Vidhva ka vilom shabd विधवा का विलोम शब्द ?
विधवा का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, विधवा का उल्टा Vidhva vilom shabd , vidhwa ka vilom shabd kya hai
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
विधवा | विधुर, सधवा |
Vidhva | Vidhur, Sadhva |
विधवा का विलोम शब्द और अर्थ
विधवा का मतलब होता है जिस महिला का पति मर चुका है उसके लिए यह शब्द प्रयोग किया जाता है।और जिस पति की महिला मर चुकी है उसके लिए विधुर शब्द का प्रयोग किया जाता है।
वैसे देखा जाए तो कोई भी महिला को यह पसंद नहीं होता है कि कोई उसे विधवा कहें । लेकिन समय के आगे किसी की नहीं चलती है। बहुत से लोगों को यह लगता है कि विधवा एक बहुत ही बुरा शब्द है और खास कर लोग महिला को इस शब्द से अधिक पुकारते हैं।
शायद यह पुरूषवादी समाज होने की वजह से यह सब संभव हुआ है। खैर भारत के अंदर प्राचीन काल मे राजाओं का शासन हुआ करता था। और उस समय एक राजा के अधीन जीतने भी लोग आते थे उनमे से बहुत सारों को सेना के अंदर भर्ती कर लिया जाता था।
और जब युद्ध वैगरह होता था तो उसके बाद सेना के अंदर जो सेनिक मारे जाते थे उनकी महिलाएं विधवा हो जाती थी। और सबसे बड़ी बात यह थी कि इसके अंदर बहुत बड़ी संख्या मे महिलाएं विधवा हो जाती थी। ऐसी स्थिति के अंदर समाज मे असंतुलन सा बन जाता था । यही कारण था कि एक पुरूष की कई पत्नी होती थी। हालांकि आज वैसा माहौल नहीं है। ना तो बड़े पैमाने पर युद्ध ही होते हैं और ना ही उतने लोग मारे जाते हैं।
और संघर्ष होते भी हैं तो उतनी बड़ी संख्या मे लोग मारे नहीं जाते हैं। क्योंकि आजकल दूर से हमले होते हैं पहले की तरह तलवार से युद्ध नहीं लड़ा जाता है। तो लोग मरते भी कम हैं।
विधवा होने से बचने के लिए पहले महिलाएं सती भी होती थी।भले ही लोग इसको कुप्रथा कहें लेकिन असल मे यह एक अलग ही चीज होती थी। सुनने वाले बताते हैं कि जो महिला सती होती थी । उसको अपने आप ही आग लग जाती थी। हालांकि किसी महिला को जबरदस्ती जलाना गलत कार्य है।
इसके अलावा आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि महाभारत के अंदर न जानते कितने वीर मारे गए थे । उन सभी की विधवाएं पीछे बच गई थी। और सबसे बड़ी बात यह थी कि लड़कियों के लिए कोई वर ही नहीं बचे थे।
पहले का तो पता नहीं लेकिन आज के समाज मे भी विधवाओं को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। यदि किसी महिला का पति मर जाता है तो तुरंत ही दूसरे मर्द उसके उपर डोरे डालना आरम्भ कर देते हैं।
और सबसे बड़ी बात तो यह है कि वह पुरूष उसका फायदा उठाना चाहते हैं। और जब इस तरह के मर्दों का काम निकल जाता है तो उसके बाद यह उसी विधवा को रोड़ पर धक्के खाने के लिए छोड़ देते हैं।
इसी तरह की एक नहीं कई सारी घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि मुझे उनके बारे मे जानकारी नहीं है।एक घटना मे एक महिला होती है जिसका नाम हम यहां पर उल्लेख नहीं करना चाहेंगे । उसका एक बच्चा भी होता है वह एक विधवा होती है। एक बार उसकी मुलाकात एक लड़के से होती है। बाद मे दोनो की अच्छी दोस्ती होती है। लड़के के माता पिता उसके साथ नहीं रहते हैं तो लड़की उसके साथ रहने लग जाती है और कुछ दिन बाद वही लड़का उसको अपने घर मे ही मारकर दफना देता है। इस तरह की देश मे आए दिन बहुत सारी घटनाएं होती हैं।
सधवा का अर्थ और मतलब
विधवा का उल्टा सधवा होता है।जिसका मतलब होता है जो पति और पत्नी दोनो ही जीवित हैं। दोस्तों सधवा को इंसानी समाज के अंदर जितने सम्मान से देखा जाता है उतने समान से विधवा को नहीं देखा जाता है।
और आज के समय के बारे मे तो आप जानते ही हैं।विधवा की कोई भी मदद नहीं करता है। एक बार जब महिला विधवा हो जाती है तो उसके बाद उसके सास ससुर भी उस महिला के खिलाफ हो जाते हैं। और वे चाहते हैं कि वह अपने घर से निकल जाए ।
इसके अलावा विधवा महिला के सामने भी काफी समस्याएं होती हैं।पहली बात तो वह बिना पति के अकेली पड़ जाती है। उसकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता है। वह अपने दर्द को किसी को नहीं बता सकती है। सास ससुर तो उसको वैसे ही पसंद नहीं करते हैं।
इसके अलावा अब यदि उस विधवा के छोटे बच्चे भी हैं तो उनके खर्च को निकालना महिला के लिए बहुत अधिक कठिन हो जाता है। और आप भारत के समाज मे देख सकते हैं कि एक अकेली महिला काम पर भी नहीं जा सकती है। यदि वह काम पर जाएगी तो न जाने कितने मर्द उसको घूरेंगे ऐसी स्थिति मे आप समझ सकते हैं कि क्या होगा ।
और अक्सर महिलाएं जो विधवा हो जाती हैं वे मायेके मे ही जाकर रहने लग जाती हैं। लेकिन कई बार क्या होता है कि मायेके के अंदर उनके माता पिता मर जाते हैं या पहले ही मर चुके होती हैं तो भाई बोजाइ वैसे भी उनको पसंद नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर वहां पर विधवा महिला के लिए रहना काफी कठिन होता है।उसे यह समझ नहीं आता है कि वह करे तो क्या करें ? उसके पास कोई भी आप्सन नहीं होता है। खैर यदि विधुर पुरूष की बात करें तो उसका जीवन काफी सरल होता है क्योंकि उसे किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।इसका कारण यह है कि उसके पास अपना घर होता है और वह खाने के लिए पैसे कमा सकता है तो चाहे जहां पर रह सकता है। और यदि किसी के पास पैसा है तो फिर दूसरों की जरूरत ही क्या है ?
इस तरह से विधुर के जीवन मे सिर्फ इतना ही संकट होता है कि उसकी पत्नी नहीं है। और उसे देखकर कोई यह भी नहीं कहता है कि देखो विधुर आ रहा है अपशकुन होता है। हालांकि यह सब समाज की कुरितियां होती हैं। लेकिन विधवा के लिए अपशकुन भी होता है। या अपशकुन के बारे मे कहा जा सकता है। इस प्रकार से एक पुरूष वादी समाज के अंदर एक विधवा महिला का जीना काफी कठिन हो सकता है।क्योंकि सब जगह पर एक महिला के लिए वो भी अकेले जाना सहज नहीं होता है।
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