कीड़ी नगरा सींचने की विधि और कीड़ी नगरे की कथा

कीड़ी नगरा सींचने के बारे मे हम इस लेख के अंदर जानेंगे ​और साथ ही यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि कीड़ी नगरा सींचने से क्या क्या फायदे आपको मिलते हैं। दोस्ती कीड़ी नगरा काम मतलब होता है चींटियों से । खैर हिंदु धर्म के अंदर कीड़ी नगरा को सींचना काफी अच्छा माना जाता है। इसका कारण यह है कि कीड़ी नगरा सींचने से कई तरह के फायदे आपको मिलते हैं। यदि आप भी कीड़ी नगरा को सींचते हैं , तो यह आपके लिए फायदेमंद होता है। यदि आपको नहीं पता है ,कि किस तरह से कीड़ी नगरा को सींचना है , तो फिर हम आपको यहां पर बता रहे हैं।

कीड़ी नगरा सीखने की विधि

सवा सेर आटे में पाव शक्कर, पाव नारियल का बुरादा तथा पावभर घी मिलाकर भूनकर तैयार किया जाता है। और आप इसको हर शनिवार के दिन कर सकते हैं। इसके अलावा भी अलग अलग तरीके होते हैं। आपको जो भी परेशानी होती है। उसके हिसाब से कीड़ी नगरा को सींचा जाता है। तो आइए जानते हैं कीड़ी नगरे मे क्या क्या डालने से क्या क्या फायदे आपको मिलते हैं।

दुर्भाग्य को दूर करने मे

दोस्तों यदि आप कीड़ी नगरा को सींचते हैं , तो यह आपके बुरे भाग्य को दूर करने मे काफी हद तक मदद करता है , यदि आपको लगता है , कि आपका भाग्य अच्छा नहीं चल रहा है , तो फिर आपको कीड़ी नगरे को सींचना चाहिए । यह आपके बुरे भाग्य को दूर करने मे काफी हद तक मदद करने का काम करेगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके लिए आपको रोजाना चावल के आटे के अंदर चीनी मिलानी चाहिए । और उसके बाद कीड़ी नगरा के अंदर डाल देनी चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं , तो आपका बुरा समय दूर हो जाता है। इस उपाय को आप ट्राई कर सकते हैं। आपको काफी अधिक फायदा आपको देखने को मिलेगा ।

class="wp-block-heading">शनिदशा को दूर करने मे
कीड़ी नगरा सींचने  की विधि

दोस्तों यदि आपके उपर शनि दोष चल रहा है , तो भी आपको कीड़ी नगरा को सींचना चाहिए । यह आपके शनिदोष को दूर करने का काम करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । शनि दोष को दूर करने के लिए हर दिन आटे को कीड़ी नगरे पर गिराकर आना चाहिए । जिससे कि आपके जो शनि दोष का भार होता है। वह काफी कम हो जाता है। यह एक अच्छा उपाय है , जोकि आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है।

जब आप किसी ज्ञानी इंसान के पास जाते हैं , तो वह आपको इस तरह के उपाय बताता भी है।

नौकरी की समस्या को दूर करने मे कीड़ी नगरा के फायदे

यदि आपको नौकरी की समस्या है , या आपकी नौकरी सही से चल नहीं रही है। या फिर आपकी नौकरी छूट गई है , तो कीड़ी नगरे से आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी । दोस्तों कीड़ी नगरे की मदद से आप यह उपाय एक बार करके देखें । हो सकता है कि आपको इससे अच्छा फायदा मिल जाएगा । कई सारे लोग होते हैं , जोकि यह सब करते भी हैं।

यदि आप इस उपाय को कर रहे हैं , तो आपको बादाम के पाउडर के अंंदर चीनी को मिलाकर डाल देना चाहिए । ऐसा करने से आपको फायदा होगा ।

आपके कर्ज की समस्या को दूर करती है

यदि आपके उपर कर्ज की समस्या है । जिसकी वजह से आप अक्सर परेशान रहते हैं , तो आप कीडी नगरे का यह उपाय कर सकते हैं। इससे आपको फायदा मिलेगा और आपका जो कर्ज है , वह धीरे धीरे कम होता हुआ चला जाएगा । इसके लिए बादाम के पाउड़र के अंदर चीनी को मिलाएं और उसके बाद कीड़ी नगरे पर रोजाना आपको डालना होगा । ऐसा करने से आपके कर्ज की समस्या हल होगी ।

राहु और केतु के बुरे असर को दूर करने मे

दोस्तों राहू और केतू बुरे असर दे रहे हैं , तो आपको कीड़ी नगरे को सींचना चाहिए । ऐसा करने से राहु और केतू की बुरी द्रष्टि आपके उपर से हटती है। और आपके जीवन मे काफी आराम मिलता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके लिए आपको रोजाना कीड़ी नगरे पर भूने हुए आटे के अंदर चीनी को मिला कर डालना होगा । कुछ ही दिनों के अंदर आपको इसका फायदा मिलना शूरू हो जाएगा ।

मानसिक संतुष्टी मिलती है

इसके अलावा कीड़ी नगरे को सींचने का एक फायदा यह भी होता है , कि इसकी वजह से मानसिक संतुष्टी भी मिलती है। यदि आपका मन शांत नहीं है। कई बार बुरी दुघर्टना होने की वजह से यह होता है। तो ऐसी स्थिति के अंदर भी आप कीड़ी नगरे को सींच सकते हैं। जिससे कि आपके मन को शांति मिलेगी ।

यदि काम बिगड़ रहे हैं , तो होगा फायदा

कुछ लोगों के साथ यह सब होता है। यदि उनके काम बिगड़ रहे हैं। तो फिर कीड़ी नगरा सींचने मे काफी अधिक फायदा मिलता है। यदि आप किसी भी काम के अंदर हाथ डालते हैं , और वही काम यदि बिगड़ जाता है , तो आपके जीवन के अंदर समस्या है , यह साफ दिख रहा है। यदि आपके साथ यह हो रहा है , तो कीड़ी को मीठी रोटी बनाकर आपको खिलाना चाहिए । ऐसा करने से आपके बिगड़े हुए काम फिर से बनने लग जाएंगे ।

नकारात्मक शक्तियों का नाश करने के लिए

दोस्तों आपको पता ही है कि नकारात्मक उर्जा हर जगह पर मौजूद होती है। और नकारात्मक उर्जा की वजह से घर के अंदर काफी अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि आप नकारात्मक उर्जा को दूर भगाना चाहते हैं , तो आप यह उपाय कर सकते हैं। इसका फायदा यह होगा कि नकारात्मक उर्जा दूर हो जाएगी । और आपकी हर समस्या हल हो जाएगी । इसके लिए नारियल के सूखे पाउडर के अंदर चीनी को मिलाएं और उसके बाद उसे कीड़ी नगरे पर डाले । ऐसा जो भी नकारात्मक शक्तियां होगी वे दूर हो जाती हैं।

होता है पुण्य का काम

दोस्तों यदि आप कीड़ी नगरे को सींचते हैं , तो यह एक तरह से पुण्य का काम होता है। हम सभी लोग पुण्य कमाने की जीवन के अंदर कोशिश करते हैं। और यदि आप कोई भी अच्छा काम करते हैं , तो आपको इसका अच्छा फल भी मिलता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

कीड़ी नगरा की कहानी कीड़ी नगरा सींचने की कहानी

कीड़ी नगरा सींचने  की विधि

दोस्तों उपर हमने कीड़ी नगरा सींचने के तरीके के बारे मे बताया है। अब हम आपको कीड़ी नगरा को सींचने की कहानी के बारे मे बताने वाले हैं। जोकि कीड़ी नगरा सींचने के समय सूनी जाती है। तो आइए जानते हैं। कीड़ी नगरा को सींचने की कहानी के बारे मे ।

पुराने समय की बात है , एक गांव के अंदर एक बुढ़िया माई रहती थी। उसके दो बेटे थे । और दो ही बहुएं थी । बुढ़ाई माई काफी अच्छी इंसान थी । वह अपने जीवन के अंदर काफी अधिक दान पुण्य का काम करती थी । लेकिन वह कभी भी मंदिर आदि के अंदर जाने का काम नहीं करती थी। वह भगवान विष्णु की भगत थी । एक बार की बात है , गांव के अंदर भागवत कथा हो रही थी ।उसके बाद बुढ़िया के बैठे ने कहा कि की आप सारे दिन घर के अंदर रहती हैं , तो मंदिर के अंदर भागवत कथा को सुनने के लिए क्यों नहीं जाती हैं ? तो मां ने बेटे का मन रखने के लिए कह दिया कि वह भागवत कथा को सुनने के लिए जाएगी । लेकिन जाने जाने मे ही उसको 6 दिन बीत गए वह नहीं गई ।

उसके बाद जब बेटे ने देखा कि मां भागवत कथा सुनने के लिए नहीं जा रही है , तो बेटे ने अपनी मां से कहा मां आज अंतिम दिन है , आपको भागवत कथा को सुनने के लिए जाना ही पड़ेगा । तो बुढ़िया ने कहा कि वह जाएगी । और वह यूं ही घर का सारा काम करती रही । फिर जब मंदिर के अंदर पहुंची तो तब तक भागवत कथा समाप्त हो चुकी थी ।जब भागवत सुनने माई मंदिर की तरफ जा रही थी , तो श्री हरि विष्णु  एक साधु का वेश लेकर आए और पूछे कि माई कहां पर जा रही हो ? तो बुढ़िया ने कहा कि वह भागवत कथा को सुनने के लिए जा रही है। तो श्री हरि विष्णु  ने कहा कि भागवत कथा तो समाप्त हो चुकी है। माई आप बहुत देर से आई हों । लेकिन बुढ़िया ने कहा कि मैं जाकर आउंगी । और कुछ नहीं तो एक ईंट ही उठाकर लेकर आ जाउंगी । तो उसके बाद श्री हरि विष्णु  ने कहा कि तुम वहां से एक ईंट उठाकर ले आओगी । तो कोई फायदा नहीं होगा मैं तुमको एक सोने की ईंट देदेता हूं । और श्री हरि विष्णु  ने एक सोने की ईंट बुढ़िया को प्रदान करदी ।

उसके बाद बुढ़िया माई उस ईंट को लेकर घर चल पड़ी । तो रस्ते के अंदर यह सोचने लगी कि यदि यह सोने की ईंट बहुओं ने देखी तो आपस मे झगड़े लगेंगी तो मैं इनको यहीं पर छिपा देती हूं । तो माई ने अपने गेट के पास एक गढ्ढा खोदा और उस ईंट को वहीं पर छिपा दिया ।उसके बाद बुढ़िया माई जब भी खाना खाती या कुछ भी काम करती , तो वह दरवाजे की तरफ ही देखती रहती । तो बेटों ने पूछा मां तुम इतना दरवाजे की तरफ क्यों देखती हो तो माई ने क​हा कि मैं आने जाने वाले का ध्यान करती हूं । एक दिन बुढ़िया माई मर गई ।और उसके बाद यमके दूत उसको लेकर यमराज के पास गए और सारी बात बताई । तो यमराज ने बुढ़िया माई को कुतिया की योनी देदी । वह कुतिया बस गेट के पास ही बैठी रहती थी । तो बुढ़िया की बहुओं ने कहा कि इस कुतिया को घर से भगाओ नहीं तो यह बच्चों को काट लेगी । तो एक दिन बुढ़िया माई के बेटों ने उसको मारा तो उसकी मौत हो गई ।

उसके बाद बुढ़िया माई को सर्प की योनी मिल तो माई सर्प बनकर उस ईंट दबे स्थान पर आकर रहने लगी । जिसकी वजह से घर वाले काफी अधिक परेशान हो गए । और उस सर्प को भी मार दिया । उसके बाद बुढ़िया माई कीड़ी बन गई और जिस स्थान पर ईंट को दबाया गया था । वहां पर कीड़ी नगरा हो गया । जिसकी वजह से सारे घरवाले काफी अधिक परेशान हो गए । सारी कड़ी उनके अनाज की चोरी करने लगी । जिसकी वजह से घरवाले भूखे मरने लगे । कहा जाता है , कि एक बार भगवान विष्ण साधू के वेश मे आए । और घर से खाने को मांगा तो घरवालों ने कहा कि उनके पास खाने को कुछ नहीं है। वो तो कीड़ी नगरे की वजह से परेशान हैं ,और उसके बाद भगवान ने वहां पर खुदाई की तो वहां पर सोने की ईंट निकली । उस ईंट को दोनों बहुओं को बांटने के लिए कहा गया । फिर कहा कि तुम अपनी मां के नाम से दान करो । गाय को खाना खिलाओ प्याउ लगाओ और गरीबों को भोजन दो । लेकिन दोनों बेटे तू तू मैं मैं करने लगे । उसके बाद एक दिन संयासी फिर से आया तो बुढ़िया माई के बेटो ने कहा कि हमारे घर मे कुछ भी फायदा नहीं हुआ कीड़ी नगरा तो वैसे का वैसा ही है। तो भगवान ने कहा कि वह सोने की ईंट लाओ और उसको बेच कर जो पैसा मिले उससे तुम्हारी मां के नाम से दान पुण्य करो । और कीड़ी नगरे पर शक्कर आदि को डालो । और उसके बाद बेटों ने ऐसा ही किया कीड़ी नगरे पर रोजाना शक्कर और अनाज डालना शूरू किया । कुछ ही समय के बाद उनकी सारी परेशानी दूर हो गई ।जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह प्रातः आटा और शक्कर खेड़ी नगरे पर डालता है वह सदैव धनवान पुत्र मान संपन्न सुख शांति से जीवन यापन करता है उसके घर में कभी कोई कष्ट नहीं आता है। और कीड़ी नगरा को रोजाना सींचने से जीवन के अंदर सुख और शांति आती है।

इस तरह से दोस्तों आपने इस लेख के अंदर कीड़ी नगरे के सींचने की कहानी के बारे मे जाना और उम्मीद करते हैं , कि आपको यह कहानी पसंद आएगी । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे ।।

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