सरल का विलोम शब्द saral ka vilom shabd

‌‌‌सरल का विलोम शब्द बताएं, ‌‌‌सरल शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, ‌‌‌सरल का उल्टा , saral ka vilom shabd

शब्द (word) विलोम (vilom)
‌‌‌सरल‌‌‌कठिन  
saralkathin
easy   Difficult      

‌‌‌सरल का विलोम शब्द और अर्थ saral ka vilom shabd

सरल का नाम आते ही हमारे दिमाग के अंदर आता है। जो बहुत ही आसान है वही सरल है। जिसको करने के लिए कम से कम मेहनत करनी पड़े वही सरल होता है। जीवन के अंदर कुछ कार्य ऐसे होते हैं जोकि हमे काफी सरल लग सकते हैं। जैसे की  अपने पसंद का खाना खाना हर किसी के लिए सरल कार्य ‌‌‌होता है।

‌‌‌सरल का विलोम शब्द बताएं,

‌‌‌इसी प्रकार से यदि आप अपनी पसंद का कोई कार्य कर रहे हैं तो यह आपके लिए काफी सरल कार्य होता है।यही वजह है कि एक ही कार्य दो अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग तरह का हो सकता है। जैसे आपके लिए पढ़ना एक सरल कार्य है तो ‌‌‌किसी दूसरे के लिए पढ़ना एक कठिन कार्य हो सकता है।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि हर इंसान अपने जीवन के अंदर सब कुछ सरल सरल चाहता है।हर कोई चाहता है कि उसे किसी भी तरह की मेहनत ना करनी पड़े और बस यूं ही सब कुछ मिल जाए ।

‌‌‌आज आपने भारत के अंदर सरकारी नौकरी का क्रेज देखा होगा ।क्या आप जानते हैं कि लोग सरकारी नौकरी क्यों पसंद करते हैं ?इसका कारण भी सरलता है। सरकारी नौकरी यदि आप एक बार लग जाते हैं तो फिर आपका पूरा भविष्य साफ सुथरा हो जाता है।‌‌‌फिर आपको किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है कल आप कहां से पैसा लाएंगे।  पीछले कुछ सालों के अंदर भारत का एक बड़ा युवा नौकरी करने मे रूचि अधिक लेता जा रहा है। जबकि सरकारी नौकरी के लिए इतने पद नहीं निकल पाते हैं।

‌‌‌कठिन का अर्थ

सरल का उल्टा कठिन होता है।जो करने मे आसान ना हो वह कठिन है। वैसे सरल और कठिन मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। आपके लिए वो कार्य सबसे अधिक कठिन होता है जिसको करने मे आपको सबसे अधिक परेशानी महसूस होती है। जैसे कि आपको उंचाई पर चढ़ने से बहुत डर लगता है तो यह आपके लिए ‌‌‌एक कठिन कार्य हो सकता है।जो कठिन कार्य होता है। उसे कम से कम लोग करना चाहते हैं । इसका कारण यह है कि हर किसी को इस प्रकार का कार्य करने पर परेशानी होती है। तो आप देखेंगे कि जोखिम भरे कार्यों के अंदर आपको कम से कम कम्पीटिशन देखने को मिलेगा ।

‌‌‌सरल कार्य कहानी

‌‌‌एक गांव के अंदर भोलू और घोलू दो भाई रहते थे । दोनो काफी भोले थे ।और दोने पढ़ लिखे भी नहीं थे । उनके पिता एक सरकारी नौकरी करते थे । पिता काफी पैसा कमाते थे । और उसी पैशे से वे दोनों ऐश करते थे ।पिता के अच्छे वेतन से वे ‌‌‌अपने लिए सुंदर कपड़े और मोबाइल ले आते थे । उनके पिता मानसिंह को काफी चिंता थी कि बेटे बड़े हो चुके हैं और कोई काम धंधा करते नहीं हैं। इस महंगाई के अंदर कैसे चलेगा । और घोलू और भोलू के 3 बहिने भी थी ।

‌‌‌जिनकी शादी पहले ही करदी गई थी।अब गोलू और भोलू के लिए भी मानसिंह लड़की देख रहे थे । क्योंकि उनको कई लोगों ने कहा कि बहू आ जाएगी तो बेटे काम करने के लिए चले जाएंगे । क्योंकि फिर इनके दिमाग पर प्रेसर रहेगा पैसा चाहिए होगा ।

‌‌‌फिर क्या था किसी तरह से लड़की मिली और दोनों की सगाई करदी गई ।और सगाई के कुछ ही दिन बाद घोलू और भोलू की शादी कर दी गई घर के अंदर बहु आ गई । मानसिंह को अब लग रहा था कि सब ठीक हो जाएगा ।लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ । ‌‌‌जब घोलू और भोलू कुछ दिन काम पर जाते और कुछ दिन ऐसे ही घर पर रहकर बीता देते । इसी प्रकार से समय बीत गया और शादी को 2 साल हो गए । बच्चे भी नहीं हुए । थक हारकर मानसिंह ने अपने दोनों बेटों को बुलाया और कहा ……बेटा मैं जो तुम्हारे लिए कर सकता था उसे किया । लेकिन अब तुमको कमाना चाहिए और ‌‌‌ घर चलाना चाहिए।

……..क्या बापू आप भी मजाक करते हैं।अभी आपके पैसे आ रहे हैं और हम बस मजे मे हैं। जब पैसे आना बंद हो जाएंगे तो फिर कमा लेंगे । घोलू ने कहा था।

……..हां बापू ठीक है कभी कभी काम पर जाते हैं। धूप मे काम होता नहीं है। सब ठीक हो जाएगा । अब भोलू बोला था।

‌‌‌अब मानसिंह को भी समझ आ चुका था कि यह दोनों भाई सरल से सरल जीवन चाहते हैं जिसके अंदर इनको कुछ ना करना पड़े। उसके बाद मानसिंह ने कुछ नहीं कहा । कुछ दिन बाद मानसिंह की तबीयत बिगड़ गई और फिर  ‌‌‌उनकी मौत हो गई।बेटों ने मानसिंह की मौत के बाद बहुत विलाप किया क्योंकि उनके लिए पैसा देने वाला अब मर गया था। और बाप के पैसे से ही उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया । इसी तरह से रोने धोने मे 12 दिन बीत गए ।

‌‌‌उसके बाद खाना पानी घर के अंदर खत्म होने लगा तो घोलू की पत्नी ने कहा ………..आज घर मे कुछ नहीं है।जाओ और पड़ोसी से उधार लेकर आ जाओ । घोलू गया और पड़ोसी से उधार लेकर  आया । रोटी बनाई और खाकर सो गए । इसी प्रकार से पड़ोसियों से उधार लेते हुए 3 दिन गुजार दिये । लेकिन उसके बाद पड़ोसियों ने ‌‌‌ भी उधार देना बंद कर दिया ।उसके बाद भोलू की पत्नी और धोलू की पत्नी दोनों ने अपने पतियों से कहा ……….देखों हमारे पास खाने को नहीं है। यदि तुम हमे खाने के लिए नहीं दे सकते हैं तो हम दोनों यह घर छोड़कर चली जाएंगी ।

……..नहीं हम कुछ इंतजाम करते हैं । दोनों भाई एक साथ बोले । और उसी दिन ‌‌‌कहीं पर काम का पता लगाने के लिए निकल पड़े ।उनको एक इंट बनाने का कार्य मिल गया । दोनों भाइयों ने आधे दिन मेहनत की तो 300 रूपये मिल गए । और शाम को घर आकर उनका सामान लेकर आए ।

‌‌‌घोलू और भोलू का काम करने से पूरा शरीर दर्द कर रहा था।आज उनसे जीतोड़ काम करवाया गया था। काफी दर्द मे थे दोनों और बहुत दुखी भी नजर आ रहे थे । दोनों ने थोड़ा बहुत खाना खाया और सो गए ।

‌‌‌सुबह उठे तो पूरा बदन दुख रहा था।लेकिन आज रूक नहीं सकते थे । वरना यह काम हाथ से निकल जाता । आज उनको समझ मे आ चुका था कि यदि वे अपने बाप की बात मानकर चलते तो यह दशा नहीं होती । ‌‌‌अब समझ मे आया की हीरे की कीमत तराशने से ही बढ़ती है। जबतक इंसान कठिन कार्य नहीं करता है। तब तक उसकी कोई वैल्यू नहीं है।

‌‌‌जो कठिन मंजिलों को पा लेता है । उसके लिए सरल मंजिल को पाना बहुत आसान हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *