सुरेंद्र नाम की राशि और सुरेंद्र का अर्थ व मतलब

‌‌‌इस लेख मे हम  सुरेंद्र नाम की राशि ,surendra naam ki rashi  और स्वाभाव ,कैरियर ,शुभ अशुभ के बारे मे विस्तार से जानेंगें ,सुरेंद्र अक्सर लड़कों का नाम होता है।यदि आप अपने लड़के का यह नाम रखते हैं तो यह काफी अच्छा नाम होता है। सुरेंद्र नाम के लोग काफी होशियार होते हैं। यदि आप किसी का नाम सुरेंद्र रखते हैं तो आपको ‌‌‌इस नाम के बारे मे काफी चीजों का पता आपको होना चाहिए । जैसे कि इस नाम का मतलब क्या है और सुरेंद्र की राशी कौनसी होती है ? आदि के बारे मे अच्छे से पड़ने के बाद ही आपको नाम रखना चाहिए । ‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों का शुभ अंक 8 होता है।यह काफी बुद्धिमान होते हैं। और इनके अंदर बेहतर निर्णय क्षमता होती है।

सुरेंद्र नाम की राशि

सुरेंद्र नाम की राशि surendra naam ki rashi

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों की राशी कुंभ होती है।और इनका स्वामी शनिदेव होते हैं।इस नाम के लोग काफी अक्लमंद होते हैं और उर्जा से भरपूर भी होते हैं।यह मेष राशी के लोगों को काफी पसंद करते हैं। हालांकि दिमागी तौर पर यह काफी मजबूत होते हैं।

नामसुरेंद्र
‌‌‌अर्थस्वर्णकार, सुनार
‌‌‌लिंग‌‌‌लड़की
‌‌‌धर्महिंदु
‌‌‌शुभ अंक8
‌‌‌राशीकुंभ
‌‌‌स्वामी ग्रहशनि
‌‌‌शुभ रंगकाला, बैंगनी और गहरा नीला रंग
‌‌‌शुभ दिन‌‌‌शनिवार और मंगलवार
‌‌‌शुभ रत्ननीलम
‌‌‌सामान्य रोगऐंठन, एलर्जी, हडियो के रोग और सांस से जुड़े रोग

‌‌‌सुरेंद्र का अर्थ और मतलब

‌‌‌वैसे सुरेंद्र नाम यदि आप रख रहे हैं या पहले से आपका यह नाम है तो आपको इस नाम के मतलब के बारे मे भी पता होगा । सुरेंद्र का मतलब होता है देवराज इंद्र के समान । या एक ऐसा इंसान को सुखों का भोग करता है। हिंदु धर्म के अंदर इंद्र किसी पद का नाम है जो स्वर्ग का राजा है। उसे इंद्र कहा जाता है। ‌‌‌इस प्रकार से सुरेंद्र का मतलब हुआ स्वर्ग का राजा ।स्वर्ग के अंदर सुखों का भोग करने वाला इंसान इंद्र कहलाता है। ‌‌‌स्वर्ग के अंदर रहने वाले देवताओं का राजा इंद्र होता है।तो आप इंद्र का मतलब समझ चुके होंगे ।

‌‌‌सुरेंद्र ‌‌‌नाम के रिश्ते

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि यह लोग स्मार्ट और बुद्धिमान लोगों को पसंद करते हैं।यह खुले विचारों वाले होने की वजह से कभी कभी यह बात इनके साथी को परेशान कर सकती है लेकिन यह चाहते हैं कि इनका साथी इनके साथ सब कुछ सांझा करे यदि वह सब कुछ सांझा नहीं करता है तो यह एक ‌‌‌बहुत ही बड़ी समस्या हो सकती है।‌‌‌यह अपने लिए एक ईमानदार और समझदार जीवन साथी चाहते हैं जोकि इनके लिए हर प्रकार की समस्या का समाधान करने के लिए काफी कल्पनाशील भी होना चाहिए ।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोग काफी अच्छे होते हैं।यह किसी को भी तकलीफ मे नहीं देख पाते हैं। कारण यह है कि इनको मदद करने मे काफी मजा आता है। इसके अलावा यह हमेशा सच्चे प्यार की तलास मे होते हैं। लेकिन यदि आप पुराने किस्म के हैं तो आपको सुरेंद्र नाम के लोग पसंद नहीं आएंगे ।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों की यह सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि  यह बहुत कम लोगों को अपने जीवन के अंदर आने की अनुमति प्रदान करते हैं। कारण यह है कि यह काफी खुले नहीं होते हैं। लेकिन यदि कोई इनके जीवन के अंदर प्रवेश करने मे सक्षम होता है। तो वह काफी भाग्यशाली होता है। इसका कारण यह है कि भले ही ‌‌‌बाहर से काफी भयंकर नजर आते हों लेकिन अदंर से काफी कोमल होते हैं और रोमांटिक भी होते हैं।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोग एक बार जिस इंसान से प्यार करते हैं।उस इंसान के उपर सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं। और चाहते हैं कि वह इंसान भी इनके लिए कुछ करें ।और सुरेंद्र नाम के लोगों को यह लगता है कि इनका साथी अच्छा नहीं है तो भी यह उसके लिए काफी कुछ अच्छा करने का प्रयास करते हैं।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोग किसी से ऐसे ही प्यार नहीं करते हैं।वरन यह प्यार करने से पहले उस इंसान के बारे मे अच्छी तरह से जांच परख करते हैं और उसके बाद ही कोई निर्णय लेते हैं।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों के गुण

दोस्तों हर इंसान के अंदर कुछ खास तरह के गुण होते हैं। यदि आपका नाम सुरेंद्र है तो आइए जानते हैं कि आप के अंदर कौन कौन से गुण मौजूद हैं।

‌‌‌कल्पनाशील होते हैं सुरेंद्र नाम के लोग

दोस्तों सुरेंद्र नाम के लोग काफी कल्पनाशील होते हैं।इसका मतलब यह है कि इन लोगों की कल्पनाशक्ति काफी बढ़ी हुई होती है। यह कल्पना करना काफी अच्छी तरीके से जानते हैं। और यह इसी कल्पना के जरिये चीजों के बारे मे विस्तार से सोच सकते हैं। और बड़ी बड़ी ‌‌‌समस्याओं का आसानी से हल कर पाते हैं।यह अपनी कल्पनाशक्ति का प्रयोग कहानियां और अन्य कई तरह के लेख लिखने मे भी करते हैं।

‌‌‌मैत्री पूर्ण स्वाभाव वाले होते हैं

दोस्तों सुरेंद्र नाम के लोग मैत्रीपूर्ण होते हैं। यह मैत्रीपूर्ण स्वाभाव होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह थोड़े शांत किस्म के होते हैं।‌‌‌इसके अलावा यदि कोई इनको एक बार गलत भी कह देता है तो माफ कर देते हैं। हालांकि इनके अंदर उचित कार्यवाही करने की भी क्षमता होती है।

‌‌‌मजाकिया भी होते हैं

दोस्तों यदि आप सुरेंद्र नाम के लोगों को दूर से देखेंगे या एक बार बात भी करेंगे तो यह आपको मजाकिया नहीं लगेंगे ।लेकिन यदि आप इनके साथ काफी गहराई से जुड़ जाते हैं तो यह काफी मजाकरने वाले मिलेंगे । और यह इतने अधिक मजाकियां होंगे कि आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।‌‌‌बहुत से लोग इनके बारे मे यह कह सकते हैं कि यह  काफी बोरिंग इंसान हैं लेकिन असल मे ऐसा नहीं है।

‌‌‌स्पष्टवादी होते हैं

सुरेंद्र नाम के लोग काफी स्पष्टवादी होते हैं।इसका मतलब यह है कि यह लोग जो कुछ भी होता है । उसके बारे मे सच कहना पसंद करते हैं। यही कारण है कि बहुत से लोग इनसे नाराज हो जाते हैं क्योंकि उनके अंदर इतनी हिम्मत नहीं होती है।‌‌‌अपने मुंह से सच निकलने की समस्या की वजह से यह अधिकतर समय बोलने से बचते हैं। और हर किसी के सामने अपनी जबान नहीं खोलते हैं।

‌‌‌ईमानदारी

इनके अंदर ईमानदारी कूट कूट कर भरी होती है। इनको जो भी कार्य दिया जाता है। यह उसे पूरे मनोयोग से करते हैं। और कामचोरी इनको बहुत अधिक पसंद नहीं होती है।‌‌‌इनकी ईमानदारी की वजह है ही यह काफी लोगों के द्धारा पसंद किये जाते हैं।

प्रगतिशील

सुरेंद्र नाम के लोग काफी प्रगतिशील होते हैं।इसका मतलब यह है कि यह लोग जो कुछ भी करते हैं उससे सीखते चले जाते हैं। इन लोगों की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि यदि इनको एक बार ठोकर लगती है तो उसके बाद यह हमेशा संभल कर चलते हैं। जीवन की गलतियों से सीखना ससबे बड़ा गुण है।

बौद्धिक वार्तालाप करना पसंद होता है

सुरेंद्र नाम के लोगों को बौद्धिक वार्तालाप करना काफी पसंद होता है। इसका मतलब यह है कि यह लोग जब भी किसी के साथ बात करते हैं या उससे मिलते हैं तो उसके लिए बौद्धिक वार्तालाप करना काफी पसंद होता है। और अधिक से अधिक समय यह इन्हीं चीजों के अंदर बीताते हैं।

ऊर्जावान

सुरेंद्र नाम के लोग काफी उर्जावान होते हैं। इसका मतलब यह है कि यह अपने कार्य को निरंतर करने की कोशिश मे लगे रहते हैं। और जब तक उस कार्य को करने का प्रयास करते हैं जब तक कि वह पूरा नहीं हो जाता है। हारने पर यह निराश नहीं होते हैं वरन अपनी गलतियों को फिर से सुधार कर कार्य करते हैं।

‌‌‌प्यार मे ईमानदार

दोस्तों सुरेंद्र नाम लोगों की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि यह ईमानदार होते हैं।प्यार के अंदर यह अपने साथी को धोखा देना पसंद नहीं करते हैं। यदि कोई इनको भी धोखा देता है तो वह भी इनको पसंद नहीं आता है।

संवेदनशील

सुरेंद्र नाम के लोग काफी संवेदनशील होते हैं। इसका मतलब यह है कि इनके मन पर हर चीज की काफी गहरी छाप पड़ती है। यदि इनको कोई धोखा देता है या विश्वासघात करता है तो यह उससे बहुत ही जल्दी सीख जाते हैं और लंबे समय तक इन चीजों को भूलाने मे सक्षम नहीं हो पाते हैं।

रचनात्मक होते हैं सुरेंद्रनाम के लोग

दोस्तों सुरेंद्रनाम के लोग काफी रचनात्मक होते हैं। इसका मतलब यह है कि यह नई चीजों को काफी पसंद करते हैं और खुद भी नए बदलाव करने के पक्ष मे होते हैं। और कई बार अपने नए बदलाव से यह काफी सफलता भी अर्जित कर पाते हैं।

दूरदर्शी गुण

दोस्तों सुरेंद्र नाम के लोगों के अंदर दूरदर्शीता का गुण होता है। इसका अर्थ यह है कि यह लोग दूर की सोचने वाले होते हैं। यह जो भी कार्य करते हैं उसके परिणामों पर विचार करते हैं और उसके बाद ही कुछ निर्णय करते हैं।

‌‌‌फिजुल खर्च नहीं करते

सुरेंद्र नाम के लोग अपने धन को बेकार की चीजों के अंदर कभी भी खर्च नहीं करते हैं। उनका मानना होता है कि फिजुलखर्च करना सबसे बेकार काम होता है। हालांकि जहां पर धन के खर्च की जरूरत होती है यह वहां पर धन को अवश्य ही खर्च करते हैं। ‌‌‌और जरूरत पड़ने पर धन को उधार भी लेते हैं।

‌‌‌जीवन की सादगी पसंद होती है

सुरेंद्र नाम के लोग अपने जीवन को अधिक तड़क भड़क के अंदर रखना पसंद नहीं करतें हैं। इनका मानना होता है कि जीवन को सादा रखा जाना चाहिए लेकिन विचार हमेशा उच्च ही होना चाहिए । यही जरूरी होता है।

‌‌‌रख पाते हैं खुद पर नियंत्रण

सुरेंद्र नाम के लोगों की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि यह खुद पर नियंत्रण रखने मे सक्षम होते हैं।यह एक मशीन की भांति काम नहीं करते हैं वरन यदि कोई इनको एक बार भला बुरा कह भी देता है तो भी यह अपने होश नहीं खाते हैं। और उचित कदम उठाना ही अपना फर्ज समझते हैं।

‌‌‌अच्छे से रिश्ते निभाना इनको आता है

दोस्तों सुरेंद्र नाम के लोगों की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि इनको रिश्ते अच्छे से निभाना आता है। इनके अंदर रिश्तों की सूक्ष्म समझ होती है। यही कारण है कि यह लोग रिश्तों की गहराई तक जाते हैं और इनके रिश्ते अक्सर मजबूत होते हैं।

‌‌‌धैर्यवान होते हैं

दोस्तों सुरेंद्र नाम के लोग काफी धैर्यवान होते हैं।इसका मतलब यह है कि यह जब भी कोई कार्य करते हैं और उसके अंदर इनको सफलता नहीं मिलती है तो यह जल्दी ही निराश नहीं होते हैं। वरन धैर्य से काम मे लेते हैं। ‌‌‌यही कारण है कि यह जल्दी ही असफल नहीं होते हैं।क्योंकि यह अच्छी तरह से जानते हैं कि कई असफलताओं के बाद ही तो सफलता मिलती है।

‌‌‌स्वाभाव से होते हैं मधुर

दोस्तों सुरेंद्र नाम के लोग स्वाभाव से काफी मधुर होते हैं। इसका मतलब यह है कि जब भी यह किसी से बात करते हैं तो यह इतनी अच्छी बातें करते हैं कि अगला इनसे इम्प्रेस हुए बिना नहीं रह पाता है। ‌‌‌वैसे भी आजकल स्वाभाव से अच्छे इंसान मिलते ही कहां पर हैं ?

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों को चिंतन करना काफी पसंद होता है

सुरेंद्र नाम के लोग काफी अंतरमुखी होते हैं। इसका मतलब यह है कि इनकी अंदर की अपनी दुनिया होती है। और यह उसी दुनिया के अंदर रहना पसंद करते हैं। और अंदर ही अंदर सारी समस्याओं का समाधान भी करते हैं क्योंकि यह मानसिक रूप से काफी विकसित ‌‌‌होते हैं।

‌‌‌और कई बार यह अपनी अकेलेपन की आदत की वजह से दूसरों की समझ से बाहर भी हो सकते हैं। इनको अकेले घूमना काफी अच्छा लगता है और पागलों की तरह यह घूम सकते हैं। जिसकी वजह से कुछ लोग इनको मूर्ख भी समझ सकते हैं।

‌‌‌अंदर से शांत होते हैं

जैसा कि अधिकतर लोग अंदर से असंतुलित होते हैं। लेकिन यह अंदर से काफी शांत होते हैं। और इनकी कोशिश यह होती है कि यह अंदर से शांत ही बने रहें ।बाहर जो कुछ भी होता है इससे बहुत कम इनकी अंदर की दुनिया प्रभावित होती है। और कुछ उच्च स्तर वाले सुरेंद्र नाम के लोग काफी ‌‌‌अदभुत हो सकते हैं।

‌‌‌अच्छे लोगों को सलाह देना पसंद करते हैं

दोस्तों सुरेंद्र नाम के लोग केवल अच्छे लोगों को सलाह देना पसंद करते हैं। इसका मतलब यह है कि यह मूर्खों को कभी भी सलाह देना पसंद नहीं करते हैं। यह सिर्फ उन लोगों को ही सलाह देते हैं जोकि सलाह देने के योग्य होते हैं। क्योंकि यह जानते हैं मूर्खों को ‌‌‌सलाह देना बेकार साबित होगा ।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों की मित्रता

वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला व मकर कुछ ऐसी राशियां होती है जोकि सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए काफी अच्छी होती हैं। और इन राशी वाले लोगों से ही मित्रता करनी चाहिए ।‌‌‌इसके अलावा कुछ राशियां ऐसे होती हैं जो सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए सही नहीं होती हैं। और इन राशी वाले लोगों के साथ सुरेंद्र नाम के लोगों की उतनी नहीं बनती है।‌‌‌इन राशियों के अंदर  मेष, कर्क, सिंह व वृश्चिक आदि आती हैं।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों मे रोग

रोग को भी राशी से जुड़ा माना गया है।सुरेंद्र नाम के लोगों को कुछ खास प्रकार के रोग घेरने की अधिक संभावना रहती है। इसके अंदर मानसिक रोग, ऐंठन, गर्मी, जलोद आदि रोग हो सकते हैं। इसके अलावा सुरेंद्र नाम के जातकों को सांस से संबंधित रोग और रक्त संचार की समस्याएं हो सकती हैं।संचार प्रणाली, ऐंठन, एलर्जी, अप्रत्याशित बीमारी और दुर्घटनाओं का शिकार बना सकता है।इसके अलावा हर्ट से जुड़ी समस्याएं भी इस नाम के लोगों को हो सकती हैं।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ अंक

सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ अंक 8 होता है। 8, 17, 26, 35, 44, 53, 62, 71, 80 शुभ होती है। इनके अलावा 5, 6 अंक शुभ, 3, 7 अंक सम एवं 1, 2, 9 अंक अशुभ फलकारी होते हैं।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ रंग

कुंभ एक प्रकार की वायु तत्व राशी होती है।इस राशी के अंदर सुरेंद्र नाम के जाताकों के लिए  काला, बैंगनी और गहरा नीला रंग शुभ होता है । और शनिवार व मंगलवार के दिन इसी रंग के कपड़े पहनने से काफी फयदा होता है।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ दिन

सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ दिन शनिवार और मंगलवार होता है। यदि आपका नाम सुरेंद्र है तो आप जब भी कोई शुभ कार्य करें आपको उसे शनिवार के दिन या मंगलवार के दिन आरम्भ करना चाहिए । यही आपके लिए उचित होगा ।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ रत्न

सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ रत्न नीलम होता है। इस नाम के लोगों को नीलम धारण करना चाहिए । इससे कार्य क्षेत्र के अंदर सफलता मिलती है और रिश्तों के अंदर भी सफलता मिलती है। लेकिन नीलम को धारण करने से पहले इसके बारे मे अच्छे से जानकारी लेनी चाहिए।

‌‌‌सुरेंद्र नाम के लोगों के लिए शुभ जड़

सुरेंद्र नाम के लोगों को यदि अपने जीवन के अंदर काफी प्रयास करने के बाद भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहे हैं तो धतूरे की जड़ को धारण करना चाहिए । ऐसा करने से सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।

Surendra नाम के फेमस लोग

दोस्तों बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका नाम सुरेंद्र है लेकिन हम यहां पर बता रहे हैं सुरेंद्र नाम के कुछ फेमस लोगों के बारे मे जिन्होंने अपनी पहचान बनाई।

Surendra (actor)

‌‌‌इनका जन्म और मृत्यु 11 November 1910 – 11 September 1987 मे हुई थी। यह एक भारतिय फिल्मों मे गायक रह चुके थे ।इनका जन्म पंजाब मे हुआ था और फिल्मों के अंदर गाने के लिए यह उस जमाने मे बुम्बई आए थे ।Deccan Queen (1936) मे इन्होंने अपने कैरियर की शूरूआत की थी।

बिरहा का आग लागे मोर मन में नामक एक गाना उस समय काफी सुपर हिट रह चुका था।सुरेंद्र 11 नवंबर 1910 को में पैदा हुआ था, बटाला , गुरदासपुर जिला , पंजाब ब्रिटिश भारत । उनके पिता का नाम रालिया राम शर्मा था।सुरेंद्र ने पंजाब विश्वविद्यालय, अंबाला में शिक्षा पूरी की थी।

Surendra (actor)

एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद इन्होंने एक वकील के रूप मे तैयारी करनी शूरू करदी थी।लाला अलोपी प्रसाद ने उनके गायन कला को देखकर फिल्मों मे जाने के लिए कहा और उसके बाद सुरेंद्र बम्बई आए और वहां पर उनकी मुलाकात महबूब खान से हुई ।‌‌‌वैसे सुरेंद्र के माता पिता फिल्मों के अंदर काम करने के खिलाफ थे ।लेकिन बाद मे उनके माता पिता ने भी इसके लिए अनुमति प्रदान कर दी थी।

सुरेन्द्र का विवाह 3 मार्च 1945 को लाहौर में सत्य ऋषि से हुआ था। सत्य ऋषि लेखक तिलक ऋषि की बहन थीं।सुरेंद्र और सत्या के चार बच्चे, दो बेटियाँ और दो बेटे थे ।सुरेंद्र का 11 सितंबर 1987 को 76 वर्ष की आयु में मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में निधन हो गया था।इनकी एक विज्ञापन कम्पनी है जिसको इनके बेटे चलाते हैं।

‌‌‌सुरेंद्र ने कई सारी फिल्मों के अंदर काम किया उनके बारे मे यहां पर दिया जा रहा है।

डेक्कन क्वीन (1936) के अंदर सुरेंद्र द्वारा निभाई गई एक पुलिस इंस्पेक्टर की कहानी थी, जिसे जुड़वाँ बहनें उससे प्यार हो गया था।मनमोहन (1936) में एक बार फिर सुरेंद्र मुख्य भूमिका में थे। यह फिल्म काफी हिट रही थी।1936 में तीसरी फिल्म सागर की ग्राम कन्या थी , जिसका निर्देशन सर्वोत्तम बादामी ने किया था । फिल्म में सुरेंद्र ने सबिता देवी और अरुणा देवी के साथ अभिनय किया था ।

1938 मे एक फिल्म की शुटिंग के दौरान एक कार दुर्घटना मे सुरेंद्र घायल हो गए थे जिससे उनको अस्पताल मे भर्ति करवाया गया था।ग्रामोफोन सिंगर रामचंद्र ठाकुर की पहली निर्देशित फिल्म थी।इस फिल्म मे सुरेंद्र का गीत एक छोटा सा मंदिर बन गया है काफी लोकप्रिय रहा ।

अली बाबा (1940) सुरेंद्र, शीर्षक भूमिका में अभिनय किया था।और यह फिल्म हिंदी और पंजाबी भाषा के अंदर थी।हम और तुम और खुशी ये दिल्लगी इस फिल्म का लोकप्रिय गीत था जिसकों सुरेंद्र ने गाया था।

‌‌‌उसके बाद  वजानी मिर्जा द्वारा निर्देशित जवानी (1942) में अभिनय करने गए।1944 में, सुरेन्द्र ने तीन फिल्मों, लाल हवेली , भर्तृहरि और मिस देवी में अभिनय किया था।

1950 में, सुरेंद्र एक हिंदुस्तानी हमरा में एक कलाकारों के साथ थे ।1954 में, सुरैया के गवइया के गीत तेरी याद का दीपक है रात दिन काफी सुपर हिट हुआ था।

Year फ़िल्मनिदेशकसंगीतकार
1936डेक्कन क्वीनमहबूब खानप्रांशु नायक, अशोक घोष
1936मनमोहनमहबूब खानअशोक घोष
1936ग्राम कन्यासर्वोत्तम बादामीशंकरराव खाटू
1937क़ज़्ज़ाक़ की लाडकीके सरदारइशरत सुल्ताना
1937जागीरदारमहबूब खानअनिल विश्वास
1937काल की बातरमा एस। चौधरीमीर साहब
1937महाजीत उर्फ अनन्त संगीतहिरेन बोसअनिल विश्वास
1938बारूदसीएम लुहारअनिल विश्वास
1938ग्रामोफोन सिंगरवीसी देसाई, रामचंद्र ठाकुरअनिल विश्वास
1939जीवन साथी उर्फ कामरेड्सनंदलाल जसवंतलालअनिल विश्वास
1939केवल महिलाओंसर्वोत्तम बादामीअनुपम घटक
1939सेवा लिमिटेड उर्फ सेवा समाजसीएम लुहारअनुपम घटक
1940औरतमहबूब खानअनिल विश्वास
1940अलीबाबामहबूब खानअनिल विश्वास
1942गरीबरामचंद्र ठाकुरअशोक घोष
1942जवानीवजाहत मिर्ज़ाअनिल विश्वास
1943पैघमज्ञानदत्तज्ञानदत्त
1943विश्व कन्याकिदार शर्माखेमचंद प्रकाश
1943विश्वासहोमी वाडियाफ़िरोज़ निज़ामी, छोटेलाल
1944लाल हवेलीकेबी लल्लमीर साहब
1944मिस देवीसीएम त्रिवेदीअशोक घोष
1944भर्तृहरिचतुर्भुज दोशीखेमचंद प्रकाश
1945रत्नावलीसुरेंद्र देसाईगोबिंदराम
1945परिंदेपीके अत्रेगोबिंदराम
1945आरतीरामचंद्र ठाकुरअशोक घोष, अली बक्स
1945चंद चकोरीकिदार शर्माबुलो सी। रानी
1946अनमोल ग़दीमहबूब खाननौशाद
19461857मोहन सिन्हासज्जाद हुसैन
1946पनिहारीवीएम गुंजलअली हुसैन, एसएन त्रिपाठी
1947एलानमहबूब खाननौशाद
1947मंझधारसोहराब मोदीगुलाम हैदर , ज्ञानदत्त
1948अनोखे अडामहबूब खाननौशाद
1948दुखीरीडीके रतनज्ञानदत्त
1949इम्तिहानमोहन सिन्हाएस पाठक
1949कमलसूर्य कुमारएसडी बर्मन
1950हिंदुस्तान हमरापॉल ज़िल्सवसंत देसाई
1951माया मचिन्द्रएएसपीआईप्रेमनाथ (संगीतकार)
1952बैजू बावराविजय भट्टनौशाद
1953घरबारदिनकर पाटिलवसंत प्रभु
1954गवइयाएचपी शर्माराम गांगुली
1954महात्मा कबीरगजानन जागीरदारअनिल विश्वास
1959दिल देके देखोनासिर हुसैनउषा खन्ना
1962हरियाली और रास्ताविजय भट्टशंकर जयकिशन
1964गीत गया पथथारोनवी। शांतारामरामलाल
1965गोवा में जौहरमहमूदजौहर हैकल्याणजी आनंदजी
1965वक्तयश चोपड़ारवि
1967इवनिंग इन पेरिसशक्ति सामंतशंकर जयकिशन
1967संगदिलधरम कुमारजीएस कोहली
1967मिलनअदूरथी सुब्बा रावलक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
1968बूड़ जो बान गे मोतीवी। शांतारामसतीश भाटिया
1968सरस्वतीचंद्रगोविंद सरैयाकल्याणजी-आनंदजी
1973दागयश चोपड़ालक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
197436 घन्टेराज तिलकसपन-जगमोहन
1974बाजार बैंड कारोबीआर इशाराबप्पी लाहिड़ी
1975अंगारेगोविंद सरैयाचित्रगुप्त
1976कबिलाभोलू खोसलाकल्याणजी आनंदजी
1976फौजीजोगिन्दर शेल्लीसोनिक ओमी
1977अभि को जी लीनरोशन तनेजासपन-जगमोहन

Surendra Bhave

सुरेन्द्र श्रीराम भावे का जन्म 30 मार्च 1966 को हुआ था।यह भारतिये क्रिकेटर रहे हैं।1986 से 2001 तक यह महाराष्ट्र के अंदर ही खेला ।यह दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते थे ।

‌‌‌भावे ने अपने कैरियर की शूरूआत 1986 से ही करदी थी।उन्होंने 1988/89 में 91.25 पर 730 रन बनाकर अपने सबसे अधिक अवसर बनाए। उस सीजन में उनके चार शतकों में से 274 की सबसे बड़ी खेली थी।हालांकि महाराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी कभी नहीं जीती थी।

उन्होंने मौकों पर दलीप ट्रॉफी में वेस्ट ज़ोन का भी प्रतिनिधित्व किया और 2 दिसंबर 1994 को राउरकेला में साउथ ज़ोन के खिलाफ प्रथम श्रेणी मैच में टीम के लिए 292 बनाए ‌‌‌थे ।

Surendra Chaturvedi

15 अक्टूबर 1929 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में जन्मे सुरेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिकंदरपुर के अंदर हुई थी।इनके पिता एक ठेकेदार थे और गांधीवादी व देशभगत थे।चतुर्वेदी ने आगरा और इलाहाबाद विश्वविद्यालयों में भाग लिया।उन्होंने कई नाटकों के अंदर भी भाग लिया । इनके अंदर जन्मजात प्रतिभा थी।साहित्य, ललित कला और पत्रकारिता। कविता, नाटक, ऐतिहासिक नाटकों के अंदर भाग लिया था।

अकीला, पार अबाद कर दूंगा हुण वीराना,

बहोत रोयेगी मेरी जान का बुरा शर्म तन्हाई

इस दौहे की रचना उन्होंने अपनी मौत से पहले की थी।

Surendra Dubey

सुरेंद्र दुबे एक भारतीय कवि और हास्य कविताओं के लेखक हैं।पेशे से यह एक चिकित्सक हैं। 8 January 1953 को इनका जन्म छतीसगढ़ के अंदर हुआ था।‌‌‌सन 2010 ई के अंदर इनको भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया था।

Surendra Gambhir

डॉ। सुरेंद्र गंभीर एक संयुक्त राज्य अमेरिका के भारतीय लेखक हैं जिनको 2012 के अंदर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।इसके अलावा इनको सत्यनारायण पुरस्कार से भी इनको सम्मानित किया जा चुका है।

Surendra Hiranandani

सुरेंद्र हीरानंदानी एक भारतीय मूल के उद्यमी , हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक हैं। और सन 2018 ई के अंदर इन्होंने भारतिय नागरिकता त्याग दी । और उसके बाद साइप्रस की नागरिकता ग्रहण करली ।

सुरेंद्र हीरानंदानी का जन्म 1954 में मुंबई में हुआ था ।  उनके पिता एक ईएनटी सर्जन लखुमल हीरानंद हीरानंदानी थे , जिन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था । उनके दो बड़े भाई, नवीन और निरंजन भी हैं।

‌‌‌इनको पहली पत्नी प्रीति के साथ उनकी दो बेटियाँ नेहा हीरानंदानी और कोमल और बेटा हर्ष हैं। और उसके बाद इन्होंने 2009 मे तलाक लेलिया था।2012 मे उन्होंने अक्षय कुमार की बहन अलका भाटिया से शादी करली थी।‌‌‌इनके पास 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की संपति है।

Surendra Jain

सुरेंद्र कुमार जैन विश्व हिंदू परिषद ( VHP ) के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव हैं । यह पहले 2013 के अंदर हरियाणा कॉलेज से सेवानिवृत हुए थे ।12 June 2002 को इनको बजरंगदल का अध्यक्ष बनाया गया । उन्होंने नई दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक किया और दिल्ली स्कूल से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की  थी।

Surendra Jha ‘Suman’

आचार्य सुरेंद्र झा ‘सुमन’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक कवि लेखक और संपादक व विधान सभा और संसद के निर्वाचित सदस्य थे। उन्हें प्रकाशक, संपादक, पत्रकार, सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारक के नाम से भी जाना जाता है।

‌‌‌इनका जन्म जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के बल्लीपुर नामक गाँव में हुआ था।अक्टूबर 1910 के अंदर हुआ था। और इनकी मौत 2010 ई के अंदर हुई थी।मैथिली के अंदर इनहोंने लगभग 40 पुस्तकों की रचना की थी।संस्कृत और हिंदी में विभिन्न प्रकार की पुस्तके भी इन्होंने लिखी थी।1971 में पयस्विनी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1995 में अनुवाद रवीन्द्र नाटककवि खंड के लिए भी सम्मानित किया गया गया था।

‌‌‌इनके पिता का नाम पिता भुवनेश्वर झा एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। और वे संस्कृत के अच्छे ज्ञानी थी।उनकी शिक्षा धर्मराज संस्कृत महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर में हुई थी। और इनकी शादी 25 साल की उम्र में बेगूसराय की मूल निवासी गंगा देवी से हुई थी। उनका एक बेटा ब्रजेंद्र झा, और दो बेटियां हैं।

एलएनएमयू विश्वविद्यालय दरभंगा में प्रोफेसर और एचओडी से सेवानिवृत हुए थे और बाद मे उनको लोकसभा का सदस्य चुना गया था। ‌‌‌उन्होंने कई किताबों को बंगाली मे अनुवाद भी किया था।

  • शरतचंद्र की बारदीदी (बाराकिदाई)
  • रवींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि (1969)
  • और रवीन्द्र निबन्धबली (1994)
  • वैदिक भजन (रिचलोक, 1970)
  • शंकराचार्य की आनंद लहरी (1969)
  • और सौंदर्या लहरी (1972)
  • दुर्गासप्तशती (चंडीचरा, 1950)
  • शिवमहिम्ना स्ट्रोक (1969)
  • कालिदास का रघुवंश (1970) और ऋतुसम्हार
  • श्रृंगार तिलक (1969)
  • हितोपदेशिका
  • पुतरोहामप्रथिवा (1964)
  • शक्तिवादी (1969)
  • हरिस्मरणिका (1970)
  • प्रचेतस राजशास्त्रम (1993)

‌‌‌एक लेखक के रूप मे यह कई भाषाओं के जानकार थे ।भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने इनको पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।1981 में मैथिली अकादमी, पटना ने उन्हें विद्यापति पुरस्कार से सम्मानित किया था।इसके अलावा वे अखिल भारतीय मैथिली साहित्य परिषद के अध्यक्ष थे।वह वैदेही नाम की एक लोकप्रिय मासिक पत्रिका के संपादक थे जो पहले पाक्षिक और बाद में मासिक प्रकाशित होती थी।

Surendra Kumar Datta

एसके दत्ता ने भारतीय ईसाइयों के अखिल भारतीय सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया , जो औपनिवेशिक भारत के ईसाई समुदाय के हितों के लिए खड़ा था।और दबे हुए लोगों के लिए अपनी आवाज को बुलंद किया था।

एसके दत्ता ने भारतीय ईसाइयों के अखिल भारतीय सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया , जो औपनिवेशिक भारत के ईसाई समुदाय के हितों के लिए काम करता था। वह अल्पसंख्यलोगों के लिए आवाज उठाने का कार्य करते थे ।

‌‌‌इनका जन्म 1878 में, लाहौर , औपनिवेशिक भारत में हुआ था और उन्होंने लाहौर में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग , एडिनबर्ग से मेडिसिन की थी।एक स्कॉटिश आयरिश महिला से इन्होंने शादी की थी। यह  फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, के अंदर इतिहास और विज्ञान पढ़ाने का कार्य भी करते थे ।

‌‌‌वैसे आपको यह बतादें कि यह ईसाई धर्म के प्रचारक थे और हिंदु धर्म की आलोचना करते थे जैसा कि अक्सर देखने को मिलता है। भारत मे ईसाई धर्म को बढ़ाने के लिए इन्होंने काफी कुछ कार्य किया था। ‌‌‌इसके अलावा चर्च के अंदर जो जाति व्यवस्था थी उसके बारे मे भी इन्होंने सवाल उठाए थे । इनका मानना था कि यह गलत है।

 Surendra Kumar Sinha

सुरेंद्र कुमार सिन्हा का जन्म 1 फरवरी 1951 को हुआ था।यह एक एक बांग्लादेशी वकील और न्यायविद हैं, जिन्होंने बांग्लादेश के 21 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया ।

सिन्हा ने 1974 में जिला अदालत सिलहट के एक वकील के रूप में दाखिला लिया और दो सिविल और आपराधिक वकीलों के मार्गदर्शन में उस अदालत में अभ्यास किया और 1977 के अंत तक स्वतंत्र रूप से सत्र परीक्षण मामलों का संचालन किया था।

 Surendra Kumar Sinha
the
Chief Justice of Bangladesh, Shri Surendra Kumar Sinha, in New Delhi on October 07, 2015.
 GODL-India

सिन्हा को 24 अक्टूबर 1999 को उच्च न्यायालय प्रभाग के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। 16 जुलाई 2009 को उन्हें बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय प्रभाग का न्यायाधीश बना दिया गया था। उसके बाद जून 2011 बंग्लादेश न्यायिक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद पर भी कार्य किया था।

बांग्लादेश के संविधान का 16 वां संशोधन संसद द्वारा 17 सितंबर 2014 को पारित किया गया था, जो कि न्यायिक संघ को न्यायाधीशों को हटाने की ताकत प्रदान करता था। 5 May 2016 को न्यायलय की एक पीठ ने इस संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए रदृ कर दिया था।सिन्हा की इस मामले मे आलोचना भी की गई थी।

सिन्हा 3 अक्टूबर 2017  से एक महीने की छुट्टी पर गए । इस दौरान वे ऑस्ट्रेलिया चले गए थे ।हालांकि इस मामले मे कई बातें कही गई । एक मंत्री ने कहा कि वे कैंसर के ईलाज के लिए गए हैं तो कुछ का कहना था कि उनको छोड़ने के लिए मजबूर किया गया ।

धन शोधन, वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार और नैतिक गड़बड़ी जैसे आरोप सिंन्हा पर लगाये गए हालांकि तब तक वे देश छोड़ चुके थे ।राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने सिन्हा के खिलाफ कोर्ट के अंदर कुछ सबूतों को भी पेस किया था।‌‌‌छूटी समाप्त होने के बाद वे कनाड़ा चले गए और वहीं पर उन्होंने रहना शूरू कर दिया उधर 10 जुलाई 2019 को, एंटी करप्शन कमीशन ने सिन्हा और 10 अन्य लोगों पर 2016 में किसान बैंक से टीके 4 करोड़ की हेराफेरी और लूटपाट के आरोप में मुकदमा दायर किया।और ‌‌‌सिंहा ने इन आरोपों को बेबूनियाद बताया ।और उनको भगोड़ा घोषित कर दिया गया ।

सिन्हा  ने प्रकाशित अपनी आत्मकथा एक टूटी हुई ड्रीम के अंदर यह लिखा है कि उसको किसी प्रकार से डराया गया और उसके बाद सैन्य खुफिया एजेंसी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फोर्सेज इंटेलिजेंस (DGFI) ने उन्हें देश छोड़ने और इस्तीफे की पेशकश करने के लिए मजबूर किया।

Surendra Lal

सुरेंद्र लाल भारतीय मूल के पूर्व फ़िज़ियन राजनेता हैं।2003 में, लाल को 13 अन्य एफएलपी सांसदों के साथ राष्ट्रीय उद्यान और मनोरंजन क्षेत्रों के लिए मंत्री पद की पेशकश की गई थी। सन 2006 के अंदर उन्होंनें 73 फिसदी से अधिक मत हाशिल किया था।

Surendra Mishra

श्री एस.एन. मिश्रा छोटी अवधि के लिए 15 मई 1996 से 15 जुलाई 1996 तक 11 वीं लोकसभा  और लोकसभा सचिवालय के पूर्व महासचिव थे।

Surendra Mohanty

‌‌‌इनका जन्म 21 जून 1922 ई के अंदर हुआ था और यह एक लेखक थे ।अपने उपन्यास निलाशिला के लिए केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार भी इन्होंने प्राप्त किया था।वह 1981 से 1987 तक ओडिशा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष थे। बाद मे वे समाचार पत्र द सम्बाद के प्रमुख संपादक बने ।लघु कथाओं, उपन्यासों, यात्रा वृतांतों, आलोचना और जीवन से जुडत्री उन्होंने 150 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया था।

‌‌‌इनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकों के नाम कुछ इस प्रकार से हैं। मरालरा मृत्यु (द डेथ ऑफ़ ए स्वान), अन्धा दिगंत (द डार्क होराइज़न), और महानिर्वाण (द फ़ाइनल डिपार्चर)। यदुबम्सा ओ अनन्या गलपा (द यदुबम्सा और अन्य कहानियाँ), राजधानी ओ अनन्या गलपा (राजधानी और अन्य कहानियाँ), कृष्णचूडा(गुलमोहर) और रूटी ओ चंद्रा (द ब्रेड एंड द मून) ।

व्यक्तिगत विवरण
‌‌‌जन्मसुरेंद्र मोहंती
21 जून 1922
पुरुषोत्तमपुर गाँव, कटक जिला, ओडिशा
death21 दिसंबर 1990 (आयु 69 वर्ष)
सैटचौरा, कटक
राजनीतिक दलगणतन्त्र पार्टी
अन्य राजनीतिक
जुड़ाव
गणतन्त्र परिषद , कांग्रेस
पति / पत्नीरेणुका मोहंती
बच्चेलोपामुद्रा मोहंती, जितमित्र मोहंती और पुष्पमित्र मोहंती
पुरस्कारपद्म श्री, उड़ीसा साहित्य अकादमी पुरस्कार, सरला पुरस्कार,

Surendra Motilal Patel

सुरेन्द्र मोतीलाल पटेल 11 दिसंबर 1937 को  भारतीय जनता पार्टी के एक भारतीय राजनेता और संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में गुजरात का प्रतिनिधित्व करने वाले यह रह चुके हैं।सन 2009 मे ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20 लाख रूपये आवंटित किया गया है।

Surendra Nath Mitra

सुरेंद्र नाथ मित्र उर्फ सुरेंद्रनाथ मित्रा (1850 – 25 मई 1890)रामकृष्ण परमहंस के परम शिष्य के नाम से भी इनको जाना जाता है। 1880 में श्री रामकृष्ण से मिले और रामकृष्ण ने उनको शिष्य के रूप मे स्वीकार किया और काफी उपदेश दिया ।मित्रा का निधन 25 मई 1890 को चालीस वर्ष की आयु में कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था।

Surendra Nath Mitra

रामकृष्ण जब बीमार हुए थे तो इन्होंनें सेवा के अंदर दिन बिताए थे । वे अपने गुरू की सेवा के लिए पैसों का भी दान करते थे। उस समय 10 रूपये दान किये जाते थे । हालांकि रकम छोटी थी लेकिन यह बहुत पुरानी बात है।

Surendra Nath

‌‌‌यह जुलाई 1994 तक पंजाब के राज्यपाल थे।इनका जन्म सन 1926 ई के अंदर हुआ था।1993 से जुलाई 1994 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का पद भी इन्होंने संभाला था।

Surendra Bikram Shah

सुरेन्द्र बिक्रम शाह सुरेंद्र राजा राजेंद्र और उनकी पहली पत्नी, रानी सम्राज्य का बेटा था । उनका जन्म नेपाल के राजकुमार के रूप में हुआ था।

सुरेंद्र की सौतेली माँ, रानी राज्य लक्ष्मी , अपने बेटे, राजकुमार रणेंद्र को सिंहासन पर बैठाना चाहती थी ।जंग बहादुर ने रानी का साथ दिया था।और एक बड़ा विद्रोह हुआ जंग बहादुर रानी को अपना दुश्मन मान बैठे और रानी को अपने यहां से निर्वासित करवा दिया ।सुरेंद्र को बाद मे उन्होंने फिर से राजा बना दिया गया और भले ही वे एक राजा थे लेकिन जंग बहादूर के बिना अनुमति से वे किसी से मिल भी नहीं सकते थे ।वे बस एक कमरे के अंदर बंद रह सकते थे और वहां पर उनको साहित्य पढ़ने की अनुमति थी।

Surendra Bikram Shah

सुरेंद्र को हर महीने में एक बार अपने पिता पूर्व राजा राजेंद्र से मिलने की अनुमति थी। राजेंद्र अपनी मृत्यु तक घर में नजरबंद रहे।सुरेंद्र के बेटे, जनरल और क्राउन प्रिंस त्रिलोक्य बीर बिक्रम शाह देव ने जंग बहादुर राणा की तीन बेटियों, तारा राज्य लख्मी देवी, ललित राजेश्वरी राज्या लक्ष्मी देवी और हिरण्यगर्भ कुमारी देवी से शादी की ‌‌‌की थी।

Surendra Pal

सुरेंद्र पाल जन्म 25 सितंबर 1953 मे हुआ था। यह एक अभिनेता हैं।महाभारत में द्रोणाचार्य , चाणक्य में अमात्य रक्षा , शक्तिमान में तमराज किलविश और देवों के देव – महादेव में दक्ष की भूमिका इन्होंने निभाई थी।

Surendra Pal
By Bollywood Hungama, CC BY 3.0, wiki

‌‌‌इनके द्धारा काम की जाने वाली फिल्मे कुछ इस प्रकार से थी।

  • ग्रस्थी (1984)
  • मंज़िल मंज़िल (1984)
  • पापी संसार (1985)
  • माँ कसम (1985)
  • गुलामी (1985)
  • एक नया रिश्ता (1988)
  • आखरी निश्चय (1988)
  • तमस (1988)
  • तेजा (1990)
  • शैतानी इलाका (1990)
  • आखिरी चीख (1991)
  • कुर्बान (1991)
  • विश्वकन्या
  • खुदा गवाह (1992)
  • प्लेटफ़ॉर्म (1993)
  • पुलिसवाला गुंडा (1995)
  • वीरगति (1995)
  • पांडव (1995)
  • प्रलयकर पप्पन (1995) के रूप में पलानी / थेक्कन – मलयालम फिल्म
  • रिटर्न ऑफ ज्वेल थीफ (1996)
  • मिस्टर रोमियो (1996) – तमिल फिल्म
  • राजली (1996) – तमिल फिल्म
  • जज मुजरिम (1997)
  • हफ्ता वसुली
  • महारानी (2001)
  • भारतीय (2001) पुलिस कमांडर के रूप में
  • धुंड: द फॉग (2003)
  • बर्दाशत (2004)
  • लक्ष्य (2004)
  • अब तुमारे हवाले वतन साथियो (2004)
  • सेहर (2005) – रामनाथ मिश्रा
  • जो बोले सो निहाल (2005) – बलवंत सिंह
  • एसेमा: बियांड बाउंड्रीज़ (2007)
  • जोधा अकबर (2008) – राणा उदय सिंह
  • असल (2010) – तमिल फिल्म
  • रण नीती-द कॉन्सपिरेसी प्लान (2010)
  • बीनू शीला सुनीला (2010) – मलयालम – मेघावत

Surendra Verma

जन्म 7 सितंबर 1941 को हुआ था। यह एक भारतिय नाटककार हैं। इनका नाटक सूर्या का अंत किरण से सूर्या का पहल किरण 1972 के अंदर काफी प्रसिद्ध हुआ था।और यह 6 भाषाओं के अंदर अनुवाद किया गया था।लघु कथाओं, व्यंग्य, उपन्यास आदि के अंदर इन्होंने लिखा था।

Surendra Verma

‌‌‌इनका जन्म सन 1942 ई के अंदर हुआ था। एक भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार हैं। इन्होंने कई किताबें लिखी हैं जिनका अनुवाद कई भाषाओं के अंदर हुआ है।

Surendra Sheodas Barlingay

‌‌‌इनका जन्म 20 जुलाई 1919 को हुआ था। एक भारतीय तर्कशास्त्री और मराठी लेखक थे। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र में अपनी पीएचडी अर्जित की , पुणे विश्वविद्यालय और ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय में पढ़ाया , और दिल्ली विश्वविद्यालय में दर्शन विभाग के अध्यक्ष भी यह रह चुके हैं।

सुरेंद्र नाम की राशि लेख के अंदर हमने सुरेंद्र नाम के लोगों के बारे मे काफी जानकारी हाशिल की और उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करें ।

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