salam kis bhasha ka shabd hai सलाम किस भाषा का शब्द है

salam kis bhasha ka shabd hai सलाम किस भाषा का शब्द है सलाम एक अरबी भाषा का शब्द होता है।दुआ सलाम अक्सर मुस्लमान यूज करते हैं। सलाम साब । हालांकि यह शब्द किसी का अभिवादन करने के लिए भी यूज किया जाता है। जिस तरह से हम लोग नमस्कार करते हैं अरबी के अंदर सलाम कहा जाता है।

salam kis bhasha ka shabd hai सलाम किस भाषा का शब्द है

‌‌‌सलाम जब हम किसी से करते हैं तो हम उसको नमस्कार कर रहे होते हैं। जैसे कि आप नमस्कार करते हैं तो नमस्कार या तो बड़े लोगों से किया जाता है या फिर अपने से छोटे लोगों से भी किया जा सकता है। नमस्कार को ही सलाम कहते हैं।

‌‌‌हालांकि सलाम को अलग अलग तरीके से हर जगहों पर बोला जाता है। जिसके बारे मे हम आपको यहां पर बताने वाले हैं। मतलब यह है कि अभिवादन के अलग अलग वर्ड बोलते हैं।

‌‌‌राम राम सा

salam kis bhasha ka shabd hai सलाम किस भाषा का शब्द है

दोस्तों राम राम सा भी एक अभिवादन का ही वर्ड होता है।इस वर्ड का प्रयोग प्रभु राम को मानने वाले करते हैं और यही वर्ड अभिवादन के तौर पर किया जाता है। यह एक तरह से सलाम के वर्ड के तौर पर ही होता है।

‌‌‌जय माता दी

दोस्तों जय माता दी भी कुछ लोग अभिवादन के तौर पर करते हैं। यह वर्ड वे तब बोलते हैं जब वे किसी से मिलते हैं। हालांकि यह एक ही तरह की कल्चर वाले लोगों के अंदर सबसे अधिक प्रचलित होते हैं। भारत के अंदर ठाकुरों मे यह वर्ड अधिक प्रचलित हैं।

अस्सलामु अलैकुम

अस्सलामु अलैकुम भी एक अरबी भाषा का शब्द होता है जिसका मतलब होता है ।खुद तुम्हें शलामत रखे या खुद की वजह से तुम सलामत रहो । लाम मुस्लिमों के बीच एक धार्मिक अभिवादन है  जब ग्रीटिंग, हालांकि इसका उपयोग अन्य धर्मों के अरबी बोलने वालों द्वारा भी किया जाता है।

class="wp-block-heading">‌‌‌नमस्कार

दोस्तों नमस्कार भी एक अभिवादन ही तो है।नमस्कार का मतलब होता है अभिवादन करना । नमस्कार अभिवादन का आम वर्ड होता है। अक्सर स्टूडेंट टीचर को नमस्कार करते हुए देखे जा सकते हैं।

‌‌‌सलाम करना कितने फायदेमंद है ?

दोस्तों सलाम करना या अभिवादन करना अलग अलग संस्कृतियों के अंदर की पम्परा रही है। भले ही हर संस्कृति के अंदर इसके वर्ड कुछ अलग अलग हो लेकिन यह होता जरूर है। अब आपके मन मे यह सवाल आ सकता है कि अभिवादन क्यों जरूरी होता है।

‌‌‌सलाम या अभिवादन एक तरह से कद्र होती है। या पूछ होती है। जब आप किसी का अभिवादन कर रहे होते हैं तो आप एक तरह से आप उसे मिल रहे होते हैं। अभिवादन एक तरह से मिलन हम कह सकते हैं।

‌‌‌जैसे कि आपको कोई मिलता है और आप उसका बिना अभिवादन करे ही निकल जाते हैं तो उसे बहुत ही बुरा लग सकता है। जब आप अभिवादन कर लेते हैं तो अगले की नजरों मे भी आपके प्रति ईज्जत बढ़ जाती है। इस तरह से अभिवादन एक तरह से मिलन को प्रकट करता है।

‌‌‌अलग अलग संस्कृतियों मे अभिवादन वर्ड अलग क्यों हैं ?

दोस्तों अभिवादन वर्ड लोग बनाते हैं। जैसे कि आपको भगवान राम सबसे अधिक प्रिय हैं तो आप दूसरे अपने जैसे इंसान को राम राम ही कहना अधिक पसंद करेंगे। इसी तरीके से मुस्लमानों को मालिककम सलाम कहना अधिक पसंद है। ‌‌‌इस तरह से लोग अपने कल्चर के अनुसार वर्ड बना लेते हैं।आप भी दुआ सलाम के लिए कोई वर्ड चुन सकते हैं। लेकिन यह दूसरे लोगों को भी प्रिय होना चाहिए । वरना आपके वर्ड चुनने का कोई फयदा नहीं होगा ।

‌‌‌किन को सलाम करना उचित नहीं होता है ?

दोस्तों सलाम उन लोगों को करना अधिक बेस्ट होता है जोकि आपके दोस्त हैं या आपके बराबर के हैं। बच्चों को आपको सलाम नहीं करना चाहिए । यह एक तरह से अनुचित तो नहीं होता है लेकिन अजीब लग सकता है। लेकिन यदि आपसे छोटे लोग खुद आपको सलाम करते हैं तो फिर आपको ‌‌‌ भी सलाम करना चाहिए ।

‌‌‌अभिवादन के रूप मे मुंह चुमना कहा तक उचित है ?

कुछ संस्कृतियों मे अभिवादन के रूप मे एक दुसरे को किस्स किया जाता है। एक तरह से यह अजीब लग सकता है। लेकिन बस प्रथाएं होती हैं। उनके लॉजिक कई बार नहीं होते हैं या फिर यह किसी एक इंसान की चलाई होती हैं। सारे उसके उपर चलते हैं बस ।

‌‌‌सलाम करने से धारणाएं भी बनती हैं

दोस्तों सलाम से धारणाएं भी बनती हैं। जैसे कि आप किसी के सामने से गुजर रहे हैं और बिना दुआ सलाम किये ही निकल गए और अगले ने आपको देख लिया तो उसके बाद वह आपको बारे मे यह धारणा विकसित करेगा कि ‌‌‌आप एक अच्छे आदमी नहीं है।इसके अलावा यदि आप हर इंसान को मिलते ही सलाम करदेते हैं तो एक तरह से आपको अधिक एक्टीव समझा जाएगा और आपको काफी अच्छा भी बताया जा सकता है।

‌‌‌सही मायेने मे सलाम करना चाहिए या नहीं ?

हां सलाम करना चाहिए ।क्योंकि यह आपकी कल्चर को रिप्रजेंट करता ही है। इसके अलावा सलाम करने से आपके अंदर के संस्कार झलकते हैं। जिससे कि आसानी से यह पता  चल जाता है कि आप किस तरह के इंसान हैं। और जो इंसान सलाम नहीं करते हैं उनके बारे मे सही सही ‌‌‌ किसी को यह पता ही नहीं चल पाता है कि आप किस तरह के इंसान हैं ?

‌‌‌सलाम करना क्या अपनी संस्कृति को जीवित रखने मे फायदेमंद होता है ?

दोस्तों यदि आपकी संस्कृति धीरे धीरे समाप्त होती जाएगी तो आपकी यूनिक सोच समाप्त हो जाएगी और दूसरी संस्कृति आपके उपर अपना प्रभाव जमा लेगी । और उसके बाद संगठन समाप्त होते चले जाएंगें। और एक देश धीरे धीरे गुलामी की ओर चला ‌‌‌ जाता है। जब एक देश के अंदर रहने वाले लोग अपने संस्कृति को छोड़कर विदेशी संस्कृति को पसंद करने लग जाते हैं तो उसके बाद धीरे धीरे लोगों की मानसिकता अलग प्रकार की हो जाती है और वे गुलाम बन जाते हैं।

‌‌‌इसलिए दुआ सलाम भी आपको यह एहसास दिलाता है कि आप कौन है ? और आपको क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए ।

salam kis bhasha ka shabd hai सलाम किस भाषा का शब्द है। लेख आपको पसंद आया होगा यदि आपको पसंद आया तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं । हम आपकी मदद करेंगे ।

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