राधा का पर्यायवाची शब्द ‌‌‌हिंदी मे बताईए

‌‌‌दोस्तो इस लेख मे हम राधा का पर्यायवाची शब्द radha ka paryayvachi shabd और राधा के समानार्थी शब्द radha ka samanarthi shabd के बारे मे जानेगे । साथ ही जानेगे की राधा कौन थी और इसका जन्म कैसे हुआ  इसके अलावा राधा का हिंदी मे अर्थ क्या होता है और भी बहुत कुछ जानकारी के बारे मे जानेगे तो लेख को देखे –

राधा का पर्यायवाची शब्द और राधा का समानार्थी शब्द { radha ka paryayvachi shabd aur radha ka samanarthi shabd}

शब्द {shabd}पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द { paryayvachi shabd / samanarthi shabd}  
राधावृषभानु, नन्दिनी, कीर्ति, वृषभानुजा, राधिका, हरिप्रिया, गंधर्विका, चंद्रकांतिर, जगत स्वामिनी, आनंद कन्दिनी, नवल ब्रजेश्वरी , कृष्ण संगिनी, कृष्ण सुखकारी, परमेश्वरी, कृष्णप्रिया , वृषभानुलली , माधवी, अहीर गोपिका राधा
RadhaVrishabhanu, Nandini, Kirti, Vrishabhanuja, Radhika, Haripriya, Gandharvika, Chandrakantir, Jagat Swamini, Ananda Kandini, Naval Brajeshwari, Krishna Sangini, Krishna Sukhkari, Parameshwari, Krishnapriya, Vrishabhanulali, Madhavi, Ahir Gopika Radha
RadhaVrishabhanu, Nandini, Kirti, Vrishabhanuja, Radhika, Haripriya, Gandharvika, Chandrakantir, Jagat Swamini, Ananda Kandini, Naval Brajeshwari, Krishna Sangini, Krishna Sukhkari, Parameshwari, Krishnapriya, Vrishabhanulali, Madhavi, Ahir Gopika Radha.
राधा का पर्यायवाची शब्द ‌‌‌हिंदी मे बताईए

18+ राधा का पर्यायवाची शब्द ‌‌‌हिंदी मे लिस्ट और पीडीएफ, 18+ Synonyms of Radha in Hindi List and PDF

1.            वृषभानु (Vrishabhanu)

2.            नन्दिनी (Nandini)

3.            कीर्ति (Kirti)

4.            वृषभानुजा (Vrishabhanuja)

5.            राधिका (Radhika)

6.            हरिप्रिया (Haripriya)

7.            गंधर्विका (Gandharvika)

8.            चंद्रकांतिर (Chandrakantira)

9.            जगत स्वामिनी (Jagat Swamini)

10.          आनंद कन्दिनी (Anand Kandini)

11.          नवल ब्रजेश्वरी (Naval Brajeshwari)

12.          कृष्ण संगिनी (Krishna Sangini)

13.          कृष्ण सुखकारी (Krishna Sukhkari)

14.          परमेश्वरी (Parameshwari)

15.          कृष्णप्रिया (Krishnapriya)

16.          वृषभानुलली (Vrishabhanulali)

17.          माधवी (Madhavi)

18.          अहीर गोपिका (Aheer Gopika)

19.          राधा (Radha)

‌‌‌राधा का हिंदी में अर्थ Meaning of Radha in hindi

राधा भगवान कृष्ण की प्रेमिका और ‌‌‌संगनी थी । जिन्हे देवी के रूप मे देखा जाता है और बताया जाता है की यह देवी प्रेम, भक्ति, करुणा, चंचलता, मित्रता और संबंधों की देवी है । इसके अलावा वर्तमान मे राधा नाम किसी लडकी का भी रखा जाता है मगर इसका अर्थ क्या होता है यह पता नही  ‌‌‌तो आज जानते है की राधा नाम का अर्थ क्या होता है ।

  • राधा मे रा का अर्थ पाने से होता है औ धा का अर्थ मोक्ष से तो इस प्रकार राधा का अर्थ मोक्ष पाना होता है ।
  • सफलता जिसके साथ रहती हो ।
  • जिसके पास धन दोलत की कोई कमी न हो ।
  • जो भगवान कृष्ण की प्रेमिका के रूप मे निखरी हो
  • जो भग्ति करनी जानती हो यानि भग्तिनी ।
  • करुणा, चंचलता, मित्रता और संबंधों आदी की देवी ।
  • ‌‌‌ऐसी देवी जिसके आराधना स्वयं भगवान कृष्ण करते है ।
  • इसके अलावा जो स्वयं कृष्ण जी की आराधना करती हो ।
  • कृष्ण के सुख और दूखो को भोगने वाली देवी ।

‌‌‌राध का पर्यायवाची शब्द के वाक्य में प्रयोग, use of synonyms of radha in sentence

  • कल श्याम के दर्शन करने के लिए गया था तो देवी राधा के दर्शन भी हो गए मेरा तो भाग्य अच्छा हो गया ।
  • महेश जब राधा का दर्शन कर कर आया तो उसने कहा की जो देवी राधा का दर्शन कर लेता है श्याम भी उस पर ‌‌‌प्रसन्न होते है ।
  • जीस तरह से देवी राधा कृष्ण की ‌‌‌भग्ति करती है उस तरह से कोई नही कर सकता तभी तो देवी राधा को श्याम अपने सुख और दूख भोगने वाली बताते है।
  • राम कहने लगा की कल एक बाबा आया था जो देवी राधा का बडा भग्त था वह कहने लगा की कृष्ण को पाना है तो राधा का नाम जपना ही होगा ।
  • पार्वती और महेश दोनो ही राधा कृष्ण की भग्ति मे लगे हुए है ।
  • ‌‌‌ ‌‌‌जिस तरह से राधा भग्ति करती है उस तरह से कोई नही कर सकता तभी तो देवी राधा को श्याम अपने सुख और दूख भोगने वाली बताते है।
  • ‌‌‌कल से जब रामू के श्वपन मे देवी राधा आई है तब से वह राधा की पूजा करने के लिए बैठा है ।
  • राधा को मैंने कितना समझया था की वह स्कूल मे सही तरह से पढाई कर ले मगर वह मेरी सुनती कहा है ।

‌‌‌राधा के ‌‌‌बारे में रोचक तथ्य, Interesting facts about Radha

  • राधा को श्री कृष्ण की प्रेमिका के रूप मे जाना जाता है ।
  • राधा हिंदू धर्म मे ‌‌‌पूजी जाने वाली एक ‌‌‌देवी है मगर इसे हिंदू धर्म के वैष्णव सम्प्रदाय के लोग सबसे अधिक ‌‌‌पूजते है ।
  • आप को जान कर हैरानी होगी की राधा को श्री कृष्ण के सुख व दूखो को भोगने वाली बताया गया है ।
  • ‌‌‌श्री कृष्ण ने एक बार रूकमणी को बताया की मेरे जीवन मे सबसे अहम दर्जा केवल राधा है इसके अलावा पत्नियो मे से कोई भी मेरे लिए इतना अहम नही है यही कारण है की राधा की ‌‌‌तस्वीर श्री कृष्ण के साथ देखने को मिलती है ।

  • आपको जान कर हैरानी होगी की जब भी राधा पर कोई कष्ट आता था तो उन कष्टो को केवल राधा ‌‌‌अकेले ही नही भोगती थी बल्की इसके साथ साथ श्री कृष्ण भी इन कष्टो को भोगते थे ।
  • विभिन्न जगहो पर बताया जाता है की राधा श्री कृष्ण से बडी थी और श्री कृष्ण राधा से छोटे यहां तक की श्री कृष्ण की आयु के बिच मे ग्यारह माह तक का अंतर के बारे मे पढने को मिलता है ।
  • आपको पता होगा की राधा श्री कृष्ण ‌‌‌की आराधना करती थी मगर आपको यह नही पता है की श्री कृष्ण भी किसी की आराधना करते थे वह और कोई नही बल्की राधा थी । इस बारे मे एक बार शिव ने भी पार्वती से कहा था ।
  • एक काव्य रास लीला है जिसमे श्री कृष्ण के बचपन के बारे मे बताया जाता है यह काव्य किसी और पर नही बल्की स्वयं राधा पर लिखा गया ‌‌‌है ।
  • गोपाल सहस्रनाम मे बताया गया है की राधा ही कृष्ण है और कृष्ण ही राधा है यह बात कोई और नही बल्की शिव ने एक बार पार्वती से कही थी । साथ ही यही बात श्री कृष्ण ने राधा को भी बताई थी ।
  • राधा स्वयं श्री कृष्ण से ग्यारह माह बडी थी मगर उसने सबसे पहले श्री कृष्ण को ही देखा था यानि उन्होने ग्यारह माह ‌‌‌तक अपने नेत्र बंद रखे थे ।
  • राधा का विवाह वृन्दावन में हुआ था और इनका विवाह करवाने वाले कोई और नही बल्की सृष्टी को जन्म देने वाले स्वयं ब्रह्माजी थे । उस समय राधा का विवाह श्री कृष्ण से ही हुआ था । इस बारे मे शास्त्रों में भी लिखा गया है ।
  • बृज मे राधा का वर्णन मिलता है और वहां के लोग ‌‌‌राधा को बडा मानते है । मगर राधा नाम के साथ ही श्री कृष्ण का भी नाम जुड जाता है क्योकी वहां के लोगो का मानना है की राधा और कृष्ण एक ही है यानि राधा के बिना कृष्ण अधुरे है और कृष्ण राधा के बिना अधुरे है । यानि दोनो के होने पर ही एक दुसरे है ।
  • ‌‌‌आपको जान हर हैरानी होगी की राधा नाम का अर्थ ही बडा महत्व रखता है क्योकी रा का अर्थ होता है पाना साथ ही धा का अर्थ मोक्ष से होता है । इस तरह से राधा का अर्थ मोक्ष पाने से होता है । जिसके कारण से कहा जाता है की जो मोक्ष पाना चाहता है उसे राधा नाम का जाप करना होगा ।

‌‌‌राधा का जन्म कैसे हुआ, how was radha born

राधा के जन्म के बारे मे अनेक प्रकार की मान्यता है क्योकी अलग अलग पुराणो मे अलग अलग तरह से राधा का जन्म बताया जाता है । किसी पुराण मे बताया जाता है की राधा का जन्म नही हुआ बल्की वे अपने माता पिता को कमल के फुल मे लिपटी हुई मिली थी । तो किसी मे बताया जाता है की ‌‌‌राधा को श्राप प्राप्त होने के कारण से जन्म हुआ है ।

इन सब बातो के कारण से राधा के जन्म के बारे मे सही तरह से नही बताया जा सकता है । मगर फिर भी पुराणो मे जो लिखा गया है वह सत्य मानते हुए राधा के जीवन पर प्रकाश डालते है और राधा के जन्म के बारे में जानते है ।

पद्मपुराण के अनुसार हुआ राधा ‌‌‌का जन्म, Radha was born according to Padmapuran

पद्मपुराण में बताया जाता है की एक बार देवताओ मे से भगवान विष्णु जी पृथ्वी पर अवतार ले रहे थे तो माता लक्ष्मी ने भी कहा की आपके साथ मैं भी अवतार लूगी । यह सुन कर विष्णु जी ने कहा की ठिक है उस समय विष्णु के अवतार के रूप मे कृष्ण का जन्म हुआ और वही माता लक्ष्मी का अवतार और कोई ‌‌‌बल्की स्वयं राधा थी ।

जिसने अवतार के रूप मे वृषभानु जी के घर मे प्रवेश किया था । मगर माता लक्ष्मी का जब अवतार जन्म लिया तो वृषभानु जी को नदी के निकारे एक कमल मे लिपटी हुई बालिका मिली थी । जिसे वृषभानु जी ने अपना समझा और उसे अपने घर लेकर चले गए । फिर वृषभानु जी ने अपनी ही बेटी मानते ‌‌‌हुए उनका पालनहार किया ।

मगर जब से राधा वृषभानु जी को मिली थी वह अपनी आंखे नही खोल रही थी । यह देख कर वृषभानु जी बहुत ही परेशान हो गए । मगर जब राधा ने 11 महिने बाद मे श्री कृष्ण को पहली बार देखा तो उसने अपनी आंखो खोली यह देख कर वृषभानु चोक गए क्योकी उन्हे यह एक चमतकार सा लग रहा था । मगर असल मे ‌‌‌यह तो प्रेम था । इस तरह से माता लक्ष्मी ने ही राधा के रूप मे जन्म लिया था । मगर उनका जन्म नही हुआ बल्की वह स्वयं कमल मे लिपटी हुई मिली थी ।

ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया राधा का जन्म, Birth of Radha told in Brahmavaivarta Purana

ब्रह्मवैवर्त पुराण मे एक सबसे मान्य कथा है जिसमे बताया जाता है की राधा और कृष्ण का जन्म तो पहले ‌‌‌ही था मगर उनका जन्म पृथ्वी पर नही था । मगर कृष्ण पृथ्वी पर जन्म लेने वाले थे इसके साथ ही राधा ने भी पृथ्वी पर जन्म लिया ।

राधा का यह जन्म एक श्राप के चलते हुआ था । और यह श्राप राधा को सुदामा ने दिया । क्योकी कथा मे बताया जाता है की एक बार श्री कृष्ण अपनी पत्नी विरजा के साथ भ्रमण कर ‌‌‌रहे थे । क्योक श्री कृष्ण की अनेक पत्नी थी तो वे अवश्य ही कभी न कभी किसी के साथ दिख जाते है । मगर राधा को जब कृष्ण जी विरजा के साथ नजर आए तो राधा को यह तनकी भी अच्छा नही लगा था ।

मगर यहां पर अच्छा लगना चाहिए था इसका कारण है की पत्नी राधा केवल एक तो थी नही बल्की बहुत थी तो उनके साथ तो ‌‌‌दिखाई देना आम बात है । मगर राधा ने ऐसा नही सोचा बल्की वह तो कृष्ण जी को ऐसा वैसा कहने लगी थी और रूठ कर उनसे दूर चली गई थी ।

जब सुदामा को इस बारे मे पता चला तो सुदामाजी राधा को समझाने के लिए चले गए । और समझाने लगे की ऐसा करना गलत है । सुदामा ने राधा को बहुत समझाया मगर राधा को यह भी अच्छा नही ‌‌‌लगा बल्की वह क्रोध मे थी और इसके चलते सुदामा का समझाना उसे राक्षस जैसा व्यवाहर लगा । तब राधा ने कहा की सुदामा तुम तो मुझे ऐसे समझा रहे हो जैसे कोई राक्षस हो ।

क्योकी वह श्री कृष्ण की प्रेमीका थी और राधा मे शक्ति भी थी तो इतना कहते ही सुदामा को राक्षस का श्राप मिल गया । यह देख कर सुदामा को ‌‌‌बिल्कुल भी अच्छा नही लगा । तब सुदामा सोचने लगे की अगर अगले जन्म मे राक्षस के रूप मे जन्म लूगा तो मैं तो मेरे प्रभु से दूर हो जाउगा ।

क्योकी सुदामा तो श्री कृष्ण का भग्त था तो उसे राधा का यह श्राप बिल्कुल अच्छा नही लगा और सुदामा को लगा की राधा उसे कृष्ण से दूर कर रही है । यह देख कर ‌‌‌सुदामा भी क्रोधित हो गए और उन्होने भी राधा को श्राप दे दिया । मगर यह श्राप बडा भयानक था क्योकी सुदामा ने कहा की तुम्हे पृथ्वी पर जन्म लेकर कृष्ण से दूर रहना होगा तब तुम मेरा दूर रहना समझ पाआगी ।

क्योकी अब राधा को श्राप मिला तो उसे समझ मे आ गया की उसे सुदामा को श्राप नही देना चाहिए ‌‌‌क्योकी अपने प्रभु से दूर रहना आसान नही होता । मगर अब क्या था । इसी श्राप के चलते हुए राधा को वृषभानू के घर मे जन्म लेना पडा था । मगर यह जन्म कृष्ण के जन्म से 11 महिने पहले था । यह 11 महिनो का अंतर और किसी कारण से नही बल्की स्वयं सुदामा के श्राप के कारण ही था । इस श्राप के चलते हुए ‌‌‌राधा का जन्म हुआ ।

‌‌‌क्या राधा का विवाह कृष्ण से हुआ था, Was Radha married to Krishna

राधा के बारे मे बताया जाता है की वह कृष्ण की प्रेमिका थी बल्की यह भी बताया जाता है की उनका विवाह कृष्ण से नही हुआ है । मगर आपको जान कर हैरानी होगी की यह बात गलत है । जब कृष्ण और राधा ने पृथ्वी पर जन्म लिया तो उनका विवाह हुआ था और यह विवाह किसी और ‌‌‌ने नही बल्की स्वयं सृष्टि रचियता ब्रहमाजी ने करवाया था ।

राधा और कृष्ण का विवाह वृज के एक वन मे हुआ था जिसका नाम भांडीर वन है । बताया जाता है की यह वन आज भी कृष्ण और राधा के प्रेम और उनके विवाह की गाथा को जीवत रखा हुआ है । ब्रह्मवैवर्त पुराण और कुछ अन्य पुराणो ‌‌‌में इस विवाह की गाथा सुनने को मिलती है । इसी कारण से कहा जाता है की राधा और कृष्ण का विवाह हुआ था ।

क्या राधा मानव के लिए उपयोगी है, Is radha useful for human

जी हां, राधा मानव के लिए उपयोगी है क्योकी आपको पता होगा की राधा को एक देवी माना जाता है और इन्हे ​श्री कृष्ण जी की प्रेमिका माना जाता है ।

इतना ही नही कहा जाता है की भगवान श्री कृष्ण जो सभी में श्रेष्ठ थे वे ही असल में राधा जी की आराधना करते थे तो इससे समझ सकते है की राधा कृष्ण जी से श्रेष्ठ थी । वही पर पुरणो में कहा गया है की राधा नाम असल में मोक्ष का एक मार्ग है ओर जो कोई राधा नाम का जाप करता है वह मोक्ष की और बढता है जो की मानव के लिए सबसे अधिक जरूरी है ।

तो आप इससे समझ सकते है की राधा मानव के लिए जरूरी है ।

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