vishwas ka vilom shabd विश्वास का विलोम शब्द क्या होगा ?

‌‌‌विश्वास का विलोम शब्द, ‌‌‌विश्वास शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, प्रेम का उल्टा , vishwas ka vilom shabd

शब्द (word) विलोम (vilom)
‌‌‌विश्वासघृणा  
vishvaasavishvaas
  belive  hate    

‌‌‌विश्वास का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌विश्वास का विलोम शब्द होता है अविश्वास ।विश्वास का मतलब होता है किसी के उपर किसी बात को लेकर यकीन करना । जब आप किसी के उपर यकीन करते हैं तो यही विश्वास होता है। जैसे आपको यह विश्वास है कि आपकी पत्नी एक अच्छी महिला है और वह कभी भी आपकी बात को नहीं टालती है।

‌‌‌विश्वास का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌वैसे तो हर कार्य के अंदर विश्वास की आवश्यकता होती है।लेकिन कार्य के अंदर आपको प्रतिबंधित करके भी आपसे काम करवाया जा सकता है। बिना विश्वास के लेकिन । सबसे अधिक विश्वास रिश्ते के अंदर मायने रखता है। जैसे पत्नी पत्नी के रिश्ते हो सिर्फ विश्वास से ही चलते हैं। और जिस दिन इस ‌‌‌रिश्ते से विश्वास खत्म हो जाता है उस दिन मानो सब कुछ खत्म हो जाता है। और जब पति या पत्नी अपने साथी पर शक करने लगते हैं तो समझ लेना चाहिए कि अब विश्वास का अंत होने वाला है।और विश्वास का अंत कई बार बहुत अधिक भयानक रूप ले लेता है।

‌‌‌इसके अलावा यदि हम बात करें पति पत्नी के अलावा दूसरे किसी रिश्ते की तो उसके अंदर विश्वास उतना मायेन नहीं रखता है। यदि माता को यह विश्वास नहीं है कि उसका पुत्र सही कर रहा है तो वह दूसरे हथकंडे अपना सकती है लेकिन माता और पिता का रिश्ता एक बार यदि बंध गया है तो आप लाख कोशिश करने के ‌‌‌बाद भी वह टूट नहीं सकता है। हालांकि इन रिश्तों के अंदर अविश्वास होने की वजह से काफी परेशानी हो सकती है।

‌‌‌अविश्वास का अर्थ The meaning of mistrust

‌‌‌जिस बात पर आप इतने दिनों से यकीन करते आ रहे थे अचानक से आपका यकीन समाप्त हो जाए तो यही अविश्वास होता है। आमतौर पर कुछ नियम होते हैं जिनको आप तय करते हैं या फिर समाज से तय होते हैं या फिर वे धर्म से तय होते हैं।

जिनके बारे मे सभी से यह अपेक्षा कि जाती है कि उनको फोलो किया जाए । और ‌‌‌जब हम यह मानते हैं कि अमुक इंसान इन नियमों को फोलो करता है और यदि वह फोलो करना बंद कर देता है तो यह अविश्वास पैदा करता है। जैसे एक पति यह विश्वास करता है कि उसकी पत्नी उसे छोड़कर किसी को भी नहीं चाहती है लेकिन अचानक से वह पाता है कि ‌‌‌उसकी पत्नी किसी युवक के साथ रिलेशन मे है। यह अविश्वास को उत्पन्न करता है ।

किसी इंसान के उपर किसी काम को लेकर भरोशा ना करना ही तो अविश्वास है।

‌‌‌अविश्वास काफी घातक होता है।लेकिन यदि आप सिर्फ किसी पर अविश्वास करते हैं तो आप उसे सचेत रह सकते हैं लेकिन विश्वास घात सबसे अधिक घातक चीज होती है ।

‌‌‌विश्वास का कमाल कहानी

‌‌‌रेनू एक बहुत ही सीधी साधी लड़की थी उसकी शादी नहीं हुई थी ।जब से वह कॉलेज के अंदर पढ़ती थी तभी से उसका एक दोस्त भी था । हालांकि वह उसे बस एक दोस्त तक ही सीमित रखती थी। और बस काम से काम रखती थी। अभी उसकी सगाई हुई थी। तो एक दिन उसके दोस्त रोहन ने उसको किसी जरूरी काम के लिए मिलने के लिए बुलाया।

‌‌‌वह उसे दोपहर को एक रेस्टोरेंट के अंदर मिलने के लिए गई ।जैसे ही रेनू रेस्टोरेंट के अंदर दाखिल हुई तो उसने देखा की रोहन पहले से ही आ चुका था। वह उसके पास गई और बैठकर बोली …….बोलो कैसे बुलाया ?

……जरूरी काम था ?

…….क्या जरूरी काम था बताओ ?

……मैं तुम से प्यार करता हूं ?

—–‌‌‌लेकिन मैं तुम से प्यार नहीं करती हूं । समझे और मैंने तुमको बस एक दोस्त माना था।

——‌‌‌लेकिन यदि तुम मुझसे शादी नहीं करती हो तो फिर मुझे दूसरे तरीके भी आते हैं मनाने के ?

……..तुम कहना क्या चाहते हो ?

और बदले मे रोहन ने रेनू के आपतिजनक फोटो दिखाए और बोला …..यह सब तुम्हारे मंगेतर को दिखा दूंगा और उसके बाद तुम जानती हो कि कोई भी सभ्य इंसान तुम जैसी लड़की से शादी नहीं ‌‌‌करेगा । क्योंकि उसे पता चल जाएगा कि तुम चरित्रहीन हो ।

——–‌‌‌रोहन तूने यह फोटो मेरी एडिट करके बनाएं हैं लेकिन यह तू गलत कर रहा है।

‌‌‌……यह कुछ भी गलत नहीं है। यदि तुम तैयार नहीं हो तो मुझे तो कुछ करना ही होगा ।

….ठीक है मैं जा रही हूं । और उसके बाद रेनू वहां से चली आती है। वह इस समस्या का समाधान निकालने की सोचती है लेकिन उसके सामने कोई भी हल नहीं आता है। उसके बाद वह किसी तरह से अपने मंगेतर का फोन नंबर लेती है ।‌‌‌क्योंकि वह जानती है कि मुझसे पहले यदि रोहन उस तक पहुंच गया तो वह सब कुछ खराब कर सकता है।

…..हैलो सुरेश जी बोल रहे हो ना ?

……हां बोला आप कौन ?

……जी मैं आपकी रेनू ?

………तुम …..तुम को यह नंबर कहां से मिला ?

———‌‌‌बहुत ही मुश्किल से मिला है । मैं आप से मिलना चाहती हूं ।

और उसके बाद सुरेश तैयार हो जाता है फिर दोनों मिलने के लिए उसी रेस्टोरेंट को चुनते हैं।

‌‌‌उसके बाद रेनू सुरेश के सामने सर झुकाकर बैठ जाती है और रोने लगती है। क्योंकि वह बहुत अधिक घबराई होती है। सुरेश को कुछ भी समझ नहीं आता है कि क्या हो रहा है ।

……रेनू हुआ क्या है? जरा बताओ तो ।

……..मेरे साथ बहुत गलत हो रहा है । तुम पहले यह प्रोमिज करोग की तुम मुझे कुछ नहीं कहोगे ?

‌‌‌उसके बाद सुरेश माना जाता है और रेनू उसे विश्वास मे लेकर सारी बात बता देती है। फिर क्या था। वह रेनू को दिलासा देता हुआ कहता है कि तुमने ठीक किया जो सब कुछ बता दिया । यदि वह पहले मुझे यह सब बता देता तो शायद मे मैं सगाई तोड़ सकता था। और उसके बाद रेनू काफी खुश हो जाती है। उधरे रोहन ‌‌‌रेनू पर शादी का दबाव बनाता है लेकिन वह नहीं मानती है तो सुरेश से मिलने के लिए आता है। जहां पर उसकी अच्छी पिटाई हो जाती है। बेचारा कुछ नहीं कर पाता और मार खाकर चला जाता है।

‌‌‌इस प्रकार से विश्वास ही वह चीज होती है जोकि एक रिश्ते को बचाकर रख सकती है।

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