zerodol p tablet uses in hindi zerodol p tablet के नुकसान

zerodol p tablet uses in hindi ,zerodol p tablet का उपयोग जोड़ों के दर्द और बदन दर्द जैसी समस्याओं के अंदर किया जाता है। इसके अलावा इस दवा का उपयोग तब आपको करना चाहिए जब आपका डॉक्टर इस दवा को पर्ची मे लिखकर देता है। और इस दवा की जो खुराक होती है वह उम्र और लिंग के हिसाब से अलग अलग हो सकती है। इसके अलावा आपको बीमारी की कितनी ‌‌‌गम्भीरता है इसके हिसाब से खुराक अलग अलग हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।वैसे तो इस दवा के कोई अधिक साइड इफेक्ट नहीं हैं। लेकिन उसके बाद भी यदि आपको किसी तरह के साइड इफेक्ट दिखाई देते हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको ‌‌‌ जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

zerodol p tablet uses in hindi

zerodol p tablet का उपयोग कई तरह की समस्याओं के उपचार मे किया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।तो आइए जानते हैं zerodol p tablet  का उपयोग किन किन समस्याओं के अंदर किया जाता है।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस
  • जोड़ों में दर्द
  • मोच मांसपेशियों में दर्द
  • बुखार दर्द
  • बदन दर्द
  • सिरदर्द

zerodol p tablet uses in hindi ऑस्टियोआर्थराइटिस

zerodol p tablet uses in hindi

ऑस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर गठिया का एक प्रकार होता है। जिसकी वजह से जोड़ों के अंदर सूजन आ जाता है और जोड़ों को हिलाने डुलाने मे काफी समस्याएं होती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।ह घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों के कार्टिलेज ‌‌‌को प्रभावित करने का काम करता है।यह जोड़ों के बीच एक तरह के लचीले उत्तक होते हैं जोकि झटकों को अवशोषित कर लेते हैं। कार्टिलेज जब टूट जाते हैं तो फिर जोड़ों के अंदर दर्द और समस्याएं होने लग जाती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

कार्टिलेज जब सही नहीं होता है या नष्ट हो जाता है तो हडियों के सिरे आपस मे घिसने लग जाते हैं जिससे कि समस्या होती है। और यह जो रोग होता है वह अधिकतर केस के अंदर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को होता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस Osteoarthritis Symptoms in Hindi

ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से इस रोग को पहचाना जा सकता है। जब डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसके बाद डॉक्टर लक्षणों के आधार पर ही यह तय करता है कि आपको किस तरह की समस्या है।

  • प्रभावित जोड़ों में अकड़न, सूजन और दर्द  होता है। और यह दर्द दिन के समय काफी अधिक हो जाता है और सोने के समय भी काफी अधिक परेशान करता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप कुछ देर आराम करते हैं तो इसकी वजह से जोड़ों के अंदर अकड़न बढ़ जाती है। और यदि आप बाद मे हिलाने की कोशिश करते हैं तो यह ठीक हो जाते हैं।ऑस्टियोआर्थराइटिस यदि काफी गम्भीर हो जाता है तो उसके बाद जोड़ों को हिलाने डुलाने पर भी आवाज आने लग जाती है। और दर्द भी महसूस होता है। आपको इसके बारे ‌‌‌मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसी को यह रोग होता है तो जोड़ों के आस पास जो मांसपेशियां होती हैं वह काफी नरम और कठोर हो सकती हैं। इसकी वजह से जोड़ों की स्थिरता के अंदर काफी अधिक कमी आ सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा बारिश का मौसम होता है तो उसके बाद जोड़ों के अंदर काफी अधिक दर्द होने लग जाता है। और बाद मे काफी अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि दर्द अधिक गम्भीर होता है तो और अधिक समस्या हो जाती है। और नींद के अंदर यह काफी अधिक परेशानी पैदा करता है। इसके अलावा जब आप सीढ़ियों पर चढ़ते हैं तो यह दर्द काफी अधिक बदतर हो जाता है । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आपके दांत के अंदर दर्द अचानक से महसूस होने लगे । जोकि किसी चोट की वजह से हो सकता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है।
  • यदि दर्द के साथ आपको बुखार भी होता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर  से संपर्क करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक समस्या पैदा कर सकता है
  • ‌‌‌यदि जोड़ों के आस पास लालिमा आ गई है और जोडों के आस पास हाथ लगाने पर काफी अधिक दर्द होता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
  • ‌‌‌और यदि दर्द काफी अधिक गम्भीर हो गया है और रोजाना के कार्यों के अंदर बाधा डाल रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन करना चाहिए ।

ऑस्टियोआर्थराइटिस होने की स्थिति के अंदर कार्टिलेज  टूट जाते हैं जिसकी वजह से जोड़ों के अंदर सूजन और दर्द होने लग जाता है।और प्रभावित जगह पर काफी अधिक दर्द होने लग जाता है और चलने फिरने मे काफी अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।ऑस्टियोआर्थराइटिस  उम्र के साथ बढ़ता है। इसलिए 60 साल से ‌‌‌ अधिक उम्र वाले लोगों को यह रोग होने के काफी अधिक चांस हो जाते हैं। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि किसी तरह से जोड़ों के अंदर चोट लग जाती है और वह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। तो उसके उपर ध्यान देना चाहिए । और यह जरूरी भी है। नहीं तो समस्या हो सकती है।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या यदि किसी के अंदर होती है तो वह परिवार के दूसरे सदस्य को भी हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि कोई इंसान मोटा होता है तो फिर उसको इस तरह की समस्या होने का चांस काफी अधिक होता है क्योंकि इससे जोड़ों के उपर काफी अधिक दबाव पड़ता है जिससे कि यह समस्या हो सकती है।
  • गाउट जैसी किसी स्थिति के कारण जोड़ गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं जिसकी वजह से भी यह समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं।

      zerodol p tablet uses in hindi रूमेटाइड आर्थराइटिस

रूमेटाइड आर्थराइटिस का नाम तो आपने सुना ही होगा । यह एक प्रकार की स्थिति होती है जिसके अंदर आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही आपके शरीर के उत्तकों पर हमला करने लग जाती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।यह जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से दर्द और सूजन होने लग जाता है। आपको इसके ‌‌‌ बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।गंभीर रुमेटाइड अर्थराइटिस के कारण शारीरिक विकलांगता जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह समस्या हमारे जोड़ो को सबसे अधिक प्रभावित करती है जैसे कि बाजू कलाई और घुटने के जोड़ आदि इससे अधिक प्रभावित होते हैं।

आर्थराइटिस आंखों और फेफड़ों की नसों को भी प्रभावित कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और यह जो रोग होता है वह पुरूषों से अधिक महिलाओं को होता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण की हम बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए लक्षण की मदद से आप इस रोग को बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं तो आइए जानते हैं रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण के बारे मे ।

  • जोड़ों में दर्द सूजन व अकड़न इस दर्द के मुख्य लक्षण होते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।रूमेटाइड आर्थराइटिस आमतौर पर किसी भी तरह के जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। लेकिन यह आमतौर पर सबसे छोटे जोड़ों को पहले प्रभावित करता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस काफी पिड़ादायक होता है और यदि आप कुछ समय के लिए आराम करते हैं तो उसके बाद यह और अधिक पिडादायक हो जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस से प्रभावित जोड़ो में कठोरता या अकड़न महसूस हो सकती है। जैसे कि उंगली के अंदर समस्या है तो उंगली पूरी तरह से बंद ‌‌‌ नहीं हो पाती है।और यदि आप काफी समय तक आराम करते हैं तो उसके बाद जोड़ों के अंदर अकडन बढ़ जाता है।और जब सुबह का समय होता है तो जोड़ों के अंदर अकडन होती है और इसकी वजह से काफी अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • मेटाइड आर्थराइटिस से प्रभावित जोड़ो में सूजन होने लग जाती है, जिस कारण से प्रभावित त्वचा लाल होने लगती है और छूने पर काफी अधिक दर्द महसूस होता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको थकान और एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा मरीज को बुखार महसूस हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • इसके अलावा भूख कम लगने की समस्या भी हो सकती है।
  • और वजन घटने लग जाता है
  • सीने मे दर्द हो सकता है।

‌‌‌यदि आपको उपर दिये गए लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर को संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।

रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण की बात करें तो इसके बारे मे अभी भी ठीक तरह से समझ नहीं है कि प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के उत्तकों पर हमला क्यों करती है ? इसके बारे मे आप क्या समझ सकते हैं। लेकिन इस रोग के अंत मे जब यह काफी अधिक गम्भीर हो जाता है तो उसके बाद जोड़ों के बीच की हड्डी नष्ट हो जाती है । ‌‌‌और इसकी वजह से दर्द काफी अधिक बढ़ जाता है और चलने फिरने के अंदर भी काफी अधिक समस्याएं होने लग जाती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

  • रूमेटाइड आर्थराइटिस वैसे तो किसी भी उम्र मे हो सकता है लेकिन यह उन लोगों के अंदर अधिक होता है जिनकी उम्र 60 के उपर हो चुकी हैं।
  • ‌‌‌और आपको बतादें कि यह जो रोग है वह महिलाओं को अधिक होने की संभावना होती है। पुरूषों को यह रोग होने की उतनी अधिक संभावना नहीं होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • यदि आपके परिवार के किसी सदस्य के रूमेटाइड आर्थराइटिस है तो घर के अन्य सदस्यों को यह समस्या विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस उन लोगों को अधिक विकसित होने के चांस हैं जोकि शराब और सीगरेट का सेवन करते हैं। ऐसा करने से यह रोग काफी तेजी से हो सकता है। इस वजह से  शराब और सीगरेट का सेवन करना बंद कर देना चाहिए ।
  • रूमेटाइड उन महिलाओं के अंदर विकसित होने का खतरा अधिक होता है जिन्होंने बच्चे को जन्म नहीं दिया है।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस उन लोगों के अंदर भी विकसित होने के चांस काफी अधिक होते हैं जिनका मोटापा अधिक होता है। यदि मोटापा अधिक है तो यह रोग काफी तेजी से विकसित हो सकता है।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस एक इस प्रकार का रोग है जोकि प्रतिरक्षा प्रणाली का विकार है। और इस विकार का वैसे कोई भी ईलाज नहीं है। कारण यह है कि आपकी खुद की प्रतिरक्षा प्रणाली आपके लिए एक समस्या बनी हुई है। लेकिन आप अपनी जीवन शैली के अंदर कुछ बदलाव कर सकते हैं। और उसके बाद काम कर सकते हैं। जिससे कि ‌‌‌ समस्या हल हो जाएगी और यह आपके लिए एक अच्छी बात भी होगी तो आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके लिए जो सबसे पहली बात है वह यह है कि आपको सही वजन को बनाये रखना होगा यदि आप सही वजन को बनाए रखते हैं तो फिर आपके जोड़ों पर किसी भी तरह का अनुचित दबाव नहीं पड़ेगा तो आपको चाहिए कि आप सही वजन को बनाए रखें। यही आपके लिए सही होगा ।
  • कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखना जरूरी है । जो लोग इस रोग से ग्रस्ति हैं और उनके अंदर उच्च कोलेस्ट्रॉल है तो फिर यह हर्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने की आवश्यकता है आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

zerodol p tablet uses in hindi  ‌‌‌जोड़ो का दर्द

जोड़ों में दर्द एक आम समस्या है जो एक या दोनों जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। यह कम अधिक या फिर तेज हो सकता है। जोड़ों का दर्द संक्रमण या फिर किसी चोट लगने या फिर गठिया की वजह से हो सकता है।वैसे जोड़ों का दर्द बहुत ही आम समस्या है और कई लोगों के अंदर यह दर्द देखने को मिलता है।

‌‌‌यदि आपको जोड़ों का दर्द होता है उसको डॉक्टर को दिखाते हैं तो आपको कई तरह की दवाएं लिखकर दे सकते हैं जिससे कि सूजन कम हो जाता है। और जब सूजन कम हो जाता है तो उसके बाद दर्द भी कम हो जाता है।

  • आर्थराइटिस (गठिया) और आम जोड़ों का दर्द अलग अलग होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।वैसे देखें तो जोड़ों का दर्द और गठिया अलग अलग होते हैं। यदि आपके जोड़ों के अंदर सिर्फ दर्द है और सूजन नहीं है तो यह जोड़ों का दर्द है। लेकिन यदि आपको सूजन के साथ दर्द है तो फिर यह गठिया का ‌‌‌संकेत होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • जलन, खुजली, सुन्न होना, दर्द या कोमलता, लाली, गर्माहट या सूजन, गतिविधि में कमी, कठोरता, झुनझुनी आदि समस्याएं जोड़ों के अंदर दर्द की वजह से हो सकती हैं।इसके अलावा जोड़ों के दर्द की वजह से जोड़ों के अंदर सूजन और अकड़न हो सकती है।
  • जोडों में दर्द किसी चोट, संक्रमण, प्रतिरक्षा विकार, एलर्जी प्रतिक्रियाओं और अपजनन सम्बन्धी बीमारी आदि की वजह से भी जोड़ों के अंदर दर्द हो सकता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

जोड़ों में दर्द के लक्षण – Joint Pain  Symptoms in Hindi की बात करें तो कई ऐसे लक्षण आपके समाने प्रकट हो जाते हैं जोकि जोड़ों के दर्द के बारे मे जानकारी देते हैं। या जोड़ों के दर्द के साथ ही आते हैं। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

  • अकड़न।
  • जोड़ों में दर्द।
  • लाली।
  • जोड़ों की गतिशीलता करने मे कमी
  • जोड़ों की विरूपता
  • और कार्य करने की क्षमता मे कमी होना ।
  • ‌‌‌जोड़ों मे सूजन का होना ।

जोड़ों में दर्द के कारण  की बात करें तो जोड़ों के दर्द के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं जोकि जोड़ों मे दर्द पैदा करते हैं आपको उन कारणों के बारे मे पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं उन कारणों के बारे मे जोकि जोड़ों मे दर्द पैदा कर सकते हैं।

  • गाउट (Gout)।
  • वायरस के कारण संक्रमण।
  • चोट, जैसे फ्रैक्चर।
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस
  • सेप्टिक गठिया (जोड़ों का संक्रमण)।
  • टेंडनाइटीस
  • मोंच पड़ना
  • रूमेटीइड गठिया
  • मोंच का पड़ना ।

जोड़ों में दर्द से बचाव की बात करें तो इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि जोड़ों का दर्द यदि किसी को है तो डॉक्टर उनको दवा लिखकर दे सकते हैं। और उसके बाद यदि आप समय पर दवालेते हैं तो फिर आपकी सभी समस्याएं हल हो जाती हैं। हालांकि जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए जो दवाएं ‌‌‌दी जाती हैं वह काफी लंबी चल सकती है। इसके अलावा आपका डॉक्टर आपको राहत के लिए जोड़ों को बर्फ से सेकने के लिए कह सकता है। इसके अलावा जोड़ों को ढकना चाहिए । और जोड़ों को आराम देना चाहिए । जिससे कि काफी फायदा होगा ।

जोड़ों में दर्द का इलाज के लिए जोड़ के दर्द का सबसे पहले कारण के बारे मे पता किया जाता है यदि किसी चोट की वजह से जोड़ों के अंदर दर्द होता है तो सबसे पहले दर्द को कम करने की दवाएं दी जाती हैं और उसके बाद सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। ‌‌‌हालांकि यदि आपको हल्की चोट लगी है तो जोड़ों का दर्द अपने आप ही ठीक हो जाता है आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं।

दर्द निवारक दवाएं हैं पेरासिटामोल, इबुप्रोफेन, डायक्लोफेनैक आदि दवाएं आपका डॉक्टर आपको दे सकते हैं। लेकिन इन दवाओं का प्रयोग आपको काफी लंबे समय तक नहीं करना चाहिए । यदि आप इन दवाओं का प्रयोग काफी लंबे समय तक करते हैं तो यह कई तरह की गम्भीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं जैसे कि गुर्दे की ‌‌‌क्षति का होना और हर्ट की समस्या आदि तो इनको सीमित समय तक ही लेना चाहिए ।

  • ‌‌‌इसके अलावा दर्द निवारक क्रीम भी आती है जोकि आपके जोड़ों पर लगाई जा सकती है। जिससे कि दर्द से राहत मिलती है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और जोड़ों की गतिशीलता को बनाए रखने वाले व्यायाम जोड़ों  के लिए काफी लाभदाय होता है । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना ‌‌‌ चाहिए ।
  • एंटीबायोटिक्स आमतौर पर किसी वजह से जोड़ों के अंदर संक्रमण हो जाता है तो वह इसके लिए काम मे लिया जाता है। यदि आपको संक्रमण है तो फिर इसका ईलाज एंटिबॉयोटिक्स ही है।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको बतादें कि जीवन शैली के अंदर बदलाव करके आप कुछ हद तक समस्या से छूटकारा पा सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक हडियों के नुकसान को कम करने के लिए प्रयोग मे लिया जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।जल थेरेपी और गर्म व ठंडी  थेरेपी का भी प्रयोग किया जाता है जिसकी मदद से दर्द से राहत मिलती है। इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • सर्जिकल थेरेपी भी जोड़ों के दर्द को दूर करने मे काफी मदद करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह बात आप भी समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि आपको भी जोड़ों के अंदर दर्द होता है तो फिर आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उसके बाद आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा आप समझ सकते हैं।

zerodol p tablet uses in hindi  मोंच पड़ने मे उपयोग

‌‌‌मोंच का नाम तो आपने सुना ही होगा । और कई बार गलत कार्य की वजह से मोच पड़ जाती है। इसके बाद काफी अधिक दर्द होने लग जाता है। लिगामेंट  के अंदर यह समस्या होती है जोकि एक तरह से छोटे और रेशेदार उत्तक होते हैं।

लिगामेंट के अंदर इस वजह से चोट भी लग सकती है और वे पूरी तरह से अलग भी हो सकते हैं। इसके बारे मे आपकेा अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।लिगामेंट्स मे मोच पड़ती है। और मोच तब पड़ती है जब किसी जोड़ पर काफी अधिक दबाव पड़ता है। जिसकी वजह से मोच पड़ जाती है और काफी अधिक दर्द का सामना करना ‌‌‌ पड़ता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌आपको बतादें कि मोच आमतौर पर कलाई घुटने और टकने के अंदर पड़ सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।  और यदि हम मोच के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • सूजन व नीला पड़ना और छूने पर दर्द महसूस होना।
  • त्वचा जहां से लाल व सूजन ग्रस्त है, वहा से गर्म होना।
  • आप जोड़ से वजन नहीं उठा सकते हैं
  • हिलाने पर दर्द होना ।

‌‌‌यदि चोट लग गई है तो उसकी वजह से सूजन दिखाई देता है। और दर्द होने लग जाता है। यदि प्रभावित स्थान पर दर्द हो रहा है तो आपको जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।

‌‌‌यदि मोच आ जाती है तो डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए । इसके बारे मे हम आपको बताने वाले हैं तो यदि आपको अधिक समस्या है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए ।

  • ‌‌‌दर्द और सूजन यदि 2 से 3 दिन तक ठीक नहीं हो पाता है तो फिर आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए ।
  • यदि हड्डी टूट गई है  तो फिर आपको अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए । नहीं तो समस्या काफी बढ़ जाती है।
  • क्षतिग्रस्त मांसपेशी को यदि आप सही तरीके से नहीं हिला पाते हैं और मांसपेशी यदि फट जाती है तो आपको जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास जाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
  • ‌‌‌यदि आपको मोच आ गई है और क्षतिग्रस्त क्षेत्र लाल हो चुका है तो यह संक्रमण की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • अगर ग्रसित टांग वजन उठाने में असमर्थ महसूस कर रही है, घुटना अस्थिर या सुन्न हो रहा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि जोड़ों के आस पास झुनझुनी महसूस हो रही है और सुन्न है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आपको जोड़ के अंदर दर्द का अनुभव हो रहा हो ।

‌‌‌मोच आने के कारणों की हम बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • यदि आप क्षमता से अधिक काम करते हैं तो फिर आपको मोच आ सकती है। कई लोगों को इसी तरीके से मोच आती है।
  • ‌‌‌यदि आप तेज चल रहे हैं और अचानक से आप रूक जाते हैं या फिर गति को बदल सकते हैं तो इससे जोड़ों पर दबाव पड़ता है और मोच आ सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए तो आपको ठीक तरह से चलना जरूरी है।
  • ‌‌‌यदि आप किसी वजह से गिर जाते हैं तो इसकी वजह से भी पैरों के अंदर मोच आ सकती है और आपको चोट लग सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आपकी किसी वस्तु के साथ टक्कर लग जाती है तो इसकी वजह से भी पैरों मे मोच आ सकती है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा जो बच्चे स्पोर्ट के अंदर हिस्सा ले रहे हैं उनको मोंच आने के चांस काफी अधिक होते हैं। क्योंकि उनका अभी विकास हो रहा होता है आपको समझ जाना चाहिए ।
  • एथलीटों  को भी यह समस्या अधिक हो सकती है क्योंकि वे भी अपने मांसपेशियों का अधिक इस्तेमाल करते हैं तो उनको यह समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि कोई इंसान स्पोर्ट के अंदर पहली बार हिस्सा ले रहा है तो उसको मोच आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप चल रहे हैं और अचानक से आपके पैर किसी गडडे के अंदर गिर गया जिसके लिए आप तैयार नहीं थे तो इसकी वजह से भी मोच आ सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अब यदि दोस्तों हम मोच से बचाव के उपायों के बारे मे बात करें तो मोच से बचने के लिए कई सारे उपाय हैं जिसके बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। यदि आप उनको ठीक तरह से फोलों करेंगे तो आप मोच से कुछ हद तक बचे रह सकते हैं।

  • ‌‌‌सबसे पहली बात आपको देखकर चलना सबसे अधिक उपयोगी होता है। यदि आप देखकर नहीं चलते हैं तो फिर समस्या हो सकती है। कारण यह है कि आपको पैर मे ठोकर लग सकती है या आपका पैर गढ्ढे के अंदर गिर सकता है जिससे मोंच आ सकती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप खेलते हैं तो आपको इस तरह के जूते पहनने चाहिए जोंकि मोंच से बचाव करते हैं। लेकिन ऐडियां यदि जूतों की एक तरफ से घिसी हुई हैं तो आपको मोच आने के चांस काफी अधिक होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अलावा आपको उंचि ऐडी के सैंडल वैगरह  भी नहीं पहनने चाहिए । ‌‌‌क्योंकि इससे मोंच आने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं।
  • गिरने जैसे दुर्घटनाओं से बचें और सीढ़ीयों, गार्डन, पैदल व गाड़ी के रास्तों को सही तरीके से पार करें यही आपके लिए सही होगा और आप समझ सकते हैं।
  • इसके अलावा आपको अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए यही आपके लिए फायदेमंद होगा ।

               zerodol p tablet uses in hindi मांसपेशियों में दर्द

‌‌‌मांसपेशियों का दर्द एक आम समस्या होती है। और मांसपेशियों का दर्द हम जीवन के अंदर कई बार महसूस करते हैं। और यह दर्द कई बार अपने आप ही ठीक हो जाता है। मांसपेशियों का दर्द रोजाना की गतिविधि की वजह से पैदा होता है।

‌‌‌वैसे हमारे शरीर के हर हिस्से के अंदर मांसपेशियां होती हैं ।और उनके अंदर किसी तरह की समस्या आने से उनके अंदर दर्द होने लग जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों यदि हम मांसपेशियों के दर्द के प्रकार की बात करें तो यह कई प्रकार का होता है। और यदि आप मांसपेशियों के दर्द की समस्या को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो आपका डॉक्टर मांसपेशियों के दर्द के प्रकार के आधार पर इसका ईलाज करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • एपीडेमिक मायलजिया एक प्रकार का रोग होता है जिसकी वजह से छाती के आस पास दर्द होता है यह एक प्रकार का संक्रमण होता है जिसकी वजह से दर्द होता है।
  • फाइब्रोमायलजिया एक प्रकार का फैलने वाला दर्द होता है जोकि शरीर के अलग अलग हिस्सों के अंदर जा सकता है और यदि आप प्रभावित हिस्से पर दबाव डालते हैं तो ‌‌‌इसकी वजह से यह दर्द और अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ट्रैपिजियस एक प्रकार का दर्द होता है जोकि मांसपेशियों की खराबी की वजह से होता है और कई बार यह दर्द काफी लंबे समय तक टिका रह सकता है। गर्दन के आस पास आप इस तरह का दर्द महसूस कर सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि हम मांसपेशियों के अंदर दर्द के लक्षणों की बात करे तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी वजह से मांसपेशियों मे दर्द हो सकता है।

जैसे कि दर्द के साथ सूजन हो सकता है

मांसपेशियां अकड सकती हैं।

उत्तकों के अंदर संक्रमण हो सकता है।

‌‌‌यदि मांसपेशियों के अंदर जो दर्द हो रहा है वह किसी चोट की वजह से हो रहा है तो वह पूरे शरीर के अंदर नहीं फैल पाता है यह आमतौर पर उसी स्थान तक सीमित रहता है जहां पर चोट लगी है। लेकिन कई बार यदि आम मांसपेशियों का जो दर्द होता है वह फैल जाता है। और शरीर के अन्य हिस्सों मे दिखाई देने लग जाता ‌‌‌ है।

‌‌‌इसके अलावा मांसपेशियों के अंदर जो दर्द होता है वह कम या अधिक हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसका अलावा दर्द सूजन और बुखार के लक्षण यदि आपको दिखाई देते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए ।

मांसपेशियों में दर्द के कारण की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से मांसपेशियों के अंदर दर्द हो सकता है तो आइए जानते हैं उन कारणों के बारे मे विस्तार से जिससे कि मांसपेशियों के अंदर दर्द होता है।

  • रयूमेटोइड अर्थराइटिस की वजह से मांसपेशियों के अंदर दर्द हो सकता है यह एक प्रकार का गठिया होता है।
  • पोलिमायल्जिया रयूमेटिक जिसके अंदर मांसपेशियों के अंदर सूजन और दर्द हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार मांसपेशियों के अंदर खींचाव हो जाता है जिसकी वजह से दर्द होना शूरू हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए
  • क्रोनिक एक्सर्शनल कम्पार्टमेंट सिंड्रोम की वजह से मांसपेशियों के अंदर दर्द हो सकता है।
  • कोलेस्ट्रोल की दवाएं भी मांसपेशियों के अंदर दर्द को पैदा कर सकती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों यदि हम मांसपेशियों के दर्द से बचाव के उपायों की बात करें तो इसके लिए आप कई तरह के उपाय अजमा सकते हैं जोकि आपको मांसपेशियों के दर्द से बचाने का काम करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे मे ।

  • ‌‌‌यदि आप सो रहे हैं तो आपको अपनी गर्दन को सही तरह से रखना होगा अधिक उंचा तकिया यदि आप लगाते हैं तो आपकी गर्दन की मांसपेशियों के अंदर दर्द हो सकता है। अधिक समय तक सर पर वजन डालकर लेटने से भी यह दर्द हो सकता है।
  • ‌‌‌यदि आप खेल रहे हैं तो खेलने के स्थान को साफ सुथरा करें । उसके अंदर किसी तरह का गड्डा नहीं होना चाहिए वरना पैर की मांसपेशी के अंदर चोट लग सकती है और आपको दर्द हो सकता है।
  • ‌‌‌जितना वजन आप आराम से उठा सकते हैं आपको उतना ही वजन उठाना चाहिए । फालतू के अंदर अधिक जोर ना करें। क्योंकि ऐसा करने से आपके मांसपेशियों के अंदर चोट भी लग सकती है जोकि आपके लिए बाद मे काफी घातक हो सकता है।
  • ‌‌‌यदि आपके मांसपेशियों मे दर्द जगह बदल रहा है तो यह गैस का दर्द हो सकता है। और आपको अपनी गैस को कम करने के लिए कुछ दवाओं का सेवन करना चाहिए । जिससे कि आपको काफी आराम मिलेगा । आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌मांस पेशियों के दर्द को दूर करने के लिए बार बार पैनकिलर लेना सही नहीं होता है क्योंकि पैनकिलर के बहुत अधिक साइड इफेक्ट होते हैं जोकि आपके लिए नुकसान का सौदा बन सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • मांस पेशियों के दर्द किसी झटके की वजह से भी हो सकता है तो इसके लिए मार्केट के अंदर कई तरह की क्रीम आती हैं आप उनका उपयोग करके इस दर्द को ठीक कर सकती हैं। यह आसानी से ठीक हो जाता है।
  • ‌‌‌यदि किसी तरह के संक्रमण की वजह से मांसपेशियों के अंदर दर्द होने लगा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि मांसपेशियों के अंदर दर्द किसी गतिविधी के करने की वजह से होता है तो आपको उस गतिविधि को सीमित करना चाहिए । और ब्रेक लेकर करना चाहिए । जैसे कि अधिक मोबाइल देखने की वजह से भी मांसपेशियों के अंदर दर्द हो सकता है तो लंबे समय तक ऐसा नहीं करना चाहिए । वरन आपको कुछ आराम भी देना चाहिए ।
  • मांसपेशियों के दर्द के लिए मार्केट मे कई तरह की दवाएं हैं तो आप उनका सेवन कर सकते हैं और दर्द से निजात पा सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

zerodol p tablet uses in hindi ‌‌‌बुखार मे

                     sinarest tablet बुखार को कम करने के लिए भी प्रयोग मे ली जाती है। हमारे शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री F तक होता है। और जब शरीर का तापमान इससे अधिक होता है तो उस स्थति को हम बुखार के नाम से जानते हैं।

‌‌‌दोस्तों वैसे तो आपको यह पता ही होगा कि बुखार अपने आप मे कोई रोग नहीं है। यह एक तरह से किसी दूसरे रोग के लक्षण की वजह से पैदा होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । जब हमारे शरीर के अंदर किसी तरह का संक्रमण होता है तो फिर सफेद रक्त कोशिकाएं ‌‌‌संक्रमण से लड़ती हैं जिसकी वजह से हमे यह लगता है जैसे कि बुखार हो गया है। इस तरह से हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे हमे यह एहसास होता है कि हमे बुखार हो गया है।

सर्दी, मूत्र मार्ग में संक्रमण (urinary tract infection), मेनिनजाइटिस, मलेरिया, एपेन्डिसाइटिस आदि की वजह से भी बुखार आ सकता है। बुखार बैक्टिरिया और परजीवी संक्रमण की वजह से आता है।निम्न स्तर के बुखार की सीमा लगभग 100 डिग्री F तक होता है और मध्यम स्तर का बुखार 102 डिग्री F तक होता है और उच्च ‌‌‌ स्तर के बुखार की बात करें तो यह 104  तक जाता है।

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि बुखार कई प्रकार का होता है। और बुखार के प्रकार के आधार पर ही उसका कारण समझ आता है। यदि आप बुखार के बारे मे अपने डॉक्टर से शिकायत करने के लिए जाते हैं तो उसके बाद आपका डॉक्टर सबसे पहले आपको बुखार के प्रकार के बारे मे पूछता है।

  • लोबर निमोनिया (lobar pneumonia), टाइफाइड, मूत्र पथ में संक्रमण आदि के अंदर आपको लगातार बुखार होता है बुखार के अंदर किसी भी तरह का बदलाव नहीं होता है तो डॉक्टर को अपने आप ही समझ आ जाता है कि यह सब किस रोग की वजह से हो रहा है।
  • टाइफाइड और संक्रमित एंडोकार्डिटिस के अंदर तापमान काफी उपर रहता है। और पूरे दिन बुखार रहता है। तापमान के अंदर किसी भी तरह का बदलाव नहीं होता है। तो आपका डॉक्टर को यह पता चल जाता है कि आपको क्या समस्या हो सकती है ? उसके बाद वह आपको जांच करने का निर्देश देते हैं।
  • मलेरिया, प्यूमिया( pyemia) और सेप्टीसीमिया (septicaemia) आदि के अंदर 24 घंटों के अंदर कुछ समय तक ही बुखार महसूस होता है। बाकि के समय ऐसा लगता है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं हो कुलमिलाकर आपको यदि इस प्रकार की स्थिति हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
  • । तापमान में वृद्धि के लिए 3 दिन लग सकते हैं, तापमान 3 दिनों के लिए उच्च रह सकता है और फिर 3 दिनों में कम हो जाता है और इस तरह से शरीर के तापमान मे बार बार बदलाव होता है। कुल मिलाकर यह एक अलग किस्म का बुखार होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • मियादी बुखार  के अंदर बुखार आपको एक पैटर्न के अंदर होती है। जैसे कि कुछ दिनों बाद बुखार का आना आदि । यदि आपको एक पैटर्न के अंदर बुखार हो रही है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

बुखार के लक्षण भी कई सारे होते हैं वैसे बुखार खुद भी अपने आप मे एक लक्षण होता है यदि किसी को बुखार होता है तो उसके बाद उसे इसके बारे मे अपने आप ही पता चल जाता है क्योंकि बुखार होती ही इस प्रकार की है तो बुखार के लक्षण के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं।

  • बेहोशी, चक्कर आना या हल्का सिरदर्द होना
  • आंखों में दर्द
  • कमजोरी
  • भूख में कमी
  • सिर दर्द
  • उल्टी
  • दस्त
  • सुस्त होना
  • नाक का बहना
  • अधिक पसीना आ जाना ।
  • हृदय गति का तेज होना ।

‌‌‌बुखार के कारण की बात करें तो दोस्तों बुखार कई कारण हो सकती है। आमतौर पर आपके दिमाग का हाइपोथैलेमस होता है जोकि तापको नियंत्रित करता है। यदि ताप उसकी वजह से अधिक हो जाता है तो यह बुखार होता है। हालांकि कई बार किसी और वजह से भी शरीर मे गर्मी हो सकती है लेकिन यह बुखार नहीं होता है। ‌‌‌ऐसा आमतौर पर गर्म खाने पीने की चीजों की वजह से हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • वायरस संक्रमण की वजह से बुखार हो सकता है। यदि आपके शरीर के किसी भी हिस्से के अंदर वायरस का संक्रमण हुआ है तो यह बुखार को पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • जीवाणु द्वारा संक्रमण की वजह से भी बुखार हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जीवाणु संक्रमण की ‌‌‌वजह से यदि आपको बुखार होती है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं उसका आपको पालन करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको सूजन की वजह से भी बुखार हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि सूजन की गठिया की वजह से भी बुखार आ सकता है।
  • ‌‌‌यदि शरीर के अंदर किसी भी तरह का टयूमर विकसित हो गया है तो उसकी वजह से भी बुखार हो सकता है। इसके  बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और उस टयुमर का समय पर ईलाज करवाना बहुत ही जरूरी होगा ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप कई बार बहुत अधिक काम करते हैं। और अधिक काम करने की वजह से काफी अधिक थक जाते हैं जिसकी वजह से भी बुखार हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌और कई बार वैक्सीन का जब हम सेवन करते हैं तो उसकी वजह से भी बुखार हो सकती है। जैसे कि हमने कोरोना वैक्सीन ली थी जिसकी वजह से हमें काफी अधिक बुखार का सामना करना पड़ा था।

‌‌‌दोस्तों अब तक हमने बुखार के कारणों के बारे मे जाना । अब हम आपको यह बताने का प्रयास करते हैं कि आप बुखार को किस तरह से रोक सकते हैं। मतलब आप क्या क्या करें कि आपको बुखार का सामना कम करना पड़े । ‌‌‌हालांकि आप दूसरे रोगों को फैलने की संभावना को कम कर सकते हैं जिससे कि आपको बुखार की समस्या से कम सामना करना पड़ेगा ।

  • ‌‌‌अपने बच्चों को सही तरह से हाथों को धोना सीखाएं खास तौर पर बच्चों के शौचालय जाने के बाद और भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर यात्रा करते समय । इसके अलावा  यदि वे किसी सर्वाजनिक स्थान पर गए हैं तो उसके बाद आप ऐसा कर सकते हैं।
  • ‌‌‌आप अपने पास हैंड सैनेटाइजर अपने पास रख सकते हैं। क्योंकि कई जगहों पर हमें पानी नहीं मिलता है लेकिन सैनेटाइजर की मदद से आप अपने हाथों को बहुत ही आसानी से साफ कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप खांस रहे हैं तो अपने मुंह को रूमाल से ढक लेना चाहिए ताकि आप किसी दूसरे इंसानों को संक्रमित ना करें और हो सकता है तो दूसरे लोगों से दूर बना लेनी चाहिए ताकि समस्या ना हो । ‌‌‌और संक्रमण फैलने से आप आसानी से बच सकते हैं आपको पता होना चाहिए ।

               zerodol p tablet uses in hindi ‌‌‌बदन दर्द

‌‌‌बदन दर्द एक प्रकार की समस्या होती है जोकि आपकी तंत्रिका से शूरू होती है। और बाद मे यह पूरे शरीर के अंदर फैल सकती है या फिर शरीर के किसी एक हिस्से के अंदर रह सकती है। इसका कोई भी कारण हो सकता है। जैसे की चोट लगने की वजह से या फिर अधिक काम करने की वजह से भी हो सकता है।

‌‌‌वैसे बदन दर्द की जो समस्या है वह किसी भी कारण हो सकता है। जैसे की आप अधिक काम करते हैं तो आपको बदन दर्द हो सकता है ।वैसे बदन दर्द की जो समस्या होती है वह हर इंसान ने अपने जीवन के अंदर कभी ना कभी अनुभव की है। वैसे यदि बदन दर्द हो रहा है तो कुछ दवाओं की मदद से भी ठीक किया जा सकता है।

‌‌‌अब यदि हम बदन दर्द के प्रकार की बात करें तो बदन दर्द कई प्रकार का होता है।और यदि आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर आपको बदन दर्द के प्रकार के बारे मे पूछेगा मतलब किस तरह से बदन मे दर्द हो रहा है उसके बाद ही उपचार के बारे मे कहेगा ।या दवा लिखकर देगा ।

‌‌‌सबसे पहला होता है अचानक होने वाला बदन दर्द यह आमतौर पर किसी चोट की वजह से हो सकता है।और फिर यह धीरे धीरे कम हो जाता है। यदि आप दवाओं का उपयोग करते हैं तो इस दर्द को काफी जल्दी ही कम किया जा सकता है। हालांकि यदि यह सामान्य कारणों की वजह से हो रहा है तो फिर अपने आप ही कम हो जाता है।

क्रोनिक आमतौर पर वह दर्द होता है जोकि काफी लंबे समय तक बना रहता है । यदि बीमारी ठीक हो जाती है तो उसके बाद भी यह नहीं जाता है और सालों तक बना रह सकता है। इस दर्द को कम करने के लिए आप कुछ दवाएं ले सकते हैं जिससे कि यह दर्द ठीक हो जाता है आप समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि हम बदन दर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से बदन मे दर्द हो सकता है।

  • फ्लू (इन्फ्लुएंजा)
  • थयरॉयड
  • खून का खराब संचारण
  • लुपस
  • आर्थराइटिस (गठिया)
  • चकत्ते
  • मांसपेशियों में कमज़ोरी
  • थकान
  • तनाव
  • अवसाद
  • निष्क्रियता

‌‌‌अब हम आपको बदन दर्द के कारणों के बारे मे बताते हैं। बदन दर्द के कई सारे कारण हो सकते हैं। यदि आप कुछ चीजों को सही तरीके से करते हैं तो बदन दर्द को आसानी से रोका जा सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌सबसे पहला कारण यह है कि यदि आप अधिक शारीरिक मेहनत करते हैं तो उसकी वजह से भी बदन दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । जैसे कि आप कुछ समय से काम नहीं किये हैं अचानक से काफी अधिक काम करते हैं तो बदन दर्द हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार हम अपनी क्षमता से अधिक वजन को उठाने की कोशिश करते हैं। यदि आप भी अपनी क्षमता से अधिक वजन को उठाने की कोशिश करते हैं तो इसकी वजह से भी बदन दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप कोई ऐसी शारीरिक गतिविधी करते हैं जिसके अंदर कि आपको शरीर को अधिक मोड़ना पड़ता है तो उसकी वजह से भी बदन दर्द हो सकता है। इसलिए जो भी काम करें उसे पूरी सावधानी के साथ करना चाहिए आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • रीढ़ की हड्डी का विघटन की वजह से भी बदन दर्द हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर उम्र के अधिक होने की वजह से होता है और बाद मे काफी डेंजर हो जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप शारीरिक रूप से काफी कमजोर हैं और अधिक काम कर लेते हैं तो उसके बाद आपके शरीर के अंदर काफी अकडन बढ़ जाती है और बदन दर्द होने लग जाता है।
  • इसके अलावा कई बार जुकाम की वजह से भी बदन दर्द होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

                    ‌‌‌अब दोस्तों यदि हम बदन दर्द के उपचार की बात करें तो इसके लिए कई सारे तरीके मौजूद हैं जिसकी मदद से बदन दर्द के उपचार को किया जा सकता है तो आइए जानते हैं इन तरीकों के बारे मे जिससे कि बदन दर्द हो सकता है।

  • ‌‌‌यदि बदन दर्द हो रहा है तो मार्केट के अंदर कई तरह की दवाएं मौजूद हैं जिनकी मदद से बदन दर्द को कम किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए हालांकि यदि आप कोई भी दवा ले रहे हैं तो उस दवा के बारे मे सबसे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करलें ।
  • इंजेक्शन की मदद से भी बदन दर्द को दूर किया जा सकता है। यदि आपको इंजेक्सन दिया जाता है तो उसकी मदद से भी बदन दर्द दूर हो जाता है लेकिन इंजेक्सन के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • मालिश करने के लिए भी कई सारी टयूब आती हैं जिनको आप अपने बदन पर मालिस कर सकते हैं जिससे कि बदन दर्द की समस्या हल हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • जब तंत्रिका ब्लॉक करने के लिए इंजेक्शन दिया जाता है, तो इससे दर्द की सनसनी रुक जाती है। यह गंभीर मामलों में ही उपयोग किया जाता है । जिससे कि दर्द कम होता है
  • इसके अलावा कई बार दर्द को कम करने के लिए मादक दवाएं भी दी जाती हैं जोकि काफी फायदेमंद होती है। लेकिन इनको डॉक्टर को परामर्श करने के बाद ‌‌‌ ही देना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌ इसके अलावा यदि आप बदन दर्द को कम करना चाहते हैं तो कई ऐसे योग हैं जोकि आपके बदन दर्द को कम कर सकते हैं। आप उन योग का सहारा ले सकते हैं जिससे कि आपका बदन दर्द कम हो जाएगा । इस तरह के योग के बारे मे आप गूगल पर सर्च कर सकते हैं। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

zerodol p tablet uses in hindi सिरदर्द 

‌‌‌सिरदर्द सिर के एक हिस्से के अंदर हो सकता है या फिर यह दोनों तरफ भी हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।यह एक बिंदू से होकर पूरे सिर के अंदर फैल सकता है या फिर यह किसी एक स्थान पर भी हो सकता है। यह दर्द सनसनी पैदा करने वाले हो सकते हैं या फिर यह अचानक भी पैदा हो सकते हैं। ‌‌‌सिरदर्द आमतौर पर कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाता है या फिर इसको कई बार ठीक होने मे काफी अधिक समय भी लग सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

तनाव सम्बन्धित सिरदर्द आपके कंधों, गर्दन, खोपड़ी और जबड़े की मांसपेशियों के कसने (तंग होने) के कारण होते हैं। वैसे सिरदर्द गम्भीर तो नहीं होते हैं लेकिन यदि सिरदर्द किसी चोट की वजह से या फिर किसी अन्य कारण से हुए हैं तो यह गम्भीर हो सकते हैं। ‌‌‌खासकर चोट की वजह से जो सिरदर्द होता है वह काफी अधिक गम्भीर होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌दोस्तों माइग्रेन भी सिरदर्द का एक प्रकार होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । माइग्रेन आमतौर पर एक भयंकर सिरदर्द जैसा होता है। और यह सिर के एक हिस्से के अंदर दर्द पैदा कर सकता है। ‌‌‌और इस दर्द का उपचार आसानी से नहीं होता है। इसमे काफी अधिक समय लगता है। हालांकि यह किसी तरह की घटना की वजह से उदिप्त हो सकता है।
  • क्लस्टर (cluster) सिरदर्द आमतौर पर अचानक होने वाला सिरदर्द होता है जोकि कुछ महिनों तक रह सकता है या फिर यह कुछ सप्ताह तक रह सकता है। यह काफी तेज सिरदर्द होता है। यदि आपको इसको डॉक्टर को दिखाना है तो आप इसको अपने डॉक्टर को भी दिखा सकते हैं।
  • टेंशन सिरदर्द (Tension headaches) जो होता है वह धीरे धीरे शूरू होता है वह काफी समय तक चल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यह एक साल तक रह सकते हैं। और यह जो सिरदर्द है वह दिन के मध्य मे शूरू हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • रीबाउंड सिरदर्द (Rebound headaches) जो होता है वह दिन के अंदर शूरू होता है और यदि आप दर्द को कम करने वाली दवाओं का प्रयोग करते हैं तो उसके बाद इसके लक्षण काफी कम हो जाते हैं। लेकिन जैसे ही दवा का असर कम हो जाता है इसके लक्षण फिर से प्रकट हो जाते हैं।
  • थंडरक्लैप सिरदर्द (Thunderclap headaches) एक प्रकार का भयंकर सिरदर्द होता है जोकि अचानक होने वाला सिरदर्द होता है जोकि कुछ ही समय के अंदर अपनी चरम सीम तक पहुंच जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और यह जो सिरदर्द होता है वह पांच मिनट से अधिक समय तक रह सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी ‌‌‌ तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।
  • साइनस सिरदर्द के अंदर साइनस के अंदर सूजन हो जाता है इसकी वजह से आंखों और सिर के उपर काफी अधिक दबाव बढ़ जाता है जिसकी वजह से सिर के अंदर दर्द होने लग जाता है हालांकि यह जो दर्द होता है वह स्थाई नहीं होता है। आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • कैफीन सिरदर्द के अंदर यदि आप लंबे समय से कैफीन का सेवन करते हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ भी सकते हैं।
  • ‌‌‌स्ट्रेस सिरदर्द के अंदर तनाव की वजह से सिरदर्द होता है। यह सिरदर्द अधिक खतरनाक नहीं होता है और यह अधिकतर केस के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • इग्ज़र्शन सिरदर्द तब होता है जब आप अधिक श्रम करते हैं तो उसकी वजह से यह सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि नासिक मार्ग के अंदर एलर्जी होती है तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।एलर्जी सिरदर्द कुछ लोगों के अंदर देखने को मिलता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

सिरदर्द के लक्षण की यदि हम बात करें तो सिरदर्द के कई सारे लक्षण होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । सिरदर्द के लक्षण के बारे मे आपको वैसे तो अधिक बताने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि इसके बारे मे पता अपने आप ही चल जाता है। आपको पता होना चाहिए ।

  • माइग्रेन सिरदर्द के अंदर आमतौर पर सिर के एक हिस्से के अंदर काफी तेज दर्द होता है जिसकी वजह से काफी परेशानी होती है। इसके अलावा प्रकाश और अधिक शौर के अंदर काफी अधिक परेशानी होती है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌कलस्टर सिरदर्द आमतौर पर बहुत ही भयंकर सिरदर्द होता है जोकि आंख और कान के आस पास हो सकता है जिसकी वजह से आंख मे या कानी मे सूजन आ सकता है और समस्याएं हो सकती हैं। इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों यदि हम सिरदर्द से बचाव के बारे मे बात करें तो सिरदर्द के बचाव के लिए उचित कदम उठा सकते हैं। जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।सिरदर्द के अधिक होने पर आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। खास कर यदि सिर मे किसी चोट की वजह से दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है।

  • ‌‌‌यदि सिरदर्द अपने आप नहीं रूक रहा है तो आप दवाओं का सेवन कर सकते हैं जोकि कुछ समय के लिए आपको राहत प्रदान कर सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके लिए आप कॉमन सिरदर्द की दवा ले सकते हैं या फिर अपने डॉक्टर से भी दवा लिखवा सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप सिरदर्द से बचना चाहते हैं तो शराब का सेवन करना बंद करदेना चाहिए । क्योंकि शराब का सेवन करना आपके लिए काफी घातक हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ भी सकते हैं तो शराब का सेवन ना करें ।
  • तंबाकू का यदि आप सेवन करते हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है तो आपको चाहिए कि आप तंबाखू का सेवन कम करदें नहीं तो आपको भी सिरदर्द की समस्या से झूझना पड़ सकता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • कैफीन आधारित चीजों का सेवन आपको कम करना चाहिए जैसे कि चाय आदि का अधिक सेवन करने की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ भी सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आप सही तरीके से नींद नहीं लेते हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए एक इंसान को रोजाना 8 घंटे सोना चाहिए । जिससे कि सिरदर्द की समस्या ठीक हो जाएगी आपको पता होना चाहिए।
  • ‌‌‌यदि आप खुद को सिरदर्द से बचाना चाहते हैं। तो फिर आपको अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा । यदि आप पानी का सेवन नहीं करते हैं तो फिर सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको  पता ही होगा ।

                     zerodol p tablet क्या गर्भवती महिला के लिए ठीक है ?

दोस्तों यदि आप एक गर्भवती महिला हैं और इस दवा का सेवन करती हैं तो इससे आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए दवा का सेवन करने से पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन करना ‌‌‌ चाहिए । और आपको यदि डॉक्टर मना कर देता है तो फिर इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो यह आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।

zerodol p tablet का सेवन क्या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए ठीक है ?

यदि आप स्तनपान करवाती हैं और इस दवा का सेवन कर रही हैं तो यह आपके लिए काफी नुकसानदायी हो सकता है। हालांकि इससे कोई भयंकर नुकसान नहीं होता है। और यदि आप इसके बारे मे अधिक जानकारी चाहती हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से ‌‌‌ परामर्श करकें देखें । आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए  यही आपके लिए सही होगा और आप किसी भी तरह के नुकसान से बहुत ही आसानी से बच जाएंगे ।

zerodol p tablet का किडनी पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

दोस्तों zerodol p tablet  का सेवन करने से किडनी को नुकसान हो सकता है। इस वजह से यदि आप इसका सेवन करते हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें । यदि आप किडनी के मरीज हैं और कोई दवा का सेवन कर रहे हैं तो फिर आप उस दवा के बारे मे भी एक बार ‌‌‌ अपने डॉक्टर को बताएं ताकि जो भी समस्या है वह अपने आप ही हल हो जाएगी ।

zerodol p tablet का सेवन करने से लिवर पर क्या असर हो सकता है ?

zerodol p tablet  का सेवन करने से लिवर पर बुरा असर तो नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आप पहले से लिवर की समस्या से झूझ रहे हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका ‌‌‌ आपको पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

zerodol p tablet  का दिल पर किस तरह का असर पड़ता है ?

यदि आप दिल के मरीज हैं तो इस दवा को लेने से पहले इस दवा के बारे मे अपने डॉक्टर से बात कर लें। हो सकता है कि आपकी दवाओं के साथ इस दवा को लेना सही नहीं हो । वैसे इस दवा का दिल पर किसी भी तरह का हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है आप इस बात को अच्छी ‌‌‌ तरह से आप समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

Side effects of Zerodol-P Tablet क्या हो सकते हैं

दोस्तों इस दवा के कुछ हानिकारक प्रभाव भी होते हैं। यदि आप इस दवा का सेवन कर रहे हैं तो इन हानिकारक प्रभावों के बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । हालांकि यह हानिकारक प्रभाव काफी लंबे समय तक नहीं रहते हैं। लेकिन कुछ समय आपको परेशान ‌‌‌कर सकते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और यदि यह नुकसान होते हैं तो आपको यह दवा को लेना बंद कर देना चाहिए और अपने डॉक्टर को परामर्श करना चाहिए आप समझ सकते हैं।

  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • पेट दर्द / अधिजठर दर्द
  • भूख में कमी
  • पेट में जलन
  • दस्त

Zerodol-P Tablet का सेवन करने से क्या लत लग सकती है ?

दोस्तों यदि आप Zerodol-P Tablet  का सेवन करते हैं तो इससे आपको किसी भी तरह की लत नहीं लगती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह एक तरह की बिना लत वाली दवा है। इसलिए आपको बिना किसी चिंता के इसका सेवन करना चाहिए ।

Zerodol-P Tablet का सेवन करने के बाद क्या गाड़ी चला सकते हैं ?

Zerodol-P Tablet  का सेवन करने के बाद आपको गाड़ी या फिर किसी तरह की भारी मशीनरी नहीं चलानी चाहिए जिससे कि नुकसान का डर हो । क्योंकि यह दवा आपके दिमाग को प्रभावित करती है तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए आप समझ सकते हैं। जब कुछ घंटों ‌‌‌ के बाद दवा का असर कम हो जाता है तो उसके बाद आप इसका प्रयोग कर सकते हैं। आपके लिए काफी फायदेमंद चीजें होगी ।और आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।

Zerodol-P Tablet लेना कितना सुरक्षित होता है ?

दोस्तों Zerodol-P Tablet  काफी सुरक्षित होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन यह तभी सुरक्षित होता है जब आप डॉक्टर के परामर्श के बाद इस दवा का सेवन करते हैं। नहीं तो यह सुरक्षित होने की बजाय असुरक्षित हो जाता है।

Zerodol-P Tablet का उपयोग क्या मनोवैज्ञानिक समस्याओं के    उपचार के लिए किया जा सकता है क्या ?

दोस्तों Zerodol-P Tablet  का उपयेाग किसी भी तरह की मनोवैज्ञानिक समस्याओं के उपचार के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । ‌‌‌यदि आपको किसी तरह की मनोवैज्ञानिक समस्या है तो आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें  जोकि इस समस्या का ईलाज कर सकता है।

Zerodol-P Tablet का सेवन करने के बाद क्या शराब पी सकते हैं ?

Zerodol-P Tablet  का सेवन करने के बाद आपको शराब नहीं पीनी चाहिए । यदि आप शराब पीते हैं तो इससे उल्टा आपको ही नुकसान हो सकता है। इसलिए एक बार इसके बारे मे अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका ‌‌‌पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी चीज  हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

Zerodol-P Tablet की ओवरडोज होने की दशा मे क्या करें

दोस्तों Zerodol-P Tablet  की आपको ओवरडोज नहीं लेनी चाहिए । और जितना आपको बताया गया है उतनी ही मात्रा के अंदर इस दवा को लेना चाहिए । इसके अलावा यदि आप अधिक मात्रा मे दवा लेलेते हैं गलती की वजह से तो जितना जल्दी हो सके आपको अपने डॉक्टर से ‌‌‌ परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । तो आप बात को समझ सकते हैं।

Zerodol-P Tablet को किस तरह से रखना चाहिए

दोस्तों Zerodol-P Tablet  को सही तरह से रखना चाहिए नहीं तो यह दवा खराब हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसके अलावा आप इस दवा को धूप मे ना रखें। और फ्रीज के अंदर रखने से भी बचना चाहिए ।

‌‌‌इस दवा को बच्चों की पहुंच से भी दूर रखना चाहिए । नहीं तो नुकसान हो सकता है। आप इसको कमरे के तापमान पर रख सकते हैं जिससे कि किसी तरह की परेशानी नहीं होगी ।

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