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मार्ग का पर्यायवाची शब्द क्या होते है

मार्ग का पर्यायवाची शब्द या मार्ग का समानार्थी शब्द (marg ka paryayvachi shabd / marg ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में जानेगे  इसके साथ ही  मार्ग से जुडी विभिन्न प्रकार की जानकारी को बडे ही विस्तार से जानेगे तो लेख को देखे 

मार्ग का पर्यायवाची शब्द या मार्ग का समानार्थी शब्द {marg ka paryayvachi shabd / marg ka samanarthi shabd}

शब्दपर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd)
मार्गरास्ता, राह, पगडंडी, पंथ, सड़क, गुज़रगाह, पथि, पद्धपथ, पन्थ, पदवी, एकपदी, अयन, वर्त्म, अध्वा, सृति, सरणि, वर्तन, संचरण: पद्या, सड़क, गली, राज-पथ,
मार्गraasta, raah, pagadandee, panth, sadak, guzaragaah, pathi, paddhapath, panth, padavee, ekapadee, ayan, vartm, adhva, srti, sarani, vartan, sancharan: padya, sadak, galee, raaj-path,
मार्गway, thoroughfare, door-way, communication, vestige, path, route, walkway, aisle, driveway, road, aisle, roadway, street

मार्ग ‌‌‌का अर्थ हिंदी में // route meaning in hindi

‌‌‌हिंदी भाषा में मार्ग उसे कहा जाता है जिसे मानव साधारण रूप में रास्ता कहता है । यानि वह स्थान जिसे सार्वजनीक रूप में छोडा जाता है और हर कोई वहां से आ जा सकता है मार्ग कहलाता है । संक्षिप्त में मार्ग शब्द के अर्थ की बात करे तो है –

  • रास्ता
  • पथ
  • भ्रमण करने के लिए भ्रमण पथ ।
  • एक स्थान से ‌‌‌दूसरे स्थान पर जाने के लिए उपयोग में आने वाला रास्ता ।
  • एक प्रकार की ‌‌‌सड़क जीसका उपयोग रास्ते के रूप में होता है ।
  • वाहनो के आने जाने की रोड ।

‌‌‌मार्ग शब्द का वाक्य में प्रयोग // use of the word route in a sentence

  • महेश अकेले ही मार्ग से जा रहा था और पिछे से एक वाहन वाले ने टकर दे दी ।
  • तेज धूप के कारण से कंचन को चक्कर आ गया और वह मार्ग पर ही गिर पडी ।
  • चौर चोरी कर कर भाग रहा था मगर आगे मार्ग पर पूलिस ने उसे पकड लिया ।

मार्ग के पर्यायवाची शब्दो का वाक्य में प्रयोग

  • ‌‌‌प्रिति कोरोना की वैक्सीन लगा कर अपने घर जाने लगी मगर बिच में रास्ते पर अचानक गिर गई क्योकी उसे चक्कर आ गए थे ।
  • महेश दिन और रात काम करता करता इतना अधिक थक जाता था की घर जाते समय बिच सड़क पर बैठ जाता था ।
  • प्रताब का गाव शहर से काफी अधिक दूरी पर होने के कारण से कई बार तो प्रताब रास्ते में ही ‌‌‌आराम करने के लिए बैठ जाता था ।

मार्ग से जुडे रोचक तथ्य // Interesting facts about the route in Hindi

  • मर्ग उसे का जाता है जो की एक स्थान से दूसरे स्थान को जोडता है और जिसे अनेक नामो से जाना जाता है जैसे सड़क, रास्ता आदी यही अनेक नाम मार्ग के पर्यावाची शब्द होते है ।
  • भारत में प्रत्यक सड़क की गणना करने के लिए उसे एक स्थान से दूसरे स्थान के रूप में देखा जाता है और इस मार्ग को एक राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में जोडा जाता है ।
  • ‌‌‌भारत देश में 77 राष्ट्रीय राजमार्ग की संख्या बताई जाती है ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की मार्ग तो पहले भी होते थे मगर पक्के न होने के कारण से उन पर आज के वाहन नही चल पाते थे जिसके कारण से सड़क की योजना शुरू हुई और सबसे पहली बातर सड़क निर्माण नागपुर योजना के रूप में हुई थी जो की अंग्रेजो के शासनकाल की बात है ।
  • ‌‌‌एक स्थान को दूसरे स्थान से जोडने वाले रास्ते को मार्ग कहा जाता है मगर यह मार्ग पक्का होता है यानि उस पर आज के वाहन चल सकते हे तो उसे रोड या सड़क कहा जाता है।
  • दिल्ली और अमृतसर को आपस मे जोडने वाले मार्ग को शेरशाह सूरी मार्ग के नाम से जाना जाता है ।
  • क्या आपको मालूम है की शेरशाह सूरी मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में प्रथम स्थान मिला है जिसके कारण से इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 1 कहा जाता है ।
  • NH47A भारत का सबसे छोटा राजमार्ग है ।
  • NH-2 मार्ग में ‌‌‌दिल्ली से लेकर कोलकाता का मार्ग सामिल किया गया है ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की भारत में जितने भी मार्ग है उनकी कुल दूरी कितनी है यानि राजमार्गो की कुल दूरी 4754000 किमी है ।
  • ‌‌‌भारत में कुल मार्ग मे से 4,885 किमी का मार्ग ऐसा है जहां पर पक्की सड़क बनी हुई है और वहा पर आयात व निर्यात चलता रहता है ।

‌‌‌मार्ग क्या होता है

‌‌‌प्राचीन समय से ही पृथ्वी के एक स्थान को दूसरे स्थान से जोडने के लिए एक विशेष प्रकार का ‌‌‌रास्ता होता था । जो ‌‌‌एक स्थान दूसरे स्थान को जोडता था । जैसे एक गाव को दूसरे गाव या एक शहर को दूसरे शहर से जोडने के लिए एक निश्चित ‌‌‌रास्ता हुआ करता था अगर उसी ‌‌‌रास्ता से होकर आगे बढा जाए तो आसानी से ‌‌‌दूसरे गाव में या दूसरे शहर में पहुंचा जा सकता है । और मानव का बिच में भटकने की संभावना कम हो जाती है ।

इस तरह के लंबे व कम दूरी के ‌‌‌रास्ते को मार्ग कहा जाता है । जिन्हे आज सड़क कहा जाता है जब वे पक्की नही थी यानि कच्ची थी तो प्राचीन समय के मार्ग हुआ करते थे । क्योकी वर्तमान में ‌‌‌विकाश होने के कारण से वही मार्ग पक्का बन गया है तो उसे सड़क कहा जाने लगा ।

मगर अभी भी वह मार्ग है जैसे NH-2 मार्ग का उदाहरण लेते है की यह दिल्ली से लेकर कोलकाता तक के स्थान को आपस में जोडता है तो इस NH-2 के रास्ते को ही NH-2 मार्ग कहा जाता है । इस तरह से मार्ग वह होता है जो एक स्थान को दूसरे ‌‌‌स्थान से जोडता है ।

‌‌‌मार्ग कितने प्रकार के होते है

एक स्थान को दूसरे स्थान से जोडने वाले सार्वजनीक रास्ते को मार्ग कहा जाता है और ‌‌‌इसके प्रकारो को दो रूपो में समझा जा सकता है ।

पहला रूप – देश के स्थतर पर मार्ग का विभाजन

दूसरा रूप – स्थिति के आधार पर मार्ग का विभाजन

1. देश के स्थतर पर मार्ग का विभाजन

इसमें ‌‌‌वह मार्ग सामिल किया जाएगा जो एक देश के दायरे में आते है और एक शहर को दूसरे शहर से और एक गाव को दूसरे गाव से जोडते है साथ ही एक राज्य को दूसरे राज्य से जोडते है ।

‌‌‌राष्ट्रीय राजमार्ग

इस श्रेणि के अंदर उन मार्गो को सामिल किया जाता है जो की राष्ट्र कें अंदर आते है यानि एक देश कें अंदर के कुल स्थान को आपस मे जोडने वाले रास्ते इस श्रेणी कें अंदर आते है । इस श्रेणी राज्य, जीला, गाव, बंदरगाह, खनन क्षेत्र, औद्योगिक आदी को आपस में जोडने वाले रास्तो को ‌‌‌इस श्रेणी कें अंदर सामिल किया जा सकता है ।

प्रांतीय राजमार्ग –

यह वह मार्ग होता है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में नही जाता है यानि एक राज्य के भितर के मार्ग इस श्रेणी में सामिल होते है । जो की एक राज्य से अपने ही राज्य के विभिन्न स्थानो को आपस मे जोड़ते है जैसे राज्य को राजधानी से, ‌‌‌राज्य को विभिन्न ‌‌‌जिलो से, ‌‌‌जिलो को राजधानी से, जीलो को गावो से, गावो को राज्यो से आदी मार्ग इस श्रेणी मे सामिल होते है ।

‌‌‌जिला मार्ग –

इस श्रेणी कें अंदर उन मार्ग को सामिल किया जाता है जो छोटे बडे गावो को जीले से जाडती है । इस तरह के मार्ग अधिकतर कच्चे होते है ।

‌‌‌ग्रामीण मार्ग –

इस श्रेणी कें अंदर उन मार्ग को सामिल किया जाता है जो किसी जिले को गावो से जोडती है या यह कह सकते है की गाव को जीले तक जोडती है । अधिकतर ऐसे मार्ग कच्चे होते है और वाहन बहुत ही कम चल पाते है ।

2. स्थिति के आधार पर मार्ग का विभाजन

‌‌‌मार्ग अभी कच्चा है या पक्का यानि इस तरह के मार्गो में सड़के होने पर वे पक्के मार्ग होते है और सड़के नही होने पर कच्चे मार्ग होते है । इसी आधार पर इस श्रेणी में मार्गो को रखा जा सकता है ।

‌‌‌पक्का मार्ग या सड़क

दोस्तो यह वह मार्ग होता है जो अभी सड़क के रूप में जाना जाता है । साथ ही इस मार्ग पर किसी भी प्रकार का भारी वाहन आ जा सकता है । यानि इस मार्ग का सर्वप्रथम उद्देश्य यातायात का ही होता है । ताकी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड सके ।

‌‌‌अध पक्का मार्ग

यह वह मार्ग होता है जहां पर सड़क बनने जा रही है और किसी कारण से वहां पर आधा ही काम हुआ है जिसके कारण से उस जगह पर न तो ज्यादा भारी वाहन जा सकता है और न ही वह रास्ता कच्चा रहता है। जिसके कारण से इसे अधपक्का मार्ग कह सकते है ।

कच्चा मार्ग या गली

कच्चा मार्ग अक्सर गावों मे ‌‌‌आज भी देखने को मिलता है । क्योकी यह वह मार्ग होता है जिसे गली के रूप में जाना जाता है यानि जहां न तो पक्का मार्ग हो और न ही अध पक्का बल्की रेल के साथ एकदम कच्ची जगह हो अगर इस मार्ग से किसी भी प्रकार का वाहन ‌‌‌गुजरेगा तो वह गुजर नही पाता है और बिच में ही फस जाता है । इस तरह के मार्ग को ‌‌‌कच्चे मार्ग कहा जाता है ।

‌‌‌ मार्ग को पक्का क्यों बनाया जाता है

दोस्तो जैसा की आप लोग आज देखते है की चारो और सड़क है और इस सड़क के कारण से मानव जीवन ‌‌‌को बडी सुविधा मिली है क्योकी वह कुछ ही समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ जा सकता है । इसका सबसे बडा कारण मार्ग का पक्का होना होता है । क्योकी पक्का मार्ग होने पर ‌‌‌वहां पर आज के वाहन बडी आराम से आ जा सकते है ।

जिसके कारण से कुछ ही समय में बहुत सी दूरी तय कर ली जाती है । इससे पहले क्या होता था की लोग एक स्थान से दूसरी जगह पर जाने के लिए इन ही मार्ग से दूरी तय करते थे मगर उस समय अपने पेरो का उपयोग करते थे । क्योकी उस समय किसी प्रकार के पक्के मार्ग न थे ‌‌‌और न ही उस समय आज की तरह वाहन होते थे ।

अब जैसे जैसे दूनिया में विकाश का जोर चढा इस तरह के मार्ग आसानी से पक्के बनते जा रहे थे क्योकी रोजाना छोटे वाहन गुजरने के कारण से मार्ग पक्के बनते जा रहे थे । मगर अभी भी मार्ग इतने पक्के नही थे की आज के वाहन उन पर चल सके ।

जब देश में विकाश हुआ और चारो ‌‌‌और ‌‌‌भारी वजन वाले वाहन आने लगे जो बहुत अधिक कार्य करने मे सक्षम है । तो इस सुविधा के चलते हुए इन ही मार्ग को पक्का बनाना पडा क्योकी ये वाहन कच्चे रास्तो में थोडी सी दूरी तय तक नही कर पाते है । यही कारण है की आज पक्के मार्ग चारो और देखने को मिल जाते है ।

‌‌‌प्राचीन समय में कैसे मार्ग थे

दोस्तो रास्ते को मार्ग कहा जाता है जो की एक स्थान से दूसरे स्थान में पहुंचने में मदद करता है । इस तरह के रास्ते प्राचीन समय में बहुत ही कच्चे थे और साधारण रूप में एक गली के रूप में थे क्योकी मानव एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए अपने पैरो का उपयोग ‌‌‌करता था । और पैरो को चलने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नही थी । इस कारण से रास्ते बहुत ही पतले हुआ करते थे ।

मगर समय के साथ साथ छोटे मोटे वाहनो का उपयोग होने लगा जैसे बैल । जिसके कारण से इन ही मार्ग को अधिक चोडे बनाना पडा । धिरे धिरे समय के साथ साथ और अधिक वाहनो की संख्या बडी और राजा महाराजा ‌‌‌अधिक से अधिक वाहनो का उपयोग करने लगे थे ।

मगर भी भी मार्ग कच्चे थे मगर ये वाहन बैल घोडे, और हाथी का वाहन, जैसे थे । जो आसानी से इन कच्चे रास्तो पर चल सकता है। जिसके कारण से पक्के रास्तो की जरूरत तक नही पडी । अत: इस तरह से कहा जा सकता है की प्राचीन समय में पक्के मार्ग न थे बल्की कच्चे मार्ग‌‌‌ हुआ करते थे ।

‌‌‌मार्ग का मानव जीवन में उपयोग

‌‌‌जैसा की अभी तक जाना की मार्ग एक रास्ते को कहते है जिसे सड़क के नाम से भी जाना जाता है । और इसका मानव जीवन में बहुत ही महत्व बनता जा रहा है ।क्योकी आज मानव अपने उपयोग के लिए इसका अधिक से अधिक उपयोग करता है । और आसानी से आपना कार्य कुछ ही समय में कर लेता है ।

‌‌‌कुछ इस तरह के कारणो के बारे में चर्चा करते जो मार्ग को उपयोगी बनाते है ।

‌‌‌आयात और निर्यात के लिए मार्ग का उपयोग –

दोस्तो जब किसी वस्तु को एक स्थान से खरीद कर दूसरे स्थान पर बेचा जाता है तो इसे आयात और निर्यात कहा जाता है । यानि किसी वस्तु की खरीद को आयात और किसी वस्तु को बेचने को निर्यात कहा जाता है। मगर यह एक दूरी पर आधारीत होता है। जैसे एक देश से दूसरे ‌‌‌देश के मध्य वस्तु का आयात निर्यात करना ।

जिसके लिए एक अच्छे पक्के मार्ग की जरूरत होती है ताकी आसानी से कम समय में अधिक मुनाफा किया जा ‌‌‌सके । जो की वर्तमान के मार्ग से आसानी से हो जाता है । इस कारण से मार्ग का होना बहुत ही जरूरी होता है ।

एक अन्य उदहाण

जैसे मान लो की कोई व्यक्ति जंगल ‌‌‌में भटक गया हो और उसे एक मार्ग दिखाई देता हो और चारो और कुछ नही है बल्की पेड़ पौधो से सब कुछ छिपा हुआ है । अगर वह व्यक्ति मार्ग से आगे बढता है तो जाहिर होगा वह किसी न किसी मंजील पर पहुंच जाता है और हो सकता है की वह जंगल से बहार नीकल जाता है ।

मगर इसके ही विपरीत ‌‌‌अगर वह मार्ग से नही जाता और जंगल में बिना मार्ग आगे बढता जाता है तो वह जंगल में और अधिक भटकता जाता है और वह उसी जंगल में फस कर रह जाता है । इस कारण से कहा जा सकता है की मार्ग का होना मनुष्य जीवन में बहुत ही महत्व रखता है । जिसे कुछ शब्दो में बताया नही जा सकता है ।

‌‌‌इस तरह से हमने मार्ग का पर्यायवाची शब्द या मार्ग का समानार्थी शब्दो के बारे में बडे ही विस्तार से जान लिया है ।

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