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15+ यमुना के बेहतरीन पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट जो आपके लिए उपयोगी है

दोस्तो इस लेंख में हम यमुना का पर्यायवाची शब्द yamuna ka paryayvachi shabd या यमुना का समानार्थी शब्द yamuna ka samanarthi shabd के बारे मे जानेगे । इसके अलावा यमुना के इतिहास के बारे में जानेगे की यमुना का जन्म कैसे हुआ और इसके महत्वपूर्ण रोचक तथ्य कौनसे है । तो इस लेख को देखे ।

यमुना का पर्यायवाची शब्द या यमुना का समानार्थी शब्द {yamuna ka paryayvachi shabd / yamuna ka samanarthi shabd}

शब्द shabd}पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द { paryayvachi shabd / samanarthi shabd }
यमुनायमी, सूर्यपुत्री, सूर्यसुता, रवितनया, तरणिजा, सूर्यतनया, कालिन्दी, शमनस्वसा, कृष्णा, अर्कजा, तरणिजा, कालगंगा, जमुना, श्यामा, कलिंदशैलजा
Yamuna in hindiSuryaputri, Suryasuta, Ravitanaya, Taranija, Suryatanaya, Kalindi, Shamanaswasa, Krishna, Arkaja, Taranija, Kalganga, Jamuna, Shyama, Kalindasailja.
Yamuna in Englishsun daughter, daughter of sun, sister of yamraj, sister of shani. And – Suryasuta, Ravitanaya, Taranija, Suryatanaya, Kalindi, Shamanaswasa, Krishna, Arkaja, Taranija, Kalganga, Jamuna, Shyama, Kalindasailja.

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15+ यमुना के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट, List of 15+ synonyms of Yamuna

1.            यमी (Yami)

2.            सूर्यपुत्री (Suryaputri)

3.            सूर्यसुता (Suryasuta)

4.            रवितनया (Ravitanya)

5.            तरणिजा (Taranija)

6.            सूर्यतनया (Suryatanaya)

7.            कालिन्दी (Kalindi)

8.            शमनस्वसा (Shamanasvasa)

9.            कृष्णा (Krishna)

10.          अर्कजा (Arkaja)

11.          तरणिजा (Taranija, repeated)

12.          कालगंगा (Kalaganga)

13.          जमुना (Yamuna)

14.          श्यामा (Shyama)

15.          कलिंदशैलजा (Kalindashailaja)

यमुना का हिंदी में अर्थ // Meaning of Yamuna in Hindi

‌‌‌यमुना को हिंदी भाषा में दो रूपो में जाना जाता है । जिनमें से एक नदी का रूप बताया जाता है तो वही एक रूप सूर्य की पुत्री के रूप में बताया जाता है । जो की यमराज की बहन होती है । इस कारण से यमुना के अनेक अर्थ है जैसे –

  1. भारत की एक नदी जिसे यमुना कहा जाता है ।
  • गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है ।
  • ‌‌‌वह नदी जो यमुनोत्री नामक स्थान से निकलती है ।

‌‌‌इसके अलावा यमी रूप में भी यमुना को बताया जाता है जैसे –

  1. भगवान सूर्य देव की पूत्री जिसे यमुना या यमी कहा जाता है  ।
  • सूर्य पुत्र यम अथवा यमराज की बहन यमी ।
  • माता संज्ञा की पूत्री ।

‌‌‌इस तरह से यमुना शब्द के दो रूपो में अर्थ होते है जो की एक नदी का होता है तो दूसरा एक कन्या के रूप में होता है।

यमुना शब्द के वाक्य में प्रयोग, Use of the word Yamuna in a sentence

  • कलाश में अध्यापक ने राहुल से पूछा की बताओ गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी कौनसी है तब राहुल को उत्तर नही आया तो रिया ने कहा की वह यमुना नदी है ।
  • ‌‌‌निलम नें अपने ‌‌‌अध्यापक से पूछा की सर यमुना नदी किस जगह पर है तो सर ने उत्तर दिया की वह हमारे देश भारत मे है ।

पार्वती के साथ साथ बालक गणेश भी यमुना के दर्शन करना चाहता था जिसके कारण से वह अपनी माता से जीद कर कर उनके साथ यमुना चला गया ।

  • गाव के लोग बाते करते हुए कह रहे थे की गाव में रामलाल जैसा ‌‌‌आदमी नही है वह दिन उगते ही यमुना नदी के तट पर चला जाता है और स्नान कर कर वापस आता है ।
  • जब रामलाल से गाव के लोग यमुना के उद्गम स्थल के बारे में पूछा तो रामलाल ने कहा की यमुना यमुनोत्री नामक स्थान से नकलती है ।

‌‌‌यमुना के बारे में रोचक तथ्य // interesting facts about yamuna river in hindi

  1. ‌‌‌यमुना नदी को कृष्णा के नाम से भी जाना जाता है क्योकी यमुना नदी जीस स्थान पर है उसी के निकट भगवान कृष्ण का व्रन्दावन भी वही है । इसके अलावा जन्म के समय भी वे यमुना नदी से होकर गए थे । ‌‌‌और जब यमुना नदी में कृष्ण जी प्रवेश कर रहे थे तो यमुना में बडी बाड की स्थिति बन रही थी मगर जैसे ही यमुना ने कृष्ण जी के पेरो को छूआ तो नदी एकदम शांत हो गई । यही कारण है की यमुना को कृष्णा के नाम से जाना जाता है  ।
  • ‌‌‌गंगा नदी की अनेक साहयक नदी है मगर सबसे बडी साहयक नदी की बात करे तो यमुना का नाम आता है यानि यमुना गंगा नदी की सबसे बडी साहयक नदी है ।
  • ‌‌‌दुनिया में अनेक प्रसिद्ध इमारत है मगर अभी तक 7 अजुबे बताए जाते है जिनमें से एक ताजमहल भी है और यह ताजमहल ‌‌‌कही ओर नही बल्की यमुना नदी के किनारे पर स्थित है ।
  • गंगा नदी की तरह यमुना को भी एक पवित्र नदी माना जाता है जो की अनेक हिंदू ग्रंथो मे वर्णित है ।
  • भारत में अनेक तरह की ‌‌‌नदी ऐसी है जो की अपनी ‌‌‌लंबी दूरी के कारण से बहुत अधिक प्रसिद्ध भी है और उन्ही नदियों में से एक नदी यमुना है क्योकी यह भी भारत की सबसे लंबी नदियों मे गिनी जाती है ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की यमुना नदी के पानी में आलू और चावलो को आसानी से उबाला जा सकता है क्योकी यमूना नदी का पानी लगभग 80 डिग्री सेल्सियस ‌‌‌के पार रहता है । मगर यह पानी यमुना नदी के हर स्थान में नही है बल्की यमुनोत्री में एक कुंड है जिसे सूर्य कुंड कहा जाता है  ।
  • सूर्य कुंड में पानी गर्म होने का अर्थ सूर्य ‌‌‌देव के ताप का कारण बताया जाता है क्योकी उनकी पूत्री यमी भी इस पानी को ग्रहण कर सकती है ।
  • हिमालय में स्थित कालिंद पर्वत के ‌‌‌कारण से ही यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी के नाम से जाना जाता है । इस पर्वत से निकलने के बाद में नदी अनेक पहाडो से निकलती है ।
  • यमुना के हिमालय से निकलने के बाद में दून की घाटी नामक स्थान आता है उससे होकर यमूना आगे की और निकलती है ।
  1. आपको जान कर हैरानी होगी की यमुना को कृष्ण जी की पत्नी ‌‌‌माना जाता है ।
  2. आपको जान कर हैरानी जरूर होगी पर सत्य है की यमुना को ब्रजवासियों की माता बताया जाता है क्योकी ब्रजवासियों का जनक कृष्ण को कहा गया है तो वही जननी यमुना को कहा गया है । जो की सूर्य की पुत्री या नदी है  ।

‌‌‌यमुना का जन्म कैसे हुआ, यमुना नदी की उत्पत्ति || How Yamuna was born, Origin of Yamuna River

‌‌‌प्रौराणिक कथाओ के अनुसार, यमुना को यमी के नाम से भी जाना जाता है जो की सूर्य देव की बेटी और माता संज्ञा देवी की पुत्री है । इसके अलावा सूर्य की एक पत्नी और थी जिसका नाम माता छाया था । छाया सूर्य के तेज को सहन नही कर सकती थी जिसके कारण से सूर्य से छाया दूर चली गई ।

इसके अलावा सूर्य की पत्नी श्यामल भी थी और इसका असर यमी और यमराज पर हुआ क्योकी इनाका जन्म श्याम वर्ण में हुआ । इसी तरह से संज्ञा जो की सूर्यदेव की पत्नी थी वह उत्तरी ध्रुव प्रदेश मे छाया के रूप मे रहती थी क्योकी वह सूर्य देव के तेज को सहन नही कर पा रही थी ।

इस तरह से संज्ञा के ‌‌‌गर्भ से तो शनिदेव का जन्म हुआ था और छाया से यम और यमी का जन्म हुआ । मगर यह सभी अपने पिता सूर्य देव के पास ही रहते थे । जिसके कारण से यम और यमी व शनिदेव का आपस में व्यवाहर सही नही रहता था ।

जिससे यम सूर्यदेव के पास से चले गए और अपनी एक नगरी बना दी जिसे यमपुरी के नाम से जाना गया । अपने भाई ‌‌‌यम को देख कर यमी भी गोलोक मे चली गई । और गौलोक में यह यमुना नदी के रूप मे रहने लगी थी । यही कारण है की बताया जाता है की जब कृष्ण का जन्म हुआ तो यमुना भी वही थी जो की एक नदी का रूप धारण कर चुकी है। और यही कारण है की यमुना नदी के एक स्थान पर सूर्यकुंड पाया जाता है ।

‌‌‌ब्रजधाम मे यमुना नदी, Yamuna river in Brajdham

यमुना नदी को ब्रजवासी अपनी जननी के रूप मे देखते है क्योकी श्री कृष्ण को उनका जनक कहा जाता है और श्री कृष्ण की पत्नी के रूप मे ही यमुना है जिसके कारण से ही यमुना को जननी बताया जाता है । यही कारण है की कृष्ण की तरह यमुना की भी पूजा की जाती है ।

ब्रजधाम के लोग यमुना नदी ‌‌‌को अपनी मां के रूप में दखते हुए बडी धूम धाम से पूजा की जाती है । यहां के लोग यमूना को चूनरी भी उढाते है जिसके लिए बहुत ही चुनरीयों को एक साथ जोड कर यमुना नदी पर उढाया जाता है ।

यमुना तट पर अनेक दियो को जलाना भी एक तरह की यमुना की पूजा है और इस पानी को इतना अधिक पवित्र मानते है की स्वयं ‌‌‌भगवान कृष्ण को यमुना नदी के पानी से ही नहलाने का काम करते है ।वृन्दावन के केशी घाट पर माता यमुना यानि यमुना नदी की बडी धूम धाम से पूजा आरती की जाती है ।

‌‌‌यमुना ने किया भगवान कृष्ण से विवाह, Yamuna married Lord Krishna

यमुना नदी भगवान सूर्य देव की पूत्री है जिसके कारण से उसमे तेज भी समया हुआ है । मगर जब यमुना नदी के रूप मे धरती पर आ गई और एक दिन वहां पर भगवान कृष्ण आए थे और उस दिन उन दोनो का विवाह हुआ था ।

‌‌‌इस तरह से हुआ यमुना और कृष्ण का विवाह

प्रौराणिक कथा के अनुसार, बताया जाता है की एक बार ‌‌‌अर्जुन कृष्ण के साथ जंगल की और चले जा रहे थे । भगवान कृष्ण अर्जुन के साथ बाते करते हुए जंगल की खूबसुरती का आनन्द ले रहे थे । इसी तरह से काफी समय तक जंगल मे टहलने के कारण से भगवान कृष्ण और अर्जुन थक गए और एक पेड के निचे बैठ कर आराम करने लगे थे ।

कुछ समय बित जाने के बाद में अर्जुन ने देखा की ‌‌‌कृष्ण जी तो ध्यान करने के लिए बैठ गए है । यह देख कर अर्जुन ने कृष्ण जी को ध्यान से जगाना उचित नही समझा और अकेला ही टहलते हुए नदी तट जा पहुचा । वह नदी तट यमुना का था मगर अर्जुन ने उस नदी मे यमुना को देख लिया था जिसके कारण से अर्जुन ने कहा की देवी आप कोन हो और यहां क्या कर रही हो ।

तब ‌‌‌यमुना ने कहा की मेरा नाम यमुना है और मैं भगवान सूर्य की पूत्री हूं । यह सुन कर अर्जुन ने कहा की तो आप यहां क्या कर रही हो । तब यमुना ने कहा की मैं नदी के रूप में रहती हूं और यहां पर भगवान कृष्ण को पाने के लिए आई हूं उनसे विवाह करना चाहती हूं ।

इतना सुन कर अर्जुन ने कुछ नही कहा और कुछ समय के ‌‌‌बाद में वापस कृष्ण के पास जा पहुंचे । अब कृष्ण जी ध्यान से जाग गए थे तो अर्जुने ने कृष्णजी को इस बारे मे बताया । यह जान कर कृष्ण यमुना के पास चले गए और उनसे बाते करते हुए ‌‌‌सूर्यदेव के सामने ही यमुना से कृष्ण जी ने विवाह कर लिया था । इस तरह से कृष्ण और यमूना का विवाह हुआ था । और यही ‌‌‌कारण है की यमुना को जननी और कृष्ण को जनक कहा जाता है ।

‌‌‌यमुना नदी का उद्गम // origin of yamuna river in hindi

यमुना नदी का उद्गम जिस स्थान से होता है उसे यमुनोत्री के नाम से जाना जाता है । जो की इसका जल हिमालय के कालिंद पर्वत से होकर आगे बढता है । इसी कारण से यमुना नदी को एक अन्य नाम से जाना जाता है जो की कालिंद पर्वत पर ही कालिंदी है ।

इसके आगे की और बढने के बाद में कई तरह के ‌‌‌पर्वत आते है जिससे होकर यमुना नदी आगे की और बढती जाती है । जब यमुना हिमालय को छोड देती है तो एक अन्य स्थान पर पहुंचती है जिसे दून की घाटी कहा जाता है । इस घाटी के बाद में नदी कई किलोमिटर तक दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है । इसके बाद में यमुना फैजाबाद के एक मैदान मे आती है । इस तरह से यमुना का उद्गम यमुनोत्री से होता है ।

‌‌‌यम ने दिया अपनी बहन यमुना को यह वरदान {यम द्वितीया}, Yama gave this boon to his sister Yamuna {Yama Dwitiya}

‌‌‌एक दिन की बात है यमराज यम द्वितीया जिसे भाईदूज भी कहा जाता है उस दिन अपनी बहन यमुना के घर गए थे । अपने भाई को आते देख कर यमुना बहुत ही खुश हुई और उनके आने की खुशी में यमुना ने तरह तरह के पकवान बनाए थे ।

जिसका सेवन करने के कारण से यमराज बडे ही खुश हो गए और बहन के प्रेम को देख देख कर बहुत ‌‌‌प्रशन्न हुए । अंत में जब यमराज वापस अपनी नगरी जाने लगे तो उन्होने अपनी बहन यमी या यमुना को कहा की बहन मैं तुम्हारे इस प्रेम में बहुत खुश हुआ हूं मागो तुम्हे क्या चाहिए ।

अपने भाई के ऐसा कहने पर यमुना ने कहा की आज के दिन जो भी कोई व्रत करेगा और यमुना नदी मे स्नान करेगा उसकी आयु लंबी हो ‌‌‌जाएगी । अपनी बहन के ऐसा कहने पर यम ने कहा की निश्चित ऐसा ही होगा मैं तुम्हे वरदान देता हूं की जो भी इस दिन यमुना नदी मे स्नान करेगा उसके ‌‌‌प्राणों के संकट दूर हो जाएगे ।

यानि उसे अपने प्राणो की ‌‌‌फिक्र नही रहेगी और उसकी आयु लंबी हो जाएगी । इस तरह से कहने के बाद में यम वहां से चले गए । मगर अपने इस ‌‌‌वरदान के कारण से आज भी जो कोई यम द्वितीयाके दिन अपने भाई के लिए व्रत करता है और पानी मे स्नान करता है तो उसके व उसके भाई के प्राणो के संकट दूर हो जाते है ।

क्या यमुना मानव के लिए उपयोगी है, Is Yamuna useful for humans

जी हां, यमुना जो होती है वह असल में मानव के लिए उपयोगी है । क्योकी पहले तो इसे एक नदी के रूप में जाना जाता है जो की देखने पर ही पता चलता है । क्योकी नदी के अंदर पानी की अधिकतम मात्रा होती है और पानी का उपयोग कई तरह से होता है जो की मानव भी अपने जीवन में करता है । तो इसका मतलब हुआ की यमुना नदी मानव के लिए उपयोगी है ।

वही पर दूसरे रूप में यमुना को माता माना जाता है और एक देवी के रूप में जाना जाता है तो यह भी एक तरीका हो सकता है जब कहा जा सकता है की यमुना मानव के लिए उपयोगी है ।

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