चोटी रखने से मिलते हैं यह कमाल के फायदे आप जानते हैं

दोस्तों चोटी रखने का प्रचलन काफी पुराने समय से ही रहा है। जब अपने यहां पर कोई बच्चा पैदा होता है। और जब वह थोड़ा बड़ा हो जाता है , तो उसके बाकी के सारे बाल काट दिये जाते हैं। और चोटी को छोड़ दिया जाता है। जब वह और थोड़ा बड़ा हो जाता है। तो चोटी को भगवान को अर्पित कर दिया जाता है। हालांकि अलग अलग क्षेत्रों के अंदर अलग अलग परम्परा हो सकती है। ​जिसके बारे मे आपको जानना चाहिए ।

ऋषि, महात्मा, पंडित, ब्राह्मण  आदि प्राचीन काल के अंदर चोटी रखा करते थे । मुंडन करने के बाद उनको दीक्षा प्रदान की जाती थी । हालांकि आजकल चोटी रखने की परम्परा काफी कम हो चुकी है। बहुत कम लोग ही आपको इस तरह के मिलेंगे , जोकि चोटी रखने का काम करते हैं। बाकी मोर्डन जमाना आ चुका है। तो चोटी जैसी मान्यता काफी कम लोग करते हैं। यदि आप भी चोटी रखते हैं। तो इसके फायदे के बारे मे भी आपको जरूर ही जानना चाहिए । वैसे आपको बतादें कि चोटी रखने से सिर्फ धार्मिक फायदे ही नहीं होते हैं। इसकी वजह से कई सारे वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं।

सकारात्मक उर्जा का प्रवाह बढ़ता है ।

जहां चोटी रखने की जगह होती है, वहां सुषुम्ना नाड़ी होती है। और यदि आप सकारात्मक उर्जा को बढ़ाना चाहते हैं , तो आप चोटी को रख सकते हैं। अच्छी उर्जा का प्रवाह हमेशा ही काफी बेहतर होता है। आप ट्राई कर सकते हैं। खास तौर पर यदि आपको इन चीजों का शौक है , तो ।

सहस्त्रार चक्र को सक्रिय करने मे मदद करती है।

ऐसा माना जाता है , कि जिस स्थान पर चोटी रखी जाती है।  वहां पर सहस्त्रार चक्र होता है। और यदि आप चोटी को रखते हैं। तो इस चक्र की सक्रियता को बढ़ाने मे काफी हद तक मदद मिलती है। प्राचीन काल के अंदर कुंडली जागरण से जुड़े कई सारे प्रयोग किये जाते थे । ऐसी स्थिति के अंदर यह प्रयोग भी काफी जरूरी था।

class="wp-block-heading">मन को शांत करता है चोटी का रखना ।

छोटे बच्चों के सिर मे चोटी को इसलिए रखा जाता था , कि इसकी वजह से बाहर की किसी तरह की उर्जा का असर ना पड़े । और यह मन को शांत करने का भी काम करता है। यदि मन शांत नहीं हो पाता है , तो उनके पढ़ने आदि के अंदर काफी अधिक समस्या आएगी ।इसके अलावा बड़ों के मन को शांत करने के लिए भी शिखा पर चोटी को रखा जाता है।

एकाग्रता को बढ़ाने मे मदद करता है चोटी रखना ।

मन की एकाग्रता किसी भी काम के अंदर काफी अधिक जरूरी होती है। यदि आपका मन एकाग्र नहीं होगा , तो फिर समस्याएं होगी । प्राचीन काल के अंदर मन की एकाग्रता को बढ़ाने के लिए भी यह  उपयोगी होता था ।

ब्रह्मचर्य पालन करने मे मदद मिलती है ।

दोस्तों चोटी रखने का प्रचलन

ब्रह्मचर्य प्राचीन काल से लेकर आज तक एक महत्वपूर्ण प्रयोग है। ब्रह्मचर्य पालन करने के लिए मानसिक शक्ति काफी अधिक जरूरी होती है। शिखा रखने से आपकी मानसिक शक्ति मे काफी अधिक बढ़ोतरी होती है।

ब्लड प्रेसर को कम करती है चोटी ।

2018 में जर्नल ऑफ क्लिनिकल हाइपरटेंशन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 8 सप्ताह तक चोटी रखने से रक्तचाप में 5% तक की कमी हो सकती है। तो यदि आप भी ब्लड प्रेसर की समस्या से परेशान हैं , तो फिर आप चोटी रख सकते हैं। फायदेमंद होगा ।

चिंता और तनाव को कम करता है चोटी रखना ।

आजकल तनाव और चिंता एक आम समस्या बनती जा रही है। मगर चोटी रखने से इसके अंदर आपको फायदा मिल सकता है। 2020 में जर्नल ऑफ Alternative and Complementary Medicine में प्रकाशित एक अध्ययन मे यह पाया गया कि चोटी रखने से तनाव और चिंता काफी कम हो सकती है।

ऊर्जा प्रवाह को बेहतर करने मे मदद करता है ।

चोटी को शरीर में ऊर्जा प्रवाह को बेहतर बनाने में मददगार माना जाता है। यह ऊर्जा शरीर के सभी अंगों तक समान रूप से पहुंचने में मदद करती है। चीन में कई धर्मों में चोटी का धार्मिक महत्व है। बौद्ध धर्म में, चोटी को भिक्षुओं और भिक्षुणियों के लिए अनिवार्य माना जाता है। ताओवाद में, चोटी को आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के लिए माना जाता है।

सामाजिक लाभ प्रदान करता है चोटी रखना ।

चीन में, चोटी रखने वाले लोगों को अक्सर अधिक परिपक्व, विश्वसनीय और सम्मानित माना जाता है। यह उनको नौकरी और शादी विवाह के अंदर काफी अधिक फायदा दे सकता है।

पुरुषत्व और ताकत का प्रतीक।

चीन में, चोटी को पारंपरिक रूप से पुरुषत्व और ताकत का प्रतीक माना जाता है। यह लंबे समय से चीनी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग के तौर पर देखा जाता है , कई लोग इसको  गर्व और सम्मान का प्रतीक के तौर पर भी देखते हैं।

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