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जानिए सरल भाषा में स्वर्ग का पर्यायवाची शब्द क्या होते है

दोस्तो इस लेख के अंदर स्वर्ग का पर्यायवाची शब्द swarg ka paryayvachi shabd ya या स्वर्ग का समानार्थी शब्द swarg ka samanarthi shabd के बारे मे जानकारी मिलेगी साथ ही स्वर्ग क्या होता है और इसके बारे मे रोचक तथ्यो की भी जानकारी के साथ और भी बहुत कुछ बताया गया है ।

स्वर्ग का पर्यायवाची शब्द अथवा स्वर्ग का समानार्थी ‌‌‌शब्द {swarg ka paryayvachi shabd ya swarg ka samanarthi shabd}

शब्द{shabd}पर्यायवाची शब्द अथवा समानार्थी ‌‌‌शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd}
स्वर्ग‌‌‌ ‌‌‌स्व:, अव्यय, त्रिदिव, त्रिविष्टप, त्रिदशालय , सुरलोक, अवरोह, गौ, फलोदय, देवलोक, स्वर्लोक, सुखाघार, दिवान, उर्प्वलोक, दिव्यलोक, नाक, दिव, मन्दर, सौरिक, शक्रभवन, ब्रह्मधाम दिव्यधाम, इंद्रपुरी,  परमधाम, ‌‌‌गगन, वैकुंठ, भूस्वर्ग, परमानंददशा, ‌‌‌परलोक
swargAvyay, invariable, tridiv, trivishtap, tridashalaya, Surlok, avaroh, phaloday, Devlok, swarloka, divan, urpvalok, divy lok, div, mandar, Saurik, Shakti Bhawan, Brahmadham, divy dhaam,  indrapuri, paramdham, vaikunth,bhusvrg, paramaanand dasha,
HeavenHeaven, paradise, Eden, empyrean, heaven city, lake of the leal, indeclinable, descent, descension, divine people, divine abode, sky, Eden, ecstasy.

स्वर्ग का पर्यायवाची शब्द की लिस्ट || list of synonyms for heaven

1.            स्व: (swa)

2.            अव्यय (avyay)

3.            त्रिदिव (tridiv)

4.            त्रिविष्टप (trivishtap)

5.            त्रिदशालय (tridashalay)

6.            सुरलोक (surlok)

7.            अवरोह (avaroh)

8.            गौ (gau)

9.            फलोदय (phaloday)

10.          देवलोक (devlok)

11.          स्वर्लोक (swarlok)

12.          सुखाघार (sukhaghar)

13.          दिवान (diwan)

14.          उर्प्वलोक (urpvalok)

15.          दिव्यलोक (divyalok)

16.          नाक (naak)

17.          दिव (div)

18.          मन्दर (mandar)

19.          सौरिक (saurik)

20.          शक्रभवन (shakrabhavan)

21.          ब्रह्मधाम (brahmadham)

22.          दिव्यधाम (divyadham)

23.          इंद्रपुरी (indrapurii)

24.          परमधाम (paramdham)

25.          गगन (gagan)

26.          वैकुंठ (vaikunth)

27.          भूस्वर्ग (bhooswarg)

28.          परमानंददशा (paramananddasha)

29.          परलोक (parlok)

‌‌‌ ‌‌‌स्वर्ग क्या है what is heaven –

भ्रह्माण्ड का वह स्थान जहां पर हिंदु देवी देवता रहते है स्वर्ग कहलाता है । इसे स्वर्ग लोक भी कहते है । रघुवंशम् महाकाव्य मे स्वर्ग की रचना बडी ही सरल भाषा में कि गई है ।

स्वर्ग का पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌हिंदी धर्म मानता है की मरने के बाद आत्मा स्वर्ग चली जाती है ।

देवलोक मे कुछ काम नही करना पडता बल्की सभी कार्य अपने आप हो जाते है ।

‌‌‌परलोक एक ऐसा स्थान है जहां पर चरो तरफ ऊर्जा भरी हुई है और वहां जाने पर आनन्दित महसुस होता है ।

सुखाघर मे जाने के लिए वर्तमान में लोग बहुत परिश्रम कर रहे ‌‌‌है ।

वैकुंठ मे सभी देवी देवता और पुण्य आत्मा ही रहती है।

स्वर्गलोक मन को ‌‌‌शांति प्रदान करने वाला स्थान है ।

दिव्यधाम का राजा इंद्र देव को माना जाता है ।

‌‌‌स्वर्ग के बारे मे महत्वपूर्ण रोचक तथ्य swarg ke bare me mahatvapurn rochak tathya

  • ‌‌‌ आपको जान कर हैरानी होगी की स्वर्ग शब्द की स्थापना 1159 मे हुई थी । (You will be surprised to know that the word heaven was established in 1159.)
  • हिंदु मान्यता के अनुसर स्वर्ग लॉक मे देवी देवाता रहते है ।
  • कालिदास जी ने स्वर्ग की उपमा रघुवंशम् महाकाव्य मे दी है ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की सूर्य और ध्रुव के बीच के भाग को स्वर्लोक कहा जाता है ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की जो व्यक्ति पुन्य करता है वही इस स्थान पर जा सकता है बाकी ‌‌‌सभी इधर उधर भटकते रहते है । यह बात कालिदास जी ने रघुवरम् मे बताई है ।
  • स्वर्ग मे जाने के बाद मे व्यक्ति को किसी प्रकार का कर्म करने की आवश्यक्ता नही होती है ।
  • यहां पर रहने वाले लोग सभी प्रकार के पापो से मुक्त होते है ।
  • स्वर्ग से वही लोग वापस जा सकते है जो जन्म लेना चाहते हो ।
  • ‌‌‌जिस आत्मा को मोक्स मिल जाता है वह अनन्त समय तक स्वर्ग ‌‌‌मे ही रहता है ।
  • ‌‌‌आपको जान कर आश्चर्य होगा की स्वर्ग मे कोई भी कपडे नही पहनता है क्योकी उनके पास ढकने के लिए शरीर ही नही होता है ।
  • आपको जान कर हैरानी होगा की स्वर्ग मे हम कुछ ही समय मे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते है ।
  • हिंदु धर्म के अनुसार मनुष्य पाप पुन्य के चक्कर मे न पड कर भगवान की भग्ति करता है वह स्वयं ही स्वर्ग लोक मे चला जाता है ।
  • जो लोग अपने जीवन ‌‌‌को सुख मय बनाए रखते है और दूसरो का भला करते है वे सभी स्वर्ग ‌‌‌लोक मे जाते ‌‌‌है ।
  • भग्वा श्री कृष्ण ने कहा है जो अंत समय किसी भी देवी देवताओ की पुजा करता है वह मरने के बाद मे स्वर्ग ‌‌‌लोक चला जाता है ।
  • स्वर्ग मे रहने वाली आत्मा अवतार के रूप मे वापस पृथ्वी पर जन्म ले सकती है ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की स्वर्ग को हिंदु बहुत ही पवित्र स्थान और सुखमय स्थान मानते ‌‌‌है ।
  • जन्म मरण को तोडने पर व्यक्ति हमेशा ही स्वर्ग मे रहता है इस अवस्था को मोक्ष प्राप्त होना कहा जाता है ।
  • प्राचीन हित्तियों का भी मानना था की स्वर्ग वही स्थान है जहां पर देवी देवाता रहते है ।
  • ‌‌‌बताया जाता है स्वर्ग मे जाने पर आत्माओ को किसी प्रकार का काम नही करना पडता है ।
  • जो व्यक्ति जितना अच्छा होगा वह स्वर्ग मे उतना ही अधिक समय बिता पाता है ।
  • स्वर्ग जाने पर संसार के सुख दूखो से पूरी तरह से दूर हो जाते है ।
  • स्वर्ग के बाराबर पृथ्वी पर कुछ नही होता है क्योकी स्वर्ग में ‌‌‌वह सब मिलता है जो मनुष्य पाना चाहता है ।
  • ‌‌‌जब व्यक्ति स्वर्ग जाने के बाद मे वापस पृथ्वी पर जन्म  लेता है तो उसे अपने पिछले जन्म के बारे मे कुछ पता नही होता है ।
  • आपको पता तक नही होगा की पृथ्वी पर हम एक दिन गिनकर बिताते है मगर स्वर्ग मे ऐसा नही होता यानि स्वर्ग मे न तो समय होता है और न ही दिन रात होती है । जिसके कारण से ‌‌‌हमे स्वर्ग पर समय का पता तक नही चलेगा ।
  • स्वर्ग पर एक दिन कई दिनो के बाराबर होता है ।
  • पृथ्वी पर हर मनुष्य अपने दूखो के कारण से परेशान हो रहा है । मगर स्वर्ग मे ऐसा नही होता है । यानि स्वर्ग मे दुखो का सागर खत्म हो जाता है । वहां पर किसी प्रकार का दुख नही होता है ।
  • ‌‌‌स्वर्ग मे अपने कर्मो के ‌‌‌अनुसारलोगो को अलग अलग ‌‌‌स्थानों पर रखा जाता है । जिसके जितने अच्छे कर्म होगे वह उतनी ही अच्छी जगह पर रहता है ।
  • स्वर्ग मे एक छोटा सा गाव नही बल्की पूरे संसार के लोगो की आत्मा रहती है ।
  • ‌‌‌इंसान का जन्म मरण होता रहता है मगर स्वर्ग मे न तो किसी का जन्म होता है और न ही किसी की मृत्यु होती है ।
  • पृथ्वी पर जब हमे चोट लग जाती है तो हमारे शरीर से रक्त निकले लग जाता है और हमे बहुत अधिक दुख होता है । मगर स्वर्ग मे ऐसा कुछ नही होता यानि स्वर्ग में चोट लगती ही नही क्योकी वहां ‌‌‌पर मनुष्य का अपना भौतिक शरीर नही होता है ।
  • आज पृथ्वी पर हर किसी को अपना पेट भरने के लिए भाग दोड करनी पडती है । जिसके कारण से वह अपना पेट भर पाता है । मगर स्वर्ग मे ऐसा नही होता यानि स्वर्ग मे न तो किसी को पेट भरने की आवश्यक्ता है और न ही किसी को भुख लगती है । इसका कारण स्वर्ग में ‌‌‌भौतिक शरीर का न होना होता है ।
  • अक्सर हमने देखा है की स्वर्ग मे जब युद्ध होता है तो उनकी भी मृत्यु हो जाती है । मगर ऐसा कुछ नही होता है गुरूड पूराण मे बताया गया है की स्वर्ग मे किसी की भी मृत्यु नही हो सकती ।
  • ‌‌‌गीता में श्री कृष्ण ने कहा है की स्वर्ग वह स्थान है जहां पर जाने के बाद मनुष्य ‌‌‌को अपने भौतिक शरीर के कार्यो से मुक्ती मिल जाती है ।

‌‌‌स्वर्ग क्या होता है और यहां पर कैसे जाया जाता है || what is heaven and how to get there

दोस्तो स्वर्ग वह स्थान होता है जहां पर पुण्य आत्माओ का वास रहता है । क्योकी देवी देवता बहुत बडे पुण्य वाली आत्मा है जिसके कारण से उनके रहने का स्थान स्वर्ग को बताया जाता है । इसी तरह से पृथ्वी पर भी अनेक लोग ऐसे है जो पुण्य का काम करते है । ‌‌‌यानि बहुत से लोग ऐेसे है जो अपने लिए नही बल्की दुसरो को सुख देने के लिए कार्य करते है ।

क्योकी उनके कार्य मे सफल होने के कारण से केवल वे ही नही बल्की उनके आस पास रहने वाले गरिब लोगो को भी साहयता मिल जाती है । कहने का अर्थ है की अगर आपके पास धन होगा तो आपक दूसरो को देकर उसकी मदद कर सकते है ‌‌‌मगर जब आपके पास धन होगा ही नही तो आप दूसरो की मदद कैसे करेगे ।

इसी तरह से अगर आपके पास दो समय का खाना होगा तो आपके घर आया भुखा भी भुखा वापस नही जा सकता है । क्योकी आप उसका पेट पहले भर देते हो । और हिंदु धर्म भी यही कहता है की अतिथि देवो भव यानि अतिथी देवो के समान होते है । जिसके कारण से उनकी ‌‌‌इंच्छा ‌‌‌पुरी करने का हमारा कर्तव्य है । अर्थात जब हमारे पास कुछ होगा तब ही हम दूसरो की साहयता करते है । यह अब तक हमने समझ लिया है ।

 ‌‌‌इस तरह से दूसरो की साहयता करने का काम पूण्य का काम होता है और किसी का बूरा न चाहना और न ही करना पुण्य का काम होता है । जब कोई व्यक्ति इस तरह का कार्य ‌‌‌करता है उसे एक पुण्य आत्मा के रूप से जाना जाता है । और ऐसे ही लोग जब अपना भौतिक शरीर छोड कर आत्मा के रूप मे आ जाते है । तब उनका स्वर्ग मे जाने का रास्ता खुलता है । यह सब अनेक ‌‌‌पुराणों मे लिखा गया है जो 100 प्रतिशत सत्य है ।

कुरान के अनुसार स्वर्ग || heaven according to the quran

कुरान मे स्वर्ग को स्वर्ग न कह कर जन्नत कहा जाता है और बताया जाता है की जब इंसान अपने जीवन मे जन्नत पाना चाहता है तो उसे अपने ‌‌‌कर्मो को इस तरह से अच्छा करना चाहिए की उसके ‌‌‌बुरे कर्मो की तुलना मे अच्छे कर्म ज्यादा हो । यानि गुनाहो का वजन कम होने पर जन्नत प्राप्त होती ‌‌‌है । साथ ही बताया जाता है की जन्नत मे वह सब खुख प्राप्त होते है जो इंसान अपने जीवन मे नही पा सकता है ।

वहां पर सब कुछ आनन्दित कर देने वाला होता है । इस कारण से कहा जाता है की अगर जन्नत को पाना है तो कुरान ‌‌‌के बताए गए रास्तो पर चलना होगा और ऐसा ही होता है इस्लामी लोग कुरान को सबसे बडा मान कर ‌‌‌उसके बताए गए रास्तो पर ही चलता है ।

विष्णु पुराण के अनुसार स्वर्ग || Heaven according to Vishnu Purana

विष्णु पुराण को दो भागो मे बाटा गया है जिनमे से ‌‌‌पुर्व भाग के द्वितीय अंश मे पृथ्वी, मोक्ष, स्वर्ग और नर्क आदी के बारे मे बताया जाता है । ‌‌‌इसमे बताया गया है की जो आत्मा अपने जीवन में दूसरो का भला करती है यानि दुसरो को किसी प्राकर का नुकसान नही पहुंचाती बल्की उनकी मदद करती है तो उन्हें स्वर्ग प्राप्त होता है ।

अगर किसी ने अपने जीवन मे बहुत ही अच्छे ‌‌‌कर्म किए है तो वह मरने के बाद मे बहुत ही जल्दी स्वर्ग पहुंच जाता है ।

‌‌‌विष्णु भगवान ने बताया की जो व्यक्ति जैसा ‌‌‌कर्म करता है उसके आधार पर ही उसका अगला जन्म होता है । मगर जन्म होने से पहले उस आत्मा को अपने पूराने कर्म नष्ट करने होते है जिसके लिए वह किस स्थान पर जाएगा वह उसके कर्मो पर निभर करता है । अगर कर्म अच्छे है तो अवस्य स्वर्ग मे रह सकता है ।

‌‌‌स्वर्ग मे रहने के साथ साथ आत्मा और भी अधिक शुद्ध बन जाती है तो वह अपने मोक्ष के करीब पहुंचने लग जाता है ।

 विष्णु भगवान ने बताया की मोक्ष का रास्ता स्वर्ग से होकर जाता है। मगर इसके लिए आत्माओं को अपने कर्म नष्ट करने होते है यानि पूरी तरह से शुन्य होना जरूरी है ।

विष्णु पुराण मे ‌‌‌बताया गया है की स्वर्ग वह स्थान है जहां पर आत्माओ को किसी प्रकार का कार्य नही करना पडता है । साथ ही कहा गया है की जो स्वर्ग का रास्ता खोजना चाहता है उसे कर्म अच्छे करते रहना चाहिए बल्की यह नही सोचना चाहिए की उसने किसी का अच्छा किया है बल्की इस बात को भूल जाना चाहिए ।

गुरूड पूराण के अनुसार स्वर्ग || Heaven according to Gurud Purana

गुरूड पुराण के अनुसार बताया गया है की जो आत्मा या जो व्यक्ति अपने जीवन मे पुण्य का काम ‌‌‌करता है वह स्वर्ग मे रहता है । मगर उस आत्मा को स्वयं यमराज ही स्वर्ग के दरवाजे तक छोडते है । साथ ही बताया जाता है की अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन मे पुण्य करता आ रहा हो तो मरने के बाद मे उसकी आत्मा भी पुण्य हो जाती है । जिसके कारण से वह स्वयं ही स्वर्ग मे चला जाता है । जब इस तरह की आत्मा ‌‌‌स्वर्ग में चली जाती है तो वहां पर उनका स्वागत किया जाता है ।

भगवान विष्णु बताते है की जो व्यक्ति दुसरो के लिए अपना जीवन जीता है वह सबसे पुण्य वाली आत्मा है । और मरने के बाद मे उसके पुण्य ही उसके पास रहते है । क्योकी मरने के बाद उसका भौतिक शरीर पूरी तरह से नष्ट हो जाता है । ‌‌‌जिसके कारण से उसके रितेदार उसके कोई काम नही आते बल्की अगर उसने जो अपने जीवन मे ‌‌‌कर्म किए है उसके आधार पर ही उसे स्वर्ग का रास्ता मिलता है ।

इस कारण से गुरूड पूराण में बताया गया है अगर किसी को स्वर्ग मे जाना है तो वह कभी भी किसी का बुरा न करे बल्की बुरा ख्याल तक अपने मन मे न लाए । साथ ‌‌‌ही अच्छे ‌‌‌कर्म करने चाहिए ताकी वह स्वर्ग को प्राप्त हो सके ।

‌‌‌अत है अब हम समझ ‌‌‌सकते है की स्वर्ग एक ऐसा स्थान होता है । जहां पर सच मे देवी देवता रहते है । मगर यह उपर आसमान मे है या कहां पर है इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नही है । मगर अनेक धर्मो मे इसे सच मे बताया गया है । और बताया जाता है की स्वर्ग वही है जहां पर प्रमानन्द प्राप्त होता है । यानि आन्नद ‌‌‌की जहां पर कोई कमी न हो वह स्वर्ग बताया जाता है ।

क्या हम स्वर्ग जा सकते है || can we go to heaven

जी हां, आप स्वर्ग जा सकते है । मगर जैसा की हमने इस लेख मे आपको बताया की स्वर्ग देवताओ का स्थान है जहां पर जाने के लिए मानव को अपने भौतिक शरीर को त्यागना होता है और इस शरीर को त्यागने के बाद मे ही स्वर्ग की और जाया जा सकता है ।

क्योकी स्वर्ग कें अदर एक तरह की आत्मा का निवाश होता है ओर वहां पर शरीर नही जा सकता है । तो इसका मतलब साफ है की स्वर्ग जाने के लिए आपको अपने शरीर का अंत करना होगा ।

और दूसरा की स्वर्ग जाने के लिए कुछ नियम होते है ओर सबसे बड़ा नियम यही है की आपको अच्छे कर्म करने होगे । क्योकी अगर अच्छे कर्म नही किए गए तो फिर स्वर्ग नही जा सकता है । और यह बात आपको पता होनी चाहिए ।

वैसे स्वर्ग जो होता है वह परम धाम के नाम से जाना जाता है जहां पर जाने के बाद में आत्मा जन्म मरण से मुक्त हो जाती है ओर ऐसा कहा जाता है ।

मगर हिंदू पुराणो में यह भी कहा जाता है की स्वर्ग में देवी देवताओ का वास होता है । (But it is also said in Hindu Puranas that Gods and Goddesses reside in heaven.)

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