वैम्पायर इन रियल लाइफ जानकर आप हैरान रह जाएंगे

वैम्पायर इन रियल लाइफ vampire इन real life in hindi के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। जब रियल लाइफ वैम्पायर शब्द हमारे सामने आता है , तो इसका मतलब होता है , कुछ ऐसे इंसान जोकि रियल लाइफ के अंदर वैम्पायर की तरह व्यवहार करते हैं , उनको रियल लाइफ वैम्पायर के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। दोस्तों आपको पता ही है , कि इस दुनिया के अंदर अलग अलग तरह की चीजें होती हैं। कुछ रियल लाइफ वैम्पायर होते हैं , जोकि असल मे मरे हुए लोग नहीं आते हैं , वे जिंदा ही लोग होते हैं। लेकिन वे  वैम्पयार की तरह इंसानों और जानवरों का खून पीते हैं। तो आइए जानते हैं । रियल लाइफ वैम्पायर के बारे मे ।

जॉर्जिना कोंडन एक रियल लाइफ वैम्पायर है

आस्ट्रेलिया के अंदर रहने वाली जॉर्जिना कोंडन  एक रियल लाइफ वैम्पायर है। इसका मतलब यह है , कि वह इंसानों का खून पीना पसंद करती है। असल मे इस महिला को एक प्रकार की बीमारी है। जिसको  थैलेसीमिया  के नाम से जाना जाता है।इसके अलावा आपको बतादें कि वह सूर्य की रोशनी के अंदर जाना पसंद नहीं करती है। 20 साल से वह धूप के अंदर नहीं निकली है। और उसका एक ब्योयफ्रेंड भी है , जोकि उसके लिए खून का इंतजाम करता है। तो इस तरह की चीजें भी दुनिया मे होती हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं।

बेलफाजर हैं एक जिंदा वैम्पायर

दोस्तों आपको बतादें कि आस्ट्रेलिया के अंदर रहने वाले बेलफाजर  एक प्रकार से वैम्पायर हैं। उनका मानना  है , कि खाने पीने आदि किसी भी चीज से एनर्जी नहीं आती है। असल मे एनर्जी तो खून पीने से ही आती है। और वे खून पीना पसंद करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं है। वे पूरी तरह से वैम्पायर की तरह दिखना पसंद करते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने आगे के दो दांत भी बढ़ा लिए हैं , और उसके बाद वे काला कोट पहनना पसंद करते हैं। दिन मे अपने घर मे दुबके रहते हैं। उनको देखकर यही लगता है , कि वे एक रियल लाइफ वैम्पायर हैं।

इसके अलावा आपको यह जानकार हैरानी होगी कि इनके पास रियल डोनर भी मौजूद हैं , जोकि इनको अपना खून देते हैं। और बदले मे मोटा पैसा लेते हैं। कुल मिलाकर इनकी जो सारी जिदंगी है , वह एक तरह से रियल वैम्पायर की तरह ही है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

तुर्की मे रियल खूनी पिशाच का पता चला

दोस्तों यदि हम बात करें तुर्की की तो यहां पर एक इस तरह के इंसान के बारे मे पता चला है , जोकि रियल मे खून पीने का आदी था । डॉक्टरों ने यह बताया कि इस इंसान ने एक बार खुद को ब्लेड से काट लिया था । और उसके बाद इसकी खून की लत लग गई । और इस इंसान ने बताया कि वह जब खून नहीं मिलता है , तो खूद को ब्लेड से काट लेता है। और उसके बाद कप भरकर खुद का ही खून पीने लग जाता है। इस तरह से यह अपनी वासना को पूरा करता है।इसके अलावा इस इंसान ने खून पीने के लिए दूसरों पर भी हमला शूरू कर दिया । यह अपने पास एक चाकू रखता था । और उस चाकू की मदद से यह​ दूसरे इंसानों पर हमला कर देता था । ताकि उनका खून पी सके ।

हालांकि डॉक्टरों का कहना है , कि खून पीना सही नहीं होता है। जब आप किसी जिंदा या मरे हुए इंसान का खून पीते हैं , तो आपके अंदर कई तरह की बीमारियों के फैलने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए आपको खून पीने से बचना चाहिए । और यदि आपको इस तरह की किसी आदत है , तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।

जब मिला खून पीने वाले पिशाच का कंकाल

दोस्तों पिशाच के बारे मे जानकारी सिर्फ हमे ही नहीं है। प्राचीन काल के अंदर भी खून पीने वाले पिशाच के बारे मे जानकारी मौजूद थी । आपको बतादें कि उस समय कोई इंसान मर जाता था , तो उसके लिए कई तरह की खास क्रियाएं की जाती थी , ताकि वह इंसान पिशाच बनकर फिर से दुबारा नहीं आ सके ।इसी तरह से एक कंकाल ​वैज्ञानिकों को मिला है।

इस कंकाल के बारे मे यह कहा जा रहा है , कि यह कंकाल खून पीने वाले पिशाच का हो सकता है। क्योंकि इसके गले मे दरांती को लगाकर दफनाया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह कंकाल 17वीं सदी का है । और इस कंकाल के बारे मे यह कहा गया है , कि यह किसी महिला पिशाच का कंकाल हो सकता है। और अधिकतर लोग इस बात से सहमत भी हैं। हालांकि यह किसी का कंकाल है ? और किसका नहीं है ? इसके बारे मे कोई भी जानकारी नहीं है।आमतौर पर प्राचीन काल के अंदर यह मान्यता मौजूद थी , कि यदि किसी के फिर से उठने की शंका हो तो उसके गले के अंदर एक दंराती रखदी जाती थी । और उसके बाद यदि वह फिर से उठने की कोशिश करता था तो उसका गला कट जाता था ।

हालांकि यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता है , कि यह महिला पिशाच का ही कंकाल था । हालांकि लोगों की मान्यताएं मौजूद हैं। 17वीं सदी के एक कब्रिस्तान में एक मकबरे के नीचे से मिला है। और रिसर्च कर्ताओं के अनुसार यह भी हो सकता है , कि महिला को उसके दांतों की वजह से वैम्पायर समझ लिया गया हो और उसके गले के पास एक दंराती रखदी गई हो ।

स्मिथसोनियन मैगजीन के अनुसार 11वीं सदी में पूर्वी यूरोप के लोग पिशाचों से बड़ा खौफ खाते थे. उस समय के लोग अपने मृतक रिश्तेदारों की कब्रों में वैम्पायर को रोकने के लिए पम्पराओं का पालन करते थे । हालांकि समय समय पर इस तरह की चीजें कब्रों के अंदर मिलती रहती हैं , जिससे कि यह पता चलता है , कि लोग किस तरह की सोच वाले रहे होगे।

इसके अलावा भी और भी कई सारी घटनाएं । सामने आईं हैं। जिसके अंदर की रियल लाइफ के अंदर लोग वैम्पायर होते हैं। और वे असली वैम्पायर के जैसा ही व्यवहार करते हैं ।

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