodine ointment usp  का सेवन करने के बाद आपको शराब का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है। यदि आपको शराब का सेवन करना ही है तो एक बार अपने डॉक्टर से बात करें कि कितने घंटे आप इस दवा के लेने के  ‌‌‌बाद शराब का सेवन कर सकते हैं।

povidone iodine ointment usp के ओवर डोज होने की दशा मे क्या करें ?

दोस्तों povidone iodine ointment usp  दवा का आप सेवन कर रहे हैं और यदि आप गलती से अधिक दवा लेलेते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। और आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । यही आपके ‌‌‌ लिए सही होगा और आप समझ सकते हैं।

povidone iodine ointment usp का डोज भूल जाने के बाद क्या करें

povidone iodine ointment usp  का डोज यदि आप भूल जाते हैं तो आपको भूले हुए डोज को तुरंत ही ले लेना चाहिए । लेकिन यदि अगले डोज का समय हो रहा है तो फिर दोनों डोज को एक  साथ ही नहीं लेना चाहिए।  पहले वाला डोज आपको छोड़ देना चाहिए । ‌‌‌और उसके बाद आपको अगले डोज को लेना चाहिए ।

povidone iodine ointment usp को कहां पर स्टोर करना चाहिए ?

दोस्तों povidone iodine ointment usp  को आपको सही स्थान पर स्टोर करना बहुत ही जरूरी होता है। आपको इस दवा को सीधे धूप से बचाना चाहिए । क्योंकि इससे यह दवा खराब हो सकती है।इसके अलावा आप इस दवा को आपको फ्रीज के अंदर भी नहीं रखना चाहिए।

‌‌‌क्योंकि फ्रीज के अंदर भी यह दवा खराब हो सकती है। इसके अलावा आपको यह दवा को बच्चों के पहुंच से भी दूर रखना होगा क्योंकि बच्चे इस दवा को निगल सकते हैं और बाद मे आपको काफी परेशानी हो सकती है। ‌‌‌आप इस दवा को कमरे के ताप पर रख सकते हैं। इससे  यह दवा खराब नहीं होगी ।

povidone iodine ointment usp को एक्सपायरी होने के बाद क्या करें ?

दोस्तों यदि povidone iodine ointment usp  एक्सपायर हो जाती है तो उसके बाद इस दवा का सेवन ना करें। क्योंकि यह नुकसान कर सकती है। एक्सपायरी हो जाती है तो उसके बाद आप इस दवा को फेंक दें। एक्सपायर होने के बाद यदि आप इसका सेवन कर ‌‌‌लेते हैं तो भयंकर नुकसान हो सकता है।

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