khushbu ka vilom shabd खुशबू का विलोम शब्द ?

खुशबू का विलोम शब्द, खुशबू शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, ज्ञान का उल्टा khushbu ka vilom shabd , khushbu ka opposite in hindi

शब्द (word) विलोम (vilom)
खुशबूबदबू , बदबू  
khushbubadbu,badbu
            

‌‌‌खुशबू का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों खुशबु का विलोम शब्द होता है बदबू और खुशबू का मतलब ऐसी गंध जो आपके मन को भाये वह आपके लिए खुशबू ही होती है। दोस्तों आपने इत्र का नाम तो सुना ही होगा । इत्र शरीर की खुशबू को बढ़ाने के लिए बनाये जाते हैं मार्केट के अंदर कई तरह के इत्र मौजूद हैं जोकि ‌‌‌खुशबू को बढ़ाने का काम करते हैं। आपने भी कई बार इत्र का प्रयोग किया होगा। आजकल शादी के अंदर इत्र का प्रयोग सबसे अधिक होता है। महिलाओं के लिए अलग किस्म का इत्र होता है तो पुरूषों के लिए अलग किस्म का इत्र होता है। इत्र एक तरह से दिमाग को शांत करने का काम करता है।

‌‌‌खुशबू का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌आपको किस तरह का इत्र पसंद है। हालांकि आपको बतादें कि अधिकतर इत्र फूलों से ही बनाये जाते हैं। और यह काफी तेज सुगंध वाले होते हैं। जब हम शरीर पर इत्र की खुशबू का प्रयोग करते हैं तो यह काफी मन भावन होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। दोस्तों हालांकि कुछ लोग इत्र का प्रयोग नहीं करते हैं । इसका ‌‌‌ कारण पहला तो यह होता है कि उनको इत्र का प्रयोग करना पसंद नहीं होता है। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनको इत्र से एलर्जी होती है। इसी तरह के इंसानों के अंदर मैं भी आता हूं। इत्र का प्रयोग करना मुझे भी पसंद नहीं है।

 शादी के अंदर इत्र का प्रयोग एक बार किसी ने कर दिया था जिसके बाद मुझे ‌‌‌ काफी परेशानी हुई थी। इसी किस्म की मेरी वाइफ है जोकि इत्र का कभी भी प्रयोग नहीं करती है। इत्र के प्रयोग से उसके सर मे दर्द होने लग जाता है। दोस्तों इत्र के अनेक फायदे भी होते हैं। यदि आपको किसी तरह के इत्र की खुशबू पसंद है तो उससे आपके दिमाग को शांति मिलती है। यदि आप अपने दिमागा को ‌‌‌शांत करना चाहते हैं तो आप इत्र का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों की इत्र पहली पसंद होती है। वे जब भी अपने घर से निकलते है। इत्र का प्रयोग जरूर करते हैं। खैर इत्र का प्रयोग करना और ना करना अपनी अपनी मर्जी होती है।

‌‌‌इत्र का प्रयोग हजारों सालों से होता आ रहा है। पुरूष की तुलना मे महिलाएं पहले इत्र का प्रयोग अधिक करती थी। कारण यह था कि इत्र उनकी सुंदरता को बढ़ाने का काम करती था । लेकिन अब तो पुरूष भी महिलाओं से आगे निकल चुके हैं

‌‌‌और आपको तो पता ही है कि मार्केट के अंदर महंगे महंगे इत्र आते हैं जोकि आपके शरीर की खुशबू को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग इत्र का प्रयोग पसीने की बदबू को दूर करने के लिए भी करते हैं। आमतौर पर जो लोग ऑफिस वैगरह के अंदर काम करते हैं उनके शरीर से पसीना निकलता है उसकी बुदबू को इत्र ‌‌‌कम कर देता है। हालांकि मजदूरों को इत्र का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि वे तो वैसे ही पसीने के अंदर नहाये रहते हैं। खैर इत्र के कुछ लोग बहुत अधिक शौकिन होते हैं। पर खुशबू एक अलग प्रकार की भी होती है। जोकि आपके बातों की खुशबू होती है। कुछ लोगों को इत्र लगाने की आवश्यकता ही नहीं ‌‌‌ होती है। क्योंकि उनकी वाणी के अंदर ही इतना अधिक जादू होता है कि वह किसी को अपनी ओर खींचने के लिए काफी होता है। अब आपकी वाणी के अंदर इस तरह का जादू है या नहीं इसके बारे मे तो हम नहीं जानते हैं। ‌‌‌लेकिन जो कुछ भी है सब अच्छा ही है।

‌‌‌बदबू का अर्थ और मतलब

दोस्तों बदबू का मतलब होता है।जो गंध आपके मन को नहीं भाति है उसके लिए हम बदबू शब्द का प्रयोग करते हैं। बदबू का मतलब एक तरह की बेकार गंध होती है। दोस्तों बदबू वैसे तो किसी को भी पसंद नहीं होती है। जब भी कहीं पर पाद की बदबू आती है तो हम नाक बंद करके निकल जाते हैं। इसका ‌‌‌ मतलब यह है कि हम बस अच्छी अच्छी सुगंध को तो सूंघ लेना चाहते हैं लेकिन बेकार की सुगंध को नहीं सूंघना चाहते हैं। कारण यही है कि हमे यह सब पसंद नहीं है। दोस्तों असल मे बदबू और सुगंध को अलग करना आसान नहीं होता है। एक सेंट की गंध भी किसी के लिए बदबू हो सकती है।‌‌‌इस तरह से बदबू आपके लिए एक बेकार की गंध साबित हो सकती है।

‌‌‌जब हम कहीं से गुजर रहे होते हैं तो वहां पर आस पास कोई जानवर मरा हुआ होता है तो उसकी गंध निकल रही होती है। और उसके बाद हम उस गंध को सूंघकर नाक मुंह सिकोड़ने का काम करते हैं। इस तरह से दोस्तों बदबू कई बार सिरदर्दी का कारण भी बनती है। हालांकि कुछ लोग ऐसे होते हैं जोकि बदबू को सहन कर सकते हैं।

‌‌‌लेकिन आपको बदबू को लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। बदबू आपको किसी तरह का नुकसान करने के चांस नहीं होती है। इसल मे सब कुछ दिमाग का खेल होता है। एक कीड़ा सदा ही गंदगी के अंदर रहता है तो उसे यह लगता है कि गदंगी ही जन्नत है लेकिन हमे यह लगता है कि वह एक बेकार जीवन जी रहा है। लेकिन हम ‌‌‌ दोनों ही गलत होते हैं। क्योंकि ना तो कीड़ा पूरी बात को जानता है और ना ही हम पूरी बात को जानते हैं। और ना तो कीड़ा बेहतर जीवन जी रहा होता है और ना ही हम एक बेहतर जीवन जी रहे होते हैं।

‌‌‌असल मे बेहतर जीवन इन दोनों चीजों से परे होता है जिस तक कि आप पहुंच भी नहीं सकते हैं। आपको वहां तक पहुंचने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी होती है।

‌‌‌इसलिए अबकि बार यदि बदबू आए तो आपको उससे घृणा नहीं करनी चाहिए । क्योंकि आप घृणा करने के लिए नहीं बने हैं। आप एक इंसान हैं और आपके अंदर ऐसी क्षमता है कि आप अपनी चीजों को समझ से बनाते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से बहुत से लोग ऐसा  नहीं करते हैं। वे अपनी समझ से चीजों को विकसित नहीं करते हैं।

‌‌‌समाज के अंदर फैली गदंगी का कारण बस यही होता है। इसके बारे मे आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।‌‌‌आपकी द्रष्टि सदा समान होनी चाहिए । बस भले ही आप बस अच्छे के लिए कुछ चीजों को चुन सकते हैं और कुछ चीजों का त्याग कर सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा । लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है। अच्छे इंसान सदैव अच्छे के लिए ही काम करते हैं।

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