25+ बलराम का पर्यायवाची शब्द लिस्ट या बलराम का समानार्थी शब्द लिस्ट

दोस्तो इस लेख मे हम जानेगे की बलराम का पर्यायवाची शब्द balram ka paryayvachi shabd क्या होते है साथ ही जानेगे की बलराम का समानार्थी शब्द balram ka samanarthi shabd क्या होते है । इसके साथ ही हम जानेगे की बलराम कौन था और इसका जन्म कैसे हुआ था । इसके अलावा बलराम के जीवन के बारे मे बहुत कुछ बताया गया है ।

बलराम का पर्यायवाची शब्द / बलराम का समानार्थी शब्द { balram ka paryayvachi shabd / balram ka samanarthi shabd}

शब्द {shabd}पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द { paryayvachi shabd / samanarthi shabd}
बलराम  बलदाऊ , दाऊ, बलदेव , बलभद्र, हलदेव , हलवर, हलायुधरौहिणेयबलभद्र , संकर्षण , नीलाम्बर, रेवतीरमण, मूलपाणिक, राम ,कामपाल ,   इलायुध , अच्युताग्रज , प्रलम्बध्नमुसलीहली , तालाङ्क , सीरपाणिकालिन्दीभेदन , बल , बलवीर तालध्वजी।  
BalaramBaladau, Dau, Baladeva, Balabhadra, Haldev, Halvar, Halayudh, Rauhiney, Balabhadra, Sankarsana, Nilambar, Revathiraman, Moolpanik, Rama, Kampala, Ilayudh, Achyutagraj, Pralamdhana, Musli, Hali, Talanka, Sirpani, Baldhwani Balan.
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बलराम का पर्यायवाची शब्द

25 बलराम का पर्यायवाची शब्द लिस्ट, 25+ Synonyms list of Balram

1.            बलदाऊ (Baladau)

2.            दाऊ (Dau)

3.            बलदेव (Baladev)

4.            बलभद्र (Balabhadra)

5.            हलदेव (Haladev)

6.            हलवर (Halvar)

7.            हलायुध (Halayudh)

8.            रौहिणेय (Rohineya)

9.            संकर्षण (Sankarshan)

10.          नीलाम्बर (Neelambar)

11.          रेवतीरमण (Revatiraman)

12.          मूलपाणिक (Moolapanik)

13.          राम (Ram)

14.          कामपाल (Kamapal)

15.          इलायुध (Ilayudh)

16.          अच्युताग्रज (Achyutagraj)

17.          प्रलम्बध्न (Pralambadhn)

18.          मुसली (Musali)

19.          हली (Hali)

20.          तालाङ्क (Talank)

21.          सीरपाणि (Sirapani)

22.          कालिन्दीभेदन (Kalindibhedan)

23.          बल (Bal)

24.          बलवीर (Balveer)

25.          तालध्वजी (Taladhvaji)

‌‌‌बलराम का हिंदी मे अर्थ क्या होता है, what is the meaning of balaram in hindi

  • ‌‌‌विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के बडे भाई ।
  • जो बलवान हो यानि बल के देवता बलदेव ।
  • विष्णु के शेषनाग का अवतार ।
  • वसुदेव और रोहिणी का पुत्र ।
  • जिसका अस्त्र हल, गदा हो ।
  • रेवती का पति ।

‌‌‌बलराम का पर्यायवाची शब्द के वाक्य में प्रयोग, Use of Balaram’s synonym in a sentence

  • जब सघवीर और महेश मे झगडा हो गया तो सघवीर ने कहा की महेश तुम मेरे साथ झगडा मत करो मे बलराम की तरह ताक्तवर हूं ।
  • जब राहुल फोज मे भर्ति हुआ तो उसे पता चला की बलराम बनने के लिए कितनी कडी मेहनत करनी पडती है ।
  • महेश के शरीर मे बडी ताक्त है वह अकेला ‌‌‌ही 10 लोगो को आराम से मार सकता है सच है यह क्या बलराम से कम है ।
  • ‌‌‌सुरेश के बरताव को देख कर उसके पिता ने कहा की तुम बनना तो बलराम चाहते हो पर तुम्हारे अंदर बलराम के गुण एक भी नही है ।
  • अगले दिन रवी और रामू मे कुस्ती का मुकाबला था की रात को स्वप्न मे बलारम ने आकर रवी से कहा की कुस्ती मे जीतने के लिए तुम्हे एकाग्रता चाहिए ।
  • रवी तो कई वर्षो से बलराम की ‌‌‌पूजा करता आ रहा है सच है वह उनका बडा भग्त है ।

बलराम के रोचक तथ्य या रोचक जानकारी, Interesting facts or interesting information of Balram

  • ‌‌‌आपको जान कर हैरानी होगी की बलराम देवकी के गर्भ से जन्म लेने वाले थे मगर विष्णु को पता था की अगर ये देवकी के गर्भ से जन्म लेगे तो मारे जाएगे इसी कारण से विष्णु जी ने बलराम को देवकी के गर्भ से जन्म नही लेने दिया ।
  • इसके साथ ही बलराम ने रोहिणी के गर्भ से जन्म लिया यह रोहिणी और कोई नही ‌‌‌थी बल्की वासुदेव की ‌‌‌ ‌‌पहली पत्नी थी ।
  • आपको जानकारी होगी की बलराम जैसे कोई ताक्तवर नही था वह बलवानो मे श्रेष्ठ थे इसी कारण से उन्हे बलदेव कहा जाता है ।
  • बलराम कोई और नही बल्की श्री हरी का शेषनाग का ही अवतार है जिसने हरी के अवतार के साथ साथ जन्म लिया ।
  • बलराम जी ने जीस वंश मे जन्म लिया था वह यदुवंशी ‌‌‌था और यही वंश वासुदेव का था । इसके अलावा वासुदेव का ही पुत्र बलराम था क्योकी रोहिणी और कोई नही बल्की वासुदेव की पहली पत्नी थी ।

  • आपको जान कर हैरानी होगी की बलरामजी पहले देवकी के गर्भ से 7 वे पुत्र के रूप मे जन्म लेने वाले थे मगर श्री विष्णु जी ने यह नही होने दिया क्योकी उन्हे पता था की ‌‌‌अगर देवकी के गर्भ से बलराम जन्म लेगे तो कंस उन्हे मार देगा । इसी कारण से विष्णु जी ने उनका जन्म वासुदेव की पहली पत्नी रोहिणी के गर्भ से करवाया था ।
  • ‌‌‌कृष्ण के साथ साथ बलराम का जन्म हुआ था और उन्हे भी पूजा जाता था । इसका प्रमाण मथुरा और ग्वालियर मे मिली मुर्ती से किया गया है जो सत्य रूप से बताती है की बलाराम जन्म था और उन्हे पूजा भी जाता था ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की बलराम की पत्नी रेवती 21 हाथ लंबी थी मगर बलराम ने उसे अपने हल से खींचकर ‌‌‌सामान्य लोगो के जितना बनाया था ।
  • दुर्योधन के बारे मे तो आप जानते ही होगे पर आपको जान कर हैरानी होगी की दुर्योधन को शिक्षा देने वाले यानि दुर्योधन का गुरू बलराम थे ।

‌‌‌बलराम का जन्म कैसे हुआ, How was Balarama born?

‌‌‌कहते है की जहां पर विष्णु अवतार लेते है वही उनका शेषनाग भी अवतार लेता है । जैसे राम विष्णु का ही अवतार माना जाता है और लक्ष्मण शेषनाग का इसी तरह से बलराम भी शेषनाग के अवतारा के रूप मे जाने जाते है । मगर इनका यह जन्म बलराम के रूप में कैसे हुआ आइए जानते है ।

भागवत पुराण के अनुसार बलराम का जन्म, Birth of Balarama according to Bhagavata Purana

‌‌‌भगवत पुराण मे बताया जाता है की जब विष्णु ने अपनी भग्त देवकी को पीड़ा मे देखा तो देवकी की सातवी संतान के रूप मे अपने शेषनाग को भेज दिया । उस समय शेषनाग देवकी के गर्भ मे प्रवेश कर चुके थे । मगर फिर विष्णु को लगा की कंस शेषनाग अवतार को मार देगा ।

इसी कारण से विष्णुजी ने स्वयं योग माया का ‌‌‌प्रयोग करते हुए शेषनाग के अवतार को रोहिणी के गर्भ मे प्रवेश करा दिया । और फिर विष्णु जी स्वयं देवकी के गर्भ मे 8 वी संतान के रूप मे प्रवेश कर चुके थे ।

रोहिणी के गर्भ मे शेषनाग का अवतार पल रहा था और इनका जन्म हल षष्ठी के दिन हुआ था । उस समय से ही इनका जन्म दिन हल षष्ठी को मनाया जाता है ‌‌‌। इस तरह से बलरामजी का जन्म हुआ ।

‌‌‌बलराम कौन है और इनका अस्त्र क्या है, Who is Balram and what is his weapon

बलराम श्री कृष्ण के बडे भाई के रूप मे जाने जाते है । साथ ही इन्होने देवकी और रोहिणी दोनो के गर्भ मे प्रवेश किया था । मगर जन्म रोहिणी के गर्भ से हुआ था । बलराम का जन्म देवकी के सातवे पुत्र के रूप मे होने वाला था और वही कृष्ण का जन्म 8 वे पुत्र के रूप ‌‌‌मे हुआ था । इसी कारण से बलराम श्री कृष्णजी से बडे थे ।

बलरामजी शेषनाग के अवतार थे जिनमे बहुत ही शक्ति थी और वे इतने अधिक बलवान थे की किसी भी ‌‌‌विशाल पर्वत को पल भर में गिरा देते थे । इसी कारण से इन्हे बलदेव के नाम से जाना गया । बलदेव का अर्थ होता है जिसमे बल की कोई कमी न हो यानि बलवान । इस तरह ‌‌‌से बलराम जी बलवान थे ।

बलराम श्री कृष्ण से बडे होने के बाद भी श्री कृष्ण की बात मान जाया करते  थे । और जब श्री कृष्ण उनसे कुछ कह देते तो वे उसे आसानी से मान लेते थे । इसके अलावा श्री कृष्ण भी बलरामजी की बात मानते थे । जब बलरामजी का जन्म हुआ तो उनका जन्म यशोदा के घर हुआ था ।

क्योकी रोहिणी ‌‌‌नंद की बहन थी और उस समय वह नंद के पास ही थी । और वही पर श्री कृष्ण का पालन पोषण हुआ और बलरामजी व श्री कृष्ण का पालन पोषण यशोदा ने ही किया था । मगर दोनो ही उनके बेटे नही थे । इस तरह से श्री कृष्ण और बलराम बचपन से ही एक साथ रहने लगे थे ।

इतने अधिक बलवान होने के साथ साथ बलराम जी हल, गदा को ही अपना अस्त्र चुना क्योकी दोनो को चलाने के लिए काफी ताक्त की जरूरत होती है जो बलरामजी के पास थी । क्योकी एक हल को चलाने के लिए बहुत मेहन्त लगती है मगर बलरामजी के लिए यह आम बात थी ।

वे अपने हल से किसी को भी हरा सकते थे । यहां तक की गदा मे माहिर होने के कारण से कोई भी ‌‌‌उनकी गदा ‌‌‌से बच नही पाता था । उन्होने कृष्ण के साथ कई असुरो का अंत भी किया था । इस तरह से बलरामजी के अस्त्र हल और गदा थे ।

‌‌‌बलराजी ने दिया दुर्योधन और भीम को गदा का बल, Balraji gave the power of mace to Duryodhana and Bhima

बलराम बलवान थे और उनका अस्त्र एक गदा भी था । जिनसे उन्होने ‌‌‌राक्षसो का अंत भी किया था । मगर बलराम ने अपने दो शिष्य को चुना जो दुर्योधन और भीम थे । दोनो को ही एक समान समझ कर बलराम ने युद्ध कला सिखाई । जिसके कारण से भीम और दुर्योधन बलराम की तरह ही ‌‌‌गदा ‌‌‌रखने लगे थे ।

‌‌‌महाभारत के युद्ध के समय क्यो चले गए बलराम तीर्थयात्रा, Why did Balarama go on pilgrimage during the Mahabharata war?

महाभारत के युद्ध मे एक तरफ कोरव तो दुसरी तरफ पाण्डव थे । दोनो भाई थे मगर दोनो मे युद्ध हो रहा था । तो दोनो ही श्री कृष्ण से युद्ध में मदद मागने के लिए गए । तब श्री कृष्ण को पाण्डवो ने युद्ध मे साथ देने के लिए चुना तो श्री कृष्ण की सेना ‌‌‌को दुर्योयधन ने चुना । इस तरह से श्री कृष्ण एक तरफ तो उसकी सेना एक तरफ थी ।

मगर अब बलराम बचे जो न तो श्री कृष्ण की तरफ हो रहे थे न ही कोरवो की तरफ । जब श्री कृष्ण ने बलराम से इस बारे मे पूछा तो बलराम ने कहा की कोरवो मे दुर्योधन पाण्डवो मे भीम दोनो ही मेरे शिष्य रह चुके है अरग में दुर्योधन ‌‌‌की तरफ से लडूगा तो पाण्डवो के साथ सही नही होगा और अगर मे पाण्डवो की तरफ से लडुगा तो दुर्योधन के साथ सही नही होगा ।

इस तरह से बलराम ने कहा की मैं तो धर्मसकट मे फस गया हूं । यही बात थी की बलराम ने न तो पाण्डवो की तरफ से युद्ध किया न ही कोरवो की तरफ से । बल्की युद्ध के समय वे तो तीर्थयात्रा पर चले गए ‌‌‌। और यही मुल कारण रहा की महाभारत के युद्ध मे बलराम ने किसी की तरफ से भाग नही लिया ।

‌‌‌बलरामजी की मृत्यु कैसे व क्यो हुई, How and why Balramji died

कहते है की जो पृथ्वी पर जन्म लेता है उसे एक दिन मरना ही पडता है चाहे फिर भगवान हो या इंसान । इसी तरह से कुछ बलराम के साथ हुआ । क्योकी जब कंस का अंत हो गया तो बलराम और श्री कृष्ण का काम पृथ्वी पर पूरा हो गया था । तभी देवताओ ने वायुदेव को बलराम और श्री ‌‌‌कृष्ण के पास भेजा और संदेश दिया की अब आपका काम पृथ्वी पर पूरा हो गया है तो आप अब पृथ्वी लोक से अपने लोक मे आ सकते हो। क्योकी यह संदेश सभी देवो और विष्णु ने दिया था ।

 तो बलराम कैसे मना कर सकते थे क्योकी विष्णु ही उनके प्रथम देव थे । संदेश पाने के बाद मे एक दिन बलराम ‌‌‌जी ने जंगल के पास नदी के ‌‌‌पास बैठ कर अपने शरीर को त्यागने की प्रक्रिया शुरू कर दी । इस बारे मे श्री कृष्ण को पता नही था । मगर जब बलराम ने अपना शरीर त्यागा तो वे शेषनाग के रूप मे आ गए और उसी नदी मे चले गए । इस तरह से बलराम ने अपना शरीर त्याग दिया ।

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